Hustle

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Hustle

Neil Patel, Patrick Vlaskovits, Jonas Koffler
जिन्दगी को पैसे, अर्थ और रफ्तार से चार्ज करने का पावर।

दो लफ्जों में 
हसल ( Hustle ) में हम देखेंगे कि किस तरह से आप अपने सपनों को हासिल कर सकते हैं। यह किताब बताती है कि क्यों बहुत से लोग अपने काम से खुश ना होने का बाद भी उस काम को करते रहते हैं और किस तरह से आप इस जाल से खुद को बाहर निकाल सकते हैं। 

यह किसके लिए है 
-वे जो अपनी नौकरी से तंग आ चुके हैं।
-वे जो अपने सपनों के पीछे जाना चाहते हैं लेकिन उन्हें रास्ता नजर नहीं आ रहे।
-वे जो कालेज की पढ़ाई कर के नौकरी करने की बजाय कुछ और करना चाहते हैं।

लेखक के बारे में 
नील पटेल ( Neil Patel ) एक डिजिटल आन्त्रप्रिन्योर और एक लेखक हैं। वे क्रेज़ी एग और हेल्लो बार जैसी वेबसाइट्स के को-फाउंडर हैं। 
पैट्रिक व्लास्कोविट्स ( Patrick Vlaskovits ) सूपरनावर्ड नाम की कंपनी के सीईओ और फाउंडर हैं। वे 500 स्टार्ट अप एक्सेलेरेटर में एक मेंटर भी हैं जो कि लोगों को बिजनेस सिखाते हैं। इसके अलावा वे बहुत से दूसरे इवेंट्स में भी एक स्पीकर की तरह जाते हैं।
जोनस कोफलर ( Jonas Koffler ) एक कंसल्टेंट, प्रोड्यूसर और लेखक हैं। वे दुनिया भर के लीडर्स को सलाह देते हैं और स्टार्ट अप्स को स्ट्रैटेजी बनाने के टिप्स देते हैं।

यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए
आप जब अपने आस पास देखेंगे तो आपको बहुत से ऐसे लोग मिलेंगे जो कि औसत जिन्दगी जी रहे होंगे। वे अपने काम से खुश नहीं हैं। उनमें से ज्यादातर लोग एक ही तरह का काम हर दिन करते होंगे। एक समय में वे सपने देखा करते थे, लेकिन सिस्टम की मार खाने के बाद उनके सपने मर गए हैं। इसके बाद से वे सिर्फ अपना खर्चा चलाने के लिए काम करते हैं।

यह किताब बताती है कि हसल करने का असल मतलब क्या होता है। इस किताब की मदद से आप जान पाएंगे किस तरह से आप अपने उसे ख्वाब को फिर से जिन्दा कर सकते हैं। यह किताब बताती है कि कैसे आप अपने सपनों की तरफ कदम बढ़ा सकते हैं और कैसे रास्ते में आने वाली समस्याओं से लड़ सकते हैं। 

 

-क्यों बहुत से लोग अपने काम से खुश ना होने के बाद भी उसे करते रहते हैं।

-किस तरह से आप अपने सपनों को हकीकत में बदलने की प्लानिंग कर सकते हैं।

-किस तरह से आप खुद को मौके का फायदा उठाने के लिए तैयार कर सकते हैं।

हमारा सिस्टम हमें ऐसी नौकरियां करने पर मजबूर कर देता है, जिससे हमें कोई लगाव नहीं है।
आप ने कितने लोगों को देखा है जो कि अपनी नौकरी से खुश हैं? अगर हम गैलप पोल की बात करें, तो उसके हिसाब से अमेरिका में लगभग 90% लोग हैं जो कि अपने काम से खुश नहीं हैं। वे अपने काम से भावनात्मक रूप से लगाव नहीं रखते हैं। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि इतने सारे लोग वो काम क्यों कर रहे हैं जिससे उन्हें संतुष्टि नहीं मिलती है?

जवाब आसान है। बचपन में हमारे कुछ ख्वाब हुआ करते थे। फिर हमारे समाज ने हमें बताया कि उन ख्वाबों को पूरा करने का सिर्फ एक ही तरीका है - कालेज जाकर पढ़ाई करो। इस वजह से हमे खूब सारा पैसा और मेहनत पहले अपने स्कूल की पढ़ाई में लगाया और फिर लोन लेकर कालेज की पढ़ाई में लगाया। 

इसके बाद जब वो कालेज से बाहर आते हैं तो उनके पास इतना सारा लोन होता है कि उन्हें उसे चुकाने के लिए कोई न कोई काम खोजना ही होता है। फिर वे लोन चुकाने और बिल भरने की रेस में शामिल हो जाते हैं और नौकरी उनके लिए लोन चुकाने और बिल भरने का एक जरिया बनकर रह जाती है।

अमेरिका की बात करें तो यहाँ पर 2007 में स्टूडेंट लोन 516 बिलियन डॉलर था, जो कि 2015 तक बढ़कर 1200 बिलियन डॉलर हो गया। इसका मतलब है कि जब एक औसत स्टूडेंट कालेज से निकलता है तो उसके ऊपर 30,000 डॉलर का कर्ज रहता है। और जिन्होंने बड़े कालेज से पढ़ाई की है, उनके ऊपर तो लाखों डॉलर का कर्ज होता है।

इसके अलावा टेक्नोलॉजी के आ जाने से नौकरियां कम हो रही हैं। जो नौकरियां हैं भी तो उनमें सैलरी बहुत कम मिलती है। साथ ही मार्केट के हालात ऐसे हैं कि वो कभी भी क्रैश कर सकता है। इस तरह के माहौल में लोगों को एक नौकरी की सख्त जरूरत होती है।

यही वजह है अपने काम से खुश ना होने के बाद भी बहुत हे लोग उस काम को कर रहे हैं।

अपने पैशन के पीछे भाग कर आप अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।
पिछले सबक में हमने देखा कि किस तरह से बहुत से लोग एक जाल में फँस गए हैं जिससे बाहर निकलने का कोई तरीका दिखाई नहीं दे रहा है। लेकिन इससे बाहर निकलने का एक तरीका है - हसल करना।

बहुत से लोगों को लगता है कि हसल करने का मतलब होता है दूसरों का फायदा उठाना, उनके काम को चोरी करना और मतलबी बनकर काम करना, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। हसल करने का मतलब होता है रास्ते में आने वाली हर परेशानी से लड़ना और समस्या से बाहर निकलकर अपनी मंजिल तक पहुँचना। 

बहुत से आर्टिस्ट का कहना है कि आपको अपने सपनों को पूरा करने के लिए पैसे की जरूरत नहीं पड़ेगी। उनका कहना है कि जब आप पैसे के लिए अपने पैशन के पीछे भागते हैं, तो आप अपने पैशन को खत्म कर देते हैं। दुनिया के महान कलाकारों ने पैसे के लिए नहीं, बल्कि अपनी भावनाओं को कला के जरिए बाहर लाने के लिए काम किया था। अपने आर्ट से उन्हें एक सुकून मिलता था और यह सुकून उनके लिए पैसे से कहीं बढ़कर था। तो क्या पैसा मायने रखता भी है या नहीं?

आपको अपने पैशन के पीछे भागने के लिए पैसा नहीं चाहिए, लेकिन एक समय के बाद आपको उस काम से पैसे कमाने के तरीके के बारे में सोचना होगा। अगर आप उससे पैसे कमाने के तरीके नहीं खोजेंगे, तो अपनी हर रोज़ की मजबूरियों से तंग आकर पैसा आपको कमाने के लिए कोई दूसरा काम खोजना होगा। और ऐसा कर के आप अपने पैशन के पीछे नहीं भाग पाएंगे।

इसलिए आपको हसल को शुरू करने के लिए पैसा नहीं चाहिए, बल्कि हसल करते रहने के लिए पैसा चाहिए। पिकासो नाम के एक महान कलाकार अपने शुरुआती दिनों में बहुत गरीब हुआ करते थे। लेकिन समय के साथ उनकी पेंटिंग्स ने उन्हें बहुत से पैसे कमा कर दिए। इन पैसों से उन्होंने अपने आगे के प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया। इनकी तरह ही बहुत से आर्टिस्ट अपने काम को इसीलिए जारी रख पाए क्योंकि उन्होंने उससे पैसे कमाने के तरीके खोजे।

तो, दुनिया चाहे जो भी कहे, आपको अगर अपने पैशन के रास्ते पर चलते रहना है, तो आपको उससे पैसे कमाने के तरीके के बारे में सोचना होगा।

हसल करने के लिए आप कुछ रिस्क तो उठाने ही होंगे।
अगर यह ख्वाब आपका है, तो इसे पूरा करने की जिम्मेदारी भी आपकी है। आपका ख्वाब आपको आपके ख्वाबों वाली जिन्दगी दे तो सकता है, लेकिन आपको इसकी कीमत चुकानी होगी। इसके साथ कुछ रिस्क जुड़े हुए हैं और अगर आपको वाकई अपने सपनों को पूरा करना है, तो आपको यह रिस्क लेने होंगे।

बहुत बार लोग इसी रिस्क की वजह से अपने सपनों के पीछे नहीं भागते हैं और खुद को यह दिलासा देते रहते हैं कि उनका काम बहुत अच्छा है। वो अपने काम की सारी अच्छी बातें देखते हैं और उसी में सेटल होने की कोशिश करते हैं। लेकिन आपको इस सिस्टम के जाल से बाहर निकलना होगा।

एक्ज़ाम्पल के लिए बिल गेट्स को ले लीजिए जिन्होंने एक दिन MITS के फाउंडर एड रोबर्ट्स को फोन लगाकर कहा कि उनके पास एक साफ्टवेयर है जो कि उनके आपरेटिंग सिस्टम के साथ काम कर सकता है। रोबर्ट्स ने गेट्स से कहा कि वो उस साफ्टवेयर को लेकर 2 महीने के बाद आ जाएं।

मजे की बात यह थी कि बिल गेट्स के पास कोई साफ्टवेयर नहीं था। जब रोबर्ट्स ने हाँ बोल दी, तब जाकर उन्होंने उस साफ्टवेयर पर काम करना शुरू किया। और तो और उस साफ्टवेयर को चेक करने के लिए उनके पास कोई सिस्टम भी नहीं था। 8 हफ्ते तक रात दिन काम करने के बाद वो उसे रोबर्ट्स के पास ले गए।

उनका साफ्टवेयर काम कर गया। उनकी इस छोटी सी जीत ने उन्हें इनती ताकत दी कि इसके बाद उन्होंने माइक्रोसोफ्ट कंपनी बनाई और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने। उन्होंने रिस्क तो लिया और साथ में उन्हें इसका फायदा भी मिला।

किस्मत आपका साथ तभी देगी जब आप कभी हार नहीं मानेंगे।
तो आपको पता लग गया है कि क्यों अपने सपनों के पीछे भागना आपके लिए जरूरी है। अब हम यह देखेंगे कि किस तरह से आप अपनी इस समय की जिन्दगी से बाहर निकल कर अपने सपनों की जिन्दगी को हासिल कर सकते हैं।

आसान शब्दों में कहा जाए तो यह मुश्किल होगा। यह इतना मुश्किल होगा कि रास्ते में कई बार आपका हार मानने का मन करेगा। लेकिन आपको हार न मानकर आगे बढ़ते रहना है। इससे आपको बहुत तकलीफ हो सकती है, लेकिन बिना इस तकलीफ को सहे आप अपने सपनों को हासिल नहीं कर सकते।

खुशी की बात यह है कि इस तकलीफ को कम करने के कुछ तरीके हैं। विल स्मिथ एक एक्टर हैं और उन्होंने कहा - जब आप एक दीवार बनाने निकलते हैं, तो आप एक दीवार बनाने पर ध्यान नहीं देते हैं। आप बस खुद से यह कहते हैं कि अगले 15 मिनट में मैं इस ईंट को इतने पर्फेक्ट तरीके से रखूँगा कि दुनिया में इससे बेहतर तरीके से कभी कोई ईंट रखी नहीं गई होगी। यही काम आप हर रोज करते जाइए और बहुत जल्द आपके पास एक दीवार होगी।

ठीक इसी तरह से बड़े सपने देखिए, लेकिन सीधा उन सपनों को हासिल करने के पीछे मत भागिए। उन सपनों को छोटे छोटे स्टेप्स में बाँट दीजिए। फिर एक बार में एक छोटा कदम लेकर अपने सपने की तरफ बढ़िए। इससे आपको तकलीफ कम होगी, आपको अपने सपनों तक का रास्ता आसान लगेगा और रास्ते में मिलने वाली छोटी छोटी जीत से आपको आगे चलने की ताकत मिलेगी।

अगर आपको एक लेखक बनना है, तो सीधा एक उपन्यास लिखने की कोशिश मत कीजिए। बल्कि सबसे पहले एक छोटी कहानी लिखिए। उसमें एक्पर्ट बनने के बाद एक लम्बी कहानी लिखिए। फिर कहीं जाकर एक उपन्यास लिखने की कोशिश कीजिए। समय के साथ आपको कामयाबी जरूर मिलेगी।

अपने सपनों को हासिल करने से लिए आपको अपना दिल, दिमाग और आदतें, तीनों का इस्तेमाल करना होगा।
अब आपको पता लग गया है कि किस तरह से आप अपने सपनों तक पहुंचने के लिए प्लान बना सकते हैं। लेकिन इसके अलावा आपको और तीन चीजों पर ध्यान देना होगा - दिल, दिमाग और आदतें।

सबसे पहला आता है दिल, जिसका मतलब है आपका मकसद। आपको कुछ ऐसा करना होगा  जो कि आपके दिल के करीब हो। कुछ ऐसा जिससे आपको लगाव हो। अपने काम के साथ इस तरह का लगाव रखने पर ही आपको आगे चलने का हौसला मिलेगा। इससे ही आपको रास्ते में कई बार गिर जाने पर भी फिर से उठकर कोशिश करने की ताकत मिलेगी।

इसके बाद आपको अपने दिमाग पर काम करना होगा। रास्ते में बहुत सी परेशानियाँ आएंगी। आपको उनसे बाहर निकलने के तरीके खोजने होंगे। आपको यह पता लगाना होगा कि किस तरह से उस परेशानी को आप अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको उन परेशानियों में से भी मौके को खोज कर निकालने होंगे।

अंत में आपको अपनी आदतों पर भी काम करना होगा। आपको डेडलाइन सेट करना होगा और वो आदतें बनानी होंगी जिससे आप उस डेडलाइन के अंदर उस काम को पूरा कर पाएं। आपको वो आदतें बनानी होंगे जिससे आपको अपने सपनों को पूरा करने में मदद मिले।

एक्ज़ाम्पल के लिए अगर आपको एक किताब लिखनी है, तो आप हर रोज 1,000 शब्द लिखने की कोशिश कीजिए। यह करने पर आपके पास एक साल के बाद इतना अनुभव हो जाएगा कि आप एक पूरी किताब लिख पाएंगे।

अपनी काबिलियत को दिखाने के लिए एक पोर्टफोलिओ बनाइए।
अगर पूछा जाए कि वो अपना काम कितने अच्छे से करते हैं, तो कोई नहीं कहेगा कि वो कुछ खास नहीं हैं। मार्केट में हर कोई यह कहता है कि वो अच्छे नतीजे पैदा कर सकता है, लेकिन जब उससे इस बात का सबूत माँगा जाता है, तो उसके पास दिखाने के लिए कुछ भी नहीं होता।

इसलिए आपको अपना पोर्टफोलिओ बनाना चाहिए। पोर्टफोलिओ आपके बेस्ट कामों का कलेक्शन होता है, जो कि यह दिखाता है कि आप कितना बेहतर काम कर सकते हैं। इसके चार भाग होते हैं 

सबसे पहला आता है - पोटेंशियल, यानी काबिलियत। इसमें सबसे पहले आपको यह साबित कर के दिखाना होगा कि आप अपने काम में माहिर हैं और नतीजे पैदा कर सकने की क्षमता रखते हैं। एक्ज़ाम्पल के लिए अगर आप एक लेखक बनना चाहते हैं, तो आपके पास एक ऐसा ब्लॉग होना चाहिए जिसपर बहुत से लोग आकर आपकी कहानियों को पढ़ते हों। इससे आप यह साबित कर पाएंगे कि आप में वाकई लिखने का हुनर है।

दूसरा भाग है people यानी लोग। आपको अपना नेटवर्क बनाने पर और उसमें अच्छे से अच्छे लोगों को ऐड करने पर काम करना चाहिए। आप लोगों को एक दूसरे से मिलवाइए। इससे आपका भी फायदा हो सकता है।

तीसरा भाग है प्रोजेक्ट। इसमें यह लिखा होगा कि आप इस समय किस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। अगर आप इस समय किसी नान-प्राफिट के लिए काम कर रहे हैं, तो आप उसे लिखिए। इस भाग से यह पता लगेगा कि आप इस समय भी फुर्ती दिखाते हुए काम पर लगे हुए हैं और खाली नहीं बैठे हैं।

अंत में आता है प्रूफ, यानी सबूत। आपके पास अपनी काबिलियत को साबित करने के लिए सबूत होना चाहिए। अगर आप ने किसी क्लाइंट के साथ पहले काम किया है, तो आपके पास उस क्लाइंट का टेस्टिमोनियल होना चाहिए। साथ ही आपके पास अपने पिछले किसी ब्लॉग का लिंक होना चाहिए। इस तरह से आप सही लोगों के सामने इमेज बना पाएंगे।

कुल मिलाकर
ज्यादातर लोगों के सिर पर कालेज से निकलने के बाद इतना कर्जा होता है कि वे उसे चुकने के लिए कोई भी नौकरी करने लगते हैं। लेकिन जरूरी नहीं है कि आप भी ऐसे काम करें। अपने सपनों को हासिल करने के सफर को छोटे छोटे स्टेप्स में बाँट दीजिए और एक बार में एक कदम लेने के बारे में सोचिए। रास्ते में अपना पोर्टफोलिओ बनाते चलिए ताकि जब बड़ा मौका आपके सामने आए तो आप उसका फायदा उठाने के लिए तैयार रहें

 

अपने हुनर को पहचानने की कोशिश कीजिए।

ज्यादातर लोग हमेशा स्कूल या कालेज में बेहतर बनने की कोशिश करते हैं। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर कोई सिर्फ स्कूल में ही महारत हासिल करे। अपने हुनर को पहचानने के लिए खुद से पूछिए - वो कौन सा काम है जो आप अच्छे से कर लेते हैं? अपनी खासियत को पहचानने की कोशिश कीजिए। जल्दी ही आपके पास जवाब होगा और आप अपने सपनों की दुनिया बना पाएंगे।


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