The Story of Globalization Through Extraordinary Lives (ऐसे लोगों से परिचय होगा, जिन्होंने दुनिया की इकॉनमी को बदलने का काम किया था..)
दो लफ्ज़ों में
साल 2016 में रिलीज़ हुई किताब “Silk to Silicon” ऐसे लोगों की कहानी पर रोशनी डालने का काम करती है. जिन्होंने इस दुनिया की इकॉनमी को बदलकर रख दिया था. उस फेहरिश्त में ‘Andrew Grove’ से लेकर ‘Genghis Khan’ तक कई नाम आते हैं. इस किताब के चैप्टर्स आपको इतिहास को उन पन्नों को समझने में मदद करेंगे, जिनके बारे में किसी को भी पता होना बहुत ज़रूरी है. ये किताब किसके लिए है?
- ऐसे लोग जिन्हें इतिहास के बारे में जानना अच्छा लगता हो
- सभी फील्ड के स्टूडेंट्स के लिए
- ऐसे लोग जिन्हें इंस्पीरेशन की ज़रूरत हो
लेखक के बारे में
आपको बता दें कि इस किताब का लेखन ‘Jeffrey E. Garten’ ने किया है. ये Yale School of Management में global economy पढ़ाते हैं. साथ ही साथ ये Nixon, Ford, Clinton जैसी कम्पनियों में भी बड़ी पोजीशन में काम कर चुके हैं. इस किताब में मेरे लिए क्या है?
जैसा कि हम जानते हैं कि इस पूरी सोसाइटी का निर्माण रातों रात नहीं हुआ है. इसे बनाने में कई लोगों की मेहनत लगी है. जिसमें politicians से लेकर कई entrepreneurs तक शामिल हैं. इस किताब की मदद से हम कुछ ख़ास लोगों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे. जिसमें Genghis Khan से लेकर British East India Company तक शामिल है.
इन चैप्टर्स में आपको सीखने को मिलेगा
- बैंक की पॉवर के बारे में
- कोई भी देश ग्लोबल पॉवर कैसे बन सकता है?अब बात Genghis Khan के बारे में होगी, जिन्होंने First Golden Age of Globalization को लॉन्च किया था
आपको बता दें कि Temüjin को ही ज्यादातर लोग Genghis Khan के नाम से जानते हैं. इतिहास के पन्नों में इन्हें पावरफुल emperors की फेहरिश्त में शामिल किया जाता है.
ये 12वीं और 13वीं शताब्दी की बात है, जब Genghis Khan की लीडरशिप की वजह से मंगोलियन अम्पायर पूरी दुनिया में काफी तेजी से बढ़ रहा था. लेकिन ये भी सच है कि ऐसा बिना लड़ाई की मदद से नहीं हुआ था.
Genghis Khan को लोग कमांडर के तौर पर तो याद करते हैं कि लेकिन ये काफी खतरनाक कमांडर हुआ करता था. वो और उसकी सेना ने 10 हज़ार से भी ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.
उस दौर में सम्राट एक दूसरे की सीमा पर हमला किया करते थे. लेकिन अधिकांश सम्राट वहां के लोगों को अपने अंडर रहने की इजाज़त दे दिया करते थे. लेकिन Genghis Khan के अंदर इंसानियत नाम की चीज़ नहीं थी. वो किसी हैवान की तरह राज करना चाहता था.
यही वजह है कि वो जिस राज्य को भी जीतता था. वहां रहने वालों को भी मार दिया करता था. ऐसा काम कोई रियल सम्राट नहीं कर सकता है. इसलिए इतिहास के पन्नों में Genghis Khan एक बदमाश और हैवान के तौर पर भी जाना जाता है.
लेकिन यहाँ Genghis Khan की हैवानियत की बात नहीं हो रही है बल्कि ये बताया जा रहा है कि उसनें विश्व की इकॉनमी के लिए क्या योगदान दिया था? आपको बता दें कि Genghis Khan ने फेमस ट्रेडिंग रूट की स्थापना की थी. जिसे लोग सिल्क रोड के नाम से भी जानते हैं. ये रूट ईस्ट एशिया से यूरोप तक जाता था. इसे First Golden Age of Globalization भी कहा जाता है.
आपको बता दें कि इसी रोड की वजह से पूरी दुनिया में ट्रेड की शुरुआत हुई थी. इसलिए कहा भी जाता है कि जिसे Genghis Khan के EMPIRE को समझना है. उसे सिल्क रोड को भी समझना होगा.
आपको बता दें कि रेशम मार्ग या फिर जिसे सिल्क रूट (Silk Route) नाम से भी जाना जाता है. प्राचीनकाल और मध्यकाल में ऐतिहासिक ट्रेडिंग रूट का एक ग्रुप रहा है. जिसकी वजह से एशिया, यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप जुड़े हुए थे. चीन के रेशम व्यापार के कारण इसका नाम रेशम मार्ग पड़ा था. चीन, भारत, मिस्र, ईरान, अरब और प्राचीन रोम की महान सभ्यताओं के विकास पर इस मार्ग का गहरा असर रहा है.
इसी के साथ ये भी बता दें कि जहां ये मार्ग व्यापार के लिये प्रयोग किया गया वहीं भारत के धर्म, संस्कृति, भाषा, विचारधारा और ज्ञान को एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रसारित करने हेतु इस मार्ग ने महत्वपूर्ण योगदान दिया.
अब 15th सेंचुरी की बात होगी और Portuguese prince के बारे में भी बताया जाएगा
‘Portugal’ के प्रिंस हेनरी को नेवीगेटर के तौर पर भी जाना जाता है. इनका जीवन 1394 से लेकर 1460 तक था. इस दौरान इन्होने यूरोपियन नॉलेज को पूरी दुनिया में फैलाने का काम किया था. आपको बता दें कि प्रिंस हेनरी का जन्म पुर्तगाल के राजा जॉन प्रथम (राजा जोओओ प्रथम) के तीसरे बेटे के रूप में 1394 में हुआ था.
प्रिंस हेनरी की एक ख़ासियत हुआ करती थी, वो ये थी कि इन्होंने हमेशा अपने कैप्टेन्स को पुश किया था कि वो अपनी लिमिट और मैप से आगे जाकर काम कर सकें. तब उनका मकसद दुनिया की अलग-अलग जगहों का पता लगाना हुआ करता था. इसलिए आज भी कहा जाता है कि प्रिंस हेनरी ने यूरोप की पहचान दुनिया से करवाई थी.
ये खूबी बताती है कि एक लीडर को कैसा होना चाहिए? एक लीडर के तौर पर ये आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप अपनी टीम से पूरा एफर्ट्स करवा सकें.
इसी के साथ ये दुनिया के ऐसे पहले प्रिंस थे, जिन्होंने स्लेव ट्रेडिंग की शुरुआत की थी. प्रिंस हेनरी अफ्रीका से 15 से 20 हज़ार लोगों को पुर्तगाल में काम करने के लिए लेकर आए थे. इसलिए इन्हें फादर ऑफ़ स्लेव ट्रेड के तौर पर भी याद किया जाता है.
Robert Clive’ ने“द ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी” की पॉवर की पॉवर को बढ़ाया था
आज तक अधिकत्तर लोग ‘The British East India Company’ को उसकी पॉवर की वजह से याद रखते हैं. इसके सुनहरे दिनों में इस कंपनी को इंटरनेशल ट्रेड के पॉवर हाउस के तौर पर भी याद किया जाता था. तब इसके पास 10 हज़ार से भी ज्यादा कर्मचारी हुआ करते थे.
वैसे तो इस कंपनी को शिखर तक पहुंचाने में बहुत से लोगों का योगदान रहा है. लेकिन उनमें से सबसे ऊपर नाम ‘Sir Robert Clive’ का आता है.
लेकिन एक दौर में ‘Sir Robert Clive’की लाइफ में काफी उथल पुथल मची हुई थी. कई रिपोर्ट्स में यहाँ तक कहा जाता है कि वो इंग्लैंड में डिप्रेशन का सामना कर रहे थे.
लेकिन 1744 में उन्होंने भारत की धरती पर कदम रखा था. तब उनकी उम्र महज़ 16-17 साल की रही होगी. जब वो यहाँ आए थे तो उनके पास कुछ भी नहीं था. लेकिन बहुत जल्द उनकी किस्मत बदलने वाली थी.
कुछ सालों बाद उन्हें आर्मी ज्वाइन करने का मौका मिला, जहाँ उन्होंने बड़ी बहादुरी से काम की शुरुआत कर दी.. उनकी मेहनत और लगन से उनकी पहचान बनना शुरू हो गई थी. इसके बाद उन्हें ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम करने का मौका मिला. जहाँ उन्होंने पूरी मेहनत से काम की शुरुआत की.. उन्होंने कंपनी के लिए battles of Arcutऔर Passay पर शानदार प्रदर्शन किया.
जिसकी वजह से ईस्ट इंडिया कंपनी को बहुत ज्यादा फायदा हुआ, इन्हीं दो घटनाक्रम के बाद भारत के अंदर ईस्ट इंडिया कंपनी की साख बढ़ने लगी थी. कंपनी को ट्रेडिंग का पॉवर हाउस बनने का रास्ता पता चल चुका था.
धीरे-धीरे ‘Sir Robert Clive’ने अपनी स्ट्रेटजीज़ की मदद से ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत में काफी मज़बूत कर दिया था. देखते ही देखते इस कंपनी ने भारत पर राज़ करने की शुरुआत कर दी.. “फूट डालो राजनीति करो..” इनकी बड़ी स्ट्रेटजीज़ में से एक थी.
स्ट्रेटजीज़ की वजह से कंपनी इतनी ज्यादा मज़बूत हो गई थी कि Robert Cliveकी मौत के बाद भी कंपनी की ग्रोथ में कोई असर नहीं हुआ था. Robert Cliveकी मौत के बाद कंपनी की ग्रोथ में कमी नहीं आई थी.
उस दौर में इस कंपनी की वजह से कई ब्रिटिशर्स के घर चला करते थे. कई ब्रिटिशर्स इसी कंपनी की वजह से अय्याशी किया करते थे. ये कंपनी ट्रेडिंग के साथ-साथ इंडियन्स से टैक्स भी वसूला करती थी. जिस टैक्स की मदद से कंपनी ने 100,000 से ज्यादा सैनिकों वाली आर्मी भी तैयार कर ली थी.
1757 आते-आते ये कंपनी इतनी ज्यादा शक्ति शाली हो गई थी कि ब्रिटिश पार्लियामेंट भी इसे इंडिपेंडेंट entity मानने लगी थी.
अब बात Amsel Rothschild की होगी, जिन्होंने ग्लोबल बैंकिंग को बदलकर रख दिया था
Banking giant’s और international finance organizations भी खुद को ग्लोबल स्तर पर बढ़ाना चाहते हैं. इतिहास के पन्नों में भी RothschildBank की तरह मज़बूत बैंक कुछ ही नज़र आते हैं. ये दुनिया का पहला international banking empire था, जिसनें ग्लोबल फाइनेंस को नई राह दिखाई थी.
इस बैंक की स्थापना 18 वीं शताब्दी में Mayer Amschel Rothschild ने की थी. हैरानी की बात ये है कि जब उन्होंने इस बैंक की स्थापना की थी. तब किसी को ये भी नहीं मालुम था कि असल मायनों में बैंक का मतलब क्या होता है? इसका मतलब साफ़ है कि इन्हें दुनिया से आगे चलते आता था. यही कारण है कि आज भी लोग इन्हें पहले इंटरनेशनल बैंक के फाउंडर के तौर पर याद करते हैं.
इनकी कहानी बताती है कि अगर आपको किसी भी फील्ड में सफलता हासिल करनी है, तो आपको लीग से हट कर सोचना होगा. अगर लोग आपको कह रहे हैं कि “आप बहुत आगे का सोच रहे हैं? तो मतलब साफ़ है कि आप सही दिशा में बढ़ रहे हैं.
इसी के साथ इस बात में कोई दो राय नहीं है कि दुनिया में एक से बढ़ कर एक अमीर हुए हैं. उन्हीं में से एक ऐसा परिवार भी हुआ जिसके पास न सिर्फ़ बेशुमार संपत्ति थी, बल्कि इतिहास का रुख मोड़ देने की क्षमता भी थी. ये है Rothschild परिवार जो कई सदियों से यूरोप के सबसे अमीर घरानों में से एक है.
Conspiracy Theorists के लिए ये परिवार कहानियों की एक सोने की खान है. अगर हम उनकी थ्योरी को सच न भी माने, फिर भी ये एक सच्चाई है कि रोथ्सचाइल्ड परिवार के कुछ मौजूदा वंशज यूरोप के सबसे अमीर लोग हैं.
इसके बावजूद, इन लोगों के बारे में सार्वजनिक रूप से बहुत कम जानकारी उपलब्ध है. इस परिवार की कुल संपत्ति मूल्य $500 ट्रिलियन आंका जाता है.
वित्तीय लेन-देन और बैंकिंग के क्षेत्र में इस परिवार ने जो काम किया वहीं आज के आर्थिक ढांचे की नींव समझी जाती है. सबसे पहले इन्होंने ही निवेश करने के Concept को आजमाया था.
इन्हें हम ऐसे समझ सकते हैं कि 2-3 सदी पहले जब Industrial Revolution हो रहा था तो बैंकिंग बिल्कुल नई तकनीक थी.
पैसे को रखना, निवेश करना, लोन देना, एक जगह से दूसरे जगह भेजना, आदि मुश्किल था. अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग तो आप भूल ही जाइये. ऐसे समय में Rothschild यूरोप के उपनिवेशों में अपने बैंक स्थापित करने वाले पहले बैंकर थे. उन्होंने अधिकांश बैंक अफ्रीका और पूर्वी एशिया में स्थापित किए थे.
आपको बता दें कि Amsel Rothschild के पास एक शानदारIntra-bank communication system था. उस दौर के जानकार इसे फर्स्ट इंटरनेशनल बैंक कहा करते थे.
John D. Rockefeller और Jean Monnet ने अमेरिका और यूरोप को ट्रांसफॉर्म किया था
दुनिया में अगर वेल्थ की बात होती है तो दो लोगों का नाम ज़रूर याद आता है. इन दोनों का नाम John D. Rockefeller और Jean Monnet है. इन्होने वर्ल्ड इकॉनमी में बड़ी छाप छोड़ी है. अगर आप बिजनेसमैन बनना चाहते हैं तो आपको इन दोनों के बारे में ज़रूर जानकारी इकट्ठा करनी चाहिए.
इनकी बायोग्राफी एक बिजनेसमैन के तौर पर आपको मज़बूत बना सकती हैं. Rockefeller की कंपनी Standard Oil, एक दौर में पूरे यूएस मार्केट को कंट्रोल करती थी.
लेकिन Rockefeller केवल आयल टाइकून ही नहीं थे. उन्होंने कई सारी फील्ड में सफलता के परचम गाड़े हुए थे. जैसे कि उनका Rockefeller Institute forMedical Research, नाम का काफी फेमस इंस्टिट्यूट भी था. जिसकी वजह से इनका काफी ज्यादा नाम मेडिकल रिसर्च फील्ड में भी था.
वहीं जीन मोनेट को उन लोगों द्वारा "यूरोप का पिता" कहा जाता है, जो 1950 के दशक में उन्हें यूरोपीय कोयला इंडस्ट्री की स्थापना के मुख्य अंश के तौर पर देखा है.
अगर जीन मोनेट के बारे में बात करें तो इन्होने सोलह साल की उम्र में ही अपनी यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं को बीच में ही छोड़ दिया था. और यूनाइटेड किंगडम चले गए , जहाँ उन्होंने अपने पिता की कंपनी के एक एजेंट, मिस्टर चैपलिन के साथ लंदन को समझने की कोशिश शुरू कर दी थी. यहीं से इन्होने बिजनेस और इकोनॉमिक्स का ज्ञान भी हासिल किया था.
‘Margaret Thatcher’ जिन्होंने ब्रिटेन की फ्री मार्केट को रिवाईव किया था
जिसकी भी ब्रिटेन की राजनीति में दिलचस्पी है, शायद ही कोई होगा जिसे ‘Margaret Thatcher’ की पर्सनालिटी के बारे में नहीं मालुम होगा. ये ब्रिटेन की पहली फीमेल प्राइम मिनिस्टर रही थीं.
आपको बता दें कि इनका करियर काफी ज्यादा controversial भी रहा है. लेकिन इन्हें आयरन लेडी के तौर पर याद किया जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि ये उन नेताओं की फेहरिस्त में आखिरी थीं जो इतिहास की धारा में बह जाने की बजाए अपनी शख्सियत से उसे मोड़ देने का माद्दा रखते थे.
इनके बारे में प्रसिद्ध दार्शनिक डेविड कैमरून ने कहा था कि ''मार्गरेट थैचर ने हमारे देश का सिर्फ नेतृत्व ही नहीं किया, बल्कि देश की रक्षा भी की”.. ये वाक्त्व्य बताने को काफी है कि कैसे ‘Margaret Thatcher’ ने ब्रिटेन की इकॉनमी को आगे बढ़ाया था?
इसलिए अगर आपको दुनिया की इकॉनमी को समझना है तो आपको ‘Margaret Thatcher’ के बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़ने की कोशिश करनी चाहिए.
इन्होने 11 साल तक ब्रिटेन की प्रधानमंत्री की कुर्सी पर राज़ किया था. ग्रैंथम के एक परचून वाले की यह लड़की ब्रिटेन की सबसे ज्यादा साल तक राज करने वाली पहली महिला प्रधानमंत्री बनी.
इनकी कहानी दर्शाती है कि काबिलियत से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है. इसलिए इंसान को हमेशा अपनी स्किल्स पर काम करते रहना चाहिए.
अब एक नज़र ‘चीन’ के बिजनेस तकनीक पर डाल लेते हैं
आज का दौर ऐसा चल रहा है कि मार्केट में 75 प्रतीशत चीज़ें चीन की मिल रही हैं. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि आपका फोन या टीवी भी चीन से बनकर ही आया हो.
मतलब साफ़ है कि चीन की इकॉनमी में वहां के बिजनेस का बहुत बड़ा योगदान है. इसलिए कहा भी जाता है कि हमें चीन जैसे देश से बिजनेस करना सीखना चाहिए.
अगर हम अपने घर की और अपने देश की इकॉनमी बेहतर करना चाहते हैं. तो हमें चीन से बिजनेस की तकनीक सीखनी चाहिए.
आज के समय में चीन को manufacturing powerhouse कहा जाता है. इसका क्रेडिट Deng Xiaoping को जाना चाहिए. ये पेशे से राजनेता रहे हैं. लेकिन इनके विज़न में करप्शन नहीं था.
इनका विज़न साफ़ था कि किसी भी तरह चीन के प्रोडक्ट्स को ग्लोबल मार्केट में जगह दिलवानी है. इन्होने अपने विज़न का साथ नहीं छोड़ा और आज चीन के प्रोडक्ट्स दुनिया के हर कोने में पहुँच चुके हैं.
जिसका सीधा फायदा चीन की इकॉनमी को मिल रहा है. इसकी शुरुआत तब हो गई थी जब Deng Xiaoping ने सरकार में जोर दिया था कि विदेशी कम्पनियों को चीन में इन्वेस्ट करना चाहिए. इसके लिए उन्होंने अपने देश की कई पॉलिसी में बदलाव भी किए थे.
आपको पता होना चाहिए कि चीन 13.6 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी (China Total GDP) के साथ एशिया की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है. चीन को यहाँ तक पहुँचाने में सबसे बड़ा रोल पॉलिसी मेकर्स का रहा है. इसलिए चीन से सबको सीखना चाहिए कि बिजनेस कैसे किया जाता है?
कुल मिलाकर
अगर आप ह्यूमन हिस्ट्री को बारीकी से समझने की कोशिश करेंगे तो उसमें Globalization का रोल काफी अधिक देखने को मिलेगा. Globalization ने अरबों लोगों की ज़िन्दगी में फर्क डाला है. किताब “Silk to Silicon” ऐसे लोगों की कहानी पर रोशनी डालने का काम करती है. जिन्होंने इस दुनिया की इकॉनमी को बदलकर रख दिया था. उस फेहरिश्त में ‘Andrew Grove’ से लेकर ‘Genghis Khan’ तक कई नाम आते हैं.
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