You Can Negotiate Anything

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You Can Negotiate Anything

Herb Cohen
एक माहिर की तरह भावताव करना सीखिए

दो लफ्जों में
यू कैन निगोशिएट एनीथिंग किताब ये बताती है कि कैसे आप ज़िन्दगी के किसी भी क्षेत्र में बातचीत करके अपनी बात मनवा सकते हैं, और इसके लिए कुछ ख़ास गुण और समझ की जरुरत होती है। ये किताब वे ख़ास तरीके भी बताती है जिससे आप किसी से भी नेगोशिएशन में जीत सकते हैं या विन-विन सिचुएशन वाले हालात बना सकते हैं।

यह किसके लिए है
- जिस किसी ने भी अपने जीवनसाथी, बॉस या टेलीफोन कंपनी से कभी नेगोशिएशन की है, और वह इस पर बेहतर काम करना चाहते हैं।
- जो कोई भी अपने आपको वाद विवाद करने वाले लोगों से खुद को बचाना चाहते हैं।  
- जो कोई भी आपसी संतुष्टि के लिए नेगोशिएट करना चाहते हैं।

लेखक के बारे में
इस किताब के लेखक हर्ब कोहेन है। हर्ब कोहेन को नेगोशिएशन में 40 साल से ज्यादा का अनुभव है, जिसमे उन्होंने कॉरपोरेट मर्जर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति बनाने वाले कॉन्ट्रैक्ट भी करवाए हैं। उन्होंने होस्टेज नेगोशिएशन जैसे संकट और हिंसक स्थितियों में लोगों से बातचीत करके उन्हें अहिसंक बनने के लिए मनाया है।
उन्होंने एफबीआई, सीआईए और हार्वर्ड विश्वविद्यालय सहित कई बड़े संस्थानों में नेगोशिएशन सिखाया है। उनके विश्लेषण और अलग सोच की वजह से न्यू यॉर्कर, द इकोनॉमिस्ट, टाइम मैगज़ीन और रोलिंग स्टोन जैसे अनेक प्रकाशनों ने उनके बारे मे लिखा है।

दुनिया में ज्यादातर चीजों पर नेगोशिएशन किया जा सकता है, इसलिए इसे अच्छी तरह से सीखना चाहिए।
हमारी रोजाना की ज़िन्दगी में नेगोशिएशन चलता रहता है। वो किसी भी रूप में हो सकता है, जैसे आप अपने बच्चे को अच्छा व्यवहार करना सीखा रहे हों या आप अपने बॉस से तनख़्वाह बढ़ाने के लिए बातचीत कर रहे हों। जिस भी जगह आप किसी और के व्यवहार को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं, वो नेगोशिएशन ही कहलाता है।

दुनिया में ज्यादातर चीजें नेगोशिएबल है, यानी ज्यादातर चीज़ों का भावताव किया जा सकता है। अगर आप को नेगोशिएशन करना आता हैअगर आप को नेगोशिएशन करना आता है तो आप एक फैंसी डिपार्टमेंटल स्टोर में किसी सामान की कीमत के लिए या लोन की रकम के लिए या कोई तेज गाड़ी चलाने पर चालान के लिए भी निगोशिएट कर सकते हैं । यहां तक कि इंडियन रेवेन्यू जैसी संस्थाएं जिन्हे उनके कठोर व्यवहार के लिए जाना जाता है वे भी आपसे बातचीत करेंगी, क्योंकि दिन के अंत में टैक्स ऑफिशल्स भी हमारे जैसे ही लोग हैं। क्योंकि नेगोशिएशन हर जगह पर हो सकता है, तो क्या आपको नहीं लगता कि यह समय है कि आप नेगोशिएशन के गुण में सुधार करना शुरू करें?

कई बार नेगोशिएशन करना आसान होता है।  बस हमें जरुरत है तो सही व्यक्ति से बात करने की।  हर कंपनी में लोगों को उनकी श्रेणी के हिसाब से अधिकार दिए जाते हैं और जो व्यक्ति सबसे निचली श्रेणी का होता है उसके पास सबसे कम अधिकार होते है। वो व्यक्ति आपको अपने अधिकार अनुसार आपकी इच्छा को पूरी कर सकता है। अगर वो व्यक्ति आप की इच्छा पूरी न कर सकता हो तो मैनेजर्स, डायरेक्टर्स और अन्य लोगों से बात करने की मांग करें, जब तक कि आप उस कंपनी के किसी ऐसे व्यक्ति से ना मिल ले जिसके पास आप की जरुरत पूरी करने का अधिकार हो।  

एक बार एक मैक्सिकन होटल में, लेखक को बताया गया कि इस होटल में उसके लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने शांति से डायरेक्टर से बात करने की सोची, और पूछताछ की:

"क्या आपके पास मैक्सिको के राष्ट्रपति के लिए कमरा होगा यदि वह यहाँ आते?"

"यस सर।"

"ठीक है, वह नहीं आ रहे है, इसलिए मैं उनका कमरा ले लूँगा।"

सामान्य तौर पर, आपको नेगोशिएशन करना चाहिए या नहीं यह निर्णय सिर्फ कुछ कारण से प्रभावित हो सकता है। जैसे कि क्या आप इस नेगोशिएशन को करते वक़्त खुश हैं, क्या इस नेगोशिएशन से आपकी जरूरतें पूरी होंगी और क्या यह कोशिश करने लायक है?

दुनिया में ज्यादातर चीजों पर नेगोशिएशन किया जा सकता है, इसलिए आपको इसे अच्छी तरह से सीखना चाहिए।

सोवियत स्टाइल में नेगोशिएशन करने वालों से बचें - ये नेगोशिएशन को युद्ध का मैदान समझते हैं।
कुछ लोग नेगोशिएशन को जीत-हार की लड़ाई की तरह देखते हैं, जहाँ हमेशा एक पार्टी का फायदा दूसरी पार्टी का नुकसान होता है। यह लोग "हर कीमत पर जीत"वाली स्ट्रेटेजी दुनिया भर में जीतने के लिए इस्तेमाल करते हैं, इस स्ट्रेटेजी का सबसे अच्छा उदाहरण पुरानी सोवियत यूनियन है। यह स्ट्रेटेजी इतनी ज्यादा फैली हुई है कि इसे पहचान कर हमें खुद को इससे बचाने की जरूरत है। 

अक्सर सोवियत स्ट्रेटेजी से निगोशिएट करने वाले लोग पहले एक अजीब सा प्रस्ताव रखते हैं और फिर जरुरी छूट देने के लिए भी तैयार नहीं होते हैं। जब सोवियत यूनियन ने एम्बेसी के मनोरंजक कार्यक्रमों के लिए लांग आईलैंड पर जमीन खरीदने की मांग की, तो उसने शुरू में 4,20,000 डॉलर्स की संपत्ति के लिए 1,25,000 डॉलर्स का प्रस्ताव रखा । जब बेचने वाले ने प्रॉपर्टी की कीमत 3,60,000 डॉलर्स तक गिरा दी, तो सोवियत ने इसे उनकी कमजोरी समझा और ज्यादा फायदा कमाने का मौका समझ लिया।  

धीरे धीरे उन्होंने अपना प्रस्ताव 1,33,000 कर लिया। आखरी समय पर इस तरह की छूट, सोवियत स्टाइल नेगॉसिटर्स की विशेषता है, उन्हें उम्मीद होती है कि डेडलाइन का दबाव विपक्षी को कमज़ोर कर देगा और फैसला उनके हक़ में जाएगा।    

सोवियत स्ट्रेटेजी से निगोशिएट करने वाले लोगों की एक और विशेष बात होती है। ये उन लोगों का इस्तेमाल करते है जिनके पास सीमित अधिकार होते है। जिससे वो अपनी तरफ से छूट नहीं दे पाते। ऐसे मे पूरा निगोशिएस एक तरफ़ा हो जाता है। इस केस में सामने वाला एक तरह से खुद से ही निगोशिएट करता है।

भावनाओं का इस्तेमाल करना भी एक स्ट्रेटेजी है, जैसे धौंस जमाना, बात करते हुए गुस्से में बाहर चले जाना या रोना अक्सर एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाता है। क्या आपने कभी ऐसे व्यक्ति से निगोशिएट किया है जो बात करते वक़्त रो पड़ता है? ऐसे जगह पर हम वो सब कुछ करने के लिए तैयार हो जाते हैं जो सामने वाला चाहता है। यह एक ख़ास स्ट्रेटेजी है जो की वोडका पीने और सीरियस दिखने वाले सोवियत जनरल शायद कभी इस्तेमाल ना करे लेकिन ये शादी-शुदा रिश्तों में बहुत आम है।  

अगर आप का सामना किसी सोवियत स्ट्रेटेजी वाले व्यक्ति से होता है तो आप उससे जरूर दूर जाना चाहेंगे या नेगोशिएशन से बचना चाहेंगे, हो सकता है आप और जरुरी विकल्पों के बारे में सोचे, लेकिन अगर आप को फिर भी मैदान में जाना पड़े तो आप अपने लिए पहले से सीमा तय कर ले कि आप को इससे ज्यादा समझौता नहीं करना है और फिर उस सीमा का पालन करें। आप किसी की भी भावनात्मक स्ट्रेटेजी के बावजूद शान्ति से बात करें।

आप विन-विन सिचुएशन वाली नेगोशिएशन कर सकते हैं अगर दोनों पार्टी एक दूसरे की जरुरत को पहचान कर और समझ कर एक दूसरे की मदद करें।
एक विन-लूज़, यानी हार-जीत वाली सोच कुछ ऐसी होती है जैसे किसी चीज़ को बांटा जाना है और उस चीज़ को पाने के लिए दोनों पार्टी को आपस में लड़ना होगा। उन्हें लगता है कि उन्हें बहुत अच्छी तरह लड़ना होगा जिससे वो जीत जाये। जब दोनों पार्टी इस तरह लड़ती है तो इसका एक ही समाधन निकलता है है और वो होता है एक को समझौता करना। ये कितना भी अच्छा समाधान क्यों न लगे पर इसका अर्थ है कि दोनों पार्टी को कुछ न कुछ ऐसा छोड़ना पड़ता जो वह इस नेगोशिएशन से चाहते थे। लेकिन अगर वह चाहें तो नेगोशिएशन से विन-विन सिचुएशन भी बनायी जा सकती है।

अक्सर लोग इस बात पर ध्यान देते है कि दूसरी पार्टी इस नेगोशिएशन से क्या चाहती है। लेकिन एक पार्टी को दूसरी पार्टी की उन मुख्य जरूरतों और अनकही इच्छाओं को समझना चाहिए, क्योंकि हर किसी की ज़रूरतें अलग होती हैं। कई लोग सामने वाली पार्टी की इच्छाओं को पूरा करते हुए भी संतुष्ट हो सकते हैं। इसके लिए जरुरी है कि वे एक दूसरे की इच्छाओं का सम्मान करें।

सोचिये कि आपका परिवार यह तय करने की कोशिश कर रहा है कि छुट्टी पर कहाँ जाना है। एक खुशियों भरा नेगोशिएशन एक विवाद में बदल जाता है जब यह पता चलता है कि आपका जीवनसाथी महाबलेश्वर जाना चाहता है, आपका बेटा गोवा जाना चाहता है, जबकि आप नैनीताल जाने की सोच रहे हैं। सबकी इच्छा को एक साथ पूरा करना असंभव लगता है।  

अगर आप मांगों से परे देखते हैं, तो आपको पता चलेगा कि आपकी ज़रूरतें पूरी हो सकती है। आपका बेटा वास्तव में सिर्फ समुद्र किनारे जाना चाहता है, आपका जीवनसाथी एक हिल स्टेशन जाना चाहता है, और आप भी सिर्फ एक झील पर जाना चाहते हो, जहाँ आप तैर सको। इस तरह से सोचने के बाद आप सब केरल जा सकते हो। इससे सभी लोगों की जरूरते पूरी हो जाएँगी। 

विन विन नेगोशिएशन के लिए ट्रस्ट सबसे सबसे जरूरी है। बिना ट्रस्ट के कोई भी पार्टी अपनी असली जरूरतों को खुल कर नहीं बताएगी और ना ही वो दूसरी पार्टी को छूट देने के लिए तैयार होगी।

इसलिए जब आप अपने परिवार के आलावा किसी और से निगोशिएट कर रहे होते हैं तो आपको विश्वास बनाने की जरूरत पड़ती है। इसका मतलब यह है कि आपको नेगोशिएशन से पहले सामने वाले से अच्छे रिलेशन बनाने होंगे और नेगोशिएशन के दौरान दोनों के एक जैसा लक्ष्य को बताना होगा।

एक नेगोशिएशन को सफल बनाने के लिए आपको अपनी शक्ति और जानकारी का इस्तेमाल करना पड़ता है।
एक नेगोशिएशन के दौरान दोनों पार्टियों के पास काफी शक्तियां होती है। 

उदाहरण के लिए, अगर आप अपने बॉस से निगोशिएट कर रहे हैं तो उनके पास काफी सारे अधिकार होते हैं, जिससे वो आपको काम दे कर इनाम दे सकते हैं या सजा भी।

लेकिन अगर सामने वाला इतना शक्तिशाली नहीं है तब हही नेगोशिएशन पर असर पड़ता है।

उदाहरण के लिए मान लीजिये कि आप एक नया फ्रिज खरीदने के लिए डिपार्टमेंट स्टोर में जाते हैं, और सेल्समेन से कीमत पर बात करना शुरू करते हैं। आप के पास अगर कुछ और विकल्प हैं तो वो आपको निगोशिएट करने मे मदद कर सकते हैं। अगर आप ने वही फ्रीज कहीं पास की दुकान मे देखा है और आप उसे वहाँ से खरीद सकते हैं तो आप एक मजबूत स्थिति मे हैं। लेकिन क्या होगा अगर आपका परिवार कार में इंतजार कर रहा है और उन्होंने आपको यही फ्रिज खरीदने के लिए कहा है। तो आप फ्रिज को खोने का जोखिम उठा सकते हैं या नहीं, यह बात आपके या दूसरी पार्टी के लिए नेगोशिएशन करने मे शक्ति का साधन बन सकती है।

मान लीजिये आप सेल्स पर्सन के पास जाते हैं और उससे कहते हैं : "देखो, मेरे भाई ने भी यही फ्रिज खरीदा था और उसे छूट मिली थी।"या आप एक्सपर्टीज़ का इस्तेमाल सकते हैं : "मैं एक फ्रिज- एक्सपर्ट हूँ  - यह  मेरा कार्ड है - और आप यह फ्रिज आप बहुत महंगा बता रहे हैं!"

बहुत संभावना है कि एक अनुभवी सेल्समन अपने ज्ञान से आपका सामना करेगा। हो सकता है कि वो "नो डिस्काउंट "के प्रिंटेड साइन कि तरफ इशारा करे, अक्सर इसे देखने के बाद बहुत सारे लोग नेगोशिएशन की उम्मीद खो देते हैं।  

इससे फर्क नहीं पड़ता की एक नेगोशिएशन के दौरान आप के पास कितनी शक्ति है। जरूरी बात ये है कि आपको क्या लगता है आपके पास कितनी शक्ति है और दूसरी पार्टी को क्या लगता है कि आपके पास कितनी शक्ति है। सारी शक्तियां सोच पर निर्भर करती हैं।

ऐसी सीचुएशन्स बनाये कि दूसरी पार्टी आसानी से ना नहीं कह सके, लेकिन खुद को इस तरह की सिचुएशन से बचाएं।
सोचिये की आप अभी भी उसी डिपार्टमेंटल स्टोर पर फ्रिज खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। आप डिस्काउंट पाने के लिए क्या कर सकते हैं? 

आप सीधा मनचाहा फ्रिज खरीदने से पहले सेल्स क्लर्क को दूकान मे जितनी फ्रिड्जेस है वो सब आपको दिखाने के लिए बोल सकते हैं। आप उससे बहुत सारे तकनीकी सवाल पूछिए, जिसकी वजह से उसे हर फ्रिज के मॉडल के लिए फ्रिज का मैन्युअल खोलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।  फिर आप उससे कहते हैं कि आपको इसके बारे में थोड़ा और सोचना होगा । अगले दिन, आप अपने भाई के साथ वापस वहाँ जाते हैं और सेल्स क्लर्क को फिर से दुकान में हर मॉडल को दिखाने के लिए कहते हैं क्योंकि आपका भाई "फ्रिज  के बारे मे जानता है"।  

आपको क्या लगता है इसकी कितनी संभावना है कि इतनी मेहनत करने के बाद वो सेल्स क्लर्क आपको डिस्काउंट देगा? अब वो आपको छूट जरूर देगा क्योंकि उसने पहले ही अपने कई घंटे आप पर इन्वेस्ट कर दिए। अब फ्रिज को बेचने के लिए डिस्काउंट उसे एक छोटी कीमत लगेगी।

अगर आप दूसरी पार्टी को नेगोशिएशन मे उनका कुछ इन्वेस्ट करवाने में सफल हो पाते हैं तो उनके छूट देने के चान्सेस बढ़ जाते हैं।

अगर आप उस डिपार्टमेंटल स्टोर मे अपनी परिवार के साथ जाएँ तो एक चालाक सेल्समेन आपकी बजाय आपके परिवार को फ्रिज बेचने की कोशिश कर सकता है। एक बार जब आपकी पत्नी, बच्चे आपका कुत्ता एक फ्रिज को पसंद कर लेते हैं तो, क्लर्क को अच्छे से पता होता है कि आप के लिए वो फ्रिज खरीदना कितना जरुरी हो गया होगा है। इस जगह पर आपको समझौता करने के लिए तैयार होना पड़ता है ना कि उस स्टोर के सेल्समेन को।

ऐसी सिचुएशन में जब कई लोग नेगोशिएशन में आपकी तरफ से हों, तब आपको ये पक्का कर लेना चाहिए कि आपके साथ उस नेगोशिएशन में शामिल हर एक सदस्य का लक्ष्य एक ही है। ताकि आप एक ही चीज़ या लक्ष्य की इच्छा जाहिर करें। फ्रिज के उदाहरण में, इसका मतलब स्टोर में जाने से पहले अपने परिवार के साथ आप ये सलाह-मशविरा कर सकते हैं कि आप को कौन सा फ्रिज लेना है।

जानकारी को बांटने से नेगोशिएशन में आपकी जीत प्रभावित हो सकती है।
अगर आप दूसरी पार्टी की जरूरतों, डेडलाइन और कमियों को जानते हैं, तो आप नेगोशिएशन करने मे उनसे ज्यादा अच्छी स्थिति मे हैं।

आप जल्दी शुरुआत करके सारी जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं। जयादातर लोगों को लगता है कि नेगोशिएशन एक ऐसी घटना है जो एक ख़ास समय पर ही होती है, जैसे जब आप अपने बॉस के साथ अपनी तन्खवा बढ़ाने के लिए बात करने जाते हैं। असल में नेगोशिएशन एक ऐसी प्रक्रिया है जो आप दोनों पार्टी की नेगोशिएशन की चर्चा करने से बहुत पहले ही शुरू हो जाती है।

जैसे आप अपने बॉस से मिलने से पहले ये पता लगा सकते है कि अगले साल सैलरी बढ़ने की कोई उम्मीद है, या आप अपने कुलीग से बात करके ये जान लें कि सैलरी नेगोशिएशन को लेकर आपके बॉस का व्यवहार कैसा है।   

ऐसी प्रिपरेशन के अलावा, आप मीटिंग में ही बहुत सारे सवाल पूछकर ज्यादा जानकारी इकठ्ठा कर सकते है। कुछ लोग तो शांत और सीधा बन कर जरुरी बातें जान लेते हैं। यह निति सबसे ज्यादा अच्छी तब है जब आपका सामना एक जानकार व्यक्ति से होने वाला हो। अगर आप उन्हें आसन भाषा में बार बार अच्छी तरह समझाने के लिए मजबूर कर दें तो आप उनके फायदे को नकार सकते हैं।

जानकारी ज़ाहिर करना एक लेन-देन के खेल की तरह है, जिसमे आपका प्रतिद्वंद्वी अपनी कुछ कमियों और परेशानियों को खुल कर बताता है और आपसे भी यही उम्मीद रखता है। इसलिए आपको ध्यान रखना चाहिए कि आप क्या जानकारी बाँट रहे है। 

उदाहरण के लिए, जब आप अपने प्रतिद्वंद्वी को छूट देते हैं, तो आप साथ में कुछ जानकारी भी देते हैं जैसे आपकी नेगोशिएशन की सीमा क्या हैं। सोचिये कि आप ने फ्रिज के लिए पहले ७ हज़ार  का ऑफर रखा, और जब बेचने वाले ने गुस्से में ना बोल दिया। ऐसे मे अगर आप सीधा १५ हज़ार का ऑफर कर देते है तो सेलर को समझ आ जायेगा की आप फ्रिज खरीदने के लिए ज्यादा कीमत भी दे सकते हैं,  १५ हज़ार की बजाय आपको उसे सिर्फ साड़े सात हज़ार ऑफर करने चाहिए।

समयसीमा यानी डेडलाइन नेगोशिएशन पर असर डालती है, पर इसका ये मतलब नहीं है कि डेडलाइन्स ही सब कुछ हैं।
नेगोशिएशन में समय का बहुत बड़ा रोल होता है, जैसे छात्र अपने लास्ट मिनट में अपने एग्जाम पेपर पर जिस स्पीड से काम करते है वैसे ही डेडलाइन के आते ही नेगोशिएशन की प्रक्रिया भी तेज़ हो जाती है।

अगर दूसरी पार्टी का डेडलाइन दोपहर का समय है, लेकिन आप के लिए कोई डेडलाइन नहीं है, तो आप आराम से अपने प्रतिद्वंद्वी से हफ्तों तक बातचीत कर सकते है। ऐसे मे आपको क्या लगता है किसको इस बात का फायदा होगा? जाहिर है फ़ायदा आपको होगा क्योकि जब आपके प्रतिद्वंद्वी की डेडलाइन खत्म होने लगेगी तब वो आपको आसानी से ज्यादा छूट देने लगेगा ताकि सौदा पक्का हो जाए।

एक बार लेखक ने अपने बॉस की तरफ से जापान में एक सौदे पर निगोशिएट करने की कोशिश की। जापान की उस पार्टी ने उनको कहा कि वो पहले जापान की मेहमानवाजी और संस्कृति का आनन्द लें। इस तरीके से जापानी लोगों ने आखिरी दिन तक नेगोशिएशन टालते रहे, लेकिन लेखक खाली हाथ घर नहीं जाना चाहते थे, इसलिए एयरपोर्ट जाते वक़्त वह बातचीत करने के लिए मजबूर हो चुके थे।

लेखक की इस कमज़ोर स्थिति के कारण जापान के लोगों को इस नेगोशिएशन का सबसे ज्यादा फायदा हुआ और सौदा उनके हक़ में हुआ। जिससे लेखक के सीनियर्स ने इसे पर्ल हार्बर के बाद जापान की पहली महान जीत बताई। 

जब भी आप को लगता है कि आप पर डेडलाइन का प्रेशर बन रहा है, तो एक बार शांति से सोचे कि अगर आप डेडलाइन को भूल जाएँ तो उसका परिणाम क्या होगा। इसके बाद आप सोच समझ कर फ़ैसला लें कि क्या आप डेडलाइन को बढ़ा सकते है या नहीं। 

एक बात और हमेशा ध्यान रखें कि आपके प्रतिद्वंदी की भी डेडलाइन जरूर होगी, और वो आपको छूट तभी देगा जब उसकी डेडलाइन खत्म होने वाली होगी।

जब भी आप नेगोशिएट करें तो इसे व्यक्तिगत बाएं लेकिन अच्छे तरीके से।
किसी भी नेगोशिएशन मे आप अपने जीतने के चांसेस बढ़ा सकते हैं अगर आप चीजों को इस तरह पर्सनल बना सकें कि दूसरा व्यक्ति आपको एक अच्छे इंसान की तरह देखे ना कि सिर्फ एक ऑप्पोनेन्ट की तरह। ऐसा आप अच्छी तरह व्यवहार करके भी कर सकते हैं। कुछ चालाक नेगोसिएटर अपने ऑप्पोनेन्ट के सामने खुद को कमजोर दिखाकर भी नेगोशिएशन मे जीतने की कोशिश करते हैं। 

उदाहरण के लिए अगर कोई पुलिस वाला आपको हाईवे पर रोक ले तो आप एक सीधे साधे खोये हुए टूरिस्ट बन कर और अपनी आखो में आंसू लाकर बच सकते हैं बजाय इसके कि अगर आप ऐसे आदमी की तरह दिखें जो सब कुछ जानता है और जल्दी मे है।

अगर लोग आपको पसंद करते हैं तो आपको इससे नेगोशिएशन मे काफी फायदा हो सकता है, कई बार ये लॉजिक से भी ज्यादा इफेक्टिव होता है। कुछ अमेरिकन कोर्टरूम्स मे तो कभी कभी जुरीस एक ऐसे व्यक्ति को उसके क्राइम्स से मुक्त कर देते हैं जिसके खिलाफ बहुत सबूत होते हैं, ऐसा सिर्फ इसलिए होता है क्योकि प्रासीक्यूटर का व्यवहार अच्छा नहीं होता। इसी तरह अगर आपको किसी सेल्स पर्सन का व्यवहार अच्छा लगता है तो आप उसकी दूकान में बार बार जाएंगे, भले ही उसकी चीजें बाकी की दूकान से थोड़ी महँगी ही क्यों ना हो। 

इसका ध्यान रखें कि आप नकारात्मक तरीके से पर्सनल ना हो। अगर आप अप्रिय व्यवहार करते हैं और दुसरे व्यक्ति का अपमान करते हैं तो आपको इससे नुकसान ही पहुंचेगा। अगर आप ये अकेले मे करते हैं तो आप बाद मे अपने बुरे वयवहार के लिए माफ़ी मांग कर चीजों को ठीक कर सकते हैं। लेकिन अगर ये पब्लिक मे करते हैं तो दुसरे व्यक्ति को बहुत ही शर्म महसूस होती है और वो आपको अपना शत्रु मानने लगेगा। इसका मतलब ये है कि वो सिर्फ आपके आइडियाज का ही नहीं बल्कि आपका भी विरोध करना शुरू कर देगा। अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि अगर आपने एक बार भी इस तरह से अपना कोई शत्रु बना लिया तो वो हमेशा आपको अपना शत्रु ही समझेगा और जहां भी उसे अवसर मिलेगा वह आपको नीचा दिखाने की कोशिश करेगा।

नेगोशिएशन मे अच्छी तरह से पर्सनल होने के लिए आप अपना व्यय्हार रिलेक्स्ड और कूल बनाये रखें। नेगोशिएशन के दौरान खुद को पर्सनली इन्वॉल्व होने से रोकने के लिए आप ये इमेजिन करिए कि आप खुद के लिए नहीं बल्कि अपने दोस्त के लिए नेगोशिएट कर रहे हैं।

कुल मिलाकर
आप जितना सोचते हैं उससे कई ज्यादा बार नेगोशिएट करते हैं, और इसलिए आपको इसे अच्छी तरह से सीखना चाहिए। किसी भी नेगोशिएशन का क्या नतीजा होगा वो हर पार्टी की शक्ति, समय और जानकारी पर निर्भर करता है। हालांकि कुछ निगोशिएट करने वाले लोगों का लक्ष्य हर कीमत पर जीतना होता है, लेकिन आपसी संतुष्टि के लिए भी नेगोशिएट किया जा सकता है ।

 

नेगोशिएशन क्यों जरुरी है?

दुनिया में ज्यादातर चीजों पर नेगोशिएट किया जा सकता है, इसलिए इसे अच्छी तरह से सीखना चाहिए।

नेगोशिएशन स्ट्रैटिजीस किस प्रकार की होती है?

सोवियत स्टाइल में नेगोशिएशन करने से बचें - वे बातचीत को युद्ध का मैदान समझते हैं।  

अगर दोनों पार्टी एक दूसरे की जरुरत को पहचान और समझ कर एक दूसरे का सहयोग करें तो विन विन वाली स्ट्रैटिजी बनाई जा सकती है।

नेगोशिएशन के परिणाम पर कौन सी चीजों का असर होता है?

एक नेगोशिएशन को सफल बनाने के लिए आपको अपनी शक्ति और जानकारी का इस्तेमाल करना पड़ता है ।

ऐसी सीचुएशन्स बनाएं कि दूसरी पार्टी आसानी से ना नहीं कह सके, लेकिन खुद को इस तरह की सिचुएशन से बचाएं।

जानकारी को बाँटना नेगोशिएशन में आपकी जीत को प्रभावित कर सकता है। 

डेडलाइन्स नेगोशिएशन पर असर डालती है, पर इसका ये मतलब नहीं है कि डेडलाइन्स ही सब कुछ है। 

जब भी आप नेगोशिएट करें तो इसे निजी बनाए लेकिन एक अच्छे तरीके से।


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