Napoleon Hill
The Secret to Freedom and Success (फ्रीडम और सफलता की कुंजी)
दो लफ्ज़ों में
साल 2011 में 70 साल पुरानी manuscript को नया रूप दिया गया और उसे Outwitting the Devil (2011) नाम से रिलीज़ किया गया. इस किताब में Napoleon Hill की सलाह को शामिल किया गया है. इस बुक समरी की मदद से किसी को भी सही लाइफ़ का फुल एक्सेस मिल सकता है.
ये किताब किसके लिए है?
-स्कूल ऑफ़ लाइफ को समझने वालों के लिए
-किसी भी फील्ड के स्टूडेंट्स के लिए
-ऐसे लोग जिन्हें साइकोलॉजी समझनी हो
-ऐसे Entrepreneurs जिन्हें सीक्रेट ऑफ़ सक्सेस को समझना हो
लेखक के बारे में
आपको बता दें कि ये बुक Napoleon Hill (1883-1970) की manuscript है. वो एक American entrepreneur और author थे. इन्होंने कई Best-selling self-help books का लेखन किया है. जिसमें Think and Grow Rich (1937) शामिल है.
फेलियर के पीछे कई कारण होते हैं लेकिन सबसे बड़ा रीज़न डर होता है
‘The Great Depression’ के बुरे दिनों में भी Napoleon Hill को voice of positivity कहा जाता था. आपको बता दें कि नेपोलियन हिल अमेरिकी लेखक थे. इन्होंने सेल्फ़-हेल्प-लिटरेचर से संबंधित रचनाएं लिखीं..इनकी लिखी पुस्तक ‘थिंक एंड ग्रो रिच’ (1937) सबसे प्रसिद्ध है और इसी के लेखक के रूप में इन्हें सर्वाधिक पहचान मिली. “ज़िंदगी में इंतज़ार मत करिए, सही समय कभी नहीं आता” ये वाक्त्व्य भी नेपोलियन हिल का ही है.
अगर आपको भी ‘power of positive thinking’ के बारे में जानना है और समझना है कि इसकी मदद से अपनी लाइफ को बेहतर कैसे बनाया जा सकता है? तो ये बुक समरी आपके लिए ही लिखी गई है.
-बुरी आदतों की पहचान कैसे करें?
-ज़िन्दगी के बारे में काफी कुछ
तो चलिए शुरू करते हैं!
क्या आपका कोई ऐसा सपना है? जिसे आप पूरा तो करना चाहते हैं लेकिन एफर्ट्स नहीं ले पा रहे हैं? 98 percent लोगों का कोई ना कोई सपना होता है? लेकिन हम किसी ना किसी डर की वजह से पीछे हट जाते हैं.
उसी डर की वजह से हम कभी भी वो लाइफ एन्जॉय नहीं कर पाते हैं. जैसी हम एन्जॉय करना चाहते हैं. इसलिए हमें कभी भी डर की वजह से अपनी लाइफ को लीड नहीं करना चाहिए.
ये बात ऑथर Napoleon Hill को कई सफल और असफल लोगों के इंटरव्यू लेने के बाद पता चली थी. जिसे उन्होंने अपनी फिलॉसफ़ी में शामिल भी किया था.
ऑथर कहते हैं कि जीवन में अगर सबसे ज्यादा कुछ महत्वपूर्ण है, तो वो खुशी है. हर व्यक्ति खुश होना चाहता है, चाहे वह किसी भी वर्ग का हो या दुनिया में कहीं भी रहता हो. खुश रहने की कला सभी में होनी चाहिए चाहे वह अभी किसी भी दौर से क्यों ना गुजर रहा हो?
आपको खुश रहने के लिए सबसे पहले यह समझना होगा कि जीवन में हर कुछ जैसा सोचा, वैसा नहीं होता. जीवन हर समय कोई ना कोई मोर और परेशानियां लाते ही रहती है. हमें तो बस उसका डटकर सामना करना चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए..
जब आप जीवन को एक खेल की तरह देखना शुरू कर देंगे, तो आप इसे बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। जीवन में कभी-कभी कुछ ऐसे मोड़ आ जाते हैं, जिस पर आपका कोई पकड़ नहीं होता है. आप उन कठिन समय में सिर्फ इतना कर सकते हैं कि हार ना माने और डटे रहे.
अगर आप अपने जीवन को खुश बनाना चाहते हैं तो आपको अपने मानसिक और शारीरिक दोनों स्वास्थ्य को ठीक करना होगा.
हर व्यक्ति भिन्न होता है और उसमें प्रतिभा और खामियां भी अलग अलग होती है. आप ना तो अपने आप को किसी से तुलना कीजिए और ना ही किसी और की तुलना, किसी अन्य लोगों से कीजिए. खामियों को देखकर दूसरों से तुलना वही करता है जिसने मनुष्य को नहीं समझा है. दूसरों से तुलना तभी करें जब आप उनसे कुछ सीख रहे हो और उस तुलना को आप अच्छे तरीके से इस्तेमाल कर रहे हो, वरना छोड़ दें.
पॉजिटिव थिंकिंग और क्लियर पर्पज़ के महत्व को समझिए
ऑथर कहते हैं कि अगर आपको लाइफ में सफलता हासिल करनी है? तो आपको अपने गोल्स को क्लियर रखना होगा. साथ ही साथ आपकी कोशिश रहनी चाहिए कि आप अपने गोल्स का पता खुद ही लगाएं.
लक्ष्य का पता होना इतना ज़रूरी है कि इसके पता होने बस से आपकी लाइफ में ख़ुशियों की दस्तक हो जाती है.
लेकिन याद रखिए कि गोल की तलाश आपको ही करनी होगी. आपके लिए गोल कोई दूसरा नहीं ढूंढेगा..
जीवन में कई बार हमें इस प्रश्न का सामना करना होता हैं, कि हमारा लाइफ में लक्ष्य क्या है?
बहुत से लोग मुस्कुरा देते हैं.. और कहते हैं उन्होंने अभी सोचा नहीं है.. अगर आपका भी यही उत्तर है- तो चेंज करें. आज ही बैठ कर सोचें और अपनी लाइफ का लक्ष्य चुनें. जो भी आपका सपना है, उसके बारे में सोचें.. नौकरी चुनना लक्ष्य नहीं होता. हाँ, वह एक पड़ाव जरूर हो सकता है.
अपना सही लक्ष्य चुनें और उसे पाने के के लिए यह 3 स्टेप्स फॉलो करें.1) अपने लक्ष्य को एक कागज पर लिखें.. सिर्फ दिमाग में न सोचें। 2) अपने लक्ष्य को पाने के लिए आप क्या बलिदान (Sacrifice) कर सकते हैं? क्या आप सोना कम कर सकते हैं, या दूसरों से ज्यादा मेहनत कर सकते हैं, टीवी छोड़ सकते हैं, नयी सेल्फ हेल्प की किताबें पढ़ सकते हैं?
इसे कुछ नए ढ़ंग से समझने की कोशिश करते हैं..एक संत से पूछा कि महाराज यह रास्ता कहां जाता है? संत ने जवाब दिया कि ये रास्ता कहीं नहीं जाता है. आप बताइए कि आपको कहां जाना है? व्यक्ति ने कहा कि महाराज मुझे मालूम ही नहीं है कि जाना कहां है?
संत ने कहा कि जब कोई लक्ष्य ही नहीं है तो फिर रास्ता कोई भी हो उससे क्या फर्क पड़ता है? आप भटकते रहिए...
जिस व्यक्ति के जीवन में कोई लक्ष्य नहीं होता वह अपनी जिंदगी तो जीता है, लेकिन वह इसी राहगीर की तरह यहां-वहां भटकता रहता है. दूसरी ओर जीवन में लक्ष्य होने से मनुष्य को मालूम होता है कि उसे किस दिशा की ओर जाना है.
वास्तव में असली जीवन उसी का है जो परिस्थितियों को बदलने का साहस रखता है और अपना लक्ष्य निर्धारित करके अपनी राह खुद बनाता है. महात्मा गांधी कहते हैं कि कुछ न करने से अच्छा है, कुछ करना... जो कुछ करता है, वही सफल-असफल होता है... हमारा लक्ष्य कुछ भी हो सकता है, क्योंकि हर इंसान अपनी क्षमताओं के अनुसार ही लक्ष्य तय करता है.
अब बात “keyto success” की होगी, उठिए-जागिए और सफलता को अपने नाम करिए
दोस्तों, स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि जीवन में एक ही लक्ष्य बनाओ और दिन-रात उसी लक्ष्य के बारे में सोचो.. स्वप्न में भी तुम्हें वही लक्ष्य दिखाई देना चाहिए.. फिर जुट जाओ, उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए..आपको धुन सवार हो जानी चाहिए.उस लक्ष्य के लिए पॉजिटिव हैबिट्स का निर्माण करिए और अच्छे लोगों की संगति करिए.. एक दिन ऐसा ज़रूर आएगा जब सफलता आपके कदम चूमेगी.
चाहे गलत खान-पान हो या अनियमित नींद, इन आदतों के ज़िम्मेदार केवल और केवल आप हैं. इसलिए कोशिश करिए कि आपकी हैबिट्स सही होनी चाहिए.
ऑथर कहते हैं कि जल्द से जल्द अच्छी और बुरी आदतों के बारे में जानकार हम अपनी लाइफ को बेहतर बना सकते हैं. इसलिए आज से ही हमारा ध्यान अपनी आदतों की तरफ होना चाहिए.
आदतें किसी भी व्यक्ति की सफलता की बड़ी चाबी होती हैं. आदतें अगर अच्छी हैं, तो व्यक्ति सफलता के नये-नये आयामों को गढ़ता है, लेकिन आदतें अगर बुरी हैं तो कामयाब से कामयाब व्यक्ति को अर्श से फर्श पर आने में देर नहीं लगती. इसलिए जरूरी है कि हम अपनी आदतों पर युवा अवस्था से ही नियंत्रण रखें और अगर जीवन में बड़ी कामयाबी पानी है तो प्रेरणादायक लोगों की अच्छी आदतों को पढ़ना, सुनना और उन पर अमल करना भी जारी रखें.
जिंदगी में बड़ा मुकाम हासिल करने के लिए वैसे तो हम तरह-तरह की रणनीति बनाते हैं, लेकिन कामयाबी पाने के कुछ महत्वपूर्ण और अचूक मंत्रों को भी हमें युवावस्था के दौरान ही जरूर सीख लेना चाहिए.
बुरी आदतों से बचने के लिए आप ऐसे लोगों की संगत कर सकते हैं, जिनकी हैबिट्स शानदार हो, इसलिए कहा भी जाता है कि काबिल लोगों की संगतभर करने से इंसान काबिल बन जाता है.
अगर आपको ऐसा लगने लगा है कि कोई इंसान आपकी एनर्जी को नेगेटिव कर रहा है? तो अब समय आ गया है कि आप उस इंसान से कट ऑफ़ कर लें.
ये बातें सुनने में काफी छोटी लगती हैं, लेकिन इनके असर काफी सटीक और बेहतरीन होते हैं.
फेलियर से सीखना कभी बंद नहीं करना चाहिए
ज़िन्दगी का दूसरा नाम ही छोटी-छोटी ख़ुशियों को एन्जॉय करना है. इसलिए ये मान लीजिए कि लाइफ में आज जीत मिली है तो कल हार भी मिलेगी. लेकिन क्या आपके अंदर वो काबिलियत है कि आप उस हार से कुछ सीख पाएं?
इस चैप्टर में ऑथर बताते हैं कि अपने फेलियर को भी एन्जॉय करना सीखिए? यानि अपने हर फेलियर से कुछ ना कुछ पॉजिटिव सीखने की कोशिश करिए?
याद रखिए कि “हारकर जीतने वाले को नहीं बल्कि हार से सीखने वाले को बाज़ीगर कहते हैं..”
ऑथर कहते हैं कि सफल लोगों को पता होता है कि फेलियर केवल एक रफ फेज़ है. जो कि बहुत जल्द समय के साथ बीत जाएगा. लेकिन उनकी कोशिश रहती है कि वो इस बार होने वाली गलती को दोबारा कभी नहीं दोहरायें. यही ख़ूबी सफल लोगों को आम जनता से अलग बनाती है.
मशहूर वैज्ञानिक थॉमस एल्वा एडिसन ने दुनिया को बल्ब की रोशनी का तोहफ दिया था. 27 जनवरी को 1880 में एडिसन को बल्ब का पेटेंट हासिल करने में सफलता मिली थी. लेकिन एक समय मशहूर वैज्ञानिक को स्कूल ने पढ़ाने से इंकार कर दिया था और उनको कमजोर दिमाग वाला बताया था. लेकिन उन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर फोनोग्राम और बल्ब समेत हजारों आविष्कार किए. उनके आवष्किरों से लोगों का जीवन और आसान हो गया.
अमेरिका के महान आविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन का जन्म 11 फरवरी 1847 में हुआ था. उन्होंने मेहनत के दम पर 1093 पेटेंट अपने नाम किए हैं. उन्होंने अपने आविष्कार का दुनिया में लोहा मनवाया है, उनका सबसे बड़ा आविष्कार बिजली के बल्ब को माना जाता था.
बताया जाता है कि बल्ब बनाने में थॉमस एल्वा एडिसन 10 हजार से ज्यादा बार फेल हुए थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और बल्ब का आविष्कार किया.
थॉमस एल्वा एडिसन की सच्ची कहानी बताती है कि इंसान को कभी भी फेलियर से नहीं डरना चाहिए.. फेलियर और सफलता का आपस में काफी गहरा नाता है. हमें इस सम्बन्ध को समझने की कोशिश करनी चाहिए.
सपने देखिए और उन्हें पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत करिए..हिम्मत मत हारिए और ज़िन्दादिल बने रहिए.
कुल मिलाकर
हम सभी के अंदर अच्छी चीज़ और बुरी चीज़ होती है. ये हमारे ऊपर है कि हम किस चीज़ के साथ बढ़ने का फैसला करते हैं. और हमारा यही फैसला हमारी ज़िन्दगी के सफर को तय करता है. अपने हर डर को दूर भगा दीजिए.. पॉजिटिव लोगों के साथ रहिए और अपनी एनर्जी को कभी खत्म मत होने दीजिए.
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