The Power of Your Subconscious Mind....... __

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The Power of Your Subconscious Mind

Joseph Murphy
अपने अंदर छुपी अवचेतन मन की ताकत को पहचानें।

दो लफ्जों में 
द पावर आफ सब कॉन्शियस  माइंड ( The Power of sub conscious mind ) की मदद से आप अपने अंदर छुपी हुई ताकत के बारे में जानकर उसे इस्तेमाल करना सीख सकते हैं। यह किताब हमें बताती है कि कैसे हम अपने सब कॉन्शियस  माइंड का इस्तेमाल कर अपने सपनों को सच कर सकते हैं, अपने डर पर काबू पा सकते हैं और अपने आप को खुश रख सकते हैं।

यह किसके लिए है 
• वे जो सब कॉन्शियस  माइंड की ताकत के बारे में जानना चाहते हैं।
• वे जो अपने सपनों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
• वे जो अपने लिए एक अच्छा पार्टनर खोज रहे हैं।

लेखक के बारे में 
जोसेफ मर्फी ( Joseph Murphy ) आयरलैंड ( Ireland ) में पैदा हुए थे।वे एक अमेरिकी लेखक और न्यु थॅाट मिनिस्टर ( New thought minister ) थे। उन्होंने भारत में काफी समय बिता कर यहाँ की फिलोस्फी सीखी। बाद में उन्होंने अमेरिका में हिन्दू विचारों पर आधारित एक चर्च की स्थापना की।

यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए?
हमारे दिमाग के दो हिस्से होते हैं - कॉन्शियस माइंड और सब कॉन्शियस माइंड। कॉन्शियस  माइंड दिमाग का वो हिस्सा है जिससे हम परिचित हैं,जिससे हम सोचते हैं जबकि सब कॉन्शियस  माइंड दिमाग का वो हिस्सा है जो छुपा हुआ है। सब कॉन्शियस  माइंड के पास बहुत कुछ कर सकने की काबिलियत है लेकिन हम में से बहुत से लोगों को इसके बारे में नहीं पता है।

सब कॉन्शियस  माइंड की मदद से हम अपने आप को रोगों से दूर रख सकते हैं। इसकी मदद से हम अपने सपनों को सच करके एक खुशहाल जिन्दगी जीना सीख सकते हैं। 

यह किताब हमें बताती है कि हम अपने सब कॉन्शियस  माइंड के किस तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं और कैसे अपने अंदर छुपी हुई ताकत को बाहर लाकर अपनी जिन्दगी को एक नया रुख दे सकते हैं।

 

•किस तरह आप अपने सब कॉन्शियस माइंड का इस्तेमाल कर बड़े से बड़े काम को आसानी से कर सकते हैं।

• वे जो अपने फैसले सही से नहीं ले पा रहे हैं।

•अच्छी सोच रखने से कैसे आप खुशी पा सकते हैं।

आप अपने सब-कॉन्शियस माइंड को जैसे चाहें वैसे इस्तेमाल कर सकते हैं।
हम जो भी सोचते हैं हमारा सब कॉन्शियस माइंड वही मान लेता है। अगर किसी काम को करने से पहले हम ये सोचें कि हम वो काम कर लेंगे तो हम उस काम को जरूर कर लेंगे। इसका उल्टा सोचने पर उल्टा ही होगा।

इतिहास में बहुत से ऐसे लोग हुए जिन्होंने सब कॉन्शियस माइंड पर जीत हासिल कर बड़े बड़े काम किये हैं। इनमें से एक नाम है स्काटलैंड के सर्जन डॅाक्टर जेम्स एस्डैली ( Dr. James Esdaille )। आपरेशन से पहले वे अपने मरीजों को यह यकीन दिलाते थे कि वे उन्हें जरूर ठीक कर देंगे। उनके मरीज इस बात को मान लेते थे जिससे उनके सब कॉन्शियस माइंड पर असर पड़ता था और यही असर उनके शरीर पर भी देखने को मिलता था।

सब कॉन्शियस माइंड की ताकत को समझने के लिए हम हिप्नोटिस्म का एक्ज़ाम्पल ले सकते हैं। आपने देखा होगा कि कुछ जादूगर लोगों को हिप्नोटाइज़ कर के उनसे कोई भी काम करवाते हैं। वे ऐसा इसलिए कर पाते हैं क्योंकि वे उनके कॉन्शियस माइंड को यकीन दिलाते हैं कि अब वे उनके वश में हैं। इसके बाद उनका सब कॉन्शियस माइंड इस बात को मान लेता है और वे वही काम करते हैं जो उनसे कहा जाता है।

आप खुद अपने सब कॉन्शियस माइंड का इस्तेमाल कर इससे कुछ भी करवा सकते हैं। आप  जो भी काम करना चाहते हैं सबसे पहले अपने आप को यकीन दिलाइए कि आप वो काम कर सकते हैं। इसके बाद बचा हुआ काम आपका सब कॉन्शियस माइंड कर देगा।

अपने सब कॉन्शियस माइंड का इस्तेमाल कर आप हर मुश्किल हालात पर जीत हासिल कर सकते हैं।
एक बार एक राजा थे। उनके पास एक जादुई तलवार थी। उस तलवार को लेकर वे जब भी किसी से युद्ध करने जाते तो जीत कर ही वापस आते थे। एक दिन उनकी वो तलवार खो गई और वे निराश हो गए। उन्हें लगा कि अब वे कोई भी युद्ध नहीं जीत पाएंगे और अपनी प्रजा की हिफाजत नहीं कर पाएंगे।

उन्होंने अपने मंत्रियों को बुलाया और कहा कि जो भी उस तलवार को ढूंढ कर लाएगा उसे इनाम दिया जाएगा। दो दिन के बाद उनके एक मंत्री ने वो तलवार उन्हें ढूंढ कर दे दी। अब राजा फिर से सभी युद्ध जीतने लगा।

पाँच साल बाद राजा के एक मंत्री ने उन्हें बताया कि वो तलवार नकली है। असली तलवार तो तहखाने में मिली।

अगर वो तलवार नकली थी तो राजा नकली तलवार से सभी युद्ध कैसे जीत पाए? जादू तलवार में नहीं था, उनके सब कॉन्शियस माइंड में था। जब वे सोचते थे कि तलवार के होने से वे सभी युद्ध जीत जाएंगे तो वे जीत कर ही वापस आते थे। 

इस तरह आप अपने सब कॉन्शियस माइंड को कुछ भी यकीन दिलवा कर उसे हकीकत में बदल सकते हैं। इसका एक और अच्छा एक्ज़ाम्पल है पहले के जमाने के ईलाज करने के तरीके। पहले जब कोई बीमार होता था तो उसे विश्वास दिलाया जाता था कि भगवान उसके साथ है और वो जल्दी ही ठीक हो जाएगा। मरीज जब इस बात को मान कर सो जाते थे और कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते थे। उन्हें ठीक करने का काम उनका सब कॉन्शियस माइंड करता था।

सब कॉन्शियस माइंड की मदद से आप अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।
एक लड़के की बड़ी ख्वाहिश थी कि वो एक बैट्समैन बनकर स्टेडियम में क्रिकेट खेले। हर रात सोने से पहले वो सोचता था कि वो एक दिन बहुत बड़ा बैट्समैन बनेगा। वो एक मिडल क्लास फैमली का लड़का था जिसके परिवार वालों की सोच थी कि उसे पढ़ लिख कर एक अच्छी नौकरी करनी चाहिए। लेकिन फिर वो हर रात अपने आप को स्टेडियम के बीच खड़ा हुआ देखता था। आज उस लड़के को हम सचिन तेंदुलकर के नाम से जानते हैं।

अपने सपनों के बारे में हर रोज़ सोच कर हम उसे हकीकत में बदल सकते हैं। सफलता पाने के लिए सफलता के बारे  में सोचते रहना और पॅाज़िटिव सोच रखना ही काफी है।

अपनी सोच अच्छी रखने का एक तरीका है कि आप जलन करना छोड़ दीजिए। अगर आप किसी से ईर्ष्या करेंगे तो आपको लगेगा कि वो आप से आगे है और अंदर ही अंदर आप अपने आप को छोटा समझने लगेंगे।

 इसलिए आप इसका उल्टा सोचिए। आप सोचिए कि सभी लोग आगे बढ़ें और तरक्की करें। दूसरों के बारे में अच्छा सोचने से आप ख़ुद के बारे में भी अच्छा सोच पाएंगे और अपने  सब कॉन्शियस माइंड को यकीन दिला पाएंगे कि आप सफलता हासिल कर सकते हैं।

आप सब कॉन्शियस माइंड का इस्तेमाल कर अपने शौक भी पूरे कर सकते हैं। एक्ज़ाम्पल के लिए आप एक फार्मैसिस्ट को ले लीजिए जो अपने काम से बहुत प्यार करता था और खुद की एक दवाई कि दुकान खोलना चाहता था लेकिन पैसे ना होने की वजह से वो ऐसा नहीं कर पा रहा था।

एक दिन वो एक चेन स्टोर में काम करने चला गया और खूब मेहनत से काम करने लगा। धीरे धीरे वो वहाँ का मैनेजर बन गया और उसके पास इतने पैसे हो गए कि उसने खुद की एक दवाई की दुकान खोल ली।

अपने सब कॉन्शियस माइंड के इस्तेमाल से अपने फैसले आसानी से ले सकते हैं।
क्या आप कभी कभी तय नहीं कर पाते कि आपको कोई काम करना चाहिए या नहीं? क्या कभी कभी आप दो रास्तों के बीच खड़े होते हैं और फैसला नहीं कर पाते कि किस पर चलना है? अगर हाँ तो सब कॉन्शियस माइंड इसमें आपकी मदद कर सकता है

एक बार एक महिला को किसी दूसरी कंपनी से एक नौकरी का आफर आया जहाँ उसे दोगुनी सैलरी पर  काम पर रखा जा रहा था। वो फैसला नहीं कर पा रही थी कि उसे वो नौकरी करनी चाहिए या नहीं। तो उसने ये काम अपने सब कॉन्शियस माइंड पर छोड़ दिया। 

वो महिला ध्यान कर के सो गई और अगली सुबह उसे ये लगा कि उसे वो नौकरी नहीं करनी चाहिए। कुछ महीनों बाद वो कंपनी बैंकरप्ट हो गई और बंद हो गई। इस तरह से आपका सब कॉन्शियस माइंड आपको सही रास्ता दिखा सकता है।

सब कॉन्शियस माइंड से आप अपने लिए एक अच्छा पार्टनर भी ढूँढ सकते हैं। आपका सब कॉन्शियस माइंड ये फैसला लेने में भी आपकी काफी हद तक मदद कर सकता है। आप अपने मनचाहे पार्टनर की खूबियों के बारे में सोचते रहिए। जब ऐसा कोई भी आपके सामने से गुजरेगा तो आपका सब कॉन्शियस माइंड उसे तुरंत ही पहचान लेगा ।

आपका सब कॉन्शियस माइंड खुशी ढूँढने में आपकी मदद कर सकता है।
अगर हम अपने अंदर से नेगेटिव सोच को निकाल दें तो हम आसानी से खुशी पा सकते हैं। खुश रहने के सारे तरीके आपको अपने अंदर ही मिलेंगे। बाहरी चीज़ों से आप कभी खुशी नहीं पा सकते।

एक बार एक सेल्समैन ने लेखक से सलाह माँगी। वो सेल्समैन बहुत मेहनत करता था लेकिन उसे प्रमोशन नहीं मिल रहा था। वो मन ही मन अपने बॅास को बुरा भला कहता रहता था। वो सोचता था कि उसका बॅास उससे नफरत करता था इसलिए वो उसे प्रमोशन नहीं दे रहा था।

लेखक ने उसे अपनी सोच बदलने की सलाह दी। उस सेल्समैन ने अपने बॅास के बारे में अच्छा सोचना शुरू किया और रोज उनसे उनकी सेहत के बारे में पूछता रहता था। एक दिन उसके बॅास ने उसे बुलाया और उसे सेल्स मैनेजर बना दिया। साथ ही में उसकी सैलेरी भी बढ़ा दी गई।

खुश रहना आपके हाथ में हैं। आप अच्छी सोच रखकर खुशी पा सकते हैं।

कभी कभी हम अपनी किसी गलती के लिए खुद को माफ नहीं कर पाते और अपने आप को ही सजा देते रहते हैं। अपने दुख को अपने रास्ते से हटाने के लिए हम अलग अलग रास्ते अपनाते रहते हैं और कभी कभी नशे का सहारा लेते हैं। ये आदतें दुख और बीमारियों को न्योता देती हैं। 

इनसे छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले आपको अपने आप को माफ करना होगा। आप अपने अंदर से गलत भावनाओं को और नेगेटिव सोच को बाहर निकालिए। धीरे धीरे आप देखेंगे कि आप अपने दुख से आजादी पा रहे हैं और एक अच्छी जिन्दगी की तरफ बढ़ रहे हैं।

अपने डर को मात देकर जवान रहना सीखिए।
आपने जिन्दगी में जो कुछ भी चाहा है वो आपको डर के उस पार मिल जाएगा। डर सिर्फ एक भ्रम है जो आपको सच्चाई नहीं देखने देती।

एक बार एक आदमी की सीए ( CA- Chartered Accountant ) की परीक्षा थी। परीक्षा के 25 दिन पहले वो बहुत डरने लगा कि अगर वो फेल हो गया तो क्या होगा। उसे डर लगने लगा कि अगर वो फेल हो गया तो लोग उसके बारे में क्या सोचेंगे।इसी डर की वजह से उसने फैसला किया कि वो परीक्षा नहीं देगा। 

इस पर उसके पिता ने उसे बहुत समझाया। उन्होंने कहा कि अगर वो परीक्षा दे देगा तो कम से कम वो कोशिश तो करेगा। हारना या जीतना बाद की बार हैं लेकिन हम कोशिश भी ना करें, ये तो गलत बात है। काफी समझाने पर वो लड़का मान गया और उसने फैसला किया कि वह परीक्षा देगा। उसने परीक्षा दी और वो अच्छे नंबर से पास हुआ।

अक्सर लोगों को बूढ़े हो जाने का डर रहता है। क्या आप जानते हैं बुढ़ापा किसे कहा जाता है? जब आप कुछ नया करना छोड़ देते हैं तब आप बूढ़े हो जाते हैं। अगर आप जवान रहना चाहते हैं तो आप हमेशा कुछ नया सीखते और करते रहिए।

कुछ लोग रिटायर होने के बाद घर पर बैठ जाते हैं और अपने मरने का इंतजार करने लगते हैं। उनके हिसाब से अब उनकी जिन्दगी में कुछ नहीं रह गया। उनके शरीर की ताकत खत्म हो गई है और अब बस घर पर बैठकर सोना और आराम करना ही उनकी जिन्दगी का मकसद रह गया।

जब आप ऐसा सोचने लगते हैं तब आप बूढ़े हो जाते हैं क्योंकि आपकी सोच बूढ़ी हो चुकी है। अगर आपको जवान रहना है तो आप अपनी सोच को जवान रखिए। रिटायर होने के बाद आप दुनिया घूम सकते हैं और अपने बचे हुए शौक पूरे कर सकते हैं। आप किसी भी उम्र में अपनी जिन्दगी खुशी से जी सकते हैं।

कुल मिला कर
सब कॉन्शियस  माइंड हमेशा काम करता रहता है और इसकी शक्ति का इस्तेमाल कर के आप अपने जिन्दगी के फैसलों को आसानी से ले सकते हैं। इसकी मदद से आप अपने डर पर काबू पा सकते हैं, रोगों से लड़ सकते हैं और अपने सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं।

 

डर पर काबू पाने के लिए आप ये तरीका आज़माइए।

आपको जिस भी काम से डर लगता है आप रोज सोचिए कि आप उस काम को कर रहे हैं और लोग आपको इसके लिए शाबाशी दे रहे हैं। ऐसा करने से ये बात आपके सब कॉन्शियस  माइंड में बैठ जाएगी और आप अपने डर से आजादी पा लेंगे।


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