The Little Prince

0
The Little Prince

Antoine de Saint-Exupéry
आपके पास जो भी कुछ भी है उसके जिम्मेदार आप खुद ही होते हैं

दो लफ्जों में
यह कहानी ओरिजनली फ्रेंच में लिखी गई थी जिसका बाद में इंग्लिश में ट्रांसलेशन किया गया। यह कहानी है एक छोटे से राजकुमार लिटिल प्रिंस की जो धरती पर किसी दूसरे प्लानेट से आया था। यहां कुछ ही दिन बिताकर उसने खुद तो कुछ सीखा ही साथ ही धरती के इंसानों को कई बड़ी सीख दे दी। कहानी में बताया गया है कि कैसे एक दूसरे प्लानेट का इंसान धरती के जीवों से मिलता है और कैसे वह यहां पर गुजर-बसर करता है।

यह कहानी किन के लिए है
- जो फेंटेसी बुक्स पढ़ना पसंद करते हैं
- जो लोग कहानी के अंदर छिपे हुए मोरल को जानना पसंद करते हैं

लेखक के बारे में
एंटोनी डी सेंट-एक्सुपरी एक फ्रांसीसी लेखक, कवि, अभिजात, पत्रकार और अग्रणी एविएटर थे। वह फ्रांस के कई सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कारों के विजेता बने और उन्होंने यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल बुक अवार्ड भी जीता। उन्हें उनके उपन्यास द लिटिल प्रिंस (ले पेटिट प्रिंस) सबसे ज्यादा जाना जाता है।

Chapter 1
एक बच्चा एक हाथी को निगल चुके एक बड़े सांप की ड्राइंग बनाने के अपने बचपन की कोशिशों पर चर्चा कर रहा था। सबसे पहले, उसने बाहर से पेंटिंग बनाई थी, और सभी बड़े लोग मानते हैं कि यह एक हेट है - इसलिए बच्चे ने इस तरह बनाई कि उसके पेट मे हाथी नजर आ रहा था। और इस बार बड़े लोग उसे बोआ कंस्ट्रिक्टर्स की ड्राइंग छोड़ने और अपना समय इसके बजाय ज्योग्राफी, मैथ्स, ग्रामर और हिस्ट्री जैसे सब्जेक्ट्स को देने की सलाह देने लगे । बडा़ होकर यह बच्चा पायलट बन गया था। इस पायलट का प्लेन सहारा डेज़र्ट में क्रैश हो गया था। उसके पास खाना और पानी बहुत कम बचा था इसलिए वह अपने प्लेन को सुधारने में लग गया। जब वह इंजन को सुधारने की कोशिश कर रहा था तभी अचानक से उसे पीछे से एक आवाज आई जो उसे एक भेड़ की ड्राइंग बनाने के लिए कह रही थी। पायलट ने पीछे पलट कर देखा और यह जाना कि यह आवाज लिटिल प्रिंस की थी जो कि छोटा सा राजकुमार था। यह प्रिंस दिखने में तो किसी अंग्रेज गोरे बच्चे जैसा दिखता था लेकिन उसकी आंखों में डेजर्ट में गुम होने वाले बच्चे जैसा कोई डर नहीं था।

कई कोशिशों के बाद भी जब पायलट से भेड़ की ड्राइंग नहीं बनी तो उसने एक बॉक्स की ड्राइंग बना दी और लिटिल प्रिंस से कहा कि इस बॉक्स के अंदर वैसी ही भेड़ है जैसी लिटिल प्रिंस को चाहिए थी। लिटिल प्रिंस यह ड्राइंग देखकर बहुत खुश हो गया और यह बात पायलट को बड़ी अजीब भी लगी। पायलट द्वारा बनाई गई भेड़ की ड्राइंग को लिटिल प्रिंस ने अपने पास रख लिया।

पायलट लिटिल प्रिंस से जानना चाहता था कि वह कौन था और कहां से आया था। लेकिन लिटिल प्रिंस पायलट से ही सवाल किए जा रहा था। उसने प्लेन की तरफ इशारा करके पूछा कि यह क्या था। पायलट ने जवाब देते हुए उसे बताया कि यह एक प्लेन था जिससे वह उड़ सकता था। फिर लिटिल प्रिंस ने पायलट से पूछा कि वह किस प्लेनेट से आया था। पायलट यह सवाल सुनकर चौक गया और उसने पता लगाने की कोशिश की कि आखिर लिटिल प्रिंस कौन से प्लेनेट से आया था। बातों बातों में लिटिल प्रिंस ने बताया कि वह एक ऐसे प्लेनेट से आया था जो इतना छोटा था कि तकरीबन पायलट के घर के बराबर था। जब एस्ट्रोनॉमर किसी नए प्लेनेट की खोज करते हैं तो वह उसे नाम ना देकर उसे नंबर से पहचानते हैं। पायलट को यह बात पुख्ता हो गई थी की लिटिल प्रिंस एस्ट्रॉयड B-612 से आया था जिसकी खोज एक तुर्की के एस्ट्रोनॉमर में 1909 में की थी। धीरे-धीरे करके पायलट लिटिल प्रिंस के प्लेनेट के बारे में और ज्यादा जानने लगा। उसे यह पता लगा कि बाओबाब के पेड़ उसके प्लेनेट के लिए एक बड़ा खतरा थे क्योंकि उनकी जड़ें इतनी बड़ी हुआ करती थी कि वह उनके छोटे से प्लानेट को टुकड़े-टुकड़े कर सकती थी। वह चाहता था कि जो भेड़ पायलट ने बनाई थी वह बाओबाब के सारे छोटे पौधों को खा जाए ताकि उसका प्लानेट तबाह होने से बच जाए। लिटिल प्रिंस को आश्चर्य हो रहा था कि पृथ्वी पर उसे सूर्यास्त देखने के लिए सूरज के ढलने का इंतजार करना पड़ता है। उसके प्लानेट पर, एक इंसान दिन के अंत को बस कुछ कदम आगे बढ़ कर, जब चाहे देख सकता है। यहां तक कि लिटिल प्रिंस ने एक दिन 40 सूर्यास्त देखे थे। इससे यह पता लगा कि उसका प्लानेट वाकई में कितना छोटा था।

Chapter 3
अगले प्लानेट पर उसकी मुलाकात एक फालतू इंसान से हुई जो लिटिल प्रिंस से अपने हाथों से ताली बजाने के लिए कहता है और यह ताली खुद ही बजवाकर वह समझता है कि लिटिल प्रिंसे उसकी तारीफ कर रहा है और वह खुश होकर अपनी टोपी अपने सर पर लगा लेता है ठीक वैसे ही जैसे किसी स्टेज परफॉर्मेंस के आखिर में कोई आर्टिस्ट किया करता lहै। लिटिल प्रिंस थोड़े वक्त तो यह खेल खेल कर खुश हुआ लेकिन कुछ ही वक्त में बोर भी होने लगा। फालतू आदमी ने लिटिल प्रिंस से पूछा कि क्या वाकई में वो उसकी तारीफ करता था तो लिटिल प्रिंस ने उसे बताया कि उसे तारीफ का मतलब ही नहीं पता था। फालतू आदमी ने उसे समझाया कि वह चाहता है कि लिटिल प्रिंस उससे यह कहे कि वह प्लानेट का सबसे बुद्धिमान, अच्छा दिखने वाला और धनी व्यक्ति है। लिटिल प्रिंस को उसकी यह  बात बड़ी बेतुकी लगी क्योंकि वह फालतू इंसान उस प्लानेट का एकमात्र निवासी था। उसके अलावा उस प्लानेट पर और कोई नहीं रहता था। लिटिल प्रिंस समझ नहीं आ रहा था कि क्यों कोई इंसान किसी से तारीफ पाने का भूखा होता है और क्यों उसे तारीफ से इतना फर्क पड़ता है इसलिए वह विदा हो जाता है, फिर से टिप्पणी करके कि बड़े लोग बहुत ही अजीब होते हैं।

लिटिल प्रिंस तीसरे प्लानेट का दौरा करता है, जहां उसकी एक शराबी से मुलाकात हुई। जब लिटिल प्रिंस ने शराबी से पूछा कि वह क्यों पीता है, तो शराबी ने बताया कि वह भूलने के लिए पीता है। तरस खाकर लिटिल प्रिंस ने उससे पूछा कि वह क्या भूलना चाहता था। शराबी ने जवाब दिया कि वह यह भूलने की कोशिश कर रहा है कि उसे शराब पीने में शर्म आती है। यह बहुत ही अजीब सी बात थी कि शराबी शराब पीने की शर्म को भूलने के लिए शराब पिया करता था। लिटिल प्रिंस भी कंफ्यूज हो गया था और उसने अगले प्लानेट पर जाने का फैसला कर लिया, यह देखते हुए कि बड़े लोग बहुत ही अजीब होते हैं। 

लिटिल प्रिंस चौथे प्लानेट पहुंचा जहां उसे एक बिजनेसमैन मिला जो कुछ कैलकुलेशंस कर रहा था। लिटिल प्रिंस ने उससे पूछा कि वह क्या कर रहा है लेकिन वह बिजनेसमैन अपनी कैलकुलेशंस में इतना बिजी था कि वह लिटिल प्रिंस को कोई जवाब नहीं दे रहा था। उसने लिटिल प्रिंस से कहा कि वह एक सीरियस इंसान है और उसके पास लिटिल प्रिंस के फालतू सवालों के जवाब देने का वक्त नहीं है। लेकिन लिटिल प्रिंस के बार बार पूछने पर उसने बताया कि वह तारे गिन रहा था क्योंकि वह उनका मालिक है। यह सुनकर लिटिल प्रिंस को लगा कि इस बिजनेसमैन का तर्क भी शराबी जैसा बेतुका था और वह आगे बढ़ता है, यह देखते हुए कि बड़े लोग वाकई में "अजीब" हैं।

लिटिल प्रिंस ने जिस पांचवें प्लानेट का दौरा किया वह इतना छोटा था कि उसमें बस एक स्ट्रीट लैंप था और उसे जलाने वाला एक इंसान यानी लैम्पलाइटर था। यह प्लानेट इतनी तेजी से घूमता था कि हर मिनट एक नया दिन हो जाया करता था इसलिए लेंप्लाइटर को दिनभर लैंप को जलाना और बुझाना पड़ता था। उसे लैम्पलाइटर पर तरस आया और उसे यह एहसास हुआ कि वह जितने भी लोगों से अब तक मिला था, उनमें से लैम्पलाइटर ही एकमात्र ऐसा इंसान था जिससे वह दोस्ती कर सकता था। लैम्पलाइटर सोना चाहता था और उस प्लानेट पर इतनी भी जगह नहीं थी कि लिटिल प्रिंस के रहते हैं वह लेट पाए इसलिए उसने लिटिल प्रिंसे से चले जाने के लिए कहा। लिटिल प्रिंस लैम्पलाइटर और एक ऐसे प्लानेट को छोड़ने के लिए दुखी होता है जिसमें हर चौबीस घंटे में 1,440 सूर्यास्त होते हैं। लिटिल प्रिंस लैम्पलाइटर को सभी बड़ों में सबसे कम हंसी का पात्र मानता है क्योंकि वह खुद के अलावा कुछ और भी सोचता था।

लिटिल प्रिंस छठे प्लेनेट पर गया जहां पर उसकी मुलाकात एक ज्योग्राफर से हुई एक ऐसा इंसान

जो सभी समुद्रों, पहाड़ों, शहरों और रेगिस्तानों की जगह जानता हो। ज्योग्राफर ने लिटिल प्रिंस से उसके प्लेनेट के बारे में पूछा। जब लिटिल प्रिंस ने उसे अपने प्लानेट के बारे में बताया तो ज्योग्राफर ने बताया कि गुलाब बहुत नाजुक होते हैं और उसका गुलाब कभी भी गायब हो सकता था। यह जानकर लिटिल प्रिंस चौक गया कि उसका गुलाब इतने खतरे में हैं और उसे अपने गुलाब को अकेला छोड़ कर आने पर अफसोस और पछतावा हुआ। उसने ज्योग्राफर से पूछा कि उसे आगे कहां जाना चाहिए और ज्योग्राफर ने उसे पृथ्वी जाने की सलाह दी क्योंकि उसकी अच्छी खासी रेपुटेशन थी। यह सलाह मानकर वह पृथ्वी के लिए निकल गया।

Chapter 4
अब लिटिल प्रिंस पृथ्वी पर आ गया था जहां पर लगभग दो अरब बड़े लोग हैं: सैकड़ों राजा, हजारों  ज्योग्राफर, सैकड़ों हजारों बिज़नेस मैन और लाखों शराबी और फालतू आदमी। बिजली के इजाद से पहले, पृथ्वी के पास भी तकरीबन 462,511 लैम्पलाइटर भी थे। जब लिटिल प्रिंस पृथ्वी पर आया तो वह हैरान रह गया कि यहां तो कोई इंसान थे ही नहीं। तभी उसे रास्ते में एक साँप मिला। उस सांप ने उसे बताया कि यह एक अफ्रीकी रेगिस्तान है इसलिए यहां पर इंसान नहीं है।

साँप ने लिटिल प्रिंस से कहा कि वह उसे डस कर उसे एक पल में स्वर्ग पहुंचा सकता था लेकिन उसने फैसला किया था कि वह इस मासूम लिटिल प्रिंस को नहीं मारेगा। 

चलते-चलते लिटिल प्रिंस को एक रोड मिला जो उसे एक गुलाबों के बाग की ओर ले गया। बाग में इतने सारे गुलाब देखकर लिटिल प्रिंस को एहसास हुआ कि यह तो बिल्कुल उसके प्लानेट वाले गुलाब की तरह दिखते हैं और उसके गुलाब ने उससे झूठ कहा था कि वह सबसे अलग है। पृथ्वी का विशाल रूप देखकर लिटिल प्रिंस को लगने लगा कि वह बिल्कुल अच्छा प्रिंस नहीं था क्योंकि उसके प्लानेट पर तो सिर्फ तीन ज्वालामुखी और एक गुलाब ही था। वह घास में लेट गया और रोने लगा।

जब लिटिल प्रिंस बाग में रो रहा था तब वह एक लोमड़ी से मिला जिसने उसे सिखाया कि दूसरों के साथ रिश्ते कैसे कायम किए जाते हैं। उसने उसे यह अहसास दिलाया कि भले ही उसका गुलाब बाकी के दूसरे गुलाबों की तरह ही दिखता हो लेकिन वह जो उससे प्यार करता था और ख्याल रखता था उस वजह से वह गुलाब दूसरों की तरह होकर भी खास था।

लिटिल प्रिंस ने अपना सफर जारी रखा और वह एक रेलवे स्विच मैन से मिला यानी एक ऐसा इंसान जो ट्रेन को एक पटरी से दूसरी पटरी पर डालता था। स्विच मैन ने लिटिल प्रिंस को बताया कि ट्रेन लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करती है। और उसने यह भी बताया कि इंसान जहां भी रहे वहाँ कभी भी खुश नहीं रहता। उसने यह भी बताया कि सिर्फ बच्चे ही हैं जो हमेशा खुश रहते हैं और काफी लकी भी होते हैं।

लिटिल प्रिंस की है पूरी कहानी खत्म होते होते आठ दिन बीत चुके थे। पायलट के पास अब जरा सा भी पानी नहीं बचा था और वह दोनों अब काफी प्यासे हो गए थे। वह दोनों रेगिस्तान में पानी ढूंढने के लिए निकल गए। चलते चलते रात हो गई लेकिन उन्हें कोई पानी का कुआं नहीं मिला। लिटिल प्रिंस सो गया और पायलट उसे बड़े प्यार से गोद में लेकर पानी की तलाश में चलता रहा। अगले दिन उन्हें वह कुआं मिल गया जिसकी उन्हें तलाश थी।

पानी पीकर पायलट को बहुत ही आराम महसूस हुआ। जैसे-जैसे पानी का एक-एक कतरा उसके गले से उतर रहा था उसे आराम मिलता जा रहा था। पायलट और लिटिल प्रिंस इस बात से सहमत थे कि पृथ्वी पर लोग उन चीजों की दृष्टि खो देते हैं जिनकी वे तलाश कर रहे हैं। पृथ्वी पर लोग पाँच हज़ार गुलाब तब उगाते हैं जब उन्हें एक गुलाब या पानी की एक बूंद में ही वह मिल जाता है जो वे वास्तव में चाहते हैं। लिटिल प्रिंस कहता है कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोग अपने दिल के बजाय अपनी आंखों से देखते हैं।

लिटिल प्रिंस ने पायलट को बताया कि कल उसकी पृथ्वी पर आने की सालगिरह थी यानी उसे पृथ्वी पर आए हुए 1 साल पूरा होने वाला था। उसने पायलट से अपना विमान ठीक कर कर अगले दिन इसी जगह पर मिलने का कहा और पायलट अपना विमान ठीक करने के लिए चला गया।

अगले दिन जब पायलट विमान ठीक कर कर लिटिल प्रिंस के पास लौटा तो उसने देखा कि लिटिल प्रिंस एक खंडहर की दीवार पर बैठा था। लिटिल प्रिंस एनिवर्सरी की शाम की तैयारियों के बारे में किसी ऐसे इंसान से चर्चा कर रहा था जो कि दिख नहीं रहा था। बातों बातों में कुछ ज़हर की भी बात का जिक्र आया। लिटिल प्रिंस ने अपने ना दिखने वाले साथी से कहा कि वह वहां से चला जाए ताकि वह उस दीवार से नीचे उतर सके। जब पायलट में नीचे देखा तो उसे वहां पर साँप दिखाई दिया। यह वही साँप था जिसने लिटिल प्रिंस का पृथ्वी पर सबसे पहले स्वागत किया था। पायलट ने गन निकाली लेकिन साँप भाग गया। उसने लिटिल प्रिंस को देखा जो डर के मारे पीला पड़ रहा था। लिटिल प्रिंस ने पायलट को एयरप्लेन ठीक कर लेने की बधाई दी। पायलट ने बड़ी हैरानी से पूछा कि लिटिल प्रिंस को यह कैसे पता चला कि उसने एयरप्लेन सुधार लिया था। लिटिल प्रिंस ने सिर्फ इतना कहा कि वह बहुत लंबे और कई ज्यादा कठिन सफर पर जा रहा है।

वह पायलट को सांत्वना देता है कि सब कुछ ठीक है और उसे अपने प्लेनेट लौट जाना चाहिए क्योंकि उसके गुलाब को उसकी जरूरत थी। उसने पायलट से उसे अकेला छोड़ देने के लिए कहा। पायलट ने उसे इस हाल में अकेला छोड़ने से इनकार कर दिया। उसने पायलट से कुछ बातें की। उसने पायलट को तारों की तरफ इशारा करके बताया कि अब यह तारे पायलट के लिए बहुत ज्यादा खास हो जाएंगे क्योंकि वह इन तारों में रहने वाले एक शख्स को जानता था। यह बातें करके वह खुद भी इमोशनल हो गया और रोने लगा। फिर उसने सांप को खुद को काट लेने दिया और धीरे से रेत पर गिर गया। इतने धीरे कि उसके गिरने की आवाज भी मालूम नहीं हुई।

छह साल बाद, पायलट अपने दोस्त की किस्मत के बारे में सोच रहा था। उसे यकीन था कि उसका दोस्त वापस अपने प्लानेट एस्ट्रॉयड B-612 पहुंच गया था क्योंकि लिटिल प्रिंस को सांप के काट लेने के बाद, अगली सुबह उसे लिटिल प्रिंस की डेड बॉडी रेगिस्तान में नहीं मिली थी। पायलट के दोस्त उसे वापस अपने पास पाकर खुश थे और पायलट अब जब भी तारों की तरफ देखता था तो उसे छोटी-छोटी घंटियों की मधुर सी धुन सुनाई देती थी। बस उसे एक ही बात की फिक्र थी कि कहीं उस की बनाई हुई भेड़ लिटिल प्रिंस के गुलाब को ना खा जाए।

“. . . सिर्फ दिल से ही साफ तौर से देखा जा सकता है। आंखों को कुछ भी जरूरी चीज दिखती ही नहीं है . . .
जो वक्त आपने अपने गुलाब पर लगाया है वही वक्त आपके गुलाब को आपके लिए इतना खास और इतना जरूरी बनाया है। . . . आपके पास जो भी कुछ भी है उसके जिम्मेदार आप खुद ही होते हैं। आपने जिस रिश्ते को संजोया है उसके जिम्मेदार भी आप ही हैं। आप खुद ही अपने गुलाब के लिए जिम्मेदार हैं. . . ।"

 

येबुक एप पर आप सुन रहे थे The Little Prince by Antoine de Saint-Exupéry

 

ये समरी आप को कैसी लगी हमें yebook.in@gmail.com  पर ईमेल करके ज़रूर बताइये.

आप और कौनसी समरी सुनना चाहते हैं ये भी बताएं. हम आप की बताई गई समरी एड करने की पूरी कोशिश करेंगे.

अगर आप का कोई सवाल, सुझाव या समस्या हो तो वो भी हमें ईमेल करके ज़रूर बताएं.

और गूगल प्ले स्टोर पर ५ स्टार रेटिंग दे कर अपना प्यार बनाएं रखें.

Keep reading, keep learning, keep growing.


Post a Comment

0Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Post a Comment (0)

YEAR WISE BOOKS

Indeals

BAMS PDFS

How to download

Adsterra referal

Top post

marrow

Adsterra banner

Facebook

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Accept !