The Fixer

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The Fixer

Bradley Tusk
स्टार्ट अप्स को राजनीति की बीमारी से मरने से बचाइए।

दो लफ्जों में
द फिक्सर ( The Fixer ) हमें बताती है कि बिजनेस में राजनीति किस तरह से समस्या बनकर आ सकती है और किस तरह से आप इस समस्या से लड़ सकते हैं। बहुत से लोगों को लगता है कि बिजनेस में सिर्फ एक प्रोडक्ट को बनाकर उसे बेचा जाता है। लेकिन यह किताब बिजनेस में आने वाली उस अनजान समस्या के बारे में बात करती है जिसे लोग समय रहते नहीं समझ पाते हैं - राजनीति।

यह किसके लिए है
-वे जो एक आन्त्रप्रिन्योर हैं और अपने बिजनेस को राजनीति से बचाना चाहते हैं।
-वे जो बिजनेस में राजनीति के महत्व को समझना चाहते हैं।
-वे जो ऊबर और उसके रास्ते में आई समस्याओं के बारे में जानना चाहते हैं।

लेखक के बारे में
ब्रैड्ली टस्क ( Bradley Tusk ) अमेरिका के एक बिजनेसमैन हैं। वे एक वेंचर कैपिटलिस्ट, फिलैन्ट्रोफिस्ट और पालिटिकल स्ट्रैटेजिस्ट भी हैं। वे अपनी किताब "द फिक्सर"के लिए जानें जाते हैं और स्टार्ट अप्स को राजनीति में पिसने से बचाते हैं।

यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए
मार्केट में जब भी एक बदलाव आता है, तो लोग उस बदलाव को खत्म कर के पुराने तरीकों को वापस लाने की पूरी कोशिश करते हैं। लोगों को बदलाव नहीं पसंद है जिस वजह से वे नई टेक्नोलॉजी वाली कंपनियों का विरोध हमेशा करते रहते हैं। जनता के प्रेशर में आकर बहुत से नेता ऐसी पालिसी निकालते हैं जिससे इन नई कंपनियों को काम करने में समस्या हो और वो खत्म हो जाएं।

यह किताब हमें ब्रैडली टस्क के कामों के बारे में बताती है। यह किताब बताती है कि किस तरह से टस्क ने अलग अलग कंपनियों के साथ काम कर के उन्हें इन राजनीतिक समस्याओं से बाहर निकाला है। साथ ही यह किताब बताती है कि किस तरह से आप खुद को इस तरह की समस्याओं से बाहर निकाल सकते हैं। इस किताब की मदद से आप बिजनेस में राजनीति की समस्या को अच्छे से समझ पाएंगे, जो कि एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में कोई भी बात नहीं करता है।

 

-नेताओं को आप अपनी उंगलियों पर कैसे नचा सकते हैं।

-ऊबर को अपने शुरुआती दिनों में कौन कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ा था।

-ब्रैडली टस्क स्टार्ट अप्स को बचाने का काम किस तरह से करते हैं।

टस्क ने अपने शुरुआती दिनों में ही राजनेताओं को खुश करने का तरीका जान लिया था।
नेताओं को हर वक्त सिर्फ दो चीजों की जरूरत होती है - हर वक्त सबका ध्यान खींचें रखना और हर वक्त लोगों से अपनी तारीफे सुनते रहना। अगर आपको उन्हें खुश करना है, तो आपको उन्हें यह बताते रहना होगा कि उनका आइडिया बहुत अच्छा है। साथ ही आपको ऐसे काम करने होंगे जिससे सबका ध्यान उनपर जाए और जनता में उनका सपोर्ट बढ़े।

1980 के दशक में टस्क हेन्री स्टर्न के लिए काम करते थे जो कि न्यूयॉर्क शहर के काउंसिल मेंबर और शहर के पार्क के कमिशनर थे। टस्क ने हन्री की तरफ मीडिया का ध्यान खींचने के लिए बहुत से काम किए। जैसे एक बार जब उन्हें पार्क में पेड़ों के काटे जाने पर आवाज उठानी थी, तो उन्होंने "हत्या किए गए पेड़ों का अंतिम संस्कार" के नाम से एक नाटक निकाला। जब पार्क में नया टाइलेट बनाया जाता था, तो टस्क मीडिया को बुलाकर रिबन की बजाय उनसे टाइलेट पेपर कटवाते थे।

इसके बाद टस्क ने चक स्चूमर के लिए काम करना शुरू किया जो कि कम्युनिकेशंस डाइरेक्टर थे। स्चूमर को व्यस्त रहने का दिखावा करना पसंद था। वे यह जानते थे कि जब जनता यह देखेगी कि वे कितने व्यस्त हैं, तो वो सोचेगी कि वे बहुत मेहनत करते हैं। लेकिन क्योंकि वो अभी एक जूनियर नेता थे, उनके पास करने के लिए कुछ ज्यादा काम नहीं था।

इसलिए टस्क और उनकी टीम स्चूमर को व्यस्त दिखाने के तरीके खोजती रहती थी। एक बार वे यह दिखा रहे थे कि स्चूमर जनरल इलेक्ट्रिक्स को गाड़ी के काँच को साफ करने वाले शीशे के लिक्विड के बढ़ते दामों को लेकर चिट्ठी लिखने में कितने व्यस्त हैं। एक बार वे यह दिखा रहे थे कि स्चूमर इलेक्शन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पंच कार्ड वोटिंग मशीनों को बदलकर नए आधुनिक मशीनों से इलेक्शन करवाने की मांग कर रहे हैं।

उनके पंच कार्ड वोटिंग मशीनों को बदलने का आइडिया जल्द ही काम में आया जब 2000 के इलेक्शन में इन मशीनों को लेकर विवाद उठने लगा। अब क्योंकि स्चूमर पहले से ही इसके बारे में बात कर रहे थे, अब उन्हें मीडिया में एक एक्सपर्ट की तरह देखा जाने लगा था।

इस तरह से टस्क ने जाना कि नेताओं को खुश कैसे रखते हैं। अगर आपकी वजह से मीडिया में उनकी इमेज बेहतर बन रही है, तो वे आपको पसंद करेंगे।

राजनीतिक अभियान में आपको अपने दुश्मनों पर बेरहमी दिखाते हुए हमला करना होता है।
अगर आप ने कभी इलेक्शन के समय में नेताओं का भाषण सुना है, तो आप ने यह देखा होगा कि वे एक दूसरे पर जमकर कीचड़ उजालते हैं। माइकल ब्लूमबर्ग के साथ काम करते वक्त टस्क ने उनके विरोधियों पर हमला करने का काम किया था।

माइकल पिछले 8 सालों से मेयर थे और 2009 में वे तीसरी बार इलेक्शन लड़ने जा रहे थे। इन 8 सालों में माइकल ने टैक्स और पानी की कीमतों को बढ़ा दिया था जिससे न्यूयॉर्क शहर के लोगों को बहुत समस्या हो रही थी। उन्हें यह पता था कि उनके इस काम को लेकर बहुत से लोग उनपर कीचड़ उछालेंगे और माइकल भी लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार थे। उन दिनों उनके सबसे बड़े प्रतियोगी एन्थोनी वीनर थे, जो कि फंड इकट्ठा करने में माहिर तो थे ही, साथ ही वे एक ज्यू थे जिनका एक इटैलियन नाम था। 

टस्क ने एन्थोनी की हिम्मत तोड़ने के लिए एक अभियान निकाला। उनका मकसद था एन्थोनी को इतना डरा देना कि वो इलेक्शन से भाग जाएं। इसके लिए टस्क ने एन्थोनी की खोट निकाल कर उसे सबको दिखाना शुरू किया।

सबसे पहले टस्क की टीम को रिसर्च से यह पता लगाया कि टस्क ने आज तक सिर्फ एक बिल पास किया है - मॉडल्स को ज्यादा वीज़ा देने का बिल। साथ ही एन्थोनी ने बहुत से ऐसे मॉडल्स से डोनेशन भी ले रहे थे जिनपर कुछ संगीन आरोप लगे थे। वे अमेरिका के बाहर से भी फंड के नाम पर पैसे जमा कर रहे थे जो कि गैरकानूनी था। इन सभी बातों से एक बात निकल कर आ रही थी - एन्थोनी गैरकानूनी तरीकों से मॉडल्स से पैसे लेते थे और वे उन्हीं के फायदे के लिए काम भी करते थे। यह सारी बातें मीडिया में तेजी से फैलने लगी।

इसके अलावा टस्क ने एन्थोनी को दिखाने के लिए इलेक्शन से बहुत पहले अपनी पार्टी का प्रचार करना शुरू किया। टस्क की टीम सिर्फ एन्थोनी और उसके आस पास के घरों में जाकर वोट्स माँगते थे। वे सिर्फ एन्थोनी के घर और उसके आस पास के इलाकों में पोस्टर चिपकाते थे। साथ ही टस्क आनलाइन ऐड्स भी सिर्फ एन्थोनी के ज़िपकोड को टार्गेट करके दिखाते थे। इससे एन्थोनी को यह लगता था कि वे अभी से बहुत जोरों से इलेक्शन की तैयारी कर रहे हैं और वे उनसे कभी नहीं जीत पाएंगे। लेकिन असल में टस्क सिर्फ उनके आस के इलाकों में ऐड कर के उन्हें धमकाने की साजिश किया करते थे।

इन सभी चीजों से एन्थोनी का आत्मविश्वास टूट गया और उन्होंने इलेक्शन ना लड़ने का फैसला किया। टस्क ने उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया। माइकल तीसरी बार इलेक्शन जीत गए और वे टस्क के काम से बहुत खुश हुए। उन्होंने टस्क को $234,000 टैक्स काटकर दिए। इन पैसों की मदद से टस्क ने खुद की पालिटिकल स्ट्रैटेजी कंसल्टेंसी खोल ली, जहाँ वे लोगों को राजनीति से संबंधित सलाह देते थे। शुरुआत में कुछ खास कामयाबी तो नहीं मिली, लेकिन जल्द ही टस्क ने एक ट्रांस्पोर्टेशन कंपनी के साथ मिलकर काम करना शुरू किया।

टस्क ने वाशिंगटन डीसी में ऊबर पर से बैन हटाने में उसकी मदद की।
ऊबर का नाम तो आप ने सुना ही होगा। ऊबर की मदद से आप घर बैठे टैक्सी बुक करते हैं, टैक्सी आपके दरवाजे तक आपको लेने आती है और जहां भी आपको जाना होता है वहाँ छोड़ देती है। ग्राहकों के लिए ऊबर एक वरदान था। उन्हें इससे बहुत फायदा हो रहा था। लेकिन कुछ लोगों को ऊबर से नफरत भी हो रही थी।

यूनियन्स ऊबर से नफरत करते थे क्योंकि वे उसके ड्राइवर्स को हड़ताल करने के लिए इकट्ठा नहीं कर पाते थे। ऊबर ड्राइवर छोटे बिजनेसमैन थे और वे आजादी से काम किया करते थे, जिस वजह से वे किसी भी हड़ताल का हिस्सा नहीं बनते थे। टैक्सी ड्राइवर्स को ऊबर ने नफरत थी क्योंकि इससे उनका रोजगार छिन गया था। वो टैक्सी ड्राइवर्स नेताओं से हर वक्त ऊबर की शिकायत करते रहते थे और उसे खत्म करने के लिए उनपर दबाव डालते रहते थे। इस वजह से नेताओं को भी ऊबर से नफरत थी।

वाशिंगटन डीसी में टैक्सी कमिशनर और टैक्सी इंडस्ट्री की माँग पर एक नेता ने एक नियम निकाला जिससे ऊबर एक तरह से बैन हो गया। बैन होने के बाद ऊबर ने टस्क से मदद माँगी।

टस्क को नेताओं की प्रवृत्ति के बारे में अच्छे से पता था। वे जानते थे कि नेता लोग पब्लिक पालिसी को देखते हुए काम नहीं करते हैं, बल्कि वे पब्लिक में अपनी इमेज को देखते हुए काम करते हैं। जब वे यह देखते हैं कि उनके किसी काम की वजह से पब्लिक में उनकी इमेज खराब हो रही है और उनके वोटर्स उनके खिलाफ हो रहे हैं, तो वे लोग उस काम को नहीं करते हैं। इसलिए टस्क ने मीडिया में लोगों को ऊबर को हीरो और टैक्सी इंडस्ट्री को विलन की तरह दिखाना शुरू किया। 

टस्क ने मीडिया में यह खबर फैलाई कि डीसी के नेता यातायात की कीमतों को जानबूझकर ज्यादा रखते हैं ताकि वे टैक्सी इंडस्ट्री को बचा सकें। उन्होंने बताया कि टैक्सी ड्राइवर्स से नेताओं को बहुत से वोट जाते हैं और इसलिए वे अपना वोट बैंक बचाने के लिए टैक्सी इंडस्ट्री को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसीलिए उन्होंने ऊबर को बैन कर के रखा है।

इसके बाद ऊबर ने अपने यूजर्स से अपील की कि वे नेताओं को कान्टैक्ट कर के ऊबर पर से बैन हटाने की माँग करें। लोगों ने नेताओं को कुछ 40,000 ट्वीट और 50,000 ईमेल सिर्फ कुछ दिनों में भेजे। पब्लिक को गुस्सा होते हुए देखकर नेताओं ने टैक्सी ड्राइवर्स का साथ छोड़ा ऊबर पर से बैन हटा दिया।

हर नेता को अपने वोट बैंक की चिंता होती है। अगर आप पब्लिक में यह दिखा सकें कि उनके किसी काम की वजह से उनकी बहुत बदनामी हो रही है और जनता उनके खिलाफ हो रही है, तो आप उनसे कुछ भी करवा सकते हैं। टस्क ने यहाँ पर कुछ ऐसा ही किया जिससे ऊबर के ऊपर से बैन हट गया।

न्यूयॉर्क के मेयर ने ऊबर की ग्रोथ पर रोक लगाने की कोशिश की, लेकिन टस्क ने मेयर को अपने इरादे बदलने पर मजबूर कर दिया।
अमेरिका में एक कहावत है - अगर आप न्यूयॉर्क में कामयाब हो जाएंगे, तो आप हर जगह कामयाब हो जाएंगे। न्यूयॉर्क एक बहुत बड़ा और बहुत अहम शहर है और यहां पर जो कंपनियां कामयाब होती है, उनकी इमेज पूरे अमेरिका में मशहूर हो जाती है। इस वजह से जो कंपनियों न्यूयॉर्क में कामयाब हो गईं, वो हर जगह कामयाब हो जाती हैं।

लेकिन न्यूयॉर्क के मेयर बिल डी ब्लासियो ने एक नियम लागू कर दिया जिससे ऊबर साल भर में सिर्फ 1% ही ग्रो कर सकता था। इस नियम से ऊबर बरबाद हो जाता और फिर वो कहीं भी कामयाब नहीं हो पाता। इसलिए टस्क ने डी ब्लासियो का मन बदलने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए।

टस्क को पता लगा कि मेयर खुद को शहर के गरीब और निचले इनकम के दर्जे वाले लोगों का मसीहा बताते थे। अपने अभियानों में वे उनके ही फायदे की बात करते थे। लेकिन ऊबर से इन्हीं निचले इनकम के दर्जे वाले लोगों का फायदा हो रहा था। जिनके पास गाड़ी थी, वे ऊबर के साथ जुड़कर अच्छे पैसे कमा लेते थे और जिनके पास गाड़ी नहीं थी, उन्हें सस्ते में यातायात के साधन मिल जाते थे। लेकिन जब ऊबर के ऊपर रोक लगा दी गई, तो इन्हीं लोगों को परेशानी हो रही थी। इस तरह से टस्क ने मेयर का दोमुँहा चेहरा जनता के सामने लाने की कोशिश की।

इसके बाद टस्क ने जनता को यह दिखाना शुरू किया कि मेयर सिर्फ अपने फायदे के लिए काम करते हैं। टैक्सी ड्राइवर मेयर के दूसरे सबसे बड़े वोट बैंक थे और ऊबर की ग्रोथ पर रोक लगाने वाला नियम भी टैक्सी इंडस्ट्री ने ही लिखा था। मेयर असल में टैक्सी इंडस्ट्री के इशारों पर नाच रहे थे क्योंकि उनके अपने वोट्स की पड़ी थी। टैक्सी इंडस्ट्री में बहुत सारा पैसा था और ऊबर के आ जाने से वो पैसा खत्म हो रहा था। इस वजह से मेयर की पोजीशन कमजोर हो रही थी। अपनी पोजीशन बचाने के लिए मेयर ने ऊबर पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए थे। इस तरह की खबरें टस्क ने मीडिया में फैलाईं।

इसके बाद ऊबर ने फिर से अपने ऐप की मदद से अपने यूजर्स ने अपील की कि वे मेयर को कान्टैक्ट कर के अपनी माँग उनके सामने रखें। एक हफ्ते में मेयर के पास लगभग 250,000 ईमेल और ट्वीट पहुंचे।

जब मेयर ने देखा कि जनता में उनका सपोर्ट खत्म हो रहा है, तो उन्होंने ऊबर पर लगाए गए नियमों को हटा दिया।

यूनियन हमेशा आजाद कान्ट्रैक्टर्स का विरोध करते हैं, जिससे स्टार्ट अप्स को परेशानी होती है।
हैंडी ( Handy ) नाम का एक प्लैटफार्म है जो लोगों को सफाई करने वाले या कुछ छोटे मोटे काम करने वालों से जोड़ता है। जिस तरह से ऊबर टैक्सी ड्राइवर्स को सवारियों से मिलाने का काम करता है, उसी तरह से हैंडी सफाई करने वाले, प्लंबर्स, रिपेयरिंग करने वाले लोगों को उनसे जोड़ने का काम करता है जिन्हें उनकी जरूरत होती है। हैंडी की खास बात यह है कि वो अपने कान्ट्रैक्टर्स को हेल्थकेयर और पेंशन जैसी सुविधाएं भी देता है।

हेल्थकेयर और पेंशन जैसी सुविधाएं देने से अमेरिका के लाखों छोटे मोटे काम करने वाले लोग एक आजाद कान्ट्रैक्टर की तरह हैंडी से जुड़ जाते और इसका फायदा लेते। इसके लिए हैंडी को मजदूरों के लिए बनाए गए नियमों से इजाजत चाहिए थी ताकि उसके आजाद कान्ट्रैक्टर को कर्मचारियों का दर्जा ना दे दिया जाए। लेकिन हैंडी के रास्ते में यूनियन और लोकतंत्र के नेता आकर खड़े हो गए।

जैसा हमने पिछले सबक में देखा, यूनियन को आजाद कान्ट्रैक्टर नहीं पसंद थे क्योंकि वे उन्हें अपने मोर्चे में शामिल नहीं कर पाते थे और ना ही उनसे मेंबरशिप फीस ले पाते थे। यूनियन अक्सर अपनी माँग से नेताओं पर दबाव डालते थे जिससे आजाद कान्ट्रैक्टर कभी अपना काम अच्छे से नहीं कर पाते थे। उन्हें या तो यूनियन के साथ मिलकर काम करना पड़ता था या फिर अपने काम से हाथ धोना पड़ता था।

टस्क और हैंडी ने SEIU 32BJ  से लड़ने का फैसला किया। SEIU 32BJ सिक्योरिटी गार्ड और सफाई करने वालों का एक यूनियन था। इसके प्रेसिडेंट का नाम हेक्टर फिगुएरा था जो कि जल्दी ही फिर से इलेक्शन लड़ने वाले थे। इलेक्शन में फिर से जीतने के लिए हेक्टर को यूनियन का साथ पूरी तरह से देना था और हर उस इंसान के खिलाफ लड़ाई लड़नी थी जो कि आजाद कान्ट्रैक्टर की तरह काम करने की कोशिश कर रहा था।

जब टस्क ने स्टेट के गवर्नर एंड्र्यू कूमो ( Andrew Cuomo ) से बात की तो उन्हें पता लगा कि एंड्र्यू SEIU 32BJ के खिलाफ जाकर कोई भी काम नहीं करना चाहते थे। वे हैंडी के प्रस्ताव के फायदे को समझ रहे थे लेकिन वो SEIU 32BJ को गुस्सा नहीं दिलाना चाहते थे, जिस वजह से टस्क को यह लड़ाई हारनी पड़ी। लेकिन फिर भी वे अलग अलग तरह से लड़  कर अपने काम को पूरा करवाने की कोशिश करते रहे।

राजनीतिक बातों में आपको भले कोई दिलचस्पी ना हो, लेकिन राजनीति को कभी कभी आपको बर्बाद करने में दिलचस्पी हो सकती है।
डेली फैंटसी स्पोर्ट्स गेम आजकल एक बहुत बड़ा बिजनेस बन गया है। इसमें आप फुटबाल या हाकी जैसे दूसरे खेलों में अपने मनपसंद खिलाड़ी या टीम पर पैसे लगाते हैं। अगर आपकी टीम गेम में जीत जाती है, तो आप भी पैसे जीतते हैं। लेकिन अगर वो हार जाती है, तो आपके पैसे डूब जाते हैं। यह एक नए तरह का जूआ है, जो आनलाइन खेला जाता है।

इस मार्केट में दो कंपनियां थीं जो 2014 और 2015 में एक दूसरे से जमकर प्रतियोगिता कर रहीं थीं - फैनडूएल ( FanDuel ) और ड्राफ्टकिंग्स ( DraftKings )। इन दोनों कंपनियों में हर खेल पर करोड़ों डॉलर इंवेस्टमेंट के लगाए जाते थे। यह दोनों कंपनियां एक दूसरे से लड़ने में इतनी व्यस्त थीं कि वे यह देखना भूल गईं कि एक शिकारी है जो दोनों पर हमला बोलने की ताक में बैठा हुआ है - कसीनो।

कसीनो के स्टेट गवर्नमेंट, नेताओं और वकीलों के साथ बहुत अच्छे संबंध थे। जब कसीनो इंडस्ट्री ने डेली फैंटनी स्पोर्ट्स गेम को मार्केट पर कब्जा करते हुए देखा, तो उसे यह बात पसंद नहीं आई और उसने इन्हें खत्म करने की कोशिश की। दूसरी तरफ डेली फैंटनी स्पोर्ट्स गेम की दो बड़ी कंपनियां इस खतरे से अनजान होकर आपस में ही लड़ने में व्यस्त थीं।

2015 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने यह खबर निकाली कि फैनडूएल के किसी कर्मचारी ने बेईमानी कर के किसी तरह से  $350,000 अपने नाम कर लिए हैं। यह बात कभी साबित नहीं हो पाई, लेकिन फैनडूएल की इज्जत उस एक खबर से मिट्टी में मिल चुकी थी। इस खबर के बाद अमेरिका के 39 स्टेट्स में फैनडूएल को बैन करने की कोशिशें की जानें लगीं।

यहाँ पर टस्क ने फैनडूएल के साथ काम करना शुरू किया। टस्क ने फैनडूएल को इस खतरे के बारे में पहले से ही आगाह किया था, लेकिन तब फैनडूएल ड्राफ्टकिंग्स से लड़ने में व्यस्त था। यहाँ भी टस्क ने जनता को सरकार के खिलाफ भड़काना शुरू किया ताकि वे जनता में अपने सपोर्ट को गिरते हुए देख सकें। जिस तरह से ऊबर ने अपने ऐप की मदद से अपने यूजर्स को सरकारी लोगों को कान्टैक्ट कर के शिकायत करने के लिए कहा था, उसी तरह से फैनडूएल ने भी लोगों को शिकायत करने के लिए उकसाया।

कुछ 1,50,000 लोगों ने सरकारी लोगों को कान्टैक्ट कर के शिकायत की। 2017 में फैनडूएल ने खुद को 15 स्टेट्स में से बैन होने से बचा लिया था। लेकिन अगर उन्होंने टस्क की चेतावनी पर पहले ध्यान दिया होता तो वे खुद को इस खतरे के लिए पहले से तैयार कर पाते।

कुछ खास तरीकों का इस्तेमाल कर के आप सरकार से अपनी बात मनवा सकते हैं।
सरकार में बिजनेस करने के कुछ नियम बनाए गए हैं। अगर आपको अपना एक बिजनेस शुरू करना है, तो आपको उन नियमों को मानना होगा। लेकिन समय समय पर कुछ ऐसा कंपनियां आती हैं जो इन पुराने नियमों को तोड़कर कुछ नया करने की कोशिश करती हैं। ऐसे में उन्हें सरकार के विरोध का सामना करना पड़ता है।

कुछ ऐसा ही हुआ लेमोनेड के साथ। लेमोनेड एक नई इंश्योरेंस कंपनी थी जो कि पूरी तरह से आनलाइन थी। उसमें आप आसानी से साइनअप कर सकते हैं, उसकी कीमतें कम हैं और उसमें से सिर्फ 3 सेकेंड में आप अपने पैसों को निकाल सकते हैं। इसके अलावा लेमोनेड के काम करने का तरीका भी दूसरी इंश्योरेंस कंपनियों से काफी अलग था।

लेमोनेड अपने सारे ग्राहकों के पैसे को इकट्ठा कर के रखती है। इस पैसे में से वो अपने खर्चे को पहले निकाल लेती है। इसके बाद जो भी पैसे बचते हैं, उनसे ग्राहकों के क्लेम की भरपाई की जाती है। अगर अंत में क्लेम चुकाने के बाद भी कंपनी के पास कुछ पैसे बच जाते हैं, तो वो उसे अपने पास नहीं रखती बल्कि ग्राहकों में ही बाँट देती है। आसान शब्दों लेमोनेड जिस तरह की सर्विस लोगों को दे रही थी, उससे पूरी इंश्योरेंस इंडस्ट्री का चेहरा बदलने वाला था।

लेकिन न्यू यॉर्क का फाइनैंशियल सर्विस डिपार्टमेंट ( DFS ) लेमोनेड को इंश्योरेंस का लाइसेंस नहीं दे रहा था। उनके हिसाब से लेमोनेड कुछ ज्यादा ही अलग तरह से काम करने की कोशिश कर रही थी और वो उनके सारे नियमों को नहीं अपना रही थी। इसलिए लेमोनेड ने टस्क से मदद माँगी।

टस्क को पता था कि बातचीत करने से कुछ भी नहीं होगा। इसलिए उन्होंने स्टेट गवर्नर एंड्र्यू कूमो पर प्रेशर बनाने के तरीकों के बारे में सोचना शुरू किया। उन्होंने कूमो को यह दिखाना शुरू किया कि अगर वे उनकी बात नहीं मानेंगे, तो उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

मीडिया में किसी भी कहानी का हीरो बनने के लिए आपके पास कुछ चीजें होनी चाहिए - एक कहानी जिसपर लोग यकीन कर सकें, अच्छे लोगों के साथ कनेक्शन और उनका सपोर्ट, ऐड्स पर खर्च करने के लिए पैसे और एक अच्छी नीयत। लेमोनेड के पास यह सब कुछ था।

टस्क ने मीडिया में यह खबर फैलाई कि न्यूयॉर्क शहर की सरकार अपने बिजनेस को बचाने की इतनी कोशिश कर रही है कि लेमोनेड जैसी नायाब कंपनी को न्यूयॉर्क छोड़कर लंदन में अपना बसेरा करना होगा। साथ ही टस्क की रिसर्च टीम ने पता लगा लिया कि कूमो को इंश्योरेंस इंडस्ट्री से बहुत सारे लोगों ने डोनोशन दिया था और इसलिए कूमो अपने लोगों को बचाने के लिए लेमोनेड को मार्केट में उतरने से रोक रहे थे। इसके अलावा टस्क ने शहर के सारे वेंचर कैपिटलिस्ट को चिट्ठी लिखकर भेजी और उनसे गुजारिश की कि वे लेमोनेड जैसी अच्छी कंपनियों की मार्केट में उतरने में मदद करें।

इसके बाद भी टस्क ने देखा कि DFS के लोग कुछ फैसला नहीं ले रहे हैं। टस्क ने उन्हें एक आखिरी चेतावनी दी - या तो वे कल तक लेमोनेड को लाइसेंस देंगे, या फिर अगले दिन उनका सारा कच्चा-चिठ्ठा जनता के सामने जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर वे लेमोनेड को लाइसेंस नहीं देंगे तो वे अखबारों में न्यूज़ निकला देंगे कि ग्राहकों का भला चाहने वाली लेमोनेड जैसी कंपनी को गवर्नर ने पास नहीं किया जिसकी वजह से लेमोनेड को न्यूयॉर्क शहर छोड़कर जाना पड़ा।

इस खबर से गवर्नर का जनता में सपोर्ट पूरी तरह से खत्म हो जाता। कुछ ही दिनों के बाद वे मान गए और उन्होंने लेमोनेड को लाइसेंस दे दिया।

टस्क को प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में काम करने का मौका मिला था, लेकिन वह उनके हाथ से निकल गया।
2016 में अमेरिका में प्रेसिडेंट के चुनाव के लिए इलेक्शन हुए थे। इस समय माइकल ब्लूमबर्ग नाम के एक व्यक्ति थे जो कि इलेक्शन में प्रेसिडेंट बनने के लिए लड़ सकते थे। डोनाल्ड ट्रंप और हिलरी क्लिंटन पहले से इलेक्शन में थे और जनता को दोनों पर ही कम भरोसा था। ब्लूमबर्ग किसी भी पार्टी से नहीं जुड़े हुए थे और आजाद प्रतिनिधि की तरह इलेक्शन लड़ने जा रहे थे।

टस्क ने ब्लूमबर्ग की मदद करने के लिए अपने बिजनेस से कुछ समय की छुट्टी ले ली। ब्लूमबर्ग का इलेक्शन में जीत पाना तो मुश्किल था, लेकिन टस्क के पास कुछ दूसरे प्लान थे जिनकी मदद से वे ब्लूमबर्ग को वाइट हाउस तक पहुँचा सकते। इसके लिए उन्हें ब्लूमबर्ग को इतनी सीटों पर जिताना था कि किसी को भी बहुमत ना मिल सके। अगर ऐसा हो गया तो हाउस ऑफ रिप्रेसेंटेटिव को एक प्रेसिडेंट चुनना पड़ता और वहाँ पर ब्लूमबर्ग अपने लिए वोट्स पा सकते थे।

टस्क ने ब्लूमबर्ग का प्रचार करने के लिए कुछ अलग तरीके अपनाए। उन्होंने ऊबर से माँग की - अगर इलेक्शन के समय वे उनके हर ग्राहक को उनके घर से बूथ तक लेकर आने के लिए पैसे देंगे, तो क्या ऊबर अपने ऐप पर ब्लूमबर्ग के लिए एक बटन लगा सकता है? ऐसा कर के वो आसानी से पूरे अमेरिका में ब्लूमबर्ग का प्रचार कर पाते।

इसके बाद ब्लूमबर्ग को ट्रंप और क्लिंटन से अलग दिखाने के लिए भी टस्क ने एक तरीका खोज कर रखा था। वे एक ऐसा अभियान निकालते जिसमें वे बोलते कि सिर्फ एक अकेला व्यक्ति अमेरिका की सारी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता है। इसलिए ब्लूमबर्ग अगर इलेक्शन जीत गए तो वे अमेरिका को एक ऐसी टीम लाकर देंगे जो उनकी सारी समस्याएं सुलझा सकेगा। वे बिल गेट्स को शिक्षा का सेक्रेटरी, इलोन मस्क को एनर्जी का सेक्रेटरी और वैरन बुफ्फे को खजाने का सेक्रेटरी बनाएंगे।

लेकिन टस्क के यह सारे आइडियाज़ रखे के रखे रह गए क्योंकि ब्लूमबर्ग ने इलेक्शन लड़ने से इनकार कर दिया। उन्हें लग रहा था कि अगर वे इलेक्शन लड़ेंगे, तो वे क्लिंटन के जीतने की संभावना कम कर देंगे जिससे ट्रंप जीत जाएंगे। ब्लूमबर्ग नहीं चाहते थे कि ट्रंप इलेक्शन जीत जाएं और इसलिए उन्होंने इलेक्शन लड़ने से इनकार कर दिया।

टस्क को यह बात बहुत चुभ गई। उन्हें शायद पहली और आखिरी बार इतने बड़े पैमाने पर एक काम मिल रहा था और वो मौका उनके हाथ से निकल गया। जब ट्रंप इलेक्शन में जीत गए, तो टस्क को लगा कि ब्लूमबर्ग अगर इलेक्शन लड़ते तो अमेरिका को पहले से बेहतर बनाया जा सकता था। लेकिन वह मौका अब शायद उनके हाथ फिर से कभी ना लगे।

अपने स्टार्ट अप को राजनीति से बचाने के लिए आपको पहले से तैयारियां करनी चाहिए।
अगर आप सबकी तरह एक बिजनेस शुरू करने की प्लानिंत कर रहे हैं, तो आपको ज्यादा समस्या नहीं होगी। लेकिन अगर आप कुछ बहुत नया करने की कोशिश कर रहे हैं जिससे इस समय की कंपनियों को समस्या हो सकती है या फिर समाज के कुछ लोगों का रोजगार छिन सकता है, तो आपके पास राजनीति से संबंधित कुछ समस्याएं आ सकती हैं। इसलिए आपको पहले से कुछ तैयारियाँ कर लेनी चाहिए।

सबसे पहले अगर आपको यह नहीं पता है कि आपका प्रोडक्ट कानून के सारे नियमों को फालो कर रहा है, तो आपको उसे लाँच करने से पहले ही सरकारी लोगों से इजाजत माँग लेनी चाहिए। या अगर आप ने पहले से ही अपने प्रोडक्ट को मार्केट में लाँच कर दिया है, तो आप बाद में नियमों को तोड़ने के लिए माफी माँग सकते हैं।

ऊबर ने दूरसा वाला रास्ता चुना था। उसने पहले अपनी सर्विस को लाँच कर के बहुत से ग्राहकों को अपनी तरफ खींच लिया और बाद में नियमों को तोड़ने के लिए माफी मांगी। लेकिन इस रास्ते को चुनने में आपको सावधानी बरतनी चाहिए। कुछ नियमों को तोड़ने से किसी की मौत भी हो सकती है या फिर आपको जेल भी जाना पड़ सकता है। अगर ऐसा है, तो आप इस रास्ते को मत चुनिए।

इसके बाद आप यह पता करना होगा कि मुश्किल वक्त में कौन से लोग हैं ( या कौन सी चीजें हैं ) जो आपको सहारा दे सकते हैं। आपके पास कोई न कोई ऐसा हथियार होना चाहिए जिसका इस्तेमाल कर के आप सरकार से अपनी बात मनवा सकें, अब चाहे वो कोई इंसान हो जिसकी पहुंच ऊपर तक हो या फिर जनता का सपोर्ट हो।

कभी भी अकेले लड़ने की कोशिश मत कीजिए। हमेशा कुछ कैपिटलिस्ट, नेता या बड़े लोगों को अपने कान्टैक्ट में रखिए और जरूरत पड़ने पर उनसे मदद माँगने के लिए जाइए।

हर लड़ाई एक अलग तरह से लड़ी जाती है और हम आपको कभी एक ऐसी स्ट्रैटेजी नहीं दे सकते जो हर वक्त आपका साथ दे। इसलिए आपको समय और हालात को देखते हुए खुद से फैसले लेने चाहिए।

कुल मिलाकर
आपके बिजनेस से बहुत से लोगों को समस्या हो सकती है। अगर आप कुछ अलग करने की कोशिश कर रहे हैं तो आप से बहुत से लोगों को परेशानी होगी। यह सारे लोग मिलकर आपको खत्म करने के लिए गंदे खेल खेल सकते हैं। इसलिए आपको राजनीति की बातों को अच्छे से समझना होगा और उससे खुद को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे।

 

अपनी कंपनी को एक्सपैंड करने से पहले राजनीति के नियमों के बारे में जान लीजिए।

अगर आप अपनी कंपनी को दूसरी जगहों पर एक्सपैंड करने की कोशिश कर रहे हैं तो सबसे पहले उन कानूनी नियमों के बारे में जानिए जो आपको ऐसा करने से रोक सकते हैं। यह देखिए कि वो कौन कौन सी चीजें हैं जो आपके काम में रुकावट बनकर आ सकती हैं और वो कितनी बड़ी समस्या आपके लिए पैदा कर सकते हैं। इस तरह से आप खुद को उन समस्याओं के लिए तैयार कर सकते हैं।


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