The Automatic Millinaire..

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The Automatic Millionaire

David Bach
A Powerful One-Step Plan to Live and Finish Rich

दो लफ्ज़ों में 
साल 2003 में रिलीज़ हुई किताब “Automatic Millionaire” एक प्रैक्टिकल और यूज़फुल गाइड है. जो ये बताती है कि कैसे कम कमाई में भी मिलेनियर बना जा सकता है? इस किताब के ऑथर “David Bach” बताते हैं कि अगर सही फाइनेंशियल प्लानिंग की जाए तो कोई भी अमीर बन सकता है. इसी के साथ लेखक कहते हैं कि अमीर बनना उतना भी कठिन नहीं है. जितना इसे बना दिया गया है. 

ये किताब किसके लिए है? 
- ऐसा कोई भी जिसे अच्छा रिटायरमेंट चाहिए हो 
- फाइनेंशियल स्टूडेंट्स के लिए 
- ऐसा कोई भी जिसे नई चीज़ों के बारे में जानना अच्छा लगता हो 

लेखक के बारे में 
आपको बता दें कि इस किताब का लेखन “David Bach” ने किया है. ये लेखक के साथ-साथ दुनिया के जाने माने फाइनेंशियल एक्सपर्ट भी हैं. इन्होंने अपनी फाइनेंशियल महारत से कई लोगों की फाइनेंशियल पोजीशन को बेहतर किया है.

“The Automatic Millionaire” बनने के लिए बहुत ज्यादा कमाई की ज़रूरत नहीं है
आज के समय में करीब करीब हर आदमी अमीर बनना चाहता है. इसलिए ये सवाल पूछना गलत है कि कौन अमीर बनना चाहता है? इसलिए सही सवाल ये है कि क्या आपके पास पैसा कमाने का कोई शानदार रास्ता मौज़ूद है? अगर नहीं तो आपको

  इस किताब की समरी को ज़रूर सुनना और पढ़ना चाहिए. 

इस किताब की समरी की मदद से आप आसान भाषा में समझ सकते हैं कि कैसे सिम्पल स्टेप्स की मदद से करोड़ों की वेल्थ क्रिएट की जा सकती है? करोड़पति बनने के लिए आपको आज से ही अमीर होने की ज़रूरत नहीं है. अगर आज आपकी कमाई कम भी है, तो भी फ्यूचर में आप अच्छा पैसा इकट्ठा कर सकते हैं. इसके अलावा आप इसमे जानेंगे कि क्रेडिट कार्ड्स के कांसेप्ट को समझना क्यूँ ज़रूरी है और छोटे-छोटे कदमों से अमीर बना जा सकता है।

कई लोग ऐसा सोचते हैं कि आखिर $40,000 सलाना कमाई से कोई भी करोड़पति नहीं बन सकता है. लेकिन लेखक कहते हैं कि अगर आप इन पैसों का दिमाग की मदद से इस्तेमाल करें. तो आप इन पैसों की मदद से करोड़पति बन सकते हैं. 

इसके लिए आप Jim और Sue की कहानी से काफी कुछ सीख सकते हैं. इन्होंने लेखक से फाइनेंशियल सलाह ली थी. तब ऑथर को पता चला था कि जिम ने अपनी पूरी ज़िन्दगी में कभी भी 40 हज़ार डॉलर से ज्यादा की कमाई नहीं की थी. 

लेकिन फिर भी अर्ली 50 तक उनके पास $2 million से ज्यादा की नेट वर्थ थी. Jim और Sue की कहानी से आप सीख सकते हैं कि लाइफ में अमीर बनने के लिए केवल मोटी कमाई की ज़रूरत नहीं होती है. बल्कि आप अपने खर्चों को मैनेज करके और सही जगह इन्वेस्ट करते हुए भी अमीर बन सकते हैं. 

आपको पता होना चाहिए कि अमीर सोच रखने वाले कभी भी दौलत को बुरा नहीं मानते, और ना  ही दूसरे अमीर लोगों की निंदा करते हैं. लेकिन गरीब सोच रखने वाले हमेशा अमीरों की निंदा करते हैं और बुरा भला बोलते हैं. इसलिए सबसे पहले आपको अपनी सोच को बेहतर करना होगा. 

आगे ऑथर जिम की कहानी बताते हुए कहते हैं कि “52 साल के जिम मैकइंटायर (Jim McIntyre)एक यूटिलिटी कंपनी में मिडल मैनेजर थे. वो डेविड की क्लास में एक स्टूडेंट थे. एक दिन जिम ने डेविड से पूछा कि क्या वो उनकी वाइफ के साथ एक मीटिंग फिक्स कर सकते है ताकि वो उनसे उनके फाईनेंशियल सिचुएशन के बारे में कुछ डिस्कस कर सके. 

जिम अगले महीने रिटायर होने की सोच रहे थे. एक ही कंपनी में काम करते हुए उन्हें 30 साल हो चुके थे और उनकी सलाना आय कभी भी $40,000 से ज्यादा नहीं थी. 

डेविड यानि ऑथर को कभी ऐसा नहीं लगा कि जिम अमीर होंगे लेकिन फिर उन्हें अपनी दादी से सुनी हुई वो कहावत याद आई “Never judge a book by its cover”तो कुछ दिनों बाद जिम और उनकी वाइफ “सू” ऑथर के ऑफिस उनसे मिलने पहुँच गए.”

बातचीत आगे बढ़ी जिम ऑथर को अपने प्लान के बारे में बताने लगे कि वो रिटायरमेंट के बाद क्या-क्या करने वाले है? अब क्योंकि वो कम उम्र में रिटायर हो रहे थे तो डेविड जानना चाहते थे कि जिम ने क्या सोचकर ये फैसला लिया है? डेविड बोले “दोस्त, इतना आगे तक जाने की जरूरत नहीं है. ज्यादातर लोग जिनसे मैं मिला हूँ, वो अपने अर्ली 50’s में भी रिटायर होने की नहीं सोच पाते.

डेविड की बात सुनकर जिम और सू ने एक दूसरे की तरफ देखा, जिम ने कहा” तो आपको नहीं लगता कि हम लोग अमीर है? “यही तो मैं जानना चाहता हूँ कि आप खुद को अमीर कैसे बोल सकते हो?’ डेविड ने जवाब दिया. दोनों ने डेविड को अपने फाईनेंशियल डॉक्यूमेंट दिखा दिए. पहली चीज़ जो डेविड ने नोटिस की वो ये थी कि उनके ऊपर कोई कर्जा नहीं था यानी जीरो debt. मैकइंटायर कभी कोई उधार लेते ही नहीं थे. दोनों के दो बच्चे थे जो कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर चुके थे. उनके अपने दो घर भी थे. 

एक में वो लोग रहते थे जिसकी वैल्यू थी $450,000. उनका दूसरा घर एक रेंटल प्रॉपर्टी था जिसकी वैल्यू $325,000 थी. डेविड को ये भी पता चला कि उन्होंने अपने दोनों घरो का लोन भी पूरा पे कर दिया था. 

उनके रिटायरमेंट अकाउंट में जिम के पास लोन भी पूरा पे कर दिया था. उनके रिटायरमेंट अकाउंट में जिम के पास $610,000 और सू के पास $72000 का बेलेंस था, ये पैसा उनके 401 (के) अकाउंट में सेव था. साथ ही उन्होंने $160,000 के municipal bond भी ले रखे थे और इसके साथ इन दोनों के बैंक के सेविंग अकाउंट में $62,500 कैश पड़ा था. डेविड हैरान थे. 

कुल मिलाकर मैकइंटायर की नेट वर्थ $2 मिलियन के करीब पहुंचती थी. यानी वो अमीर लोग थे. उन्हें अपने इन्वेस्टमेंट पर इंटरेस्ट मिलता था और अपने रेंटल हाउस से हर साल उन्हें $26000 की कमाई होती थी. अब डेविड की समझ में आया कि क्यों जिम जल्दी रिटायर होना चाहते है.

इतनी दौलत जिम और सू नें खुद इकट्ठा की थी. उन्हें पुश्तैनी सम्पत्ति नहीं मिली थी. लेखक कहते हैं कि उन्होंने इतना पैसा कम्पाऊडिंग की मदद से कमाया है. कम्पाउन्डिंग का ज़ादू देखने के लिए अगर आप हर दिन 10 डॉलर भी अलग करें और उसमें 10 प्रतीशत का सलाना रिटर्न मिले. तो फिर आपके पास $700,000 जैसी बड़ी अमाउंट 30 सालों के अंदर इकट्ठा हो जाएगी. और यही रकम 10 साल बाद यानि 40 सालों में $2 million के आस पास हो जाएगी. 

इसलिए देर मत करिए और आज से ही Automatic millionaire बनने के सफ़र की शुरुआत कर दीजिए.

अपने आपका ख्याल रखना ज़रूरी है इसलिए किसी और को भुगतान करने से पहले अपने आपको भुगतान करें
हम सभी के पास बहुत सारे खर्च होते हैं, कुछ ऐसे खर्च होते हैं, जिन्हें हम अवॉयड नहीं कर पाते हैं. जैसे कि टैक्स, रेंट, इंश्योरेंस. अभी तक हम ये सोचते हुए आए हैं किबिना इन खर्चों को पूरा किए हुए, हम अपने लिए पैसों को अलग नहीं कर सकते हैं. लेकिन अब हमें अपनी इस मानसिकता को बदलना होगा. 

हमें इस बात को मानना होगा कि पहले ख़ुद के लिए पैसों को बचाना बहुत ज़रूरी है. इसलिए अगले महीनें के लिए बजट बनाने से पहले खुद के लिए पैसों को अलग कर लीजिएगा. 

आपको ये कदम काफी छोटा लग रहा होगा लेकिन आगे चलकर आपको यही कदम करोड़पति बनाने का काम करेगा. 

आज से ही अपने आप से वादा करिए कि रोज़ की एक घंटे की कमाई, अपने फ्यूचर के लिए अलग करेंगे. 

एवरेज़ अमेरिकन अपनी ग्रॉस इन्कम के 5 परसेंट से भी कम की सेविंग करता है. जिसका मतलब हर दिन के काम का 22 मिनट, जो कि कम है. क्योंकि आटोमेटिक मिलीनियर बनने के लिए आपको अपनी कमाई का 10 प्रतीशत सेव करना चाहिए. 

लेकिन आपको इस 10 परसेंट को सेव करने के लिए साल के अंत का इंतज़ार नहीं करना है. बल्कि हर पे-चेक से अपने फ्यूचर के लिए पैसों को अलग कर लेना है.  35 सालों तक लगातार रोज़ के 14 डॉलर बचाइए और उसे सही जगह इन्वेस्ट करने से 10 परसेंट का रिटर्न मिलेगा ही, जिससे आपके पास $1.6 million! का पहाड़ खड़ा हो जाएगा. 

ऑटोमेटिक मिलेनियर बनने के लिए सेविंग अकाउंट में ऑटोमेटिक पेमेंट सेटअप करिए
चलिए जिम और सू मैकइंटायर की कहानी पर एक नज़र फिर से डालने की कोशिश करते हैं. इन्होंने ठीक ठाक कमाई के बावज़ूद मिलेनियर तक का सफ़र तय किया था. इनकी सफलता के कई राज़ हैं. लेकिन सबसे बड़ा रीज़न इनका बजटिंग है. 

एक सिम्पल सा रूल याद रखना चाहिए कि इंसान को बहुत ज्यादा डिसीप्लीन के भरोसे भी नहीं बैठना चाहिए. इंसानी फितरत ही बंदीशों को ज्यादा पसंद नहीं करती है. 

इसलिए जिम और सू ने फ्यूचर की बजटिंग को अपने हिसाब से अरेंज किया था. सबसे पहले तो उन्होंने अपने सेविंग अकाउंट को ऐसे सेट करवा दिया था कि महीनें की शुरुआत में ही सबसे पहले उनके फ्यूचर के लिए पैसे अलग से इन्वेस्ट हो जाया करते थे. आज के समय में आप भी ऐसा एस.आई.पी की मदद से कर सकते हैं. 

इसलिए लेखक सलाह देते हैं कि मिलिनियर बनने के लिए सेविंग अकाउंट में ऑटोमेटिक पेमेंट सेटअप करना ही चाहिए. 

लेखक कहते हैं कि ज्यादातर लोग सोचते है कि “अमीर बनने का सीक्रेट है जल्द से जल्द पैसे कमाने के मल्टीपल तरीके ढूँढना, लोग अक्सर कहते है” अगर मै ज्यादा पैसा कमा सकता तो अमीर होता” आपने कितनी बार ये बात अपने जानने वालों को कहते सुना है? 

लेकिन उस आदमी से पूछ लीजिए जिसे पिछले साल ही इन्क्रीमेंट मिली है, उससे पूछिए क्या वो ज्यादा पैसे सेव कर पाया?

आपको जवाब शायद ना में मिलेगा. क्यों? क्योंकि सच्चाई ये है कि जितना हम कमाते है उतने ही हमारे खर्चे भी बढ़ जाते है. लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए.

चाहे अभी आपकी कमाई कितनी भी हो, तो भी आप ऑटोमैटिक मिलियनेयर बन सकते हैं. जिम मैकइंटायर ने भी बेसिक सैलरी से शुरुआत की थी. लेकिन जिम कहते है कि ट्रिक ये है कि आप अपनी छोटे-छोटे खर्चों पर गौर करिए और सेविंग पर ध्यान दीजिए. साथ ही साथ उन सेविंग्स को केवल बैंक में पड़े मत रहने दीजिए बल्कि उन्हें इन्वेस्ट करिए.

अपने फाइनेंशियल प्लान में इमरजेंसी फंड एड ऑन करिए
ये बात भी सच है कि ज़िन्दगी में किसी भी चीज़ की कोई गारंटी नहीं है. आज के समय में किसी भी चीज़ की गारंटी की उम्मीद करना भी खुद को धोखा देना ही है. भले ही वो खुद लाइफ ही क्यों ना हो? 

यही कारण है कि कई बार लोगों को टेंशन काफी ज्यादा रहता है. उन्हें रातों को नींद नहीं आती है. उन्हें इस चीज़ का भी डर लगा रहता है कि क्या होगा अगर आगे जाकर मेरी कमाई रुक गई तो? इसी टेंशन कम करने के लिए आपको इमरजेंसी फंड बनाकर रखना चाहिए. 

इमरजेंसी फंड केवल आपको फाइनेंशियल दिक्कत से दूर नहीं रखता है. बल्कि ये आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर रखता है. इसकी मदद से आप चैन की नींद भी सो पाते हैं. 

रिसर्च बताती है कि एवरेज अमेरिकन के पास केवल तीन मनीनों का ही इमरजेंसी फंड होता है. इसका मतलब उन्हें बेरोज़गारी का दर्द नहीं मालुम है. इसलिए इस दर्द का ईलाज खुद ही करिए और 6 से 18 महीनों तक का इमरजेंसी फंड अपने पास रखना चाहिए. 

अगर आप हर पे-चेक से 5 परसेंट भी अलग करें तो आप अपने लिए एक बेहतर इमरजेंसी फंड तैयार कर सकते हैं. लेकिन याद रखिएगा कि ये रियल इमरजेंसी फंड है, इसे रोज़ मर्रा के खर्चों में यूज़ नहीं करना है. इस फंड को आप तभी यूज़ करेंगे, जब वाकई इमरजेंसी जैसी सिचुएशन आएगी.

क्या घर खरीदना फायदे का सौदा है? या फिर किराए के घर में ही रहना चाहिए
Jim और Sue McIntyre केवल ऑटोमेटिक सेविंग प्लान को लेकर ही चतुर नहीं थे. बल्कि वो लोग घर खरीदने के फैसले को लेकर भी काफी समझदार थे. अर्ली फिफ्टी के होते-होते इस कपल के पास दो घर हो चुके थे. 

जिनमें से एक घर को इन्होंने किराए में दे दिया था. जिससे एक अलग सोर्स ऑफ़ इन्कम भी क्रिएट हो चुकी थी. 

इसलिए हमें भी Jim और Sue McIntyre से काफी कुछ सीखना चाहिए और रेंट के घर में ज्यादा पैसे नहीं बर्बाद करना चाहिए. अगर आप भी किराए के घर में रहते हैं तो फिर जल्द से जल्द अपने लिए खुद के आशियाने की तलाश शुरू कर दीजिए. 

अधिकांश किराएदार अपने मकान मालिकों को उतनी ही राशि देते हैं जितने में किश्त में घर लिया जा सकता है. लेकिन किराए में उतना पैसा देने के बजाए अंत में किराएदार के हांथों में कुछ नहीं आता है. 

अगर आपको भी ये सोचकर डर लगता हो कि घर के लोन का अमाउंट बहुत ज्यादा होता है. मैं उतना दे नहीं पाऊंगा. तो आपको पता होना चाहिए कि जितने लोग भी घर के लिए लोन लेते हैं. 98 प्रतीशत लोग अपने घर का लोन खत्म करने में सफल रहते हैं. इसलिए घर लेने के डर को खत्म करिए और घर लेने की प्लानिंग शुरू करिए. 

लेकिन प्लानिंग के बाद भी जब आप घर लेने जाएंगे तो आपको कई महत्वपूर्ण फैसले करने होंगे. जैसे कि घर के लिए लोन कहाँ से लेना है? लोन कम से कम ब्याज़दर में कैसे मिल सकता है? 

इसी के साथ आपको ये भी प्लान करना होगा कि कम से कम समय में आप उस लोन को कैसे खत्म कर सकते हैं? 

लेखक सलाह देते हैं कि मार्केट में होम लोन देने के लिए कई कम्पनियां और बैंक तैयार खड़े हैं. इसलिए आपको सतर्क रहने की ज़रूरत है. लो इंटरेस्ट रेट तो सभी देने को तैयार हैं. लेकिन आपको बैंक से बाय वीकली यानि दो हफ्ते में एक बार पेमेंट की बात भी करनी चाहिए. इससे आपको आसानी हो सकती है. 

इस हिसाब से आपको साल भर की 26 किश्तें बनवानी चाहिए, 2 किश्तें ज्यादा क्योंकि लोन जितनी जल्दी खत्म होगा. आपकी सहूलियत उतनी ही अधिक रहेगी.

क़र्ज़ सबसे बुरी चीज़ है, उनसे दूरी बनाने की कोशिश करिए
अगर आप भी क़र्ज़ की मुश्किलों में फंसे हुए हैं. तो आप अकेले नहीं हैं. एवरेज अमेरिकन 8400 डॉलर के क्रेडिट कार्ड के क़र्ज़ में डूबा हुआ है. इतने क़र्ज़ को चुकाने के लिए अगर मिनिमम पेमेंट किया जाए तो इसे खत्म होने में पूरे 20 साल लग जाएंगे. 

आज के दौर में कर्ज़ में फंसना आसान हो गया है. इसके पीछे का मुख्य कारण क्रेडिट कार्ड्स के नए नए ऑफर्स हैं. लेकिन आपको समझना चाहिए कि अगर आपको ऑटोमेटिक मिलेनियर बनना है तो आपको खुद को कर्ज़ से दूर करना ही होगा. 

पहले के लोग सही कहा करते थे कि “दो रोटी कम खाओ लेकिन सर पर किसी की उधारी नहीं होनी चाहिए.” लेकिन आज के लोग इस बात को नहीं मानना चाहते हैं. वो अपनी ज़रूरत नहीं बल्कि लग्ज़री को पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड्स के जाल में फंसते चले जाते हैं. 

क्रेडिट कार्ड से क़र्ज़ लेने में सबसे बड़ी दिक्कत उनके इंटरेस्ट रेट्स हैं. जो कि मिलाजुलाकर 18 से 25 प्रतीशत से भी ज्यादा पड़ते हैं. मतलब कि अगर आपसे क़िस्त चूकी, तो कब उधार का पैसा डबल हो जाएगा? आपको पता भी नहीं चलेगा. 

आज से ही अपनी लाइफ का रूल बना लीजिए कि बजटिंग बढ़िया करनी है और उधार से बचकर रहना है. 

अगर अभी आपके ऊपर कर्ज़ है तो आपको कुछ चीज़ें ज़रूर करनी चाहिए. 

सबसे पहले तो क्रेडिट कार्ड्स को यूज़ करना बंद कर दीजिए. जब तक आप ऐसा नहीं करेंगे. तब तक आप कर्ज़ से मुक्ति नहीं पाएंगे. इसलिए याद रखिए कि जितना पैसा आपके बैंक अकाउंट में है. उतना ही पैसा आपका है. 

दूसरी चीज़ अपने क्रेडिट कार्ड्स के क़र्ज़ उतारने की कोशिश करिए, इसके लिए आप क्रेडिट प्रोवाइड कराने वाले बैंक से नेगोशिएट भी कर सकते हैं. कई बार नेगोशियेशन से काफी ज्यादा फायदे हो जाते हैं. 

क्रेडिट कार्ड के कर्ज से बाहर निकलने का एक अहम रास्ता है कि आपको एक्टिव अप्रोच अपनाना होगा. पहला कदम यह है कि आप क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक या कंपनी से बात करें कि आपको रिपेमेंट की शर्तों में क्या और कितनी छूट मिल सकती है. अगर बकाया बिल काफी ज्यादा है तो अधिकांश बैंक इसका रास्ता बना लेते हैं. बैंक/कंपनी अमूमन कस्टमर को छोटे-छोटे किस्तों में पेमेंट का ऑप्शन दे देती हैं.

क्रेडिट कार्ड के अगर एक से ज्यादा पेमेंट बकाया हैं तो सबसे बेहतर होता है कि डेट कंसॉलिडेशन कराएं. यानी, सभी क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स को एक अकाउंट में करा सकते हैं. इससे यह होगा कि आपको अलग-अलग पेमेंट की बजाय एक पेमेंट करना होगा. 

अगर आपको क्रेडिट कार्ड का कर्ज आप पर भारी पड़ रहा है, तो ऐसे समय में आपको अपने खर्चे घटाने के बारे में सोचना चाहिए.

“स्टार्ट फीलिंग रिच टुडे” आप इसके लिए ऑटोमेटिक चैरिटी अकाउंट भी सेटअप कर सकते हैं
आपको बता दें कि ऑटोमेटिक मिलेनियर स्ट्रेटज़ी भी आपको रातों रात करोड़पति नहीं बना सकती है. लेकिन ये आपको अमीर होने का एहसास ज़रूर करा सकती है. 

लेकिन कैसे? उसके लिए आप पैसों का कुछ हिस्सा चैरिटी के लिए सेट कर सकते हैं. 

पूरे फाइनेंशियल प्लान में आपको डोनेशन के लिए कुछ हिस्सा ज़रूर निकालना चाहिए. अब यहाँ हम फिर से जिम और सू की स्ट्रेटज़ी पर नज़र घुमाने जा रहे हैं. 

जिम और सू ने भी अपने फाइनेंशियल साल में डोनेशन के लिए पैसे निकाला करते थे. उन्होंने इस पेमेंट को भी ऑटोमेटिक मोड में सेट कर दिया था. बाकी पेमेंट्स की तरह डोनेशन का पैसा भी सीधे चैरिटी में चला जाया करता था. 

अब सवाल ये भी उठ सकता है कि आखिर कितना पैसा चैरिटी के लिए निकालना चाहिए. इसका सीधा सा जवाब तो यही है कि जितना भी आपकी इच्छा हो. लेकिन इसकी शुरुआत आप कम से भी कर सकते हैं. यानि अपनी कमाई का एक प्रतीशत से भी आप चैरिटी कर सकते हैं. इसके बाद जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा और आपकी कमाई बढ़ती जाएगी. आप अपनी चैरिटी को भी बढ़ा सकते हैं. 

चैरिटी करने से आपको कई फायदे होंगे, सबसे बड़ा फायदा आपके दिमाग को होगा. उसे अमीर होने का एहसास होने लगेगा. जिसकी वजह से वो खुश रहने लगेगा और ज्यादा से ज्यादा मेहनत करने की कोशिश करेगा. 

अगर आप सोचते हैं कि चैरिटी करने के लिए अमीर होने की ज़रूरत होती है. तो आप ग़लत सोचते हैं. किसी दूसरे की मदद करने के लिए आपको बहुत अमीर होने की ज़रूरत नहीं है. बल्कि उसके लिए आपके पास अच्छी नियत होनी चाहिए. अगर आप किताबों के पास जाएंगे और कुछ बेहतरीन किताब पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि कम पैसे वाले लोग ही बड़े बड़े दानी हुए हैं. उन्ही में से एक नाम मदर टरेसा का भी आता है. 

अमेरिकन ब्रिटिश इन्वेस्टर Sir John Templeton ने भी अपनी चैरिटी की जर्नी मिलेनियर बनने से काफी पहले शुरू कर दी थी. इसलिए कहा भी गया है कि दूसरों की मदद करते रहिए, ऊपर वाला आपकी मदद करता रहेगा. 

इसी के साथ अगर आप चाहते हैं कि आपके पैसों से समाज में कुछ अच्छे बदलाव आएं. तो आपको चैरिटी के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. चैरिटी और डोनेशन के लिए कोई भी कन्फ्यूजन को आप ऑनलाइन दूर कर सकते हैं. आपको ऑनलाइन ऐसे कई माध्यमों के बारे में पता चल जाएगा, जिसकी मदद से आप आसानी से ज़रूरतमंदों की मदद कर पाएंगे. 

इन सबके अलावा ऑटोमेटिक मिलेनियर बनने के लिए लेखक सलाह देते हैं कि “उन लोगो जैसे ना बनें जो कहते है “मैं अपनी इनकम से 5% सेव नहीं कर सकता” या” मेरी कंपनी इतना कोंट्रीब्यूट नहीं करती तो फिर मेरे सेव करने से क्या होगा” या ” स्टॉक में इन्वेस्ट करना बेवकूफी है” या “अगले महीने से सेविंग शुरू करूंगा”

अगर आपके भी कुछ ऐसे ही बहाने है तो यकीन मानिए आप कभी ऑटोमैटिक मिलियनेयर नहीं बन पाओगे. तो इसके बजाये खुद को बोलिए” चाहे कुछ भी हो जाए, पहले मैं खुद को पे करूंगा”,” मै अपनी इनकम का 10% सेव करूंगा, और फिर इस अमाउंट को जितना हो सके, बढाते जाए” तो कल के लिए सेव करने का सबसे अच्छा वक़्त होता है इसकी शुरुआत आज और अभी से कर दें. बहुत जल्द ऐसा समय भी आएगा, जब आप खुद को मिलेनियर बनते हुए देख रहे होंगे.

कुल मिलाकर
सबसे ज़रूरी बात यही है कि अमीर बनने के लिए खुद के भविष्य को आगे रखना होगा. आपको आज से ही खुद के फ्यूचर के लिए पैसे सेव करने होंगे. मेहनत करिए, पैसे कमाईये, लेकिन सारे पैसों को आज ही खत्म मत कर दीजिए. अपनी सेविंग को ऑटोमैटिक बना लीजिये.

एक बार में ही ऐसा अरेंजमेंट कर लीजिए कि अगली बार जब आपकी सैलरी आए तो उसमें से कुछ पैसा सीधे आपके रिटायरमेंट अकाउंट मे जमा होने लगे. गवर्नमेंट टैक्स, क्रेडिट कार्ड या टेलीफोन कंपनी को बिल पे करने से पहले खुद के फ्यूचर के लिए कुछ पैसा सेव करिए. यहीं से बदलाव के दिन की शुरुआत होगी. 

 

क्या करें? 

अब जबकि आप समझ गए है कि एक ऑटोमैटिक मिलियनेयर बनने के लिए हमें क्या करना है?, तो बस अब कम्पाउंडिंग इंटरेस्ट को अपना काम करने दीजिए.

रोज़ के $5 सेव करना स्टार्ट करिए, खुद को पहले पे करिए और सेविंग को ऑटोमैटिक सिस्टम पर डाल दीजिए. आपको बस इतना ही करना है, क्योंकि इसके बाद तो आप आराम से बैठकर एक स्ट्रेसफ्री और खुशहाल रिटायरमेंट लाइफ जियेंगे. 

येबुक एप पर आप सुन रहे थे The Automatic Millionaire By David Bach

ये समरी आप को कैसी लगी हमें yebook.in@gmail.com  पर ईमेल करके ज़रूर बताइये.

आप और कौनसी समरी सुनना चाहते हैं ये भी बताएं. हम आप की बताई गई समरी एड करने की पूरी कोशिश करेंगे.

अगर आप का कोई सवाल, सुझाव या समस्या हो तो वो भी हमें ईमेल करके ज़रूर बताएं.

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