Sevetri Wilson
किस तरह से आप पैसे के साथ या पैसे के बिना भी एक बड़ा बिजनेस स्टार्ट कर सकते हैं।
दो लफ्जों में
2021 में आई ये बुक Sevetri Wilson की एंटरप्रेन्योर जर्नी के बारे में हमें बताती है। इस बुक में आप जानेंगे कि किस तरह से आप अपने बिजनेस के लिए अर्ली स्टेज में इन्वेस्टर्स अर्न कर सकते हैं और फिर किस तरह से बाद में बिजनेस ग्रो करने के लिए फण्ड अरेंज कर सकते हैं।
ये बुक किसके लिए है?
ये बुक उनके लिए है जो अपनी एंटरप्रेन्योरशिप की जर्नी स्टार्ट करने के बारे में सोच रहे हैं।
ये बुक उन लोगों के लिए है जो अपने किसी आईडिया को मार्केट में लाना चाहते हैं।
ये बुक स्टार्टअप फाउंडर्स के लिए भी है जो कैपिटल रेज करना चाहते हैं।
लेखिका के बारे में
विल्सन एक एंटरप्रेन्योर हैं जिन्होंने अपना पहला बिजनेस टीन ऐज में ही स्टार्ट कर दिया था। उन्होंने दो कम्पनी फॉर्म की है। और न्यू ऑर्लिन्स की वो पहली महिला हैं जिन्होंने 1 मिलियन वेंचर कैपिटल जनरेट किया है। 2010 में उन्हें jefferson अवार्ड मिला था जिसको पब्लिक सर्विस की फील्ड का ऑस्कर कहा जाता है।
आप बिना इन्वेस्टर्स के भी एक सुक्सेसफुल कम्पनी क्रिएट कर सकते हैं।
क्या आपके पास भी कोई यूनिक आईडिया है जोकि मार्केट में ले जा कर आप एक नया मुकाम हांसिल करना चाहते हैं? या फिर आपके माइंड में कोई ऐसी सर्विस है जिसकी हेल्प से आप लोगों की किसी प्रॉबल्म का सॉल्यूशन प्रोवाइड कर सकते हैं? आप जिस भी तरह का बिजनेस स्टार्ट करना चाहते हों, ये तय है कि आपको कुछ बड़े डिसीजन लेने होंगे। इस बुक में आप जानेंगे कि किस तरह से आप उन बड़े डिसीजन को सावधानी के साथ और सही वे में ले सकते हैं। इस बुक में आप जान पाएंगे कि किस तरह से आपको अपने सामने अवलेबक बहुत सारे ऑप्शन में से बेस्ट सेलेक्ट करना है।
तो चलिए शुरू करते हैं!
आप बिना इन्वेस्टर्स के भी एक सुक्सेसफुल कम्पनी क्रिएट कर सकते हैं। अगर आप अपने किसी यूनिक आईडिया को प्रोडक्ट या फिर सर्विस में चेंज करना चाहते हैं तो आपके माइंड में बस एक ही टेंशन रहती होगी और वो ये कि आप इसके लिए पैसे कैसे अरेंज करेंगे। आज के सभी एंटरप्रेन्योर्स के लिए पैसा एक बहुत बड़ी टेंशन की वजह बना हुआ है। पैसे के लिए आपके माइंड में एक आईडिया ये भी आ सकता की क्यों न आप इन्वेस्टर्स की हेल्प से अपनी कम्पनी स्टेबल करने के लिए फण्ड रेज करें क्योंकि आजकल ज्यादातर स्टार्टअप्स यही करते हैं। पर जरूरी नहीं है कि हमेशा इन्वेस्टर्स आपको मिल ही जाएं। पैसे अरेंज करने के लिए आपके पास अल्टरनेटिव ऑप्शन है - बूटस्ट्रैपिंग। बूटस्ट्रैपिंग का मतलब होता है उन रिसोर्स का यूज़ करना जोकि आपके पास पहले से अवलेबल हैं। इसी मेथड को यूज़ करके Sevetri Wilson ने अपनी पहली कम्पनी सॉलिड ग्रोउंडेड इनोवेशन को एक सेवन फिगर रेवेन्यू जनरेट करने वाली कम्पनी बना दिया था। आपके बिजनेस टाइप को देखते हुए बूटस्ट्रैपिंग आपके लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन हो सकता है।
बूटस्ट्रैपिंग फाउंडर्स के पास कुछ ऐसी डिफरेंट चीजें होती हैं जोकि आपको उनके पास नहीं मिलेंगी जोकि इन्वेस्टर्स के साथ मिलकर अपना बिजनेस स्टार्ट करते हैं। बूटस्ट्रैपिंग फाउंडर्स के पास अपने बिजनेस का 100% स्टेक होता है। वहीं पर इन्वेस्टर्स के साथ बिजनेस स्टार्ट करने वाले लोगों को इन्वेस्टर्स के साथ कम्पनी के स्टेक शेयर करने पड़ते हैं। बूटस्ट्रैपिंग फाउंडर्स के पास कम्पनी का फुल कंट्रोल भी रहता है। इसका मतलब वो कम्पनी से रिलेटेड सारे डिसीजन खुद ले सकते हैं ,बिना किसी के प्रेसर के। कम्पनी के द्वारा जनरेट किया गया रेवेन्यू पूरी तरह से फाउंडर का होता है अगर वो बूटस्ट्रैपिंग मेथड यूज़ करता है तो।
हालांकि इस मेथड के कुछ डिसएडवांटेज भी हैं। इन्वेस्टर्स के न होने से आपके पास पैसा कम रहेगा जोकि स्लोली ग्रो करेगा। और सारा रिस्क आपको ही लेना पड़ेगा। लेकिन अगर आप के पास कोई ऐसा आईडिया है जिसको स्टार्ट करने के लिए आपको ज्यादा पैसे की नीड नहीं है तो बूटस्ट्रैपिंग आपके लिए बेस्ट है। अगर आपको अब ये डिसाइड करना है कि कौन सा फाइनेंसियल मॉडल आपके लिए बेस्ट है तो खुद से कुछ सवाल करिये। जैसे कि आपको बिजनेस स्टार्ट करने के लिए कितने कैपिटल की नीड होगी? क्या आप बिना किसी को हायर किये भी कम्पनी स्टार्ट कर सकते हैं? क्या आपके प्रोडक्ट और सर्विस के लिए मार्केट अवलेबल है? और क्या आप मनी मैनेजमेंट में एक्सपर्ट हैं जोकि किसी भी तरह के इम्पल्स को कंट्रोल कर सकता है? अगर इन सभी सवालों के लिए आपका आंसर यस है तो बूटस्ट्रैपिंग इज बेस्ट फ़ॉर यू।
कम्पनी स्टार्ट करना काफी डिमांडिंग हो सकता है, इसलिए शुरू करने से पहले अपने पर्सनल कॉस्ट पर जरूर ध्यान दें।
अगर आपने द सोशल नेटवर्क फ़िल्म जोकि फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग के बारे में है देखी होगी तो आपको एक बात तो समझ में आ ही गयी होगी कि बहुत से लोगों के पास ग्रेट आईडिया होते हैं लेकिन उस आईडिया को रियलिटी में कन्वर्ट करना इतना आसान नहीं होता। आईडिया होना और उसको मार्केटेबल प्रोडक्ट में टर्न करना दो डिफरेंट चीजें होती हैं। बिजनेस या फिर कोई स्टार्टअप लांच करना बहुत मुश्किल है शायद इसलिए बहुत से लोग बिजनेस स्टार्ट करने के बाद उसको मैनेज नहीं कर पाते। स्टार्ट करने से पहले आपको यह ध्यान रखना होगा कि उस बिजनेस या स्टार्टअप की वजह से आपकी लाइफ के हर एस्पेक्ट में चेंज आने वाला है। अनसुक्सेसफुल होने के चांस काफी ज्यादा हैं। रिसर्च के एकॉर्डिंग 10 में सिर्फ 1 ही स्टार्टअप सुक्सेसफुल हो पाता है। काफी स्टार्टअप तो पहले 5 साल के अंदर ही बंद हो जाते हैं। आप चाहे बूटस्ट्रैपिंग से स्टार्ट कर रहे हों या फिर फण्डरेजिंग से, ये तीन क्रूशियल पॉइंट हमेशा आपको ध्यान में रखने होंगे। सबसे पहले मार्केट। आपको सबसे पहले ये पता करना होगा कि आपके प्रोडक्ट या फिर सर्विस के लिए आपके पास मार्केट अवलेबल है या नहीं। और इसके लिए आपको अपने आइडियल कस्टमर को आइडेंटिफाई करना होगा। इन लोगों से बात करके आपको ये पता करना होगा कि ये सभी किस किस तरह की प्रॉबलम्स को फेस कर रहे हैं। अपने कस्टमर्स से बात करके पता करिये कि क्या उनकी सभी प्रॉबलम्स का सॉल्यूशन आपका प्रोडक्ट दे पायेगा या नहीं। यही चीज आपको अपने कॉम्पटीटर से आगे निकलने में हेल्प करेगी।
दूसरी चीज ये कि सोचिये की आपके प्रोडक्ट को मार्केट में ले जाने के लिए आपको किस चीज की नीड होगी। क्या आप कुछ वर्क खुद कर सकते हैं या फिर आपको उसके लिए लोगों को हायर करने की नीड होगी। अपना पूरा फोकस इस बात पर रखें कि किस तरह आप कम से कम कॉस्ट में बेस्ट सर्विस दे सकते हैं। और फिर ये भी डिसाइड करिये की ये कॉस्ट आप खुद अरेंज कर सकते हैं या फिर उसके लिए आपको इन्वेस्टर्स की नीड पड़ेगी।
सबसे लास्ट और सबसे इम्पोर्टेन्ट चीज जो आपको कंसीडर करनी होगी अपनी कम्पनी स्टार्ट करने से पहले वो है टाइम। टाइम इज द की। तो आखिर आप नए बिजनेस के लिए टाइम कहाँ से लाएंगे? क्या आप इसको एक साइड बिजनेस की तरह देख रहे हैं जोकि आप अपनी जॉब के साथ कंटिन्यू करना चाहते हैं? क्या आप अपना कीमती टाइम अपने बिजनेस में इन्वेस्ट करने के लिए रेडी हैं? फाउंडर होना एक बहुत ही टफ जर्नी है, आप कभी कभी अकेला फील करेंगे इसलिए जरूरी है कि आप उन सब चीजों को पहले ही कंसीडर कर लें जिन चीजों को आपको सैक्रिफाइस करना पड़ेगा।
अगर आप अपने बिजनेस को बड़ा बनाना चाहते हैं तो वर्कर्स को ध्यान से हायर करें। लेखिका विल्सन ने जब सॉलिड ग्राउंड इनोवेशन की शुरुआत की थी तो उनको पता था कि वो सारे काम खुद हैंडल कर सकती हैं और इसलिए उनको किसी और को हायर करने की नीड नहीं हुई। लेकिन जब उन्होंने अपना दूसरा बिजनेस रेसिलिया स्टार्ट किया तब उनको पता था कि वो अपने कस्टमर्स की टेक डिमांड को खुद कम्प्लीट नहीं कर सकतीं इसलिए उन्हें किसी न किसी को हायर करना पड़ेगा। कस्टमर्स की टेक डिमांड को कम्प्लीट करने के लिए विल्सन को प्लेटफार्म डेवलपर्स की टीम की नीड थी। विल्सन इस काम को कॉस्ट इफेक्टिव वे में करना चाहती थीं। इसी वजह से उन्होंने फ्रीलांसर्स को हायर करना स्टार्ट किया। हालांकि फ्रीलांसर्स के साथ वर्क करना इतना आसान नहीं होता। और अगर आपको फ्रीलांसर्स के साथ अच्छे से वर्क करना है तो जरूरी है कि आप राइट लोग को जॉब के लिए सेलेक्ट करें।
क्वालिटी फ्रीलांसर्स के साथ कनेक्ट होने के बहुत सारे तरीके हैं। आप टोप्टल (Toptal) और अन्देला (Andela) जैसे प्लेटफार्म का यूज़ कर सकते हैं। ये दोनों प्लेटफार्म टैलेंट को क्यूरेट करते हैं। बात करें टोप्टल (Toptal) की तो इस प्लेटफार्म पर जितने लोग अप्लाई करते हैं, उनमें से ये बस 3% लोगों को ही सेलेक्ट करते हैं।
आप रेफरल्स की हेल्प से भी जॉब के लिए राइट पर्सन को सेलेक्ट कर सकते हैं। आप अलग अलग सोशल मीडिया साइट्स पर अवलेबल ग्रुप्स जॉइन कर सकते हैं, जहां पर एंटरप्रेन्योर्स और बिजनेस फाउंडर्स मौजूद होते हैं और वो आपको आपकी नीड के एकॉर्डिंग राइट पर्सन सजेस्ट कर देंगे। फ्रीलांसर्स को इस तरह से हायर करते टाइम आपको एक बात ध्यान रखनी है कि कभी भी उनके ऊपर ज्यादा वर्क लोड न दें क्योंकि ऐसा करने से वो कभी भी जॉब छोड़ सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप फ्रीलांसर्स का वर्क स्डयूल फ्लेक्सिबल रखें।
आप एजेंसी के जरिये भी रिक्रूट कर सकते हैं। हालांकि एजेंसी चूज़ करने से पहले आप अपना होमवर्क जरूर कर लें। रिव्यु और दूसरे लोगों से बात करके आप एजेंसी के बारे में पता कर सकते हैं।
अपने बिजनेस के लिए इन्वेस्टर्स सिक्योर करना आपके प्रोडक्ट से ज्यादा आपके ऊपर डिपेंड करता है।
विल्सन सिर्फ 19 साल की उम्र में एंटरप्रेन्योर बन गयी थीं। उस टाइम उनके दिमाग में ऑनलाइन न्यूज़पेपर का आईडिया आया था। तुरन्त उन्होंने उस आईडिया को अपने प्रोफेसर डॉक्टर लियोनार्ड मूरे के साथ शेयर किया। प्रोफेसर को उनका आईडिया काफी पसन्द आया और उन्होंने विल्सन को 150 डॉलर का एक चेक दिया ताकि वो LLC फ़ाइल कर सकें। उस टाइम विल्सन को इस बात का बिल्कुल एहसास नहीं था कि उनके प्रोफेसर उनके बिजनेस के लिए पहले इन्वेस्टर हैं। हालांकि जब विल्सन ने बूटस्ट्रैपिंग के जरिये अपना ऑनलाइन न्यूज़पेपर और अपनी पहली कम्पनी सॉलिड ग्राउंड इनोवेशन स्टार्ट की तब उन्हें इस बात का अंदाजा हुआ कि उनके प्रोफेसर उनके पहले इन्वेस्टर थे। उन्होंने ये भी समझा कि अगर आपको किसी व्यक्ति से फाइनेंसियल स्पोर्ट लेना है तो आपको उस व्यक्ति के साथ एक अच्छा रिलेशनशिप बिल्ड करना पड़ेगा। किसी भी बिजनेस को शुरू करने के लिए जरूरी है कि आपके पास इन्वेस्टर्स अवलेबल हों। हालांकि हो सकता है कि आपके पास अपना बिजनेस स्टार्ट करने के लिए पैसा मौजूद हो लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप अपना सारा पैसा रिस्क लेकर बिजनेस में इन्वेस्ट कर दें। और अगर आपके पास कोई यूनिक आईडिया नहीं है तो इन्वेस्टर्स पाना काफी मुश्किल हो सकता है। इसका मतलब ये नहीं कि ये इम्पॉसिबल है लेकिन आपको इसके लिए एक बढ़िया स्ट्रैटजी की नीड होगी।
आप उन व्यक्तियों के साथ पहले से अपना रिलेशनशिप बेटर बनाने की कोशिश करें जिनसे आपको ये होप है कि जब आपको पैसे की नीड होगी वो आपके साथ रहेंगे। इसके लिए जरूरी है कि आप ऐसी जगह रह रहे हों जहां पर इन्वेस्टर्स की कमी न हो। हालांकि आप लोकल में भी अपने रिलेशनशिप की हेल्प से इन्वेस्टर्स अर्न कर सकते हैं। विल्सन के माइंड में जब रेसिलिया स्टार्ट करने मे आईडिया आया तो उन्होंने अपने स्ट्रांग रिलेशनशिप के बेस पर लोकल में ही लगभग 400,000 डॉलर अरेंज कर लिए। जैसे कि डॉक्टर मूरे विल्सन के लिए फर्स्ट इन्वेस्टर थे उसी तरह आपके लिए भी फर्स्ट इन्वेस्टर कोई वही व्यक्ति होगा जिसे आपके ऊपर पूरा बिलीव होगा।
और अगर आपका किसी ऐसे व्यक्ति के साथ अच्छा रिलेशनशिप नहीं है जोकि आपके बिजनेस के लिए इन्वेस्टर बन सकता है तो जरूरी है कि आप उन लोगों के साथ रिलेशनशिप डेवलप करना स्टार्ट करें जिनको आपके विजन में इंटरेस्ट हो। आप खुद को सेल करने में फोकस करें न कि अपने प्रोडक्ट या अपने आईडिया को। याद रखिये की ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके पास यूनिक आईडियाज हैं, आपको ये शो करना है कि आप अपने आईडिया को सबसे बेस्ट वे में सुक्सेसफुलबिजनेस में कन्वर्ट कर सकते हैं।
स्टोरी की पावर से आप इन्वेस्टर्स को अपना बना सकते हैं। विल्सन ने जब अपना ऑनलाइन न्यूज़पेपर वाला आईडिया अपने प्रोफेसर के साथ शेयर किया तो उन्होंने उसे एक स्टोरी की तरह पेश किया। उन्होंने बताया कि जब वो यंग थीं तो उन्होंने काफी चैलेंज फेस किये। वो चाहती थी कि उनका ऑनलाइन न्यूज़पेपर दो अलग कम्युनिटी को एक साथ लेकर आये। स्टोरी में वो पावर होती है जो लिसनर को मोटिवेट करती है कि वो कोई एक्शन ले। विल्सन के केस में भी यही हुआ। उनकी स्टोरी इतनी पावरफुल थी कि उनके प्रोफेसर तुरन्त उससे इन्सपायर हुए और विल्सन की हेल्प के लिए रेडी हुए। विल्सन की तरह ही आप भी अपनी एंटरप्रेन्योर जर्नी को स्टोरी की तरह अपने इन्वेस्टर्स के सामने पेश कर सकते हैं। आप जब भी किसी पोटेंशियल इन्वेस्टर्स से मिलने जाएं, मेक स्योर आप कोई अच्छी स्टोरी प्रीपेयर करें जो आपके इन्वेस्टर्स को इन्वेस्ट करने के लिए इन्सपायर करे। आपकी स्टोरी में उस प्रॉब्लम का जिक्र जरूर होना चाहिए जोकि आपके बिजनेस या आपके प्रोडक्ट की वजह से दूर होने वाली है।
अपनी स्टोरी टेलिंग को परफेक्ट बनाने के लिए बार बार प्रैक्टिस करें। और ये कोशिश भी करें कि आप की स्टोरी सामने वाले व्यक्ति को जेन्विन लगे। अपनी दूसरी कम्पनी रिसीलिया की फंडिंग के लिए उन्होंने उस प्रॉब्लम को स्टोरी में बदल दिया जोकि उन्होंने खुद फेस की थी।
एक और इम्पोर्टेन्ट बात ये कि आप जिस व्यक्ति के पास जा रहे हैं उसके साथ अगर आपका अच्छा रिलेशन है तो ये आपके लिए एक एसेट की तरह वर्क करता है। अगर इन्वेस्टर आपको जानता है और आपको एक कैपेबल लीडर की तरह देखता है तो उसे एक बात का एहसास रहेगा कि आप अपने बिजनेस और अपनी टीम को किसी भी सिचुएशन में अच्छे से हैंडल कर सकते हैं। और अगर आपके इन्वेस्टर को लगेगा कि आपके अंदर पोटेंशियल है तो उनको ये एहसास रहेगा कि आप अपने बिजनेस या फिर प्रोडक्ट की हेल्प से उस प्रॉब्लम का सॉल्यूशन जरूर निकाल लेंगे जिसकी आप बात कर रहे हैं।
अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के पास जा रहे हैं जिन्होंने कभी इंवेस्टिंग नहीं की है तो उनको इन्वेस्टमेंट के रिस्क जरूर बता दें। उनको ये जरूर बताएं कि हो सकता है कि वो अपना पैसा खो दें। ये काफी इम्पोर्टेन्ट चीज है क्योंकि इससे आप अपने इन्वेस्टर्स की एक्सपेक्टेशन को मैनेज कर सकते हैं।
हर पिचिंग ओपोर्चुनिटी की कॉस्ट आपको केअरफुली इवैल्यूट करनी चाहिए।
पिचिंग ओपोर्चुनिटी का मतलब होता है कि आप बहुत सारे नए फाउंडर्स के साथ किसी कॉम्पिटीशन में पार्ट लेते हैं और अपने आईडिया या अपने प्रोडक्ट के बारे में सबको बताते हैं। जो भी उस कॉम्पिटीशन को जीत जाता है उसको अपने बिजनेस के लिए फंडिंग मिल जाती है। हांलकि ये सभी इवेंट्स एक प्राइस टैग के साथ आते हैं। विल्सन ने अपना पहला पिच कॉम्पिटीशन न्यू यॉर्क में अटेंड किया था। वहां जाने के लिए पैसा भी उन्होंने खुद खर्च किया था, वहां रहने का खर्च भी उन्होंने खुद ही उठाया था। और प्रेजेंटेशन के कुछ टाइम पहले ही एक इन्वेस्टर की लास्ट मिनट फीडबैक की वजह से उनको कॉम्पिटीशन से बाहर कर दिया। विल्सन के लिए ये पूरा इवेंट एक डिजास्टर था। उन्होंने इस कॉम्पिटीशन के लिए इतना पैसा खर्च किया और उसका कोई मतलब नहीं निकला।
कभी कभी ऐसा भी हो सकता है कि आप बेस्ट परफॉर्मेंस दें और फिर भी कॉम्पिटीशन न जीते। विल्सन के साथ ऐसा तब हुआ जब उन्होंने अपना दूसरा पिचिंग इवेंट अटेंड किया। इस इवेंट में उन्होंने शानदार परफॉर्मेंस दी लेकिन इसके बावजूद कॉम्पिटीशन को जीतने वाले कोई कॉलेज के प्रोफेसर थे। कॉम्पिटीशन का रिजल्ट ऑडियंस के वोट से डिसाइड हुआ। बाद में पता चला कि उन प्रोफेसर ने अपने सारे स्टूडेंट्स को कॉम्पिटीशन में वोट करने के लिए बुला लिया था।
पिचिंग कॉम्पिटीशन के अलावा अपने बिजनेस की अर्ली फंडिंग के लिए आप एक्सीलेटर प्रोग्राम का यूज़ कर सकते हैं। इस प्रोग्राम में फाउंडर्स को एक फिक्स टाइम के लिए लगभग 100,000 डॉलर मिलते हैं जिससे फाउंडर्स अपने ग्रोथ को फ़ास्ट कर सकें। इसके साथ ही फाउंडर्स को एडवाइजर्स का सपोर्ट भी मिलता है।
हालांकि एक्सीलेटर की भी कॉस्ट होती है। पार्टिसिपेट करने के लिए आपको ऑर्गेनाइजर को 5-8% इक्विटी देनी पड़ती है। हालांकि सबके सामने तो वो लोग कॉस्ट कम नहीं करेंगे लेकिन अगर आप उनसे अकेले में बात करेंगे तो आपका काम कम पैसों में हो सकता है। पहले आपको एक्सीलेटर में पार्ट लेना चाहिए, क्योंकि अगर वहां से आपको फंडिंग नहीं भी मिली तो आपके पास पिचिंग कॉम्पिटीशन के लिए रिसोर्स रेडी हो जाएगा।
रेपीटेबल रेवेन्यू कम्पनी की सक्सेस का सीक्रेट होता है। सच तो ये है कि अगर किसी बिजनेस को अर्ली स्टेज में सक्सेस चाहिए तो उसे किसी ग्लैमर पर फोकस नहीं करना चाहिए बल्कि प्रोसेस पर फोकस करना चाहिए। जब भी आप अपनी सर्विस या फिर अपना कोई प्रोडक्ट लॉन्च करते हैं तो सबसे पहले आपको एक रेगुलर और प्रेडिक्टेबल इनकम की नीड होती है। आपको ये पता होना चाहिए कि आप जो प्रोसेस अप्लाई करने जा रहे हैं वो क्या आउटकम लेकर आएगा। और फिर अगर वो प्रोसेस वर्क कर जाता है तो फिर आप उस प्रोसेस को रिपीट करके अपना आउटकम रिपीट कर सकते हैं। फिर अगर आप चाहें तो इस प्रोसेस से जनरेट हुए रेवेन्यू को किसी और प्रोसेस में इन्वेस्ट कर सकते हैं। रेपीटेबल रेवेन्यू के तीन एस्पेक्ट होते हैं- जनरेटिंग लीडस्, एफेक्टिवली टार्गेटिंग कस्टमर और ट्रैकिंग कन्वर्जन।
अपनी सेल्स टीम के मेंबर्स को नई बिजनेस लीडस् जनरेट करने के लिए कहें या फिर आप उन्हें प्रोडक्ट को पोटेंशियल कस्टमर तक पहुंचाकर डील क्लोज करने के लिए बोल सकते हैं। अगर आपको ये पता चल जाता है कि कौन सा प्रोसेस आपके लिए बेस्ट है तो उसे अपनी कम्पनी के एम्पलॉय के साथ शेयर करें जिससे कि हर कोई उसको फॉलो कर सके।
अगला स्टेप है कि आप अपने आइडियल कस्टमर की डिटेल्ड प्रोफाइल क्रिएट करें। और फिर उस लिस्ट में जो लोग फिट होते हैं उनको पॉइंट आउट करें। मान लीजिए आपके लिए कम्पनी के HR आइडियल कस्टमर है तो फिर आप कम्पनीज के रिसेप्शन पर जाकर उसके HR का नाम और ईमेल पता कर सकते हैं। उसके बाद आप ईमेल के जरिये उनसे कनेक्ट हो सकते हैं। अगर आप उनके किसी जान पहचान के व्यक्ति का नाम लेकर ये बोलेंगे की मुझे उन्होंने आपके बारे में बताया तो रिलेशन एस्टेबल करना आसान रहेगा।
कनेक्ट होने के बाद आप लाइव काल कर सकते हैं। अपने क्लाइंट से उनके गोल्स के बारे में पूछें और उनको बताएं कि किस तरह से आपका प्रोडक्ट उनको उनके गोल तक पहुंचने में हेल्प कर सकता है। और अगर आपके आइडियल कस्टमर कम्पनीज़ के सीईओ हैं तो फिर आपको कॉनटेक्ट मॉर्केटिंग की हेल्प लेनी चाहिए। कॉनटेक्ट मॉर्केटिंग की हेल्प से आप कम्पनीज़ के सीईओ और ऐसे बड़े बड़े पोस्ट वाले लोगों तक पहुंच सकते हैं।
अपने टारगेट को आइडेंटिफाई करें और उनके बारे में जितनी ज्यादा नॉलेज फाइंड कर सकें करिये। उसके बाद उनतक पहुंचने का कोई क्रिएटिव वे फाइंड करिये। खैर आपकी अप्रोच जो भी है अपने हर पोटेंशियल कस्टमर के साथ का इंटरैक्शन का डाटा जरूर रखें। इससे आपको आपके सक्सेस रेट का अंदाजा लगता रहेगा।
अपने बिजनेस को सीरीज A राउंड फंडिंग के लिए प्रीपेयर करें।
एक बार आपका बिजनेस सेटअप हो गया और अच्छे से रन करने लगा तो फिर आप सीरीज A राउंड फंडिंग के लिए रेडी हो जाते हैं। सीरीज A राउंड का मतलब होता है कम्पनी के कैपिटल फाइनेंसिंग के लिए इनिशियल राउंड। सीरीज A राउंड फंडिंग का साइज कम्पनी पर और उसके नीड्स ओर डिपेंड करता है। अगर आप ये सोच रखते हैं कि आप जितना ज्यादा पैसा मार्केट से उठा लेंगे उतना बेटर रहेगा तो शायद आपकी सोच गलत है। क्योंकि ऐसा हमेशा ठीक नहीं रहता। इम्पोर्टेन्ट ये है कि आप इस बात पर फोकस करें कि आपको अपनी कम्पनी को नेक्स्ट माइलस्टोन पर ले जाने के लिए कितना पैसा चाहिए और फिर उतना ही रेज करें।
जब विल्सन ने अपनी कम्पनी रेसिलिया के लिए सीरीज A राउंड फंडिंग स्टार्ट की तो उन्होंने 8 मिलियन का टारगेट सेट कर लिया था। उन्होंने सीड फंडिंग की हेल्प से पहले से ही काफी इन्वेस्टर अर्न कर लिए थे जोकि उनकी कैपेबिलिटी में बिलीव करते थे और फिर उन इन्वेस्टर्स की हेल्प से उन्होंने और इन्वेस्टर्स अर्न किए। विल्सन ने अपनी पहली फण्ड रेजिंग कैंपेन से ये तो पता कर लिया था कि उनको 8 मिलियन रेज करने के लिए क्या क्या करना होगा। उनको पता था कि रेसिलिया को नई हाइट तक ले जाने के लिए उनको किस किस रिसोर्स की नीड होगी।
सीरीज A राउंड फंडिंग के लिए आप सबसे पहले अपनी कम्पनी की खासियत को जाने। उसके बाद बिजनेस मॉडल, अडॉप्टीबिलिटी, मार्केट ट्रैक्शन के बारे में भी नॉलेज रखें। आपको अपने इन्वेस्टर्स के सामने ये प्रूव करना आना चाहिए कि चाहे आपका बिजनेस आपको इनकम दे रहा हो लेकिन फिर भी आपको कुछ डिफरेंट करने के लिए फंडिंग की नीड है। सबसे इम्पोर्टेन्ट बात ये की कैंपेन को स्टार्ट करने के लिए राइट टाइम डिसाइड करें। विल्सन ने एक बार कैंपेन अक्टूबर के महीने में स्टार्ट किया था जिस टाइम ज्यादतर लोग हॉलिडे पर गए थे।
फंडिंग को मैरिज की तरह अप्रोच करें। सिर्फ इसलिए हां न करें क्योंकि आपके सामने ऑफर अवलेबल है। आपको अपने इन्वेस्टर्स के साथ लांग रिलेशनशिप डेवलप करने है तो मेक स्योर करें कि आप दोनों ऑफर के साथ सैटिसफाइएड हों।
कुल मिलाकर
बिजनेस स्टार्ट करने से पहले आपको बहुत सी चीजें कंसीडर करनी होती हैं। सबसे पहले तो ये कि क्या आपको इन्वेस्टर्स की नीड है या फिर आप बूटस्ट्रैपिंग की हेल्प से अपना बिजनेस अपने पास अवलेबल रिसोर्स से स्टार्ट कर सकते हैं। उसके बाद आपको सोर्स टैलेंट की नीड होगी जोकि आप फ्रीलांसर को हायर करके पा सकते हैं। एक बार आपका प्रोडक्ट या सर्विस मार्केट में आ जाता है तो आपको सेल्स पर फोकस करना है। ये काफी टफ जर्नी है लेकिन अगर आप समझदारी के साथ अप्रोच करते हैं तो आप जरूर सक्सेसफुल होंगे।
क्या करें?
अपनी फ्रीलांसर टीम को मैनेज करने के लिए टेक्निकल कन्सलटेन्ट हायर करें।
अगर आपके पास कोई कन्सलटेन्ट नहीं होगा तो हो सकता है लोग आपका फायदा उठा लें। इस प्रॉब्लम से निकलने का एक ही वे है और वो ये कि आप डेवलपर को हायर करें। आपकी फ्रीलांसिंग टीम उस डेवलपर को रिपोर्ट करे और और डेवलपर आपको। ये मेक स्योर कर लें कि डेवलपर एक्सपीरियंस वाला हो और उसको टीम को मैनेज करने के बारे में नॉलेज हो।
येबुक एप पर आप सुन रहे थे Resilient by Sevetri Wilson
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