Reinvent Yourself

0
Reinvent Yourself

James Altucher
अपनी ज़िंदगी फिर से शुरू करना चाहते हो?

- सक्सेस की राह पर चलने का पहला स्टेप क्या होना चाहिए? (Page 1)
- क्रिएटिव होने के लिए आपको कितना काम करना चाहिए? (Page 2)
- दुखी लोग अपने दुख को जुनून मे कैसे बदल सकते हैं? (Page 3)
 - जो लोग अपनी वैल्यूज़ का साथ कभी नहीं छोड़ते उनके साथ क्या होता है? (Page 4)

दो लफ्ज़ों में
साल 2016 में रिलीज़ हुई किताब ‘Reinvent Yourself’ बताती है कि आप कैसे अपनी लाइफ की अप्रोच को बदलकर उसे सक्सेस के रास्ते पर लेकर जा सकते हैं. ऑथर ‘James Altucher’ ने इस किताब में कई कामयाब लोगों की कहानी को बड़े ही आकर्षक ढ़ंग से पेश किया है. जिन कहानियों से उन्होंने आर्ट ऑफ़ री-इन्वेंशन को सीखा था. उन्हीं कहानियों को लेखक ने सराहनीय ढ़ंग से इस किताब में शब्दों के माध्यम से उकेर दिया है. अब आपके ऊपर है कि आप इस किताब से खुद को कितना बदल सकते हैं? 

ये किताब किसके लिए है
- ऐसे प्रोफेशनल जिन्हें नए करियर की ज़रूरत है 
- ऐसे लोग जिन्हें नई स्किल्स सीखने में मज़ा आता है 
- सभी फील्ड के स्टूडेंट्स 
- ऐसे लोग जिन्हें फाइनेंशियल फ्रीडम चाहिए 
- आंत्रप्रेन्योर जिन्हें आईडिया की ज़रूरत हो 

लेखक के बारे में
आपको बता दें कि इस किताब का लेखन James Altucherने किया है. ये लेखक होने के साथ-साथ आंत्रप्रेन्योर और सफल पॉडकास्टर भी हैं. इन्होने ऐसी कई किताबों का लेखन किया है. जो बाद में बेस्ट सेलिंग नॉवेल बनी थीं. एंजल इन्वेस्टर के तौर पर इनको काफी वर्षों का अनुभव रहा है. जिसको उन्होंने इस किताब में शब्दों के माध्यम से उतारने की कोशिश की है. इन्होने अपने करियर में 20 कम्पनियों को को-फाउंड किया था. जिनमे से 17 फेल हो गई हैं. इन्हीं फेलियर से लेखक ने सीखा था कि लाइफ में अप्रोच को बदला कैसे जाता है? उसी एक्सपीरियंस को वो आपको सिखाना चाहते हैं.

आपकी जॉब या डिग्री आपको डिफाइन नहीं कर सकती है, खुद को री-डिफाइन करिए
हमें इस बात को मान लेना चाहिए कि हम बदलती हुई दुनिया में जी रहे हैं. भले ही तकनीक हो या राजनीति सब कुछ लगातार बदल ही रहा है. यही वजह है कि हमें हर रोज़ नए-नए चैलेंज का सामना करना पड़ता है. अगर हम सफल होना चाहते हैं तो फिर हमें इसी चेंज को एक्सेप्ट भी करना होगा. ये बात भी सही है कि कुछ भी कह देना बहुत आसान होता है. सवाल यही है कि इसे हम करेंगे तो करेंगे कैसे? इसके लिए स्ट्रेटजीज़ हैं. जो कि सीक्रेट भी हैं. उन्ही के बारे में इस किताब के चैप्टर्स में बताया गया है. अब आप इतना तो जानते ही होंगे कि कुछ भी सीखना है तो थोड़ी सी मेहनत तो करनी ही पड़ती है. इसलिए इन तकनीकों को सीखने के लिए भी आपको इस किताब को सुनना या पढ़ना तो पड़ेगा ही. कहा भी गया है कि “अगर पहाड़ आपके पास नहीं आ सकता है. तो कोई बात नहीं, आप पहाड़ के पास चले जाइए” आपको यही अप्रोच रखनी चाहिए. अगर आपको ये वर्ल्ड एडाप्ट नहीं कर सकता है. तो फिर आप इसे एडाप्ट कर लीजिए. इस समरी में आप जानेंगे कि समस्याओं का सामना कैसे करना चाहिए?टूटना भी बेहतर कैसे हो सकता है? और सुबह जल्दी कैसे उठ सकते हैं? साथ ही दिन भर के लिए मोटिवेट भी रह सकें?

तो चलिए शुरू करते हैं!

एक समय ऐसा भी हुआ करता था कि सक्सेस की रोड बड़ी ही सीधी हुआ करती थी. डिग्री लेनी होती थी. फिर स्टेबल जॉब और फिर रिटायरमेंट का इंतज़ार. कुछ इसी तरह अधिकत्तर लोगों की ज़िंदगी बसर हुआ करती थी. लेकिन अब हमें समझना चाहिए कि ये सब पुरानी प्रथा हो चुकी है. लेकिन अफ़सोस की बात ये है कि आज भी ज्यादातर लोग इसी रूल को फॉलो करना चाहते हैं. इसी वजह से वो खुद को कई तरह के लोन के नीचे दबा देते हैं. आपको पता होना चाहिए कि पुरानी रोड अब खत्म होने की कगार पर है. आज का समय बहुत तेजी से बदल रहा है. अब सफलता की राह किसी एक रोड पर डिपेंड नहीं है. आप किसी भी रास्ते से सफलता तक पहुँच सकते हैं. ये कहना भी गलत नहीं होगा कि आपको खुद की राह खुद ही बनानी पड़ेगी. इसलिए तैयार हो जाइए सफर करने के लिए, ये सफर इतना आसान भी नहीं होने वाला है. आपको कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ेगा. कई बार तो आपको ऐसा भी लगेगा कि आप लाइफ में कहीं पीछे छूट गए हैं. उस समय आपको हिम्मत नहीं हारनी है. 

सक्सेस की राह पर चलने का पहला स्टेप क्या होना चाहिए? पहला स्टेप यही होना चाहिए कि अब आपकी डिग्री या जॉब आपको डिफाइन नहीं करेगी. मतलब साफ़ है कि अब आपकी पहचान आप खुद ही होंगे. अब समय आ गया है कि आप अपनी पर्सनालिटी को रीइन्वेंट करें. ऐसी कई कम्पनियां भी होती हैं. जो खुद को रीइन्वेंट करती रहती हैं. एग्जाम्पल के लिए आप गूगल को देख सकते हैं. ऑथर ने गूगल पर काम करने वाले अपने दोस्त से सवाल किया था कि उसकी कंपनी किस नए प्रोजेक्ट के ऊपर काम कर रही है? 

ऑथर को उम्मीद थी कि जवाब कुछ सर्च रिलेटेड ही आएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ था. जवाब ने ऑथर को चकित कर दिया था. उनके दोस्त ने जवाब दिया था कि इस समय गूगल ऑटोमेटिक कार और कैंसर को ठीक करने वाले ब्रेसलेट के ऊपर रिसर्च कर रहा है. आगे चलकर कंपनी इन्ही प्रोडक्ट्स को बनाना चाहती है. ये एग्जाम्पल बताता है कि गूगल भी नहीं चाहती है कि एक ही काम उनको डिफाइन करे. वो भी खुद के अंदर लगातार बदलाव लाने की कोशिश कर रही है. आपको समझना होगा कि बदलाव ही इस दुनिया की सच्चाई है. इसलिए खुद के अंदर भी लगातर बदलाव लाते रहिएगा. Larry Page गूगल के को-फाउंडर हैं. उनकी कोशिश भी यही रहती है कि उनकी डिग्री ही उनको डिफाइन ना करे. उनकी पढ़ाई कंप्यूटर साइंस के ऊपर हुई है. लेकिन आज वो सॉफ्टवेयर्स के साथ खेल रहे हैं. खुद के अंदर बदलाव लाना इतना आसान भी नहीं है. इसके लिए भी आपको काफी रिसर्च करनी चाहिए. सबसे पहले तो आपको बहुत पढ़ने की आदत डालनी चाहिए. सक्सेसफुल लोगों के बारे में पढ़ने की आदत डालिए. ये ओब्सर्व करने की कोशिश करिए कि ऐसी कौन सी चीज़ थी. जिसकी वजह से उन्होंने सक्सेस को इतने नज़दीक से जिया है. 

खुद के नज़रिए को बदलने की कोशिश करिए, देखते-देखते ही पूरी तस्वीर बदल जाएगी. किसी बेहतर अवसर के आने का इंतज़ार मत करिए. बल्कि अवसर को क्रिएट करने की कोशिश करिए.

अपने पैशन की प्रैक्टिस डेली बेसिस में करते रहिए, क्या कभी अपने बचपन में लौटने की कोशिश की है?
इतिहास के पन्नों को खोलने की कोशिश करते हैं. जब भी हम इतिहास में देखने की कोशिश करेंगे तो हमको पता चलेगा कि आज तक के जो सबसे क्रिएटिव लोग हुए हैं. वो काफी कंसिस्टेंस भी हुआ करते थे. एग्जाम्पल के लिए हम “Pablo Picasso” को ही देख लेते हैं. आपको पता होना चाहिए कि “Pablo Picasso” ने 50 हज़ार आर्ट वर्क तैयार किया था. इसका अगर एवरेज देखा जाए तो उन्होंने प्रति दिन 2 आर्ट वर्क तैयार किए थे. “Jimi Hendrix” की बात करें तो सिर्फ 27 सालों तक ही जीवित रहे थे. इतने सालों में उन्होंने 70 से ज्यादा एल्बम रिकॉर्ड कर दिए थे. इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि क्रिएटिव होने के लिए आपको हर सेकंड काम करने की ज़रूरत है. लेकिन जितना ज्यादा प्रोडक्टिव आप होंगे, आपका टैलेंट भी समय के साथ बेहतर होता चला जाएगा. 

इसलिए कहा भी गया है कि “प्रैक्टिस मेक्स मैन परफेक्ट”

राइटर ‘Barbara Cortland’ एक प्रेरणादाई एग्जाम्पल हैं. जिनसे आप सीख सकते हैं कि ज्यादा काम करने से आप कैसे बेहतर बन जाएंगे? साल 1983 में उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया था. उस साल उन्होंने एक साल में सबसे ज्यादा नॉवेल्स लिखी थी. कितनी नॉवेल्स लिखीं थीं? आपको बता दें कि उन्होंने एक साल में 23 नॉवेल्स लिखीं थीं. उनका पैशन था कि वो रोमांस के बारे में लिखें, इसकी प्रैक्टिस भी वो हर रोज़ किया करती थीं. 

रैपर कुली का भी एग्जाम्पल आप देख सकते हैं. बचपन से ही उन्हें रैपर बनना था. इसके लिए वो हर रोज़ लिरिक्स लिखा करते थे. जिसकी शुरुआत उन्होंने 14 साल की उम्र में कर दी थी. अगले 17 सालों तक उन्होंने हर दिन अपने क्राफ्ट को बेहतर करने की कोशिश ज़ारी रखी थी. फाइनली वो साल भी आ गया जब उनकी मेहनत का फल मिला. साल 1994 में उनका पहला हिट रैप रिलीज़ हुआ था. इसके बाद के सालों में तो इतिहास रचा गया था. इस इतिहास को बनाने के लिए उन्होंने कई सालों तक मेहनत की थी. इसलिए कहा जाता है कि कुछ भी हो जाए लेकिन आप हार्ड वर्क का साथ नहीं छोड़ियेगा. अगर ऐसा होता है. तो फिर एक दिन ज़रूर आएगा जब किस्मत भी आपके आगे नतमस्तक हो जाएगी. कुली के एग्जाम्पल से आप सीख सकते हैं कि अपनी स्किल की प्रैक्टिस क्यों करनी चाहिए? लेकिन आपको ये कैसे पता चलेगा कि आपको कौन सी स्किल की प्रैक्टिस करनी है? इसी के साथ ये भी पता चलना ज़रूरी है कि सफलता की राह कहाँ है? 

इसके लिए आपको अपने बचपन की गलियों में लौटना चाहिए. वहां लौटकर खुद से सवाल करना चाहिए कि वो ऐसा कौन सा सपना था जो आप देखा करते थे? ऐसी कौन सी स्किल थी जिसको पूरा करने के लिए आप बहुत मेहनत किया करते थे? इसलिए खुद से कठिन सवाल पूछना कभी भी मत छोड़ियेगा. अपने दिल की आवाज़ को सुनने की कोशिश करिए, कई बार ये आपको प्रैक्टिकल नहीं भी लग सकता है. लेकिन इसको फॉलो करने की कोशिश करिएगा. 

फियर ऑफ़ फेलियर से डील करना सीखिए,इसको हराने के लिए आपके पास बर्निंग डिज़ायर होना ही चाहिए। 

अब आपको सोचने की दुनिया में चलने का समय आ गया है. ज़रा सोचिए कि आप सुबह-सुबह बिस्तर से उठ रहे हैं. उठने के साथ ही साथ आप मोटिवेशन से भरे हुए हैं. आपको मालुम है कि आगे आपको क्या करना है? आपको ये भी मालुम है कि आज के दिन को प्रोडक्टिव कैसे बनाना है? क्या आपको ये किसी सपने की तरह लग रहा है? अगर आपको ये बातें सपने की तरह लग रही हैं. तो फिर आपको अब अपने बर्निंग डिज़ायर की तलाश करनी ही चाहिए. बर्निंग डिज़ायर से आप अपने फोकस को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं. जब भी आप किसी भी टारगेट को पूरा करने के लिए आगे बढ़ने की शुरुआत करेंगे तो फिर आपके रास्ते में कई सारी रुकावटें भी आएँगी. लेकिन अगर आपके पास बर्निंग डिज़ायर रहेगा तो फिर आपके पास वो शक्ति रहेगी. जिससे आप किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं. यहाँ पर लेखक आपको Wayne Dyer की कहानी बता रहे हैं. डेयर ने अपना बचपन एक अनाथ के तौर पर बिताया था. बचपन से ही उनके पास ना ही घर की सुविधा थी और ना ही परिवार की, उनका बचपन आम बच्चों की तरह नहीं था. उनके बचपन को देखकर कोई नहीं बोल सकता था कि वो पढ़ाई लिखाई में इतनी आगे तक जाएंगे? उन्होंने अपनी पढ़ाई में पी.एच.डी हासिल की थी. इसी के साथ वो जाने माने प्रोफेसर भी हुए थे. 

प्रोफेसर बनने के बाद Wayne Dyer ने अपनी पहली किताब भी लिखी थी. जिसकी 35 मिलियन से ज्यादा कॉपी सेल हुई थी. इस किताब ने उस जमाने में सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिया था. लेकिन आपको पता होना चाहिए कि एक अनाथ से बेस्ट सेलिंग ऑथर बनने की जर्नी इतनी भी आसान नहीं थी. शुरुआत के महीनों में उनकी पहली किताब की सिर्फ 5 हज़ार कॉपी सेल हुई थी. जिसके बाद इन्होने इसे फेलियर ही समझ लिया था. उन्होंने फैसला भी कर लिया था कि अब वो पब्लिशर से सारी कॉपी वापस मांग लेंगे. लेकिन फिर उनके अंदर के बर्निंग डिज़ायर ने उन्हें प्रेरित किया, जिसकी वजह से उन्होंने अपनी किताब की मार्केटिंग करने का फैसला किया था. इसके लिए उन्होंने कई टीवी चैनल को भी अप्रोच किया था. लेकिन सभी ने उन्हें नकार दिया था. बाद में उन्होंने खुद ही अपनी किताब की मार्केटिंग की थी. वो पाठकों से फेस टू फेस मिलकर अपनी किताब के बारे में बताया करते थे. बाद में क्या हुआ था? ये तो आप सबको पता ही है. उन्होंने पब्लिशिंग इंडस्ट्री में एक नया रिकॉर्ड बनाया था. आपको पता होना चाहिए कि बर्निंग डिज़ायर की वजह से ही Wayne Dyer’s, ने इतिहास के पन्नों में अपने नाम को दर्ज़ करवाया था.

हमें दूसरों को उनके दर्द में मदद करने का प्रयास करना चाहिए और अपने दुखों को अपने जुनून में बदलने की कोशिश करनी चाहिए
एक ऐसे विश्व की कल्पना कीजिये, जहाँ कोई बॉर्डर ही ना हो. जिसको-जिसके साथ व्यापार करना हो कर सके, बिना रोक-टोक के कोई कहीं भी जा सके. अपने आईडिया को दूसरों के साथ बाँट सके. क्या ये आइडियल सिचुएशन नहीं होगी? लेकिन ऐसा होना मुमकिन ही नहीं है. ये सोच किसी को भी समझ में नहीं आएगी. 

इसके बावज़ूद भी आपको एक बात समझ में आ सकती है. वो ये है कि आपको लाइफ को वैल्यूज़ के साथ जीना है. “Pope Francis” से आप द्यायुलता सीख सकते हैं. एक किस्सा कुछ ऐसा है कि एक बार जवान युवती प्रेग्नेंट थी. उसका पति अबोर्शन के लिए दबाव बना रहा था. लेकिन वो बच्चा रखना चाहती थी. इसलिए पति को तलाक दे दिया था. लेकिन बाद में वो अवसाद में चली गई थी. फिर उसने पोप को खत लिखा था. एक हफ्ते बाद उसके फोन की रिंग बचती है. उस तरफ पोप ही थे. उन्होंने फोन में ही युवती को समझाया और आगे बच्चे की देखभाल की ज़िम्मेदारी भी ले ली थी. आपको ये दयालुता का एग्जाम्पल लग रहा होगा. लेकिन पोप ने इस तरह कई हज़ारों लोगों की मदद की है. वो कहते हैं कि दूसरों के दर्द में उनकी मदद करते हुए आप खुद की भी मदद कर रहे होते हैं. अच्छा तो ये क्लियर हो गया है कि हमें दूसरों के दर्द को समझना चाहिए. लेकिन हमारे खुद के दर्द को कौन समझेगा? 

इसका एक ही जवाब है. जब कोई रास्ता ना नज़र आए तो अपने पैशन के ऊपर काम करने की शुरुआत कर दीजिएगा. आपका पैशन ही आपके सारे दुखों का इलाज़ है. कभी इस ट्रिक को आजमा कर देखिएगा. 

इमैजिन करिए कि आपको बर्निंग डिज़ायर के बारे में पता चल चुका है. आपको ये भी पता चल गया कि पैशन को फॉलो करने के लिए आपके अंदर टैलेंट है. लेकिन इतने भर से आपका मिशन पूरा नहीं हुआ है. अपनी डिज़ायर को फ्यूल करते रहना है. इसलिए कहा जाता है कि डेटरमिनेशन ही सक्सेस की कुंजी है. 

सेरेना विलियम्स को तो सभी जानते हैं. उनके पास टेनिस खेलने का टैलेंट था. लेकिन उसे उन्होंने कई सालों के हार्ड वर्क से अचीव किया था. उन्होंने 3 साल की उम्र से ही प्रैक्टिस की शुरुआत कर दी थी. 10 साल की उम्र में उन्हें पहली कामयाबी देखने को मिली थी. इसके बाद उनके सफर की शुरुआत हुई थी. उन्होंने अपनी लाइफ के 30 साल टेनिस को दिए हैं. ऑथर “Charles Bukowski” ने अपनी जवानी तक बस दो आर्टिकल ही पब्लिश किए थे. इसके बाद इन्होने लिखना ही छोड़ दिया था. इनके अंदर तब डेटरमिनेशन नहीं था. इसलिए इन्हें सफलता भी नहीं मिली थी. 

लेकिन फिर इन्होने लेखन में वापसी की थी. 15 सालों तक लगातार लिखते रहे थे. इसके बाद इन्हें 49 साल की उम्र में सफलता भी मिल गई थी. अब आपको पता चल गया होगा कि सफलता में डेटरमिनेशन का रोल कितना ज्यादा है. सफल होने के लिए टैलेंट का होना ज़रूरी है. लेकिन उससे ज्यादा ज़रूरी है कि आपके अंदर उस काम को करते रहने की लग्न होनी चाहीए. किसी को भी रातों-रात सफलता नहीं मिलती है. किसी को मिल भी जाती होगी. तो सिर्फ और सिर्फ अपवाद ही होता है. इसलिए सफल होने के लिए लगातार कई सालों तक मेहनत करने के लिए तैयार रहिएगा. आपको सफलता के लिए प्रेरित एक चीज़ और करती है. वो चीज़ है जब आप टूटे हुए होते हैं. कई लोग ब्रोकन को नेगेटिव ले लेते हैं. लेकिन आपको पता होना चाहिए कि जब आप टूटे हुए होते हैं. तब आपके अंदर डिज़ायर का जन्म हो रहा होता है. उस समय आपके अंदर एक अलग ही तरह की एनर्जी होती है. अगर आप उस एनर्जी का सही से इस्तेमाल करें. तो आप लाइफ में कुछ बढ़ियां कर सकते हैं. लेकिन उस वक्त आपको ध्यान रखना है कि आप अपनी एनर्जी को कहाँ पर इन्वेस्ट कर रहे हैं. क्या आप अपनी एनर्जी को सही जगह इन्वेस्ट कर रहे हैं? अगर आप सही काम करते रहेंगे. तो फिर ब्रोकन होने के बावज़ूद आप सफलता की बुलंदियों को छू सकते हैं.

कुल मिलाकर
आज की भागती दौड़ती दुनिया में बदलाव ही एक मात्र सच है. इसलिए खुद की पर्सनालिटी में लगातार बदलाव करते रहिए. खुद का री-इन्वेंशन करना बहुत ज़रूरी है. इसी की मदद से आप लाइफ में बहुत आगे जा सकते हैं. 

 

क्या करें?

ज़िंदगी को किसी भी दबाव में जीने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. ज़िंदगी को खुलकर जीने की कोशिश करिएगा. अपने पैशन को फॉलो करिए. लाइफ में आपको क्या-क्या करना है? उसको एक कलम की मदद से पेपर में नोट डाउन करते रहिए. नए-नए लोगों से मिलने की कोशिश करते रहिए. इससे आपके अंदर नई-नई क्वालिटीज़ का जन्म होता रहेगा. लाइफ में सक्सेसफुल होने के लिए एक अच्छे और बड़े नज़रिए का होना भी बहुत ज़रूरी होता है. 

येबुक एप पर आप सुन रहे थे Reinvent Yourself by James Altucher

ये समरी आप को कैसी लगी हमें yebook.in@gmail.comपर ईमेल करके ज़रूर बताइये.

आप और कौनसी समरी सुनना चाहते हैं ये भी बताएं. हम आप की बताई गई समरी एड करने की पूरी कोशिश करेंगे.

अगर आप का कोई सवाल, सुझाव या समस्या हो तो वो भी हमें ईमेल करके ज़रूर बताएं.

और गूगल प्ले स्टोर पर ५ स्टार रेटिंग दे कर अपना प्यार बनाएं रखें.

Keep reading, keep learning, keep growing.


Post a Comment

0Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Post a Comment (0)

YEAR WISE BOOKS

Indeals

BAMS PDFS

How to download

Adsterra referal

Top post

marrow

Adsterra banner

Facebook

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Accept !