Quit Like a Millionaire

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Quit Like a Millionaire

Kristy Shen and Bryce Leung
No Gimmicks, Luck, or Trust Fund Required

दो लफ्ज़ों में 
साल 2019 में रिलीज़ हुई किताब “Quit Like a Millionaire” आपको गरीबी और अमीरी के बीच की खाई से रूबरू करवाएगी. आपको इस किताब की मदद से पता चलेगा कि कैसे पैसों को मैनेज करना है और कैसे एक बड़ी वेल्थ तैयार करना है? अगर आप भी अमीर बनना चाहते हैं. तो इस किताब की समरी को ज़रूर सुनिए और पढ़िए. इस किताब के चैप्टर्स में कर्ज़ से मुक्ति का रास्ता भी बताया गया है. इसलिए खुद को फाइनेंशियल इंडीपेंडेंट बनाने के सफ़र की शुरुआत आज से ही कर दीजिए.

  ये किताब किसके लिए हैं? 
-फाइनेंशियल स्टूडेंट्स के लिए 
-ऐसे लोग जो रिटायर होने वाले हों 
-ऐसा कोई भी जिसे अमीर बनना हो 

लेखक के बारे में 
आपको बता दें कि इस किताब को Kristy Shen और Bryce Leung ने मिलकर लिखा है. दोनों कैनेडा के ट्रेंड इंजीनियर्स रह चुके हैं. फिर अचानक इन्होने रैट रेस को छोड़ने का फैसला किया और आज ये दोनों मिलिनियर्स में शामिल हो चुके हैं. 

इस किताब में मेरे लिए क्या है? 
आपकी ज़िन्दगी के सफ़र के दौरान एक कहावत से ज़रूर मुलाक़ात हुई होगी कि “पैसों से खुशियाँ नहीं खरीदी जा सकती हैं.” बेशक आप ऐसा मान सकते हैं. लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि ग़रीबी से बड़ा दुश्मन कोई और नहीं हो सकता है. और पैसों की मदद से आप इस ग़रीबी नामक दुश्मन को जड़ से खत्म कर सकते हैं. तो फिर इसका मतलब साफ है कि ख़ुशियों की ख्वाइश पैसों से पूरी की जा सकती है. 
इसलिए अपनी लाइफ स्टाइल को बेहतर करने के लिए पैसा कमाना और बचाना सीखिए. पैसों को इस तरह से मैनेज करिए कि उससे बड़ा वेल्थ बनाया जा सके. 
इस किताब की लेखिका Kristy Shen  एक self-made millionaire हैं. जिन्होंने 31 साल की उम्र में रिटायरमेंट ले लिया था. हमें इस किताब के चैप्टर्स में पता चलेगा कि कैसे लेखिका ने self-made millionaire तक का सफ़र तय किया? इस समरी में आप यह भी जानेंगे कि अर्लीरिटायरमेंट कोई सपना नहीं है? इसे पूरा किया जा सकता है. और फाइनेंशियलफ्रीडम के लिए टिप्स और ट्रिक्स!

अच्छे फाइनेंशियल डीसीज़न लेने के लिए पैशन की जगह मैथ को फॉलो करिए
साल 2005 के दौरान स्टीवजॉब्स ने स्टैंनफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स से बात करते हुए कहा था कि “अपने दिल की आवाज़ को फॉलो करिए” ये स्पीच बहुत जल्द पूरे विश्व में वायरल हो गई थी. ये बात कुछ महीनों तक तो लोगों की ज़बान में रही. लेकिन फिर समय के साथ फीकी होती चली गई. 

आखिर खुद के दिल की आवाज़ को सुनना मुश्किल क्यों हो रहा है? 

इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण ये है कि दिल अधिकत्तर गलत फैसले करता है. 

हर साल स्टूडेंट्स अपनी लाइफ का सबसे बड़ा फैसला करते हैं कि उन्हें कहाँ पढ़ाई करनी है? लेखिका Kristy के सामने भी साल 2000 में ये सवाल था. उनके सामने करियर को लेकर creative writing, accounting और  computer engineering नाम की 3 चॉइस थी. 

उनका दिल कह रहा था कि वोराइटिंग के साथ आगे बढ़ें, लेकिन मैथ कह रही थी कि उन्हें इंजीनियरिंग के रास्ते को अपनाना चाहिए. उन्होंने मैथ की सलाह को माना और ये सलाह उनके लिए फायदे का सौदा साबित हुई. 

ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इंजीनियरिंग के दम पर ही उन्होंने सलाना 40 हज़ार डॉलर से कमाई की शुरुआत की थी. कैरियर की शुरुआत में इस तरह का पॅकेज किसी और डिग्री में मिलना मुश्किल था. 

तब लेखिका ने मैथ को फॉलो किया था. जिसके दम पर उन्होंने अच्छा पैसा कमाया, आज वो अपने पैशन को भी फॉलो कर रही हैं. आज वोप्रोफेशनलराइटर हैं, अब उन्हें पैसों के बारे में ज़रा सी भी चिंता नहीं रहती है. जिसकी वजह से वो खुलकर अपनी क्रिएटिविटी दिखा पाती हैं. 

ये बात बिल्कुल सच है कि शांत माहौल और दिमाग में ही क्रिएटिविटी फूट-फूटकर उभरती है. लेखिका ने अपनी जॉब से इस फाउंडेशन के तैयार किया था. वो ऐसा सिर्फ और सिर्फ इसलिए कर पायीं क्योंकि उन्होंने लाइफ की मैथ्स को फॉलो किया और अपने करियर की सही चुनाव किया.

कर्ज़ एक ऐसा जाल है जिससे हर कीमत पर बचना चाहिए
क्या आप जानते हैं कि चीन में अधिकत्तर लोग अपनी कमाई का 38 परसेंट सेव करते हैं? जो कि अमेरिकन्स और जापान के लोगों की तुलना में काफी अधिक है. 

चीन के लोग पैसों की सेविंग्स पर भरोसा क्यों करते हैं? 

साल 1949 में जब चीन कम्युनिस्ट सरकार पॉवर में आई, तब वहां भ्रष्टाचार अपने चरम पर था. वहां बैंकिंग जैसी व्यवस्था नहीं थी. लोग क़र्ज़ में डूबे रहते थे. अगर किसी को कुछ खरीदना रहता था तो उसके पास दो चॉइस रहती थी. पहली कर्ज़ में डूब जाना और सामने वाला का गुलाम बन जाना. या फिर तब तक पैसे इकट्ठे करना, जब तक उस चीज़ को खरीदने लायक पैसे ना आ जाएँ. 

एतिहासिक तौर पर चीन में कर्ज़ का मतलब “गुलाम” बनना ही हुआ करता था. 

इस किताब की एक लेखिका चाईनीज़ हैं. उन्होंने अपने देश के इतिहास से सीखा है कि लाइफ में कुछ भी हो जाए लेकिन क़र्ज़ नहीं लेना चाहिए. 

इन्वेस्टमेंट को लेकर लेखिका सलाह देती हैं कि “जब भी आप इन्वेस्टमेंट करिए तो रूल नंबर 72 को याद रखिए. मतलब आपको कल्कुलेट करना चाहिए कि कब तक में आपका लगाया हुआ पैसा डबल हो जाएगा? मान लीजिए कि आपने हज़ार डॉलर इन्वेस्ट किया है. उसमें 6 परसेंट का ब्याज मिल रहा है. तो 72 को 6 से भाग देने पर 12 आएगा. मतलब 12 सालों में आपका पैसा डबल हो जाएगा. जैसे-जैसे पैसा बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे वो पैसा और ज्यादा पैसा बनाता जाएगा. 

याद रखिए कि अगर आप इन्वेस्टर हैं तो रूल नंबर 72 आपका दोस्त है. लेकिन अगर आपने कर्ज़ लिया है तो यही नियम आपका सबसे बड़ा दुश्मन है. क्योंकि आपका क़र्ज़ भी उसी हिसाब से बढ़ता जाएगा. इसलिए लाइफ में कुछ भी करिए, लेकिन खुद को क़र्ज़ के जाल में मत फंसने दीजिए. इस जाल से कई लोगों की ज़िन्दगी बर्बाद हो जाती है.

कन्ज्यूमर कर्ज़ के बारे में भी जानना ज़रूरी है
कर्ज़ से बुरी चीज़ कोई और नहीं हो सकती है. इसके अंदर आपका खून चूसने की काबिलियत होती है. कर्ज़ की वजह से कोई भी शर्मिंदा हो सकता है. इसलिए अगर आपको फाइनेंशियलइंडीपेंडेंट होना है. तो आपको खुद को क़र्ज़ से मुक्त करना होगा. 

अब कंज्यूमर कर्ज़ को समझने की कोशिश करते हैं. इस कर्ज़ का इंटरेस्टरेट बहुत अधिक होता है. इसलिए इस क़र्ज़ से बचने की कोशिश करिएगा. अगर आपको ऊपर इस तरह के क़र्ज़ का बोझ है. तो फिर तुरंत अपने खर्चों में कमी लाइए. बिना खर्च कम किए हुए, आप इस तरह के कर्ज़ से मुक्त नहीं हो सकते हैं. 

आपको रूल नंबर 72 के बारे में मालुम ही है. आपका कर्ज़ कितनी तेजी से डबल और ट्रिपल होगा. आपको पता भी नहीं चलेगा. इसलिए खुद को कर्ज़ से मुक्ति दिलाने के लिए आपको अपने खर्चों को कम करना ही होगा. 

ये थोड़ा मुश्किल हो सकता है. लेकिन अपने आपको इस मुश्किल कदम के लिए तैयार करिए. 

अगर आपके क़र्ज़ का ब्याज़ दर 10 से 20 प्रतीशत के बीच का है. तो फिर सिर्फ और सिर्फ इनस्टॉलमेंट से काम नहीं चलने वाला. आपको खर्च कम करके एक्स्ट्राएफर्ट्स करने होंगे. एक्स्ट्राएफर्ट्स के दम पर ही आप अपने कर्ज़ से मुक्ति पा सकते हैं.

अगर आपके ऊपर कई सारे क़र्ज़ चढ़े हुए हैं. तो आपको लोन खत्म करने के लिए स्ट्रेटजी बनानी होगी. आपको तय करना होगा कि किस क़र्ज़ को कब खत्म करना है. इसके लिए आप फर्स्टप्राईयोरटी उस लोन को दीजिए, जिसका इंटरेस्टरेट बहुत अधिक हो. ज्यादा इंटरेस्ट वाले लोन्स को जल्दी से जल्दी खत्म करने की कोशिश करिए. 

अब बात सेविंग की कर लेते हैं. 

अगर आप ऐसा सोच रहे हैं कि आप अपनी सैलरीसे कुछ नहीं बचा पाते हैं. तो बचत क्या करें? तो फिर भी आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. ज्यादातर लोगों का ऐसा ही सोचना है. लेकिन अगर आप हर रोज़ 1 चाय के बराबर पैसा भी इन्वेस्टकरेंगे, तो उससे भी आपका भविष्य बदल सकता है. 1924 में Theodore Johnson ने UPS में काम करने की शुरुआत की थी. उन्होंने अपने पूरे जीवन में कभी भी $14,000 सलाना से ज्यादा कमाई नहीं की थी. लेकिन उन्होंने अपनी कमाई के 20 प्रतीशतसे UPS के STOCK’S खरीदने की शुरुआत कर दी थी. जिसकी वजह से 90 साल की उम्र में उनके पास $70 मिलियन डॉलर से ज्यादा पैसे इकट्ठे हो गए थे. इसलिए इन्वेस्टमेंटमें जादू होता है, भले ही आप कितना भी क्यों ना कमाते हों? और इन्वेस्टमेंट के ही दम से आप अपने कर्ज़ों से भी मुक्ति पा सकते हैं. 

इस चैप्टर का सार यही है कि खर्चों को कम करिए और उन पैसों को इन्वेस्ट करिए. जिसके कम्पाऊन्डिंगइफेक्ट से आप अपनी लाइफ को पूरी तरह से बदल सकते हैं. 

अगर आप खुशियाँ खरीदना चाहते हैं तो पैसों को एक्सपीरियंस में खर्च करने की आदत डालिए
आपको अपनी एक आदत के बारे में सोचना चाहिए. आपको पता होना चाहिए कि आप पैसा कहाँ खर्च कर रहे हैं? 

अधिकत्तर लोगों को खरीददारी यानिशॉपिंग में बहुत मज़ा आता है. शॉपिंग में मज़े को समझने के लिए हमें इंसानी दिमाग को भी समझना होगा. जब भी हम शॉपिंग करते हैं तो हमारे दिमाग से प्लेज़रहॉर्मोनडोपामीनरिलीज़ होता है. जिसकी वजह से हमें नई नई चीज़ों को खरीदने का मन करता है. इसका आप कोकेन के नशे से भी तुलना कर सकते हैं. 

यही वजह है कि कब हम इस तरह के कोकेन के आदि हो जाते हैं या फिर यूँ कहें कि shopaholics बन जाते हैं. हमें पता भी नहीं चलता. यही वजह है कि समय के साथ ये लत बढ़ती जाती है. 

इसलिए अमीर लोगों को भी शॉपिंग से संतुष्टि नहीं मिलती है. उन्हें भी हमेशा कुछ ना कुछ कमी ही लगती रहती है.

इस बारे में लेखिका Kristy कहती हैं कि “समय के साथ धीरे-धीरे उन्हें एहसास हुआ कि जिन लोगों को शॉपिंग की आदत नहीं होती है. वो ज्यादा खुश रहते हैं. इसी के साथ पैसे खर्च करने के भी अलग-अलग तरीके हो सकते हैं. जो लोग अपने पैसों को एक्सपीरियंस में खर्च करते हैं. उन्हें ख़ुशी का एहसास लंबे समय तक रहता है. इसका सिम्पल सा रीज़नये है कि पैसों से खरीदा गया सामान, आपको कुछ समय तक ही ख़ुशी दे सकता है. लेकिन उन्हीं पैसों से सीखी गई कला, आपको जीवनभर खुशियों का एहसास करवाती रहेगी.”

इसलिए अगली बार पैसों को खर्च करने का मन करे तो सोचियेगा कि क्या आप इन पैसों से कुछ एक्सपीरियंसगेन कर सकते हैं? 

आगे लेखिका कहती हैं कि “सभी self-made billionaires का मुख्य उद्देश्य अच्छा रिटर्ननिकालने में हुआ करता था. लेकिन वो उसके लिए अपने पैसों को डुबाने का रिस्कनहीं लेते थे. उन सभी का मानना था कि अच्छे पैसे बिना रिस्क लिए भी बनाए जा सकते हैं. सभी “self-made billionaires” ने ये भी कहा था कि “ये बात गलत है कि बड़े रिस्क से बड़ा रिटर्नबनता है.”

इसी के साथ अरबपति इन्वेस्टर किसी के भी कहने पर इन्वेस्टनहीं कर देते हैं. वो खुद रिसर्चकरते हैं. उनके पास समय होता है कि वो अपने इन्वेस्टमेंट्स को मॉनिटरकर सकें. उन्हें कहा-सुनी बातों पर भरोसा नहीं होता है. उनका सीधा साधा सिद्धांत होता है कि पहले किसी भी चीज़ को सीखने की कोशिश करें. सीखने के बाद ही उस खेल के खिलाड़ी बनें.” 

अरबपति इन्वेस्टर्स को खुद के ऊपर भरोसा होता है, उन्हें पता होता है कि वो कठिन से कठिन सिचुएशनका दिलेरी से सामना कर सकते हैं. वो खूब पढ़ते हैं और खूब इन्वेस्टकरते हैं.

प्रॉपर्टी खरीदना इतना भी सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं है, जितना उसे माना गया है
कई लोग पैसे उधार लेने के लिए ज़मीन या घर को गिरवी रख देते हैं. लोग ऐसा समझते हैं कि घर खरीदना समझदारी की निशानी तो है ही, साथ ही साथ भविष्य के लिए अच्छा इन्वेस्टमेंट भी है. 

लेकिन ये पूरी सच्चाई नहीं है. प्रॉपर्टी के साथ कई और खर्चे आते हैं. चलिए उन खर्चों को डेटा के आधार पर देखने की कोशिश करते हैं. 

US Census Bureau के अनुसार एक एवरेज परिवार 9 सालों तक एक घर में रहता है. एक अमेरिकन परिवार ये सोचकर घर खरीदता है कि जब बेचेगा तो अच्छा मुनाफा मिलेगा. वैसे घर की कीमत बढ़ती या घटती महंगाईदर के हिसाब से है. जिसे इन्फ्लेशन भी कहा जाता है. तब भी मान लेते हैं कि अमेरिका में घर की कीमत 6 परसेंट प्रति साल के हिसाब से बढ़ेगी. 

मान लेते हैं कि एक अमेरिकी परिवार जिसका नाम स्मिथ है. उसने अपने घर को 5 लाख डॉलर में खरीदा. 9 सालों बाद 6 परसेंटइन्फ्लेशन के साथ, घर की कीमत $844,739 हो गई. इस हिसाब से $344,739 का प्रॉफिट नज़र आ रहा है. 

लेकिन प्रॉफिटकाउंट करने में इतनी जल्दी ना करिए, घर की कीमत के अलावा स्मिथ ने कितना खर्च किया है? वो भी देख लेते हैं. उसने लैंड रजिस्ट्री ऑफिस में $1,000, टाइटलरजिस्ट्रेशन के लिए $150, इंश्योरेंस$22,500, प्रॉपर्टी टैक्स $45,000, मेंटेनेस$45,000, 9 सालों का बैंक लोन ही ब्याज सहित स्मिथ को $162,033 का पड़ गया है. 

आपको बता दें कि ये रकम सेल प्राइस से बहुत ज्यादा है. और ये डेटा अमेरिका जैसे देश के हैं. अब आप खुद सोचिए कि स्मिथ को घर खरीदना कितना महंगा पड़ गया? 

रूल 150 क्या है? और इसका यूज़ भी जान लीजिए
पिछले चैप्टर में हम लोगों ने अमेरिकी परिवार के हिसाब से घर खरीदने के गणित को समझा. उस चैप्टर का सार ये नहीं था कि “आपको घर नहीं खरीदना चाहिए.” उस चैप्टर का सार ये था कि आपको घर खरीदने से पहले खुद की सिचुएशन का अंदाज़ा लगाना चाहिए. आपको अपने आप से सवाल करना चाहिए कि घर खरीदना आपके लिए सही होगा या नहीं. 

एक सवाल अपने आप से करिए कि आप रेंट कितना दे रहे हैं? अगर ये रेंट ई.एम.आई के बराबर पड़ रहा है. तो फिर आपको घर खरीद लेना चाहिए. लेकिन अगर इस रेंट और ई.एम.आई के बीच बड़ा अंतर है. तो फिर आपको कुछ सालों के लिए रुक जाना चाहिए. 

इसको और ज्यादा करीब से समझने के लिए रूल 150 का यूज़ करना होगा. ये रूल एक तरह का टूल है. जिसकी मदद से आपको पता चल पाएगा कि आपको घर खरीदना चाहिए या नहीं. 

30 साल के लोन पीरियड के पहले 9 सालों में आपकी पेमेंट का 50 प्रतीशत हिस्सा ही एक्चुअल लोन की तरफ जाता है. बाकी 50 प्रतीशतइंटरेस्ट में चला जाता है. इसके अलावा 50 प्रतीशतइंश्योरंस और मेंटेनेस में चला जाता है. मतलब टोटल लागत 150 प्रतीशत की हो जाती है. इसलिए घर की असली मंथली पेमेंट निकालने के लिए मासिक क़िस्त को 150 परसेंट से गुणा करना चाहिए. 

मान लेते हैं स्मिथ अपने घर की ई.एम.आई 1500 डॉलर पे कर रहा है. लेकिन ये इसकी असली कास्ट नहीं है. असली कास्ट निकालने के लिए उसे 1500 डॉलर को 150 प्रतीशत से गुणा करना होगा. जिसका रिज़ल्ट$2,250 निकलेगा. अगर आपके घर की कास्टिंगरूल 150 के हिसाब से रेंट से ज्यादा आ रही है. तो आपको अपने फैसले के बारे में एक बार फिर से सोच लेना चाहिए. 

इसी रूल को अप्लाई करके इस किताब की ऑथर ने भी अपना खुद का घर खरीदा था. इसलिए अगली बार जब आपका मन घर खरीदने का करे. तो रूल 150 को ज़रूर अप्लाई कर लीजिएगा. ऐसा करने से आपको साफ़ तस्वीर दिख जाएगी. इस नियम की मदद से आपके लिए फैसले पर पहुंचना आसान होगा.

इंडेक्स इन्वेस्टिंग के बारे में जान लीजिए
अमेरिकन बिजनेस गुरु Robert Kiyosaki ने कहा है कि “गरीब लोग अपना पैसा सामान खरीदने में खर्च करते हैं, मिडिल क्लास लोग घर खरीदते हैं और अमीर लोग अपने पैसे को सही जगह इन्वेस्ट करते हैं.” उनका मतलब साफ़ था कि अमीर लोगों पता होता है कि पैसे से पैसा कैसे बनाया जाता है. सबसे अच्छी बात ये है कि इस ट्रिक को फॉलो करने के लिए आपको अरबपति होने की ज़रूरत नहीं है. 

अमीर बनने को लेकर लेखिका सलाह देती हैं कि आपको खुद की पैसा कमाने की मशीन बनानी होगी. अगर अभी तक नहीं बनाई है. तो बनाने की शुरुआत कर देनी चाहिए. अगर आपकी मशीन आपके सोते हुए भी आपके लिए पैसे नहीं बना रही है. तो इसका मतलब कि आपके पास कभी भी बहुत ज्यादा पैसे नहीं होने वाले हैं? 

लेकिन इस बात से आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. अगर आज से भी आप खुद के निवेश पर ध्यान देना शुरू कर देंगे, तो बहुत जल्दी आप पैसों के खेल के गुरुबन जाएंगे. 

पैसों को सही तरीके से इन्वेस्टकरने में बहुत ज्यादा शक्ति है. इस शक्ति की मदद से आप अपनी पूरी लाइफको बदल सकते हैं. लेकिन सवाल यही है कि आप निवेशक कैसे बनेंगे? इसके लिए आपको इन्वेस्टिंगके नियमों के बारे में पता होना ज़रूरी है.

अगर आपको खुद के पैसों को कंट्रोलकरना है. तो सबसे पहले आपको ये देखना होगा कि आपके पैसे आपके लिए क्या काम कर रहे हैं? क्या आपके पैसे सिर्फ और सिर्फ बैंक खाते में जमा हैं? अगर ऐसा है तो वो पैसा कभी भी आपको अमीर नहीं बना सकता है. बैंक खाता में रखे हुए छोटी सी रकम को भी आप इन्वेस्टमेंटकी मदद से बहुत बड़ी बना सकते हैं. इसके लिए आपको ये सोचना होगा कि अब आपको कन्ज्यूमरनहीं बल्कि इन्वेस्टरबनना है. 

किसी बड़े इन्वेस्टर ने कहा है कि “अगर आप जीने के लिए पैसे कमा रहे हैं तो फिर आप अपने समय की ट्रेडिंगकर रहे हैं. जिससे आपको पैसे मिलते हैं और उन पैसों से आप अपना खर्चा चलाते हैं. लेकिन भविष्य में आप इस ट्रेडिंग से बर्बाद होने वाले हैं. क्योंकि आप पैसे तो कमा लेंगे लेकिन आप कभी भी खुद के लिए समय नहीं खरीद सकते हैं. जब भी आप काम करना बंद कर देंगे, तो आपके पास पैसे आने भी बंद हो जाएंगे. इसलिए खुद के लिए एक ऐसी तरकीब तैयार करें, जो आपके लिए सोते समय भी पैसा कमाती रहे.”

याद रखिए कि “अगर आप बिस्तर में सोते हुए पैसा नहीं कमा रहे हैं. तो आज ही नींद को त्यागिये और मेहनत करने के लिए बिस्तर छोड़ दीजिए..” 

अब इन्वेस्टमेंट पर लौटकर आते हैं, दो तरीके से इन्वेस्टमेंट किए जा सकते हैं. पहला तरीका वही है जो कि वॉलस्ट्रीटसजेस्ट करता है. खूब पैसा रिसर्च में खर्च करिए और फिर बेस्टकम्पनीज़ के ऊपर जमकर पैसा लगाइए. दूसरा तरीका थोड़ा सा अलग है. ये सस्ता है और इसके लिए आपको पहले से अमीर होने की ज़रूरत नहीं है. इस तरीके में रिस्क भी कम है. 

क्या आपको इस तरीके के बारे में जानना है? तो बने रहिए ये बुक एप के साथ. . . 

आपको बता दें कि दूसरे तरीके को इंडेक्स इन्वेस्टिंग कहते हैं. इसे व्यक्तिगत घोड़ों के बजाय कैसीनो पर दांव लगाने के रूप में सोचें, ये फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीत रहा है. कैसीनों हमेशा पैसे बनाता रहता है. 

इंडेक्स में मार्केट capitalization द्वारा लिस्ट की गई कई कम्पनियां हैं. जब आप इंडेक्स में इन्वेस्ट करते हैं. तो आप उन सभी लिस्टेड फर्म्स में इन्वेस्ट करते हैं. क्योंकि इंडेक्स में अच्छी-अच्छी कम्पनियों के स्टॉक्स होते हैं. इंडेक्स में एक बार फेल होने से आप खत्म नहीं होते हैं. इंडेक्स में आपके खत्म होने का एक ही तरीका है. वो ये है कि जब आपके इंडेक्स की सारी कम्पनियां डूब जाएँ. ऐसा होना बहुत मुश्किल है. 

अगर आप भी पैसा बनाना चाहते हैं तो आप भी इंडेक्स इन्वेस्टिंगकी बारीकियों को सीखने की कोशिश करिए. इन्वेस्टमेंट के इस तरीके से आप बेहतर रिटर्न बना सकते हैं. इंडेक्स फंड में इन्वेस्ट करने का सबसे बड़ा फायदा ये भी होता है कि इस फंड के चार्ज कम होते हैं. इस फंड के लिए आपको 25 गुना कम चार्ज पे करना होता है. जिससे छोटे या शुरूआतीइन्वेस्टर को काफी मदद मिल जाती है. अगर आपको भी शेयर मार्केट में उतरने से डर लगता है. तो एक बार इंडेक्स इन्वेस्टिंग को अपनाकर देखिए.

अर्ली रिटायरमेंट की बारीकियों को समझने की कोशिश करिए
जल्दी रिटायरमेंट का सपना इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि “आपने कितना पैसा बनाया, वो इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितना पैसा बचाया..” 

इस बात का चांस ज्यादा है कि आपका सपना जल्दी रिटायरमेंट लेने का हो, लेकिन आपका बैंक अकाउंट इस बात की गवाही ना दे. 

भले ही आप बहुत ज्यादा कमाते हों, लेकिन अगर आपके खर्चे कम नहीं होंगे. तो आप ज्यादा सेव नहीं कर पाएंगे. अगर आपकी सेविंग कम रहेगी तब आप जल्दी रिटायरमेंट के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं. 

65 साल एक सामान्य रिटायरमेंटएज होती है. इसके पीछे का कारण ये है कि लोग 5 से 10 प्रतीशत तक ही सेविंग करते हैं. आम लोगों का इन्वेस्टमेंटपोर्टफोलियो भी सलाना 6 से 7 प्रतीशत का ही होता है. इस वजह से रिटायरमेंट लेने के लिए 40 से 45 साल की वर्किंग लग जाती है. 

अगर किसी को इस समय को कम करना है. तो उसे अपनी सेविंग बढ़ानी होगी. कई बार लोग रिटायरमेंटप्लान करते वक्त अपनी लाइफएक्पेक्टेंसी को लेकर सही अंदाजा नहीं लगाते, इस वजह से रिटायरमेंट के बाद कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अगर आप 40 की उम्र में रिटायर हो रहे हैं तो मानकर चलें की 80 से 85 की उम्र तक आपका जीवन चलेगा, तो ऐसे में आपके पास अगले 40 से 45 साल के लिए फंड होना चाहिए. 

इन सबके अलावा आपको पता होना चाहिए कि रिटायरमेंट के समय आपके अकाउंट में कितना पैसा होना चाहिए? 

अगर आपको अभी तक समझ में नहीं आया है तो अमेरिकनकपलPaul और Jillian के एग्जाम्पल से समझने की कोशिश करते हैं. मान लेते हैं कि इन दोनों की सलाना आय $62,175 है. जिसमें से 15.2 यू.एस सरकार टैक्स काट लेती हैं. टैक्स काटकर इनके पास $52,724.40 बचते हैं. 

अब मान लेते हैं कि Paul और Jillian “ये बुक” एप पर इस समरी को सुन रहे हैं. समरी सुनते हुए उन्होंने फैसला किया कि अब वो ज्यादा से ज्यादा सेविंग करेंगे. इसके बाद उन्होंने छोटा सा घर किराए में लिया और खर्चे कम कर दिए. इस तरह करके वो$12,724.40 अपने सेविंगपोर्टफोलियो में सलानाएड करना शुरू कर दिया. 

अब मान लेते हैं कि इन्हें हर साल कम से कम ब्याज़ 6 प्रतीशत का ही मिला. इनकी इनकम भी पूरी ज़िन्दगी नहीं बढ़ी. फिर भी ये कपल 30 सालों में मिलियन डॉलर इकट्ठा कर लेगा. और ये 54 साल की उम्र में रिटायरमेंट ले लेंगे, यानि 11 साल पहले..  यही होता है अच्छी सेविंग का फायदा.

टारगेट पोर्टफोलियो के साइज़ को कम करके अर्लीरिटायरमेंट को बेहतर मैनेज किया जा सकता है
क्या आपको पता है कि अर्लीरिटायरमेंट के लिए कितनी सेविंग्स करनी होगी? यही सवाल रिसर्चर्स भी बार-बार करते हैं. 

आपका पोर्टफोलियोself-sustaining रहेगा, अगर आपका सलाना खर्च टोटल वैल्यू के 4 प्रतीशत से ज्यादा नहीं है. इसी कांसेप्ट को इकोनॉमिस्टसेफविथड्रावलरेट कहते हैं. 

अगर आपके मन में सवाल आ रहा हो कि टारगेटपोर्टफोलियो के साइज़ को पता कैसे करें? तो इसके लिए सिम्पलमेथड हैं. अपनी सलाना ज़रूरत को 25 से मल्टीप्लाई कर दीजिए. 

अगर आपको सलाना$40,000 की ज़रूरत है. तो आपका टारगेटपोर्टफोलियो$1,000,000 होना चाहिए. 

आपको इतना पैसा इकट्ठा करना मुश्किल लग रहा होगा. लेकिन फिगर से घबराने की ज़रूरत नहीं है. सही इन्वेस्टमेंट और स्ट्रेटजी की मदद से आप इस फिगर को अचीव कर सकते हैं. 

इसके अलावा अगर आप अपने खर्चों को कंट्रोल कर सकें तो टारगेटपोर्टफोलियो को कम भी कर सकते हैं. ऐसा करने से आप अर्लीरिटायरमेंट को बेहतर ढ़ंग से मैनेज कर पाएंगे. 

लेखिका सलाह देती हैं कि “अगर आपको भी अपने भविष्य के बारे में सोचकर डर लगता है. तो अब डरने की ज़रूरत नहीं है. आपका भविष्य बहुत अच्छा होने वाला है. ज़रा खुद ही सोचें कि पिछले 10 सालों में दुनिया कितनी तेजी से बदली है. इसी के साथ-साथ पैसा कमाने का तरीका भी कितनी तेजी से बदला है? आने वाले 10 सालों में ये तकनीक और तेजी से बदलने वाली है. इसलिए अभी और आगे भी आपके पास अच्छे पैसे कमाने के बहुत से मौके आने वाले हैं. 

भविष्य में आने वाली तकनीक आज की तकनीक से 100 गुना तेज होगी, इसलिए ये मानकर चलें कि हमारा भविष्य बहुत अच्छा होने वाला है.  आपके कर्जों से लेकर बच्चों तक की जितनी चिंता आज आपके दिमाग में है. कल ये सब खत्म होने वाली है. क्योंकि तकनीक की एक नई लहर दस्तक देने वाली है.”

इन्वेस्टर Carl Icahn ने कहा है कि “LIFE में पैसा बहुत ज़रूरी है, लेकिन खुश केवल पैसों के दम पर ही नहीं रहा जा सकता है. अगर आपको असल मायनों में खुश रहना है. तो फिर आपको खुद की ज़िन्दगी को बैलेंसकरना भी सीखना होगा. उसके लिए आपके रिश्ते और सेहत भी अच्छी होनी चाहिए. जब जीवन के ये दोनों पहलू भी अच्छे रहेंगे, तभी ज़िन्दगी में इन्वेस्टिंगका असली मज़ा आएगा. इसलिए लाइफको बैलेंसरखने की कोशिश करें.”

आपको बता दें कि हज़ारों तरीके हैं जिनकी मदद से आप फाइनेंशियलइंडीपेंडेंस को अचीव कर सकते हैं. लेकिन सबसे पहले खुद से सवाल करिए कि ज्यादा ज़रूरी क्या है फ्रीडम या फिर महंगा फोन? अपने फ्रीडम को चुनिए और खर्चों को कम करिए. याद रखिए इस दुनिया में आज़ादी से बड़ी चीज़ कुछ नहीं हो सकती है. इसलिए खुद को कर्ज़ों से मुक्त करिए, और ज़िन्दगी को एन्जॉय करिए.

कुल मिलाकर
लाइफ में दिल की सुनने से पहले मैथ की सुनिए, खुद को फाइनेंशियल मज़बूत करिए, फिर पैशन आपके पास खुद दौड़ा चला आएगा. एक बार जब आप फैसला कर लेते हैं कि आपको इन्वेस्टमेंटकी शुरुआत करनी है. तो ये जानना ज़रूरी हो जाता है कि शुरुआत कहाँ से करनी चाहिए. इसके लिए कई सारे आप्शनमौजूद हैं. इस समय आपके मन में भी कई सारे सवाल आ सकते हैं, जैसे कि अगर गलत जगह इन्वेस्टकर दिया तो? क्या मुझे प्रोफेशनलकी मदद लेनी चाहिए? कई बार नए-नए इन्वेस्टर्सगलती भी कर बैठते हैं.  वो कई बार ऐसी अफवाहों के चक्कर में फंस जाते हैं. जिससे उन्हें काफी नुकसान भी उठाना पड़ जाता है. इसलिए इन्वेस्टिंग की अफवाहों से दूरी बनाकर रखें. 

क्या करें? 

“आपको इन्वेस्टिंगकी दुनिया में तब तक नहीं उतरना चाहिए, जब तक आपको इसके रूल्स के बारे में ना मालुम हो. इस खेल में आपका एक ही गोल होना चाहिए, वो ये कि आपको फाइनेंसियलफ्रीडम जैसे पहाड़ की चोटी पर पहुंचना है. और आज़ादी के साथ ज़िन्दगी को जीना है. फाइनेंसियलफ्रीडमको पाने के लिए आपका खुद के ऊपर भरोसा होना बहुत ज़रूरी है. खुद की रिसर्च करने की आदत डालें, इसके बाद तकनीक तैयार करें और उसे फॉलो करें. इसमें भी क्रिएटिविटी दिखानी होती है. इसलिए कहा जाता है कि इन्वेस्टिंगभी एक क्रिएटिविटी है.

 

येबुक एप पर आप सुन रहे थे Quit Like a Millionaire By Kristy Shen and Bryce Leung

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