Andy Maslen
असर डालने राइटिंग के लिए ज़रूरी टिप्स
दो लफ्जों में
साल 2019 में रिलीज हुई किताब ‘Persuasive Copywriting’ कॉपी राइटिंग की दुनिया में कदम रखने वाली एक यूजफुल गाइड के तौर पर याद की जायेगी. इस किताब में कॉपी राइटिंग की बारीक से बारीक जानकारी दी गयी है. आज के दौर की राइटिंग में सबसे बड़ा चैलेन्ज ये होता है कि कैसे हम रीडर्स को अपनी राइटिंग की तरफ इंगेज करें? इस किताब में अच्छी राइटिंग के साथ-साथ रीडर्स के दिमाग को पढ़ने की कला के बारे में भी बताया गया है. अगर आप लिखना चाहते हैं. या फिर आपको ये जानने में दिलचस्पी है कि लिखा कैसे जाता है? तो फिर ये किताब आपके लिए किसी गाइड से कम नहीं है. इस किताब की समरी से आपको काफी ज्यादा मदद मिलेगी.
ये किताब किसके लिए है?
- नए और एक्सपीरियंस कॉपी राइटर के लिए
- राइटिंग में दिलचस्पी रखने वालों के लिए
- क्रिएटिविटी को पसंद करने वालों के लिए
लेखक के बारे में
इस किताब के लेखक ‘Andy Maslen’हैं. लेखन के साथ ही साथ ‘Andy Maslen’कई सालों से लोगों को कॉपी राइटिंग की तकनीक सिखा रहे हैं. इन सबके साथ ये कॉपी राइटिंग अकादमी के सी.ई.ओ भी हैं.
गुड कॉपी क्या होती है?
अगर आप राइटर हैं तो फिर ये सवाल तो आपके मन में नहीं आएगा. इसके पीछे का रीजन यही है कि इस किताब के राइटर का नाम ही राइटिंग की दुनिया में बहुत बड़ा है. लेकिन अगर आपका राइटिंग से कोई लेना-देना नहीं है. फिर आपके मन में ये सवाल आ रहा है. तो फिर उसका जवाब आपको इस किताब की समरी का पहला चैप्टर पढ़ने के बाद ही मिल जाएगा.
अच्छी कॉपी राइटिंग की वैल्यू तब तक बनी रहेगी जब तक इस दुनिया में शब्दों की वैल्यू है. जब तक लोग चीज़ों को बेचने के लिए शब्दों का यूज कर रहे हैं. तब अच्छी कॉपी राइटिंग की वैल्यू भी रहेगी.
इसी के साथ ही साथ लेखक ये भी बताते हैं कि आज के समय में कम्पनियां कॉपी राइटिंग मार्केटिंग में काफी ध्यान देने लगी हैं. इसलिए इस फील्ड में भी कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें नहीं करना चाहिए. किसी भी कॉपी को लिखने से पहले आपको पता होना चाहिए कि आप उसके साथ क्या कर सकते हैं? और क्या नहीं कर सकते हैं?
अगर आप इस समरी को समझने की कोशिश करते हैं तो फिर एक कॉपी राइटर के तौर पर आप काफी बेहतर होते जायेंगे.
तो फिर देर किस बात की? भले ही आप मौसमी राइटर हों? या फिर आप कभी-कभी की बोर्ड पर उँगलियाँ चलाते हों, या फिर आप अच्छा लिखते हों. अगर आपके अंदर राइटिंग को सीखने का जुनून है तो ये किताब आपके लिए बिल्कुल सही है. तो शरू करते हैं.
क्या कॉपी राइटर के तौर पर आपने ये सवाल कभी खुद से पूछा है? क्या आपने कभी खुद की कॉपी का आंकलन किया है?
अगर इस सवाल का जवाब एक लाइन में देना हो. तो यही होगा कि जिस कॉपी में रीडर्स के इमोशन का बयाँ हों, वही गुड कॉपी होती है. कई लोग गलती ये करते हैं कि लिखते समय अपने इमोशन का बयाँ करते हैं. उन्हें रीडर्स का ख्याल ही नहीं रहता है.
अगर आप आज के दौर के राइटर हैं तो फिर आपने ओब्सर्व किया होगा कि चीज़ों में काफी ज्यादा बदलाव आ चुका है. पेपर और इंक से चीज़ें काफी ज्यादा आगे बढ़ चुकी हैं. आज का समय कंटेंट मार्केटिंग का दौर है.
एक अच्छी कॉपी की खूबी होती है कि वो रीडर्स के दिमाग को पढ़ लेती है. अच्छी कॉपी रीडर्स के दिमाग के हिसाब से ही काम करती है.
अच्छी कॉपी रीडर्स के इमोशन को जगाती है. इसके पीछे के रीजन को हमें समझना चाहिए. इसके पीछे का कारण यही है कि इंसान की लाइफ में इमोशन का बहुत बड़ा योगदान होता हैं. इमोशन के कारण ही कोई भी इंसान मोटिवेट होता है. इसलिए अगर आप कॉपी राइटर हैं. तो फिर ये आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप रीडर्स के इमोशन के हिसाब से लिखने की कोशिश करें.
हर कॉपी राइटर का मकसद एक ही होता है. सभी कॉपी राइटर चाहते हैं कि कस्टमर उनकी कॉपी पढ़ने के बाद प्रोडक्ट में अपना इंटरेस्ट दिखाये. अगर आप चाहते हैं कि आपके कंटेंट को पढ़ने के बाद कस्टमर का इंटरेस्ट प्रोडक्ट की तरफ आ जाए. तो फिर ये आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप भी कस्टमर की भावनाओं की कद्र करें. आपको ऐसी कॉपी राइटिंग करनी ही पड़ेगी जिससे कस्टमर के इमोशन का जन्म हो.
इसलिए इस चैप्टर के शुरुआत में ही कहा गया है कि कॉपी को राइटर के इमोशन के हिसाब से नहीं लिखना है. किसी भी कॉपी को रीडर्स के इमोशन के हिसाब से लिखने की कोशिश करनी है.
अगर आप लिखने का काम करने वाले हैं. तो फिर अपने लेखन में आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपको प्रिडिक्ट नहीं होना है. मतलब आपकी कॉपी का पहला पैराग्राफ पढ़ने के बाद ही आगे के बारे में रीडर्स को पता नहीं चलना चाहिए. आपको अपनी राइटिंग में सस्पेंस बनाकर रखने की कोशिश करनी.
आपको पता होना चाहिए कि कॉपी राइटिंग में सस्पेंस के साथ इमोशन का कैसे इस्तेमाल करना है? किसी भी कॉपी राइटिंग में ये दो चीज़ ‘दाल’ में नमक की तरह काम करते हैं. अगर इनको स्वाद के अनुसार उपयोग में लाया जाए तो फिर खाने का स्वाद ही बढ़ जाता है.
क्रिएटिव कॉपी में रिसर्च का योगदान भी बहुत ज्यादा होता है
अगर आपको लिखने का शौक है तो फिर आपको पढ़ने की भी आदत डालनी पड़ेगी. एक बात को अपनी जहन में बैठा लीजिये कि 2000 शब्दों को पढ़ने के बाद ही आपको 2 शब्द लिखने का हक मिलता है. इसलिए अगली बार जब भी आपका कुछ लिखने का मन करे तो खुद से ये सवाल करियेगा कि आज आपने कितने शब्द पढ़े हैं?
इस आदत को अपने अंदर लाने से आपको एक ये भी फायदा होगा कि आपके अंदर रिसर्च करने की आदत भी आ जाएगी. कॉपी राइटिंग में रिसर्च का योगदान भी काफी ज्यादा रहता है. एक अच्छी कॉपी तब तक नहीं लिखी जा सकती है. जब तक उसके पीछे के मटेरियल के लिए प्रॉपर रिसर्च ना की गयी हो.
चार लाइन इधर से उठाना और चार लाइन उधर से उठाना फिर उसे लिख देने को लिखना नहीं कहते हैं. अगर आपको ऐसे लिखने की आदत है तो आज ही इस पेशे को छोड़ दीजिये.
आज के दौर में हेड लाइन का भी काफी ज्यादा महत्त्व है. कई लोग ये मानते हैं कि रीडर्स को अपनी ओर खींचने के लिए अच्छी हेड लाइन का होना बहुत ज़रूरी है. इस बात को इस किताब के लेखक भी मानते हैं. लेकिन वो इसी के साथ एक सवाल भी करते हैं कि अगर आपकी हेड लाइन बहुत अच्छी है. लेकिन अंदर कॉपी में कुछ ख़ास नहीं है. तो फिर रीडर्स को आप वहां कैसे रोक पायेंगे?
सिर्फ और सिर्फ कैची हेड लाइन से आप एक बार रीडर्स को अपने पास ले आ सकते हैं. लेकिन अगर आपको उससे लम्बा रिश्ता बनाना है तो फिर आपके कंटेंट में दम होना ही चाहिए.
ये ठीक उसी तरह है. जैसे एक सुंदर रेस्त्रां में होता है. जहाँ साज सज्जा तो बहुत है. लेकिन खाने में दम नहीं है. वहां आप एक बार जायेंगे. लेकिन दूसरी बार आप उस जगह कभी नहीं जायेंगे.
इसलिए राइटिंग की दुनिया में कई बार कहा गया है कि कंटेंट इज किंग. कंटेंट से बड़ा कुछ भी नहीं है. अगर आपके कंटेंट में दम है. तो फिर रीडर्स आपके पास ज़रूर आयेंगे.
अब सवाल आता है कि कंटेंट में मजबूती कैसे लेकर आयें?
इसका जवाब है कि कंटेंट को तैयार करते समय उसमे अपनी क्रिएटिविटी का इस्तेमाल करिए.
अपनी कॉपी में आप ह्यूमर का यूज करिए. कोशिश करिए कि कस्टमर की प्रॉब्लम को आप अपने ह्यूमर से ही सॉल्व कर दें. ह्यूमर को आप एक टूल की तरह यूज कर सकते हैं. ये आपकी कॉपी को बेस्ट बनाने में आपकी काफी ज्यादा मदद भी करेगा. लेकिन आपको पता होना चाहिए कि आपको ह्यूमर का इस्तेमाल कितना करना है?
राइटिंग को सुधारने का सबसे बढ़िया तरीका है कि आप अच्छी-अच्छी किताबों को पढ़ते रहिये. पढ़ने के साथ ही साथ आप काफी कुछ लिखते भी रहिये. इसी के साथ ही साथ कभी भी आप अपनी राइटिंग को किसी का भी गुलाम ना बनने दीजिये. जितनी आज़ाद आपकी राइटिंग रहेगी. उतनी ही बेहतर आपकी कॉपी बनेगी.
याद रखिये कि कॉपी राइटिंग एक आर्ट है. इस आर्ट को आपको याद भी रखना पड़ेगा और इसके लिए आपको आर्टिस्ट भी बनना पड़ेगा. आर्टिस्ट का दिमाग ऐसे ही नहीं मिल जाता है. इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. अगर आपको आर्टिस्ट बनना है. तो सबसे पहले अपने आर्ट की कद्र करने की शुरुआत कर दीजिये. यही वो चीज़ है. जो आपको शोहरत तक लेकर जायेगी.
अलग-अलग प्लेटफॉर्म की राइटिंग के गुण आपको सीखनी चाहिए
आपकी राइटिंग की जर्नी के दौरान आपको अलग-अलग तरह की कॉपी लिखने के मौके मिलेंगे. हर क्लाइंट्स के डिमांड अलग होगी. किसी को कॉपी में ह्यूमर की डिमांड होगी. तो किसी को मोबाइल के लिए छोटे कंटेंट की ज़रूरत होगी. कोई आपको सोशल मीडिया के लिए यूथ सेंट्रिक कंटेंट बनाने को भी कहेगा. याद रखिये कि आपके पास अलग डिमांड आती रहेंगी. इसलिए उन डिमांड को पूरा करने के लिए आपको खुद को तैयार करना पड़ेगा.
आज के समय में राइटिंग के लिए बहुत सारे प्लेटफॉर्म हैं. इसलिए आपको हर प्लेटफॉर्म की राइटिंग के बेसिक्स सीखने ही पड़ेंगे.
किसी भी क्लाइंट की कॉपी लिखने से पहले ही उसकी डिमांड को पूछ लेना चाहिए. इसी के साथ ही साथ उस कॉपी में जाने वाली कुछ डिटेल्स को भी आपको उससे लेना पड़ेगा. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो फिर कॉपी को लिखते समय आपको कई सारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है.
अगर आपके पास मोबाइल या फिर सोशल मीडिया के कंटेंट को लिखने की ज़िम्मेदारी आती है. तो फिर उसके लिए आपको कुछ बेसिक्स का ध्यान रखना पड़ेगा.
सबसे पहला बेसिक वही है जो आपको पहले अध्याय में बताया गया था. आपको अपनी राइटिंग से रीडर्स के इमोशन को कनेक्ट करना है. जिसने भी आपको सोशल मीडिया में राइटिंग का टास्क दिया है. उसके पीछे का मोटिव यही है कि आप उसके प्रोडक्ट की ब्रांडिंग कर सकें. इसके लिए आपको अपने शब्दों से लोगों के इमोशन को कनेक्ट करना पड़ेगा.
इसके लिए आप सर्फ एक्सेल के एड ‘दाग अच्छे हैं’ को याद कर सकते हैं. उसकी राइटिंग बहुत सिम्पल और सटीक थी. उस एड को बनाने वालों ने आम घर के बच्चों और उनकी मां की नब्ज़ को पकड़ा था. जिसका असर क्या हुआ था? ये किसी से भी छुपा नहीं है.
अगर अभी आपने लिखने की शुरुआत की है. इसी के साथ अगर आप मोबाइल के लिए लिख रहे हैं. तो फिर आपको इस बात को इमेजिन करना है कि आपका कंटेंट रीडर्स की मोबाइल स्क्रीन में कैसा लग रहा है? अगर आप ये सोचने में कामयाब होते हैं तो फिर आप आधा काम करने में भी कामयाब हो जायेंगे.
मोबाइल के लिए लिखते समय आपको एक बात का और ध्यान रखना है कि शब्दों का चयन सही होना चाहिए. इसके बाद कम से कम शब्दों में आपको ज्यादा से ज्यादा बात कहते आना ही चाहिए. एक रीडर के तौर पर सोचने की कोशिश करिए, आप कभी भी अपने मोबाइल पर वैसा कंटेंट नहीं पढ़ना चाहेंगे. जिसमे आपको काफी ज्यादा स्क्रोल करना पड़े. आपको भी मोबाइल में छोटी छोटी चीज़ें पसंद आती होंगी.
इसलिए आपको अपने कंटेंट को भी रीडर्स के दिमाग के हिसाब से ही तैयार करने की कोशिश करनी है. आपको ट्राय करना है कि आप कम से कम शब्दों में ज्यादा से ज्यादा बात कह सकें. सोशल मीडिया के लिए लिखते समय आपको भूमिका नहीं बनानी है. आपको सीधे टू द पॉइंट बात करनी है. लेकिन आपके बात करने का ढ़ंग अलग और अच्छा होना चाहिए.
रीडर्स से कनेक्ट करने के लिए लिखने के कुछ और तरीके सीखिए
किसी भी राइटिंग स्टाइल के लिए या फिर किसी भी नॉवेल के लिए ये काफी महत्वपूर्ण होता है कि उसके पैराग्राफ कैसे लिखे हुए हैं? मान लीजिये कि आप कोई नॉवेल पढ़ रहे हैं. अब आपको कैसे पता चलेगा कि वो नॉवेल इंट्रेस्टिंग है? इस बात का अंदाजा तभी लगेगा जब आप उसके पैराग्राफ देखेंगे.
एक नॉवेल में पैराग्राफ का महत्त्व उतना ही होता है. जितना कि किसी डिटेक्टिव की लाइफ में सुराग या फिर क्लू का महत्त्व होता है. अगर आप डिटेक्टिव हैं और कोई नया केस सॉल्व कर रहे हैं. तो फिर आपकी कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द आपको पहला सुराग मिल जाए. जब आपको सुराग मिल जाएगा. उसके बाद आपका इंटरेस्ट भी केस को सॉल्व करने के लिए ज्यादा बढ़ जाएगा. ठीक उसी तरह अगर आप कोई किताब पढ़ रहे हैं और उस किताब के चैप्टर्स के पैराग्राफ बहुत अच्छे से लिखे हुए हैं. तो फिर किताब को पढ़ने में आपका इंटरेस्ट बना रहेगा.
इस किताब के लेखक बताते हैं कि पैराग्राफ का महत्त्व इतना ज्यादा होता है कि आप एक पैरा पढ़ने के बाद पूरी किताब पढ़ने के लिए मजबूर हो सकते हैं. इसलिए जब भी आप किताब लिख रहे हों तो हर एक पैरा को बड़े ध्यान से लिखने की कोशिश करियेगा.
अगर हम रीडर के माइंड सेट की बात करें तो, कोई भी रीडर लम्बे पैरा नहीं पढ़ना चाहता है. इसलिए आपकी कोशिश रहनी चाहिए कि आप अपने रीडर्स के सामने स्माल पैरा पेश करें. आपकी कोशिश होनी चाहिए कि उन्हें ऐसा मटेरियल मिले. जो उनके दिमाग में आसानी डाइजेस्ट हो जाए.
एक काफी ज्यादा मशहूर ब्रिटिश रोमांटिक कवि हुआ करते थे. जिनका नाम विलियम वर्ड्सवर्थ था. वो अपने आपको शहरी जीवन के क्रिटिक के रूप में पेश किया करते थे. उनके अनुसार शहर की बिल्डिंग्स, प्रदूषण, हवा, दुआं और कुछ भी नहीं हैं. ये बस जिंदगी के लिए एक जहर की तरह है.
उनके अनुसार शहर की हवा से इंसान के अंदर का चैन और सुख मर जाता है.
आज के समय में भी लोग उनकी बातों से खुद को कनेक्ट करते हैं. इसके पीछे का रीजन है कि उन्होंने अपनी बात को सही और सटीक ढ़ंग से लोगों के सामने रखा था. इसके लिए उन्होंने अपनी राइटिंग में सटीक पैराग्राफ का यूज किया था.
अगर आप भी लिखना चाहते हैं तो फिर आपको भी पैराग्राफ के महत्त्व को समझना ही पड़ेगा.
कई लोग ये सोचते हैं कि लिखना तो बच्चों का खेल है. उनको ये बात पता होनी चाहिए कि बच्चों का खेल भी आसान नहीं होता है. अगर उन्हें इस बात का गुरूर है तो फिर कभी बच्चों के साथ खेलकर देख लें.
इसलिए अगर आप लिखना चाहते हैं. तो आपको ये बात अपने जहन में बैठा लेनी चाहिए कि आपको अच्छा लिखते आना चाहिए.
किसी ने सही कहा है कि अगर आपको लिखने के लिए घंटों की-बोर्ड के सामने बैठना पड़ता है. तो फिर आप लिखना छोड़ दीजिये. अगर आपको लिखते समय कुछ भी समझ में नहीं आता है. तो भी आप लिखना छोड़ दीजिये.
लिखने से पहले आपको अपनी टारगेट ऑडियंस के बारे में पता होना चाहिए. आपको मालुम होना चाहिए कि आपको पढ़ने वालों को आपसे क्या चाहिए?
बस, इस सवाल का जवाब आप अपनी राइटिंग से देने की कोशिश करते रहिये.
इस अध्याय के माध्यम से लेखक आपको सलाह देते हैं कि फ्री होकर लिखिए. लेकिन अपने रीडर्स के लिए लिखिए.
लिखते समय आपके दिमाग में आपके रीडर्स का चेहरा रहना ही चाहिए.
छोटी-छोटी गलतियों से बचने की कोशिश करिए
‘दिल से निकली हुई बात, दिल तक पहुंचनी चाहिए’ बस यही एक मात्र आपके लिखने का उद्देश्य होना चाहिए. अगर आप इस एक उद्देश्य में खुद को खड़ा कर लेते हैं. तो फिर आप हर एक तरह की राइटिंग में सफल हो सकते हैं.
पुराने कुछ लेखकों में एक ट्रैप बिछाया हुआ है कि ग्रामर बहुत सही होनी चाहिए.
ग्रामर सही तो होनी चाहिए लेकिन इतनी भी नहीं कि उसके कारण आप इमोशन को ही खत्म कर दें.
एक ट्रैप और बिछाया गया है कि लिखना सबके बस की बात नहीं है.
इस ट्रैप से आप निकल सकते हैं खूब सारा पढ़कर. जो इंसान बहुत पढ़ सकता है वो अच्छा लिख भी लेगा.
याद रखिये कि पैशन से बढ़कर कुछ भी नहीं है. अगर आपके अंदर लिखने का जुनून है तो फिर आप ज़रूर अच्छा लिखेंगे.
उसके लिए बस एक नियम को फॉलो करने की कोशिश करिए वो ये है कि खूब सारा पढ़ा करिए और खूब लिखते रहिये.
लिखने को लेकर एक ट्रैप और भी फैलाया गया है कि कठिन से कठिन भाषा में लिखना चाहिए. इस किताब में लेखक ने आपको बता दिया है कि सरल और सटीक लिखना ही बेहतर होता है.
अगर आपसे सरल लिखना आता है. तो फिर आपको इस फील्ड में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है.
तो फिर देर किस बात की, शुरुआत कर दीजिये एक अच्छी कॉपी लिखने की..
कुल मिलाकर
अगर आप रीडर्स के इमोशन को समझ सकते हैं. तो फिर आप अच्छी कॉपी राइटिंग कर सकते हैं. ‘रीडर्स के इमोशन को लिखना ही अच्छी कॉपी लिखना होता है.’
अच्छी कॉपी लिखने के लिए खुद के अंदर की इमेजिनेशन पॉवर को बढ़ाने की कोशिश करिए. छोटी-छोटी चीज़ों में करामात ढूँढने की कोशिश करिए. जितना बढ़िया आप सोच सकते हैं. उतना ही बढ़िया आप लिख सकते हैं. सोचते रहिये, लिखते रहिये और पढ़ते रहिये.
येबुक एप पर आप सुन रहे थे Persuasive Copywriting By Andy Maslen
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