Speaker, Leader, Champion

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Speaker, Leader, Champion

Jeremy Donovan and Ryan Avery
पॉवर ऑफ़ पब्लिक स्पीकिंग की मदद से तरक्की की ऊचाइयों पहुँचिये

दो लफ्जों में
क्या आपको भी पब्लिक स्पीकिंग में इंटरेस्ट है? अगर है तो फिर इस किताब की समरी आपके लिए किसी राम-बाण से कम नहीं है. इस किताब में टॉप पब्लिक स्पीकर्स की मोस्ट सक्सेसफुल स्पीचेस के ऊपर रिसर्च की गयी है. उस रिसर्च के साथ ये पता करने की कोशिश की गयी है कि कोई भी स्पीच ग्रेट कैसे बनती है? अगर आपको भी अपनी पब्लिक स्पीकिंग की स्किल्स को सुधारना है तो फिर इस किताब की समरी में आपको डिटेल टिप्स मिलेंगी. जिसकी मदद से आप पब्ल्कि स्पीकिंग की बारीकियों को सीख सकते हैं. भले ही आप पब्लिक स्पीकिंग की फील्ड में शुरुआत करने वाले हों या फिर आपको कुछ सालों अनुभव हो,इस किताब की समरी से आपको ज़रूर मदद मिलेगी. 

ये किताब किसके लिए है?
- ऐसा कोई भी जिसे पब्लिक स्पीकिंग में मास्टर बनना हो 
- ऐसा कोई भी जिसे कुछ नया सीखने का शौक हो 
- ऐसा कोई भी जिसे पर्सनालिटी डेवलपमेंट में इंटरेस्ट हो 

लेखक के बारे में
इस किताब का लेखन ‘Ryan Avery’  और ‘Jeremy Donovan’  ने किया है. आपको बता दें कि लेखक पेशे से प्रोफेशनल स्पीकर हैं. ‘Ryan Avery’ पब्लिक स्पीकिंग वर्ल्ड चैम्पियनशिप के विजेता भी रह चुके हैं. ‘Jeremy Donovan’  ने बेस्ट सेलिंग नॉवेल ‘How to Deliver a TED Talk’ का लेखन भी किया है.

  किसी भी प्रोफेशन के लिए पब्लिक स्पीकिंग बहुत ज़रूरी है
कहा जाता है कि अगर आप अपनी बात को सही ढ़ंग से रखना जानते हैं. तो फिर आप इस दुनिया में कुछ भी जीत या फिर कमा सकते हैं. अब सवाल ये उठता है कि इफेक्टिव पब्लिक स्पीकिंग को हम सीख कहाँ से सकते हैं? इस सवाल का जवाब बनकर ही इस किताब की समरी आई है. इस किताब की समरी के चैप्टर्स में बताया गया है कि आप अच्छे पब्लिक स्पीकर कैसे बन सकते हैं? इसी के साथ ही साथ इस समरी को पढ़ने के बाद आपको ये भी पता चलेगा कि इफेक्टिव स्पीकिंग के कितने फायदे होते हैं? इस किताब के चैप्टर्स में आपको कई सारी टेकनिक के बारे में पता चलेगा. जिसकी मदद से आप ग्रेट कंटेंट क्रिएट करना और उसे स्ट्रक्चर करना सीख जायेंगे. इसी के साथ ही साथ आपको ये भी पता चलेगा कि जब आपके पास कंटेंट है तो उसे डिलीवर कैसे करना है?

क्या आपने कभी लार्ज ऑडियंस के सामने कोई स्पीच दी है? आज के दौर में ज़्यादातर जॉब प्रोफाइल की ये डिमांड रहती है कि आपकी अच्छी कम्युनिकेशन स्किल होनी चाहिए. अगर आज के समय में आपके पास कम्युनिकेशन स्किल है तो आप अपने करियर में बहुत आगे जा सकते हैं.

अगर हम पब्लिक स्पीकिंग को एक स्किल की तरह देखने की कोशिश करें तो हमें पता चलेगा कि हमारी डे टू डे लाइफ में इस स्किल का महत्त्व कितना ज्यादा है? आपको पता होना चाहिए कि आपकी पहली नौकरी के इंटरव्यू में भी इस स्किल को देखा जाता है. कई रिसर्च में ये बात सामने निकलकर आई है कि जिनकी पब्लिक स्पीकिंग स्किल अच्छी होती है उन्हें नौकरी के इंटरव्यू में जल्दी सफलता मिल जाती है. 

आज के समय के कॉर्पोरेट ऑफिस में भी पब्लिक स्पीकिंग का महत्त्व काफी ज्यादा है. इस बात को और समझने के लिए हमें जॉब आउटलुक 2013 के सर्वे पर नज़र डालना पड़ेगा. इस सर्वे के हिसाब से कम्युनिकेशन स्किल को कम्पनियों की तरफ से बहुत ज्यादा तवज्जो दी जाती है. 

इस सर्वे में इस बात को साफ़ तौर पर कहा गया है कि गुड कम्युनिकेशन स्किल की मदद से आप अपने करियर में बहुत अच्छा कर सकते हैं. किसी भी कम्पनी के बॉस को अगर किसी को प्रमोट करना होता है. तो वो ऐसे एम्पलॉईज को महत्त्व देना चाहता है जिसकी कम्युनिकेशन स्किल बेहतरीन हो.

इसके पीछे का रीजन यही कि अगर आपकी कम्युनिकेशन स्किल बेहतरीन होगी तो आप क्लाइंट्स के सामने कम्पनी की पालिसी को बेहतर ढ़ंग से रख पायेंगे. इसलिए अगर आपकी टीम में 50 लोग काम करते हैं और आपके पास बेहतरीन बोलने की क्षमता है तो फिर आपके पास हमेशा ही एज एडवांटेज रहेगा. 

इफेक्टिव कम्युनिकेशन स्किल आपको कितना फायदा पहुंचा सकती है? इसके जीते जागते एग्जाम्पल इस किताब के लेखक हैं. कॉंफिडेंट होकर बोलना, क्लियर बोलना और ऐसा बोलना कि सामने वाला आपकी बात को सुने, अगर आपके पास ये स्किल है तो फिर आप अपने करियर की रेस में बहुत आगे जाने वाले हैं.

 

पब्लिक स्पीकिंग की प्रैक्टिस से आपका कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा
हम सभी को कभी ना कभी ऑडियंस के सामने तो बोलना ही पड़ता है. भले ही वो समय स्कूल प्रेजेंटेशन के समय आये या फिर जॉब इंटरव्यू के टाइम. आम तौर पर लोग बोलने से पहले काफी नर्वस रहते हैं. अगर आप भी नर्वस होते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि ये नार्मल है. नर्वस होने का ये कत्तई मतलब नहीं होता है कि आपको पब्लिक स्पीकिंग छोड़ देनी चाहिए. 

हमें लगातार अपनी पब्लिक स्पीकिंग को और बेहतर करने के लिए काम करना चाहिए. अगर आपको अच्छा पब्लिक स्पीकर बनना है? तो फिर आपको अच्छा कंटेंट बनाने के ऊपर भी काम करना चाहिए. आपको अपने अंदर अच्छे कंटेंट को क्रिएट करने की काबिलियत को पैदा करना पड़ेगा. 

आपको ये पता होना चाहिए कि एक अच्छी स्पीच का मतलब क्या होता है? अच्छी स्पीच बस फैक्ट्स से ही नहीं बनती हैं. अच्छी स्पीच के लिए आपको ऑय कांटेक्ट भी बनाकर रखना पड़ता है. 

कुछ की-पॉइंट्स हैं जिसके ऊपर आपको काम करने की शुरुआत करनी चाहिए. जैसे कि ऑय कांटेक्ट, पोश्चर और वाईस मोडयूलेशन. 

इसी के साथ ही साथ आपको ये भी सीखना पड़ेगा कि स्पीच को सही और सटीक तरीके से स्ट्रक्चर कैसे करना चाहिए. 

इस चैप्टर के माध्यम से लेखक बताना चाहते हैं कि पब्लिक स्पीकिंग की प्रैक्टिस से आपका कांफिडेंस भी बेहतर होता है. लेकिन अपने कॉन्फिडेंस को बेहतर करने के लिए आपको फीडबैक को महत्त्व देना पड़ेगा. फीडबैक से आपको पता चलेगा कि अभी कमी कहाँ पर रह गयी है.

‘Ryan Avery’  अपनी फील्ड में इतने सक्सेसफुल इसलिए हुए क्योंकि उन्हें पता था कि फीडबैक का सही यूज कैसे करना है? वो हमेशा अपने फीडबैक को बड़ा सीरियसली लिया करते थे. सबसे पहले जब उन्होंने स्पीच दी थी तो उन्होंने एक शब्द का इस्तेमाल बार-बार किया था. इस चीज़ का पता उन्हें अपने फीडबैक से चला था. इस खामी का पता चलते ही उन्होंने इसके ऊपर काम किया और इस खामी को दूर भी किया. 

इसलिए इस चैप्टर के माध्यम से लेखक आपको बताना चाहते हैं कि अगर आपको बेहतरीन पब्लिक स्पीकर बनना है? तो फिर आपको फीडबैक को बहुत सीरियसली लेना पड़ेगा. 

अगर आप अपनी स्पीच को क्राफ्ट करने वाले हैं तो फिर आपको खुद से एक सवाल ज़रूर पूछना चाहिए. वो ये है कि ‘मैं अपनी स्पीच में किस टॉपिक के ऊपर बात करने वाला हूँ?’ एक अच्छी स्पीच कंटेंट को क्रिएट करने के पीछे का सीक्रेट एक ही है. वो है कि आपके पास अच्छा टॉपिक होना चाहिए. एक ऐसा टॉपिक जिससे आप भी मोटिवेट हों और आपकी ऑडियंस भी सुनना चाहे. 

इसके लिए आपको खुद से एक और सवाल करना पड़ेगा. वो सवाल है कि आपकी ऑडियंस कौन है? आपकी स्पीच किसको इफ़ेक्ट करने वाली है? एग्जाम्पल के लिए अगर आप किसी त्यौहार के मौके पर अपने परिवार के सामने स्पीच दे रहे हैं. तो फिर आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप अपनी स्पीच में परिवार के बारे में बात करें. अपनी स्पीच में आपको बिजनेस की बात नहीं करनी चाहिए. 

पब्लिक स्पीकिंग की दूसरी महत्वपूर्ण बात ये है कि अगर आप एक्सपर्ट्स के सामने बोलने वाले हैं. तो फिर आपको अपनी रिसर्च मज़बूत करके बोलने की शुरुआत करनी चाहिए. इसी के साथ ही साथ आपको इस बात का ख्याल भी रखना पड़ेगा कि आप जिस भी टॉपिक के ऊपर बोलने वाले हों उसके ऊपर आपका इंटरेस्ट भी होना चाहिए. ऐसा नहीं होना चाहिए कि आपको माइक्रो बायोलॉजी के बारे में बोलना हो और आपको साइंस में कोई इंटरेस्ट ही ना हो. अगर ऐसा होगा तो फिर आप कभी भी फुल फ्लो में नहीं बोल पायेंगे. 

एग्जाम्पल के लिए आप नेल्सन मंडेला की स्पीचेस को सुन सकते हैं. फ्री डेमोक्रेटिक साउथ अफ्रीका के पक्ष में दी गयी उनकी स्पीचेस सीधे लोगों के दिलों में असर छोड़ा करती थीं. इसके पीछे का रीजन यही था कि वो अपने सपने को शब्दों में पिरोकर बोला करते थे. 

अपनी ऑडियंस को इंगेज रखने की कोशिश करिए
कई बार ऐसा होता है कि आपकी स्पीच का कंटेंट बहुत अच्छा होता है. लेकिन फिर भी ऑडियंस का ध्यान स्पीच से हट जाता है. क्या आपको इसके पीछे का रीजन पता है? 

इसके पीछे का रीजन यही है कि कई बार स्पीच में बिना मतलब का ज्ञान भी दे दिया जाता है. जब भी आप कंटेंट तैयार करते हैं तो आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि उसमे बिना मतलब की बातें ना डाली जाएँ. 

किसी भी स्पीच को ग्रेट स्पीच उसका फोकस बनाता है. एग्जाम्पल के तौर पर आपको बता दें कि अगर आप 7 मिनट की स्पीच तैयार कर रहे हैं तो फिर आपकी कोशिश रहनी चाहिए कि उसमे 1 मेन मैसेज से ज्यादा मैसेज ना हो. 

अगर आप ऐसा करेंगे तो फिर आपके पास समय नहीं बचेगा कि आप अपने कंटेंट से हटकर बातें करें. 

कई सक्सेसफुल स्पीकर अपनी स्पीचेस में थम्ब बेस्ड रूल का इस्तेमाल करते हैं. आप भी इस रूल का इस्तेमाल कर सकते हैं. 

थम्ब बेस्ड रूल क्या है?

इस रूल के अनुसार आपको अपनी स्पीच के मेन मैसेज को दस शब्दों के अंदर ही बयाँ कर देना चाहिए. अगर आप इस तकनीक का इस्तेमाल करेंगे तो फिर आपका फोकस भी आपके मैसेज के ऊपर बेहतर होगा. 

इसके एग्जाम्पल के तौर पर लेखक पब्लिक स्पीकिंग एक्सपर्ट ‘Craig Valentine’ का किस्सा शेयर करते हैं. एक बार इन्होने स्पीच दी थी जिसका कोर मैसेज था कि ‘आपके सपने बिकाऊ नहीं है’. इस मैसेज का असर ऑडियंस पर इतना गहरा हुआ था कि सालों बाद भी लोग उनसे मिलकर उस मैसेज को याद करते थे. 

इसलिए सबसे बेहतर तरीका है अपनी ऑडियंस को इंगेज रखने का कि आपका फोकस भी एक कैची मैसेज के ऊपर होना चाहिए. 

आप अपनी ऑडियंस के साथ कनेक्शन वर्बल और नॉन वर्बल दोनों ही तरीकों से बना सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले आपको खुद से दो सवाल पूछने पड़ेंगे. 

पहला- क्या आप वेल एजुकेटेड स्पीकर बनना चाहते हैं? या फिर आप अपनी ऑडियंस से इमोशनली जुड़ना पसंद करेंगे? 

आपका जवाब जो भी हो लेकिन इसके लिए आप कुछ बेसिक टैक्टिस का इस्तेमाल कर सकते हैं. इनमे ज्यादातर नॉन वर्बल ही हैं. 

ऑडियंस के साथ कनेक्शन के लिए सबसे ज़रूरी दो चीज़ें होती हैं. पहली ऑय कांटेक्ट और दूसरा आपका पोश्चर. 

अगर आपने इन दोनों चीज़ों के ऊपर कंट्रोल ला लिया तो फिर आधी जंग तो आपने जीत ली है. 

इसी के साथ ही साथ आप एक वर्बल तकनीक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. वो है कि सही टोन का इस्तेमाल करना  आपको आना चाहिए. 

जब भी आप बोल रहे हों तो आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आप टोन बदल-बदल कर बोलने की कोशिश करिए. इससे ऑडियंस को सुनने में भी अच्छा लगता है. 

अगर कंटेंट, शब्द, शैली और पोश्चर अच्छे होंगे तो फिर ऑडियंस के साथ कनेक्शन भी अपने आप ही बन जायेगा. 

 

स्पीकिंग कोच की मदद से भी आपके अंदर काफी बदलाव आ सकते हैं
आपको बता दें कि पब्लिक स्पीकिंग की ट्रेनिंग भी किसी स्पोर्ट्स की तरह ही होती है. जितनी प्रैक्टिस आप करते रहेंगे उतने ही बेहतर भी आप होते रहेंगे. इसलिए इस फील्ड में भी कोच आपकी काफी ज्यादा मदद कर सकते हैं. 

अगर आप भी प्रोफेशनल कोच की मदद लेते हैं जिन्हें पब्लिक स्पीकिंग का एक्सपीरियंस हो, तो फिर आप भी इस फील्ड में काफी ज्यादा आगे जा सकते हैं. अगर आपको भी खुद के अंदर मोटिवेशन की कमी लगती है तो फिर निश्चित रूप से प्रोफेशनल कोच आपकी काफी ज्यादा मदद कर सकते हैं. 

आपको बता दें कि प्रोफेशनल कोच आपको स्पीकिंग टेकनिक के साथ ही साथ वैल्युएबल फीडबैक भी देगा. इसी फीड बैक की मदद से आप खुद के अंदर काफी ज्यादा सुधार कर सकते हैं. 

वैल्युएबल फीड बैक की इम्पोर्टेंस आपको शुरूआती चैप्टर्स में ही बता दी गयी थी. 

कई लोग फीड बैक से इसलिए भी भागते हैं क्योंकि उन्हें क्रिटिसिज्म का डर रहता है. लेकिन आपको इस बात को मानना पड़ेगा कि बिना क्रिटिसिज्म से आपके अंदर इम्प्रूवमेंट नहीं आ सकता है. 

 

कुल मिलाकर
इस किताब की समरी के माध्यम से आपको की मैसेज यही दिया गया है कि आप अपने लगन और मेहनत से बेहतर पब्लिक स्पीकर बन सकते हैं. दिमाग को फोकस्ड रखने की कोशिश करिए और सही दिशा की तरफ मेहनत करते रहिये. 

 

अगर आपको पब्लिक स्पीकिंग से डर लगता है तो फिर ज्यादा से ज्यादा बोलने की कोशिश करिए. याद रखिये कि कहा भी गया है कि ‘डर के आगे ही जीत है’. फीडबैक के महत्त्व को समझने की कोशिश करिए. पढ़ते रहिये, आगे बढ़ते रहिये और बोलते रहिये.

येबुक एप पर आप सुन रहे थे Speaker, Leader, Champion by Jeremy Donovan and Ryan Avery

ये समरी आप को कैसी लगी हमें yebook.in@gmail.com पर ईमेल करके ज़रूर बताइये.

आप और कौनसी समरी सुनना चाहते हैं ये भी बताएं. हम आप की बताई गई समरी एड करने की पूरी कोशिश करेंगे.

अगर आप का कोई सवाल, सुझाव या समस्या हो तो वो भी हमें ईमेल करके ज़रूर बताएं.

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