Bill Bryson
An Affectionate Portrait of Britain
दो लफ्ज़ों में
अमेरिका में जन्म लेने वाले ऑथर ‘Bill Bryson’ ने साल 1995 में ‘Notes from a Small Island’ किताब को लिखने के फैसला किया था. उन्होंने इस फैसले को कलम की स्याही में डुबोकर रीडर्स के दिल तक पहुंचाने का काम भी बाखूबी किया था. इस किताब को लिखने का मकसद केवल ब्रिटेन की यादों को दुनिया तक पहुंचाना ही नहीं बल्कि ब्रिटेन से दुनिया को रूबरू करवाना भी था. अगर आप कभी ब्रिटेन नहीं गए हैं, तो इस किताब की मदद से आप वहां की गलियों को ही जानने लगेंगे. इस किताब में शब्दों की मदद से ऑथर ने अपने 20 सालों के अनुभव का सार लिख दिया है.
ये किताब किसके लिए है?
- किसी भी फील्ड के स्टूडेंट्स के लिए
- ऐसे लोग जिन्हें दुनिया के बारे में जानना अच्छा लगता हो
- घूमने-फिरने के शौक़ीन लोगों के लिए
- ज्ञान को समझने वालों के लिए
लेखक के बारे में
आपको बता दें कि इस किताब का लेखन ‘Bill Bryson’ ने किया है. ये एक एंग्लो अमेरिकन ऑथर हैं. जिन्हें हिस्ट्री की फील्ड में महारत हासिल है. उनकी पिछली किताबों में ए वॉक इन द वुड्स (1995), शामिल है. जिसके ऊपर हॉलीवुड में मूवी भी बन चुकी है.
ब्रिटेन यादगार स्थानों और शानदार इंसानों से भरा एक छोटा सा द्वीप है
इस किताब के चैप्टर्स की कहानी आपके नज़रिए को बदलने की क्षमता रखती है. आपको इसमें ज़िन्दगी को देखने का एक नया नज़रिया मिलेगा. आपको पता चलेगा कि कैसे एक इन्सान सही मानसिकता की मदद से दुनिया के किसी भी कोने में सर्वाइव कर सकता है? इसलिए भयानक से भयानक मंज़र से ज़िन्दगी की खुशबु निकालने के लिए आपको इस किताब की समरी को ज़रूर सुनना चाहिए.
अगर हम ब्रिटेन की बात करें तो ब्रिटेन में बड़ी तादाद में लोग ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से रहते हैं, सरकार ये बात अच्छी तरह जानती है, अफ्रीकी देशों और दक्षिण एशिया से आए ऐसे हज़ारों लोग हैं जिन्हें यहाँ 'इल-लीगल इमिग्रेंट' कहा जाता है.
ऐसे लोगों को देश से बाहर निकालना एक महँगा और मुश्किल काम है, पिछले दिनों लंदन में एक प्रयोग के तौर पर विवादास्पद गाड़ियाँ घुमाई जा रही थीं जिन पर लिखा था-- ' इफ़ यू आर इल-लीगल इमीग्रेंट, गो होम ऑर फ़ेस अरेस्ट.'
आपको इस किताब के चैप्टर्स में ब्रिटेन के बारे में ऐसी ही कई रोचक बातें जानने को मिलने वालीं हैं.
तो चलिए शुरू करते हैं!
इस किताब के ऑथर ‘Bill Bryson’ का जन्म अमेरिका में हुआ था. लेकिन उन्होंने अपनी ज़िन्दगी के 20 महत्वपूर्ण साल ब्रिटेन में गुज़ारे थे. इतने साल ब्रिटेन में गुज़ारने के बाद उन्होंने अपने वतन अमेरिका लौटने का फैसला कर लिया था. लेकिन ये फैसला आसान नहीं होने वाला था. क्योंकि उन्हें ब्रिटेन से प्यार हो चुका था.
अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर ऑथर ने ब्रिटेन छोड़ने का फैसला क्यों किया था? उन्होंने ये फैसला अपने बच्चों के लिए किया था. वो चाहते थे कि उनके बच्चें अपने वतन के बारे में भी जानने की कोशिश करें. उन्हें पता चले की उनकी जड़ें अमेरिका से जुड़ी हुई हैं. इसे आप राष्ट्रवाद से भी जोड़ सकते हैं.
बिल को ये एहसास हो चुका था कि घर से दूर रहकर आप पैसा तो कमा सकते हैं. लेकिन उसके लिए आपको बहुत कुछ कुर्बान भी करना पड़ता है.
लेकिन ब्रिटेन को छोड़ने से पहले बिल एक फेयरवेल टूर करने के लिए निकले, उनका मकसद अच्छी यादों को अपने साथ लेकर जाना था.
ऑथर कहते हैं कि “क्या आपकी भी दिली तमन्ना वेस्टमिन्सटर ब्रिज पर खड़े होकर बिग बेन की घड़ी की आवाज सुनने की है? क्या आप भी स्कॉटिश हाइलैंड के बीच हॉगवर्ट एक्सप्रेस में सफर करना चाहते हैं? या वेल्श के जंगलों में ट्री हाउस के बीच प्रकृति का आनंद उठाना चाहते हैं... तो ब्रिटेन आएं..”
यहां ऐसी खूबसूरत यादों का खजाना भरा है जो निश्चित तौर पर आपके चेहरे पर मुस्कान ले आएगा.. लेकिन सबसे पहले अपनी यात्रा संबंधी आइटिनरी तैयार करें कि आपको जाना कहां है? ब्रिटेन को हम मुख्य तौर पर 5 हिस्सों में बांटते हैं- 1. लंदन, 2. स्कॉटलैंड 3. उत्तरी इंग्लैंड, 4. वेल्स, 5. दक्षिण पश्चिम इंग्लैंड..
आगे बताते हुए ऑथर कहते हैं कि इंग्लैंड की राजधानी लंदन, एक ऐसा शहर है जहां दुनियाभर से सबसे ज्यादा लोग आते हैं.
अपने आलीशान इतिहास से लेकर मॉर्डन परंपरा और फैशन से लेकर खाने तक...लंदन की हर चीज आपको अपनी ओर आकर्षित करती है.
इस शहर में एक-दो नहीं बल्कि 170 म्यूजियम है जहां जाकर आप इस शहर के कल्चर के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं. दुनिया का सबसे मशहूर फैशन डेस्टिनेशन होने की वजह से यह शहर शॉपिंग पसंद करने वालों के लिए जन्नत है। तो वहीं, खाने के शौकीन लोगों के लिए भी यह शहर मक्का से कम नहीं है.
ब्रिटेन के पास शानदार हैरिटेज विरासत है
दुनिया के नक्शे पर ब्रिटेन भले ही बहुत अधिक न हो, लेकिन कल्चरल और ऐतिहासिक तौर पर ब्रिटेन काफी मज़बूत रहा है. दुनिया के कई देशों के आम दर्शकों के लिए यह मामला पहेली की तरह रहा है.
ज्यादातर लोग यूनाइटेड किंगडम, ग्रेट ब्रिटेन और इंग्लैंड एक ही अर्थ में प्रयोग करते हैं जबकि तीनों के बीच फर्क है.
आपको बता दें कि यूनाइटेड किंगडम देश है, ग्रेट ब्रिटेन द्वीप यानि आइलैंड है और इंग्लैंड उस द्वीप का हिस्सा है. इसी के साथ आपको ये भी बता दें कि यूरोप के उत्तर पश्चिमी तट पर यूनाइटेड किंगडम एक स्वतंत्र देश है.
इसके भीतर ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के सारे द्वीप हैं. वास्तव में इस देश का आधिकारिक नाम 'यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन ऐंड नॉर्दर्न आयरलैंड' है. यूनाइटेड किंगडम की राजधानी लंदन है.
यूनाइटेड किंगडम यूनाइटेड नेशंस का संस्थापक सदस्यों में से एक है.. यह यूनाइटेड नेशंस सिक्यॉरिटी काउंसिल का भी सदस्य है. किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन और किंगडम ऑफ आयरलैंड का 1801 में एकीकरण हुआ और तभी यूनाइटेड किंगडम बनाने की घोषणा की गई. तब यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन ऐंड आयरलैंड बना था.
1920 के दशक में दक्षिणी आयरलैंड आजाद हो गया. इसके बाद यूनाइटेड किंगडम के इस आधुनिक देश का नाम 'यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन ऐंड नॉर्दर्न आयरलैंड' पड़ा.
अब बात लन्दन की होगी, इसकी तो बात ही निराली है
ऑथर ‘Bill Bryson’ ने लन्दन में अपनी लाइफ का काफी लंबा समय गुज़ारा था. उन्होंने लन्दन में 8 सालों तक काम किया था. शुरुआत में उन्हें लग रहा था कि वो लन्दन को समझ नहीं पाएंगे लेकिन जैसे-जैसे उन्होंने लन्दन में समय बिताया. उन्हें एहसास होने लगा कि दुनिया में लन्दन से बेहतर शहर नहीं बसाया गया है.
ऑथर कहते हैं कि “दुनिया का सबसे महान शहर कौन सा है? इस सवाल के जवाब में हर बड़े शहर के लोग अपने शहर को नंबर वन बताने लगेंगे. न्यूयॉर्क, पेरिस, बर्लिन, मॉस्को, दिल्ली, मुंबई, टोक्यो. फेहरिस्त इतनी लंबी है कि यहां उसे गिनना मुश्किल है.”
आगे बताते हुए ऑथर कहते हैं कि ब्रिटेन की राजधानी लंदन को हमेशा से महान शहर का दर्जा हासिल था. एक वो दौर था कि लंदन उस ब्रिटिश साम्राज्य की राजधानी था जिस पर कभी सूर्यास्त नहीं होता था.
फिर दूसरे विश्व युद्ध में शहर को भारी नुक़सान हुआ. ब्रिटेन की दुनिया की सियासत में हैसियत घट गई. ब्रिटेन की हैसियत घटी तो लंदन की अहमियत भी कम हो गई.
लंदन के इतिहास में एक साल का ख़ास तौर से ज़िक्र होता है. ये साल है 1966. सबसे पहले शॉन लेवी ने 2003 में अपनी किताब 'रेडी स्टेडी गो' में इस साल की कहानी लिखी. फिर जॉन सैवेज ने 2015 में 1966 के नाम से ही किताब लिख डाली. उनका दावा है कि ये वही साल है जब लंदन शहर अपनी बुलंदी पर था.
कुछ लोगों को अगर लंदन के 1966 में उरूज पर होने पर ऐतराज़ हो, तो ये साल 1971 भी हो सकता है. जब पंक रॉक का दौर था. या फिर नब्बे का दशक जब ब्रिट पॉप को ख़ूब पसंद किया जा रहा था.
लेकिन, ये सारे दावे ग़लत हैं. ऐसा नहीं है कि उसके बाद लंदन शहर का गौरव घटने लगा. आज भी लंदन बेहद दिलचस्प है. बल्कि पहले से ज़्यादा बेहतर शहर है.
भले ही बीसवीं सदी के साठ के दशक में लंदन आने वाले अमरीकी सैलानियों की भरमार थी. वो दौर बीटल्स, द रॉलिंग स्टोन्स, द किंग्स रोड, कर्नाबी स्ट्रीट का था. वो दौर एड लिब जैसे नाइट क्लब का था. मगर साठ के दशक का वो लंदन शहर सबके लिए नहीं था. आपकी जेब में अगर पैसे नहीं थे, तो आप इनमें से किसी का मज़ा नहीं ले सकते थे.
लंदन के इतिहास पर नज़र डालें तो आज का दौर सबसे अच्छा कहा जा सकता है. आज ये शहर सबसे महान है. सबसे गतिमान है. सबसे अच्छा है. पहले से कहीं बेहतर है आज का लंदन शहर.
किसी और शहर से तुलना करने पर आपकी ख़ुशी काफ़ूर हो सकती है. मगर ज़रूरी है कि आज के लंदन की तुलना, दुनिया के बाक़ी बड़े शहरों से की जाए. तभी इसकी महानता का आपको एहसास होगा.
अब बात ब्रिटेन के पब्लिक ट्रांसपोर्ट की होगी
अगर आप सोचते हैं कि ब्रिटेन में ड्राइव करना आसान होगा, तो ऐसा बिल्कुल नहीं, ब्रिटेन में घूमने के लिए गाड़ी को खुद ड्राइव करना किसी सरदर्द से कम नहीं है. वहां सबसे बड़ी दिक्कत पार्किंग स्पेस की आती है.
अगर आपको ब्रिटेन घूमना है, तो आपके लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट बेस्ट ऑप्शन है. यूनाइटेड किंगडम की ट्रेन सर्विस बेहतरीन है. जिसकी मदद से आप अपनी फेवरेट डेस्टिनेशन में बहुत जल्दी पहुँच सकते हैं.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट की मदद से आप किसी भी डेस्टिनेशन में पहुँच सकते हैं. लेकिन किसी भी इम्पोर्टेन्ट डेस्टिनेशन में पहुँचने के बाद, आपको पैदल चलकर ब्रिटेन की खूबसूरती को ओब्सर्व करने की कोशिश करनी चाहिए.
खूबसूरती की मिसाल ‘यूके’ के कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स
न्यूयॉर्क हो, मिलान हो या फिर पेरिस. यूके के लंदन के मुक़ाबले कोई और शहर नहीं ठहरता, हां, यहां रहने का ठिकाना खोज पाना, अपना घर बना पाना, पहले के मुक़ाबले और मुश्किल हो गया है. मगर, लंदन के कारोबारी हालात बदलने का नतीजा ये हुआ है कि ये आज यूरोप का आर्थिक केंद्र बन गया है. आज ये यूरोप में आर्किेटेक्चर और कला का भी सबसे बड़ा केंद्र बन गया है.
आज लंदन में नई-नई ख़ूबसूरत इमारतें बन रही हैं. चीन के अलावा लंदन ही ऐसा शहर है जहां सबसे ज़्यादा नई इमारतें बनायी जा रही हैं. ये शहर की क्रिएटिविटी की मिसाल है.
पैसे और कला के मेल से यहां कई नई चीज़ें देखने को मिल रही हैं. नई आर्ट गैलरीज़ खुल रही हैं. दुनिया का सबसे अच्छा कला का मेला, 'फ्रीज़े' यहां लगता है.
आज से तीस साल पहले लंदन में अच्छा टिक्का मिलना मुश्किल था. रविवार की शाम को शहर के अच्छे होटलों में खाना खाना तो क़रीब-क़रीब असंभव सा था.
लेकिन आज लंदन में एक से एक बेहतरीन रेस्तरां हैं. न्यूयॉर्क और पेरिस के रेस्तरां जैसे भले न हो, लेकिन लंदन के ये रेस्तरां अच्छा खाना परोसते हैं.
इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भले ही स्टार दर्जे न मिलें, मगर ग्राहकों को संतुष्टि के मामले में ये दुनिया के किसी भी दूसरे शहर के रेस्तरां के मुक़ाबले आगे हैं.
यहां के स्थानीय प्रशासन ने भी कला और कारोबार के मेल को बढ़ावा देने की कोशिश में ज़ोर लगाया है.
लंदन के पूर्वी हिस्से में शोरडिच नाम का उपनगर बस गया है. वहीं स्टार्ट अप कंपनियों के लिए टेक सिटी भी बसाया गया है. ये उपनगर अचानक ही नहीं उग आए हैं. इनके पीछे एक सोच है, तरक़्क़ी की. इसके लिए बुनियादी ढांचा विकसित किया गया है. पढ़ाई के केंद्र स्थापित किए गए हैं. सारा काम योजना बनाकर किया गया है.
लंदन की सूरत बदलने में साल 2000 का एक फ़ैसला बहुत अहम पड़ाव बन गया. तब लंदन के 33 प्रशासनिक इलाक़ों को मिलाकर एक जगह कर दिया गया.
उससे पहले लंदन 33 हिस्सों में बंटा हुआ था. हर इलाक़े का अपना मेयर होता था. यही हाल होता तो लंदन को 2012 के ओलंपिक की मेज़बानी न मिलती.
लंदन आज दुनिया की फ़ैशन कैपिटल भी बन गया है. एक दौर था जब लंदन में नए-नए फ़ैशन डिज़ाइनर उभरते थे.
कामयाब होते ही फ़ैशन की दुनिया के बड़े नाम, उन्हें अपने साथ पेरिस, न्यूयॉर्क या मिलान ले जाते थे. मगर आज ऐसा नहीं है. यहां पर नाम कमाने के बाद फैशन डिज़ाइनर यहीं रहते हैं. दूसरे शहर नहीं जाते. आज लंदन दुनिया का सबसे फ़ैशनेबल शहर बन गया है.
शहर के बाहर की दुनिया भी हसीन है
ब्रिटेन की दुनिया में नेचुरल ब्यूटी और एतिहासिक खूबसूरती की कोई कमी नहीं है. लेकिन एक सवाल ये भी उठता है कि आखिर हम एक ट्रेवलर के तौर में इन जगहों का पता कैसे लगाएं?
इसका सबसे आसान तरीका Britain’s national mapping agency के द्वारा तैयार किए गए मैप्स का यूज़ कर सकते हैं.
आप इस जानकारी को कहीं सेव करके रख लीजिए. फ्यूचर में जब भी आप ब्रिटेन की यात्रा का प्लान बनाएंगे तो ये इनफार्मेशन आपके बहुत काम आएगी.
अगर शहर के बाहर की जगहों की बात करें तो कॉटस्वोल्ड्स में विंचकोम्बे शहर के ठीक बाहर दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड में एक पहाड़ी क्षेत्र है. जिसकी खूबसूरती किसी का भी मन खुश कर सकती है.
इसी के साथ आपको बता दें कि इंग्लैंड के दक्षिण पश्चिम हिस्से में दुनिया के कई मशहूर हॉलिडे डेस्टिनेशन्स शामिल हैं. इनमें डोसेट, डेवन और कॉनवॉल जैसे देश हैं. इस इलाके के मशहूर शहरों की बात करें तो ब्रिस्टल और बाथ है और इन दोनों के बीच महज 12 मिनट की ट्रेन जर्नी शामिल है.
अगर आप खाने के शौकीन हैं तो यहां आप बेहतरीन सीफूड और डेवनशेर की क्रीम टी का मजा उठा सकते हैं.
यही नहीं, मध्य इंग्लैंड और साउथवेस्ट का अपना अलग आकर्षण है.
मध्य इंग्लैंड जिसे मिडलैंड भी कहते हैं, में ब्रिटेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर बर्मिंगम आता है. ब्रिटेन के सबसे पुराने यूनिवर्सिटी शहर ऑक्सफर्ड और क्रेंबिज भी इसी हिस्से में है.
इस इलाके में जिन ऐतिहासिक शहरों में आप घूम सकते हैं उनमें डबीशर, हेरफडशर, नॉटिंगमशर शामिल है. यहां आप कल्चरल हब लिवरपूल, कॉट्सवोल्ड के म्यूजियम, यॉर्कशर के मार्कट, हेरफडशर की ग्रामीण खूबसूरती, मैनचेस्टर के नैशनल पार्क घूम सकते हैं
वहीं, इंग्लैंड का दक्षिण पूर्वी हिस्सा प्रकृति प्रेमियों को फेवरिट माना जाता है. यहां के बेहद खूबसूरत गार्डन और समुद्र के किनारे बसे शहर दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं.
इस इलाके में शामिल देशों की बात करें तो इसमें ऑक्सफर्डशर, ससेक्स, ईस्ट ससेक्स और केंट जिसे गार्डन ऑफ इंग्लैंड भी कहते हैं, शामिल है. यहां विंडसर कासल, हैंपटन कोर्ट पैलेस, डोवर कासल, नैशनल पार्क- न्यू फॉरेस्ट और साउथ डाउन देखने लायक जगहें हैं.
इसी के साथ वेल्स: एक ऐसा देश जहां एक से बढ़कर एक प्राकृतिक परिदृश्य देखने को मिलते हैं. एक तरफ बर्फ से ढकी खूबसूरत पहाड़ियां हैं तो दूसरी तरफ समुद्र का किनारा. यहां आकर आप ऐसी घाटियों और गांवों की सैर कर सकते हैं जिसे अब तक ज्यादा एक्सप्लोर नहीं किया गया है.
वेल्स की राजधानी कार्डिफ को ब्रिटेन की सबसे ज्यादा मिलनसार शहर का तमगा हासिल है. सबसे अच्छी बात यह है कि कार्डिफ शहर, लंदन से महज 2 घंटे की दूरी पर है.
इसी के साथ अगर नार्थ ब्रिटेन की बात करें तो इंग्लैंड का उत्तरी हिस्सा उस वक्त औद्योगिक क्रांति का केंद्र रहा जब मैनचेस्टर जैसे शहर दुनिया में मशीनीकरण का संचालन कर रहे थे और दुनिया उद्योगों की तरफ बढ़ रही थी.
लेकिन आज ये शहर अपनी फैक्ट्रियों से ज्यादा अपनी नाइटलाइफ के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं. इन शहरों के बाहर आपको दिखेंगे इंग्लैंड के आकर्षक ग्रामीण इलाके जो भव्य पहाड़ और खूबसूरत झीलों से घिरे हैं.
अंग्रेज़ अपने मैनर्स के लिए भी फेमस हैं
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि ब्रिटिश अपने शिष्टाचार के लिए प्रसिद्ध हैं, और यह एक बड़े पैमाने पर उनकी रेपूटेशन है. उनकी इस ख़ासियत की पहचान पूरी दुनिया में बन चुकी है.
अगर आप ब्रिटेन में हैं और आपके पास मैनर की कमी है? तो आपको लोगों से बात करने में बहुत दिक्कत आएगी. वहां पर ज्यादातर लोग गैर शिष्टाचारी लोगों को इंटरटेन नहीं करते हैं.
यूनाइटेड किंगडम में क्षमा याचना सर्वव्यापी है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि गलती किसकी है? माफ़ी माँगना वहां के मैनर का हिस्सा है. अगर ब्रिटेन के लोगों को लगता है कि उनसे किसी तरह की गलती हो गई है? या फिर उनकी बातों से किसी को ठेस पहुंची है? तो वो लोग सामने वाले से माफ़ी मांगने में ज़रा सी भी देरी नहीं करते हैं. कुछ इसी तरह की उम्मीद वो सामने वाले से भी करते हैं. इसलिए आपने भी अंग्रेज़ों को सॉरी शब्द का ज्यादा उपयोग करते हुए देखा होगा? ये शब्द अंग्रेज़ों के मैनर में शामिल हो चुका है.
इन सभी बातों के साथ अगर आप ब्रिटेन गए हैं तो आपको स्कॉटलैंड के बारे में भी कुछ बातें पता होनी चाहिए. आपको बता दें कि ऐतिहासिक किलों और कोहरे से ढंके झीलों का देश है स्कॉटलैंड.
ये देश इतना खूबसूरत है कि आपको लगेगा मानो इसे तो आपने सिर्फ अपने सपनों में देखा है. एक तरफ है एडिनबर्ग और ग्लैजगो जैसे गुलजार शहर तो दूसरी तरफ है समय से अछूते पहाड़ी मैदान और द्वीप जिन्होंने आज भी अपनी खूबसूरती बनाए रखी है.
अगर आपको इंग्लिश पब कल्चर का एक्सपीरियंस लेना है तो थेम्स के किनारे बने मेफ्लवार पब जरूर जाएं. यह पुराने पबों में से एक है हालांकि थोड़ा महंगा जरूर है... अगर आप लंदन से थोड़ा और आगे जाएंगे तो लगभग एक घंटे की दूरी पर बसा है ऑक्सफोर्ड. 'ड्रीमिंग स्पायर्स' के नाम से मशहूर यह शहर 800 सालों से भी ज़्यादा समय... से शाही परिवारों व स्कॉलर्स का घर रहा है.
यही नहीं सेक्सॉन काल की याद दिलाने वाले खूबसूरत आर्किटेक्चर, आर्ट म्यूज़ियम और लाइब्रेरी देखने के लिए आपको ऑक्सफोर्ड ज़रूर जाना चाहिए. इसी के साथ अगर आप भी बीटल्स के फैन है तो आपका लिवरपूल जाना बनता है. बीटल्स ने मैथ्यू स्ट्रीट 10 पर स्थित द केवर्न क्लब पर अपनी पहली पर्फॉर्मेंस दी थी. आपके लिए अच्छी बात यह है कि इस क्लब में द केवर्न क्लब बीटल्स नाम से एक बैंड है जो बीटल्स की यादें ताज़ा करता है. यही नहीं आपको पूरा एक दिन चाहिए क्योंकि द बीटल्स स्टोरी म्यूज़ियम जाए बिना आपका सफर पूरा नहीं हो सकता.
इतना ही नहीं लिवरपूल शहर फुटबॉल का भी पर्यायवाची है. लिवरपूल एफसी सिटी बस की खुली छत पर बैठकर पूरा शहर घूमिए और फिर सीधा एनफील्ड स्टेडियम के म्यूजियम का प्लान बनाइए.
अंग्रेज़ ब्रिटिश कल्चर और ट्रेडीशन का विशेष ख्याल रखते हैं
आज के दौर में ऐसा देखा जा रहा है कि एशियन लोग वेस्टर्न कल्चर को फॉलो करने की कोशिश कर रहे हैं. कई लोग तो ऐसे भी नज़र आते हैं जिन्हें अपने कल्चर को फॉलो करने में ही शर्म आती है. वो अपने कल्चर को मॉडर्न नहीं समझते हैं.
लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि वेस्टर्न यानि ब्रिटेन के लोग भी अपने ट्रेडिशन का बहुत सम्मान करते हैं. उन्हें भी अपने कल्चर और ट्रेडिशन से काफी ज्यादा प्यार और स्नेह रहता है.
इसलिए हमें इस बात को समझ लेना चाहिए कि मॉडर्ननेस का ये ये कत्तई मतलब नहीं होता है. कि आप अपने कल्चर और ट्रेडिशन का मज़ाक उड़ाने लगें.
इसलिए किसी ने बहुत ख़ूब कहा है कि कोई भी अपनी ज़मीन की जड़ों को त्यागकर मॉडर्न नहीं बन सकता है. इंसान को अपने ट्रेडिशन और कल्चर की रिस्पेक्ट करनी चाहिए. साथ ही साथ दूसरे के कल्चर को भी सम्मान देना चाहिए.
अगर साहित्य के कल्चर की बात करें तो अंग्रेजी नाटककार और कवि विलियम शेक्सपियर को व्यापक रूप से सभी सदी का सबसे महान नाटककार माना जाता है. दुनिया के सबसे बड़े नाटककार और अंग्रेजी भाषा के लेखक, विलियम शेक्सपियर को इंग्लैंड के राष्ट्रीय कवि और बार्ड ऑफ एवन ’के सम्मान से सम्मानित किया गया है.
38 नाटकों और 154 सॉनेट्स के लेखक, उनके काम को उनके जीवनकाल के बाद दुनिया ने बहुत अधिक सराहा.. . . . . . शेक्सपियर द्वारा लिखे गए नाटकों को दुनिया की हर प्रमुख भाषा में अनुवादित किया गया है और किसी भी अन्य नाटककार की तुलना में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया गया है.
अगर हम विलियम शेक्सपीयर के बचपन की बात करें तो कोई व्यक्तिगत दस्तावेज़ शेक्सपियर के स्कूल के सालों का मौजूद नहीं है.
लेकिन कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि विलियम शेक्सपीयर ने स्ट्रेटफोर्ड ग्रामर स्कूल अटैंड किया था. और वहां इन्होने क्लासिक्स, लैटिन ग्रामर एवं साहित्य की पढ़ाई की थी.
लेकिन कई प्रूफ्स ये भी कहते हैं कि कि फाइनेंसियल रूप से अपने पिता की मदद करने के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई लगभग 13 साल की उम्र में छोड़ दी थी.
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि लन्दन के लोग थियेटर को पसंद किया करते थे. दर्शकों के बीच में थियेटर को लेकर काफी उत्साह भी रहता था.
आप जितना ज्यादा विलियम शेक्सपीयर के बारे में पढ़ते जाएंगे, आपको उतना ही ज्यादा पता चलता जाएगा कि ब्रिटेन के इतिहास में साहित्य का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है. इसलिए ब्रिटेन को साहित्य और कला का भी हब कहा जाता है. वहां के लोग अपने इस साहित्य के कल्चर की भी पूजा करते हैं. ब्रिटिशर्स को अपने विरासत से बहुत ज्यादा प्रेम रहता है. भले ही वो विरासत किला या युद्ध की हो या फिर खेल या साहित्य की हो. . . उन्हें पता है कि अपने ट्रेडीशन और कल्चर को कैसे संभालकर रखा जाता है.
इसलिए अगर आप ब्रिटेन जाते हैं तो वहां की खूबसूरती के अलावा ये भी देखने की कोशिश करिएगा कि अपने कल्चर और ट्रेडीशन को संजोकर कैसे रखा जाता है?
कुल मिलाकर
भले ही ब्रिटेन एक छोटा सा देश हो, लेकिन वहां देखने के लिए बहुत कुछ है. वहां आप कल्चर से लेकर साहित्य तक को एन्जॉय कर सकते हैं. दुनिया का सबसे महान शहर कौन सा है? इस सवाल के जवाब में हर बड़े शहर के लोग अपने शहर को नंबर वन बताने लगेंगे. न्यूयॉर्क, पेरिस, बर्लिन, मॉस्को, दिल्ली, मुंबई, टोक्यो. फेहरिस्त इतनी लंबी है कि यहां उसे गिनना मुश्किल है. मगर, ब्रिटेन की राजधानी लंदन को हमेशा से महान शहर का दर्जा हासिल था.
क्या करें?
जब भी ब्रिटेन की ओर जाएँ तो साथ में किताब और मैप ज़रूर लेकर निकलें. मैप्स की मदद से आपका सफर आसान और आरामदायक हो जाएगा.
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