David Meerman Scott
न्यूज़ हेडलाइन हाईजैक करके आप अपना मैसेज पब्लिक तक पहुँचाओ
दो लफ्जों में
न्यूज़जैकिंग (2012), मीडिया अटेंशन हासिल करने के तरीकों के बारे में है, प्लानिंग से नहीं बल्कि जल्दी और अकलमंदि से काम करके. इस समरी से आप जानेंगे की खबर बनाने का यह तरीका कैसे काम करता है, साथ ही इसे लेकर कैसे रिएक्ट करना चाहिए और मीडिया कवरेज हासिल करने के लिए कैसे इसका इस्तेमाल किया जाए.
किनके लिये है
- उन मार्केटर्स के लिए जो एडवरटाइजिंग कैंपेन के तरीके ढूंढ रहे हैं
- उन उभरते हुए ऑर्गेनाइजेशन के लिए जो कम बजट में अवेयरनेस ब
लेखक के बारे में
ढ़ाना चाहते हैं.
- आज के बदलते हुए मीडिया लैंडस्केप में दिलचस्पी रखने वाले न्यूज़ रीडर्स के लिएलेखक के बारे में
डेविड मीरमैन स्कॉट ऑनलाइन न्यूज़ में स्पेशलाइज्ड, एक इंटरनेशनल पब्लिक रिलेशंस और मार्केटिंग एक्सपर्ट हैं. डिमांडेड कीनोट स्पीकर होने के साथ ही मीरमैन स्कॉट ने द न्यू रूल्स ऑफ मार्केटिंग एंड पीआर जैसी कई बेस्ट सेलिंग किताबों के राइटर भी हैं.
मीडिया अटेंशन हासिल करने के लिए न्यूज़जैकिंग बहुत पावरफुल तरीका है.
एक सवाल जिसे कोई भी ऑर्गेनाइजेशन नजरअंदाज नहीं कर सकता, वह यह कि कैसे वह अपना मैसेज लोगों तक पहुंचाएं और सभी मीडिया ऑर्गेनाइजेशंस की हेडलाइन में अपनी जगह बनाये. इसका जवाब बहुत सिंपल है, इसके लिए आप एक एडवरटाइजिंग फर्म की मदद लेंगे, हैं न?
हालांकि यह तारीख कारगर है लेकिन यह कोई एकलौता तरीका नहीं है, और यकीनन सबसे बेहतर तरीका तो बिल्कुल भी नहीं है. फेसबुक और ट्विटर जैसे मीडिया चैनल्स, कंटेंट की तलाश कर रहे जनरलिस्ट, ने इसे काफी आसान बना दिया है और आप इसका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर सकते हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि इसके लिए आपको बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत भी नहीं है.
मीडिया और जर्नलिस्ट के काम करने के तरीके की सही जानकारी रखकर आप अपने ऑर्गेनाइजेशन की तरफ उनका ध्यान खींच सकते हैं, इस काम के लिए ट्रेडिशनल तरीके में लाखों खर्च होते हैं. चलिए शुरू करते हैं. इस समरी मे आप जानेंगे कि कैसे रिक पेरी ने न्यूज़ हाईजैक की थी? केट विंसलेट का लंदन फायर ब्रिगेड से क्या नाता है, और क्यों आपको अपने होटल में पेरिस हिल्टन को बैंड कर देना चाहिए?
तो चलिए शुरू करते हैं!
क्या आपके पास दुनिया से शेयर करने के लिए कोई मैसेज है लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि यह काम कैसे किया जाए? अगर आपकी बहुत पहचान नहीं है और मार्केटिंग के लिए बहुत बजट भी नहीं है तो आपको इस बारे में थोड़ा अक्लमंदी से काम लेना होगा. मीडिया कवरेज प्लान मत कीजिए, बस हेडलाइन जैक कीजिए.
न्यूज़जैकिंग एक पावरफुल तरीका है, यह बस टाइमिंग की बात है.
अगस्त 13, 2011 को यूनाइटेड स्टेट्स के सभी मास मीडिया ऑर्गेनाइजेशंस को 'लोवा' के बारे में रिपोर्ट करना था, एक मेन रिपब्लिकन पार्टी की फंडरेज़र और शुरुआती पोल बताने वाली साइट. लेकिन उसी दिन टेक्सस के गवर्नर पेरी ने ऐलान कर दिया कि वह प्रेसिडेंट पद के लिए लड़ेंगे.
टाइमिंग सिंपल थी. पेरी को नेशनल न्यूज़ पेपर के पहले पन्ने पर जगह मिली, जबकि लोवा के रिजल्ट्स आखिरी पन्ने पर डाल दिए गए. यह शानदार न्यूज़जैकिंग का एक उदाहरण है.
आज इंफॉर्मेशन के ज़माने में, न्यूज़ हासिल करते करने का पूरी तरह बदल चुका है. हम 24 घंटे पल-पल की अपडेट चाहते हैं, सिर्फ एक ट्वीट पूरी तरह से न्यूज़ डायरेक्शन बदल सकता है. नतीजतन, पहले की तरह प्लैन की गई न्यूज़ अब उतनी पावरफुल नहीं रही. एक काबिल न्यूज़जैकर के लिए, यह बेहतरीन सिचुएशन है.
इफेक्टिव न्यूज़जैकिंग के लिए यह समझने की जरूरत है कि प्रेजेंट मोमेंट में मीडिया में क्या ट्रेंडिंग चल रहा है, बावजुद इसके कि यह बहुत तेजी से बदलता रहता है. अगर आप ट्रेंडिंग स्टोरी में कुछ और ऐड कर देते हैं तो आपको थोड़ी सी कोशिश और एफर्ट्स में मिडिया अटेंशन मिल जाएगी.
दूसरा बेहतरीन एग्जांपल 2010 का है, जब पेरिस हिल्टन को ड्रग रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उस वक्त जब हिल्टन की गिरफ्तारी की खबर छाई हुई थी, पेरिस हिल्टन से कोई नाता ना होने के बावजूद, विन रिसॉट्स ऐलान किया कि वो हिल्टन को बैन कर रहे हैं. विन को काफी मीडिया अटेंशन मिली जो कि प्लैंड कैंपेन के ज़रिए नहीं हासिल की जा सकती थी. मीडिया अटेंशन की वजह से विन रीसॉट्स को लाखों का फायदा हुआ, और यह सब कुछ वक्त के सही इस्तेमाल का नतीजा था.
मीडिया का नया प्रारूप उन लोगों के लिए जन्नत है जो ऑब्जर्व करते हैं और जानते हैं कि कब रिएक्ट करना चाहिए. अगर आप न्यूज़जैकिंग खुद से नहीं कर सकते, तो हो सकता है कोई और आपके लिए यह कर दे.
न्यूज़जैकिंग के वक्त, न्यूज़ स्टोरी के सेकंड पैराग्राफ में जगह बनाना मकसद होना चाहिए.न्यूज़जैकिंग के वक्त, न्यूज़ स्टोरी के सेकंड पैराग्राफ में जगह बनाना मकसद होना चाहिए.
क्या आपने कभी नोटिस किया है कि न्यूज़ का पहला पैराग्राफ, क्या, कब, कैसे और कहां का जवाब देता है? अक्सर 'क्यों' और 'आगे क्या' का जवाब अगले पैराग्राफ में ही मिलता है. यह जरूरी नहीं है कि आप अपने आप को स्टोरी के सेंटर में पहले पैराग्राफ में जगह दिलाएं. जो चीज जरूरी है वह यह कि आपके पास दूसरे पैराग्राफ में जगह बनाने का मौका है.
मिसाल के तौर पर, सर रिचार्ड ब्रैनसन ने अपने घर पर केट विंस्टन और दूसरे फेमस मेहमानों के लिए अपने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड पर पार्टी ऑर्गेनाइज की, उसी वक्त बिजली गिरने की वजह से उनके घर में आग लग गई. इस हड़बड़ी में, केट विंस्टन ने ब्रैनसन की 90 साल की मां को बचाने में उनकी मदद की. यह काफी अच्छी स्टोरी थी, लेकिन इतनी नहीं कि इसे हेडलाइन बनाया जाए.
लंदन फायर ब्रिगेड ने इस मौके का इस्तेमाल किया,और ऐलान किया कि वह केट विंस्टन को अपने फायर फाइटिंग दल के साथ ट्रेनिंग का मौका देंगे. उस हर अख़बार ने फायर ब्रिगेड के इस ऐलान को कवर किया जिसने आग वाली स्टोरी छापी थी. इससे भी ज्यादा, फायर ब्रिगेड में इस मौके का इस्तेमाल लोगों को होम स्मोक डिटेकटर का इंपॉर्टेंस समझाने में किया. कोई भी प्लैन किया गया क्या कैम्पेन इतना जबरदस्त असर नहीं डाल सकता था.
हमें याद रखने की जरूरत है कि हर जर्नलिस्ट वाटर क्रोनकीट और बॉब वुडवर्डस नहीं होता. आज जर्नलिस्ट्स के ऊपर हर मिनट आर्टिकल लिखने का प्रेशर होता है, इसलिए वह सनसनीखेज खबर की तलाश में वक्त बर्बाद नहीं करेंगे, उन्हें जो मिलेगा लिख डालेंगे और यहीं पर न्यूज़जैकिंग कारगर होता है.
जर्नलिस्ट्स को सिर्फ रिपोर्ट करने के लिए किसी खबर की तलाश में नहीं रहती, बल्कि उन्हें कोई स्टोरी चाहिए होती है जिसका ज्यादा असर पड़े. अगर आप जर्नलिस्ट्स को यह प्रोवाइड कर सकते हैं, तो हो सकता है कि दूसरे पैराग्राफ में आपको जगह मिल जाए. यह मुश्किल नहीं लगता, है ना? आपको जल्द से जल्द अपनी स्टोरी जर्नलिस्ट तक पहुंचानी होगी।
न्यूज़ जैकिंग अपॉर्चुनिटी हासिल करने के लिए अपनी इंडस्ट्री में ट्रेंडिंग टॉपिक्स को फॉलो कीजिए। अगर आप अपनी इंडस्ट्री से जुड़ी खबरों से वाकिफ नहीं हैं तो आपके लिये न्यूज़ जैकिंग इंपॉसिबल है. हलांकि इस इंफॉर्मेशन के ज़माने में न्यूज़ फॉलो करना आसान है. इसके लिए आपके इंडस्ट्री को कवर करने वाले ब्लॉगर, एनालिस्ट्स और जर्नरिस्ट्स बहुत बेहतरीन जरिया हैं, ऐसा आप उनके टि्वटर फीड, दूसरे सोशल मीडिया या आरएसएस के द्वारा कर सकते हैं. उनके द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे वर्ड्स और फ्रेज़ेज़ पर ध्यान दीजिए, गूगल न्यूज़ अलर्ट सेट कर लीजिए और ट्रेंड के हिसाब से इसे अपडेट भी करते रहिए.
उसके बाद, इंश्योर कीजिए कि आपके स्टोरी के ज़रिए आप तक पहुंचा जा सके. मीडिया को ट्रेसेबल कंटेंट की जरूरत होती है, इसलिए पहचान छुपाकर पोस्ट मत कीजिए. जहां एक तरफ से कुछ रिपोर्टर्स जेनुइन कंटेंट के लिए कुछ खास लोगों पर ही भरोसा करते हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ रिपोटर्स दूसरे रिसोर्स की तलाश में रहते हैं. इसके ज़रिये आपको चांस मिल सकता है, लेकिन सिर्फ तब जब आप यह साबित कर सकते हैं आपकी ऑनलाइन प्रेजेंस क्रेडिबल है. आप ऐसा अपनी इंडस्ट्री में हो रहे चेंजेज पर कमेंट और आइडियाज देकर कर सकते हैं. सिर्फ अपनी सोच या आईडियाज़ को पोस्ट मत कीजिए, बल्कि उन जनरलिस्ट्स तक शेयर भी कीजिए जिन्हे दिलचस्पी हो सकती है. आप मीडिया अलर्ट का अनाउंसमेंट करके अपने कॉन्पिटिटिव के अनाउंसमेंट को अपने लिए पब्लिसिटी के मौके में बदल सकते हैं.
जब अमेजॉन ने ईमेल डिलीवरी मार्केट में हाथ आजमाने का ऐलान किया, तो SMT.com नाम की लीडिंग ईमेल सर्विस प्रोवाइडर ने ऐसा ही किया. SMT.com मीडिया रिलीज ने बहुत ज्यादा अटेंशन हासिल की, यहां तक कि अमेजॉन की खबर धूमिल पड़ गई.
अगर आप ट्रेंड को फॉलो कर वक्त पर न्यूज़जैक कर लेते हैं, तो सिर्फ आपको मीडिया अटेंशन ही नहीं मिलेगी. आगे आप जानेंगे कि न्यूज़जैकिंग पीआर क्राइसिस से बाहर निकलने में मददगार है.
न्यूज़जैकिंग की ताकत आपकी इमेज भी बचा सकती है, इसका इस्तेमाल बेहतर तरीके से करें.
काबिल न्यूज़जैकर सही मैसेज का इस्तेमाल करके उस चीज से मीडिया का अटेंशन हटा सकते हैं जो उनकी रेपुटेशन को नुकसान पहुंचा सकती है. और उस चीज की तरफ ले जा सकते हैं जो उनकी रिपोटेशन को बेहतर कर सकती है. हस्टलर के पब्लिशर, लैरी फ्लिंट ने गवर्नमेंट से जुड़े सेक्स स्कैंडल में अपना नाम आने के बाद न्यूज़जैकिंग का फायदा उठाया था.
लगभग उसी वक्त, विकिपीडिया उभर रहा था, फ्लिंट ने ऐलान किया कि वह इस काम के लिए $50,000 डोनेट करेंगे. अचानक से उन्होने अपनी रेपुटेशन फ्री स्पीच डिफेंड करने वाले की बना ली थी. और ज़्यादा से ज़्यादा विकिपीडिया की मीडिया कवरेज हासिल की.
यकीनन सबसे अच्छी बात यह है कि आप ऐसा कुछ करें ही ना, जिसकी वजह से आपकी रेपोटेशन खराब हो, अटेंटिव रहकर इससे बच सकते हैं. आपको किसी भी वक्त मीडिया क्राइसिस का सामना करने की तैयारी रखनी चाहिये, जब कंपटीशन की बात आए, तो नेताओं की तरह बन जाइए, शांति से हर चीज का स्वागत कीजिए, एग्रेसिव या बदला लेने की मत सोचिए.
इसी तरह आपको ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपने लिखने की स्टाइल पर ध्यान देना चाहिए. अपनी पहचान क्रेडिबल और रिलेवेंट बनाए रखने के लिए पूरे सेंटेंस का इस्तेमाल कीजिए, जरूरत से ज्यादा कहावत या जार्गन का इस्तेमाल मत कीजिए. जब खबर में किसी की तकलीफ का जिक्र हो तो चतुरायी या मासूमियत से मजा लेने की कोशिश ना करें. आखिर में, जेनुइन रहिए अगर आप मीडिया अटेंशन अपने फेम के लिए हासिल करना चाहते हैं, तो यह कोशिश नाकाम हो जाएगी.
न्यूज़जैकिंग के लिए कोई प्रॉपर फार्मूला नहीं है, आपकी हर पोस्ट कामयाब नहीं होगी, लेकिन अपको मिलने वाले हर मौके का फायदा उठाने की कोशिश करनी है. ऑनलाइन एक्टिव रहिए, तलाश जारी रखिए और दुनिया भर में चल रही हेडलाइन से अपने आप को जोड़ने के लिए कुछ अलग सोचते रहे.
कुल मिलाकर
प्लैंड मीडिया कवरेज पर पैसा और वक्त बर्बाद करने के बजाय, न्यूज़जैकिंग का तरीका अपनाइये. अपनी इंडस्ट्री में चल रहे ट्रेंड को फॉलो कीजिए, तेजी से रिएक्ट कीजिए और मुफ्त में मीडिया अटेंशन हासिल करने के लिए जर्नलिस्ट को वह प्रोवाइड कीजिए जिसकी वह तलाश में है.
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