Four Seconds

0
Four Seconds

Peter Bregman
आदतें सुधारने के लिए सिर्फ चार सेकण्ड्स के फोकस की जरूरत है!

दो लफ्जों में
2105 में आई ये बुक हमें बताती है कि किस तरह से हम अपनी गलत हैबिट्स से खुद को दूर रख सकते हैं। अगर आप चार सेकण्ड्स का पॉज लेकर किसी डिसीजन को फाइनल करेंगे तो आप बेटर तरीके से सिचुएशन को एनालाइज कर पाएंगे।

  ये बुक किसके लिए है
ये बुक उन व्यक्तियों के लिए है जिनको लगता है कि वो अपनी कम्युनिकेशन स्किल इम्प्रूव कर सकते हैं। 
ये बुक उस व्यक्ति के लिए भी है जो अपनी किसी बैड हैबिट से परेशान है।
ये बुक स्ट्रेसफुल लोगों के लिए भी है।

लेखक के बारे में
Peter Bregman ब्रेगमैन पार्टनर्स के सीईओ हैं। ये एक कोचिंग कन्सल्टेंसी है जो लीडर्स को उनके गोल तक पहुंचने में हेल्प करती है। पीटर 18 मिनट्स नाम की बेस्ट सेलिंग बुक के ऑथर भी हैं। आप फोर्ब्स और हार्वर्ड बिजनेस रिव्यु जैसी जर्नल्स में इनके प्रोफेशनल इनपुट पढ़ सकते हैं।

बेटर हैबिट क्रिएट करने के लिए आपको सोच समझकर फोकस करने की जरूरत है।
इस समरी में हम जानेंगे कि किस तरह से फोर सेकण्ड्स यानी कि सिर्फ चार सेकण्ड्स में हम बेटर डिसीजन लेने की कंडीशन में आ सकते हैं। हम समझेंगे कि किस तरह से स्ट्रेस की वजह से हम बहुत बार गलत डिसीजन ले लेते है और कई बार फालतू की बहस का भी हिस्सा बन जाते हैं। इस बुक में ऑथर हमें बताते हैं कि किस तरह से हम सिर्फ चार सेकण्ड्स में अपने डिसीजन को रीथिंक कर सकते हैं। किस तरह से हम ऐसी हैबिट डेवलप कर सकते हैं जो हमें दूसरों से कनेक्ट कर सकती है। इसके अलावा आप जानेंगे कि आखिर क्यों गोल हमें चीटिंग करने पर मजबूर कर देते हैं?कम्युनिकेशन में लिसनिंग बेस्ट क्यों है? और आपको क्यों अपनी सक्सेस शेयर करनी चाहिए?

तो चलिए शुरू करते हैं!

जब आप स्ट्रेस फील कर रहे होते हैं तो आप कभी कभी नार्मल बात पर भी ऐसे रिएक्शन दे देते हैं जिसके बारे में सोचकर बाद में आपको बेकार फील होता है। कुछ लोगों की आदत होती है की जब वो टेंशन में होते हैं तो दूसरों के ऊपर चिल्लाने लगते हैं या फिर बिना बात की बहस करने लग जाते हैं। तो आखिर किस तरह से हम ऐसे बिहैवियर से बच सकते हैं।सबसे पहला स्टेप ये है कि जब भी आप स्ट्रेस फील करें उस टाइम बस चार सेकण्ड्स के लिए सब काम छोड़कर लम्बी सांस लें। चार सेकण्ड्स में कोई भी व्यक्ति एक लंबी सांस ले सकता है। जब आप ऐसा करते हैं तो आप खुद को बेटर डिसीजन लेने के लिए रेडी करते हैं। 

एक एग्जाम्पल लेके इस बात को समझते हैं। मान लीजिए आपके बच्चे सुबह स्कूल जाने से पहले ब्रश करने के लिए मना कर रहे हैं। एक हफ्ते में ये तीसरी बार है जब वो लोग ब्रश करने से मना कर रहे हैं। लाजमी है आपको गुस्सा आएगा। लेकिन यही वो टाइम है जब आपको खुद का गुस्सा रोककर चार सेकण्ड्स के लिए एक लंबी सांस लेनी है। क्या पता ऐसा करने से आपके माइंड में कोई ऐसा आईडिया आ जाए जिसकी वजह से आप अपने बच्चों को ब्रश करने के लिए एक्साइटेड कर दें। चार सेकण्ड्स की लंबी सांस के साथ स्ट्रेस की सिचुएशन में ये भी जरूरी है कि आप अपने फोकस के एरिया को आइडेंटिफाई करें। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आपका फोकस गोल पर होता है तो आप उसे अचीव करने के लिए चीटिंग या फिर अननेसेसरी रिस्क लेने को रेडी हो जाते हैं। जबकि एरिया ऑफ फोकस आइडेंटिफाई कर लेने से आप नेगेटिव चीजों से दूर रह सकते हैं। मान लीजिए आपका कोई प्रोडक्ट सेल करने का बिजनेस है। पिछले कुछ टाइम से आप ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट अर्न करना चाह रहे हैं। प्रॉफिट को मैक्सिमम करने के लिए आपके यहाँ काम करने वाले एम्पलॉय लोग गलत इनफार्मेशन लोगों को प्रोवाइड करके प्रोडक्ट की सेल्स बढ़ा रहे हैं। लेकिन अगर आप प्रॉफिट मैक्सिमम करने के गोल से अपना एरिया ऑफ फोकस कस्टमर के साथ स्ट्रांग रिलेशनशिप डेवलप करने पर करेंगे तो आप पाएंगे कि आपके प्रोडक्ट की सेल्स अपने आप इनक्रीज हो जाएगी।

गुड हैबिट डेवलप करने के लिए प्रोसेस पर फोकस करना जरूरी है।
आजकल सबकी लाइफ बहुत बिजी हो चुकी है। इसलिए हमें लाइफ में आने वाली हर प्रॉबलम्स के लिए रेडी रहना चाहिए। क्योंकि अगर हम आज ही अपने आने वाले कल के लिए रेडी नहीं रहेंगे तो हमें प्रॉब्लम हो सकती है। मान लीजिए आपके ऑफिस में मीटिंग थी और आप उसके लिए प्रिपेयर नहीं कर पाए क्योंकि आप उसके बारे में भूल गए थे। सुबह जब आप ऑफिस पहुंचे तो आपको सीधा बताया गया कि आपको मीटिंग हेड करनी है। आपको मीटिंग के एजेंडा के बारे में भी कोई नॉलेज नहीं है। और तो और कुछ नए लोग भी मीटिंग में मौजूद हैं। तो आप के पास मीटिंग को रिसिड्यूल करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं रह जायेगा। फिर आप किस तरह से किसी अनएक्सपेक्सटेड चीज के लिए प्रिपेयर कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप सॉल्यूशन पर फोकस करने के बजाय प्रोसेस पर फोकस करें। किसी भी अनप्रिडिक्टेबल इवेंट के लिए प्रिपेयर रहना एक इम्पॉसिबल टास्क है। लेकिन आप अपने माइंड का यूज़ करके ऐसी सिचुएशन से खुद को बचा सकते हैं। इसके लिए आपको तीन स्टेप्स फॉलो करने होंगे। 

पहला स्टेप ये कि सबसे पहले आप चार सेकण्ड्स के लिए सब कुछ छोड़कर एक लंबी सांस लें। दूसरा स्टेप ये कि आप अपने पास अवलेबल ऑप्शन्स के बारे में सोचें। सोचें की आपके पास जो रिसोर्स हैं उनकी हेल्प से आप क्या कर सकते हैं। और सबसे लास्ट स्टेप ये कि आप डिसीजन लें कि आपको करना क्या है। और उस डिसीजन पर टिके रहें। अगर आप जिस सिचुएशन में हैं उसमें वो सबसे बेस्ट डिसीजन नहीं है फिर भी अगर आपने डिसीजन ले लिया है तो उसपे स्टिक करें और उसको सही साबित करने की कोशिश करें। 

चार सेकण्ड्स के लिए  लंबी सांस लेने से ही आप एक बेटर डिसीजन लेने वाले फ्रेम में आ जाएंगे।

अपनी कम्युनिकेशन हैबिट इम्प्रूव करने के लिए दूसरे व्यक्ति के द्वारा दिए जाने वाले मैसेज के कंटेंट पर फोकस करें और किसी से आर्ग्युमेंट न करें। 

कभी कभी आप दूसरों के बात करने के तरीके से डिस्ट्रैक्ट हो जाते हैं। ऐसा डिस्ट्रैक्शन तब होता है जब कोई बात करते टाइम अपने वॉइस में कुछ चेंज लाता है या फिर अग्रेसिव तरीके से अपनी कोई बात बोलता है। और जब ऐसा होता है तो आप उस व्यक्ति के द्वारा दिए जाने वाले मैसेज पर फोकस करने की बजाय उसकी अग्रेसिव बॉडी लैंग्वेज पर फोकस करने लगते हैं। 

कोशिश करें की आपका पूरा फोकस मैसेज पर हो न कि इस बात पर की किस तरह से उसको डिलीवर किया जा रहा है। 

मान लीजिए किसी प्लेयर को इंडिया की क्रिकेट टीम में जगह मिली और उसकी परफॉरमेंस बहुत अच्छी नहीं रही। दूसरे मैच से पहले उस प्लेयर को पता ही नहीं था कि वो उस मैच  में खेलेगा या नहीं। उस प्लेयर को लग रहा था की टीम का कप्तान आके उसे बताएगा की वो खेल रहा है या नहीं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्लेयर को एक मेल सेंड कर दिया गया जिसमें उस प्लेयर ने पढ़ा की वो टीम का हिस्सा नहीं है। लाजमी है कि प्लेयर उस मेल को पढ़ने के बाद सैड फील करेगा। लेकिन क्या पता उस मेल में कुछ ऐसी बातें भी लिखी हों जो और ज्यादा जरुरी हों। इसलिए ध्यान से उस प्लेयर को उस मेल को पढ़ना चाहिए क्या पता उसमें उसके लिए आगे की अपॉरचुनिटी के बारे में लिखा हो। कम्युनिकेशन को इम्प्रूव करने के लिए एक और जरूरी चीज ये है कि अर्ग्यू करना छोड़ दें। 

किसी के साथ बहस करने का सीधा मतलब ये होता है कि आप उस व्यक्ति के सामने खुद को सही साबित करना चाह रहे हैं। और अगर बहस के टाइम आपको ये एहसास भी होता है कि आप कहीं न कहीं गलत हैं तब भी आप रुकेंगे नहीं। इसका रिजल्ट कुछ नहीं निकलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि बहस करने वाले दोनों ही व्यक्ति अपने आप को सुपीरियर साबित करना चाहते हैं। 

बहस से बचने के लिए सबसे जरूरी चीज लिसनिंग का यूज़ करें। बातों को ध्यान से सुनें। इस बात को समझने की कोशिश करें की आखिर सामने वाले कहना क्या चाह रहा है।

अपनी रिलेशनशिप को स्ट्रांग बनाने के लिए दूसरे व्यक्ति से एक्सपेक्टेशन कम करें।
इतनी बड़ी दुनिया में हम न जाने कितने अलग अलग तरह के लोगों से मिलते हैं। कभी कभी ऐसा भी होता है कि आप किसी दूसरे व्यक्ति के द्वारा किये जाने वाले काम की वजह से हर्ट हो जाते हैं। ऐसा इसलिए नहीं होता कि उस इंसान ने कुछ गलत किया या सही किया बल्कि इसलिए होता है क्योंकि आपकी एक्सपेक्टेशन ज्यादा होती हैं। अगर आप लोगों से अपनी एक्सपेक्टेशन कम कर देंगे तो आप अपने साथ के लोगों के साथ एक स्ट्रांग रिलेशनशिप डेवलप कर पाएंगे। अगर आप लोगों से वही एक्सपेक्ट करेंगे तो जो आप खुद से करते हैं तो ये बात तय है की बाद में आपको नुकसान सहना ही पड़ेगा। क्योंकि हर कोई आपकी तरह नहीं होता। इसलिए जरूरी है कि आप दूसरों को वैसे ही ट्रीट करें जैसे की वो चाहते हैं। अगर आप ऐसा करेंगे तो वो लोग भी आपको डिसअप्पॉइंट नहीं करेंगे। 

किसी व्यक्ति के साथ अपने रिलेशनशिप को और स्ट्रांग करने के लिए उन्हें बताएं की आप उस व्यक्ति से रिलेटेड क्या क्या पसंद करते हैं। हमें लगता है कि जब कोई व्यक्ति हमें गिफ्ट देता है या फिर बोनस देता है तो वो हमें अप्रिसिएट कर रहा है। मान लीजिए आप ऑफिस आए और आपको अपने ड्रॉर में एक लिफाफा मिला जिसमें आपके लिए बोनस था। उस बोनस की वजह से आपको प्रोफेशनल तौर पर काफी अच्छा फील होगा लेकिन क्या आप पर्सनल भी वैसा फील करेंगे। अगर बोनस के साथ ड्रॉर में आपको एक लेटर भी मिलता तो बात कुछ और होती।आपको पर्सनली भी बेटर फील होता। 

इसलिए कोशिश करें की लोगों को बताएं की आप उनके बारे में क्या क्या चीजें पसंद करते हैं। इससे वो लोग रेसपेक्टेड और लव्ड फील करेंगे और आप दोनों के बीच का रिलेशनशिप स्ट्रांग होगा।

हम रोजना कुछ न कुछ नया लर्न करते हैं। हालांकि कभी कभी हम कुछ गलत हैबिट्स अपना लेते हैं जिसकी वजह से हम अपनी लर्निंग और दूसरों की लर्निंग में फर्क डाल देते हैं। सबसे पहले हमें ये बात ध्यान में रखनी चाहिए की किसी भी नई चीज को सीखने के लिए हमें फेल होना आना चाहिए। लर्निंग का मतलब परफेक्ट बनना नहीं होता बल्कि उसका मतलब ये होता है कि आप जब फेल होते हैं तो उससे रिकवर होने के लिए आप क्या करते हैं। 

बात करते हैं विराट कोहली की। कोहली जब शुरू में आये थे तो टेक्निकली इतने ज्यादा स्ट्रांग नहीं थे। इसलिए जब वो इंडियन क्रिकेट टीम के साथ 2014 में इंग्लैंड के दौरे पर गए तो वहाँ उनका फ्लॉप शो रहा। उनकी बैटिंग की खामियां सबके सामने आईं। लेकिन इसके बाद उन्होंने अपनी गलतियों पर ध्यान दिया। उन्होंने इस बात पर फोकस किया कि वो क्यों फेल हुए।उसके बाद उन्होंने उसपर काम किया और जिस जिस बॉल को खेलने में उनको प्रॉब्लम हो रही थी उसे खेलने की उन्होंने खूब प्रैक्टिस की। साल 2018 में जब इंडिया ने दोबारा इंग्लैंड का दौरा किया तो विराट ने उस सीरीज में रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया। 

फेलियर को एक्सेप्ट करने के साथ ही आपको सक्सेस को शेयर करना आना चाहिए। विराट की ही बात करते हैं। विराट ने अपने फ्लॉप शो के बाद अपने कोच और रिटायर्ड खिलाड़ियों से हेल्प ली जिसकी वजह से उनको अपनी मिस्टेक्स को सुधारने में हेल्प हुई। और उन्होंने अपनी सक्सेस के बाद उसका सारा क्रेडिट खुद नहीं लिया बल्कि उन सभी लोगों को अप्रिसिएट किया जिन्होंने उनकी हेल्प की थी। 

इसलिए जो जो लोग आपकी सक्सेस में इन्वॉल्व रहते हैं उनके साथ अपनी सक्सेस शेयर करना न भूलें।

अगर आप नेगेटिविटी को दूर करके क्रिटिसिजम एक्सेप्ट करना सीख जाएंगे तो आप अपने वर्क को और बेहतर तरीके से कर पाएंगे।
हम सभी बहुत बार नेगेटिव एक्ट करते हैं। चाहे वो घर हो , कॉलेज हो , या फिर कोई क्रिकेट मैच। हर जगह पर किसी न किसी चीज को लेके हमारे अंदर नेगेटिविटी आ जाती है। आइये देखते हैं कि किस तरह से हम इस नेगेटिविटी से बच सकते हैं। आप को सबसे पहले ये करना है कि दूसरे लोगों की नेगेटिविटी के अगेंस्ट में कोई रिस्पांस ही न दें। अगर आप ऐसा करेंगे तो लोगों को लगेगा की आप उनके इमोशन को कॉंट्रेडिक्ट कर रहे हैं जिससे वो अपनी नेगेटिविटी को होल्ड करेंगे। मान लीजिए किसी जगह पर कुछ एम्पलॉय नेगेटिविटी की ओर जा रहे हैं। मैनेजर ने ये नोटिस करने के बाद उनकी नेगेटिविटी को पाजिटिविटी में बदलने के लिए बोनस का अनाउंसमेंट किया और अपने एम्पलॉय की नेगेटिविटी पर कमेंट भी किया। शायद इससे कुछ चेंज न हो। 

ऐसी सिचुएशन को संभालने के लिए आपको तीन स्टेप फॉलो करने चाहिए। सबसे पहले ये शो करें की आप सामने वाले पर्सन के नेगेटिव इमोशन को समझ रहे हैं। फिर याद करें कि क्या कभी आपने भी सेम ऐसा फील किया है और अगर किया है तो उस एक्सपीरियंस को शेयर करें। और फिर लास्ट में कभी ये न कहें की सामने वाला पर्सन गलत है। कोशिश करें की उस व्यक्ति से रिलेटेड पॉजिटिव चीज पर फोकस करें। 

इसके अलावा आपको एक और जरूरी चीज करनी है वो ये की क्रिटिसिजम को एक्सेप्ट करें। 

क्रिटिसिजम को एक गिफ्ट की तरह देखें। क्रिटिसिजम रिसीव करते टाइम कुछ चीजों को ध्यान में रखें। इस बात को एक्सेप्ट करें की आपको हर्ट होता है और गुस्सा भी आता है। उसके बाद अपने गुस्से को एक साइड में कर दें। फिर इस बात को रियलाइज करें की जो व्यक्ति आपका क्रिटिसिजम कर रहा है वो शायद बेस्ट कम्युनिकेटर नहीं है। उसके बाद आप एक न्यूट्रल डिसीजन लें। न तो अपने क्रिटिसिजम को एक्सेप्ट करें न ही उसको डिक्लाइन करें। उसके बाद सारी इन्फॉर्मेशन लेकर इस बात को कंसीडर करें की आपको क्या चेंज करना है।

कुल मिलाकर
अपनी बैड हैबिट्स से बचने के लिए आपको बस चार सेकण्ड्स की नीड होती है क्योंकि इतने टाइम में आप एक लंबी सांस ले सकते हैं और इस छोटे से पॉज की वजह से आपको सही डिसीजन लेने में हेल्प होगी। क्रिटिसिजम को एक्सेप्ट करें और कोशिश करें की नेगेटिविटी से दूर रहें। 

 

क्या करें?

अगर कभी आपको किसी व्यक्ति द्वारा कही गयी बात पर गुस्सा आये तो याद रखें कि उसके गुस्से पर फोकस करने से कुछ नहीं होने वाला। आपको उस व्यक्ति के द्वारा डिलीवर किये जाने वाले मैसेज पर पूरा फोकस रखना है। अगर आप दूसरे व्यक्ति की वॉइस पर और उनके बोलने के तरीके पर फोकस करेंगे तो आप मेन कंटेंट पर ध्यान नहीं दे पाएंगे।

 

येबुक एप पर आप सुन रहे थे Four Seconds by Peter Bregman

ये समरी आप को कैसी लगी हमें yebook.in@gmail.comपर ईमेल करके ज़रूर बताइये.

आप और कौनसी समरी सुनना चाहते हैं ये भी बताएं. हम आप की बताई गई समरी एड करने की पूरी कोशिश करेंगे.

अगर आप का कोई सवाल, सुझाव या समस्या हो तो वो भी हमें ईमेल करके ज़रूर बताएं.

और गूगल प्ले स्टोर पर ५ स्टार रेटिंग दे कर अपना प्यार बनाएं रखें.

Keep reading, keep learning, keep growing.


Post a Comment

0Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Post a Comment (0)

YEAR WISE BOOKS

Indeals

BAMS PDFS

How to download

Adsterra referal

Top post

marrow

Adsterra banner

Facebook

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Accept !