Ignore Everybody

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Ignore Everybody

Hugh MacLeod
और 39 तरीके जिससे आप खुद को क्रीएटिव बना सकते हैं।

दो लफ्जों में 
इग्नोर एवरीबडी ( Ignore Everybody ) में हम देखेंगे कि किस तरह से आप एक बेहतरीन आर्टिस्ट बन सकते हैं। यह किताब हमें बताती है कि सच्चे आर्ट का मतलब क्या होता है और किस तरह से आप एक सच्चे आर्टिस्ट बन सकते हैं। साथ ही, यह किताब हमें प्रेरणा खोजने के और अपने आर्ट के पैशन से कामयाबी हासिल करने के तरीके बताती  है।

यह किसके लिए है 
-वे जो एक आर्टिस्ट हैं या बनना चाहते हैं।
-वे जो एक लेखक, म्यूजीशियन या एनिमेटर हैं और अपने काम को बेहतर बनाना चाहते हैं।
-वे जो नए आइडियाज़ पैदा करने के तरीके जानना चाहते हैं।

लेखक के बारे में 
ह्यूग मैक्लियोड ( Hugh MacLeod ) 10 साल तक एक एडवर्टाइजिंग कापिराइटर रहे हैं, जो कि कंपनियों के लिए ऐड्स लिखने का काम करते थे। इसके साथ ही वे एक कार्टूनिस्ट बनने की प्रैक्टिस कर रहे थे। इस समय वे गैपिंग वाइड नाम के एक ब्लाग के लेखक हैं।

यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए?
एक आर्टिस्ट की जिन्दगी बिल्कुल आसान नहीं होती। आर्ट के पैशन से पैसे कमा पाना आसान काम नहीं है और कभी- कभी यह संभव भी नहीं हो पाता। बहुत सारे महान कलाकार तब प्रसिद्ध हुए जब वे मर गए। उनके जीते जी उन्हें किसी ने नहीं पूछा था। साथ ही कभी कभी एक आर्टिस्ट को अपनी भावनाओं और समाज की जरूरतों में से किसी एक को चुनना होता है, जो कि बिल्कुल भी आसान नहीं होता।

ऐसे हालात में अगर आप एक आर्टिस्ट हैं, तो किस तरह से आप कामयाबी हासिल कर सकते हैं? यह किताब हमें इस सवाल का जवाब देती है। यह किताब हमें बताती है कि सही मायने में एक आर्टिस्ट होने का क्या मतलब है और इंटरनेट के जमाने में किस तरह से आप इसमें कामयाबी पा सकते हैं।

 

-किस तरह से आप अपने अंदर नए आइडियाज़ को पैदा कर सकते हैं।

-किस तरह से आप एक आर्टिस्ट की तरह शुरुआत कर सकते हैं।

-अपनी भावनाओं और समाज की जरूरतों में से आपको क्या चुनना चाहिए।

आप आइडियाज़ को जबरदस्ती अपने दिमाग में नहीं ला सकते हैं।
बहुत बार ऐसा होता है कि आप कुछ बनाने के लिए बैठते हैं या फिर एक कहानी लिखने के लिए बैठते हैं, लेकिन आपके दिमाग में कोई आइडिया ही नहीं आता। लेकिन ऐसा क्यों होता है? क्यों आपका दिमाग कभी कभी नए आइडियाज़ नहीं पैदा कर पाता?

क्रीएटिविटी या प्रेरणा हिचकी की तरह होती है। ये अपने आप आना शुरू होता ह और अपने आप चला भी जाता है। आप ना तो इन्हें आने से रोक सकते हैं और ना ही जाने से। इसलिए खुद के साथ जबरदस्ती मत कीजिए, क्योंकि आप चाहे जितनी भी कोशिश कर लें, हिचकी आपके चाहने से आपको नहीं आने वाली।

आइडियाज़ अक्सर अचानक से आपके दिमाग में आ सकते हैं। जब आप रास्ते में सफर कर रहे हों, नहा रहे हों या फिर अपनी खिड़की से बाहर देख रहे हों। यहाँ पर यह जरूरी है कि जब भी वो आपके दिमाग में आएं, उन्हें फिसलने मत दीजिए। उन्हें कहीं पर नोट कर लीजिए।

लेखक जब ड्राइंग किया करते थे, तो वे पाते थे कि आइडियाज़ उनके दिमाग में इसी तरह से अचानक से आ जाते हैं। वे सोचते थे कि वे समय पाने पर उस पर काम करना शुरू करेंगे। लेकिन जब उन्हें समय मिलता, तो वो आइडिया वे भूल चुके होते थे। इसलिए उन्होंने हर एक आइडिया को अपने बिजनेस कार्ड के पीछे लिखना शुरू किया। इस तरह से वे बाद में भी उसे याद रख पाते थे।

यहाँ पर यह जानना जरूरी है कि जब भी आप कुछ नया करेंगे, आपको डर लगेगा और आपके दिमाग में शंकाएं होंगी। इसलिए खुद पर भरोसा करना सीखिए अपने आइडियाज़ पर काम करने से पीछे मत हटिए।

खुद को क्रीएटिव बनाए रखने के लिए आज के काम को कल करना छोड़ दीजिए।
बहुत बार ऐसा होता है कि हम अपने काम से भाग रहे होते हैं। हम सही वक्त का इंतजार कर रहे होते हैं या फिर हम खुद से यह कहते हैं कि अभी हमारे पास सही साधन नहीं है। साथ ही हम खुद से बहुत से अलग अलग सवाल पूछ कर खुद को शुरू करने से रोक रहे होते हैं।

एक्ज़ाम्पल के लिए अगर आप एक नया वीडियो बनाने जा रहे हैं, तो शायद आप खुद से कुछ इस तरह से कुछ सवाल पूछ रहे होंगे - मुझे कौन सा वीडियो कैमरा इस्तेमाल करना चाहिए? कहाँ पर इस वीडियो को अपलोड करूँगा? अगर किसी ने इसे नहीं देखा तो क्या होगा? अगर लोगों को यह नहीं पसंद आएगा तो क्या होगा? 

पहली बात यह कि लोगों को वो तब नहीं पसंद आएगा जब आप उसे लाँच करेंगे। इसलिए सबसे पहले वीडियो बनाने पर ध्यान दीजिए और यह सोचने पर ज्यादा ध्यान मत दीजिए कि अगर किसी ने उसे नहीं देखा या अगर वो कामयाब नहीं हुआ तो क्या होगा।

इसके बाद बहुत बार हम खुद ही अपना ध्यान भटकाने लगते हैं। हम काम करते करते अपना फोन चेक करने लगते हैं या फिर अपने टेबल से उठकर कुछ खाने का इंतजाम करने लगते हैं। अगर आप इस तरह से खुद को हर 15 मिनट पर डिस्टर्ब करेंगे, तो आप कभी अपनी मंजिल तक नहीं पहुँचेंगे।

अंत में, सब कुछ सही होने का इंतजार मत कीजिए। अगर आप एक पर्फेक्ट स्टूडियो तैयार करने का इंतजार कर रहे हैं, तो आप आज के काम को कल के लिए टाल रहे हैं। यह जरूरी नहीं है कि आप दुनिया भर के सबसे बेहतरीन इक्युप्मेंट से शुरू करेंगे तो ही कामयाब होंगे। दुनिया के सबसे कामयाब लेखक एक नोटबुक पर पेन से लिखा करते थे और विंसेंट वैन गोह अक्सर सिर्फ 6 रंगों का इस्तेमाल किया करते थे। इसलिए आपके पास जो भी है, उसी से शुरुआत कीजिए और सब कुछ पर्फेक्ट होने का इंतजार मत कीजिए।

अगर आप कुछ नया बना रहे हैं, तो आपके दोस्त आपको वो फीडबैक नहीं दे पाएंगे जिसकी आपको जरूरत है।
कभी -कभी आपके साथ ऐसा होगा कि आप कुछ बिल्कुल नया बनाएंगे और आपके दोस्त आपको वो फीडबैक नहीं दे पाएंगे जिसकी आपको जरूरत है। लोग आपके उस काम में सुधार करने की सलाह दे सकते हैं जिसके बारे में उन्हें जानकारी है। लेकिन अगर आप कुछ ऐसा बना रहे हैं जिसके बारे में आज तक किसी ने नहीं सुना, तो ऐसे में आपको अपने दोस्तों से वो फीडबैक नहीं मिल सकता।

इस लिए आपके दोस्तों को आपके आइडिया को पूरी तरह से समझना होगा। जब तक वे उसे अच्छे से नहीं समझ पाते, वे आपको सही फीडबैक नहीं दे सकते। जब मशहूर बैलेरीना इसाडोरा डन कन ने पहली बार अपना बैलेट डाँस किया था, तो लोगों को समझ में ही नहीं आ रहा था कि उनके सामने क्या हो रहा है। इसलिए कोई भी इस पर उन्हें फीडबैक नहीं दे पाया।

आपके दोस्त आपको पसंद करते होंगे, लेकिन वे आपको वो फीडबैक नहीं दे सकते जिसकी आपको जरूरत है। जब आप कुछ नया करने के लिए आगे जाएंगे, तो वे अपने आप पीछे छूट जाएंगे। ऐसे हालात में वे अक्सर आपको नहीं समझ पाएंगे। वे आपको जरूरी सहारा नहीं दे पाएंगे।

तो हो सकता है आपके इस सफर पर बहुत से लोग पीछे छूट जाएं या कोई भी आपकी मदद ना करे। ऐसे में आपको निराश होने की जरूरत नहीं है।

अपनी कला को अपने रंग में रंगिए।
बहुत बार हम इस खयाल में डूब जाते हैं कि इस समय ट्रेंड क्या चल रहा है और लोगों को क्या पसंद आ रहा है।हम खुद को जमाने की जरूरत के हिसाब से ढ़ालने लगते हैं। लेकिन इस तरह से काम करने पर आप अपने अंदर की सच्चाई को, अपने विचारों को अपनी कला के जरिए नहीं दिखा पाएंगे।

आपकी कला तभी बेहतरीन बनेगी जब उसमें आपकी सच्ची भावनाएं दिखेंगी। अगर आप अपनी भावनाओं को समाज की वजह से दबा रहे हैं, तो आप कभी महान नहीं बनेंगे। इस लिए अलग- अलग तरीकों का इस्तेमाल कर के वो बताने की कोशिश कीजिए जो आप असल में बताना चाहते हैं।

1940 के दशक में जैक्सन पोलौक नाम के आर्टिस्ट ने टेंट के कपड़े पर पेंट गिराकर आर्ट बनाना शुरू किया। उस समय वे सिर्फ अपने मन की कर रहे थे और यह नहीं सोच रहे थे कि वो लोगों को पसंद आएगा या नहीं। लेकिन इसका नतीजा यह हुआ कि लोगों को उनका आर्ट बहुत पसंद आया और वे अपने समय के सबसे कामयाब आर्टिस्ट्स में गिने जाने लगे।

लेकिन इस तरह के कारनामे बिना प्रैक्टिस किए संभव नहीं हो पाते। आप चाहे जिस भी काम को करना चाहते हैं, आपको उसमें प्रैक्टिस करना होगा। इसके लिए आपको अपने अंदर की क्रीएटिविटी को बाहर लाना होगा। हम में से हर कोई कुछ नया बनाने के पीछे भागता रहता है। 

एक इंसान हमेशा कुछ गोल्स बना कर उसे हासिल करने की कोशिश करता है। लेकिन अगर आपको सच में एक कामयाब आर्टिस्ट बनना है तो आपको अपनी भावनाओं को दिखाने से पीछे नहीं हटना चाहिए। आपको खुद के साथ ईमानदारी दिखा कर वो करना चाहिए जो आप असल में करना चाहते हैं।

आर्ट से कभी -कभी आपको पैसे नहीं मिलेंगे, इसलिए आपको एक नौकरी की खोज करनी होगी।
अपने पैशन के पीछे भागना अच्छी और मजेदार बात तो लगती है, लेकिन ऐसा नहीं है कि आपको तुरंत ही उससे पैसे मिलने लगेंगे। इसलिए आपको एक ऐसी नौकरी की जरूरत होगी जिससे आपका खर्च चल सके। आपको किसी तरह से अपना पेट भरने का इंतजाम करना होगा।

अब या तो यह पैसा आपको आपकी विरासत में मिला हो, या फिर आप कहीं से कोई काम खोजिए। साथ ही खुद से ईमानदारी दिखाते हुए यह सवाल पूछिए कि क्या आर्ट आपको इतने पैसे दे सकता है जिससे आपका खर्च चल सके?

अपनी नौकरी के बाद जो समय आपको खाली मिले, उसमें आप अपने आर्ट का शौक पूरा कर सकते हैं। लेकिन अगर आप आर्ट से संबंधित नौकरी करते हैं या फिर पैसे कमाने के लिए आर्ट बनाते हैं, तो इससे आपकी आजादी छिन सकती है। ऐसा करने से आप वो आर्ट नहीं बनाएंगे जो आप बनाना चाहते हैं, बल्कि वो आर्ट बनाएंगे जो लोग खरीदना चाहते हैं। 

इससे आपके एक्सपेरिमेंट करने की आजादी छिन जाएगी और आप नए तरीके नहीं अपना पाएंगे। जैसा कि हमने पहले कहा, एक महान आर्टिस्ट हमेशा अपनी भावनाओं को अपने आर्ट से दिखाने की कोशिश करता है। लेकिन दूसरे के हिसाब से काम करने से आप शायद यह ना कर पाएं।

इस लिए अपने शौक को अपने काम में बदलने का खयाल इतना भी अच्छा नहीं है। जब आप आर्ट को अपने शौक के लिए बनाएंगे, तो आप उसमें आजादी खोज पाएंगे। लेकिन जब आप उसे पैसे के लिए बनाएंगे तो आपको दूसरों के हिसाब से काम करना होगा, जिससे आपको उसमें वो मजा नहीं में मिलेगा।

अगर आपको कुछ बड़ा करना है तो बाहर जाकर खुद अपनी पहचान बनाइए।
पहले के वक्त में एक आर्टिस्ट बनना मुश्किल हुआ करता था। एक आर्टिस्ट को अपनी किताब छापने के लिए, अपने म्यूजिक का एल्बम बनाने के लिए या अपनी पेंटिंग को दुनिया तक पहुँचाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती थी। उसे एक पब्लिशर या एक मिडल मैन को खोजना होता था जो उसके लिए यह काम कर सके। लेकिन आज के वक्त में यह बहुत आसान हो गया है।

आज आप इंटरनेट पर अपना खुद का एक ब्लाग बना सकते हैं और लोगों को अपनी वेबसाइट की तरफ आकर्षित कर सकते हैं। आज के वक्त में उन लोगों तक पहुंचना बहुत आसान हो गया है जो आपकी कला को पसंद करें।

फिल्मों में अक्सर यह दिखाया जाता है कि एक डाइरेक्टर एक रेस्तरां में आता है और एक व्यक्ति के अंदर के कलाकार को पहचान कर उसे अपनी अगली फिल्म के लिए ले लेता है। लेकिन ऐसा आपके साथ हो, इसकी संभावना ना के बराबर है। आज के वक्त में अगर आप इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि एक व्यक्ति आकर आपको खोज निकाले और अचानक से आपकी किस्मत का ताला खुल जाए, तो यह नहीं होने वाला। 

दुनिया में बहुत सारे लोग हैं जो इस तरह से खोजे जाने का इंतजार कर रहे हैं। उनके पास हुनर है और वे बहुत मेहनती भी हैं। इस हिसाब से अगर आप अपनी बारी आने का इंतजार करेंगे, तो आप अपने कैरियर के साथ जूआ खेलेंगे। इसलिए इंतजार बिल्कुल मत कीजिए, बल्कि अपने हुनर को इंटरनेट पर अपलोड कर के अपनी खुद की आडिएंस बनाइए।

कुल मिलाकर
एक महान आर्टिस्ट अपने आर्ट के जरिए अपनी भावनाओं को दिखाने की कोशिश करता है। वो ट्रेंड के हिसाब से काम नहीं करता, बल्कि अपनी भावनाओं के हिसाब से आर्ट बनाता है। अगर आप एक आर्टिस्ट बनना चाहते हैं, तो बिना देर किए प्रैक्टिस करना शुरू कर दीजिए और अपने अच्छे आर्ट्स को इंटरनेट पर अपलोड कीजिए।

 

जब आपके दिमाग में कोई भी आइडियाज़ ना आएं, तो अपने दिमाग पर ज्यादा जोर मत  दीजिए।

क्रीएटिविटी एक प्राकृतिक प्रक्रिया होती है जो कि अपने आप ही हमारे पास आती है। तो अगर आप काफी समय से एक कमरे में बैठें हैं और आपके दिमाग में कुछ भी नहीं आ रहा है, तो आप बाहर जाइए। आइडियाज़ उस समय आपके दिमाग में आते हैं जब आप उनके आने की उम्मीद नहीं कर रहे होते।


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