Dropshipping

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James Moore
ड्रॉपशिपिंग के लिये बिगनर्स गाइड- कैसे अपना ऑनलाइन बिज़नेस खड़ा किया जाए

दो लफ्ज़ों में  
ड्रॉपशिपिंग (2018) बिना मैन्युफैक्चरिंग का कॉस्ट उठाये, कम से कम इन्वेस्टमेंट में अपना ई-कॉमर्स एंपायर खड़ा करने के लिए एक स्ट्रेट फॉरवर्ड और हेंडी गाइड है. यह समरी आपको ऑनलाइन रिटेल बिजनेस ऑपरेट करने और इससे होने वाले फायदे के बारे में बताएगी.

किनके लिये है
- नए बिजनेस ओनर जो अपने बिजनेस को ऑनलाइन लाना चाहते हैं
- एंटरप्रेन्योर्स जो पैसिव इनकम बनाना चाहते हैं
- ऑनलाइन बिजनेस कैसे ऑपरेट होता है इसके बारे में जानने की ख्वाहिश रखने वालों के लिए

लेखक के बारे में
James Moore सीरियल एंटरप्रेन्योर और लेखक होने के साथ ही पैसिव इनकम की फील्ड के एक्सपर्ट है. उनके पिछले कुछ कामों में बिजनेस के लिए इन्वेस्ट करना, बिगनर्स के लिए किंडल पर self-publishing और इंस्टाग्राम मार्केटिंग शामिल हैl

ऑनलाइन रिटेल से पैसे बनाने के लिए ड्रॉपशिपिंग एक आसान तरीका है
हम सभी जानते हैं ऑनलाइन रिटेल बिजनेस किसी मैजिक की तरह काम करता है. बस कुछ क्लिक्स के जरिए कोई भी सामान चंद दिनों के अंदर अपने दरवाजे तक मंगाया जा सकता है. हां शॉपिंग के इस सिस्टम में  हमसे बेहिसाब खर्च करवाने की पावर है. लेकिन अगर आप ट्रांजैक्शन के उस साइड हो तो? हम जितने ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर्स को जानते हैं उनमें से ज्यादातर स्टोर्स ड्रॉपशिपिंग रिटेलर्स हैं. वह होलसेलर के लिए खरीदार ढूंढ कर पैसे कमाते हैं यह बिजनेस थोड़ी सी मेहनत के बदले में बहुत ज्यादा मुनाफा दे सकता है.

इस समरी में आप अपना खुद का ड्रॉपशिपिंग रिटेलिंग बिज़नेस खड़ा करने की बुनियादी जरूरतों के बारे में जानेंगे. आप इस बिजनेस को चलाने के लिए प्रोडक्ट को चुनने, होलसेलर ढूंढने और इस पूरे प्रोसेस में होने वाले बाकी कामों के बारे में डिटेल से जानेंगे. इस समरी मे आप जानेंगे, कि क्या चीज़ें किसी प्रोडक्ट को बेस्ट सेलिंग प्रोडक्ट बनाती हैं? वेबसाइट विजिटर्स में से असल में कितने लोग प्रोडक्ट खरीदते हैं, और क्यों आपको 1 से 800 तक का टोल फ्री नंबर ले लेना चाहिए.

तो चलिए शुरू करते हैं!

मान लीजिए कि आप ऑनलाइन कुछ आर्डर करते हैं यह टी-शर्ट, नया कैट टॉय, या घर का कोई सामान कुछ भी हो सकता है बस आपको चंद क्लिक कर, पेमेंट करनी है और कन्फर्मेशन ईमेल मिलने के बाद आप अपने प्रोडक्ट की डिलीवरी होने का इंतजार करने लगते हैं.

हो सकता है कि आप वह सामान डायरेक्ट बनाने वाले से ना खरीद रहे हों. आप उस बीच वाले को पैसे देते हैं जो आपका ऑर्डर हैंडल करता है. इस पूरे प्रोसेस को ड्रॉपशिपिंग कहते हैं और इसमें ऑनलाइन रिटेलर को कोई भी सामान अपने पास नहीं रखना होता या खुद नहीं बनाना होता. बस दूसरे का बनाया हुआ सामान उससे लेकर सही सलामत कस्टमर तक पहुंचाना होता है. बीच के इस प्रोसेस के ज़रिये रिटेल ओनर पैसे कमाते हैं. थोड़ी सी कोशिश और इस काम को करने का तरीका जानकर आप भी अपना खुद का ड्रॉपशिपिंग बिजनेस खड़ा कर सकते हैं. तो यह ड्रॉपशिपिंग काम कैसे करता है? दरअसल इसमें आपको बिना अपना खुद का कोई स्टोर बनाए कस्टमर के लिये प्रोडक्ट और प्रोडक्ट के लिए कस्टमर ढूंढना होता है. ट्रेडिशनल रिटेल में बिजनेसमैन को ढेर सारा सामान खरीदना होता है और फिर वह थोड़ा-थोड़ा करके कस्टमर्स को बेचता है. लेकिन ड्रॉपशिपिंग में बिजनेसमैन तब तक कोई प्रोडक्ट नहीं खरीदता जब तक उसके लिए कोई आर्डर नहीं मिल जाता. वह कस्टमर के बिहाफ से प्रोडक्ट कम कीमत में खरीदते हैं और उसे अलग कीमत पर बेचते हैं. यह अलग कीमत ही उनका मुनाफा होती है.

मिसाल के तौर पर, आप एक ऑनलाइन स्टोर बनाते हैं. वहां पर आप एक कैट टॉय $20 में बेच रहे हैं. कस्टमर $20 का टॉय आर्डर कर देता है, अब आप यही आर्डर उस मैन्युफैक्चरर के पास ले जाते हैं जो उस टॉय को $15 में बेच रहा है. आप उससे $15 में सामान खरीद कर कस्टमर को $20 में पहुंचा देते हैं. यहां पर आपको $5 का मुनाफा हो जाता है. कस्टमर को उसका सामान मिल जाता है, आपको अपना फायदा और मैन्युफैक्चरर का सामान बिक जाता है सब फायदे में रहते हैं. ड्रॉपशिपिंग का बिजनेस स्टार्ट करना आसान है क्योंकि इसके लिए आपको सामान बनाने के लिए पैसे लगाने की जरूरत नहीं पड़ती. आपको बहुत ज्यादा इन्वेस्टमेंट की जरूरत नहीं होती, जो सामान नहीं बिका उसे अपने घर पर स्टोर नहीं करना होगा और शिपिंग तक काम भी फिजिकली नहीं होगा. आपका काम बस ऑर्डर प्रोसेस करना, अपनी ऑनलाइन शॉप की मार्केटिंग करना और अगर जरूरत पड़ी तो कस्टमर सर्विस देना है.

हर बिजनेस की तरह इस बिजनेस के भी अपने चैलेंज हैं. ऑनलाइन रिटेल बिजनेस में ऑप्शन की भरमार है, इसलिए कॉप्टीशन ज्यादा है. चूंकि ज्यादातर ऑनलाइन रिटेल बिजनेस कस्टमर को अट्रैक्ट करने के लिए कम कीमत पर सामान बेचते हैं इसलिए आपको भी शुरुआत में अपने मुनाफे के साथ कंप्रोमाइज करना पड़ सकता है. इसके साथ ही आपको डिलीवरी प्रॉब्लम से लेकर प्रोडक्ट की प्रॉब्लम तक हर तरह की शिकायतों को हैंडल करना होगा. इसलिए होलसेलर का चुनाव बहुत सोच समझकर करना चाहिए. जिसके बारे में हम आगे जानेंगे.

अच्छे ड्रॉपशिपर्स के मिलते ही अपना बिजनेस शुरू कर दीजि
इमेजिन कीजिए कि आप किसी ग्रॉसरी शॉप में है. पूरी ग्रॉसरी शॉप अनाज, कैन वाली सब्जियों से लेकर मिठाइयों और खाने के फ्रोज़ेन सामान से भरी हुई है. यकीनन ग्रॉसरी वाला तो यह सारे सामान नहीं बनाता होगा. वह यह सारे सामान सप्लायर्स से लेकर आप यानि कस्टमर्स तक पहुंचाते हैं.  अपना ड्रॉपशिपिंग बिजनेस खड़ा करने के लिए भी इसी कांसेप्ट को फॉलो करना पड़ता है. आपको अपने ऑनलाइन शॉप की डिजिटल सेल्फ को भरने के लिए मैन्युफैक्चरर, होलसेलर और सप्लायर्स ढूंढने की जरूरत है- ऐसी कंपनियां ड्रॉपशिपर्स कहलाती हैं.

इस तरह के बिजनेस आमतौर पर एक गूगल सर्च से,ऑनलाइन बिज़नेस डायरेक्ट्री ब्राउज़ करने या सोशल मीडिया पर लोगों के रिकमेंडेशन से स्टार्ट होते हैं. आपको फौरन बहुत सारे ऑप्शन मिल जाएंगे, लेकिन उनमें से सबसे बेहतर और सही चुनने के लिए आपको थोड़ी इंवेस्टिगेशन करनी पड़ेगी. अपने ड्रॉपशिपिंग बिजनेस के कामयाब होने के लिए आपको ऐसे ड्रॉपशिपर्स की जरूरत है जो आपको सही प्रोडक्ट सही शर्तों पर प्रोवाइड कर सके. आखिरकार, अगर आपके लोकल ग्रॉसरी शॉप में अच्छा सामान नहीं मिलता होगा तो क्या आप वहां से खरीदेंगे? बिल्कुल भी नहीं, इसलिए इतने सारे ड्रॉपशिपर्स में से आपको बेहतर क्वालिटी और बेहतर टर्म्स पर सामान प्रोवाइड करवाने वाला ढ़ूंढ़ना होगा. बेहतर ड्रॉपशिपर ढूंढने का सबसे बेहतरीन तरीका उनके कॉस्ट और सर्विस को इवेलुएट करना है. पहले उनकी कीमतों को अनालाइज़ कीजिए. इसमें प्रोडक्ट की कीमत के साथ, मेंबरशिप फीस, रिस्टॉकिंग चार्ज या मिनिमम आर्डर प्राइस शामिल हो सकता है. कुछ कीमतें तो सामने नजर आ जाएंगी, लेकिन कुछ नहीं आएंगी, इसलिए ड्रॉपशिपर से डायरेक्ट कॉस्ट की लिस्ट मांगना बहुत जरूरी है.

हर ड्रॉपशिपर की सर्विस क्वालिटी को इवेलुएट करना थोड़ा सा मुश्किल हो सकता है और इसके लिए इन्वेस्टिगेटिव नजरिए की जरूरत पड़ती है. मिसाल के तौर पर, अगर ड्रॉपशिपर का बिजनेस रेगुलेटरी एजेंसी में रजिस्टर्ड है तो यह उसके लेजिटिमेट होने का सबूत है. आप यह भी चेक कर सकते हैं कि वह कितने लंबे वक्त से काम कर रहे हैं, जितने लंबे वक्त से वह अपनी सर्विस प्रोवाइड कर रहे होंगे उनके बेहतर होने के चांसेस उतने ज्यादा है. एकदम नए बिजनेसेस से थोड़ा होशियार रहिए. उनके बिजनेस को लिस्ट करने या किसी तरह के अजीब पेमेंट मेथड से बचिये.

किसी भी ड्रॉपशिपर की सर्विस को जज करने का सबसे बेहतर तरीका खुद एक्सपीरियंस करके देखना है. किसी भी पोटेंशियल ड्रॉपशिपर मतलब जिसके आपका पार्टनर बनने के चांसेज़ हैं उसे कॉल करके अपनी फिक्र और सवालों के बारे में बात कीजिए. बेहतर कंपनीज के पास हेल्पफुल स्टाफ होते हैं जो आपको डिटेल प्रोवाइड कर सकेंगे. आप खुद भी आर्डर करके कंपनी के प्रोडक्ट और उसकी सर्विस को एनालाइज कर सकते हैं. अगर सब कुछ अच्छा होता है. आपको उनका प्रोडक्ट पसंद आ जाता है, तो मुमकिन है कि आपके फ्यूचर कस्टमर को भी उनका सामान पसंद आए.

1980 में एक आदमी को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया था, क्योंकि वह लोकल डिपार्टमेंटल स्टोर में अजीब बिहेव कर रहा था. ढंग के कपड़े पहने होने और ठीक-ठाक बिज़नेसमैन की तरह दिखने के बावजूद उस आदमी पर शक हुआ, क्योंकि वह कई घंटों से स्टोर में रखे सामानों को एनालाइज़ कर, कुछ नोट कर रहा था. वह आदमी था कौन?, दरअसल वह वॉलमार्ट के फाउंडर Sam Walton थे. उनका रिटेल बिजनेस बहुत अच्छा चल रहा था फिर भी वह सेटिस्फाइड नहीं थे. वह अपने कंपीटीटर से बेहतर परफॉर्म करके और ज्यादा प्राॅफिट कमाना चाहते थे. वॉलमार्ट एक लार्ज स्केल पर काम करने वाली कंपनी है जिसके पास हर तरह के प्रोडक्ट प्रोवाइड करने के लिए मैन पावर है. फिलहाल कम से कम, फौरन तो आपका ड्रॉपशिपिंग स्टोर इस तरह का अप्रोच नहीं हैंडल कर सकता. जब आप स्टार्ट कर रहे हो तो सबसे बेहतर है कि बहुत छोटे लेवल से स्टार्ट करें और उसके बाद यह जानने की कोशिश करें कि किस फील्ड में आप ज्यादा अच्छा काम कर सकते हैं. लाखों प्रोडक्ट बेचने की कोशिश करने के बजाय कुछ स्पेशलाइज्ड और रिलेटेड प्रोडक्ट ही बेचिये. आपका प्रोडक्ट जितना स्पेसिफिक होगा उतना बेहतर है, जैसे कि कोई कैट शेप स्वेटर या फिर इको फ्रेंडली कैंडल्स.

लेकिन आप यह कैसे डिसाइड करेंगे कि किस तरह के प्रोडक्ट बेचे जाएं? इसके लिए आप अपने आप से भी सवाल कर सकते हैं, कि आप स्टोर्स में किस तरह के प्रोडक्ट देखना चाहेंगे? आप इंस्पिरेशन लेने के लिए इंटरनेट भी खंगाल सकते हैं. ऐमेज़ॉन बेस्ट सेलर की लिस्ट या इबे डेली डील्स जैसी बड़ी रिटेल कंपनियों से भी आप इंस्पिरेशन ले सकते हैं. इसके साथ ही पिंटरेस्ट और इंस्टाग्राम के सोशल मीडिया पेजेस देखकर भी एनालाइज़ कर सकते हैं कि लोग क्या चीजें खरीदना पसंद कर रहे हैं. अपना प्रोडक्ट चुनने और सप्लायर ढूंढने के बाद बारी आती है अपना प्रोडक्ट बेचने की. शुरुआत के लिए सबसे अच्छा होगा कि आप इसे अमेजॉन और इबे जैसी बड़ी कंपनियों की वेबसाइट पर डाल दें. इन वेबसाइट्स पर हर रोज लाखों लोग विजिट करते हैं. यह एक एडवांटेज है. वहीं दूसरी तरफ यह वेबसाइट्स बहुत लार्ज स्केल पर काम करती हैं इसलिए अपने प्रोडक्ट को अलग दिखा पाना काफी मुश्किल है. और कस्टमर के पास इतने ज्यादा ऑप्शन होते हैं कि आपका कस्टमर से लॉयल्टी और रिस्पेक्ट गेम कर पाना काफी मुश्किल है. इसका एक ऑप्शन यह हो सकता है कि आप अपनी खुद की वेबसाइट बना लें, जिस पर  आपको अपना प्रोडक्ट प्रेज़ेंट करने का कंट्रोल होगा. आप ऐसा ब्रांड बना सकते हैं जो अच्छी फॉलोवरशिप और कस्टमर गेन कर सके. वहीं दूसरी तरफ अपनी खुद की वेबसाइट बनाने का चैलेंज यह है कि शुरूआत में ट्रैफिक बहुत कम होगाी इसके लिए आपको मार्केटिंग में जी जान लगा देना होगा. जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे.

सेल्स एक स्ट्रांग एडवर्टाइजमेंट कैंपेन से ही शुरू होती है
यह सुनकर आप शॉक्ड हो जायेंगे कि एक एवरेज इकॉमर्स स्टोर्स वेबसाइट के 100 विजिटर्स में से सिर्फ 1,2 को ही कस्टमर में बदल पाते हैं. मतलब जितने लोग आपके वेबसाइट पर आते हैं उसका एक या दो परसेंट लोग ही आपका सामान खरीदते हैं. अगर आप अच्छी सेल्स करना चाहते हैं, तो आपको ज्यादा से ज्यादा विज़िटर्स को कस्टमर ने बदलना होगा. लेकिन सवाल यह उठता है कि आप यह विजिटर्स लाएंगे कैसे? पहले लोग न्यूज़पेपर्स, बिलबोर्ड्स, रेडियो और टीवी पर ऐड दिया करते थे. लेकिन ऑनलाइन रिटेल के जमाने में यह तरीके पुराने हो चुके हैं.बहुत सारे ऐसे नए तरीके अवेलेबल हो गए हैं जिन्हें आप अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. ट्रेडिशनल रिटेल बिजनेस की तरह ही कस्टमर बिना देखे कोई प्रोडक्ट नहीं खरीदेगा. इसलिए कोई भी ड्रॉपशिपिंग बिजनेस उसके मार्केटिंग कॉर्पोरेशन की वजह से ही कामयाब या नाकाम होता है. कौन सा तरीका कारगर होगा इसके लिए आपको कई तरीकों को ट्राई करके कई गलतियां करनी होंगी, प्रोडक्ट चुनने और उसे बेचने के लिए प्लेटफार्म डिसाइड करते वक्त ऐसा ही करना होता है. लेकिन कुछ ऐसी स्ट्रैटेजीज़ हैं, जो हमेशा कारगर साबित होती हैं. सबसे पहले, अगर आप अपना प्रोडक्ट अमेजॉन और इबे जैसी बड़ी वेबसाइट पर ले आ रहे हैं तो सबसे बड़ा चैलेंज अपने आपको अलग प्रेजेंट करना होता है,  आप अपनी लिस्टिंग को  एक्यूरेट और अट्रैक्टिव बना सकते हैं. इसके लिए  आपको अट्रैक्टिव डिस्क्रिप्शन का इस्तेमाल करना होगा जिसमें आपके प्रोडक्ट की क्वालिटी और दूसरे फीचर्स होते हैं. कई क्लियर और अच्छे से खींची गई फोटोस भी लगाइए जिससे कस्टमर प्रोडक्ट का लुक भी देख सके. हालांकि जरूरी तो नहीं लेकिन आप बोल्ड फॉट्स और लॉर्ज इमेजेस जैसे अपग्रेड के लिए कुछ एक्स्ट्रा खर्च कर सकते हैं. अगर आप अपनी खुद की वेबसाइट बनाने का फैसला करते हैं तो वहां पर ट्रैफिक जेनेरेट करने के अलग तरीके हैं. इसके लिए आपको सोशल मीडिया मार्केटिंग और पे-पर-क्लिक एडवरटाइजिंग पर खर्च करना होगा.  फेसबुक, इंस्टाग्राम और पिंटरेस्ट जैसे 2,3 प्लेटफार्म चुनिए और कुछ टारगेटेड एड्स खरीदिए, ताकि आप डेमोग्राफिक डाटा का इस्तेमाल कर ऐसे कस्टमर को अप्रोच कर सके जिनके प्रोडक्ट खरीदने के चांसेस ज्यादा हों. अगर आप हाई परफॉर्मेंस स्पोर्ट्स गियर बेच रहे हैं तो आपको यंग और एक्टिव ऑडियंस पर ध्यान देना होगा वही ड्रेसेस बेच रहे हैं तो आपको उस पार्टिकुलर एज की फीमेल्स पर फोकस करना होगा. दोनों ही मामले में सेल्स बढ़ाने के लिए आप अपने स्टोर की बढ़िया रेपुटेशन शोकेस कर सकते हैं. अपने कस्टमर से पॉजिटिव रिव्यू लेना कभी मत भूलिए. इससे आपके बिजनेस के लेजिटिमेट होने का पता चलता है, जो फ्यूचर में आपकी सेल्स बढ़ाएगा.

उठो और काम पर लग जाओ, पहले खूब मेहनत करो फिर जितना चाहे इंजॉय कर लेना. यह सिर्फ फ्रेज़ेज़ नहीं हैं. ड्रॉपशिपिंग के मामले में भी ऐसा ही है. अपने रिटेल बिजनेस में मुनाफा पाने से पहले आपको पैसा, वक्त और मेहनत की इंवेस्टमेंट करनी होगी. लेकिन कितनी मेहनत और कितना पैसा लगाने की जरूरत है? यह आप पर डिपेंड करता है अगर आप साल भर हफ्ते में 10 से 15 घंटे काम करते हैं तो महीने का $10,000 से $20,000 कमा पायेंगे. और अगर हफ्ते के 40 घण्टे काम करते हैं तो  आप साल भर में महीने की $50,000 की सैलरी जेनेरेट करने लगेंगे. लेकिन अपने मुनाफे की कैलकुलेशन से पहले आपको कुछ डिटेल्स को पूरा करना चाहिये. धीरे-धीरे आपका ड्रॉपशिपिंग बिजनेस हर काम के साथ आगे बढ़ता जाएगा और आपको उसका फायदा होगा. लेकिन अपने बिजनेस के उस स्टेज पर पहुंचने से पहले आपको अपनी प्लानिंग पर नजर डालनी होगी. पहले से डिसाइड रखिए कि आप हर महीने कितना पैसा इन्वेस्ट करेंगे और फिर उस पर अमल कीजिए. शुरुआत करने के लिए $1,000 काफी होगा इसमें वेब होस्टिंग, एडवरटाइजमेंट और साथ ही अगर कोई एडमिनिस्ट्रेटिव फीस होती है तो वह भी कवर हो जाएगी. एडमिनिस्ट्रेशन का मतलब अपना बिजनेस खड़ा करते वक्त आपको कुछ लीगल डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ सकती है. इसकी डिटेल्स आप जहां रहते हैं उस जगह पर डिपेंड करती है. अगर आप यूनाइटेड स्टेट में रहते हैं तो वहां आईआरएस के पास जाकर अपना बिजनेस रजिस्टर कराना होगा ताकि आपको एंपलॉयर आईडेंटिफिकेशन नंबर दिया जा सके. आप इस डिटेल में कंपनी की मिल्कियत, लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी या सी कॉर्पोरेशन में से कोई एक जोड़ सकते हैं. इनमें से हर किसी की अपनी लीगल फॉर्मेलिटीज और टैक्स है इसलिए डिटेल में चेक करके डिसाइड कीजिए कि आपके रिटेल बिजनेस के लिए क्या सबसे बेहतर होता है. ऑर्डर लेने से पहले बेहतर है कि आप अपना फाइनेंस पार्ट एकदम क्लियर कर लें, बेहतर होगा कि बिजनेस के लिए एक अलग अकाउंट बना लें ताकि ड्रॉपशिपिंग का बजट आपके अपने पर्सनल फाइनेंस में मिक्स ना हो. बिजनेस चेकिंग अकाउंट को कमर्शियल पेपाल अकाउंट से कनेक्ट करके आप बड़ी आसानी से ख़रीदते और बेचते वक्त ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. अपने बिजनेस को सही तरीके से स्टार्ट करने के लिये कई और जरूरतों का पूरा किया जाना जरूरी है जैसे कि आप अपनी वेबसाइट के लिए डोमेन नेम खरीद सकते हैं. ऑफिशियल बिजनेस ईमेल का इस्तेमाल ज़रूर कीजिए. यह आपके बिजनेस को और लेजिटीमेट लुक दे देगा. कुछ एंटरप्रेन्योर्स तो 1-800 टोल फ्री नंबर खरीद लेते हैं, जिससे ऑनलाइन बिजनेस और सस्टेनेबल लगता है.

अपने काम को ऑटोमैटिक करके वक्त बचाइये और ज़्यादा पैसे कमाइये
आपने अपना प्रोडक्ट चुन लिया, सप्लायर ढूंढ लिया, पे पर क्लिक एडवरटाइजिंग का भी इंतजाम हो गया, बिज़नेस बैंक अकाउंट हो गया और टोल फ्री नंबर ले लिया, मतलब ड्रॉपशिपिंग बिजनेस शुरू करने के लिए सारे जरूरी काम पूरे हो गए हैं. अब बस फाइनल टचअप देना है. हम पहले ही इस बारे में बात कर चुके हैं कि ड्रॉपशिपिंग कैसे काम करता है आपको आर्डर रिसीव करने के बाद इसे सप्लायर को ट्रांसफर कर देना है. उसके बाद कस्टमर को उसका प्रोडक्ट मिल जाने तक आप उसके साथ बने रहते हैं, ताकि किसी भी तरह की प्रॉब्लम है तो आप वह दिक्कत दूर कर सकें. एकदम सीधा सा काम है लेकिन आप इसे और सिंपल भी बना सकते हैं. शुरुआत में आप सब खुद ही करना चाहेंगे. ऑर्डर मिलने के बाद सप्लाई डिटेल्स पर नजर रखने के लिए यह अच्छी आदत है. एक बार जब प्रोडक्ट कस्टमर को शिप्ड हो जाए, तो उसे कस्टम मेड ईमेल भेजिए और ट्रैकिंग नंबर को कंप्लीट कीजिए. हालांकि, इस काम में बहुत वक्त लगता है लेकिन इससे आपको अपने बिजनेस का फ्लो समझ आ जाएगा.

एक बार आपने सब कुछ समझ लिया और सब कंट्रोल में रहने लगा तो आप अपने इस शिपिंग वर्कफ्लो को ऑटोमेटिक कर सकते हैं. मतलब आप कस्टमर के आर्डर करते ही उसका आर्डर ऑटोमेटिकली सप्लायर तक भेज सकते हैं. ध्यान दीजिए कि आपके ईमेल टेंप्लेट में शिपिंग एड्रेस, प्रोडक्ट टाइटल, प्रचेज़ ऑर्डर जैसी ज़रुरी जानकारियां शामिल हों. बहुत सारे ऑनलाइन शॉप ओरिजिनल ऑर्डर पर यह सारी डिटेल्स प्रोवाइड कर देती हैं, ताकि चीजें कॉम्प्लिकेटेड ना हो. ऑटोमेटिक ईमेल फॉरवर्डिंग सेट करने के बाद आपका काम बहुत आसान हो जाएगा. बस आपको यह देखने के लिए ईमेल चेक करते रहना होगा कि सारे ऑर्डर स्मूथली प्रोसेस हो रहे हैं या नहीं. हालांकि, छोटी मोटी दिक्कतें तो आएंगी ही. हो सकता है कभी कोई प्रोडक्ट आउट ऑफ स्टॉक हो, कोई पैकेजिंग गुम जाए या कस्टमर तक डिफेक्टेड प्रोडक्ट पहुंच जाए. इन सभी सिचुएशन में आपको कोई भी एक्स्ट्रा चार्ज लिए बगैर कस्टमर को रिप्लेसमेंट या रिफंड की फैसिलिटी प्रोवाइड करनी है. इस तरह की सर्विसेस से आप अपने कस्टमर को सैटिस्फाई रख पायेंगे. अगर कुछ वक्त तक आपका बिजनेस स्मूथली चल रहा है. तो आप अपने बिजनेस को एक्सटेंड करने के बारे में सोच सकते हैं. इसके लिए आप एडवर्टाइजमेंट करने या फिर अपने प्रोडक्ट की रेंज बढ़ाने का रास्ता चुन सकते हैं. जैसे-जैसे आपका कॉन्फिडेंस बढ़ता जाए आप अपने बिजनेस से रिलेटेड नए एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं जैसे कि अपना कॉस्ट बढ़ाना या अपने प्रोडक्ट रेंज में एक्सपेंसिव प्रोडक्ट ऐड करना. धीरे-धीरे आप एक बड़ी ईकॉमर्स कंपनी बनने और फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस हासिल करने के अपने मकसद को हासिल कर लेंगे.

कुल मिलाकर
ड्रॉपशिपिंग एक अलग तरह का ईकॉमर्स बिजनेस है. जिसमें आप  कस्टमर को मैन्युफैक्चरर से कनेक्ट कर के बीच में कट ट्रांजैक्शन से पैसे कमाते हैं. कोई भी, सही प्रोडक्ट चुनके, कुछ टाइम इन्वेस्ट करके, और एडवर्टाइजमेंट करके ड्रॉपशिपिंग रिटेलर बन सकता है. धीरे धीरे आप बहुत कम इन्वेस्टमेंट और रिस्क के, प्रॉफिट बनाना शुरू कर देंगे.

 

क्या करें

अपने सप्लायर्स में डाईवर्सिटी रखिये

किसी एक सप्लायर के साथ काम करना सिंपल हो सकता है लेकिन अच्छे से अच्छे सप्लायर और होलसेलर के पास सामान की कमी या डिलीवरी देरी हो जाती है. ऐसी सिचुएशन में आपके पास दूसरे सप्लायर का होना इस प्रॉब्लम को दूर कर सकता है. साथ ही अलग-अलग ज्योग्राफिकल एरिया में रहने वाले सप्लायर्स को चुनिए, ताकि आप अपने कस्टमर के नजदीक वाले सप्लायर को आर्डर फॉरवर्ड करके जल्द से जल्द अपने कस्टमर का प्रोडक्ट उसके घर तक पहुंचा दें.

 

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