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Josh Turner
The Secret LinkedIn Playbook to Generate Leads, Build Relationships, and Dramatically Increase Your Sales

दो लफ्ज़ों में
साल 2015 में रिलीज़ हुई किताब ‘कनेक्ट’ बताती है कि आप मार्केटिंग सक्सेस के लिए LinkedIn का यूज़ कैसे कर सकते हैं? इस किताब में इस सोशल नेटवर्क के यूज़ को लेकर केस स्टडीज़ की मदद से बताया गया है. इस किताब को लिखने के लिए बहुत ज्यादा रिसर्च की मदद ली गई है. फिर बताया गया है कि कैसे आप LinkedIn का यूज़ एक सेल्स टूल की तरह भी कर सकते हैं?

  ये किताब किसके लिए है? 
- किसी भी फील्ड के स्टूडेंट्स के लिए 
- मार्केटिंग और सेल्स प्रोफेशनल के लिए 
- ऐसे लोग जिन्हें सोशल मीडिया में इंटरेस्ट हो 
- ऐसे लोग जिन्हें करियर को नई उड़ान देने की ज़रूरत हो 

लेखक के बारे में 
आपको बता दें कि इस किताब का लेखन Josh Turner ने किया है. ये आज के दौर के लीडिंग LinkedIn एक्सपर्ट भी हैं. इनकी बी2बी मार्केटिंग फर्म भी है. इनकी कंपनी LinkedUniversity.com भी रन करती है. जिसका काम ही लोगों को ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोवाइड करना है. 

इस किताब में मेरे लिए क्या है? 
क्या आप फेसबुक और दूसरे मीडिया नेटवर्क के बिग फैन हैं? अगर हैं तो फिर आपको जानकर अच्छा लगेगा कि इसकी मदद से आप अपने बिजनेस को और आगे बढ़ा सकते हैं. अगर आप अभी तक इस बारे में नहीं जानते थे तो इसका मतलब साफ़ है कि आपको सोशल नेटवर्क के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी. लेकिन परेशान होने की बात नहीं है,इन चैप्टर्स में आपको स्टेप दर स्टेप पता चल जाएगा कि LinkedIn को सही तरीके से यूज़ कैसे किया जाता है? इस किताब को पढ़ने के बाद आपको ये भी पता चलेगा कि नेटवर्किंग के सही यूज़ से आप कितना ज्यादा फायदा उठा सकते हैं? इस समरें को पढ़ कर आप जानेंगे LinkedIn के बारे में कुछ ख़ास बातें, बिजनेस को बढ़ाने के नए मूल मन्त्र और बेस्ट नेटवर्कर बनने के तरीके!कोल्ड कॉलर्स अपरिचित और परेशान करने वाले होते हैं, इसलिए हम उनसे खरीदारी नहीं करते हैं
क्या आपको कोई फ़ोन में कुछ बेचना चाहे तो आप खरीद लेते हैं? ज्यादातर बार आप नहीं खरीदते हैं. भले ही कोई फोन में वैक्यूम क्लीनर ही क्यों ना बेचे. आप नहीं खरीदेंगे. इसे कोल्ड कॉलिंग कहते हैं, ये मोस्ट कॉमन यूज़ किये जाने वाली सेल्स तकनीक है. कोल्ड कॉलिंग से कस्टमर खरीद्दारी नहीं करते हैं. इसके पीछे कई कारण हैं. एक मुख्य कारण साइकोलॉजी में बताया गया है कि इंसानी दिमाग अंजान लोगों के ऊपर तुरंत भरोसा नहीं करता है. ये बात भी सच है कि कोल्ड कॉलर्स आपके लिए अंजान ही होंगे. इसलिए आप तुरंत उनके ऊपर ट्रस्ट नहीं कर सकते हैं. भले ही वो कितनी भी लुभावनी बातें करेंगे लेकिन आपका ट्रस्ट बिल्ड नहीं हो पाएगा. इंसान फैमिलियर चीज़ों का आदि होता है. इसलिए उसे ऐसी ही चीज़ें अपनी ओर आकर्षित करती हैं. इसी को ‘priming’ भी कहते हैं. 

‘priming’ एक तरह की मेकनिस्म होता है, जो कि इमेज और स्टेटमेंट में लागु होता है. जब भी हम एक चीज़ को बार-बार देखते हैं. तो फिर हम उसके ऊपर भरोसा करने लगते हैं. इसलिए कमर्शियल से ज्यादा सेल्स होती हैं और कोल्ड कॉलिंग से सेल्स ना के बराबर होती हैं. कोल्ड कॉलिंग इतनी बुरी होती है कि वो आपकी आर्गेनाईजेशन से कस्टमर को दूर भी कर देती है. इसके पीछे का रीजन यही है कि इस तकनीक की वजह से कस्टमर परेशान होने लगता है. इसे इंटरपशन मार्केटिंग कहा जाता है, जिससे आपको बचकर रहना चाहिए. अब, मान लीजिए कि आप एक सेल्स पर्सन हैं. आपको पता चल चुका है कि कोल्ड कॉलिंग समाप्त हो चुकी है. तो फिर अब आप कस्टमर कर पास कैसे पहुंचेंगे? यही सब आगे के चैप्टर्स में बताया गया है. 

LinkedIn आपकी मदद करता है कि आप दूसरे प्रोफेशनल्स से कनेक्ट होकर मैक्सिमम प्रॉफिट जनरेट कर सकें। बॉब सैंडर्स से मुलाक़ात करिए, ये ऑथर के क्लाइंट हैं. इन्होने कई सालों तक कंस्ट्रक्शन फील्ड में काम किया है. अब ये खुद की कंस्ट्रक्शन कंसल्टेंसी डालना चाहते हैं. लेकिन इनको बिजनेस कॉन्टेक्ट्स की ज़रूरत है. अब ये अपनी ज़रूरत को कैसे पूरा करेंगे? 

एक अच्छा और सटीक तरीका है. वो है कि इन्हें LinkedIn की मदद लेनी चाहिए. ये सोशल नेटवर्क एप है जिसका उपयोग हर प्रोफेशनल को करना ही चाहिए. 

आज के समय में 400,000,000 प्रोफेशनल्स इस नेटवर्क को यूज़ करते हैं. इनमें से 40 प्रतीशत लोग इस वेब साईट को हर दिन चेक करते हैं. 

चलिए बॉब के पास वापस चलते हैं. बॉब को अपनी प्रोफाइल बना देनी चाहिए और सीवी अपलोड कर देनी चाहिए. उस सीवी में स्किल और इंटरेस्ट को उनके नेटवर्क्स देख पाएंगे. उन्हें इंट्रो में लिखना पड़ेगा कि वो इस प्रोफाइल को कंस्ट्रकशन कंसल्टेंसी के लिए बना रहे हैं. उन्हें अपने प्रोजेक्ट की डिटेल्स भी डालकर रखनी चाहिए. जब कभी भी उन्हें ऐसा लगे कि उन्हें नए लोगों की ज़रूरत है. तो फिर वो वैकेंसी की पोस्ट भी डाल सकते हैं. 

आज के दौर में LinkedIn की मदद से लोगों को हायर करना काफी कॉमन होता जा रहा है. इसकी वजह ये भी है कि इस प्लेटफ़ॉर्म में आपको स्पेसिफिक स्किल्स के लोग मिल जाते हैं. इसी के साथ जिन प्रोफेशनल्स को जॉब की ज़रूरत होती है. वो लोग भी इस प्लेटफ़ॉर्म का बढ़-चढ़कर उपयोग करते हैं. 

आज के समय में LinkedIn में नज़र आना बहुत ही ज्यादा ज़रूरी है. लेकिन आपको पता होना चाहिए कि ये साईट बहुत अच्छी “बिजनेस टू बिजनेस” मार्केटिंग टूल भी है. इस साईट की मदद से आप नए कस्टमर आसानी से ढूंढ सकते हैं.  LinkedIn ग्रुप्स का उपयोग करके आप लोगों से कनेक्ट हो सकते हैं. इस साईट में 20 लाख से ज्यादा अलग-अलग ग्रुप्स मौज़ूद हैं. आप 50 ग्रुप्स तक को ज्वाइन कर सकते हैं और उनकी बातचीत का हिस्सा भी बन सकते हैं. इससे आपके कांटेक्ट और भी ज्यादा मज़बूत हो जाएंगे. जिसका सीधा फायदा आपके बिजनेस को ही होगा. 

इसलिए अब समय आ गया है कि आप LinkedIn की रियल पॉवर को पहचान जाइए और अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने का काम शुरू कर दीजिए.

कुछ स्ट्रेटजीस यह सुनिश्चित करने में मदद करती हैं कि सही लोग आपके लिंक्डइन ग्रुप में शामिल हों
मान लेते हैं कि आपने LinkedIn पर प्रोफाइल बना ली है, इसी के साथ-साथ कुछ कनेक्शन भी आपके बन गए हैं. कुछ कनेक्शन के साथ-साथ आप ग्रुप्स में भी जुड़ गए हैं. अब आपके सामने सवाल है कि आगे क्या? अब ज़रूरत है कि आप खुद का एक ग्रुप तैयार करें. बॉब के केस में उन्होंने एक ग्रुप बनाया था. जिसका नाम उन्होंने “Construction in Indianapolis” रखा था. 

ये बात भी सच है कि बिना मेम्बर्स के ग्रुप का कोई मतलब नहीं होता है. इसलिए आपको मेम्बर्स की तलाश के लिए कुछ लोगों को ढूंढना ही पड़ेगा. इसका मतलब ये नहीं है कि आप किसी को भी ओपन इनविटेशन देने की शुरुआत कर दें. आपको ऐसे लोगों की ज़रूरत है जो आपके बिजनेस के लिए उपयुक्त हों. जब भी काबिल ग्रुप मेम्बर्स की तलाश करें तो इस बात का ख्याल रखें कि कौन सी कंपनी आपके लिए उपयोगी है? इसके लिए आपको कंपनी का साइज़, लोकेशन और इंडस्ट्री को परखना पड़ेगा. बॉब ने कंस्ट्रकशन फील्ड की स्मालकैप कम्पनियों को चुना था. इसके बाद आपको तय करना है कि किस पोस्ट तक के लोगों को ग्रुप में शामिल करना है. इसके लिए आप अपने क्लाइंट की लिस्ट भी देख सकते हैं. इसके लिए आपको उपयुक्त जॉब टाइटल के लोग LinkedIn में आसानी से मिल जाएंगे. एग्जाम्पल के लिए अगर आप प्रॉपर्टी मैनेजर को सर्च करेंगे तो आपको 3.5 लाख से ज्यादा रिजल्ट मिलेंगे. याद रखिएगा कि सबको ओपन इनविटेशन नहीं भेजना है. आपको सेलेक्टिव होने की ज़रूरत है. 

आपको पता होना चाहिए कि सोशल मीडिया के दौर में कनेक्शन का रोल बहुत अधिक हो चुका है. इसलिए कनेक्शन बनाने से कभी भी पीछे मत हटियेगा. इसके लिए LinkedIn आपकी पूरी मदद कर सकता है. 

लिंक्डइन को सही तरीके से करने के लिए, अपने ग्रुप को बड़ा, स्पेशल और अच्छे कंटेंट के साथ बनाएं 

क्या कभी आपको ऐसा लगा है कि अपनी कंपनी की मार्केटिंग किताब के जरिये किया जाए? या फिर किसी कॉनफ्रेंस में बोलते हुए खुद की मार्केटिंग की जाए? अगर आपको कभी ऐसा ख्याल भी आए तो आपको पता होना चाहिए कि इन दोनों तकनीक बस पैसे और समय की बर्बादी है. आपके लिए अच्छी खबर ये है कि आप ऐसा बड़ी आसानी से LinkedIn की मदद लेते हुए कर सकते हैं. एक अच्छा LinkedIn ग्रुप आपकी मदद कर सकता है. आपको पता होना चाहिए कि LinkedIn ग्रुप की मदद से आप अपनी इंडस्ट्री के लीडर भी बन सकते हैं. बस बात इस बात की है कि क्या आप LinkedIn ग्रुप का सही उपयोग कर पाते हैं? 

ग्रुप के एडमिन होने के नाते आपको क्या करना चाहिए? सबसे पहले कोशिश करिए कि आपका ग्रुप एक्सक्लूसिव हो, आपको अपने ग्रुप में सेलेक्टिव लोगों को ही आमन्त्रण भेजना है. 

अगला पहलू किसी भी ग्रुप के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. वो है कंटेंट, आपको याद रखना है कि कंटेंट ही किंग होता है. 

लोगों को ग्रुप ज्वाइन कराना फिर भी आसान है. लेकिन उन्हें उस ग्रुप में मेंटेन करना मुश्किल है. इसके लिए आपको अपने कंटेंट के ऊपर काम करना होगा. आपकी कोशिश रहनी चाहिए कि ऐसा कंटेंट ग्रुप में शेयर हो, जिससे लोगों की लाइफ में कुछ वैल्यू एड ऑन हो सके. 

सही कंटेंट के लिए क्या करना चाहिए? 

इसके लिए आपको जमकर रिसर्च करनी चाहिए. आपको पता होना चाहिए कि आपके बिजनेस में क्या चल रहा है? आपको बिजनेस स्टेटिक्स के बारे में पता होना चाहिए. 

आपको लेटेस्ट ट्रेंड्स के बारे में भी पता होना चाहिए, इसलिए सही कंटेंट के लिए मेहनत करने के लिए तैयार रहिएगा.

बिजनेस कनेक्शन को बूस्ट करने के लिए वेबिनार्स भी हेल्पफुल साबित हो सकते हैं
क्या आप कभी किसी वेबिनार को अटेंड किए हैं? ऐसा भी हो सकता है कि आपको ये पता ना हो कि वेबिनार क्या होता है? ऐसा भी हो सकता है कि आपको इसके बारे में पता हो. 

जो भी हो, लेकिन अभी आपको पता रहना चाहिए कि ये आपके बिजनेस के लिए महत्वपूर्ण टूल साबित हो सकता है. वेबिनार्स लाइव सेमीनार होते हैं जो कि ऑनलाइन कंडक्ट किए जाते हैं. वेबिनार के दौरान स्पीकर स्लाइड्स की मदद से सुनने वालों को प्रोडक्ट के बारे में जानकारी देने का काम करता है. आज के समय में वेबिनार्स इफेक्टिव बिजनेस डेवलपमेंट टूल बन चुका है. 

इस टेक्निक का एक फायदा ये भी है कि इसे कोई भी कहीं से भी अटेंड कर सकता है. इस टेक्निक में लोकेशन की वैल्यू खत्म सी हो जाती है. इस तकनीक की मदद से आप अपने बिजनेस को एक जगह बैठे-बैठे कहीं भी पहुंचा सकते हैं. इसलिए अगर आपको आज के दौर में बिजनेस को सफल करना है. तो फिर आपको इस तकनीक के बारे में भी पता होना ज़रूरी है. इसे आप बिजनेस डेवलपमेंट टूल्स के तौर पर यूज़ कर सकते हैं.  अगर आप अच्छे पब्लिक स्पीकर हैं, तब तो आपको इस टेक्निक का यूज़ करना ही चाहिए. इसलिए कोशिश करिए कि आप वेबिनार के बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़ सकें. 

लेखक आपको ये भी सलाह देना चाहते हैं कि वेबिनार से पहले खुद के ज्ञान को दुरुस्त कर लीजिएगा. वेबिनार्स के दौरान भी स्पीकर की यही कोशिश रहती है कि ऑडियंस की लाइफ में वैल्यू एड ऑन हो सके. इसलिए लाइफ में खुद के ज्ञान के प्रति आपको ईमानदार होना ही पड़ेगा. जिस भी इंडस्ट्री में आप हैं, उसके बारे में आपके पास पूरा ज्ञान होना चाहिए. ज्ञान की मदद से भी आप अपने कम्पटीशन को हरा सकते हैं. अगर आप भी चाहते हैं कि आप एक लीडर के तौर पर आगे बढ़ें तो फिर पढ़ने की शुरुआत आज से और अभी से कर दीजिए. ज्ञान में इतनी शक्ति है कि ये आपको किसी भी बिजनेस में आगे तक लेकर जा सकता है. दिमाग में इस बात को बैठा लीजिएगा कि ऑडियंस अच्छा कंटेंट सुनना चाहती है. इसलिए रिसर्च की शुरुआत भी कर दीजिए. जब ऑडियंस को आपका कंटेंट पसंद आएगा, तब वो आपके बिजनेस की तरफ भी आ जाएगी. 

वेबिनार्स को सक्सेसफुल बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स:-

किसी ही पार्टी के लिए सबसे बुरी चीज़ क्या हो सकती है? कोई भी उसे अटेंड करने ना आए. ऐसा ही कुछ वेबिनार्स के लिए भी है. 

मान लीजिए कि आपने अपने प्रेजेंटेशन में बहुत मेहनत की है. कई बार आप प्रैक्टिस भी किए हैं. लेकिन अंत में आपके वेबिनार को बस 5 लोग ही अटेंड करते हैं. उन 5 लोगों में से एक आपका इन्टर्न होता है. 

अब हम देखेंगे कि आप इस सीनेरियो से कैसे बच सकते हैं? वो ऐसे कौन से पहलू हैं? जिनसे आपका वेबिनार हिट हो सकता है. 

ऑडियंस के हिसाब से दिन और समय का सही चुनाव करिएगा. आपको पता होना चाहिए कि आपकी ऑडियंस कब-कब फ्री रहती है. 

स्टार्टिंग पेज में कैची सा टाइटल देने की कोशिश करिए. आपके टाइटल का कंटेंट क्रिएटिव होना चाहिए. 

कैची टाइटल का ये मतलब नहीं है कि आपको गलत जानकारी देने की ज़रूरत है. इसलिए अपने प्रेजेंटेशन की शुरुआत भी आपको थोड़ा सा क्रिएटिव बनते हुए करना पड़ेगा. 

इसके बाद कुछ समय और एफर्ट्स अपने लैंडिग पेज को भी देने की कोशिश करिए. यही वो पेज होगा जहाँ पर आपकी ऑडियंस सबसे पहले आएगी. इसलिए ये पेज अच्छा होना ही चाहिए. इसको अच्छा बनाने के लिए आपको इसके ऊपर थोड़ी सी मेहनत करनी होगी. 

इसके लिए आप LinkedIn पर अपनी इंडस्ट्री के दूसरे लोगों के लैंडिंग पेजेस को भी देख सकते हैं. उससे आपको अंदाज़ा लग जाएगा कि मार्केट में अभी क्या चल रहा है? 

एक सॉफ्टवेयर है जिसका नाम ‘लीड पेजेस’ है. इस सॉफ्टवेयर की मदद से आप क्रिएटिव लैंडिंग पेज का निर्माण कर सकते हैं. 

अब ज़रूरत है प्रमोशन की, LinkedIn आपकी इस पहलु पर भी मदद करेगा. अब तक आपके पास कुछ कॉन्टेक्ट्स हो गए हैं. जिनको आप अपने वेबिनार के बारे में बता सकते हैं. ज्यादा रिसपॉन्स पाने के लिए पर्सनल इनविटेशन सेंड करिएगा.

जैसे ही आपका वेबिनार समाप्त होता है, लाभ प्राप्त करें
आपकी प्रैक्टिस अच्छी थी, कंटेंट भी सही था, अब प्रॉफिट कैसे बुक होगा? ये डिपेंड करता है कि आपने वेबिनार को समाप्त कैसे किया है? 

स्टॉक का वेबिनार कुछ ऐसे समाप्त होना चाहिए कि “मुझे आपके कांटेक्ट डिटेल्स चाहिए, ताकि मैं आपको फ्री कंसल्टेशन प्रोवाइड कर सकूं.”

ये सिम्पल तकनीक है, लेकिन इस तकनीक की मदद से आप उस पोजीशन में आ जाएंगे जिसकी मदद से लोग आपको कॉल करेंगे. 

वेबिनार से आपको फायदा हो सके इसके लिए आप फीडबैक कॉल की मदद भी ले सकते हैं. फीडबैक की शुरुआत आपको बातचीत से ही करनी है. लेकिन उसी बातचीत आपको कुछ इस तरह से खत्म करना है कि सामने वाले को आपके प्रोडक्ट के बारे में पता चल जाए. 

आप उनसे ये भी पूछ सकते हैं कि वो वेबिनार को इम्प्लीमेंट कब से करने की सोच रहे हैं? 

याद रखिए कि जितना अच्छा आपका अप्रोच होगा, उतने ही क्लाइंट आपके कन्वर्ट होंगे. इसलिए अपने अप्रोच को हमेशा ही बेस्ट रखने की कोशिश करिएगा. 

सोशल मीडिया की रेस को आप अपने अप्रोच के दम पर भी जीत सकते हैं. इसलिए खुद के अंदर प्रोफेशनल व्यक्तित्व का निर्माण करने की शुरुआत कर दीजिए. 

अपनी टारगेट ऑडियंस के सामने ऐसी डील रखने की कोशिश करिएगा कि वो खुद ही आपके प्रोडक्ट में इंटरेस्ट दिखाने की कोशिश करें. उन्हें लगना चाहिए कि अगर वो इस डील को टाइम से क्रैक ना कर पाए तो उनका बहुत बड़ा घाटा होने वाला है. 

इसलिए टारगेट ऑडियंस के नेचर को समझने की जिम्मेदारी भी आपकी ही है. 

वेबिनार के बाद आपके पास एक लिस्ट भी होनी चाहिए. जिसमे आपको नोट डाउन करना होगा कि कितने लोग आपके क्लाइंट बन जाएंगे और कितने लोग कम इंटरेस्ट दिखाने वाले हैं. उसी हिसाब से आपको आगे की स्ट्रेटजी तैयार करनी चाहिए. 

सेल्स का भी टैलेंट होता है, इसे सीखने की तकनीक को जान लीजिए ।

वेबिनार अच्छा हुआ, कैम्पेन भी ठीक हुआ, लेकिन कुछ प्रोडक्ट से पैसे कमाने के लिए आपको सेल्स के गुण सीखने पड़ेंगे. उसके लिए आपको कुछ कॉल्स भी करने होंगे. लेकिन सेल्स बस कॉल करने से नहीं बल्कि अच्छे कॉल करने से होगी. 

तुरंत ही किसी को भी कोल्ड कॉल मत करिएगा, बल्कि कॉल करने से पहले उस पर्सन से थोड़ा कनेक्शन डेवलप करने की कोशिश करिएगा. 

याद रखिएगा कि लोग खुद की ट्राइब से ही खरीद्दारी करना पसंद करते हैं. इसलिए आपके अंदर किसी के भी ग्रुप में घुलने मिलने की काबिलियत होनी चाहिए. 

अपनी टारगेट ऑडियंस से LinkedIn पर थोड़ा सा चैट करना भी आपके लिए आइस ब्रेकिंग साबित हो सकता है. इसलिए अंजान लोगों से बात करने की आदत डालिए, बात ही बात में उनसे अपने प्रोडक्ट के बारे में भी बात की शुरुआत कर दीजिए. 

सोशल मीडिया की मदद से आपको अच्छे क्लाइंट्स मिल सकते हैं. 

भले ही सामने वाला अभी आपके प्रोडक्ट में इंटरेस्ट ना हो, लेकिन फिर आपको उसके साथ कनेक्शन तोड़ने की ज़रूरत नहीं है. 

दूसरों के साथ कॉमन ग्राउंड तलाशने की कोशिश करिएगा, एक ऐसा टॉपिक जिसके ऊपर आप दोनों को इंटरेस्ट हो, इसके बाद आप दोनों उस टॉपिक के ऊपर कुछ डिस्कशन कर सकें. इससे कनेक्शन मज़बूत होते हैं. 

इस टेक्निक से भी आप फ्यूचर केलिए क्लाइंट तैयार कर सकते हैं. अगर आप बिजनेस में हैं तो आपको पता होना चाहिए कि स्कोप फ्यूचर में ही है. इसलिए खुद की सोच को भी भविष्य के हिसाब से तैयार करने की कोशिश करिए. 

LinkedIn और इसके ग्रुप्स से आप अपने बिजनेस को बहुत आगे तक लेकर जा सकते हैं. आने वाली जनरेशन डिजिटल जनरेशन ही होगी. इसलिए अभी से खुद को तैयार करने की शुरुआत कर दीजिए.

कुल मिलाकर
आज के दौर में और भविष्य के लिए LinkedIn बहुत फायदेमंद प्रोफेशनल टूल है. इसकी मदद से आप खुद की जर्नी को स्मूथ बना सकते हैं. इसलिए इसको जानने और समझने की शुरुआत अभी से कर दीजिए. LinkedIn के साथ-साथ आपको वेबिनार्स के महत्त्व को भी समझना चाहिए. आपको पता होना चाहिए कि LinkedIn में कनेक्शन कैसे बनाते हैं? हर एक कनेक्शन आपके बिजनेस को नेक्स्ट लेवल तक लेकर जा सकता है. इसलिए लोगों से कनेक्ट होते रहिए और LinkedIn यूज़ करते रहिए. 

 

क्या करें? 

प्लानिंग करके रखिएगा, भले ही आपको नया LinkedIn अकाउंट बनाना हो या फिर वेबिनार करना हो. आपके पास प्रॉपर स्ट्रेटजी होनी चाहिए. वेबिनार्स के लिए पहले से तैयारी रखनी होती है. इसके लिए आपको टॉपिक पर रिसर्च तैयार करके रखनी होगी. इसलिए लेखक कहते हैं कि पढ़ते रहिए और सीखते रहिए, ऐसा करने से आप आगे खुद ही बढ़ते रहेंगे. 

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