Kathleen Shannon and Emily Thompson
Take Control of Your Work and Live Life on Your Own Terms
दो लफ्जों में
2018 में आई ये बुक उन लोगों के लिए एक गाइड की तरह काम करती है जो अपना खुद का बिजनेस स्टार्ट करना चाहते हैं। राइट मेंटेलिटी और गोल सेटिंग की हेल्प से इस बुक में हम जानेंगे कि किस तरह से आप अपनी वर्क लाइफ और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बना पाएंगे।
ये बुक किसके लिए है?
- ये बुक क्रिएटिव एंटरप्रेन्योर्स के लिए है।
- ये बुक उन स्माल बिजनेस ओनर्स के लिए भी है जो प्रैक्टिकल एडवाइस चाहते हैं।
- ये बुक उन एम्पलॉय के लिए भी है जो अपने पैशन को फॉलो करना चाहते हैं।
लेखक के बारे में
Kathleen Shannon एक ब्रांडिंग एजेंसी की को ओनर हैं और Emily Thompson एक रिटेल कम्पनी की फाउंडर हैं। इन दोनों ने एक साथ मिलकर एक ऐसा प्लेटफार्म डेवलप किया है जोकि लोगों को एक अच्छा बिजनेस सेटअप करने में हेल्प करता है।
बॉस बनने के लिए प्रोसेस में इंटेंशन, कमिटमेंट और ट्रस्ट होना इम्पोर्टेन्ट है।
हम में से बहुत से ऐसे लोग हैं जोकि अपनी रेगुलर 9 टू 5 वाली बोरिंग जॉब छोड़कर अपना बिजनेस स्टार्ट करना चाहते हैं। हालांकि ड्रीम करना और उसको कम्प्लीट करना दो अलग अलग चीजें हैं। बिना गाइडेंस के आप अपने ड्रीम को रियलिटी में कन्वर्ट नहीं कर सकते। इस बुक में हम जानेंगे कि किस तरह से हम अपने बिजनेस को सेटअप करने के ड्रीम को पूरा कर सकते हैं। और साथ ही में हम ये भी जानेंगे कि किस तरह से हम अपनी लाइफ को भी अच्छे वे में जी सकते हैं। इस समरी में हम जानेंगे कि बॉस बनने के लिए कैसे फाउंडेशन की नीड है? गार्डन और बिजनेस में क्या सिमिलैरिटी है और किस तरह से आप 200 पोटेंशिअल क्लाइंट्स को अट्रैक्ट कर सकते हैं।
तो चलिए शुरू करते हैं!
क्या कभी आपने सोचा है कि दुनिया में ऐसे कितने लोग हैं जोकि अपनी जॉब से खुश हैं? शायद ही आप में से किसी ने ये कभी सोचा होगा। अभी हम आपको जो बताने जा रहे हैं उसे सुनकर शायद आप भी सरप्राइज हो जाएंगे। एक रिसर्च के एकॉर्डिंग अमेरिका में केवल 30% लोग ऐसे हैं जोकि अपनी जॉब से खुश हैं। इतने कम लोगों का अपनी जॉब से खुश रहना हमें बताता है कि कहीं न कहीं कुछ न कुछ प्रॉब्लम तो है।
और शायद उसी प्रॉब्लम की वजह से लोग अपनी जॉब छोड़कर अपना खुद का बिजनेस स्टार्ट करने में लग जाते हैं। लेकिन जॉब छोड़कर खुद का बिजनेस स्टार्ट करना इतना आसान नहीं है। जॉब के टाइम आप अपने बॉस के लिए काम कर रहे होते हैं लेकिन जब आप खुद का बिजनेस हैंडल करते हैं तब आप खुद बॉस होते है। तो एक नार्मल एम्पलॉय से बॉस बनने तक के सफर में आने वाली प्रॉबलम्स को आप कैसे फेस कर सकते हैं? किस तरह से आप अपने बिजनेस के अलावा भी और इम्पोर्टेन्ट चीजों के लिए टाइम निकाल सकते हैं।
हो सकता है कि आपको लग रहा हो कि बिजनेसमैन के लिए इतना सब कुछ हैंडल कर पाना काफी मुश्किल है। शायद हो भी लेकिन नामुमकिन तो बिल्कुल नहीं है। आप सक्सेसफुल बिजनेस के साथ साथ अपनी लाइफ भी अच्छे तरीके से एन्जॉय कर सकते हैं।
बॉस बनने का मतलब होता है आप अपने लिए वो लाइफ क्रिएट कर रहे हैं जोकि सच में आप चाहते हैं। आप सिर्फ बिजनेस बिल्ड नहीं कर रहे होते हैं बल्कि आप रिलेशनशिप, एक्सपीरियंस और लाइफस्टाइल में भी इन्वेस्ट कर रहे होते हैं। और सबसे अच्छी बात ये कि आप सब कुछ अपने एकॉर्डिंग सेट कर सकते हैं। बॉस बनने का सफर हार्ड वर्क से भरा होता है। और अगर आपको सक्सेसफुल तरीके से इसे टैकल करना है तो जरूरी है की आप प्रोसेस को एन्जॉय करें और ट्रस्ट करें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप परेशान नहीं रहेंगे और आपको ये पता रहेगा कि लांग टर्म में आपको प्रॉफिट होना ही होना है।
तो किस तरह से आप उस कमिटमेंट और ट्रस्ट को एस्टेब्लिश कर सकते हैं जोकि आपको आपकी ड्रीम लाइफ प्रोवाइड कर सके। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है फाउंडेशन। डिफरेंट एंटरप्रेन्योर्स और क्रिएटिव्स से बात करके लेखक ने कुछ आइडियाज को फाइंड आउट किया है जोकि बॉस बनने में आपकी हेल्प कर सकते हैं। इस बुक में हम उन्हीं आइडियाज के बारे में जानेंगे।
वैल्यूज, कॉन्फिडेंस और पॉजिटिविटी मिलकर एक बॉस जैसा माइंडसेट डेवलप करते हैं।
मान लीजिए आप का दोस्त और आप दोनों किसी एक ऑफिस में काम करते हैं। आप दोनों का ड्रीम है कि आप दोनों अपना खुद का बिजनेस स्टार्ट करें। आप दोनों में काफी सिमिलैरिटी भी है। आप दोनों अपने ड्रीम को लेकर काफी टेंशन में रहते हैं और हमेशा यही सोचते रहते हैं कि शायद आपके पास वो काबिलियत नहीं है कि आप सक्सेसफुल हो सकें। काफी सिमिलैरिटी होने के अलावा आप दोनों दोस्तों में एक डिफरेंस है और वो ये है कि आपका दोस्त फालतू के ख्यालों को अपने ऊपर हावी होने देता है और किसी भी काम को करने से खुद को रोक लेता है वहीं दूसरी तरफ आप कभी किसी भी डर की वजह से अपने ड्रीम के साथ कोम्प्रोमाईज़ नहीं करते। यही होता है माइंडसेट का डिफरेंस। एंटरप्रेन्योर बनने के लिए आपके पास एक ऐसा माइंडसेट होना जरूरी है जिसकी हेल्प से आप किसी भी तरह की प्रॉब्लम को टैकल कर सकें। और उस माइंडसेट के कोर में होनी चाहिए वो वैल्यूज या फिर वो प्रिंसिपल्स जोकि आपके डिसीजन मेकिंग में झलकें।
अगर आपको नहीं पता है कि आपकी कोर वैल्यूज क्या हैं तो उन्हें डिस्कवर करिये। उन वैल्यूज को नोट डाउन करिये जो आपको लगता है कि आपकी पर्सनालिटी के साथ मैच करती हैं। हो सकता है शायद आप आनेस्टी, स्टेबिलिटी, क्रिएटिविटी को वैल्यू करते हों।
सोचिये की आपको सबसे ज्यादा खुशी कब होती है। और नोट करिये की उस खुशी के मौके पर आप कौन सी वैल्यू को रेकग्नाइज कर पा रहे हैं। उसके बाद आपका काम ये है कि आपने जो जो वैल्यूज नोट डाउन करी हैं उनमें से आपको वो वैल्यू फाइंड आउट करनी है जिसको आप सबसे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट मानते हैं। इसको फाइंड आउट करने का सिंपल वे यही है कि आप खुद से सवाल करें कि क्या आप उस वैल्यू को सेव रखने के लिए किसी से लड़ाई कर सकते हैं या नहीं।
हालांकि राइट माइंडसेट सिर्फ अपनी वैल्यूज को फॉलो करने से नहीं आता है। आपको अपनी इस थिंकिंग से बाहर आना होगा कि आप के पास वो रिसोर्सेज नहीं है जिसकी वजह से आप सक्सेस हो सकते हैं। ये फीलिंग हर तरह के इंसान में आती है चाहे वो सक्सेसफुल हों या फिर न हों। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप अपनी उन स्किल्स पर फोकस करें जो आपको सबसे ज्यादा पसन्द हैं।
बॉस जैसा माइंडसेट डेवलप करने के लिए इंसान के अंदर पॉजिटिविटी होना भी जरूरी है। बात बात पर कम्प्लेन करना, नेगेटिव चीजों पर फोकस करना सही नहीं होता। अगर आप अपनी लाइफ में पॉजिटिविटी चाहते हैं तो उसके लिए आपको मेडिटेशन ट्राई करना चाहिए। पॉजिटिविटी एनकरेज करने के लिए हमेशा उन चीजों के लिए शुक्रगुज़ार रहें जोकि आपकी लाइफ में अवलेबल है।
क्लियर बाउंड्रीज बनाकर अपने रिसोर्सेज और इंटरेस्ट को प्रोटेक्ट करें।
इमेजिन करिये की आप अपने घर के बाहर गार्डनिंग करना चाहते हैं। और इसके लिए आपने कुछ सीड्स वहां पर प्लांट कर दिए। उन सीड्स के एकॉर्डिंग आप उनको वाटर और न्यूट्रिएंट्स भी प्रोवाइड करने लगे लेकिन कुछ टाइम बाद आपको रियलाइज हुआ कि आपके प्लांट तो ग्रो ही नहीं कर रहे। आपने इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश की तो आपको पता चला कि जहां पर आपने सीड्स प्लांट किए हैं वहीं आसपास और लोगों ने भी अपने सीड्स प्लांट किए हैं और इसी वजह से आपके सीड्स को जितने न्यूट्रिएंट्स की नीड है वो उनको नहीं मिल पा रहा है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप अपने सीड्स को प्रोटेक्ट करने के लिए एक क्लियर बाउंड्री रेडी करें और बाकियों के सीड्स से अपने सीड्स को दूर रखें। बिल्कुल यही चीज आपको बॉस बनने की जर्नी में भी अप्लाई करना होगा। बाउंड्रीज होने से ये इन्सयोर रहता है कि आपके पास उन चीजों के लिए पर्याप्त टाइम और स्पेस है जो चीजें आपके लिए सबसे ज्यादा मैटर करती हैं। एग्जाम्पल के लिए जैसे आपने डिसाइड करा की वेकेशन के टाइम पर आप ईमेल कभी ओपन नहीं करेंगे या फिर आप उन चीजों को कभी हां नहीं करेंगे जोकि आपके इंटरेस्ट में नहीं होंगी। जरा इस बारे में सोचिये। जिस तरह से बाउंड्रीज आपके सीड्स को प्रोटेक्ट करती हैं उसी तरह से लाइफ में अगर आप बाउंड्रीज क्रिएट करेंगे तो वो आपके टाइम, एनर्जी और रिसोर्स को प्रोटेक्ट करती हैं।
बाउंड्री एस्टेब्लिश करने के लिए सबसे पहले ये डिसाइड करिये की वो कौन सी चीज है जिसे आप नर्चर करना चाहते हैं यानी कि सहेज के रखना चाहते हैं। हो सकता कि आप अपना बिजनेस सक्सेसफुल बनाना चाहते हों लेकिन इसके साथ साथ आप ये भी चाहते हैं कि आप फैमिली को भी टाइम दें। जब आपके गोल्स क्लियर होंगे तो आप अपना मैक्सिमम टाइम उनपर ही स्पेंट करेंगे और फालतू चीजों में टाइम वेस्ट नहीं करेंगे।
आप अपनी वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ के बीच में भी बाउंड्री क्रिएट कर सकते हैं। एक बार जब आप अपनी बाउंड्रीज डिसाइड कर लेते हैं तो फिर जरूरी है कि आप अपने आसपास वाले लोगों को भी अपनी बाउंड्रीज के बॉर्डर में क्लियर कर दें। अपनी फैमिली, अपने फ्रेंड्स को अपनी बाउंड्रीज क्लियर वे में समझा दें।
और सबसे इम्पोर्टेन्ट बात अगर आप चाहते हैं कि लोग आपकी बाउंड्रीज की रेस्पेक्ट करें तो जरूरी है कि सबसे पहले आप अपनी बाउंड्रीज को फॉलो करें।
हेल्थी हैबिट्स और रूटीन सेट करने से आप सक्सेस के लिए रेडी होते हैं।
मान लीजिए आप और आपका फ्रेंड एक ही तरह का बिजनेस करते हैं। आप डेली सुबह एक फिक्स टाइम पर उठते हैं, फिर एक्सरसाइज करते हैं और ऑफिस जाके सबसे पहले इम्पोर्टेन्ट काम को कम्प्लीट करते हैं। वहीं दूसरी तरफ आपका दोस्त सुबह रैंडम टाइम पर सो कर उठता है और फिर उसके बाद काफी देर तक सोशल मीडिया पर टाइम इन्वेस्ट करता है और फिर उसके बाद जल्दबाजी में काम पर जाता है और काम के बीच में लांग ब्रेक्स लेता रहता है।
इतना तो आपको अबतक समझ आ ही गया होगा कि जिस हिसाब का आप दोनों का स्डयूल है तय है कि आप अपने दोस्त से ज्यादा सक्सेसफुल होंगे। अच्छी हैबिट्स और फिक्स्ड रूटीन आपको आपके गोल्स तक रीच करने में काफी हेल्प करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस तरह से आपको पता होता है कि आपको कौन सा काम कब और किस टाइम पर करना है। और आप फिर अपना टाइम भी वेस्ट नहीं करते।
रूटीन सेट करने के लिए जरूरी है कि आपकी सुबह की शुरुआत अच्छी हो। सोचिये की आपको सबसे ज्यादा खुशी और एनरजेटिक किस काम को करने के बाद फील होता है और फिर उसी काम को आप सुबह सबसे पहले करिये क्योंकि इससे आपके दिन की टोन सेट हो जाएगी। सिर्फ ऐसी हैबिट्स को अपनाएं जो आपकी बॉडी और माइंड के लिए हेल्थी हो क्योंकि अगर आप सुबह सुबह कुछ ऐसा काम करेंगे जो आपके लिए अच्छा नहीं होगा तो फिर आपका पूरा दिन खराब जाएगा और आपका बिजनेस पे ध्यान नहीं रहेगा। सबसे पहले अपने खाने पर फोकस करें। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और आर्गेनिक फ्रूट्स और सब्जियां खाएं। कोशिश करें कि कम से कम 8 घण्टे की नींद जरूर लें।
सबसे लास्ट और इम्पोर्टेन्ट हैबिट जो आपको डेवलप करनी चाहिए वो ये कि अपने गोल्स आप रेगुलरली सेट करते रहें। इससे आपको पता चलेगा कि सक्सेस कैसी दिखती है। आपके गोल्स ऐसे होने चाहिए जो कम्प्लीट होने के बाद आपको खुशी का एहसास हो। ऐसे गोल्स सेट करें जोकि रेवर्डिंग हों।
बिजनेस को सक्सेसफुल बनाने के लिए आपको काम करना पड़ेगा।
अभी थोड़ी देर पहले समरी में हमने आपसे सीड्स प्लांट के बारे में बात की थी। मान लीजिये आपने सीड्स प्लांट किए, बाउंड्री रेडी करी और अब टाइम आया कि आप अपनी सीड्स को पानी और न्यूट्रिएंट्स सपलाई करें। सोचिये की सीड्स प्लांट करने के बाद और बाउंड्री सेट करने के बाद आप आराम से बैठ गए और सीड्स को ग्रो करने का वेट करने लगे। लाजमी है कि सीड्स ग्रो नहीं करेंगी। बिल्कुल ऐसा ही बिजनेस में होता है। अगर आप चुपचाप बैठकर ये सोचेंगे कि बिजनेस कैसे ग्रो करेगा तो ऐसे आपको रिजल्ट्स नहीं मिलेंगे। आपको अच्छे रिजल्ट्स अगर चाहिए तो जरूरी है कि आप काम करें। किसी भी तरह का बिजनेस इसलिए ही सेटअप किया जाता है ताकि उससे पैसा बनाया जा सके। और पैसा कमाने के लिए इम्पोर्टेन्ट है कि उन कामों को किया जाए जो जरूरी हैं।
सबसे पहले एक बिजनेस प्लान क्रिएट करिये। सुनने में तो ये काफी कॉम्प्लिकेटेड लगता है लेकिन बहुत सिंपल है। सबसे पहले आपको ये डिसाइड करना है कि आपके बिजनेस का पर्पज क्या है, आपका बिजनेस कस्टमर्स को क्या सर्विस प्रोवाइड करने वाला है और एक साल के अंदर आप अपने बिजनेस को कितना ग्रो करना चाहते हैं। उसके बाद ये डिसाइड करिये की बिजनेस के अंदर आपका क्या रोल रहने वाला है? क्या आपको बाहर से किसी चीज को हेल्प लेनी पड़ेगी? बिजनेस प्लान क्रिएट करने के बाद आपका काम होना चाहिए कि आप क्लाइंट्स और पार्टनर्स का एक अच्छा नेटवर्क क्रिएट करें। उन लोगों की लिस्ट बनाइये जिनके साथ आप काम करना चाहते हैं। ऑथर के एकॉर्डिंग कम से कम 200 लोग तो आपकी इस लिस्ट में होने चाहिए। आपकी इस लिस्ट में उन लोगों का ईमेल आईडी, सोशल मीडिया हैंडल और उनकी वेबसाइट्स होनी जरूरी है। उसके बाद आप उन लोगों तक रीच करने की कोशिश करिये और अपने रिलेशनशिप को डेवलप करिये। बिल्कुल उसी तरह से जिस तरह आप अपने सीड्स को ग्रो करने में मेहनत करते हैं।
लोगों को अपनी ओर अट्रैक्ट करने का सबसे इजी वे यही है कि आप उन लोगों के सामने क्लियर रहें कि आप क्या करते हैं और कितने अच्छे से उस काम को करते हैं। आप रेगुलरली कंटेंट की हेल्प से अपने काम को हाईलाइट करके अपने क्लाइंट्स के सामने पेश कर सकते हैं।
आपकी लाइफ को भी उतने ही एफर्ट्स और टाइम की नीड होती है जितनी कि आपके बिजनेस को।
अगर आपको एक अच्छा बॉस बनना है तो आपको एक फ्रेज याद रखना होगा और वो है वर्क हार्ड, प्ले हार्ड।
बॉस बनने का मतलब सिर्फ ये नहीं होता कि आप एक ग्रेट बिजनेस बिल्ड करें। बॉस बनकर आपको उस फ्रीडम का फायदा उठाना होता है जोकि आपको बिजनेस प्रोवाइड करेगा। बॉस बनने का एक सबसे बड़ा एडवांटेज ये होता है कि आप उस तरह की लाइफ एन्जॉय कर सकते हैं जोकि आपको हैप्पीनेस देती है। आपको बिजनेस से मिली फ्रीडम का भी उसी तरह से फायदा उठाना चाहिए जिस तरह से आप अपने काम को एन्जॉय करते हैं। आपको जिनती मेहनत अपने बिजनेस को ग्रो करने में लगती है उतनी ही मेहनत आपको वो लाइफ क्रिएट करने में लगती है जो आपको खुशी देती है इसलिए उस लाइफ को एन्जॉय करना आपको आना चाहिए। लेकिन इस सबसे पहले आपको ये डिसीजन लेना होगा कि आप किस तरह की लाइफ चाहते हैं।
हो सकता है आपको वेकेशन पर जाना पसन्द हो या फिर हो सकता है फैमिली और फ्रेंड्स के साथ टाइम स्पेंड करना पसन्द हो। या फिर हो सकता है कि आपकी कोई हॉबी हो। क्लियर तौर पर जानने के लिए आप उन चीजों की एक लिस्ट रेडी करिये जोकि आपको पसन्द हो। आपके बिजनेस गोल्स की तरह ही आपकी लिस्ट में भी स्पेसिफिक चीजें होनी चाहिए। और अगर आप को वो लिस्ट कम्प्लीट करनी है तो उसके लिए आपको बिजनेस से टाइम निकलना होगा। इसके लिए आपको एक अच्छे प्लान की नीड होगी। कहीं भी जाने से पहले अपने बिजनेस से जुड़े हए आधे अधूरे कामों को खत्म करना चाहिए। अपने क्लाइंट्स और कस्टमर्स को ये बोलकर जाना होगा कि आप हॉलिडे पर हैं।
ये सब करने के लिए सबसे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है कि आप राइट लोगों के ग्रुप के साथ रहें। आपको स्पोर्ट और इंस्पिरेशन की नीड होगी जोकि वो लोग आपको प्रोवाइड कर सकते हैं। ऐसे रिलेशनशिप एस्टेब्लिश करने के लिए आप क्लब या फिर सोशल ग्रुप जॉइन कर सकते हैं। इंटरनेट की हेल्प से आप कुछ ऐसे लोगों को फाइंडआउट कर सकते हैं जो आपके जैसे ही इंटरेस्ट रखते हों।
कुल मिलाकर
बॉस बनने की जर्नी का सबसे पहला पॉइंट यही होता है कि आप अपनी पर्सनल वैल्यूज को समझें और अपने अंदर उस कॉन्फिडेंस को डेवलप करें जिससे आप बिजनेस में आने वाली प्रॉबलम्स को टैकल कर सकें। अपने लिए क्लियर बाउंड्रीज और हेल्थी रूटीन बनाकर आप अपने प्रोडक्शन को इनक्रीज कर सकते हैं। अगर आप ये सब सही तरह से कर पाते हैं तो आपको नजर आने लगेगा कि आपके पास वो सब चीजें हैं जिसकी वजह से आप एक सक्सेसफुल बिजनेस डेवलप कर सकते हैं।
क्या करें।
एक बेस्ट फ्रेंड बनाइये।
अपनी बिजनेस जर्नी में जरूरी नहीं कि आप अकेले आगे बढ़ें। किसी ऐसे इंसान को ढूंढ़िए जोकि आपकी तरह से डेडिकेटेड हो। और अगर वो इंसान भी अपना बिजनेस सेटअप करने के लिए सोच रहा है तो ये और भी अच्छी बात है। उस इंसान के साथ रेगुलर मीटिंग्स करके आप अपने गोल्स, आइडियाज और चैलेंज उनके साथ शेयर कर सकते हैं। इस इंसान को आप अपने बेस्ट फ्रेंड की तरह देख सकते हैं।
येबुक एप पर आप सुन रहे थे Being Boss by Kathleen Shannon and Emily Thompson
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