Attitude Reflects Leadership.... ____😎😏

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Attitude Reflects Leadership

Leo Hamblin
मैनेजमेंट और लीडरशिप के बीच के अंतर को जानें।

दो लफ्जों में 
एटिट्यूड रिफ्लेक्ट्स लीडरशिप (Attitude Reflects Leadership) में हम एक लीडर की उन खूबियों के बारे में जानेंगे जिनसे वो एक अच्छा लीडर बनता है। यह किताब हमें एक लीडर, मैनेजर और एक बॅास के बीच का अंतर बताती है और साथ ही यह बताती है कि एक बॅास एक लीडर क्यों नहीं हो सकता। यह किताब एक टीम में लीडर के होने के महत्व के बारे में हमें बताती है।

यह किसके लिए है 
-वे जो एक लीडर की खूबियों के बारे में जानना चाहते हैं।
-वे जो एक लीडर और एक मैनेजर के काम के बीच के अंतर को जानना चाहते हैं।
-वे जो खुद एक लीडर हैं और पहले से बेहतर बन सकते हैं।

लेखक के बारे में 
लीओ हैम्ब्लिन (Leo Hamblin) एक लेखक हैं। वे बताते हैं कि बचपन में उन्हें इंग्लिश पढ़ने से नफरत थी। कालेज के दिनों में भी वे इससे भागते आए थे। लेकिन अब वे किताबें लिखते हैं और कहते हैं कि उन्हें यह अच्छा लगता है।

यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए
 क्या आपको पता है कि एक लीडर में ऐसी क्या बात होती है जिससे सभी लोग उसकी बात मानते हैं और उसकी इज्जत करते हैं? क्या आप भी सबकी तरह यह जानना चाहते हैं कि एक लीडर बनने के लिए कौन कौन सी खूबियों का होना जरूरी है? अगर हाँ तो यह किताब आपको जरूर पढ़नी चाहिए।

यह किताब हमें एक लीडर की खासियत के बारे में बताती है और साथ ही यह बताती है कि क्यों हर कोई लीडर नहीं बन सकता। यह किताब हमें मैनेजर, बॅास और लीडर के बीच का अंतर समझाती है। इस किताब की मदद से हमें पता लगेगा कि एक लीडर को किस तरह की समस्याओं का सामना करना होता है और वो किस तरह से खुद को सुधार सकता है।

 

-एक बॅास और एक लीडर में क्या अंतर होता है।

-एक लीडर की जिम्मेदारियां क्या होती हैं।

-एक कर्मचारी को काम पर रखने से पहले उसमें एक लीडर को क्या देखना चाहिए।

एक लीडर अपने टीम को काम करने की प्रेरणा देता है।
एक कंपनी के कर्मचारी कितने अच्छे से काम करते हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे अपनी कंपनी से कितना लगाव रखते हैं। और वे अपनी कंपनी से कितना लगाव रखते हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनका बॅास उनसे कितने अच्छे से पेश आता है। जब एक बॅास अपने कर्मचारियों से अच्छे से बात नहीं करता तो कर्मचारी मजबूरी में सिर्फ पैसों के लिए काम करने लगते हैं और ऐसे में वे काम सिर्फ इतना करते हैं जिससे उन्हें काम से ना निकाला जाए।

इस तरह के बॅास कभी एक लीडर नहीं बन सकते क्योंकि एक लीडर बनने के लिए आपके पास एक ऐसी टीम होनी चाहिए जो कामयाब होने के लिए उतनी ही उत्सुक हो जितना आप हैं। एक लीडर बिना अपने लोगों की मदद के अपनी मंजिल हासिल नहीं कर सकता। वो इस बात को जानता है और इसलिए वो अपने लोगों की इज्जत करता है।

जब आप किसी ऐसे काम को अपनी टीम से करवा रहे होते हैं जिसे करने में बहुत ज्यादा समय लग रहा हो, तो आपको समय समय पर अपने कर्मचारियों को प्रेरणा देकर उन्हें काम करने के लिए अंदर से उकसाना होगा। जब काम समय से पूरा नहीं होता, तो एक बॅास अपने कर्मचारियों पर गुस्सा करने लगता है जिससे कर्मचारी दबाव में आकर काम करने लगते हैं और वे पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर पाते।

एक गैलप पोल में यह बात सामने आई कि अगर कोई कर्मचारी काम छोड़ता है पो उसकी सबसे पहली वजह होती है उसके बॅास का अच्छा ना होना। अगर एक बॅास अपने कर्मचारियों को बार बार डाँटता रहेगा तो समय के साथ कर्मचारियों में काम करने की इच्छा मर जाती है। ऐसे में वे ना तो काम कर पाते हैं और ना ही अपने काम से खुश रह पाते हैं। इसलिए वे काम छोड़ देते हैं।

एक अच्छा लीडर लोगों को काम करने के लिए प्रेरणा देता है।
एक अच्छा लीडर कभी खुद किसी काम में माहिर नहीं होता। वो यह जानता है कि किस तरह से वो अपने कर्मचारियों को प्रेरणा देकर उनसे अच्छा और ज्यादा काम करवा सकता है। जबकि एक मैनेजर का काम यह देखना होता है कि उसके कर्मचारी कितना ज्यादा काम कर रहे हैं और किस तरह से काम कर रहे हैं।

एक मैनेजर का काम होता है कि वो अपने नीचे काम करने वालों की हरकतों पर ध्यान दे। उसका काम होता है यह देखना कि उसके कर्मचारी तरक्की कर रहे हैं या नहीं। कभी कभी हम एक मैनेजर को एक लीडर समझ लेते हैं। लेकिन उनमें बहुत ज्यादा अंतर होता है।

एक मैनेजर का काम होता है यह देखना कि उसकी टीम कितना अच्छा कामकर रही है और उसे कितना अच्छा काम करना चाहिए। अगर उसे लगे कि उसकी टीम अच्छे से काम नहीं कर पा रही है तो वह उसकी वजह जानने की कोशिश करता है कि उन्हें कहाँ पर समस्या आ रही है। वो उस समस्या को पहचान कर उसे ठीक कर देता है जिससे उसकी टीम फिर से अच्छे से काम करने लगती है।

एक मैनेजर या एक बॅास एक कर्मचारी ही होते हैं जिनका काम बाकी के कर्मचारियों पर ध्यान देना होता है। वे एक लीडर हों यह जरूरी नहीं है। लेकिन अगर एक लीडर एक अच्छा मैनेजर भी है, तो इससे अच्छी बात नहीं हो सकती।

एक लीडर का काम होता है अपे लोगों को ज्यादा कामयाबी हासिल करने के लिए उकसाना ताकि वे मंजिल को पहचान कर, उसके लिए समर्पित होकर काम करना शुरू कर सकें। इसके बाद एक मैनेजर आता है जो यह देखता है कि वे अच्छे से काम कर रहे हैं या नहीं और अगर नहीं कर रहे हैं तो क्यों नहीं कर रहे हैं।

लीडर बनने के लिए एक व्यक्ति के अंदर यह काबिलियत होनी चाहिए कि वो लोगों को उनकी काबिलियत का एहसास दिला सके। एक बॅास या एक मैनेजर ऐसा नहीं कर पाता, इसलिए वो एक लीडर नहीं है।

एक लीडर बनने के लिए आपको फैसले लेने होंगे और कदम उठाने होंगे।
अक्सर ही एक लीडर को मुश्किल फैसले लेने पड़ते हैं। ऐसा कर के ही वो दिखा सकता है कि वो एक लीडर है और उसमें मुश्किल वक्त में मुश्किल लेकिन सही फैसले लेने आते हैं। एक बार आपको अपने फैसले पर पूरा भरोसा हो जाए तो आप उसपर डटे रहिए।

मान लीजिए कि आपको पता है कि आपके ग्राहकों को आपके हेडफोन्स काले रंग के पसंद हैं। लेकिन फिर भी आपकी टीम का कहना है कि भविष्य में डाटा में बदलाव होंगे और उन्हें सफेद रंग पसंद आएगा। ऐसे हालात में आप मीटिंग बुलाइए और सबके साथ बैठ कर समझिए कि क्या करना ठीक होगा। अगर अंत में आपको लगे कि आपका डाटा ठीक है और हेडफोन्स को काले रंग का होना चाहिए, तो आप काले रंग का हेडफोन ही बनवाइए।

अगर आपको अपने फैसले पर पूरा भरोसा है और आपका फैसला सच में सही साबित होता है तो आपको लोग आप पर बहुत ज्यादा भरोसा करने लगेंगे। अक्सर लोग उस लीडर की बात नहीं मानते जो या तो गलत फैसले लेता है या फिर फैसले लेकर उसपर काम नहीं करता। अगर आपकी टीम आपकी हर बात काट रही है तो समझ जाइए कि वे आप पर भरोसा नहीं करते।

ऐसे हालात में आपको खुद पर काम करना होगा। आपको अपने आप में सुधार कर के सही फैसले लेना सीखना होगा और अपनी कही गई बात को सबसे पहले खुद पर लागू करना होगा। जब आपके लोग देखेंगे कि आपके फैसलों के नतीजे अच्छे आ रहे हैं तो वे अपने आप आपको पसंद करने लगेंगे।

एक लीडर को अपनी टीम को अच्छे से संभालना आना चाहिए।
एक लीडर हमेशा अपने लोगों से अच्छा से अच्छा काम करवा सकने में काबिल होता है। लेकिन वो क्या है जिससे कि एक कर्मचारी एक लीडर की बात मानने लगता है? आइए देखते हैं।

सबसे पहले तो आपको अपनी टीम को सुनना होगा। जब आप अपनी टीम की बातों को ध्यान से सुनेंगे तो उन्हें लगेगा कि उनके विचार भी मायने। रखते हैं और इस तरह से वे अलग अलग तरह के आइडियाज़ आपके लिए खोज कर लाते रहेंगे। एक लीडर जरूरत पड़ने पर अपने कर्मचारी के आइडिया को अपना बता सकता है।

एक लीडर को अपनी टीम की इज्जत करनी चाहिए। अगर आप उन्हें वो सम्मान देंगे और उनका खयाल रखेंगे तो वे आपकी बात मानेंगे। उनके साथ ईमानदारी दिखाइए, वे भी आपके साथ ईमानदार रहेंगे।

लेकिन कभी कभी आपके लोग गलती कर बैठेंगे। कभी कभी हालात ऐसे होंगे कि आप चाह कर भी उन्हें डाँटने से या उन्हें उनकी कमियां बताने से खुद को नहीं रोक पाएंगे। ऐसे हालात में आपको यह सीखना होगा कि किस तरह आप यह काम कर सकते हैं जिससे उन्हें इस बात का बुरा ना लगे और वे आपकी बात को समझें।

इसके लिए सबसे पहले यह भूल जाइए कि आपके कर्मचारी ने कोई गलती की है। आप यह याद रखिए कि किस तरह से वो कर्मचारी उस गलती से सीख ले सकता है ताकि वो गलती उससे फिर से ना हो।

अगर आप उनकी हर गलती के लिए उन्हें फटकारते रहेंगे तो समय के साथ वे आपकी इज्जत करना बंद कर देंगे। ऐसे में आप एक लीडर ना बनकर एक बॅास बन जाएंगे। याद रखिए, एक लीडर के अंदर यह काबिलियत होती है कि वो अपने कर्मचारियों को प्रेरित कर सके।

एक अच्छी टीम बनाने के लिए एक अच्छे लीडर का होना बहुत जरूरी है।
एक अच्छा लीडर हमेशा अच्छे कर्मचारियों को चुनता है क्योंकि वो जानता है कि एक अच्छा कर्मचारी ही उसके बिजनेस को आगे तक लेकर जा सकता है। वो अपने कर्मचारियों की इज्जत करता है और उनका खयाल रखता है।

बहुत से लोग कर्मचारियों को सिर्फ एक खास काम के पूरा होने तक रखते हैं। जब उनका काम पूरा हो जाता है तो वे अपने कर्मचारियों को निकाल देते हैं। ऐसा करने पर उनके पास सिर्फ ऐसे कर्मचारी रह जाते हैं जिन्हें सिर्फ पैसों से मतलब होता है। वे काम सिर्फ उतना करते हैं जितने से काम चल जाए। इसलिए एक अच्छी टीम को तैयार करने के लिए सबसे पहले आपको अच्छा बनना होगा ताकि आपके कर्मचारी पैसों से ऊपर उठ कर काम कर सकें।

इंटरव्यू में आप जो सवाल पूछते हैं उनसे यह पता लगता है कि एक कर्मचारी किस तरह से काम करता है।  आप उन्हें कुछ समस्याएं दीजिए और उनसे पूछिए कि किस तरह से वे इस समस्या को सुलझाएंगे। वे जो भी जवाब देंगे उससे यह पता लगेगा कि वे कितना अच्छा काम कर सकते हैं।

इसके बाद आप अपने कर्मचारियों में काम से लगाव पैदा करने के लिए काम पूरा हो जाने पर उन्हें कुछ ईनाम दीजिए। काम पूरा होने से पहले उन्हें प्रेरित करने के लिए पैसे मत दीजिए। जब आपके कर्मचारियों को पहले ही ईनाम मिल जाएगा तो वे काम करने के लिए प्रेरित नहीं होंगे क्योंकि उन्हें पता लग जाएगा कि इसके बाद उन्हें कुछ नहीं मिलने वाला। इसलिए आप उन्हें अपनी बातों से प्रेरित कीजिए

इन सभी का इस्तेमाल कर के आप पहले से एक बेहतर लीडर बन सकते हैं और साथ ही एक अच्छी टीम बना सकते हैं।

कुल मिलाकर
एक लीडर वो होता है जिसकी वजह से एक टीम में काम करने का और कुछ हासिल करने का उत्साह होता है। वो अपनी टीम से काम करवाना जानता है। एक लीडर को जरूरत पड़ने पर मुश्किल फैसले लेने आना चाहिए और साथ ही अपने कर्मचारियों की गलतियों को भी एक अच्छे तरीके से संभालना आना चाहिए।

 

स्वार्थी होना अच्छा है।

बिजनेस करना कोई आसान काम नहीं है। एक टीम को संभालने के लिए आपको अलग अलग लोगों को फोन लगाना होगा। अगर आपको लगता है कि आपके एक फैसले से बिजनेस का फायदा होगा लेकिन कर्मचारियों का नुकसान होगा, तो उस फैसले को ले लीजिए। आप अपने फैसले लेने की वजह को सभी को समझा दीजिए और फिर अपने प्लान के हिसाब से काम कीजिए।


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