Denise Lee Yohan
The Seven Brand-Building Principles That Separate the Best From The Rest
दो लफ्जों में
इस किताब में यह बताया गया है कि किसी ब्रांड को टॉप पर ले जाने और उसे वहां पर बनाए रखने के लिए क्या करना पड़ता है. और इसमें ऐसी टेक्निक शेयर की गई हैं जिसकी मदद से किसी ब्रांड की आइकन वैल्यू को बढ़ाया जा सकता है. यह किताब बिजनेस एग्जीक्यूटिव्स के लिए हर लेवल पर मददगार साबित हुई है . और यह अगली पीढ़ी के आने वाले महान ब्रांड्स का भी मार्गदर्शन करेगी.
यह किनके लिए है
- यह उन सभी सी ई ओ और इंटरप्रेन्योरर्स के लिए है जो ग्रेट ब्रांड्स की पावर को देखना चाहते हैं.
- जो अपने बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन को डेवलप करना चाहते हैं.
- जो कारपोरेट कल्चर के साथ अपना ब्रांड बनाना चाहते हैं.
- जो अपने बिजनेस को बेहतर तरीके से चलाने के लिए ब्रांड बनाने के सिद्धांत और उसके टूल्स के बारे में सीखना चाहते हैं. और
- जो एक ब्रांड को टॉप पर ले जाने, उसे बनाए रखने और उसका लाभ उठाने के बारे में सीखना चाहते हैं.
लेखिका के बारे में
डेनिस ली योहन 1990 से एक ब्रांड - बिल्डिंग विशेषज्ञ के तौर पर काम कर रही हैं. यह एक कंसलटेंट, स्पीकर और राइटर हैं, जो तमाम कंपनियों को टीचिंग और इंस्पायर करने के तरीके से यह सिखाती हैं कि उन के बिजनेस को अच्छे से आगे बढ़ाने के लिए कैसे संचालित किया जाना चाहिए. डेनिस ली सोनी कंपनी की ब्रांड और स्ट्रैटिजी के लिए उन की प्रेसिडेंट और जनरल मैनेजर रह चुकी हैं.
ग्रेट ब्रांड्स इग्नोर ट्रेंड्स :
2011 में पॉपुलर अमेरिकन टी वी टॉक शो की होस्ट ओपरा विन्फ्रे ने शो की शुरुआत के 25 साल बाद उस शो को बंद कर दिया. उन्होंने ऐसा करके एक लंबे समय से चल रहे अपने सक्सेस फुल प्रोग्राम के साथ बने रहने के ट्रेंड से खुद को अलग कर लिया. विनफ्रे हमेशा चीजों को अलग तरीके से किया करती हैं .
अपने शो के दौरान वह जिन प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करने की सिफारिश किया करती थीं, उसके लिए उन्होंने कभी प्रॉफिट कमाने की कोशिश नहीं की. और प्रोडक्ट का प्रमोशन किए जाते वक्त उन प्रोडक्ट्स के रिटेलर्स के साथ उन का किसी तरह का लाइसेंसिंग एग्रीमेंट भी नहीं था. और ना ही उनका टॉक शो अपने बुक क्लब के लिए किसी किताब की सिफारिश करते वक्त कोई पैसा ही कमाता था.
ओपरा शो उस वक़्त तक इतिहास का सब से लंबा चलने वाला डे टाइम टी वी टॉक शो था. इस शो ने बंद किए जाने से पहले 47 प्राइम टाइम एमी अवार्ड हासिल किए थे.
2002 में इस शो को टी वी गाइड के 50 ऑल टाइम्स ग्रेटेस्ट टी वी शोज में से 49 th रैंक पर रखा गया था.
2013 में ऑल टाइम्स ग्रेटेस्ट टी वी शोज में उन के टॉक शो को 19 th रैंक पर रखा गया था.
ओपरा विन्फ्रे कभी भी पब्लिक के साथ मिक्स अप नहीं हुयीं.
उन्होंने हमेशा अपने दौर में चलने वाले कॉमन कमर्शियल ट्रेंड्स को अवॉइड किया.
ठीक इसी तरह से ग्रेट ब्रांड्स को भी एक्ट करना चाहिए. यह खास कर अपने बारे में सोचते हैं. यह लोगों के रहन सहन के बारे में होने वाले बदलाव का अंदाजा लगाते हैं और आगे बढ़ते हैं.
ओपरा विन्फ्रे के एग्जांपल को फालो करने के लिए आप को सोशल मीडिया, कल्चरल डेवलपमेंट और ब्रांड एक्टिविटी को स्कैन करना चाहिए . पब्लिक को सुनना चाहिए. और बिजनेस की उभरती हुई नई थीम की पहचान करनी चाहिए.
यह ब्रांड रिसर्च का ही कमाल है जिसकी वजह से कंपनी ज्यादा गहराई से डिवेलप करती है, ज्यादा पैसे वाली बनती है, कस्टमर्स से ज्यादा मजबूत कनेक्शन बनाती है और कस्टमर्स के लिए मजबूत और बहुत से दूसरी तरह के आकर्षक प्रोडक्ट्स के दावों को बनाए रखती है.
आपको टाइम टाइम पर एक ब्रांड एनालिसिस करते रहना चाहिए जिस से आप के ब्रांड की ताकत और उस के विस्तार किए जाने की अपॉर्चुनिटी का पता लगाया जा सके.
इसमें बुनियादी तथ्यों की खोज, कस्टमर रिसर्चग्रेट ब्रांड्स अवॉइड सेलिंग प्रोडक्ट :
1987 मे दुनिया भर मे मशहूर, खिलाड़ियों के लिए जूते बनाने वाली नाइकी फर्म ने ' जस्ट डू इट ' नाम से एक बहुत इफेक्टिव मार्केटिंग प्रोग्राम का कैंपेन लॉन्च किया . जिसे उस फर्म ने सक्सेस फुली 10 साल तक स्पॉन्सर किया . जस्ट डू इट का अभियान एथलेटिक शूज की सेल को खुल कर बढ़ाने के लिए नहीं चलाया गया था बल्कि इस अभियान से नाइकी की ब्रांड वैल्यूज को खूब प्रमोट किया गया था . और फिर इस अभियान ने कस्टमर्स के साथ बहुत मजबूत इमोशनल कनेक्शन इस्टैबलिश्ड कर लिया . और उन्हें फिजिकली एक्टिव करने में भी मदद की. इस अभियान ने नायकी के प्रोडक्ट्स को उनके कम्पीटीटर्स के लुभावने ऑफर्स से अलग पहचान दी और उन्हें मार्केट में अच्छी तरह सेट कर दिया.
जब किसी ऑर्गेनाइजेशन में हर कोई सच्चे तौर पर ब्रांड के साथ जुड़ जाता है तब वहां पर सब लोग कुदरती तौर पर अपने आप को ब्रांड वैल्यू के डेवलपमेंट और डिलीवरी में इन्वोल्व कर लेते हैं .
जस्ट डू इट कंज्यूमर्स के साथ शानदार इमोशनल कनेक्शन बनाने की मिसाल पेश करता है. यह प्रोडक्ट के बारे में एक्सप्लेन करने की जगह उससे कहीं ज्यादा इंपॉर्टेंट सवाल का जवाब प्रोवाइड करता है कि ' यह आपको कैसा महसूस कराता है?'
दरअसल मौजूदा दौर में लोगों को प्रोडक्ट की लाभकारी प्रभाव प्रोवाइड करने की क्षमता से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन कंज्यूमर्स के अन्दर प्रोडक्ट के लिए उन के माइंड शेयर और दिल के शेयर को डेवलप करना बिजनेस की सक्सेस के लिए बहुत मायने रखता है.
ग्रेट ब्रांड्स स्वेट द स्मॉल स्टफ :
ग्रेट ब्रांड्स वाली कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करते टाइम सिर्फ उन इंपोर्टेंट फैक्ट्स पर ही फोकस नहीं करती हैं, जो उनकी पोजीशन और प्रभाव के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार होते हैं, बल्कि वह उनके करीबी डिटेल्स पर भी खास ध्यान देती हैं.
एप्पल के को - फाउंडर स्टीव जॉब्स इस बात को अच्छी तरह समझते थे कि ज्यादातर लोग अक्सर किताब का कवर देखकर ही उसको जज कर लिया करते हैं . इसी वजह से एप्पल के सारे प्रोडक्ट्स अपने सभी पहलुओं को अपनी ब्रांड आइडेंटिटी के मुताबिक पूरी तरह जस्टिफाई करते हैं .
जैसे कि एप्पल ने 'आई मैक ' के नाम से मैकिनटोश कंप्यूटर डेस्क टॉप की एक रेंज को डिजाइन किया है और उसको बनाया है . आई मैक का पहला अक्षर 'आई', इन्टरनेट का शॉर्ट फॉर्म है और यह अक्षर प्रोडक्ट के फोकस को पर्सनल डिवाइस के तौर पर भी रिप्रजेंट करता है.
2001 में एप्पल ने व्हाइट कलर में खूबसूरत 'आई पॉड ' के नाम से हेड फोन्स को प्रोड्यूस करना और बेचना शुरू किया.
और फिर 2010 में आई पैड के नाम से अपना नया प्रोडक्ट लॉन्च कर दिया.
आई पैड, टेबलेट कंप्युटर्स की एक लाइन है जिसको एप्पल ने डिजाइन और डिवेलप करने के बाद उसकी मार्केटिंग की है. और जिसके जरिए से मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को चलाया जाता है. इस तरह से डिटेल पर छोटे से छोटा अटेंशन भी ग्रेट ब्रांड बिल्डिंग में बहुत मदद करता है.
अगर आप अपने सबसे अच्छे कस्टमर्स को टारगेट कर लेते हैं और उनके सामने अपनी यूनिक वैल्यू को पेश करने पर फोकस करते हैं. तो ऐसा करके आप अपने ब्रांड को मजबूत करने के साथ - साथ ऐसे कस्टमर्स के साथ अपने संबंधों को भी मजबूत कर लेते हैं.
इसलिए अपने स्टेक होल्डर्स की प्रायोरिटीज तय करने के लिए ब्रांड टच पॉइंट के तरीकों को इस्तेमाल कीजिए. ऐसा करने के लिए सबसे पहले उन सभी तरीकों की एक लिस्ट बनाइए जिन के जरिए से आप की कंपनी बाहरी दुनिया से संपर्क करती है और बहुत से एक्सपीरियंसेज ऑफर करती है.
इस के बाद उन सभी इंटरनल प्रोसेसेज को दिखाइए जो कंजूमर्स को आप का ब्रांड एक्सपीरियंस करने की कोई भी अपॉर्चुनिटी प्रोवाइड करता है.
इस ग्राफिक के जरिए से यह तय करने की कोशिश कीजिए कि वह कौन सी अपॉर्चुनिटीज हैं जिन का आप के ब्रांड के साथ सही तरीके से ताल मेल नहीं हो पा रहा है. इसके बाद आप उनको सही तरीके से फिट करने के लिए उन पर दोबारा से फोकस कीजिए.
ग्रेट ब्रांड्स डोंट चेज कस्टमर्स :
लुलुलेमोन एथलेटिका कनाडा की एक मल्टीनेशनल कंपनी है जो खिलाड़ियों और योगा के लिए ड्रेसेस बनाती है. कंपनी की खासियत उसके प्रोडक्ट्स की ऊंची कीमतें हैं. इस कंपनी ने कभी भी अपने इंपॉर्टेंट प्रोडक्ट्स के लिए डिस्काउंट ऑफर नहीं किया है. इनकी ब्रांड और कम्युनिटी सीनियर वाइस प्रेसिडेंट लॉरा क्लाबर्ग का कहना है कि वह लोग हर किसी से अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग के लिए अपील नहीं करते. इसलिए लुलुलेमोन कंपनी कभी कस्टमर्स का पीछा नहीं करती. बल्कि यह अपने कुछ खास कंज्यूमर्स को टार्गेट करती है. और उनकी जरूरतों के मुताबिक हाई क्वालिटी वाले प्रोडक्ट्स बनाने के लिए कड़ी मेहनत करती है.
दर असल अगर आप इमोशनल ब्रांड बिल्डिंग करना चाहते हैं तो आप के लिए अपने कस्टमर के साथ एक पर्सनल डायलाग डिवेलप करना जरूरी हो जाता है.
आप की ब्रांड आइडेंटिटी जितनी ज्यादा मजबूत होगी आपके लिए भी अपनी पसंद के मुताबिक कस्टमर्स को अट्रैक्ट करना उतना ही आसान होगा .
इसलिए आप को अपने ऑडियंस की पहचान करने के लिए जरूरी रिसर्च करनी चाहिए. जिसके लिए आप को जरूरत के बेस पर मार्केट सेगमेंटेशन एनालिसिस करनी चाहिए. जिसके जरिए आप अपने प्रोडक्ट के लिए कंजूमर डिमांड के फैक्टर्स की पहचान करने वाला अभियान शुरू कर सकते हैं.
मार्केट सेगमेंटेशन एनालिसिस करने के लिए बिजनेस मार्केट को कई हिस्सों में डिवाइड कर लिया जाता है . जिसमें आप के मौजूदा कस्टमर्स और फ्यूचर में बनने वाले कस्टमर्स होते हैं. ऐसे डिवीजन्स कंजूमर्स की कुछ खास साझा विशेषताओं के आधार पर बनाए जाते हैं और इन्हीं डिवीजन्स को मार्केट सेगमेंट कहते हैं.
मार्केट सेग्मेंट बनाते वक्त आमतौर पर कंजूमर्स की साझा जरूरतों, साझा इंटरेस्ट की चीजों, एक जैसी लाइफ स्टाइल्स और उनकी आबादी के मुताबिक रिसर्च की जाती है. और फिर ऐसे सेग्मेंट्स की पहचान की जाती है जिन से सबसे ज्यादा प्रॉफिट होने की उम्मीद होती है . ऐसे मार्केट सेग्मेंट्स को स्पेशल अटेंशन दिए जाने के लिए सिलेक्ट कर लिया जाता है.
मार्केट सेगमेंटेशन का इस्तेमाल सिर्फ सबसे ज्यादा प्रॉफिटेबल सेगमेंट की पहचान करने के लिए ही डिजाइन नहीं किया जाता है बल्कि इस की मदद से कुछ अहम सेगमेंट्स के प्रोफाइल को भी डिवेलप किया जाता है. जिससे कि उनकी जरूरतों और परचेज मोटिवेशंस को ज्यादा बेहतर तरीके से समझा जा सके.
एक बार जब आप को अपने सबसे अच्छे कस्टमर्स की पहचान हो जाती है , तब आप उनको अट्रैक्ट करने के लिए ब्रांड सेन्टर्ड कस्टमर स्ट्रेटजी डेवलप कर सकते हैं.
ग्रेट ब्रांड्स नेवर हैव टू गिव बैक :
कस्टमर सोशल रिस्पांसिबिलिटी ( सी एस आर ) एक ऐसा प्रोसेस है जो किसी कंपनी के अहम स्टेक होल्डर्स को नैतिकता के आधार पर एक्सेप्टेबल इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के मुताबिक ट्रीट करता है.
सी एस आर को इन वजहों से कंपनी में लागू किया जाता है :
1. कस्टमर इंगेजमेंट - सी एस आर का इस्तेमाल कस्टमर्स से नए तरीकों से जुड़ने में आपको मदद करता है. क्योंकि किसी अच्छी चीज के बारे में मैसेज देकर आप उन से आसानी से बात चीत शुरू कर सकते हैं.
2. एम्प्लॉयी इंगेजमेंट - आप के एम्प्लॉयीज के लिए यह पता होना बहुत इम्पोर्टेन्ट और फायदे मंद होता है कि आर्गेनाइजेशन के अंदर क्या चल रहा है. अगर उनको किसी अच्छी चीज के बारे में पता होगा तो उनको कंपनी के लिए गर्व और खुशी के एहसास महसूस होते रहेंगे.
3. ब्रांड डिफरेंशिएशन - मिसाल के तौर पर कोक और पेप्सी लगातार एक दूसरे से मार्केट शेयर छीनने के रास्ते तलाश करते हैं. हालांकि दोनों ही कंपनियां सी एस आर के मुताबिक ही बिजनेस में पार्टिसिपेट करती हैं. इसी तरह आप के लिए भी सी एस आर का इस्तेमाल करने के बावजूद अपनी ब्रांड वैल्यू को दूसरी कंपनियों से अलग कर पाना मुश्किल होता है. फिर भी यह प्रोसेस बेनिफिट कमाने में आपकी मदद करता है.
4. लोंग टर्म प्लान्स - सी एस आर के इनीशिएटिव्स शॉर्ट टर्म बेनिफिट की जगह अगले 10 साल तक ऑर्गनाइजेशन के बिजनेस इफेक्ट पर फोकस करने में हेल्प करते हैँ .
ब्रांड के स्थाई मूल्यों को डिवेलप करने के लिए ब्रांड - एज - बिजनेस के तरीके को 4 तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है:
1. एक्सपोज न्यू ग्रोथ ओप्पोर्चुनिटीज - अपने बिजनेस के नेचर को साफ तौर पर जानने के लिए इसमें इनोवेशन, एक्सपेंशन , मर्जर एंड एक़्वीजीशन की ओप्पोर्चुनिटीज के बारे में पता लगाइए.
2. शेप बिजनेस ऑब्जेक्टिव्स - अपने ब्रांड को ऐसे पोजीशन कीजिए जिस में आपके गोल्स और पर्पज रिफ्लेक्ट हो सकें.
3.क्रिएट यूनीफाइड , फोकस्ड एंड इंटीग्रेटेड टीम्स - आपके ब्रांड की वैल्यू ग्राहकों के लेन देन से भी कहीं ज्यादा मायने रखती है. यह आप के बिजनेस के सभी पहलुओं पर लागू होती है. जिसमें यह बात शामिल है कि आप के अपने स्टाफ के साथ संबंध कैसे हैं और इसके अलावा एंपलाईज की भर्ती , उन की ट्रेनिंग और डेवलपमेंट, और कंपनसेशन और रिवार्ड प्रोग्राम शामिल हैं.
4.कनेक्ट द डेली एक्टिविटीज ऑफ एवेरी एंपलाई टू द कस्टमर - ' ब्रांड - एज - बिजनेस ' की अप्रोच एंप्लाइज को मोटिवेट करती है, प्रोडक्टिविटी बिल्ड करती है और कस्टमर्स को ज्यादा बेहतर तरीके से सर्व करने के लायक बनाती है.
ग्रेट ब्रांड्स कमिट एंड स्टे कमिटेड :
शेक शैक एक अमेरिकन फास्ट फूड रेस्टोरेंट की चेन है जो न्यू यॉर्क सिटी में बेस्ड है. जिसकी शुरुआत 2001 में एक ठेला गाड़ी पर हॉट डॉग बना कर बेचने से हुई थी. धीरे - धीरे इस की पॉपुलरिटी बढ़ती गई, और फिर शेक शैक ने दुनिया भर में बेहद पॉपुलर रेस्टोरेंट चैन के 30 स्टोर्स की शुरुआत कर दी. लेकिन इन लोगों ने अपने बुनियादी नजरिए को कभी भी चेंज नहीं किया. और इन्होंने अलग तरीके के खुश नुमा माहौल में स्वादिष्ट खाने की चीजों को बनाना और डिलीवर करना जारी रखा.
यह फर्म कैटरिंग की सुविधा या ऑन लाइन ऑर्डर प्लेस करने की सर्विस प्रोवाइड नहीं करती है . और यह लोग कभी भी अपने बुनियादी मिशन के प्रभाव को कम करने वाला कोई भी प्रपोजल ऑफर नहीं करते हैं.
दरअसल लोग उसी के मुताबिक खरीदारी करने लगते हैं जिस तरह से ग्रेट ब्रांड्स उनको महसूस करवाते हैं. या अपनी जिस पहचान से उनको एक्सपीरियंस करने में और खुद को एक्सप्रेस करने में मदद करते हैं.
मिसाल के तौर पर क्रिस्पी क्रीम एक अमेरिकी डोनट कंपनी और कॉफ़ी हाउस की चैन है . 2000 के दौरान यह अमेरिका मे कस्टमर्स को फ्रेश और हॉट डोनट्स ऑफर करने वाला पॉपुलर ब्रांड बन चुका था.
क्रिस्पी क्रीम ऑर्डर पर उसी समय डोनट्स को बनाकर उन शॉप्स में सर्व कर देती थी जहां उन के अंदर एक खिड़की के दूसरी तरफ कुकिंग और प्रोडक्शन लाइन बनी हुई थी. हालांकि कंपनी के अंदर सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था इसके बावजूद उसने एक बड़ी गलती कर दी.
2000 में क्रिस्पी क्रीम एक प्राइवेट कंपनी के तौर पर शेयर मार्केट में अपना इनिशियल पब्लिक ऑफर ( I P O) लेकर आई. लेकिन उन्हें इसके अच्छे नतीजे हासिल नहीं हुए.
इस वजह से इस कंपनी ने अपने शेयर होल्डर्स को सेटिस्फाई करने के लिए अपने डिस्ट्रीब्यूशन का एक्सपेंशन किराना स्टोर्स और गैस स्टेशन तक कर दिया .
और फिर जल्दी ही क्रिस्पी क्रीम की फ्रेश और हॉट डोनट्स ऑफर करने वाली इमेज की क्रेडिबिलिटी गायब हो गई. और जैसे - जैसे कस्टमर्स उन के खुशबूदार और लुभावने डोनट्स को बनाए जाने के प्रदर्शन से दूर होते गए वैसे वैसे उन्होंने इन के बारे में क्रिस्पी क्रीम की खासियत के तौर पर सोचना बंद कर दिया.
क्योंकि क्रिस्पी क्रीम अपनी यूनिक पहचान के लिए कमिटमेंट को बनाए रखने में फेल हो गई थी इस वजह से उसने अपने ब्रांड को करीब - करीब बर्बाद कर दिया था.
बाद में वह अपनी जड़ों की तरफ वापस लौट आई. उसने दोबारा अपने ब्रांड प्रोडक्ट फ्रेश और हॉट डोनट की तरफ पूरी तरह से ध्यान देना शुरू कर दिया. और अपने बुनियादी मिशन से खुद को री कनेक्ट किया . इसके बाद उसने फाइनली दोबारा से खूब मुनाफा कमाना शुरू कर दिया.
कुल मिलाकर
इस किताब को पढ़कर हमने यह सीखा कि एक ग्रेट ब्रांड को बनाने के लिए प्लानिंग करते टाइम हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
टॉप ब्रांड्स के बारे में मेन पॉइंट्स :
1. टॉप ब्रांड्स अपने बिजनेस का मेन आधार और उसको सही रास्ता दिखाने वाले होते हैं.
2. यह फिलासफी ब्रांड का इस्तेमाल 7 तरह के मार्ग दर्शक सिद्धांतों के जरिए से ब्रांड बिल्डिंग करने के लिए करती है.
3. ग्रेट ब्रांड्स को एस्टेब्लिश होने के लिए उसी के मुताबिक ग्रेट कॉर्पोरेट कल्चर की जरूरत होती है.
4. ग्रेट ब्रांड्स कंज्यूमर्स के साथ स्ट्रॉन्ग इमोशनल कनेक्शन डेवलप कर लेते हैं .
5. ग्रेट ब्रांड्स को जब इम्पोर्टेन्ट डेवलपमेंट की उम्मीद नजर आती है तब वह नए दौर के ट्रेंड्स को भी इग्नोर कर देते हैं.
6. ग्रेट ब्रांड्स क्वालिटी प्रोडक्ट्स और बेहतरीन सर्विस पर यकीन करते हैं. और वह डिस्काउंट्स सेल्स या चालबाजियों में यकीन नहीं रखते हैं.
7. ग्रेट ब्रांड्स अपने मिशन के लिए सच्चाई के साथ खड़े रहते हैं.
8. ग्रेट ब्रांड्स सोशल रिस्पांसिबिलिटी को भी अपने कार्यक्रम का ही एक हिस्सा मानते हैं.
9. ग्रेट ब्रांड्स प्रोडक्ट की डिटेल्स पर ध्यान देने की जगह उसकी बड़ी पिक्चर पर ज्यादा फोकस करते हैं.
10. हमें कॉमन बिजनेस प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने के लिए ब्रांड को बिजनेस के नजरिए से ईस्तेमाल करना चाहिए. इसलिए शुरुआत में हमें अपने ब्रांड को उसी मुताबिक लागू करना चाहिए जिस मतलब के लिए उसे पूरे ऑर्गनाइजेशन के लिए बनाया गया है.
क्या करना चाहिए
जब ' ब्रांड - एज - बिजनेस ' फर्म्स अपने ब्रांड्स को कंट्रोल करने लगती हैं, तो उनकी कंपनियों का कंट्रोल भी दोबारा से प्रभाव में आ जाता है . उनके एग्जांपल को फॉलो करने के लिए हमें सभी 7 सिद्धांतों का पालन करना चाहिए. हमें उनमें से कुछ को चूज कर के बाकी को इग्नोर नहीं कर देना चाहिए. हमें इस स्ट्रैटेजी को लागू करने के लिए इन तीन एलिमेंट्स पर फोकस करना चाहिए :
1. कल्चर - एक मजबूत और फुर्तीला कारपोरेट कल्चर ब्रांडेड बिजनेस के लिए उसकी बुनियाद होता है.
2. प्लानिंग - अपनी ब्रांड वैल्यू को जाहिर करने के लिए हमें यह चुन लेना चाहिए किन एक्टिविटीज को शुरू करना या जारी रखना है और किन एक्टिविटीज को छोड़ देना है.
3. एग्जीक्यूशन - फोकस को बनाए रखिए , डिटेल्स पर ध्यान दीजिए, और अपने हित धारकों और अपनी कम्युनिटी के साथ नैतिकता दिखाइए.
हमें ब्रांड बिल्डिंग को एक स्ट्रेटजी के तौर पर नहीं सोचना चाहिए. बल्कि हमें इसे किसी आयोजन की तरह समझना चाहिए. आपके ब्रांड्स आपके लिए खास कर ऑर्गनाइजेशन के बारे में और बिजनेस संचालन के मार्गदर्शक होने चाहियें.
ब्रांड बिल्डिंग आपके ब्रांड को लागू करने के लिए कहता है जो आपके पूरे ऑर्गनाइजेशन के लिए खड़ा है.
कॉमन बिजनेस प्रॉब्लम और उनके सलूशन :
अपने ब्रांड को अपने लोगों और अपने एक्शन्स का मार्ग दर्शन करने के लिए कारपोरेट जगत का ध्रुव तारा बनाइए. जिससे कि आपका ब्रांड कॉमन बिजनेस प्रॉब्लम्स में ब्रांड - एज - बिजनेस स्ट्रैटिजी को लागू कर के प्राथमिकता, नई खोज और बार-बार आने वाले मुद्दों के समाधान लागू करने में आपकी मदद कर सके. जिनमें यह मुद्दे शामिल हैं :
मुद्दा नंबर 1. हम जितनी तेजी से ग्रो करना चाहते हैं उतनी तेजी से ग्रो नहीं कर पा रहे हैं - इसके लिए सुझाव है कि ' ब्रांड - एज - बिजनेस ' का नजरिया कस्टमर से अपनापन और दोस्ती बढ़ाता है. जिस की वज़ह से मार्केट में पुश के मुकाबले में पुल बढ़ने लगता है जिसका मतलब है कि आपको अपना प्रोडक्ट सेल करने के लिए ज्यादा जोर नहीं लगाना पड़ता है बल्कि कस्टमर खुद आगे बढ़कर मार्केट से प्रोडक्ट को खरीदने लगता है.
मुद्दा नंबर 2. हम अपने कंपीटीटर्स से शेयर्स लूज कर रहे हैं - इसके लिए सुझाव है कि ब्रांड - एज - बिजनेस आपकी फर्म को एक नॉर्मल मार्केट ट्रेंड से अलग कर देता है इस वजह से आपको कंपीटेटिव दखल अंदाजी का कम नुकसान होता है.
मुद्दा नंबर 3. हमें कम रिसोर्सेज से ज्यादा प्रोडक्टिव होने की जरूरत है - इसके लिए सुझाव है कि आप अपनी एफिशिएंसी को बेहतर बना कर कम एफर्ट लगा कर भी ज्यादा रिजल्ट हासिल कर सकते हैं.
मुद्दा नंबर 4. हमें कस्टमर्स के बहुत से एक्सपीरियंसेज को एक-एक करके समझने की जरूरत है - इसके लिए सुझाव है कि आप को अपने कस्टमर्स में और अपने हित धारकों के बीच में अपने ब्रांड की बेहतर समझ बनाने के लिए अपने ब्रांड टच पॉइंट्स का इस्तेमाल करना चाहिए.
ब्रांड टच पॉइंट्स बिजनेस में कस्टमर्स से बात चीत करने और उन के साथ जुड़ने के तरीकों को कहते हैं. इसलिए आपको इन बातों पर ध्यान देना चाहिए :
- मौजूदा टच पॉइंट्स को पहचानें और सुधारें.
- नए ब्रांड टच पॉइंट्स डिवेलप करें.
- दूसरे ब्रांड्स से सीखें.
- टच पॉइंट्स को कंज्यूमर्स की जरूरत के मुताबिक बनाएं.
- अपने कंज्यूमर्स से उनका रिस्पांस लें .
- अपने कंज्यूमर्स की तरह सोचें.
- अपने ब्रांड के लिए सच्चे रहें.
मुद्दा नंबर 5. एम्प्लाइज का मनो बल कम हो गया है - इसके लिए सुझाव है कि अपने एम्पलाइज को मोटिवेट कीजिए और उन में एनर्जी भरिए.
मुद्दा नंबर 6. आपको इस बारे में गलतफहमी है कि आप कौन हैं और क्या काम करते हैं - इसके लिए सुझाव है कि ब्रांड - एज - बिजनेस की स्ट्रैटिजी को अपना कर आप ब्रांड मे स्पष्टता बना सकते हैं.
मुद्दा नंबर 7. फ्यूचर के बारे में अंदाजा लगाने की हमारी काबिलियत कम होती जा रही है - इसकी वजह यही है कि मौजूदा टाइम में लगातार तेजी से हो रहे परिवर्तन ने हमारी स्ट्रैटेजिक सोच के मुकाबले में स्ट्रैटेजिक प्लानिंग की इंपॉर्टेंस को कम कर दिया है .
दरअसल आपका ब्रांड आपकी इमेज या आपका मैसेज नहीं है. बल्कि आपका ब्रांड वह है जो आपकी फर्म रोजाना अंदरूनी और बाहरी तौर पर करती है. आपका ब्रांड वह है जिन सिद्धांतों पर आपकी फर्म खड़ी हुई है. आपका ब्रांड आप के फर्म की आत्मा है.
येबुक एप पर आप सुन रहे थे WHAT GREAT BRANDS DO by Denise Lee Yohan
ये समरी आप को कैसी लगी हमें yebook.in@gmail.com पर ईमेल करके ज़रूर बताइये.
आप और कौनसी समरी सुनना चाहते हैं ये भी बताएं. हम आप की बताई गई समरी एड करने की पूरी कोशिश करेंगे.
अगर आप का कोई सवाल, सुझाव या समस्या हो तो वो भी हमें ईमेल करके ज़रूर बताएं.
और गूगल प्ले स्टोर पर ५ स्टार रेटिंग दे कर अपना प्यार बनाएं रखें.
Keep reading, keep learning, keep growing.
, हित धारकों के इंटरव्यू , और आप के ब्रांड एक्सपीरियंस और डिस्ट्रीब्यूटर चैनल्स को ऑडिट करना शामिल हैं.
