John Gottman PhD and Julie Schwartz Gottman PhD
सात दिनों का जादू
दो लफ्जों में
ये बात शायद सब मानेंगे कि वक्त के साथ किसी रिश्ते में शुरुआती दौर वाली गर्माहट नहीं रह जाती। ये बहुत ही मुश्किल दौर होता है। अगर ठीक से संभाला न जाए तो इस मोड़ पर रिश्ते टूट भी जाते हैं। साल 2022 में आई ये किताब आप और आपके पार्टनर के बीच नजदीकियां और प्यार बढ़ाने में आपकी मदद करती है। 40 साल की रिसर्च के डेटा पर लिखी गई ये किताब बहुत आसान तरीकों से आपको राह दिखाती है। चाहे आप रिश्ते के किसी भी मोड़ पर क्यों न हों इसमें आपके लिए वो सब जानकारी है जिसकी आपको तलाश है।
ये किताब किनको पढ़नी चाहिए?
• ऐसे लोग जो बिजी होने की वजह से अपने पार्टनर को वक्त नहीं दे पाते हैं
• ऐसे कपल्स जिनके रिश्ते ठंडे पड़ने लगे हैं
• हर वो इंसान जो एक पक्का और मजबूत रिलेशनशिप बनाना चाहता है
लेखक के बारे में
जॉन और जूली साइकोलॉजिस्ट और कपल हैं। जॉन एक एक्सपर्ट मेरिज स्टेबिलिटी काउंसलर के तौर पर पहचाने जाते हैं। उन्होंने 40 से ज्यादा किताबें लिखी हैं जिनमें The Seven Principles for Making Marriage Work जैसी बेस्ट सेलर किताब शामिल है।
छोटे पलों का फायदा उठाइए।
प्यार एक पहेली की तरह लगता है। कुछ कपल्स सारी जिंदगी एक दूसरे से जुड़े रहते हैं जबकि कुछ बहुत जल्द ही अलग हो जाते हैं। इसकी सही वजह कोई नहीं बता सकता। लेकिन जॉन और जूली के पास इसका जवाब है। इस जवाब में एक कपल के तौर पर उनके अपने एक्सपीरियंस तो शामिल हैं पर इसके साथ साइकोलॉजिस्ट, रिसर्चर और काउंसलर के तौर पर उनकी प्रोफेशनल लाइफ के एक्सपीरियंस भी जुड़े हैं। साल 1990 में उन्होंने सिएटल में "Love Lab" भी खोली। अपने करियर के दौरान इन्होंने अनगिनत कपल्स से बात की और ये समझा कि वो क्या बात है जो रिश्ते में प्यार और नजदीकी बनाए रखती है। इसके जवाब में उनको यही समझ आया कि प्यार कोई जादू या पहेली नहीं है जिसे समझना या बनाए रखना मुश्किल हो। ये एक फीलिंग से बढ़कर कोई चीज है जो आप अपने रिश्ते में खुद बना और बढ़ा सकते हैं। इसे एक तरह की स्किल कह लीजिए जिसमें हर कोई एक्सपर्ट बन सकता है। तो चाहे आप हनीमून फेज वाले कपल हों या आपके रिश्ते को सालों बीत गए हों आप जॉन और जूली की सलाह से बहुत कुछ सीख सकते हैं। ये दोनों जानते हैं कि आपकी किस तरह मदद करनी है। इस किताब में कुछ बहुत आसान सी सलाह दी गई हैं जिनको साइंस भी मानता है। आप इसे किसी डॉक्टर के
prescription की तरह समझ लीजिए। जॉन और जूली रिलेशनशिप या यूं कहें कि प्यार के डॉक्टर हैं और उनको आपके रिश्ते में लगी बीमारी की पूरी समझ है। ये मत सोचिए कि अब तो बहुत देर हो चुकी है। आप आज और इसी वक्त से एक नई शुरुआत करके अपने रिश्ते में जान डाल सकते हैं।
तो चलिए शुरू करते हैं!
जब भी कोई कपल अपने रिश्ते से जुड़ी बात या परेशानी बताता है तो उसे यही सुनने को मिलता है कि आप पार्टनर के साथ ज्यादा वक्त बिताओ। इसे बोलना तो काफी आसान है पर करना मुश्किल हो जाता है। इसे आप जेरेमी और एलिसन के उदाहरण से अच्छी तरह समझ सकते हैं। वो जानते थे कि उनके रिश्ते में कुछ गड़बड़ है लेकिन ये सोच सोचकर थक चुके थे कि इसे ठीक कैसे किया जाए। कोविड 19 का दौर था। ये दोनों घर से काम कर रहे थे। उनको अपने बच्चों की पढ़ाई पर भी ध्यान देना होता था क्योंकि बच्चों का स्कूल भी घर से चल रहा था। वे जॉन और जूली से काउंसिलिंग लेने लगे जिनका पहला सवाल यही था कि आप एक दूसरे को वक्त कब देते हो? दोनों के पास कोई जवाब ही नहीं था। उनके पास एक दूसरे के लिए समय था ही नहीं। ये लगभग हर कपल की कहानी है। लेकिन ये सच नहीं है। दिन भर में ऐसे न जाने कितने मौके आते हैं जहां आप एक दूसरे को क्वालिटी टाइम दे सकें। आपको बस इनको समझने की जरूरत है।
जॉन और जूली ऐसे पलों को "bids for connection" कहते हैं। ये बड़े आम से मौके भी हो सकते हैं। जैसे अगर आपके पार्टनर ने जरा सी आह भरी और आपने उससे पूछ लिया "क्या हुआ, सब ठीक तो है?" इस तरह के मौकों पर तीन तरह का रिस्पांस दिया जा सकता है। या तो आप उसकी परेशानी पूछकर अपनी तरफ से केयर दिखाएं। या आप ऐसे जताएं जैसे आपने कुछ देखा या सुना ही नहीं। या आप चिढ़कर या गुस्से में भरकर ये कह दें कि ऐसी हरकतों से मुझे परेशान मत करो। अब सोचकर देखिए कि आपका पार्टनर मोबाइल पर कुछ देखते हुए "अरे वाह" या "सुनो" कहता है। ये उससे कनेक्ट होने का एक तरीका है। इसे इशारा समझ लीजिए। अब आपका रिस्पांस क्या होगा? या तो उसको नजरअंदाज कर दीजिए या बोलिए कि "अभी मैं बिजी हूं।" आप चाहें तो उसके पास आते हुए बोल दीजिए "हां, बताओ क्या हुआ?" हर बार इस तरह से रिस्पांस देना भी मुश्किल है। लेकिन जितनी बार हो सके उतनी बार उसका साथ दें। समय के साथ ये छोटे-छोटे पल बड़ी यादों के तौर पर इकट्ठे हो जाते हैं। पार्टनर की जरूरत पर आपका रिस्पांस कैसा है ये बात आपका रिश्ता बना या बिगाड़ सकती है।
सवाल पूछने की आदत डालिए।
ये भी अपने पार्टनर से जुड़ने का एक तरीका है। जरा सोचिए कि जब आपने डेट करना शुरू किया था तब आप कैसा महसूस करते थे। आप एक दूसरे में खोए रहते थे। हजारों सवाल जवाब किया करते थे। ऐसे इंसान के बारे में सब कुछ जानना कितना अच्छा लगता था जिसके साथ आप पूरी जिंदगी बिताने का सपना देख रहे हैं। लेकिन एक वक्त आता है जब ये सवाल खत्म होने लगते हैं। अब आप दोनों का एक दूसरे में इतना इंट्रेस्ट नहीं रह जाता क्योंकि आप सब कुछ जान चुके होते हैं। लेकिन जॉन और जूली की मानें तो किसी रिश्ते को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए curiosity बहुत जरूरी है। इसलिए एक दूसरे से सवाल जवाब करते हुए उनको और ज्यादा जानने की कोशिश करते रहें। अब यहां सबसे जरूरी है ये समझना कि आपको सवाल किस तरह के करने हैं। "पानी का बिल भर दिया, गार्डन की सफाई वाले को बुला लिया?" इस तरह के सवाल आपकी कोई मदद नहीं करेंगे। इसकी जगह रियल लाइफ के कुछ सवाल किए जा सकते हैं। जैसे फिलहाल तुम्हारे गोल्स क्या हैं? या कुछ हल्की फुल्की बातें जैसे मान लो हम नया घर खरीदें तो तुम उसे कैसे सजाओगे?
इसे आज से ही शुरू कर दीजिए। अगर कोई ऐसी बात पूछनी हो जिसका जवाब देने में वक्त लग सकता हो तो सवाल तब कीजिए जब आप दोनों आराम से बैठे हों। जैसे टीवी देखते हुए या डिनर पर। आप अपने परिवार या दोस्तों को भी अपनी बातचीत का हिस्सा बना सकते हैं। एक और अच्छा तरीका ये हो सकता है कि आप कहीं टहल रहे हों या बाहर निकले हों तब बातचीत की जाए। जब शरीर चलता फिरता रहता है तब बातें जारी रखना आसान हो जाता है। ऐसे में रास्ता भी आसानी से कट जाता है। इस तरह के सवाल करते रहने की आदत डाल लीजिए। आपको जो जवाब मिलेंगे उनसे शायद आपको हैरानी होगी कि आप तो अपने पार्टनर को इतनी अच्छी तरह जानते ही नहीं थे जैसा आपको लगता था। असल में ये सोचना गलत है कि हम किसी के साथ सालों से रहते आ रहे हैं तो उसे अच्छी तरह जानते और समझते हैं। तो सवाल जवाब करते रहिए और पार्टनर के बारे में नई बातें पता लगाते रहिए।
थैंक्यू बोलते रहिए।
हर इंसान की अपनी खासियत होती है। आपका पार्टनर भी दूसरों से अलग है। फिर भी कुछ बातें सबमें एक जैसी होती हैं। जैसे हर कोई ये चाहता है कि उसकी वेल्यू समझी जाए, उसकी तारीफ की जाए। अच्छी बात ये है कि सामने वाले को ये एहसास दिलाना बहुत आसान है। देखिए कि कैसे छोटा सा शब्द अपना जादू चला देता है। जोएल और डेविड भी गॉटमैन कपल के पास काउंसिलिंग के लिए आए। उनका रिश्ता काफी मुश्किल दौर से गुजर रहा था। दोनों एक दूसरे के साथ खुश नहीं थे। उनको लगता था चाहे कुछ भी कर लो सामने वाला खुश नहीं होगा। फिर एक दिन सब बदलने लगा। जब वो अगली काउंसिलिंग के लिए आए तो पहले से ज्यादा खुश नजर आ रहे थे। वो सोफे पर पहले से ज्यादा नजदीक बैठे हुए थे। जब उनसे इस बदलाव की वजह पूछी गई तो जोएल ने मुस्कुराकर कहा कि डेविड ने कॉफी बनाकर देने पर उसे थैंक्यू बोला। इस बात से वो बहुत खुश थी।
देखिए कि एक छोटे से थैंक्यू ने कितना बड़ा काम कर दिया। जोएल और डेविड अब एक दूसरे की कमी निकालने की जगह अच्छाइयों पर ध्यान देने लगे थे। असल में इंसानी दिमाग ऐसा ही होता है। हम गल्तियां ढूंढते हैं। लेकिन थोड़ी कोशिश के बाद हम इस आदत पर काबू पा सकते हैं जहां हमें अच्छाइयां दिखनी शुरू हो जाएं। अपने पार्टनर के बर्ताव पर ध्यान दीजिए। देखिए कि उसकी कौन सी बातें उसे खास बनाती हैं। वो किस जगह आपकी मदद करते हैं। आपको ये देखकर हैरानी होगी कि वो उनकी वजह से आप कितनी आसानी से जी रहे हैं। फिर चाहे किचन संभालना हो, बच्चों को स्कूल से लाना या उनका होमवर्क करवाना। उन्होंने आपका बहुत सा काम अपने कंधों पर ले रखा है। और अब जब आप उनकी कीमत समझ ही चुके हैं तो उनको थैंक्यू कहने में क्यों पीछे रहना। इस शब्द को बोलना अपना रूटीन बना लीजिए। इस तरह आप अपने रिश्ते में एक ताजगी भरने लगते हैं। थैंक्यू नाम का शब्द आपके रिश्ते को मजबूत करने लगता है।
एक दूसरे की तारीफ करते रहिए।
वैसे तो थैंक्यू बोलना भी तारीफ करने का एक हिस्सा है। लेकिन इसके अलावा आपको अपने पार्टनर की तारीफ भी करते रहना चाहिए। आप सोच रहे होंगे इसमें कौन सी अलग या बड़ी बात है? आप तो एक दूसरे की तारीफ करते ही हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि आपको किस तरह से तारीफ करनी चाहिए जो आपके रिश्ते को मजबूत बनाए। गॉटमैन कपल का कहना है कि आपको अपने पार्टनर की पर्सनालिटी की तारीफ करनी चाहिए। उसे ये एहसास दिलाइए कि वो आपके लिए मायने रखता है। अगर आपको तारीफ करना मुश्किल लगता है तो आप ये काम करिए। सबसे पहले तारीफ के लिए कुछ अच्छे शब्द ढूंढ लीजिए। जैसे "तुम्हारा दिल बहुत बड़ा है, तुम्हारा सेंस ऑफ ह्यूमर बहुत कमाल का है, तुम तो किसी भी चीज को हाथ लगाकर निखार देते हो।" जब भी आप पार्टनर के साथ हों तो ऐसे मौके का ध्यान रखिए जहां आप ये बातें बोल सकें। जब भी सही मौका आए तुरंत बोल दीजिए कि आपको उनकी ये बात कितनी अच्छी लगती है।
अगर आप बोलने में झिझकते हों तो इसे एक कागज पर लिखकर उनको दे दीजिए। यहां आप पिछली कोई बात या घटना लिख सकते हैं जो आपको याद आती हो। आप लिखिए कि उनका ऐसा करना आपको कितना अच्छा लगा। एक बार ये करके देखिए। आप इसके असर से हैरान रह जाएंगे। एक दूसरे से बहुत नरमी और प्यार से पेश आएं। इससे भी बहुत फर्क पड़ता है। गॉटमैन कपल ने इस पर एक लंबी स्टडी भी की है। उन्होंने ये पता लगाया कि रिश्तों को अच्छा बनाए रखने के लिए नेगेटिव बातों की तुलना में कितनी पॉजिटिव बातों की जरूरत होती है। जवाब मिला हर एक नेगेटिव के लिए बीस पॉजिटिव बातें। तो देर किस बात की? अभी इसी वक्त से शुरुआत कर दीजिए। पार्टनर को बताइए कि वो कौन सी बात है जिसके लिए आप उनसे इतना प्यार करते हैं। उनके कपड़ों या खाने की तारीफ करने की जगह उनके बर्ताव और आदतों की तारीफ करिए।
अपनी जरूरत खुलकर बताइए।
अभी तक बताई बातों पर अमल करके आपको बदलाव दिखने लगे होंगे। कोई कितना भी अच्छा और समझदार क्यों न हो उसके लिए सामने वाले का दिमाग पढ़ पाना आसान नहीं होता। कहने का मतलब ये है कि आपके पार्टनर के लिए भी ये समझना मुश्किल है कि आप चाहते क्या हैं। दरअसल मिसकम्युनिकेशन या गलतफहमी बहुत से परेशानियों की वजह बन जाती है। आप हिंट देने की कोशिश करते हैं पर वो समझ नहीं पाते। ये बात आपको नाराज कर देती है। लेकिन जब तक कोई आपकी जरूरत समझेगा ही नहीं तो उसे पूरा कैसे करेगा? ज्यादातर लोग अपनी जरूरत सही तरह से जाहिर ही नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह हमारे बचपन से जुड़ी है। लड़कों को बचपन से यही सिखाया जाता है कि वो मजबूत हैं और उनका काम है अपना घर चलाना। उनको लगता है उनका किसी से मदद मांग लेना गलता होगा। लड़कियों को सिखाया जाता है कि अपनी जरूरत को नजरअंदाज करके दूसरों को अहमियत दी जाए।
एक अच्छे और खुशहाल रिश्ते में इस बात की पूरी जगह होनी चाहिए कि आप खुलकर अपनी जरूरत पर बात कर सकें। मान लीजिए आपको किसी काम में मदद चाहिए जैसे घर की सफाई। तो अपने पार्टनर से ये कह देना कि तुम तो कभी मेरी मदद करते ही नहीं हो गलत होगा। ऐसे तो कितने ही मौके होंगे। तो अपनी बात कैसे रखी जाए? गॉटमैन कपल के पास इसका एक फॉर्मेट है। सबसे पहले तो ये याद रखिए कि यहां आप अपनी और अपनी जरूरतों की बात कर रहे हैं। यहां पर फोकस आपका पार्टनर नहीं आप खुद हैं। अब बातचीत करते हुए उस हिस्से पर आइए जहां आप बदलाव चाहते हैं। जैसे अगर किचन की सफाई की बात है तो उनसे बोलिए किचन काफी बिखरा हुआ है और आपको इस बात से परेशानी हो रही है कि इसकी सफाई आपको थका देगी। अब साफ शब्दों में अपनी जरूरत बता दीजिए। "क्या तुम मेरा हाथ बटा सकते हो?" आपको उनकी गल्तियां निकालकर कुछ नहीं मिलेगा। जैसे "तुम तो बस टीवी में घुसे रहते हो" या "खाना खाया और मोबाइल लेकर बैठ गए, ये नहीं कि मेरी मदद कर दो।" इसलिए ऐसी शिकायतों से दूर ही रहें।
टच यानि स्पर्श का जादू चलाइए।
अभी तक हम बातचीत के तरीके सीख रहे थे। लेकिन फिजिकल टच अपनी खास जगह रखता है। चाहे जो भी रिश्ता हो हम सब पर एक प्यार भरा टच बहुत गहरा असर डाल देता है। और जब बात रोमांटिक रिश्तों की हो तो पूछिए ही मत। हाथ पकड़ना, किस करना या गले से लगा लेना, इन सबसे oxytocin हार्मोन रिलीज होता है। ये स्ट्रेस और बीपी कम कर देता है। हम सामने वाले से ज्यादा जुड़ाव भी महसूस करते हैं। अपने रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए हर कपल फिजिकल टच की मदद ले सकता है। पर ये ध्यान रखना होगा कि सबके लिए एक जैसा तरीका काम नहीं करता। हो सकता है कि बचपन के किसी बुरे अनुभव की वजह से सामने वाले के लिए टच के मायने अलग हों। यहां कल्चर या परवरिश का भी रोल होता है।
यहां हम आपको "कॉफी हाउस" स्टडी के बारे में बताना चाहेंगे। इसे Sidney Jourard ने साल 1960 में किया था। वो अलग-अलग शहरों के कॉफी हाउस जाकर इस बात की स्टडी करते रहे कि वहां बैठे कपल्स कितनी बार एक दूसरे को छूते हैं। उन्होंने इस बात पर भी ध्यान दिया कि ये टच किस तरह का है। यानि हाथ पकड़ना, पीठ थपथपाना या फिर सर पर हाथ फेरना। उन्होंने ये देखा कि हर शहर और कल्चर के लोगों में अलग-अलग तरह के टच होते थे। उन्होंने देखा कि पेरिस में जहां कपल्स एक घंटे में लगभग 100 बार एक दूसरे को छूते थे वहीं लंदन में ये गिनती जीरो थी। जी हां बिल्कुल जीरो। कुछ कल्चर ऐसे थे जहां अपने पार्टनर को सबके सामने छूना बिल्कुल ही गलत समझा जाता था।
अगर आपके या आपके पार्टनर के साथ भी ऐसी कोई बात है तो आगे बढ़ने से पहले एक बार उनकी पसंद नापसंद और सोच को लेकर साफ बात कर लीजिए। जब आपको इसका जवाब मिल जाए तो इसी हिसाब से आगे बढ़ें। गॉटमैन कहते हैं कि आप touch opportunities ढूंढते रहिए। अपने पार्टनर को कम से कम 20 सेकंड के लिए गले लगाइए। Oxytocin को काम करने में इतना समय लगता है। किस करना भी बहुत गहरा असर डालता है। हालांकि Oxytocin रिलीज करने के और भी तरीके हैं। जैसे अगर आप सोफे पर साथ बैठे हैं तो उनके कंधे पर अपना हाथ फैला दीजिए। किसी टेबल पर आमने सामने बैठते हुए उनके पैरों के साथ खेलना भी असर डालता है। टच तो कभी भी किया जा सकता है। इसके लिए कोई खास मौका या इंटीमेट होने का इंतजार करना जरूरी नहीं है। अब ये सोचिए कि आपको कैसे इसका फायदा उठाना है।
डेट करना जारी रखिए।
आम तौर पर रिश्ते शुरू तो डेटिंग से ही होते हैं। पर जैसे जैसे वक्त बीतता जाता है ये शब्द दिमाग से उतरने लगता है। आप या तो बिजी रहते हैं या आपके ऊपर थकान सवार होती है। हो सकता है आप पैसे बचाने के लिए डेट पर जाने से बचते हों। या बच्चे और काम की वजह से आपकी प्रायोरिटी बदल जाती हैं। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। डेट पर जाना अब भी उतना जरूरी है जितना रिश्ते की शुरुआत में हुआ करता था। गॉटमैन कहते हैं कि अगर पॉसिबल होता तो वो अपने पास आने वाले कपल्स को दवाई की तरह डेट पर जाने की सलाह लिख देते। एक दूसरे के साथ मौज मस्ती और हँसी के पल बिताने जरूरी है। जब कभी कपल्स को इस बात की शिकायत होती है कि उनके रिश्ते में इंटीमेसी घट रही है तो इसका मतलब यही होता है कि वो फन और एडवेंचर मिस कर रहे हैं। इसलिए एक दूसरे में फिर से वही इंट्रेस्ट और नजदीकी महसूस करने के लिए डेट पर जाना अच्छा उपाय है।
जरूरी नहीं कि किसी कैंडल लाइट डिनर या महंगे रेस्टोरेंट में ही जाना है। आपको घंटों बिताने या ढेरों पैसे खर्चने की जरूरत भी नहीं है। बल्कि आपको घर से बाहर निकलने की जरूरत भी नहीं है। कोविड में लॉकडाउन के वक्त वेनीसा और कार्लोस नाम के कपल ने कुछ नया काम किया। वो घर के पिछले हिस्से में डेट नाइट करने लगे। वो बच्चों के साथ मिलकर बाहर ही खाना बनाते। जब बच्चे सो जाते तो वेनीसा और कार्लोस वहीं बैठकर घंटों बातें करते। हालांकि उनके लिए भी ये सब आसान नहीं था। दोनों वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे। घर भी संभालना होता था। रात होते होते दोनों थक चुके होते थे। ऐसे में बातें करना किसे याद रहता। लेकिन उनको एक बात पता थी कि अपने रिश्ते को संभाले रखना सबसे जरूरी है। वेनीसा कहती है "तनाव बहुत ज्यादा था। ऐसा लगता था हम कुछ न कुछ तो गंवा बैठेंगे। पर हमने ये तय किया कि चाहे जो हो जाए, हम अपना रिश्ता दांव पर नहीं लगने देंगे।"
तो अगर आप भी खुशहाल और लंबा रिश्ता बनाना चाहते हैं तो डेट करते रहिए। अपने पार्टनर के साथ मिलकर एक नियम बना लीजिए कि आप चाहे कितने भी बिजी हों, थकान हो या कोई दूसरी जिम्मेदारी आप डेट का प्लान नहीं बदलेंगे। आप चाहें तो अभी अगली डेट का समय तय कर लें। आपको ज्यादा तैयारी करने की जरूरत नहीं है। सबसे जरूरी बात ये है कि आप दोनों साथ हैं और एक क्वालिटी टाइम बिता रहे हैं। ये वक्त एक दूसरे के लिए है और यहां मोबाइल, ईमेल या टीवी जैसी चीजों की कोई गुंजाइश नहीं है। इस नियम को किसी डॉक्टर की सलाह की तरह फॉलो कीजिए।
कुल मिलाकर
प्यार बस एक फीलिंग से कहीं बढ़कर है। ये एक तरह की चॉइस है जो आप हर गुजरते पल और हर गुजरते दिन के लिए बनाते हैं। आपके रिश्ते को जितना भी वक्त हो गया हो या ये जिस भी दौर से गुजर रहा हो इसे हमेशा पहले से बेहतर, मजबूत और इंटीमेट बनाए जाने की गुंजाइश रहती है। इसके लिए बहुत बड़े कदम भी नहीं लेने होते। बस अपने पार्टनर से उनकी जरूरत पूछ लेना या उनके गले में हाथ डालकर बैठ जाना भी काफी होता है। समय के साथ ये छोटी-छोटी बातें इकट्ठी होकर रिश्ते को मजबूती से बांध देती हैं और आपका रिश्ता सात जन्मों का बंधन बन जाता है।
क्या करें
दस मिनट का टाइम निकालें।
अपने पार्टनर के लिए रोज दस मिनट का वक्त निकालें। चाहे सुबह की कॉफी का वक्त हो या डिनर के बाद। ये वक्त सिर्फ आप दोनों का होना चाहिए। उनसे पूछिए कि वो किस तरह आपकी मदद या साथ चाहते हैं? क्या उनकी कोई परेशानी या उलझन है जहां आप मदद कर सकते हैं? इसके बाद अपनी तरफ से पूरी कोशिश करिए कि आप उनके काम आ सकें। ये छोटी सी बात आपके रिश्ते के लिए बहुत बड़ी साबित हो सकती है।
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