Sleep Smarter...... ____😴😂

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 Sleep Smarter

Shawn Stevenson
अच्छी नींद के लिए 21 जरूरी स्ट्रैटेजीस

दो लफ्जों में
स्लीप स्मार्टर ( Sleep Smarter ) हकसरत और ध्यान करने से आप अपनी नींद को बेहतर बना सकते हैं।


यह किसके लिए है 
- वे जो एक बेहतर नींद पाना चाहते हैं।
- वे जो दिमाग के बारे में पढ़ना पसंद करते हैं।
- वे जो सोने को समय की बरबादी समझते हैं।

लेखक के बारे में 
शॅान स्टीवेनसन  (Shawn Stevenson) एक बेस्ट सेलिंग लेखक, आन्त्रप्रिन्योर और एक पाडकास्टर हैं। वे अपने फिटनेस शो 'द माडल हेल्थ शो' के लिए जानें जाते हैं जिसमें वे सेहत से संबंधित बातें लोगों को बताते हैं।

अच्छी नींद लेना हमारे प्रोडक्टिव रहने के लिए बहुत जरूरी है।
आज हम उस दौर में जी रहे हैं जिसमें हम से बहुत सी उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। चाहे वो लड़का हो या लड़की, दोनों ही लोगों के ऊपर पहले के मुकाबले ज्यादा जिम्मेदारियां हो गई हैं। शहरों में रहने वाले परिवारों को बढ़ती महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। उनके बच्चों को भूखा ना सोना पड़े इसलिए लोग पहले से ज्यादा काम कर रहे हैं। ऐसे में जो चीज़ सबसे पहले कुर्बान की जाती है वो है - नींद।

चाहे वो एक स्टूडेंट हो या एक बिजनेसमैन, सोने को ज्यादातर लोग आलस करना मानते हैं। लेकिन क्या हो अगर हम आप से कहें कि कम सोने की वजह से आपको तरह तरह की बीमारियां हो सकती हैं, आप जल्दी बूढ़े हो सकते हैं और आपका दिमाग सुस्त पड़ सकता है? यह किताब हमें बताती है कि क्यों अच्छी नींद लेना हमारे लिए बहुत जरूरी है। साथ ही यह किताब बताती है कि किस तरह से हम अपने हर रोज की जिन्दगी में कुछ छोटे बदलाव कर के अच्छी नींद पा सकते हैं और अपनी सेहत सुधार कर कामयाबी हासिल कर सकते हैं।

इसके अलावा आप इस समरी में जानेंगे कि अच्छी नींद लेना किस तरह से आपको ज्यादा प्रोडक्टिव बनाता है। सोने से एक घंटे पहले आपको कौन कौन से काम नहीं करने चाहिए। और, किस तरह से आप अपनी नींद की क्वालिटी को बेहतर बना सकते हैं।

तो चलिए शुरू करते हैं!

स्टडीज़ की मानें तो एक औसत व्यक्ति आज 9 घंटे के बजाय 7 घंटे सोने लगा है। इसके पीछे की वजह यह है कि आज हम उन लोगों की तारीफ करते हैं जो बहुत ज्यादा काम करते हैं। हम उन लोगों को पसंद करते हैं जो आलसी नहीं होते हैं। सोने को बहुत से लोग आलस के साथ जोड़ देते हैं और इसलिए वे कम सोकर ज्यादा काम करने की कोशिश करते हैं।

लेकिन अगर आपका मकसद सिर्फ काम करना नहीं, बल्कि अच्छे नतीजे पैदा करना है, तो आपको सोने से समझौता नहीं करना चाहिए। कम सोने से आपके दिमाग में ग्लूकोज की मात्रा 12% से 14% कम हो जाती है। रीसर्च में यह बात सामने आई कि जब आप सोते नहीं हैं, तो आपके प्रीफ्रंटल कार्टेक्स और पैरीटल लोब में ग्लूकोज कम पहुंचता है जिससे आपके सोचने की और समस्याओं को सुलझाने की क्षमता कम हो जाती है।

सिर्फ यही नहीं, कम सोने से आपके शरीर का इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ जाता है। आसान शब्दों में कम सोने की वजह से आपका वजन बढ़ता है, चेहरे पर झुर्रियां जल्दी आती हैं और सेक्स की इच्छा मर जाती है।

इस तरह से कम सोने की वजह से आप जल्दी बूढ़े होंगे, जल्दी थक जाएंगे और किसी भी काम को पूरा करने में ज्यादा समय लेंगे। लेकिन ऐसा क्यों होता है? सोने से किस तरह से हमारी सेहत सुधरती है?

जब हम जाग रहे होते हैं, तो हमारे शरीर के मालेक्युल आक्सीजन के साथ मिलकर जलते हैं और हमें अपने हर दिन के काम करने के लिए एनर्जी देते हैं। इस प्रासेस को कैटाबोलिक प्रासेस कहा जाता है जिसमें मालेक्युल टूटते हैं और हमें एनर्जी देते हैं। लेकिन सोते वक्त हमारा शरीर एनाबोलिक प्रासेस में होता है, जिसमें अलग अलग मालेक्युल एक दूसरे से मिलकर हमारे शरीर को बनाने का काम करते हैं।

आसान शब्दों में सोते वक्त हमारा शरीर खुद को रिपेयर कर रहा होता है जिससे हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, हम जल्दी बीमार नहीं पड़ते, लम्बे समय तक जवान रहते हैं और हमारा शरीर सेहतमंद रहता है। इससे आप कम समय में ज्यादा काम पूरा कर पाएंगे और अच्छे से सोच पाएंगे जिससे आप से गलतियां कम होंगी। इसलिए अच्छी सेहत पाने के लिए अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है।

सोने से कुछ समय पहले तेज लाइट्स में मत रहिए।
जब हमें नींद आ रही होती है तो हमारे शरीर में मेलाटोनिन नाम का एक हार्मोन पैदा हो रहा होता है। हमारे दिमाग का पीनियल ग्लैंड इसे बनाता है और इसी की वजह से हम सुस्त महसूस करते हैं। अगर आपको अच्छी नींद चाहिए तो आपको वो काम करने होंगे जिससे ज्यादा से ज्यादा मेलाटोनिन निकले।

मेलाटोनिन का सबसे बड़ा दुश्मन है रोशनी। जैसे ही अंदेरा होना शुरू होता है, हमारे शरीर में मेलाटोनिन बनने लगता है। जो लोग सुबह सुबह उठकर रोशनी में टहलते हैं उनके अंदर शाम के वक्त ज्यादा मेलाटोनिन बनता है जिस वजह से वे जल्दी सो जाते हैं और उन्हें गहरी नींद भी आती है।

इसलिए हमें सुबह उठकर ज्यादा से ज्यादा रोशनी में रहना चाहिए। रोशनी में जाने से हमारे अंदर मेलाटोनिन की मात्रा कम होने लगती है जिससे हमारे शरीर के दूसरे हिस्सों तक सिग्नल जाता है और वे काम करना शुरू कर देते हैं जिससे हम फ्रेश महसूस करते हैं। सुबह 6 बजे से 8:30 बजे के बीच में उठकर टहलना आपके लिए सबसे अच्छा होगा।

इसके अलावा रात को सोने से 1 घंटे पहले अगर आप तेज रोशनी में ना रहें और मोबाइल फोन या लैपटॉप इस्तेमाल ना करें, तो यह आपके सोने के लिए बेहतर होगा। मोबाइल, लैपटॉप और टीवी से ब्लू लाइट निकलती है जिससे हमारे शरीर में मेलाटोनिन नहीं बन पाता और हमें अच्छी नींद नहीं आती। इसलिए सोने से पहले हल्की रोशनी में किताब पढ़िए, ताकि आपको अच्छी नींद आ सके।

अपने कमरे की खिड़कियों पर पर्दे लगा दीजिए ताकि बाहर की रोशनी अंदर ना आए। जब सुबह होती है तो खिड़की से हल्की रोशनी अंदर आने लगती है जिस वजह से आपकी नींद समय से पहले ही खुल जाती है। स्टडीज़ की मानें तो इस तरह से जब रोशनी आपके कमरे में आती है तो उससे मेलाटोनिन 50% कम पैदा होता है।

सोते वक्त अपने कमरे को ऐसा बनाइए जिससे उसमें रोशनी बिल्कुल भी ना आ पाए। या आपके लिए यह बेहतर होगा कि आप सुबह होने से पहले ही अपनी नींद पूरी कर लें, ताकि आपको यह सारे काम करने की जरूरत ही ना पड़े।

अच्छी नींद पाने के लिए आपको सही समय पर सोना और सही समय पर उठना चाहिए।
कहते हैं अगर सही काम गलत समय पर किया जाए तो वो गलत ही होता है। सोना वैसे तो अच्छी बात है और इससे होने वाले फायदों के बारे में हम पहले ही जान चुके हैं। लेकिन अगर आप सही समय पर नहीं सो रहे हैं, तो आप सोने से होने वाले सारे फायदों को नहीं पा पा रहे हैं।

सबसे पहले आप हर रोज एक ही समय पर सोने की आदत बनाइए। बहुत से लोग हफ्ते भर रात रात भर जाग कर काम करेंगे और संडे को सोकर नींद पूरी करेंगे। या कुछ लोग हफ्ते भर सही से सोएंगे लेकिन सैटरडे की शाम को पार्टी करने के लिए देर रात तक जागेंगे।

आपके शरीर का एक इंटनर्ल क्लाक होता है जो आपको बताता है कि आपको कब खाना है और कब सोना है। उसे नहीं पता होता कि आज हफ्ते का कौन सा दिन है। वो हर रात आपको एक समय पर सोने के लिए तैयार करता है। जब आप उस समय पर नहीं सोते हैं, तो आपका इंटनर्ल क्लाक डिस्टर्ब होने लगता है जिस वजह से आप अगले दिन से अच्छी नींद नहीं आती है। इसलिए अगर आप 9 बजे सोते हैं, तो हर रोज 9 बजे सो जाइए।

रात को जल्दी सोने के अलावा सुबह जल्दी उठना भी बहुत जरूरी है। हमारे पूर्वज शिकारी हुआ करते थे जो कि दिन के वक्त काम किया करते थे। अगर वे दिन के वक्त सोते तो वे खुद किसी का शिकार बन जाते। सदियों से इंसानों के शरीर ने खुद को धरती के रात-दिन के हिसाब से ढाल लिया है। इसलिए हमारे लिए यही बेहतर होगा कि हम रात का इस्तेमाल सोने के लिए करें और दिन में सारे काम पूरे कर लें।

हमने रात को काम करना तब शुरू किया जब से लाइट बल्ब बना। हमारी शरीर अब भी सुबह के वक्त ही सबसे अच्छे से काम करता है। यह सिर्फ थियोरी नहीं है बल्कि यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस की एक स्टडी में यह साबित भी हुआ है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस ने देखा कि जो स्टूडेंट्स सुबह उठकर पढ़ते थे, उनके मार्क्स रात में पढ़ने वालों के मुकाबले बेहतर आते थे।

इसके बाद हमें रात में 10 बजे से लेकर 2 बजे के बीच में सोने के फायदे के बारे में जानना चाहिए। यह रात का वो समय होता है जब हमारा शरीर सबसे ज्यादा मेलाटोनिन और ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन पैदा कर रहा होता है। आसान शब्दों में अगर आप इस बीच सोएंगे तो आपको गहरी नींद आएगी और सोकर उठने के बाद आप फ्रेश महसूस करेंगे।

सोने से पहले कॅाफी या शराब लेने से आपको अच्छी नींद नहीं आएगी।
चलिए उन चीज़ों के बारे में बात करते हैं जिन्हें पीने से आपको नींद नहीं आती है।

इसमें सबसे पहला है कॅाफी, जिसमें कैफीन पाया जाता है। हमारे शरीर में कैफीन से मिलता-जुलता एक केमिकल बनता है जिसका नाम एडेनोसीन है। हमारे शरीर में एडेनोसीन तब बनता है जब हम जाग रहे होते हैं। जब एडेनोसीन की मात्रा कम हो जाती है, तो हमें नींद आने लगती है।

कैफीन हमारे शरीर पर एडेनोसीन का ही असर डालता है, जिससे हमें अच्छी नींद नहीं आती। कैफीन की दूसरी खास बात है कि इसकी हाफ-लाइफ 8 घंटे की होती है। मतलब अगर सुबह 8 बजे आपने 200 मिलीग्राम कैफीन ली थी, तो 8 घंटे के बाद शाम को 3 बजे आपके अंदर 100 मिलीग्राम कैफीन बची होगी। इसके 8 घंटे के बाद रात को 12 बजे आपके अंदर 50 मिलीग्राम कैफीन बची होगी। 

आसान शब्दों में कैफीन आपके शरीर में लम्बे समय तक रहता है और आपको सोने नहीं देता। इसलिए बेहतर होगा कि आप शाम को 4 बजे के बाद कॅाफी ना पीएँ।

इसके अलावा आप सोने से पहले शराब पीना भी छोड़ दीजिए। शराब पीने से हम गहरी नींद में नहीं जा पाते क्योंकि वो हमारे REM स्लीप के साथ दखलअंदाजी करता है। REM स्लीप हमारी नींद का वो फेज़ होता है जिसमें हमें सपने आते हैं और हमारी याद्दाश मजबूत बनती है। शराब पीकर सोने से आपका दिमाग कमजोर होने लगता है। 

अगर आप ने कभी सोने से पहले शराब पी ली है तो उसके ऊपर से आप पानी पी सकते हैं। इससे शराब आपके शरीर से जल्दी बाहर निकल जाएगी।

सोने से पहले सेक्स करने से आपको अच्छी नींद आ सकती है। आर्गैस्म से हमारे शरीर में सेरोटोनिन और आक्सिटोसिन नाम के केमिकल निकलते हैं जो कि हमारे तनाव को कम करते हैं और हमें अच्छा महसूस कराते हैं। इससे हमारे शरीर में एंडार्फिन नाम के हार्मोन निकलते हैं जिससे हम रिलैक्स कर पाते हैं और हमें अच्छी नींद आती है।

कसरत और ध्यान करने से आप अपनी नींद को बेहतर बना सकते हैं।
अब तक हमने देखा कि किस तरह से सोना आपके शरीर और दिमाग के लिए फायदेमंद होता है। अब हम देखेंगे कि किस तरह से अपने शरीर और दिमाग का खयाल रखना आपकी नींद के लिए फायदेमंद होगा।

कसरत से शुरुआत करते हैं। हम जब कसरत करते हैं तो हमारी मांसपेशियों में कुछ खिंचाव आता है जिससे उनमें कुछ छोटी छोटी दरारें पड़ जाती हैं। इस वजह से सोते वक्त हमारा शरीर तरह तरह के एनाबोलिक हार्मोन ( जैसे टेस्टोस्टेरोन और ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन ) पैदा करता है जिससे हमारा शरीर रिपेयर होता है और उस दौरान हमें बहुत अच्छी नींद आती है।

इसके अलावा मैग्नेशियम लेने से भी हमारी नींद की क्वालिटी बेहतर हो जाती है। मैग्नेशियम हमारे नर्वस सिस्टम पर काम करता है और उसे शाँत कर के हमारे तनाव को कम करता है। साथ ही यह खून के शुगर के लेवेल और ब्लड प्रेशर को भी मेनटेन करता है, जिससे हमें अच्छी नींद आती है।

लेकिन बाहर ने मैग्नेशियम लेते वक्त उसे खाना कुछ ज्यादा असरदार नहीं होता है क्योंकि खाना पचने के बाद मैग्नेशियम की ताकत कम हो जाती है। उसे अपने शरीर पर क्रीम की तरह लगाइए।

अच्छी नींद पाने के लिए बहुत से लोग बाहर से मेलाटोनिन भी लेने लगते हैं। ऐसा तभी कीजिए जब आपके पास कोई दूसरा रास्ता ना बचा हो। जब आप बाहर से मेलाटोनिन लेते हैं, तो आपके शरीर के मेलाटोनिन बना सकने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे समय के साथ आपको नेचुरल नींद नहीं आती और सोने के लिए आपको बार बार बाहर से मेलाटोनिन लेने की जरूरत पड़ती है।

ध्यान करने से भी हमारी नींद की क्वालिटी सुधर जाती है। हर दिन हमारे दिमाग में लगभग 50,000 से ज्यादा खयाल आते हैं। सोते वक्त यह सारे खयाल आने से आपको सोने में परेशानी हो सकती है। सोने से पहले ध्यान करने से आप अपने खयालों को काबू कर सकते हैं, अपने दिमाग को शांत कर सकते हैं और खुद को रिलैक्स कर सकते हैं जिससे आपको सोने में मदद मिलेगी।

ध्यान करने के लिए आप सिर्फ 10 मिनट तक अपनी आँखें बंद कर के अपनी साँस पर फोकस कीजिए। अगर इस बीच आपके दिमाग में कोई खयाल आए तो वहाँ से अपने ध्यान आराम से हटा कर उसे फिर से अपनी साँस पर लगा लीजिए।

अपने सोने की जगह पर हरे पौधे लगाइए और काम को वहाँ से बाहर रखिए।
हमारे सोने की जगह ऐसी होनी चाहिए जहां जाने के बाद हमें अपने आप नींद आने लगे। वहाँ साँस के लिए फ्रेश हवा होनी चाहिए जिससे साँस लेने में आसानी हो।

इसके लिए आपको अपने कमरे में पौधे लगाने चाहिए। हरियाली देखने से हमारे मन को शांति मिलती है और साथ ही उससे हमें ताजा हवा भी मिलती है। कुछ पौधे होते हैं जो घर के अंदर लगाए जा सकते हैं और वे हवा को फिल्टर करने का काम करते हैं। जब हम साँस लेते हैं तो हवा में कार्बन डाइआक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। साथ ही शहरों में बहुत सी नुकसानदायक गैसें भी होती हैं।

अपने कमरे में पौधे लगाने से यह सारी समस्याओं खत्म करते हैं। इनमें से सबसे अच्छा पौधा होता है इंग्लिश आईवी। यह पौधा आसानी से उग जाता है। नासा ने पाया कि यह पौधा हवा को फिल्टर करने का काम दूसरे सारे पौधों के मुकाबले बेहतर करता है। आक्सीजन पैदा करने के साथ साथ यह पौधा फार्मल्डिहाइड और दूसरे नुकसानदायक न्युरोटाक्सिन को सोख लेता है जिससे हमारा बेडरूम साफ रहता है।

इसके साथ ही आप चाहें तो नाग-पौधा भी लगा सकते हैं। इस पौधे को भी कुछ ज्यादा देखरेख की जरूरत नहीं पड़ती है। यह कम रोशनी में भी उग जाता है और रात को भी कार्बन डाइ आक्साइड को आक्सीजन में बदलता रहता है। अगर आपके बेडरूम में रोशनी कम आती है तो यह आपके लिए सबसे अच्छा पौधा होगा।

इसके अलावा आप सोने की जगह पर सिर्फ सोने के लिए जाइए। अपने काम को वहाँ से बाहर रखिए। अपने बेडरूम में काम करने से आपका दिमाग जब भी वहाँ जाएगा, वो कार्टिसोल हार्मोन पैदा करने लगेगा, जो कि तनाव के लिए जिम्मेदार होता है। हम जिस जगह पर जो काम करते हैं वहाँ जाने के बाद हमारा दिमाग हमें उसी काम को करने के लिए तैयार करने लगता है। जब आप अपने बेडरूम में सोने के अलावा और कोई काम नहीं करेंगे, तो आपका दिमाग वहाँ जाने के बाद आपको सोने के लिए तैयार करने लगेगा जिससे आपको अच्छी नींद आएगी।

कुल मिलाकर
सोते वक्त हमारा शरीर खुद को रिपेयर कर रहा होता है। सोने से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूता होता है, याद्दाश बेहतर होती है, हम अच्छे से अपने काम पर फोकस कर पाते हैं और कम समय में ज्यादा काम पूरा कर पाते हैं। अच्छी नींद पाने के लिए सोने से पहले फोन या लैपटॉप मत इस्तेमाल कीजिए। सुबह जल्दी उठने की आदत बनाइए और सोने से पहले कॅाफी या शराब मत लीजिए। इसके साथ ही अपने सोने की जगह को ऐसा बनाइए जहाँ पर जाने के बाद आपका सिर्फ सोने का ही मन करे।

 

क्या करें  

सुबह जल्दी उठने के लिए इस तरीके को अपनाएँ।

जो लोग 9 बजे सोकर उठते हैं और उन्हें 6 बजे सोकर उठने की आदत डालनी होती है, तो वे अगले ही दिन से अचानक 6 बजे उठने लग जाते हैं। लेकिन ऐसा करने से आप अपने सिस्टम को झटका दे रहे हैं जो कि नुकसानदायक हो सकता है। सुबह जल्दी उठने की आदत डालने के लिए हर रोज 15 मिनट पहले उठने की कोशिश कीजिए। धीरे धीरे कर के आप 9 बजे उठने लगेंगे।

 

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