How to Prepare a Business Plan..... ___🙄_😎__📝

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How to Prepare a Business Plan

Edward Blackwell
एक जबरदस्त स्ट्रैटेजी बनाने, अपने फाइनेंस के बारे में पहले से पता लगाने और एक अच्छा प्लान तैयार करने का गाइड।

दो लफ्जों में :
हाउ टू प्रिपेयर अ बिजनेस प्लान ( How to Prepare a Business Plan ) में हम देखेंगे कि तरह से अपने बिजनेस के लिए लोन पास करवाने के लिए आप एक बिजनेस प्लान तैयार कर सकते हैं। यह किताब बताती है कि अपने इंवेस्टर्स को या फिर बैंक को अपने स्टार्ट अप में पैसे लगाने के लिए आप किस तरह से मना सकते हैं।

यह किसके लिए है :
-वे जो एक बिजनेस शुरू करने के लिए फंड इकट्ठा करना चाहते हैं।
-वे जो एक बिजनेस प्लान बनाना सीखना चाहते हैं।
-वे जो एक बिजनेसमैन हैं।

लेखक के बारे में :
एडवर्ड ब्लैकवेल (Edward Blackwell) एक कंसल्टेंट हैं जो कि छोटे बिजनेस को कामयाब बनाने के लिए सलाह देते हैं। वे एक अकाउंटेंट रह चुके हैं। वे अपना बिजनेस काफी समय से चला रहे हैं। वे एक लेखक भी हैं और अपनी किताब की मदद से ज्यादा से ज्यादा छोटे बिजनेसेस तक पहुंच कर उन्हें कामयाब बनाने की सलाह देते हैं।यह 

किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए
बिजनेस शुरू करने के लिए पैसा इकट्ठा करना बहुत मुश्किल काम है। बहुत से बिजनेस नाकाम हो जाया करते हैं। जो भी व्यक्ति उसमें पैसा लगाता है, उसके पैसे अक्सर डूब जाया करते हैं। जो स्टार्ट अप नाकाम नहीं होते, वो भी बस नाम भर का प्राफिट कमाते हैं, जिससे उसमें पैसा लगाने वाले लोगों को कुछ खास फायदा नहीं होता है।

यही वजह है कि जब आप लोगों से लोन माँगने जाएंगे तो आपको उन्हें मनाने के लिए कुछ ज्यादा मेहनत करनी होगी। आपको एक बिजनेस प्लान तैयार कर के उन्हें यकीन दिलाना होगा कि आपका बिजनेस कामयाब होगा। यह किताब बताती है कि किस तरह से आप ऐसा बिजनेस प्लान तैयार कर सकते हैं।

 

-एक बिजनेस प्लान में क्या क्या होना चाहिए।

-बैंक को मनाने के लिए आपको अपने प्लान में क्या क्या लिखना चाहिए।

-किस तरह से अपने प्लान को आपको रीडर के प्रेज़ेंट करना चाहिए।

एक अच्छा बिजनेस प्लान आपके प्रोडक्ट, मार्केट और आपकी काबिलियत, तीनों के बारे में बताता है।
बिजनेस शुरू करने के लिए अगर आपको फंड इकट्ठा करने की जरूरत है, तो आपको बिजनेस प्लान बनाना होगा। एक बिजनेस प्लान आपके बिजनेस से संबंधित कुछ जरूरी जानकारी आपके इंवेस्टर्स को देता है। उसे पढ़कर कोई भी व्यक्ति यह समझ सकता है कि आप किस तरह से ग्राहकों की कौन सी समस्या सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। आइए देखते हैं कि एक बिजनेस प्लान में क्या क्या होना चाहिए। 

सबसे पहले आपको यह लिखना होगा कि आप किस चीज़ का बिजनेस कर रहे हैं, उसे शुरू करने में कितना पैसा लगेगा और उन पैसों का इस्तेमाल किन कामों के लिए किया जाएगा। लोगों को आप से पहले आपके काम में दिलचस्पी होती है, इसलिए सबसे पहले अपने काम के बारे में बताना जरूरी है, ना कि अपने बारे में।

इसके बाद आपको यह बताना होगा कि आपके प्रोडक्ट की मार्केट में कहाँ पर डिमान्ड है। भले ही आपके पास दुनिया का सबसे अनोखा प्रोडक्ट हो, अगर उसकी डिमान्ड नहीं होगी, तो वो बिकेगा नहीं। अगर वो बिकेगा नहीं तो उससे प्राफिट नहीं होगा और अगर उससे प्राफिट नहीं होगा, तो कोई भी उसमें अपना पैसा नहीं लगाएगा। इसलिए इस सेक्शन में आपको यह दिखाना होगा कि आपके प्रोडक्ट की मार्केट में वाकई डिमान्ड है और आप उसे पूरा कर सकते हैं।

इसके बाद कहीं जाकर आप खुद की बात करेंगे। इस सेक्शन में बताइए कि आप ने कौन सी ट्रेनिंग ली है, इससे पहले आप ने कितनी कामयाबी हासिल की है और आप में क्या खास बात है। फिर आपको बताना चाहिए कि आपके प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से आपके ग्राहक को ऐसा कौन सा फायदा मिलेगा जो उन्हें कहीं और नहीं मिलने वाला। 

अंत में जाकर आप यह लिखेंगे कि किस तरह से आप अपने बिजनेस की शुरुआत कर के उसे मार्केट में कामयाब बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं। यह लिखिए कि आप किस तरह से अपने कंपनी की मार्केटिंग करेंगे, किस तरह से अपने बिजनेस को चलाएंगे, कैसे और कहां आप अपने प्रोडक्ट को मार्केट में शिप करेंगे। इन सारे सवालों के जवाब लम्बे में लिखिए ताकि पढ़ने वाले को यह साफ साफ समझ में आ जाए कि आप किस तरह से अपने बिजनेस को कामयाब बनाएंगे।

इसके अलावा यह भी लिखिए कि आपके बिजनेस को कामयाब होने में और प्रॉफिट कमाने में कितना समय लगेगा। क्या यह एक ऐसा बिजनेस है जो लम्बे समय तक रहने वाला है और इंवेस्टर्स को मरते दम तक इससे फायदा होगा? या फिर यह जल्दी से फायदा कमाने लगेगा? यह बताना इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे यह पता लगेगा कि आपके बिजनेस से कब तक फायदा आने लगेगा।

अपने बिजनेस में आने वाले खर्च को समझने के लिए एक कैश-फ्लो फोरकास्ट तैयार कीजिए।
कैश-फ्लो फोरकास्ट एक स्प्रेडशीट फाइल होती है जिसमें यह लिखा होता है कि आपके बिजनेस में आने वाले समय में कितना फायदा होगा और उस फायदे तक पहुंचने के लिए कितना पैसा खर्च करना होगा। अगर आप किसी से भी लोन माँगने जा रहे हैं, तो उसे मनाने के लिए आपको कैश-फ्लो फोरकास्ट की जरूरत पड़ेगी।

कैश-फ्लो फोरकास्ट को बनाने के लिए सबसे पहले एक स्प्रेडशीट में हर महीने के लिए एक कॉलम बनाइए। इसके बाद हर महीने के सामने यह लिखिए कि उस महीने में आपके पास कितना प्रॉफिट कहाँ कहाँ से आएगा। साथ ही यह भी लिखिए कि आपके पैसे कहाँ पर खर्च होंगे। इसे देखने पर यह पता लग जाना चाहिए कि आने वाले 12 महीनों में हर आप कितना पैसा कहाँ पर खर्च करेंगे ( जैसे कर्मचारियों की सैलरी और बिजनेस के दूसरे खर्च ) और आपको कहाँ से कितना फायदा आएगा ( जैसे आपके प्रोडक्ट के सेल्स )।

कैश-फ्लो फोरकास्ट की मदद से आपको सिर्फ लोन इकट्ठा करने में ही मदद नहीं मिलेगी। इससे आपको यह भी पता लगेगा कि आपको कितने पैसों की जरूरत होगी और आपको कितना लोन लेना चाहिए। इससे आपको यह पता लगेगा कि आपके बिजनेस का आपके फाइनेंस पर क्या असर होगा। जब आपको यह पता लग जाएगा कि आपके बिजनेस से कितना पैसा आएगा और उसमें कितना खर्च होगा, तब आप अपनी जिन्दगी के कुछ दूसरे फैसले भी ले सकेंगे। आप यह फैसला ले पाएंगे कि जिन्दगी के दूसरे हिस्सों में आपको कितना पैसा खर्च करना है और कितना बचा कर रखना है।

इसके अलावा आप अपने बिजनेस से संबंधित बहुत सी बातों का अंदाजा लगा सकते हैं। आप यह पता कर सकते हैं कि आपको अपने ऐडवर्टाइज़मेंट में कितना पैसा खर्च करना चाहिए, आपको किस तरह से फंड का इस्तेमाल करना चाहिए और आपको हर महीने फायदा कमाने के लिए कितने सेल्स लाने की कोशिश करनी चाहिए।

एक बार जब आपको लोन मिल जाए, तो कैश-फ्लो फोरकास्ट का इस्तेमाल आप यह देखने के लिए कर सकते हैं कि आपका पैसा प्लान के हिसाब से खर्च हो रहा है या नहीं। इससे आप खुद को प्लान से भटकने से रोक पाएंगे।

रीटेलर्स तक अपना सामान पहुंचाने के लिए आपको उनके कुछ जरूरी सवालों का जवाब देना होगा।
रीटेलर्स की जिन्दगी भी आसान नहीं होती है। कंपनियां हमेशा उनके साथ मोल-भाव कर के उन्हें सामान कम दाम में बेचने की कोशिश करती रहती हैं, जिससे कि वे बहुत कम फायदा कमा पाते हैं। इसके अलावा उन्हें अपने जैसे दूसरे रीटेलर्स से प्रतियोगिता का सामना भी करना पड़ता है। इसलिए आपको उन्हें ऐसा आफर देना होगा जिसे वो मना ना कर पाएं। 

रीटेलर्स को मना लेने के बाद जब आप बैंक में लोन लेने के लिए जाएंगे, तो इससे आपको आसानी से लोन मिल सकता है। बैंक के लोग बिजनेस के बारे में ज्यादा नहीं जानते होंगे। उन्हें यह नहीं पता होगा कि सामान कैसे बनाया जा रहा है। लेकिन उन्हें इतना तो जरूर पता होता है कि कंपनी का सामान दुकानों में बिकता है। ऐसे जब आप उन्हें यह दिखाएंगे कि आप ने अपने सामान को मार्केट तक पहुंचाने के लिए पहले ही बहुत से रीटेलर्स को मना लिया है, तो वे आपको आसानी से लोन दे देंगे।

लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि रीटेलर्स को मना लेने के बाद आपको उन्हें कुछ ज्यादा समझाने की जरूरत नहीं होगी। अब आपको उन्हें यह यकीन दिलाना होगा कि मार्केट में आपका सामान बिकेगा। आपको उन्हें यह दिखाना होगा कि जिस इलाके में आपके रीटेलर्स रहते हैं, उस इलाके में आपके प्रोडक्ट की डिमान्ड है। इसके अलावा आपको उन्हें यह भी बताना होगा कि उस इलाके के कितने पर्सेंट ग्राहकों को आप अपना ग्राहक बना सकते हैं और एक ग्राहक से आपको कितना फायदा हो सकता है। 

इन सारे सवालों के जवाब के लिए आपको अपने रीटेलर की दुकान पर जाकर यह गिनना होगा कि उसके दुकान के सामने कितने लोग हर दिन आते जाते हैं। इसके हिसाब से यह पता लगेगा कि एक साल में उसके दुकान के सामने के कितने लोगों की भीड़ होकर गुजरती है। फिर आपको यह देखना होगा कि दुकान में आने वाले कितने लोग आपके जैसे दूसरे प्रोडक्ट्स को खरीदते हैं। इससे आपको यह पता लगेगा कि मार्केट में डिमान्ड कितनी है। फिर आपको यह पता करना होगा कि किस तरह से मार्केटिंग कर के आप उन ग्राहकों को अपना सामान बेचेंगे।

इसके बाद आपको अपने खरीदने की पालिसी को तय करना होगा। आपको यह लिखना होगा कि आप कितना स्टाक खरीदेंगे, कितना और कब खरीदेंगे। बैंक वालों को यह पहले से पता होता है कि दुकान वाले अक्सर गलत सामान दुकान में लाकर खुद का नुकसान करते हैं। इसलिए आपको उन्हें यह बताना होगा कि किस तरह से आप यह पता लगाएंगे कि आपका स्टॉक उसकी दुकान में खत्म हो रहा है या अभी है। इससे आपको यह पता लगेगा कि आपका सामान कितना बिक रहा है और उसके हिसाब से आप अपने प्रोडक्ट को बना पाएंगे।

अपने ग्राहकों से जुड़े रहने के लिए आपको एक वेबसाइट की जरूरत होगी।
बहुत से बिजनेस हैं जो कि इंटरनेट का इस्तेमाल करना नहीं जानते हैं। इंटरनेट अभी कुछ 30 साल पहले आया जिस वजह से से बहुत से बिजनेस हैं जो कि यह नहीं समझ पाएं हैं कि इससे उन्हें कितना फायदा हो सकता है। जो लोग इसके इस्तेमाल से अपना बिजनेस बड़ा करने की कोशिश भी कर रहे हैं, वे कुछ ऐसी गलतियां कर दे रहे हैं जिसकी कीमत उन्हें चुकानी पड़ रही है।

एग्ज़ाम्पल के लिए बहुत से बिजनेस हैं जो कि बिना अपनी जरूरतों को समझे सीधा एक वेबसाइट खरीद लेते हैं। बाद में उन्हें पता लगता है कि यह वेबसाइट उनके बहुत से काम नहीं कर पा रही है। इस तरह से उनका पैसा बरबाद हो जाता है। इसके अलावा बहुत से लोग एक ऐसे डेवेलपर से अपनी वेबसाइट बनाते हैं जो कि अपनी खुद की टेक्नोलॉजी से वेबसाइट डिजाइन करता है। इसका मतलब है कि जब भी आपको अपनी वेबसाइट में कुछ बदलाव करना होगा, तो आपको उसी के पास जाना होगा, जिससे आपके काम में देरी होती है। बहुत से बिजनेस इन गलतियों को ना करने के डर से कभी वेबसाइट शुरू ही नहीं करते हैं,जो कि अपने आप में एक बड़ी गलती है।

इन गलतियों से बचने के बाद जब आपकी वेबसाइट तैयार हो जाए, तो आपको उसका इस्तेमाल सही से करना सीखना होगा। एग्ज़ाम्पल के लिए आपको यह देखना होगा कि आपकी वेबसाइट पर हर महीना कितने नए लोग आ रहे हैं और कितने लोग बार बार वापस आ रहे हैं। उन लोगों को आपकी वेबसाइट के बारे में कहाँ से पता लग रहा है? क्या वो सोशल मीडिया से आ रहे हैं, या फिर अपने दोस्तों के रिफरल से? 

इस डाटा के अलावा आपको यह भी देखना होगा कि आपकी वेबसाइट पर आने वाले लोग क्या कर रहे हैं। अगर 100 नए लोग आपकी वेबसाइट पर आ रहे हैं, तो उसमें से कितने लोग आपको अपना ईमेल दे रहे हैं (कन्वर्ज़न रेट क्या है?)। एक औसत विज़िटर आपकी वेबसाइट पर कितनी देर तक रुकता है? कितने लोग हैं जो बिना कुछ किए ही आपकी वेबसाइट से चले जाते हैं ( बाउंस रेट क्या है ) ?

अपनी वेबसाइट में जरूरी एनालाटिकल टूल्स का इस्तेमाल कीजिए जिससे आपको यह सारा डाटा जानने में आसानी होगी।

कर्ज लेना इतनी भी बुरी बात नहीं है, अगर आपके पास उसे चुकाने का प्लान है तो।
बहुत से लोग खुद के दम पर बिजनेस शुरू करने की कोशिश करते हैं। वो बिजनेस से मिलने वाले प्राफिट को बार बार अपने बिजनेस में लगाते रहते हैं और धीरे धीरे उसके बढ़ने का इंतजार करते रहते हैं। लेकिन यह तरीका अपने बिजनेस को बड़ा करने का बहुत स्लो तरीका है। अगर आपको अपने बिजनेस को तेजी से बड़ा करना है, तो आपको कर्ज लेना होगा।

लेकिन कर्ज लेने के भी अपने नुकसान हैं। आपको उन लोगों की लिस्ट में नहीं शामिल होना है जिनका बिजनेस डूब जाता है और फिर वो भी कर्ज में डूब जाते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने बिजनेस को पहले अच्छे से समझिए और उसके बाद कर्ज लेने का प्लान बनाइए।

एग्ज़ाम्पल के लिए अगर आप एक छोटा बिजनेस शुरू कर रहे हैं, तो उसे शुरू करने में बहुत कम पैसे लगेंगे और बहुत जल्द ही आपका बिजनेस फायदा कमाने लगेगा। ऐसे में कुछ महीनों के बाद ही आपके ग्राहक इतने हो जाएंगे कि आपके पास लगातार पैसा आने लगेगा। इसलिए आपको लम्बे समय तक का लोन लेने की जरूरत नहीं है। इस तरह के हालात में आपको बैंक से छोटे छोटे ड्राफ्ट लेने चाहिए, जिसपर ब्याज कम लगे और आप उसे आसानी से चुका सकें। 

लेकिन जब आप एक बड़ा बिजनेस शुरू करने के बारे में सोच रहे हों जिससे प्राफिट कमाने में समय लगेगा, तो ऐसे में आपको बड़ा लोन लेने के बारे में सोचना चाहिए। बड़े बिजनेस में प्रॉफिट देर से आता है, लेकिन जब आता है तो बहुत ज्यादा आता है। इस तरह से आप अपने लोन को आसानी से चुका सकेंगे और कुछ देर के बाद सारे फायदे आपके होंगे।

एक बड़ा बिजनेस शुरू करने के लिए आपको कर्मचारियों को काम पर रखना होगा,बहुत से सामान खरीदने होंगे, अपने प्रोडक्ट को बनाना होगा, रीटेलर्स को मनाना होगा और प्रोडक्ट को शिप करने की व्यवस्था करनी होगी। इतना काम करने में काफी पैसा और समय लगेगा। लेकिन एक बार आपका प्रोडक्ट मार्केट में पहुंच गया, तो आपको फायदा मिलने लगेगा। इस फायदे के मिलते ही आप अपना लोन चुका सकेंगे। इसलिए बड़ा बिजनेस शुरू करते वक्त लोन ले लेना चाहिए।

अपने बिजनेस प्लान को साफ साफ लिखिए ताकि आपका लीडर उसे पढ़कर आसानी से समझ पाए।
जानकार होने से भी ज्यादा जरूरी होता है उस जानकारी को अच्छे से किसी के सामने रख पाना ताकि वो उसे समझ सके। भले ही आपके पास दुनिया का सबसे अच्छा बिजनेस प्लान क्यों ना हो,अगर वो पढ़ने वाले को समझ नहीं आएगा, तो उसे लिखने का कोई फायदा नहीं होगा।

अपने बिजनेस प्लान को अच्छे से अपने रीडर के सामने रखने के लिए आप कुछ तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। सबसे पहले तो उसे साफ साफ और आसान शब्दों में लिखिए। अगर आप अपनी बात को आसान शब्दों में समझा सकते हैं तो कभी भी मुश्किल शब्दों का इस्तेमाल मत कीजिए। लम्बे वाक्यों का इस्तेमाल भी मत कीजिए क्योंकि उसे समझना मुश्किल होता है। आपका प्लान पढ़ते वक्त आपका रीडर शायद उसे पूरा ध्यान देकर नहीं पढ़ेगा। ऐसे में अगर आप छोटे वाक्य और आसान शब्दों का इस्तेमाल करेंगे, तो वो उसे अच्छे से समझ पाएगा।

दूसरा यह कि आप अपने बिजनेस प्लान को छोटा रखिए। ज्यादा पढ़ना किसी को भी नहीं पसंद है। हमेशा अपने लोन की डिमान्ड को देखते हुए अपने प्लान को लिखिए। छोटा लोन मतलब छोटा बिजनेस प्लान। बड़ा लोन मतलब बड़ा बिजनेस प्लान। जब बैंक को आपको सिर्फ ₹10,000 का लोन देना होगा, तो उसे कुछ ज्यादा डीटेल नहीं चाहिए होगा। लेकिन अगर आप 1 करोड़ का लोन माँग रहे हैं, तो आप उन्हें मनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा जानकारी देनी होगी। बड़ा लोन पास करवाने के लिए आपको अपने बैंक को यह यकीन दिलाना होगा कि आपका बिजनेस कामयाब होगा। आपको उन्हें अपने प्रोडक्ट को बनाने से लेकर उसे मार्केट में बेचने तक के सारे तरीकों को उन्हें समझाना होगा।

अंत में कभी भी लोन लेने के लिए झूठे नंबर्स का इस्तेमाल मत कीजिए। बढ़ा चढ़ा कर बात कर के लोन पास करवाना एक बार के लिए ठीक लग सकता है, लेकिन जब आप अपने किए गए वादे को पूरा नहीं करेंगे, तो लोग आपको सपोर्ट करना बंद कर देंगे। हो सके तो अपने प्लान में ज्यादा से ज्यादा नंबर्स का इस्तेमाल कीजिए। यह मत कहिए कि आपके प्रोडक्ट पर प्राफिट मार्जिन बहुत ज्यादा होगा, बल्कि यह कहिए कि आपके प्रोडक्ट के बिकने पर आपको 19% का फायदा होगा। 

इन बातों का खयाल रख कर आप एक सालिड बिजनेस प्लान तैयार कर सकते हैं और अपनी कंपनी की शुरुआत कर सकते हैं।

कुल मिलाकर
एक बिजनेस प्लान में यह लिखा होना चाहिए कि आप किस तरह का प्रोडक्ट मार्केट में ला रहे हैं, उसकी डिमान्ड कितनी है और आप उसे किस तरह से मार्केट कर के बेचेंगे। बड़ा लोन पास करवाने के लिए आपको अपने बैंक को ज्यादा से ज्यादा जानकारी देनी होगी। छोटा बिजनेस शुरू करने के लिए छोटा प्लान बनाइए और बड़े बिजनेस के लिए बड़ा प्लान। साथ ही हमेशा अपने प्लान को आसान शब्दों में लिखिए ताकि पढ़ने वाले को वह आसानी से समझ में आए।

 

अपने बिजनेस को फैलाने के लिए भी आपको एक प्लान की जरूरत होगी।

अगर आपको एक नया बिजनेसना शुरू कर के अपने उस समय के बिजनेस को बड़ा करने के लिए लोन चाहिए, तो भी आपके पास एक अच्छा बिजनेस प्लान होना चाहिए। लेकिन ऐसे में आपको अपने प्लान में दो और चीजों के बारे में लिखना होगा। पहला यह कि आप अपने बिजनेस को जितना बड़ा करना चाहते हैं, क्या मार्केट में उसके हिसाब से डिमान्ड है? दूसरा यह कि जब आप अपने बिजनेस को बड़ा करेंगे, तो उसे संभालने के लिए आपको दूसरे किस्म के मैनेजमेंट के तरीकों की जरूरत होगी। आपको यह दिखाना होगा कि इस बदलकव को लाने के लिए आप पहले से तैयार हैं और जरूरत पड़ने पर आप नए मैनेजर्स और कर्मचारियों को काम पर रख सकते हैं।


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