Janis Kaplan and Barnaby Mars
किस्मत कैसे काम करती है इस बात को समझिए
दो लफ्जों में
How Luck Happens (2018) किताब इस कल्पना को तोड़ती है की किस्मत पर हमारा जरा सा भी कंट्रोल नहीं होता है और यह भी उजागर करती है कि हम अपनी जिंदगी में किस्मत के स्तर को कैसे प्रभावित कर सकते हैं। इस बुक में बहुत सारी प्रैक्टिकल एडवाइज दी गई है। यह बुक हमें यह दिखाती है कि वर्कप्लेस के साथ-साथ हम कैसे डेटिंग या अपने प्यार के रिश्ते को भी इंप्रूव कर सकते हैं।
यह किसके लिए है?
- उन लोगों के लिए जो अपने सोए हुए भाग्य से थक चुके हैं।
- वे लोग जो अपनी सक्सेस, प्यार और लाइफ को लेकर इंप्रूवमेंट की उम्मीद लिए बैठे हैं।
- उन सभी लोगों के लिए जो कंपटीशन को हराना चाहते हैं।
लेखक के बारे में
Janis Kaplan एक मैगजीन एडिटर, टीवी प्रोड्यूसर, राइटर और जर्नलिस्ट है। वह अभी तक 13 किताबें लिख चुकी हैं, जिनमें न्यूयॉर्क टाइम्स बेस्ट सेलर, द ग्रिटीट्यूड डायरीज़ शामिल है। Dr. Barnaby Marsh एक एकेडमिक राइटर और रिस्क टेकिंग एक्सपर्ट हैं।
किस्मत चांस,टैलेंट और हार्ड वर्क का कॉन्बिनेशन होती है और जितना हम सोचते हैं उससे कहीं ज्यादा हम इस पर कंट्रोल कर सकते हैं।
बहुत से लोगों को किस्मत के बारे में गलतफहमी होती है। हम ऐसा मानते हैं कि कुछ होना या ना होना ही किस्मत होता है। कुछ ऐसा जो रहस्यमय तरीके से हमारे सामने आता है और रहस्यमय तरीके से ही गायब हो जाता है। यह विश्वास करना कि लक कुछ ऐसा है जिसे प्रभावित नहीं किया जा सकता है, किसी इंसान को भाग्य के भरोसे करने के लिए काफी होता है। वह इंसान फिर यही सोचता है कि सब कुछ भाग्य भरोसे है। लेकिन निराश मत होइए, क्योंकि भाग्यशाली होने का मतलब सिर्फ अच्छे भाग्य का होना नहीं होता है बल्कि इससे कहीं ज्यादा होता है। यह समरी किस्मत के बेसिक पहलू को समझाती है। आप देखेंगे कि यह कहाँ और कैसे होता है और इसे डेली लाइफ में कैसे मेनिफेस्ट किया जा सकता है। आपको यह सिखाते हैं कि कैसे किस्मत को इनफ्लुएंस करके आप अपने सक्सेस और हैप्पीनेस की चांसेस बढ़ा सकते हैं। गुड लक!
यह एक बहुत कॉमन बात है कि किस्मत हमारे कण्ट्रोल के परे होती है और हमारे साथ ऐसा रैंडमली होता रहता है। लेकिन असल में जितना हम सोचते हैं यह उससे ज्यादा रियल होता है। किस्मत और मौका दो अलग-अलग चीजें होती हैं। लेकिन मौका, किस्मत का एक हिस्सा होता है। इन दोनों को ही बराबर समझ कर लोग अक्सर बड़ी गलती करते हैं। यह हमारे लिए समझना बहुत जरूरी है कि चांस को कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। यह हमेशा दूसरे फैक्टर पर निर्भर करता है ।असल में किस्मत उस मौके का नतीजा होती है, जो हमें मिला है और जिसे हम अपने टैलेंट, हार्ड वर्क से पाते हैं और अपने लक को बढ़ाने के लिए हमें तैयारी और अपॉर्चुनिटी को लेने की एबिलिटी चाहिए होती है।
उदाहरण के लिए देखते हैं की: इत्तेफाक से एक पार्टी में आपको एक इन्वेस्टर के पास वाली सीट मिल गई है, आपका आईडिया सुनने के बाद उन्होंने डिसाइड किया कि वह आपको आपकी कंपनी की नई शुरुआत के लिए कुछ कैपिटल प्रोवाइड करवाएंगी। अब कुछ लोग इसे किस्मत का एक रेंडम स्ट्रोक कहेंगे। लेकिन नोटिस कीजिए यहां पर इस कहानी के दो हिस्से हैं पहला सीटिंग अरेंजमेंट और दूसरा आपने कैसे उस सीटिंग अरेंजमेंट को हैंडल किया है। पहला हिस्सा संयोग से हुआ, लेकिन दूसरा हिस्सा किस्मत है, जोकि किसी भी समय,किसी को भी अपना आइडिया सुना कर कन्वेंस करने की आपकी एबिलिटी पर निर्भर करती है।
इस बारे में सोचना समय बर्बाद करने जैसा होगा कि चांस को आप कंट्रोल कर सकते हैं, आपको इस बात को इग्नोर करना चाहिए कि आप अपने मौकों को कंट्रोल कर सकते हैं बजाय इसके आप को ध्यान देना चाहिए उस बात पर जो आप को प्रभावित करती है जो है आपकी किस्मत।
एक स्लॉट मशीन का उदाहरण लेते हैं, अगर आप इस बात के लिए इनश्योर हैं कि 3 में से 2 चैरी हमेशा लाइनअप रहेंगी और बहुत क्यूरियस और हार्ड वर्किंग भी होंगी, तब इस बात की संभावना बहुत बढ़ जाती है कि तीसरी चैरी किसी न किसी पॉइंट पर गिर जाएगी या हार जाएगी।
असल में हममें से बहुत से लोग इस बात को समझते हैं। लेखक के द्वारा कंडक्ट किए गए एक नेशनल सर्वे में यह बताया गया की 67% लोग इस बात पर भरोसा करते हैं कि कड़ी मेहनत ने उनकी लाइफ में उनके लक के लिए अच्छा साथ निभाया है और 64% लोग ऐसा सोचते हैं कि क्यूरियोसिटी और अपॉर्चुनिटी को हासिल करने पर हमारा लक डिपेंड करता है।
तो आपने देखा यहां पर रेंडम चांसेस से भी कहीं ज्यादा किस्मत मौजूद है। आगे आप सीखेंगे की किस्मत को पाने के मौकों को कैसे बढ़ाया जा सकता है।
अपनी जिद से अपने लक को इनक्रीस कीजिए। खुद को उस जगह रखें जहां पर किस्मत है और फ्लो के अगेंस्ट जाइए।
हर कोई किस्मत को अपनी मुट्ठी में करना चाहता है और यहां पर आपके लिए एक अच्छी खबर यह है कि आप कुछ तरीकों की मदद से अपनी डे टु डे लाइफ को बदल सकते हैं और किस्मत को इंप्रूव कर सकते हैं।
पहला मेथड यह है कि आपको अपने आइडिया के लिए कड़ी मेहनत के साथ ही जुनूनी और जिद्दी बनना पड़ेगा। किस्मत भी उन्हीं का साथ देती है जो कि कभी गिव अप नहीं करते हैं चाहे पूरी दुनिया ही क्यों ना हार चुकी हो। बेस्ट सेलिंग ऑथर जॉन ग्रिशम ने कभी गिव अप नहीं किया। जबकि उन्हें 28 पब्लिशर्स ने बुक पब्लिश करने से मना कर दिया था और आज वह 275 मिलियन बुक्स को ग्लोबली सेल कर चुके हैं।
जिद और जुनून आपकी हेल्प कर सकते हैं, लेकिन जो सच में इफेक्टिव होगा वह यह है कि आप अपने आप को ऐसी जगह रखें जहां पर लक हो। इस मेथड को आइस हॉकी लीजेंड Wayne Gretzky ने कुछ इस तरह एक्सप्लेन किया है। उनका सबसे ज्यादा स्कोर रेट इसलिए बना क्योंकि 'वह पक को वहां स्केट करते थे जहां वह जा रही है, ना कि जहां वह है'।
इसी तरह से अगर आप अपने आप को वहां रखेंगे जहां पर अपॉर्चुनिटी है तब आप अपने सक्सेस के चांसेस को बढ़ा देंगे। इसलिए जो भी बॉलीवुड में जाना चाहते हैं वह मुंबई में जाकर रहते हैं क्योंकि वहां से उन्हें अपॉर्चुनिटी मिलने के चांसेस ज्यादा होते हैं। यह मेथड आपके लक को इनक्रीस तो कर सकता है, लेकिन अनफॉर्चूनेटली आप अकेले नहीं हैं जो जिद्दी और जुनूनी है और जिन्होंने खुद को अपॉर्चुनिटी वाले एनवायरनमेंट में रखा हुआ है। ऐसे और भी बहुत से लोग हैं, इसलिए आपको भीड़ से अलग दिखने के लिए कुछ हटकर सोचना होगा।
1960 में एथलीट डिक फॉस्बरी ने एक यूनिक अप्रोच डिवेलप की उनके हाई जंप के लिए और उनके परफॉर्मेंस को 6 इंच तक इंप्रूव कर लिया। उनका 'अजीब सा दिखने वाला' मिड एयर रोटेशन 'फॉस्बरी फ्लॉप' के नाम से जाना जाने लगा। यहां तक कि शुरुआत में एक्सपर्ट्स ने इसे डिसमिस भी कर दिया था। उसके बाद फ्लॉप में 1968 ओलंपिक में उन्हें गोल्ड मेडल जीत कर दिया। बाद में एक्सपर्ट और उनके साथ दूसरे हाई जंप एथलीट्स ने उनकी इस 'अजीब सी लगने वाली' टेक्निक को समझ लिया और 1972 से लेकर अभी तक फॉस्बरी फ्लॉप टेक्निक का इस्तेमाल करने वाला हर एथलीट गोल्ड मेडल जीता है।
फ्लो के अगेंस्ट जाइए। अपने जुनून और समझदारी से खुद को अपॉर्चुनिटी वाली जगह पर रखिए। उसके बाद देखिए कि किस तरह से अपनी किस्मत को अपनी मुट्ठी में कर लेते हैं।
नेटवर्किंग के द्वारा काम करना आपको एक लकी फ्रेमवर्क बनाने में मदद कर सकता है। यहां पर ऐसी बहुत सारी टेक्निक्स हैं जिन्हें आप अपनी लाइफ में अडॉप्ट कर सकते हैं। जो आपको तैयार करेंगी उस समय के लिए जब कोई नई अपॉर्चुनिटी आपके पास आने वाली होगी। सबसे पहले आप अपने जान पहचान वाले लोगों का एक अच्छा नेटवर्क इस्टैब्लिश कीजिए।अपॉर्चुनिटी की संभावना वहाँ अधिक बढ़ जाती है जहाँ पर आप बहुत ज्यादा करीबी लोगों के आसपास ना हो। यह इस तरह है जैसे करीबी मित्रों और परिवारों के विपरीत लोग। ऐसे लोगों का नेटवर्क बनाइए जिन्हें आप जानते तो हैं लेकिन वह आपके बहुत ज्यादा करीबी या परिवार के ना हो। साइकोलॉजिस्ट Mark Granovetter ने लोगों के साथ 'दूर के रिश्तो' को बहुत 'ताकतवर' बताया है। जब आप हर उस नए चेहरे से जिसे आप मिलते हैं, अपनी नई अपॉर्चुनिटी और अवसर के बारे में बात करते हैं तब आप उस सही इंसान तक पहुंच जाते हैं जहां पर आपको होना चाहिए। उदाहरण के लिए- जब आप अपनी जॉब के लिए हर इंसान से बात करते हैं तब कोई एक इंसान ऐसा मिलता है जो आपका इंटरव्यू आपकी ड्रीम कंपनी के लिए सेट कर देता है।
दूसरी टेक्निक है अपनी लाइफ में वेरिएशन लाना होगा। हमें अपनी लाइफ में और हमारी एक्टिविटीज में वेरिएशन लाना होगा। मल्टीपल एक्टिविटीज होना हमारी सक्सेस के चांसेस को बढ़ा देता है। अगर ऐसा हुआ कि हमारी एक अपॉर्चुनिटी ने ठीक से काम नहीं किया,तब हमारे पास ऐसी और बहुत सारी अपॉर्चुनिटी होंगी जिन पर काम करके हम उन्हें सक्सेसफुल बना सकते हैं। लेकिन उसके लिए हमें अपने लाइफ में वेरिएशन लाने होंगे, एक्टिविटीज को मल्टीपल करना होगा।
एक उदाहरण देखते हैं फैशन डिजाइनर मीरा ने जब अपने बॉयफ्रेंड के साथ एक नई कंपनी स्टार्ट करने के लिए अपना एडिटिंग का जॉब छोड़ा, तब उनके बॉयफ्रेंड कपिल ने उनके एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री का काम जारी रखा। जिससे कि जब तक उन्हें अपनी फैशन कंपनी के लिए लकी ब्रेक नहीं मिल गया, उन्हें नया बिजनेस स्टार्ट करने के लिए इनकम भी होती रही और एक्स्ट्रा सपोर्ट भी मिलता रहा।
लकी ब्रेक हमेशा छोटे से शुरू होते हैं इसलिए आपको जरूरत होती है कि आप उन्हें पहचाने। 1928 में फिजिशियन और माइक्रोबायोलॉजिस्ट एलेग्जेंडर फ्लेमिंग एक बहुत लंबे वेकेशन के बाद अपनी लेबोरेटरी में वापस लौटे। तब उन्होंने देखा कि एक बैक्टीरिया जो कि फफूंद मारता है, किसी तरह से उनके लेबोरेटरी में आ गया था और एक पेट्री डिश में गिर गया था, हालांकि उस बैक्टीरिया को पहले ही काफी लोग वहां से निकालने की कोशिश कर चुके थे, लेकिन वह असफल रहे। क्योंकि फ्लेमिंग ने पहले से ही काफी रिसर्च कर रखी थी इसलिए उन्हें पता था कि इसका महत्व क्या हो सकता है। इस तरह से उन्होंने बैक्टीरिया को मारने की दवा पेनिसिलिन का आविष्कार किया। जिसने उन्हें 1945 में नोबेल प्राइज दिलवाया।
अब आप इस बात को समझें कि किस तरह से छोटे से अवसर को बड़ी सफलता में बदला जा सकता है। आइए अब कुछ प्रैक्टिकल एग्जांपल देखते हैं कि यह हम लोगों की डेली लाइफ में कैसे अप्लाई होता है।
हमारे करियर की सफलता में अवसर की भागीदारी हो सकती है, लेकिन लकी वही साबित हुए जो अपनी किस्मत के लिए अड़े रहे।
Goldman Sachs बहुत बड़ी एक इन्वेस्टमेंट कंपनी के मालिक है। उन्होंने फर्स्ट ईयर एनालिस्ट की आई हुई एप्लीकेशंस को दो लिस्ट में डिवाइड कर दिया। पहले लिस्ट वह थी जो कि कंसीडर की गई दूसरी लिस्ट वह थी जिसे डस्टबिन में डाल दिया गया। अब आप अपने आप को डस्टबिन में जाने से कैसे बचाएंगे और इस बात को कैसे श्योर करेंगे कि आपका नंबर पहले वाली लिस्ट में होगा? इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि आप किस पोजीशन के लिए ट्राई कर रहे हैं। आपको हमेशा थर्ड लिस्ट में होना चाहिए यह लिस्ट उन कैंडिडेट की होगी जो कि पहले से ही कंसीडर किए जा चुके हैं क्योंकि वह अपनी इस पोजीशन के लिए अड़े रहे थे।
'दूर के रिश्तों' की 'ताकत' याद है? वह दूर के रिश्ते ही आपके थर्ड लिस्ट में आने की चाबी हैं। उदाहरण के लिए आपका कोई फैमिली मेंबर उस कंपनी में काम करता है जहां पर आप भी जाना चाहते हैं और यह आपके लिए एक बहुत बड़ा एडवांटेज हो सकता है यह कुछ अनफेयर सा लग सकता है लेकिन यह मैटर सिर्फ प्लेसमेंट का है। आपको ऐसे लोगों को ढूंढना है जो आपको इस तरह की जगह पहुंचा सकते हैं।
जैक जो कि एक ई-कॉमर्स एग्जीक्यूटिव है जिन से लेखक ने बात की। उनके अनुसार कैंडिडेट का उस पोजीशन के लिए एफर्ट हमें हमारे फायनल डिसीजन तक ले जाता है। जैक ने बताया कि उनके पास बहुत सारे इंप्रेसिव एप्लीकेशन आते हैं लेकिन उन्होंने ऐसे लोगों को हायर किया जो कि या तो उनसे पर्सनली कांटेक्ट करने के लिए प्रयास करते हैं या जो बहुत दूर से आकर इस पोजीशन के लिए एफर्ट लगाते हैं या कुछ दूर के लोगों से रिकमेंड के द्वारा ऐसा करते हैं। ऐसे लोग जो पोजीशन को पाने के लिए इस तरह का एफर्ट लगाते हैं यह वही लोग हैं जो इस पर अड़े रहते हैं।
हालांकि सिर्फ रिकमेंडेशन ही सक्सेस होने के लिए काफी नहीं होता है। आपको अपनी अपॉर्चुनिटी को भी बढ़ाना पड़ता है। किसी टीवी शो के लिए चुने गए तीनों ही कलाकारों के साथ यह हुआ कि या तो वह किसी फेमस पेरेंट्स के बच्चे थे या वह शो क्रिएटर्स को पहले से ही जानते थे। लेकिन उनमें से किसी ने भी इस बात का फायदा नहीं उठाया और अपने काम से यह साबित किया कि वह तीनों ही इस जॉब के लिए बेस्ट कैंडिडेट है। इसका रिजल्ट यह हुआ कि शो सक्सेस हो गया।
आगे हम देखेंगे कि किस तरह से प्यार में भाग्यशाली होने के लिए हम किस्मत को इनफ्लुएंस कर सकते हैं।
प्यार में लकी होने के लिए आपको सही जगह पर जाना होगा और सही काम करना होगा। लोग अक्सर यह बातें करते हैं कि वह कितने भाग्यशाली हैं जो उन्हें एक सही हाथी मिला है लेकिन वह लोग इस बात को रियलाइज़ नहीं कर पाते हैं कि यहां पर सिर्फ साथी होने से ज्यादा भी बहुत कुछ है। राइट पर्सन को ढूंढने के लिए आपको राइट प्लेस पर होना बहुत जरूरी होता है। जैसा कि पहले बताया गया है आपको अपने लक को इनक्रीस करने के लिए खुद को उस सही जगह पर पहुंचाना होगा, जहां पर अपॉर्चुनिटी ज्यादा होती हैं। यही बात आप के संभावित साथी के मिलने पर भी लागू होती है। एग्जांपल के लिए अगर आप आर्ट पसंद करते हैं तो आर्ट गैलरी जाइए और देखें कि वह आपको कौन मिलता है।
आपको यह भी पता होना चाहिए कि वह कौन सा राइट प्लेस होगा जहां पर आपके किसी से मिलने की संभावनाएं ज्यादा होंगी। उदाहरण के लिए; आप अपने किसी फ्रेंड की शादी में जाते हैं, जहां पर कुल 125 लोग मौजूद हैं यहां पर आपके किसी राइट पर्सन से मिलने के चांसेस ज्यादा होंगे बजाय इसके कि आप किसी फुटबॉल मैच को देखने एक स्टेडियम में गए जहां पर 20,000 से ज्यादा संख्या में लोग मौजूद हैं। जब आप किसी बेहतर पार्टनर की तलाश कर रहे हैं तो ऐसे ही किसी जगह मत चले जाएं किसी प्लेस का चुनाव सोच समझ कर करें।
किसी बेहतर इंसान से मिलने के बाद आपको एक बहुत ही इंपॉर्टेंट बात ध्यान में रखना होगी कि "परफेक्ट" जैसा इस दुनिया में कुछ भी नहीं होता है। हम सभी इंसान हैं और हर इंसान में खामियां होती हैं लेकिन कई बार ऐसा होता है जब आपाको आक्सपार्टनर की खामियां, किसी और इंसान की तरफ परफेक्ट की तलाश करते हुए ले जाती हैं। साइकोलॉजिस्ट Dr. Barry Schwartz कहते हैं कि प्रॉब्लम चॉइस करने से लेकर शुरू होती है, जब हमारे पास बहुत ज्यादा अल्टरनेटिव्स होते हैं और इसका रिजल्ट यह होता है कि हम उन चीजों पर फोकस करने लगते हैं जो हमारे पास नहीं है। यह बात हमारे सेटिस्फेक्शन को कम कर देती है फिर चाहे वह चुनी गयी हमारे लिए एक अच्छी चॉइस ही क्यों ना हो।
लेखक के द्वारा किए गए एक नेशनल सर्वे में यह पाया गया कि लोगों से जब पूछा गया कि प्यार में किस्मत के क्या मायने होते हैं सिर्फ 70% लोगों ने यह कहा की यह पूरी तरह से एक परफेक्ट पर्सन को ढूंढने के बारे में होता है। वहीं 80% लोगों ने कहा कि यह ऐसा होता है कि अपने पार्टनर के ऊपर ज्यादा ध्यान देते हैं बजाय खुद के ऊपर ध्यान देने के। उनकी जरूरतों और इच्छाओं का ज्यादा सम्मान करते हैं। अपने पार्टनर को पूरा समय और इफर्ट देने के बाद आप एक स्ट्रांग रिलेशनशिप बना सकते हैं और यह आपको आपके प्यार के लिए लकी फील करवाएगा। प्यार में खुश किस्मत होना इतना आसान नहीं है,इसके लिए आपको इस पर वर्क करना होता है और इसे मजबूत बनाना होता है।
लाइफ में भाग्यशाली होने की शुरुआत तब होती है जब आप एक बच्चे की तरह सीखते हैं कि आपकी लाइफ का कंट्रोल पूरी तरह से आपके हाथ में है।
भाग्यशाली बच्चे खुश भी रहते हैं और आप अपने बच्चों को सबसे ज्यादा भाग्यशाली बना सकते हैं उन्हें वह सारे सिद्धांत सिखा कर जो हमने इस समरी में समझाएं हैं। किसी बच्चे के लक को इनक्रीस करने के लिए आपको उन्हें अवेलेबल अपॉर्चुनिटी के बारे में समझाना चाहिए ना कि उन्हें एक ही पर्टिकुलर रास्ते पर चलने के लिए फोर्स करना चाहिए। Dr Jessica Levenstein जो कि न्यूयॉर्क के Horace Mann School से हैं उनका मानना है कि वे बच्चेज्यादा खुश होंगे, अगर वह इस बात पर भरोसा करेंगे कि उनकी लाइफ को वह उनके हिसाब से जी सकते हैं और कंट्रोल कर सकते हैं। उन्होंने यह एक्सप्लेन किया कि वह पेरेंट्स जो अपने बच्चों को किसी स्पेसिफिक टीचर से एजुकेशन लेने के लिए अलाउड नहीं करते हैं, अक्सर अपने बच्चों के इंडिपेंडेंसी और लर्निंग को खत्म कर देते हैं।
उदाहरण लेते हैं, लेखक ने एक बार अपने बच्चे के टीचर को चेंज करना चाहा, लेकिन स्कूल के प्रिंसिपल ने इस सिचुएशन को एक पॉजिटिव एटीट्यूड के साथ देखा और खुद को इस में इंवॉल्व किया। आखिर में यह हुआ कि लेखक के बेटे और टीचर के बीच में एक अच्छी बॉन्डिंग बन गई और दोनों एक दूसरे के साथ पूरी तरह घुल मिल गए। लेखक ने इस बारे में भी बात की कि किस तरह से उनके पिता की आदत थी उनके रिपोर्ट कार्ड को इग्नोर करने की, और वह खुद को लेकर कंसर्न रहते थे बजाय इस बात के कि उनकी बेटी कैसा महसूस करती है।
अगर हम बच्चों को उनके लगाए हुए एफर्ट के इफेक्ट को खुद ही समझने दें, चाहे वह गलतियां ही क्यों ना हो तब बच्चे ज्यादा अच्छी तरह से सीख पाएंगे। बच्चों को गलतियां करने दीजिए और उन्हें अपनी गलतियों से खुद ही सीख लेने दीजिए। एक और चीज है जो आप अपने बच्चे को सिखा सकते हैं वह है कि पारंपरिक रास्ते पर नहीं चलना है।
हाई स्कूल में बिल गेट्स और पोलैंड में एक छोटा सा डाटा एनालिसिस का बिजनेस ढूंढा जो कि सक्सेस नहीं हुआ। लेकिन इसके बाद ही माइक्रोसॉफ्ट कंपनी बनी। बिल गेट्स बहुत ही आश्चर्यचकित थे कि उनके पिता ने उनके टीचर को यह कहा कि इसे आगे बढ़ने दीजिए बजाय इसके कि इसे पढ़ाई पर फोकस करने को कहिए। उनके माता-पिता ने उन्हें अलाउ किया उनके हिसाब से काम करने के लिए और उसके बाद जो हुआ जो सक्सेस उन्हें मिली वह तो सभी जानते हैं। जैसा कि आप देख सकते हैं यह बहुत जरूरी है कि अपने बच्चों को यह सिखाया जाए कि किस तरह से वह उनके डिसीजंस को कंट्रोल कर सकते हैं और सफलता को हासिल कर सकते हैं।
बहुत बार ऐसा होता है जब हमारा बुरा समय अचानक से हमारे सामने आ जाता है। लेकिन बेड लक को रोकना गुडलक कोएंकरेज करने जैसा होता है। इसके लिए आपको प्रिपेयर रहना होगा और इसके लिए आपको इस सिचुएशन से समझदारी से निपटना होगा। बुरे समय से बचने के लिए उसके लिए तैयार रहना सबसे अच्छा तरीका है और यह एक छोटी की शुरुआत करने के लिए भी अच्छा साबित हो सकता है।
उदाहरण के लिए अगर हम हेल्थ की बात करें तो हमें उन छोटी छोटी सी बातों पर फोकस करना चाहिए जिन्हें हम कंट्रोल कर सकते हैं बजाय इसके कि हम किसी बुरे आउटकम को लेकर चिंता करते रहें। हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक स्टडी में यह पाया गया कि हर साल 1 मिलियन से भी ज्यादा अमेरिकन सिर्फ इस बात से मौत के मुंह तक पहुंच जाते हैं क्योंकि उनको वेट इश्यू होते हैं, वह स्मोकिंग करते हैं या उन्हें हाई ब्लड प्रेशर का प्रॉब्लम होता है। इन कारणों को हम रोक सकते हैं। इन्हें कंट्रोल किया जा सकता है अगर हर एक इंसान इसके बारे में सोचें तो।
हम उन बातों के बारे में सोचते हैं जिनकी होने की संभावना ना के बराबर होती है बजाय उन बातों के जो हमारे साथ हो सकती हैं। जैसे की हम शार्क अटैक को लेकर या इबोला वायरस को लेकर चिंता में रहते हैं। लेकिन हम यह नहीं सोचते कि कार एक्सीडेंट से कैसे बचा जाए जो कि हर दिन कम से कम 100 अमेरिकंस की जान ले लेता है।
जब बात किसी आपदा की आती है चाहे वह प्राकृतिक हो या मनुष्य द्वारा, कुछ छोटे-छोटे प्रिकॉशंस के साथ हम इन आपदाओं का सामना कर सकते हैं। क्यों ना जब हम किसी होटल में जाते हैं तो कुछ समय फायर एस्केप चेक करने में बताएं और इस बात के लिए श्योर रहे की फायर अलार्म ठीक से काम कर रहे हैं। अपने रिएक्शन पर कंट्रोल कर के भी हम बैड लक को अवॉइड कर सकते हैं और ठीक तरह से बात करें तो आप अपने बेड लक को पॉजिटिव आउटलुक से देखते हुए गुडलक में चेंज कर सकते हैं।
प्रसिद्ध लेखक ली चाइल्ड को उनकी 13 साल पुरानी नौकरी से निकाल दिया गया। लेकिन इस बात को लेकर बैठे रहने और रोने की जगह उन्होंने अपने इस फ्रस्ट्रेशन को बेस्ट सेलिंग जैक रीचर नोवेल्स को बनाने में लगाया।
को-ऑथर ने किसी पहाड़ को चढ़ने को लेकर इस तरह से एक्सप्लेन किया है कि अगर आप किसी पहाड़ की सबसे ऊंची चोटी को छूना चाहते हैं तो आपको पहले आप जहां पर खड़े हैं उस घाटी से उतरना होगा। उसके बाद ही आप पहाड़ की ऊंचाई तक पहुंच पाएंगे। कहने का मतलब है आप जहां पर हैं जब वहां से निकलेंगे तभी आप जहां चाहते हैं वहां पहुंच पाएंगे।
सिर्फ कड़ी मेहनत ही गुडलक को इंप्रूव करने का एक रास्ता है ऐसा नहीं है, लेकिन हार्ड वर्क आपको आपके बैड लक से निकलने में और गुड लक की तरफ जाने में मदद कर सकता है।
कुल मिलाकर
लक को हम जितना सोचते हैं उससे कहीं ज्यादा कंट्रोल में कर सकते हैं, उन प्रिंसिपल्स को फॉलो करके जो यहां पर दिखाए गए हैं हार्ड वर्क, टैलेंट और चांस को एक साथ शामिल करके और खुद को ऐसी जगह पर प्लेस करके जहां पर अपॉर्चुनिटी होने की संभावना ज्यादा होती है ऐसा करने से आप अपने लव को इनक्रीस कर सकते हैं।
अपनी लाइफ को कंपास के थ्रू रास्ते पर लाएं ना कि मैप के।
ऐसी जगह तलाश करना जहां पर अपॉर्चुनिटी ज्यादा है आपके लक को बढ़ा देता है इसके लिए आपको एक प्लान की जरूरत है। एक ऐसा प्लान जो कि आपको रास्ते से भटकाता ना हो बल्कि आपको अपॉर्चुनिटी तक ले जाता हो। अगर आप इस बात को जानते हैं कि आपको जहां पहुंचना है वहां पर जाने के लिए कौन सा रास्ता चुनना है तब आपको सिर्फ अपने आसपास कुछ चेंज करना होंगे। इसके लिए आपको सेल्फ कॉन्फिडेंस और करेज की जरूरत होगी। लेकिन आप अपने रास्ते पर चलते हुए अपॉर्चुनिटी फाइंड करेंगे और उसी के साथ आप अपनी किस्मत बदल सकते हैं।
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आप और कौनसी समरी सुनना चाहते हैं ये भी बताएं. हम आप की बताई गई समरी एड करने की पूरी कोशिश करेंगे.
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