कंप्यूटर की दुनिया से बड़े आइडियाज़।
दो लफ्जों में
हैकर्स एन्ड पेंटर्स (Hackers and Painters) में हम हैकर्स को अच्छे से जानने की कोशिश करेंगे और यह देखेंगे कि किस तरह से वे दुनिया को बदल सकते हैं। यह किताब हमें बताती है कि एक हैकर किस तरह से खुद को बेहतर बना सकता है और किस तरह से वो बहुत अच्छे पैसे कमा सकता है। साथ ही यह किताब हमें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के बारे में भी जानकारी देती है।यह
किसके लिए है
-वे जो टेक्नोलॉजी में दिलचस्पी रखते हैं।
-वे जो एक हैकर या प्रोग्रामर हैं।
-वे जो कंप्यूटर के फील्ड में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं।
लेखक के बारे में
पाउस ग्राहम ( Paul Graham ) एक कंप्यूटर साइंटिस्ट, आन्त्रप्रीन्योर, वेंचर कैपिटलिस्ट और लेखक हैं। वे लिस्प प्रोग्रामिंग लैंग्वेज पर किए गए अपने काम के लिए जाने जाते हैं। वे वियावेब के को-फाउंडर भी हैं।
यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए
आज को वक्त में बहुत से लोग अपने पड़ोसियों से बेहतर दिखने की कोशिश करने में अपना बहुत सा समय बिता रहे हैं। लोग समाज के खौफ से वो काम नहीं करते जो वे करना चाहते हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि उनकी इमेज खराब हो। लेकिन हमारे बीच कुछ इस तरह के लोग रहते हैं जिन्हें समाज और उसके नियम से कोई फर्क नहीं पड़ता। यह किताब उन्हीं के लिए लिखी गई है।
आज का जमाना टेक्नोलॉजी का है। जो लोग नए किस्म के साफ्टवेयर बना कर मार्केट में ला रहे हैं और लोगों की समस्या को सुलझा रहे हैं, वो लोग बहुत अच्छा पैसा कमा रहे हैं और कामयाब लोगों में गिने जा रहे हैं। अगर आप एक प्रोग्रामर हैं, तो यह किताब आपको बताएगी कि आप किस तरह से कामयाब हो सकते हैं। यह किताब हमें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के बारे में भी बहुत सी बातें बताती है।
-हैकर्स और पेंटर्स किस तरह से एक जैसे होते हैं।
-एक हैकर किस तरह से अच्छे पैसे कमा सकता है।
-प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है और क्यों हमें बहुत सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस की जरूरत है।
आज के वक्त में नैतिकता और फैशन बहुत तेजी से बदल रहे हैं, लेकिन समझदार लोगों को दोनों से ही कोई फर्क नहीं पड़ता।
हम जिस भी तरह का फैशन करते हैं, वो एक समय के साथ बंधा होता है। पहले के वक्त में लड़कों के लिए लम्बे बाल रखना और क्लीन शेव करना फैशन हुआ करता था। लोग उस समय अजय देवगन जैसा बनने की कोशिश किया करते थे। लेकिन आज के वक्त में छोटे बाल और दाढ़ी रखने का फैशन चल रहा है।
ठीक इसी तरह से अगर आप 100 साल पहले जाएं, तो उस समय के लोगों का फैशन कुछ दूसरा हुआ करता था। ठीक इसी तरह से नैतिकता भी समय के साथ बदलती जा रही है। पहले के लोग जिस तरह के स्वभाव को अच्छा मानते थे, आज वे उसे गलत मानते हैं। पहले के वक्त के लोग सलाह देते थे कि हमें समाज के हिसाब से रहना चाहिए, लेकिन आज के वक्त के लोगों को यह सलाह दी जाती है कि वे इसकी परवाह ना करें कि दूसरे उनके बारे में क्या सोच रहे हैं।
तो इस तरह से फैशन और नैतिकता समय के साथ बहुत तेजी से बदल जाते हैं। लेकिन हमारे समाज का एक ऐसा ग्रुप है जिसे इन बदलावों से कोई फर्क नहीं पड़ता। इन्हें नर्ड कहा जाता है, जिसका मतलब उन लोगों से है जो अकेले रहते हैं और बहुत दिमाग वाले होते हैं।
नर्ड अपने दोस्तों में बिल्कुल पापुलर नहीं होते और ना ही वे बनने की कोशिश करते हैं। वे अपना खाली समय खुद को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। वे लोग अक्सर एक ही कपड़े को कई साल तक पहनते रहेंगे और अपनी प्रोफाइल पिच्चर को कभी अपडेट नहीं करेंगे।
नर्ड कभी स्कूल या कालेज में बहुत फेमस नहीं होते, वे कभी क्लास के मानिटर नहीं बनते और ना ही उनके बहुत सारे दोस्त होते हैं। वे ज्यादातर समय खुद को बेहतर बनाने में बिताते हैं और इसलिए जब वे स्कूल या कालेज से बाहर आते हैं, तो वे असल जिन्दगी में बहुत अच्छा करते हैं, जहाँ पर फेमस होना कुछ ज्यादा मायने नहीं रखता।
कंप्यूटर हैकर्स भी एक तरह के आर्टिस्ट होते हैं जो समस्या का समाधान बनाते हैं।
बहुत से लोग जब हैकर का नाम सुनते हैं, तो उनके दिमाग में एक आदमी आता है जो कि अंधेरे कमरे में कंप्यूटर के सामने बैठकर किसी कंपनी की सिक्योरिटी तोड़ने की कोशिश कर रहा है। लेकिन जब वे एक पेंटर के बारे में सोचते हैं, तो उनके दिमाग में एक ऐसा व्यक्ति आता है जो कि एक मास्टर पीस बनाने की कोशिश कर रहा है।
लेकिन यहाँ पर हम आपको बता दें कि एक हैकर और एक पेंटर में बहुत सी बातें मिलती हैं। एक हैकर एक प्रोग्रामर होता है जो कि कंप्यूटर के जरिए कुछ भी कर सकता है। उसका दिमाग एक मैथमैटिशियन का होता है, जो कि समस्या का समाधान बनाता है,ना कि उसे खोजता है। एक पेंटर भी एक कान्सेप्ट को बनाने की कोशिश करता है, ना कि कहीं से खोजने की।
जिस तरह से एक पेंटर अपनी ब्रश उठाकर पेंटिंग बनाने लगता है और फिर उसमें की गलत चीजों को मिटा कर फिर से बनाता है, उसी तरह से एक हैकर भी कंप्यूटर पर कोड को लिखता जाता है और जैसे- जैसे उसे जरूरत महसूस होती है, वो उसे सुधारता जाता है।
एक पेंटर के काम को कामयाब तब कहा जाता है जब देखने वालों को उसकी पेंटिंग बहुत पसंद आए। ठीक इसी तरह से एक हैकर के काम को कामयाब तब कहा जाता है जब उसका साफ्टवेयर इस्तेमाल करने वालों की समस्या सुलझ जाए और वे उससे खुश हो जाएं। एक पेंटर की तरह उसका भी गोल होता है अपने आडियंस को खुश करना।
इस तरह से हैकर और पेंटर, दोनों का दिमाग, काम करने का तरीका और गोल एक ही होता है।
एक बेहतरीन हैकर बनने के लिए आपको नियमों को तोड़ना होगा।
हम तब तक कुछ बेहतर नहीं बना सकते जब तक हम इस समय की चीजों पर एक्सपेरिमेंट ना करें। हम तब तक बेहतर नियम नहीं बना सकते जब तक हम इस समय के नियमों को ना तोड़ें। इसलिए एक हैकर का काम कुछ लोगों को गैरकानूनी लग सकता है, लेकिन यही एक तरीका है जिससे वे कुछ बेहतर बना सकते हैं।
एक हैकर होने के लिए आपको कुछ नियमों को तोड़ना होगा। इसके लिए आपको उस काम को पढ़ना होगा और उसे बेहतर बनाने की कोशिश करनी होगी जो कि आप से पहले किया गया हो। इसका मतलब आपको उस काम को समझने की और बेहतर बनाने की कोशिश करनी होगी जो कि कापिराइट प्रोटेक्शन में है। और यह एक गैरकानूनी काम है।
हैकर्स हमेशा उत्सुकता में आकर नियमों को तोड़ते हैं। वे नए साफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी में इतनी ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं कि उसे समझने के लिए वे किसी भी सिक्योरिटी को तोड़ देते हैं। सबसे पहले जब कंप्यूटर सिक्योरिटी को तोड़ना एक अपराध कहा गया था, तो एफबीआई ने बहुत से हैकर्स को गिरफ्तार किया था। लेकिन वे इस केस पर अच्छे से काम नहीं कर पा रहे थे क्योंकि हैकर्स का मकसद किसी को नुकसान पहुंचाने का या चोरी करने का नहीं होता था। वे उत्सुकता में आकर यह सारे काम करते थे।
इसलिए अगर आपको एक अच्छा हैकर बनना है, तो आपको नियमों के हिसाब से चलना छोड़ना होगा। इस तरह से आप उन पर उंगली उठाते हैं जो आपकी फील्ड के एक्सपर्ट हैं। आप पुराने आइडियाज़ से बेहतर आइडियाज़ पैदा करने की कोशिश करते हैं जिससे कि आप एक समस्या का बेहतर समाधान खोज पाते हैं।
हैकर्स नर्ड होते हैं जिन्हें समाज से कोई फर्क नहीं पड़ता। और उनकी यही खूबी उन्हें एक्सपेरिमेंट करने की आजादी देती है।
एक स्टार्ट अप शुरू करना अमीर बनने का सबसे आसान तरीका है।
अगर आप एक बहुत अच्छे प्रोग्रामर हैं और किसी कंपनी के लिए काम करने के लिए सोच रहे हैं, तो आप कभी अमीर नहीं बनेंगे। आपके काम से कंपनी को बहुत फायदा होगा, लेकिन जिस हिसाब से कंपनी आगे बढ़ेगी, उस हिसाब से आपकी सैलरी आगे नहीं बढ़ेगी। इसलिए खुद का स्टार्ट अप कर के ही आप अमीर बन सकते हैं।
स्टार्ट अप शुरू करने के बाद आपको उसके ऊपर बहुत ज्यादा काम करना होगा, लेकिन अंत में आप इससे बहुत ज्यादा पैसा कमा पाएंगे। लेखक ने दो कंपनियों की शुरुआत की थी, और उन्होंने बाद में उसे करोड़ों में बेच दिया। इस तरह से वे अब एक बहुत अच्छी जिन्दगी जी रहे हैं।
लेकिन यहां पर बहुत से लोग अमीर बनने के खिलाफ होते हैं। उन्हें लगता है कि एक व्यक्ति के अमीर बनने के लिए बहुत से लोगों का गरीब रहना जरूरी है। उन्हें लगता है कि यहाँ पर साधन और पैसा एक सीमा में है और हर किसी के अमीर बनने के लिए यह काफी नहीं है।
लेकिन यहां पर यह समझना जरूरी है कि आप संपत्ति को अपनी काबिलियत के हिसाब से पैदा करते हैं। अगर हर कोई काबिल बन जाए, तो हर कोई उसके हिसाब से संपत्ति पैदा कर सकता है। वो किसी का हिस्सा नहीं ले रहा है, बल्कि खुद का हिस्सा खुद बना रहा है। इसलिए यहाँ पर हर कोई अमीर बन सकता है।
इसके अलावा जैसा कि हमने पहले कहा, खुद का स्टार्ट अप शुरू करने के बाद आपको बहुत ज्यादा काम करना होगा। तो अगर आप एक आम आदमी के मुकाबले बहुत ज्यादा काम कर रहे हैं और एक ऐसा प्रोडक्ट बना रहे हैं जिसे हर कोई पसंद कर रहा है, तो क्या आपका हक नहीं बनता कि आप ज्यादा पैसे कमा कर ज्यादा अच्छी जिन्दगी जीएं? इसलिए अमीर बनने में कोई बुराई नहीं है।
आपके यूज़र का फीडबैक ही आपकी कामयाबी की निशानी है।
आपको अपने प्रोडक्ट को हमेशा अपने यूज़र के हिसाब से डिजाइन करना चाहिए। सबसे पहले आपको उसका एक प्रोटोटाइप तैयार कर के मार्केट में लाँच कर देना चाहिए ताकि आपको अपने असली यूज़र्स से फीडबैक मिल सके कि वे असल में आप से क्या चाहते हैं। ऐसा आप जितनी जल्दी कर सकेंगे यह आपके लिए उतना अच्छा होगा, क्योंकि इससे आपको जल्दी से जल्दी यह पता लग जाएगा कि आपका ग्राहक किस तरह की समस्या से परेशान है और आप किस तरह से उसे दूर कर सकते हैं।
जेन आस्टिन एक लेखिका थीं जो कि अपनी किताबों को सबसे पहले अपने परिवार और दोस्तों के सामने पढ़ती थीं। फिर वे उनसे पूछती थीं कि वे इस कहानी में क्या सुनना पसंद करेंगे और उसके हिसाब से उसमें सुधार करती थीं।
इस तरह से जब आप अपने यूज़र्न के हिसाब से एक साफ्टवेयर बनाएंगे, तो वे आपको उसके लिए पैसे भी देंगे। लेकिन अगर आप बहुत से ऐसे फीचर डाल दे रहे हैं जो कि देखने में अच्छे तो लग रहे हैं, लेकिन उससे यूजर की समस्या नहीं सुलझ रही है, तो वे उसे नहीं खरीदेंगे।
जब आपके यूजर आपके ऐप को खरीदने लगेंगे, तो उससे मिले पैसे को आप उस ऐप में फिर से लगा सकेंगे और उसे और बेहतर बनाकर ज्यादा यूजर्स को अपनी तरफ खींच पाएंगे। साथ ही जब आपके पास ज्यादा यूजर्स होंगे, तो आप उस साफ्टवेयर को अच्छी कीमत पर बेच भी पाएंगे। इसलिए अपने यूज़र्स के हिसाब से काम करना आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है क्योंकि इसी से आपकी कंपनी आगे जाएगी।
अलग- अलग जरूरतों के हिसाब से हम अलग अलग प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस का इस्तेमाल करते हैं।
आपने शायद बहुत सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस का नाम सुना होगा, जैसे C++, जावा, पाइथन और आप यह सोच रहे होंगे कि हमें इतनी सारी लैंग्वेजेस की जरूरत क्यों है। यह लैंग्वेजेस असल में कंप्यूटर को यह बताते हैं कि उन्हें क्या करना है। लेकिन एक लैंग्वेज पूरी तरह से कंप्यूटर से उस काम को नहीं करवा पाती जो हम करवाना चाहते हैं। कभी कभी वही काम जब हम किसी दूसरी लैंग्वेज का इस्तेमाल कर के करने की कोशिश करते हैं, तो वो आसानी से हो जाता है।
लेकिन असल में हमारा कंप्यूटर इन लैंग्वेजेस को नहीं समझता। वो सिर्फ 0 और 1 की भाषा को समझता है। इसलिए हमें एक कंपाइलर की जरूरत पड़ती है जो कि हमारी प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस को 0 और 1 में ट्रांस्लेट कर सके। फिर कंप्यूटर इस बाइनरी लैंग्वेज को समझता है।
इसके बाद अलग अलग प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस की मदद से हम अलग -अलग काम करवा पाते हैं। एक्ज़ाम्पल के लिए C या C++ में लिखे गए कोड बहुत तेज चलने वाले साफ्टवेयर बनाते हैं जबकि इन्हें समझना मुश्किल होता है। ठीक इसी तरह से पाइथन में लिखे गए कोड आसान होते हैं लेकिन इससे बहुत धीरे काम करने वाले साफ्टवेयर बनते हैं। एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में आपको जो काम 10 लाइन का कोड लिखकर कर रहे हैं, वो किसी दूसरी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में सिर्फ 4 लाइन के कोड से हो जाता है।
तो इसलिए हम अलग- अलग प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस का इस्तेमाल करते हैं अपनी अलग- अलग जरूरतों को पूरा करने के लिए। लेकिन इन सारी प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस को समय के साथ बेहतर बनाया जा रहा है। पहले के वक्त में सिर्फ बड़ी कंपनियां ही एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज बनाती थीं और उसमें सुधार करतीं थीं। लेकिन आज के वक्त में कोई भी बहुत कम पैसे में जरूरी मशीनों को लाकर इस समय चलने वाली किसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस को अपडेट कर सकता है या फिर अपनी जरूरत के हिसाब से एक नई लैंग्वेज बना सकता है।
एक अच्छी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज वो होती है जो प्रोग्रामर की जरूरतों को पूरा करे।
अगर आपको 1,000 तरह की फिल्में दिखाई जाएं और आप से यह पूछा जाए कि उसमें से आपको सबसे अच्छी फिल्म कौन सी लगी, तो आप अपनी पसंद - नापसंद के हिसाब से उनमें से अच्छे को चुनेंगे। ठीक उसी तरह से दुनिया में बहुत सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज हैं, लेकिन एक प्रोग्रामर हमेशा उसमें से अपनी फेवरेट चुनता है और उसी में प्रोग्रामिंग करना पसंद करता है।
बहुत से प्रोग्रामर अपनी जरूरतों के हिसाब से अपनी लैंग्वेज तैयार करते हैं। लेकिन समय के साथ वे उसे अपडेट भी करते रहते हैं क्योंकि समय के साथ उनकी पसंद - नापसंद बदलती है या फिर वे प्रोग्राम करने के बेहतर तरीके खोज निकालते हैं।
इस तरह से अगर हम एक अच्छी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की परिभाषा दें तो एक अच्छी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज वो होती है जो प्रोग्रामर की जरूरतों को पूरा करे।
इस तरह से एक प्रोग्रामर यह देखता है कि उसे किस तरह के प्रोग्राम बनाने हैं और वो किस तरह के फीचर्स अपने साफ्टवेर में चाहता है। इसके हिसाब से वो एक लैंग्वेज को चुनता है। अगर समय के साथ उसे लगता है कि वो लैंग्वेज उसकी किसी एक खास जरूरत को पूरा नहीं कर पा रही है, तो वो उसे सुधारने की कोशिश करता है।
पाइथन और पर्ल कुछ ऐसे लैंग्वेज हैं जो कि सबसे पहले कुछ अकेले काम करने वाले प्रोग्रामर्स ने बनाए थे, लेकिन बाद में उन्होंने उसे ओपन सोर्स कर के आम जनता के लिए निकाल दिया ताकि कोई भी उसमें अपनी जरूरत के हिसाब से बदलाव कर सके। इस तरह से यह भाषाएँ समय के साथ बहुत बेहतर बनती जा रही हैं।
एक बिजनेस अक्सर फेमस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को इस्तेमाल करता है, लेकिन कभी - कभी अपने तरीके बदलने से उन्हें फायदा हो सकता है।
एक बिजनेस को सही से चलाने के लिए आपको हमेशा उस लैंग्वेज को चुनना चाहिए जो कि फेमस हो। ऐसा इसलिए क्योंकि पापुलर लैंग्वेज में लिखा गया कोड बहुत से दूसरे साफ्टवेयर के साथ कंपैटिबल होता है। वो आसानी से ज्यादातर डिवाइस पर अच्छे से चल सकता है।
साथ ही पापुलर लैंग्वेज इस्तेमाल करने वाले प्रोग्रामर बहुत से हैं। इसलिए आपको आसानी से अपने कर्मचारी मिल सकते हैं। साथ ही अगर आप एक ऐसी लैंग्वेज में प्रोग्राम बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो कि बहुत पापुलर नहीं है, तो आपको खास तरह के प्रोग्रामर की जरूरत होगी। इस बीच अगर आपका वो खास प्रोग्रामर काम छोड़कर चला जाए तो आपको पूरा प्रोजेक्ट खारिज करना होगा क्योंकि आपको दूसरा प्रोग्रामर आसानी से नहीं मिलने वाला।
इसलिए ज्यादातर बिजनेसेस को उन प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस को इस्तेमाल करना चाहिए जो कि पापुलर हैं। लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।
जैसा कि हमने पहले कहा, कि एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एक तरह के काम को बहुत अच्छे से कर लेता है। अगर आप हर तरह के प्रोग्राम को बनाने के लिए सिर्फ एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल करेंगे, तो संभावना है कि आपका फाइनल प्रोडक्ट उतना अच्छा नहीं बन पाएगा जितना अच्छा उसे होना चाहिए। साथ ही आपकी तरह आपके हर काम्पटीटर को भी इसी समस्या का सामना करना होगा। तो अगर आप अपने काम को करने के लिए किसी दूसरी और अच्छी लैंग्वेज को चुनते हैं, तो आप ज्यादा अच्छा प्रोडक्ट मार्केट में ला सकते हैं।
लेखक ने वियावेब को डिज़ाइन करते वक्त एक बहुत कम जानी जाने वाली लैंग्वेज लिस्प का इस्तेमाल किया। इस तरह से वे एक बेहतर प्रोडक्ट मार्केट में ला पाए।
एक प्रोग्रामर की तरह आप अपनी हर दिन की समस्या का समाधान आसानी से खोज सकते हैं।
अगर आप एक प्रोग्रामर हैं, तो आप बहुत से काम कर के खुद को हर दिन की परेशानी से बचा सकते हैं। इसमें से जो एक परेशानी जो हर कंप्यूटर इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को होती है वो है - स्पैम। इस समस्या से निकलने के लिए आप कुछ तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एक्ज़ाम्पल के लिए आप यह देखिए कि स्पैम मैसेज में क्या कामन होता है। जैसे कि बहुत से स्पैम मैसेज में कुछ खास तरह के शब्द मौजूद होते हैं। आप एक ऐसा फिल्टर तैयार कर सकते हैं जो कि इस तरह के शब्दों को पहचाने और उन्हें तुरंत स्पैम फोल्डर में डाल दे।
दूसरे तरीके में आप ईमेल के हर एक शब्द की जाँच करने वाला एक साफ्टवेयर बना सकते हैं जो कि उसमें से दिए गए शब्दों को पहचान कर यह पता लगाए कि उसके स्पैम होने की संभावना क्या है। अगर संभावना ज्यादा हो, तो वो उसे स्पैम फोल्डर में डाल दे।
इसके बाद तीसरा तरीका यह है कि आप यह तय करें कि आपके लिए किस तरह के ईमेल जरूरी हैं। अगर आप एक प्रोग्रामर हैं, तो आपके लिए वो ईमेल जरूरी होंगे जिसमें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का नाम हो। जैसे लेखक ने यह तय किया कि हर वो ईमेल जिसमें लिस्प का नाम है, वो उनके लिए जरूरी है। साथ ही हर वो ईमेज जिसका उन्होंने ने जवाब दिया है, वो भी उनके लिए जरूरी है। इसके अलावा वे बाकी के ईमेल्स को स्पैम में डाल देते हैं।
लेकिन आप चाहे कितने भी तरीके लगा लें, स्पैम फिल्टर कभी - भी सारे स्पैम को फिल्टर नहीं कर पाते और कभी - कभी तो जरूरी ईमेल को स्पैम में फेक देते हैं। इसलिए समय - समय पर आपको अपने स्पैम फोल्डर को चेक करते रहना होगा और उसके हिसाब से अपने फिल्टर में सुधार करते रहना होगा। इस तरह से आप इस समस्या को सुलझा पाएंगे।
कुल मिलाकर
समय के साथ नैतिकता और फैशन बदलते जा रहे हैं लेकिन नर्ड्स को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वे अपना काम करने में व्यस्त रहते हैं। एक हैकर भी एक नर्ड होता है जो कि अलग - अलग समस्याओं के समाधान बनाता है। एक हैकर अपना खुद का स्टार्ट अप शुरू कर के बहुत से पैसे कमा सकता है। एक बेहतर प्रोग्रामर बनने के लिए आपको खुद के लिए एक लैंग्वेज चुननी होगी और अपनी जरूरत के हिसाब से उसे समय समय पर अपडेट करते रहना होगा।
अगर आप एक प्रोग्रामर हैं और आपके पास एक बिजनेस आइडिया है, तो उसपर काम कीजिए।
एक कंपनी के लिए काम कर के आप शायद ही अमीर बन पाएंगे। इसलिए अगर एक प्रोग्रामर हैं और आपके पास खुद का एक आइडिया है, तो आप खुद का स्टार्ट अप शुरू कर सकते हैं। आपको यह फैसला लेने के बाद बहुत ज्यादा काम करना होगा , लेकिन आप खुद के हिसाब से काम कर पाएंगे और नए आइडियाज़ को आसानी से टेस्ट कर के अपने ग्राहकों के लिए अपने उस प्रोडक्ट को बेहतर बना सकते हैं। इस तरह से आप हर दिन उसे बड़ा कर पाएंगे और आगे चलकर उसे अच्छी कीमत पर बेच पाएंगे।