Buying Your First Home........ 🤗❤️🏤

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Buying Your First Home

Ilona Bray, Alayna Schroeder, Marcia Stewart

अपना घर खरीदना सीखें!

दो लफ्जों में 
बाइंग योर फर्स्ट होम ( Buying your first home ) उन लोगों के लिए एक गाइड है जो काफी समय से किराए के घर में रह रहे हैं और अब खुद का घर खरीदने के बारे में सोच रहे हैं। अगर आप उन में से एक है तो यह किताब आपको बताएगी कि एक घर खरीदने के बारे में सोचने से लेकर घर खरीने तक आपको किन किन बातों का ध्यान रखना होगा।

यह किसके लिए है 
-वे जो रियल एस्टेट का बिजनेस शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं।
-वे जो किराए के घर में रहते रहते ऊब गए हैं।
-वे जो पैसों की कमी की वजह से अपना घर नहीं खरीद पा रहे हैं।

लेखक के बारे में 
इलोना ब्रे (Ilona Bray) एक वकील और लेखिका हैं। उन्होंने रीयल एस्टेट पर कुछ किताबें लिखी हैं।
एलाइना श्रोएडर (Alayna Schroeder) कैलिफोर्निया की एक वकील हैं जिन्होंने अमेरिका  के पीस कॅार्प्स (US Peace Corps) के साथ काम किया है।
मार्शिया स्टेवर्ट (Marcia Stewart) एक एडिटर और लेखिका हैं जो अपनी किताब एव्री लैंडलॅार्ड्स लीगल गाइड के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने ज्यादातर किताबें रीयल एस्टेट पर लिखी हैं।

यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए
आज शहरों की ज्यादातर जनता किराए पर रह रही है। किराए पर रहना एक बोझ की तरह होता है। आपको हर महीने अपने मकान मालिक को पैसे देने होते हैं और साथ ही कभी कभी उसके हिसाब से भी रहना पड़ता है। तो क्यों ना आप खुद का एक घर खरीद लें?

यह सवाल सुनते ही आपके मन में बहुत सी बातें आने लगी होंगी। जो बात आपको सबसे ज्यादा परेशान कर रही होगी वो है पैसों की कमी, क्योंकि अगर आपके पास अच्छे पैसे होते तो आप पहले से ही खुद के घर में रह रहे होते। यह किताब आपको इन सभी समस्याओं का हल देगी।

इस किताब को पढ़कर आप जानेंगे कि किस तरह से आप खुद का एक घर खरीद सकते हैं और साथ ही आपको किन बातों को ध्यान में रखने की जरूरत है।

 

-घर खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

-किस तरह के सवाल करने से आप खुद को गलत फैसला लेने से बचा सकते हैं।

-एक रीयल एस्टेट इंस्पेक्टर को अपने साथ ले जाने के क्या फायदे हैं।


खुद का घर होने के बहुत सारे फायदे हैं।
क्या आप अपने किराए के घर में रह कर तंग आ चुके हैं? क्या आपको बार बार घर का किराया देना अच्छा नहीं लगता? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब ज्यादातर लोग हाँ में देते हैं। यह एक परेशानी तो है लेकिन इससे निकलने का रास्ता बहुत लोगों को नहीं पता है। 

इससे पहले हम यह देखें कि आप कैसे खुद का घर खरीद सकते हैं, आइए यह देखें कि खुद का घर होने के क्या फायदे हैं।

सबसे पहला फायदा तो यह है कि खुद के घर को आप अपने हिसाब से सजा सकते हैं। किराए के घर में आपको हमेशा के लिए नहीं रहना होता जिसकी वजह से आप अच्छा फर्नीचर नहीं खरीदते क्योंकि घर बदलते वक्त उसे ले जाने में बहुत सी दिक्कतें हैं। इसके अलावा आप अपना घर अच्छे से पेंट भी नहीं करा पाते क्योंकि वहाँ आपको हमेशा नहीं रहना है। किराए के घर देखने में अक्सर खराब लगते हैं। साथ ही आपको कभी कभी अपने मकान मालिक के हिसाब से भी रहना पड़ता है। 

रीयल एस्टेट एक ऐसा बिजनेस है जिसमें रिस्क बहुत कम होता है। अगर कभी देश की इकोनॅामी में हलचल मच जाए तो इसकी कीमतों में गिरावट आ जाती है लेकिन जब हालात फिर से सुधरते हैं तो इसकी कीमत फिर से बढ़ जाती है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप आज कोई घर खरीदते हैं तो समय के साथ उसकी कीमत बढ़ती ही रहती है। इसलिए यहाँ पर पैसे लगाने से कुछ ज्यादा नुकसान नहीं होगा।

इसके अलावा जब आप घर खरीदने जाते हैं तो उसके लिए आपको होम लोन बहुत आसानी से मिल जाता है। आपको पूरा पैसा एक साथ देने की जरूरत नहीं पड़ती। 

खुद का घर होने से हमारे अंदर एक सुरक्षित रहने की भावना आती है। इससे हमें हर महीने किराया भरने की चिंता से आजादी मिलती है और साथ ही अपने हिसाब से अपने घर को सजाने की भी आजादी मिलती है। लेकिन घर खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है? आइए देखते हैं।

घर खरीदते वक्त अपने पड़ोसियों को और अपने घर को अच्छे से जान लें।
जल्दबाजी में लिया गया फैसला हमेशा नुकसान ही पहुँचाता है। इसलिए इससे पहले कि आप अपना पहला घर खरीदें, आप कुछ बातों का ध्यान रखिए।

बातों का ध्यान रखने वाली लिस्ट में सबसे पहला नाम पड़ोसियों का आता है। अगर आप शाँत माहौल पसंद करते हैं तो आप नहीं चाहेंगे कि आपके घर के पास छोटे बच्चे रहते हों। इसलिए अपना कुछ समय निकाल कर अपने पड़ोसियों को अच्छे से जान लें क्योंकि बाद में आपको उन्हीं लोगों के साथ रहना होगा।

इसके अलावा अगर आप यह सोच रहे हैं कि कुछ समय के बाद घर की कीमत बढ़ जाने पर आप उसे बेच देंगे तो एक ऐसा घर लीजिए जो भविष्य के खरीददारों को पसंद आए ताकि उसे बेचने में आपको दिक्कत ना हो। अलग अलग लोग अलग अलग तरह के घर पसंद करते हैं। अगर आप ऐसा घर लेते हैं जिसे बहुत कम लोग पसंद करते हैं तो उस घर की कीमत बहुत धीरे बढ़ेगी।

अंत में आप घर का डिज़ाइन देखिए। क्या घर बहुत पुराना है और उसका प्लास्टर निकल रहा है? क्या घर की छत खराब है जहां से पानी गिरता रहता है? क्या उस घर को खरीद लेने के बाद आपको उसकी मरम्मत कराने के लिए बहुत से पैसे खर्च करने होंगे? अगर इन सवालों के जवाब हाँ हैं तो समझ जाइए कि उसे खरीद कर आप बहुत बड़ी गलती करेंगे क्योंकि वो घर आपकी जेब से हमेशा कुछ पैसे निकालते रहेगा और आप उसे किसी और को जल्दी बेच भी नहीं पाएंगे।

इसके अलावा आप यह देखिए कि घर का डिज़ाइन कैसे हैं। कहीं उसके कमरे कुछ ज्यादा छोटे तो नहीं? कहीं उसका डिज़ाइन बहुत पुराने जमाने का तो नहीं है? क्या उसमें रहने पर आप खुशी महसूस करेंगे? उसे अपनी जरूरतों के हिसाब से मेनटेन कराने में आपके ज्यादा पैसे तो नहीं जाएंगे? इस तरह के सवाल आपको गलत फैसला लेने से बचाएंगे।

पुराने डिज़ाइन के पुराने घरों की समस्या यह होती है कि समय के साथ उनकी कीमत कम हो जाती है और उसे कोई खरीदना नहीं चाहता। इसलिए भले ही आप घर कुछ समय के बाद बेचकर फायदा कमाने के लिए ले रहे हों, आप उसकी जाँच इस तरह से कीजिए कि आपको उसमें हमेशा के लिए रहना हो।

लोन पर घर खरीदना सबसे अच्छा तरीका साबित हो सकता है।
ठीक है, तो आपने फैसला कर लिया कि आप अब खुद का एक घर खरीदेंगे। लेकिन अब आपके सामने वो समस्या आती है जिससे पूरी दुनिया परेशान है। पैसे की कमी। आज के वक्त में एक छोटे घर की कीमत भी 15 लाख से कम नहीं होती। इतना पैसा हर किसी के बैंक में हमेशा नहीं होता। तो आखिर इस समस्या से निकलने के लिए क्या किया जाए।

जवाब बहुत आसान है। आप लोन लेकर अपना घर खरीद सकते हैं। घर खरीदते वक्त आपको कुछ रुपये देने होंगे और बाकि का पैसा आप बैंक से लोन लेकर चुका सकते हैं। अगर आप अपना लोन नहीं चुका पाते हैं तो बैंक आपका घर अपने अधिकार में ले लेती है।

बैंक से कम इंट्रेस्ट पर लोन लेने के बहुत से तरीके हैं। अगर आप हर महीने एक अच्छी सैलेरी कमा रहे हैं और आप यहदिखा सकते हैं कि आप अपना लोन समय पर पूरे इंट्रेस्ट के साथ चुका देंगे तो बहुत से बैंक आपको खुशी खुशी लोन देने के लिए तैयार हो जाएंगे। इसके अलावा अगर आप ज्यादा डाउनपेमेंट कर देते हैं और बैंक से कम लोन लेते हैं तो भी बैंक आपको कम इंट्रेस्ट पर लोन देने के लिए तैयार बैठी है।

अगर आप बड़ा लोन ले रहे हैं तो कोशिश कीजिए कि आप एक ऐसा घर लीजिए जिसका का कुछ हिस्सा आप भाड़े पर दे सकें। ऐसा करने पर आपको हर महीने कुछ किराया आता रहेगा और उससे आपको लोन चुकाने में आसानी होगी। अगर आप लोन ले लेते हैं और अपना घर किराए पर नहीं देते हैं तो कोशिश कीजिए कि आप ज्यादा लोन ना लें क्योंकि लोन चुकाना कभी कभी माथे का बोझ बन जाता है। या फिर अगर आप अच्छा पैसा कमा रहे हैं और अपना लोन चुका सकते हैं तो आप लोन ले लीजिए।

आज के वक्त में ज्यादातर बैंक से आपको अपना घर खरीदने के लिए 80% तक का लोन मिल जाता है। साथ ही रीयल एस्टेट एक सेफ इंवेस्टमेंट है जिसमें पैसे डूब जाने का कोई खास खतरा नहीं होता जिसकी वजह से इसके लिए लोन आसानी से मिल जाता है।

घर देखते वक्त सही सवाल पूछना और अच्छे से जाँच करना बहुत जरूरी होता है।
अब जब आप सभी समस्याओं को बगल में रखकर एक घर देखने जा रहे हैं तो यह बहुत जरूरी है कि आप सही सवाल पूछें और सही से घर की जाँच करें। आइए देखें कि सही सवालों से हमारा क्या मतलब है।

सबसे पहला सवाल आपको यह पूछना है कि यह घर कब से बेचने के लिए मार्केट में रखा गया है। अगर बेचने वाला उसे कुछ महीनों से बेचने की कोशिश कर रहा है तो समझ जाइए कि उसे खरीददार नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में दो बातें हो सकती हैं - या तो उस घर को कोई खरीदना नहीं चाहता क्योंकि वो एक घाटे का सौदा है या फिर उस घर को अब तक बहुत कम लोग ही देखने के लिए आए हैं।

आप चाहें तो यह सवाल भी पूछ सकते हैं कि आप से पहले कितने लोग उस घर को देखने के लिए आ चुके हैं। अगर बहुत से लोग उसे देखकर चले गए हैं तो इसका मतलब है कि वो घर सच में एक घाटे का सौदा है और आपको उसे बहुत सोच समझ कर खरीदना चाहिए। 

लेकिन अगर उसे ज्यादा लोगों ने नहीं देखा है तो आप उस घर को खरीदने के लिए आसानी से मोल भाव कर सकते हैं। जब कोई घर काफी समय से नहीं बिक रहा होता है तो उसकी कीमत कम हो जाती है जिसका फायदा आप उठा सकते हैं।

इसके बाद आप घर की जाँच करना शुरू कर दीजिए। जैसा कि पहले ही बताया गया, घर देखते वक्त आप यह देखिए कि उसे मेनटेन करने में आपके कितने पैसे जा रहे हैं। अगर आपको लगे का घर खरीदने के बाद आपका बहुत सारा पैसा उसे रिपेयर कराने में जाएगा या फिर वो घर बहुत पुराना हो चुका है तो आप उस घर को मत खरीदिए।

इसके बाद आप अपने पड़ोसियों से मिलने जाइए क्योंकि घर कि समस्याओं से तो आप निपट लेंगे लेकिन अगर आपके पड़ोसी अच्छे ना हों तो उनसे निपटना नामुमकिन है। इसलिए यह देख लीजिए कि कम से कम आपके पड़ोसी ठीक हों।

घर को देखने जाने से पहले आप अपने पहनावे ध्यान दीजिए। अगर आपको अमीर देखेंगे तो घर बेचने वाले पर आपका अच्छा इंप्रेशन बनेगा जिससे आप उससे आसानी से मोल भाव कर सकेंगे।

छुपी हुई गहरी समस्याओं को पहचानने के लिए एक इंस्पेक्टर की तलाश कीजिए।
घर बेचते वक्त बहुत से लोग उससे जुड़ी हुई गहरी समस्याओं को समाने नहीं लाते। अगर वे हर समस्या को साफ साफ बताने लगें तो शायद कोई भी उनका घर ना खरीदे। इसलिए कभी कभी वे कुछ बातों को छिपाने की कोशिश भी करते हैं। अगर आप इन बातों का पता नहीं लगाएंगे तो बाद में आपको पछताना पड़ सकता है।

अमेरिका जैसे देशों में यह नियम है कि घर बेचने वाले को कानूनी तौर पर आप से हर वो बात बतानी होगी जिससे उसकी कीमत में गिरावट आ सकती है। अगर हम कैलिफोर्निया की बात करें तो वहाँ पर घर बेचने वाले को घर की पूरे तीन साल की रिपोर्ट तैयार कर के देनी होगी जिसमें उस घर के साथ हुई सारी अनहोनियों की जानकारी हो। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि आप जहां रहते हों वहां पर भी ऐसा कानून बना हो। इसलिए यह आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप एक इंस्पेक्टर की मदद लेकर हर समस्या की गहराई से जाँच करें।

इंस्पेक्टर से हमारा मतलब यह है कि आप एक ऐसे व्यक्ति की मदद लें पो घर को अच्छे से परख सके। एग्ज़ाम्पल के लिए अगर आपको देखना है कि घर की नींव मजबूत है यह नहीं तो आप जमीन के एक्सपर्ट को बुला कर जाँच करवाइए कि भूकंप आने पर घर गिर तो नहीं जाएगा। अगर पानी की पाइप लीक कर रही है तो आप एक प्लंबर को बुला कर यह पता लगाइए कि यह समस्या कितनी गहरी है। 

बहुत सारे घर बेचने वाले घर की एक पूरी रिपोर्ट तैयार रखते हैं जिसमें उसके हर एक पुर्जे का हिसाब होता है। इससे आपको फैसले लेने में काफी मदद मिल सकती है लेकिन इस रिपोर्ट पर तुरंत भरोसा मत कीजिए। ये रिपोर्ट पुराने हो सकते हैं और हो सकता है कि इसमें नई समस्याओं के बारे में जानकारी ना हो।

सीधा एक एक्सपर्ट को बुलाने से पहले आप खुद कुछ समस्याओं को पहचानने की कोशिश कीजिए। अगर आप खुद से समस्याओं को पहचान लेंगे तो आप यह तय कर पाएंगे कि आपको उस समस्या की गहराई से जाँच करने के लिए कौन से से एक्सपर्ट को बुलाना है।

रीयल एस्टेट एजेंटट्स के जाल में फंसने से खुद को बचाइए।
पहले के वक्त के शिकारियों को जब किसी जानवर को पकड़ना होता था तो वे उसके लिए चारा लेकर आते थे। जब जानवर चारा खा रहा होता था तब वे उसपर हमला करके उसे मार दिया करते थे।  जब आप घर देखने के लिए जाएंगे तो कुछ ऐसी ही घटना आपके साथ भी घट सकती है। इसलिए आपको सावधान रहने की जरूरत है।

रीयल एस्टेट एजेंटट्स का काम होता है किसी घर को बेचवाना। वो घर को अच्छे से सजा देते हैं। उसे बाहर से अच्छा दिखाने के लिए वे कुछ सस्ते तरीके जानते हैं जिसकी वजह से लोग अक्सर उनके जाल में फंस जाया करते हैं। आइए देखते हैं कि ये कौन से तरीके हैं।

अगर आपको किसी रूम में जरूरत से ज्यादा फर्नीचर दिख रहा हो या फिर जरूरत से ज्यादा पेंटिंग दिख रही हो तो समझ जाइए कि दिखावे का काम जारी है। वो फर्नीचर भाड़े पर मंगाया गया होगा जिसकी वजह से आपका ध्यान वहाँ पर खिंच जाए और समस्या की तरफ ना जाए।

घर के बारे में जो बातें कही गई है वो किस हद तक सही है इसे जानने के लिए आप उस कमरे में जाइए जहाँ पर लोग बहुत कम जाया करते हैं। जिस कमरे में कोई ना रहता हो उस कमरे को ज्यादा सजा हुआ नहीं होना चाहिए। लेकिन फिर भी अगर आपको कुछ सजावट दिख रही है तो समझ जाइए कि दाल में कुछ काला है।

इन सबसे निपटने के लिए आप अपने साथ एक रीयल एस्टेट इंस्पेक्टर लेकर जाइए। वो इस तरह की साजिशों से वाकिफ रहता है और वो पता लगा सकता है कि घर जितनी अच्छी हालत में दिख रहा है उतनी अच्छी हालत में है या नहीं। वह आपको एक गलत फैसला लेने से बचा सकता है।

घर खरीदने से पहले घर की जाँच करवाना बहुत जरूरी है।
बहुत से लोग इंस्पेक्टर को ले आने के लिए पैसे नहीं खर्च करना चाहते। उन्हें लगता है कि वे उसके बिना भी सब कुछ अच्छे से देख सकते हैं। आपको यह बात यहां पर जान लेनी चाहिए कि अगर आप एक इंस्पेक्टर को काम पर नहीं रखेंगे और घर की अच्छी तरह से जाँच नहीं करवाएंगे तो अभी तो आप पैसे बचा लेंगे लेकिन इसकी कीमत आपको बाद में चुकानी पड़ सकती है।

आप अपने हिसाब से घर की जाँच करवा सकते हैं। आप इंस्पेक्टर को जितना ज्यादा पैसे देंगे वो आपको घर के बारे में उतनी ज्यादा जानकारी देगा। लेकिन आप इंस्पेक्टर के साथ अपनी बात पहले ही तय कर लीजिए। आप किस तरह का इंस्पेक्शन करवाना चाहते हैं और आपको घर की जानकारी कितने डीटेल में चाहिए इन सब बातों को पहले से ही साफ कर लीजिए और उसी हिसाब से उसका रेट भी तय कर लीजिए।

रेट तय करने के अलावा आप एक बार यह भी देख लीजिए कि आप जिस इंस्पेक्टर को लेकर आप रहे हैं उसके पास लाइसेंस है या नहीं। अगर उसके पास लाइसेंस नहीं है तो इसका कोई भरोसा नहीं है कि वो जो काम कर रहा है वो अच्छे से कर पाएगा। ऐसे लोगों को आप काम पर ना रखें तो ही बेहतर है।

बहुत से घर बेचने वाले पहले से घर की जाँच करवा कर सारे रिपोर्ट तैयार रखते हैं। आप उन रिपोर्ट्स का इस्तेमाल कर के घर के बारे में कुछ दूसरी बातें भी जान सकते हैं। आप पूरी तरह से इंस्पेक्टर के भरोसे ही मत रहिए। 

अंत में आप यह देख लीजिए कि इंस्पेक्टर अपना काम सही से कर रहा है या नहीं। अगर वो एक घंटे के अंदर ही आप से आ कर कहता है कि उसने पूरे घर की जाँच कर ली है तो इसका मतलब है कि उसने जरूर अच्छे से जाँच नहीं की। किसी भी घर की ठीक तरह से जाँच करने के में कम से कम कुछ घंटे लगते हैं।

किसी भी डील में सबसे बड़ा काम होता है पैसों का लेन देन। तो अगर आप ने अपना लोन पास करा लिया है और आपको घर पसंद आ गया है तो अब वक्त आ गया है कि आप अपना ऑफर रखें। इससे पहले हम कुछ बातों को अच्छे से समझ लेते हैं।

रीयल एस्टेट में मार्केट के हालात के हिसाब से किसी प्रॅापर्टी की कीमत बढ़ या घट सकती है। अगर आप हॅाट मार्केट में कोई घर खरीद रहे हैं तो आपके साथ बहुत से लोग भी घर खरीद रहे होंगे। इसका मतलब यह हुआ की घर खरीदने वालों में बहुत प्रतियोगिता होगी और वे लोग घर खरीदते वक्त बोलियाँ लगाएंगे। ऐसे में घर बेचने वाला घर की कीमत कम रखता है लेकिन प्रतियोगिता के चलते उस घर की कीमत बढ़ जाती है।

दूसरी तरफ कोल्ड मार्केट में घर खरीदने वाले बहुत कम लोग होते हैं जिसकी वजह से आप घर बेचने वालों से अच्छे से मोल भाव कर सकते हैं। ऐसे हालात में घर बेचने वाला घर बेचने के लिए बेचैन रहता है और जल्दी से जल्दी उससे छुटकारा पाना चाहता है। 

तो अगर आप हॅाट मार्केट में कोई घर पसंद करते हैं तो आपको उसकी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है लेकिन अगर आप कोल्ड मार्केट में घर खरीदते हैं तो आप अपने हिसाब से मोल भाव कर सकते हैं। 

इसके अलावा आप जिससे घर खरीद रहे हैं उसके हालात के बारे में भी जान लीजिए। अगर वो घर को इसलिए बेच रहा है क्योंकि उसमें उसके पैसे खर्च हो रहे हैं तो वो घर को बहुत बेसब्री से बेचना चाहता होगा। लेकिन अगर उसके हालात अच्छे हैं और फिर भी वो घर बेचना चाहता है तो समझ जाइए कि ज्यादा मोल भाव करने से वो आपको ना बोल सकता है क्योंकि उसे घर बेचने की कोई जल्दी नहीं है।


घर पसंद कर लेने के बाद सौदा करने का समय आ गया है।
कुल मिलाकर
खुद का घर होना अपने आप में एक बहुत राहत पहुंचाने वाली बात होती है। लेकिन अगर आपको नहीं पता कि घर खरीदते वक्त किन किन बातों को ध्यान में रखना है तो यह आपके लिए एक मुश्किल काम हो सकता है। लेकिन एक इंस्पेक्टर की मदद लेकर और अपने खरीदे जाने वाले घर की अच्छे से जाँच कर के आप खुद को एक गलत फैसला लेने से बचा सकते हैं। 

 

जल्दबाजी में कोई काम मत कीजिए।

जब भी आप घर खरीदने के खयाल से घर से निकलें तो इस बात का ध्यान रखें कि आप कम से कम 15 घरों को देखने के बाद ही अपना फैसला करें। लोग घर खरीदने की जल्दी में अक्सर दो चार घर देखने के बाद ही घर खरीदने का फैसला ले लेते हैं। इससे आप बहुत नुकसान में जा सकते हैं क्योंकि अगर वो घर अच्छा नहीं निकला तो आपका पैसा तो जाएगा ही साथ ही उस घर को मेनटेन कराते रहने में भी आपकी जेब से पैसे निकलते रहेंगे।


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