Joel Fuhrman
वजन जल्दी कम करने के लिए एक बेहतरीन पोषण से भरा प्रोग्राम।
दो लफ्जों में
ईट टु लिव (Eat to Live) में हम देखेंगे कि किस तरह से आप शाकाहारी खाना खा कर अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं। यह किताब हमें मीट और डेयरी के प्रोडक्ट्स खाने के नुकसान के बारे में बताती है। इस किताब से हमें यह पता लगता है कि क्यों आज ज्यादातर लोगों के पास पैसा है लेकिन सेहत नहीं है।
यह किसके लिए है
-वे जो अपनी सेहत बनाना चाहते हैं।
-वे जो बहुत ज्यादा मीट या डेयरी के प्रोडक्ट खाते हैं।
-वे जो शाकाहारी खाने के फायदे के बारे में जानना चाहते हैं।
लेखक के बारे में
जोएल फह्रमैन (Joel Fuhrman) अमेरिका के एक सेलिब्रिटी हैं जो कि माइक्रोन्यूट्रिंएट से भरे हुए डाइट को खाने के फायदों के बारे में लोगों को बताते हैं। इससे पहले वे स्केटिंग किया करते थे लेकिन उस दौरान उन्हें गंभीर चोट लग गई जिससे उन्हें स्केटिंग से निकाल दिया गया। उसके बाद से वे लोगों को सेहतमंद रहने के तरीके बताते हैं।
यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए?
मोटापा आप दुनिया के सभी देशों की समस्या है। बहुत से लोग बेहतर दिखने के लिए अपना वजन कम करना चाहते हैं और इसके लिए वे तरह- तरह के डाइट भी अपनाते हैं। लेकिन वे बीच में उसे छोड़ देते हैं जिससे के वे मोटे ही रह जाते हैं। कभी - कभी वे गलत डाइट को सही मान कर उससे चिपके रहते हैं जिससे समय के साथ उनका वजन और भी बढ़ जाता है।
यह किताब हमें एक बहुत ही आसान तरीका बताती है जिसकी मदद से हम अपना वजन कम कर सकते हैं। यह किताब हमें सेहतमंद रहने के लिए भूखे रहने की या फिर अपने साथ एक डायरी रख कर उसमें दिन भर के हमने क्या क्या खाया, उसे लिखने की सलाह नहीं देती। बल्कि यह किताब हमें बताती है कि किस तरह से हम ज्यादा से ज्यादा खाना खा कर भी अपने वजन को कम कर सकते हैं।
- अलग -अलग एजेंसीस किस तरह से लोगों में खाने को लेकर गलत जानकारी फैला रही हैं।
- मीट और डेयरी के प्रोडक्ट खाने के क्या नुकसान हैं।
- शाकाहारी खाना खाने के क्या फायदे हैं।
आज हम वो खाना खा रहे हैं जिससे हमें एनर्जी तो मिल रही है लेकिन पोषण नहीं मिल रहा।
आज हमारे पास खाने के लिए बहुत से आप्शन हैं, लेकिन हम फिर भी उसे चुनते हैं जो कि हमारे लिए नुकसानदायक है। हम हर रोज जो पिज़्ज़ा, पास्ता, मीट और ब्रेड खाते हैं, उसमें बहुत ज्यादा रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेट होता है जो कि हमें एनर्जी तो देता हैं, लेकिन लम्बे समय में हमारे शरीर को किसी तरह से फायदा नहीं पहुंचाता।
आज हमें जितनी कैलोरीज़ की जरूरत हर दिन होती है, उसका 62% इस रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेट और फैट से मिलता है, 25% डेयरी और मीट से मिलता है और सिर्फ 5% फल और सब्जियों से। अगर आपके पेट की क्षमता एक लीटर है, और आप हर दिन इस तरह से खाना खा रहे हैं, तो आपका पेट भर जाने पर आपके पास लगभग 3,000 कैलोरी की एनर्जी होगी। लेकिन इसमें कोई भी पोषण नहीं होगा, जिसका मतलब आपके शरीर को इससे एनर्जी तो मिल जाएगी, लेकिन लम्बे समय में आपको इससे कोई फायदा नहीं होगा।
दूसरी तरफ, अगर आप सेहतमंद खाना खाते हैं, जैसे कि फल और सब्जियां, तो आपको सिर्फ 200 से 500 कैलोरी मिलेगी, लेकिन इससे आप सेहतमंद रहेंगे।
अगर आप चाहते हैं कि आपके शरीर का विकास अच्छे से हो और वो सेहतमंद रहे, तो आपको सिर्फ कैलोरी पर नहीं बल्कि पोषण पर भी ध्यान देना होगा। पोषण से आपको एनर्जी तो नहीं मिलती, लेकिन यह आपके शरीर को बनाने में मददगार होता है।
हम खाने को लेकर गलत फैसले करते हैं क्योंकि हमें सच्चाई नहीं पता है।
आज को वक्त में ज्यादातर लोग सेहतमंद नहीं हैं और वे इस बात को जानते भी हैं। लेकिन फिर भी ज्यादातर लोग गलत तरह के खाने का चुनाव क्यों करते हैं? क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका गलत चुनाव ही सही चुनाव है। उन्हें लगता है कि उस खाने को खा कर वे एक सेहतमंद शरीर पा जाएंगे। इसी भ्रम की वजह से वे अब तक सेहतमंद नहीं हैं।
एक्ज़ाम्पल के लिए अमेरिका के बहुत से लोगों का मानना है कि मेडिटेरियन डाइट बहुत सेहतमंद है। वे यह देखते हैं कि पहले के वक्त में क्रीट के रहने वाले लोग सेहतमंद हुआ करते थे और वे बहुत सारा आलिव आइल, पास्ता और ब्रेड खाया करते थे। इस वजह से अगर वे भी यह सब खाएंगे, तो वे भी सेहतमंद बन जाएंगे।
लेकिन हम यहाँ पर यह देखना भूल जाते हैं कि क्रीट के लोग बहुत सारी सब्जियां, फल, बीन्स और मछलियाँ भी खाते थे। साथ ही वे बहुत मेहनत का काम भी करते थे जिस वजह से उन्हें ज्यादा कैलोरी वाले खाने की जरूरत पड़ती थी। लेकिन 1950 के बाद वहाँ के लोगों ने भी ज्यादा मछलियाँ, मीट और पनीर खाना शुरू कर दिया और काम करना कम कर दिया। इस वजह से आज वहाँ के लोग भी मोटे हैं।
इसके बाद बहुत लोग यह मानते हैं कि जल्दी बढ़ना अच्छा होता है और अगर वे ज्यादा मीट और डेयरी खाएंगे, तो वे बहुत जल्दी लम्बे और सेहतमंद हो जाएंगे।
लेकिन क्या आपको पता है कि जल्दी बढ़ने वाले लोगों की उम्र छोटी होती है? जो लोग धीरे - धीरे बड़े होते हैं, वे ज्यादा लम्बी उम्र जीते हैं। साथ ही जल्दी बढ़ने वाले लोगों को आगे चलकर तरह तरह के कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है।
बहुत सी एजेंसी और वैज्ञानिक लोगों में खाने को लेकर गलत जानकारी को फैला रहे हैं।
सिर्फ लोग ही नहीं बल्कि जानी मानी एजेंसीस और सरकारें भी एक वहम को सच मान कर जी रही हैं और वे लोगों को गलत तरह का खाना खाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। एक्ज़ाम्पल के लिए अमेरिका के डिपार्टमेंट आफ एग्रीकल्चर को ले लीजिए जिसका शुरुआत में मकसद था अमेरिका के मीट और डेयरी उत्पाद को बढ़ाने का। आज भी वो लगभग 20 अरब डॉलर इसी इंडस्ट्री में लगाती है ताकि लोगों के पास मीट और डेयरी ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पहुंच सके। लेकिन वो सब्जियां और फल उगाने में बिल्कुल भी पैसे नहीं लगाती।
इसके बाद बहुत से न्यूज़पेपर्स भी लोगों में गलत जानकारी को पहुंचा रहे हैं। एक बार न्यूज़पेपर में यह बात आई थी कि ज्यादा फाइबर वाले डाइट को खाने से कोलन कैंसर से सुरक्षा नहीं मिलती। लेकिन 2,000 से ज्यादा रीसर्च पेपर्स यह बताते हैं कि फाइबर से भरपूर खाना खाने से हमें कोलन कैंसर नहीं होता। एक स्टडी सिर्फ यही बात पता लगाने के लिए की गई थी कि फाइबर से भरपूर खाना खाने से कोलन कैंसर से सुरक्षा मिलती है या नहीं। इस स्टडी ने भी बताया कि इससे हमें कोलन कैंसर से सुरक्षा मिलती है। फिर न्यूज़पेपर ने झूठा दावा कैसे किया?
इसके बाद बहुत से लोग एटकिन्स डाइट को सही मानते हैं जिसका कहना है कि हमें मीट और डेयरी खाना चाहिए और कार्बोहाइड्रेट लेना कम कर देना चाहिए। लेकिन इससे हमारे शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स डिस्टर्ब हो जाते हैं जिससे हमारे दिल की धड़कन पर बुरा असर पड़ता है।
एटकिन्स डाइट पर रहने वाले बहुत से लोगों की मौत हो गई है। इस तरह से जो लोग समाज में खाने से संबंधित गलत जानकारी फैला रहे हैं, वे हमारे देश की सेहत को बरबाद करने का काम कर रहे हैं।
अलग-अलग स्टडीज़ में यह बात सामने आई है कि मीट और डेयरी के प्रोडक्ट खाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
अमेरिका के लोगों के पास आज जरूरत भर पैसा है। वे इतने काबिल हैं कि वे अच्छा खाना खरीद कर खा सकें। लेकिन फिर भी वहाँ के लगभग 75% मोटे हैं जिससे उन्हें आगे की उम्र में कैंसर और हर्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। अगर हमारी खाने की आदतें ऐसी ही रहीं, तो हम सभी 2048 तक मोटापे के शिकार हो जाएंगे। इससे हमारी उम्र छोटी हो सकती है।
इसके पीछे की वजह जानने के लिए वैज्ञानिकों ने लोगों के खान -पीन की आदतों का देखना शुरू किया। उन्होंने यह देखना शुरू किया कि कहाँ के लोग किस तरह का खाना खाते हैं और उसके हिसाब से उन्हें किस तरह की बीमारी होती है। यह स्टडी चाइना के अलग -अलग जगहों पर रहने वाले लोगों पर की गई थी। इसका नाम था चाइना-कार्नेल-आक्सफोर्ड प्रोजेक्ट।
इस स्टडी में यह पाया गया कि कैंसर और हार्ट अटैक की शिकायत वहाँ के लोगों में ज्यादा होती है जहां के लोग हर रोज माँस खाते हैं। जबकि जहाँ के लोग शाकाहारी हैं, वहाँ पर लगभग किसी को भी कैंसर नहीं होता है।
साथ ही फिजिशियन्स हेल्थ स्टडी में यह पाया गया कि डेयरी प्रोडक्ट खाने से भी हमें बहुत सारी बीमारियां हो सकती हैं। इससे प्रोस्टेट कैंसर का खतरा 30% से बढ़ जाता है।
पौधों से मिलने वाला पोषण हमारे लिए फायदेमंद होता है।
अब तक आप यह समझ गए होंगे कि आपको जानवरों से मिलने वाले सामान को नहीं खाना है, बल्कि शाकाहारी डाइट को अपनाना है। हमें जिन्दा और सेहतमंद रहने के लिए जितने भी पोषक तत्व चाहिए, वो हमें पौधों से मिल जाते हैं।
एक्ज़ाम्पल के लिए अगर आप ब्राक्ली के 100 कैलोरी लेंगे, तो आपको उसमें 2.2 मिलीग्राम आइरन, 46 मिलीग्राम मैग्नेशियम और 118 मिलीग्राम कैल्शियम मिलेगा। जबकि अगर आप 100 कैलोरी मीट खाएंगे तो उससे आपको सिर्फ 0.8 मिलीग्राम आइरन, 6 मिलीग्राम मैग्नेशियम और 2 मिलीग्राम कैल्शियम मिलेगा।
अगर आपको यह पता करना है कि कौन सा डाइट आपके लिए अच्छा होगा, तो आप इस फार्मुले का इस्तेमाल कर सकते हैं
सेहत = पोषण / कैलोरी।
जिस डाइट में पोषण जितना ज्यादा होगा, उसे खाने से आपकी सेहत उतनी ज्यादा बेहतर बनेगी। गहरे हरे पत्तों में पोषण ज्यादा होता है जिसका मतलब आपका ज्यादा से ज्यादा पालक और ब्राक्ली खाना चाहिए। इसके साथ ही आपको बीन्स, लेग्यूम्स और दूसरे फल खाने चाहिए। हरी सब्जियों का स्कोर सेहत के मामले में 50 से 100 पाइंट के बीज होता है। अनाज का स्कोर 20 होता है और रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेट का स्कोर 0 होता है। इसका मतलब यह है कि रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेट खाने से आपकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता।
बहुत से लोगों को लगता है कि क्योंकि वे ज्यादा मेहनत का काम करते हैं इसलिए उन्हें ज्यादा कैलोरी वाले खाने को खाने की जरूरत है। लेकिन अगर आपके शरीर को ज्यादा कैलोरी की जरूरत होगी, तो आपको ज्यादा भूख लगेगी। फल और सब्जियां खाने से आपको एक दिन में लगभग 2,000 कैलोरी मिलती है जो कि एक औसत व्यक्ति के लिए काफी है।
इसके अलावा फलों और सब्जियों से हमें जरूरत भर कार्बोहाइड्रेट और फैट मिलता है। ज्यादा कैलोरी वाले खाने को खाने पर आपको ज्यादा पोषण नहीं मिलता, जिसका मतलब यह है कि जरूरत भर पोषण लेने के लिए आपको इस तरह के खाने को ज्यादा खाना होगा।
शाकाहारी खाना खाने से हमारा वजन कम होता है और हमें बीमारियों से सुरक्षा मिलती है।
अब आप यह सोच रहे होंगे कि अगर मीट खाने से हमें नुकसान है, तो फल और सब्जियां खाने के फायदे क्या हैं? इसका एक फायदा यह है कि इससे हमारा वजह कम होता है।
हमारे पेट में बहुत से रिसेप्टर्स होते हैं जो कि हमारे दिमाग को यह सिग्नल देते हैं कि कब हमारे पेट में जरूरत भर पोषण पहुंच गया है। जब हम फल और सब्जियां खाते हैं, तो हमें उससे बहुत पोषण मिलता है जिससे हमारे दिमाग को यह सिग्नल जल्दी मिल जाता है कि हमारे पास जरूरत के हिसाब से पोषण आ गया है। जब ऐसा होता है, तब हमें भूख नहीं लगती। इस तरह से हम कम खाना खा कर अपना पेट भर सकते हैं और अपने वजन को कम कर सकते हैं।
इसके बाद शाकाहारी खाना खाने से हमें बहुत सी बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। हार्वर्ड के डिपार्टमेंट आफ न्यूट्रिशन के चेयरमैन ने कहा कि पिछले कुछ सालों में बीमारियों से बचाने वाली ज्यादातर चीजें हमें पौधों से मिली हैं। एक टमाटर में इस तरह के केमिकल्स को फाइटोकेमिकल कहा जाता है, जो कि उसमें 10,000 से ज्यादा की संख्या में पाया जाता है।
एक्ज़ाम्पल के लिए कैंसर को ले लीजिए जो कि तब होता है जब हमारा डीएनए किसी वजह से डैमेज हो जाता है। लेकिन जब हम पौधों से मिलने वाले पोषण को लेते हैं, तो हम इस डैमेज को कम कर देते हैं, जिससे हम कैंसर से खतरे को भी कम कर देते हैं। इसके अलावा यह भी देखा गया है कि जा लोगों को माइग्रेन, डाइबिटीस और दूसरे तरह के डिसआर्डर्स होते हैं, उन्हें भी शाकाहारी खाने से बहुत फायदा होता है।
अपनी सेहत को बेहतर बनाने के लिए आपको ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां खाना चाहिए।
हमने अब तक आपको जिस डाइट के बारे में बताया, आपको उसके ऊपर किसी भी तरह का लगाम लगाने की जरूरत नहीं है। आप इसे जितना ज्यादा खा सकें, उतना ज्यादा खाइए। दूसरे डाइट्स की तरह, यह जरूरी नहीं है कि आप हर दिन सिर्फ 100 ग्राम पालक ही खाएं। अगर आप 1 किलो खा सकते हैं, तो खाइए।
हो सके तो ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां खाइए। इसमें बहुत सारा पोषण पाया जाता है। इसमें केल, कोलार्ड, स्विस कार्ड, ब्राक्ली और पत्ता गोभी आती है। इसे खाने का फायदा यह है कि यह जितनी एनर्जी आपको देते हैं, उससे ज्यादा एनर्जी इसे पचाने में लग जाती है। इसका मतलब इसे खाने से आपको जितनी एनर्जी मिलेगी नहीं, उससे ज्यादा खत्म हो जाएगी। इस तरह से समय के साथ आपका वजन कम हो जाएगा।
इसके बाद आपको कम से कम 250 ग्राम सब्जियां पका कर और 250 ग्राम सब्जियां कच्ची खानी चाहिए। बीन्स और लेग्यूम खाने से आपका वजन कम होगा, पचाने की ताकत बढ़ेगी, ब्लड प्रेशर कम होगा और दिल का दौरा पड़ने की संभावना कम हो जाएगी। साथ ही लेग्यूम खाने से आपकी उम्र लम्बी हो जाती है।
अंत में आपको हर रोज कम से कम चार फल खाने चाहिए। अगर आपको मीठा खाने की आदत है, तो आपके लिए फल खाना सबसे अच्छा होगा।
आपको दूसरे तरह के खाने को कम खाना चाहिए या पूरी तरह से छोड़ देना चाहिए।
अब आप यह सोच रहे होंगे कि अगर हम सारा दिन फल और सब्जियां खाएंगे, जिसे पचाने में ज्यादा एनर्जी लग जाती है, तो हम सारे दिन का काम करने के लिए ताकत कहाँ से लाएंगे? इसके लिए आप एक सीमित मात्रा में नट्स और स्टार्च से भरी सब्जियां जैसे आलू खा सकते हैं। नट्स और बीज खाने से कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन अगर हम इसे एक सीमा में खाएं, तो हमें इससे नुकसान नहीं होगा। साथ ही इससे हमें एनर्जी ज्यादा मिलती है। तो आप जितना ज्यादा मेहनत का काम करते हैं, उसके हिसाब से इसे खा सकते हैं।
इसके अलावा हर तरह की खाने की चीजें आपके लिए जरूरी नहीं है और आपको उसे नहीं खाना चाहिए। इनमें वो चीजें शामिल हैं जिन्हें खाने से हमारे शरीर को किसी भी तरह का पोषण नहीं मिलता। इनमें विटामिन, मिनरल या किसी भी तरह का फाइटोकेमिकल नहीं होता जिसकी हमारे शरीर को जरूरत है। इसमें तेल, नमक और मीठी चीजें आती हैं जिसे आपको ना के बराबर खाना चाहिए। ज्यादा नमक खाने से आपको पेट का कैंसर हो सकता है।
मीट खाने से सिर्फ आपको एक चीज़ मिलती है जो कि शाकाहारी खाने से बहुत कम मिलती है - विटामिन बी 12 । इसके लिए आप विटामिन के कैपसूल खा सकते हैं। हो सकता है कि जब आप इस डाइट को अपनाएँ, तो आपके शरीर पर कुछ नेगेटिव असर दिखना शुरू हो जाए। लेकिन यह आपके शरीर से नुकसानदायक केमिकल के निकलने की निशानी है। समय के साथ यह खत्म हो जाएगा और आप समय के साथ एक बेहतर शरीर पा सकेंगे।
ईट टु लिव डाइट को अपनाना बहुत ही आसान है।
अक्सर जो लोग डाइटिंग पर जाते हैं, उन्हें यह सलाह दी जाती है कि वे अपने साथ एक डायरी रखें और उसमें लिखते रहें कि वे कब क्या खा रहे हैं और उससे उनके शरीर में कितनी कैलोरी जा रही है। साथ ही उन्हें बहुत नाप - नाप कर हर रोज खाना खाना होता है, ताकि उनके शरीर में बिल्कुल सही मात्रा में हर चीज़ जाए। लेकिन ईट टु लिव डाइट में ऐसा कुछ भी नहीं है।
इसमें आपको सिर्फ एक नियम याद रखना होगा जिसे 90% का नियम कहते हैं। आपको हर दिन के कम से कम 90% कैलोरी को शाकाहारी खाने से लेना है।
इसमें आपको ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां खाना है। आप यह जितना ज्यादा खा सकें, यह आपके लिए उतना ही अच्छा होगा। आपको किसी भी तरह की डायरी अपने साथ नहीं रखनी।
साथ ही इस डाइट में आप अपने हर दिन के खाने को बहुत आसानी से तैयार कर सकते हैं। अपने खाने को तैयार करने के लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है।
हो सकता है शुरुआत में आपको इस डाइट का स्वाद अच्छा ना लगे। लेकिन समय के साथ आपको इसकी आदत पड़ जाएगी और आपको यह खाने में ज्यादा अच्छा लगेगा।
इसमें आपके लिए सलाह यह है कि आप सलाद को ज्यादा से ज्यादा खाएं। इससे आपको ज्यादा से ज्यादा पोषण मिलेगा और कैलोरी कम मिलेगी, जिससे समय के साथ आपका मोटापा कम हो जाएगा। आप सुबह, दोपहर और शाम को अलग -अलग तरह की चीजें सलाद की तरह खा सकते हैं।
इस डाइट को अपना कर कोई भी व्यक्ति खुद को बीमारियों से दूर और सेहतमंद रख सकता है।
कुल मिलाकर
आज के वक्त में बहुत से लोग खाने से संबंधित गलत फैसले हर रोज लेते हैं क्योंकि उन्हें अलग -अलग जगहों से यह गलत खबरें पता लगती हैं। मीट और डेयरी के प्रोडक्ट किसी तरह से भी आपकी सेहत के लिए अच्छे नहीं हैं। उन्हें खाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। पोषण से हमारी सेहत बेहतर बनती है जबकि कैलोरी से हमें सिर्फ हर दिन का काम करने की ताकत मिलती है। इसलिए हमारे शरीर के लिए ज्यादा कैलोरी नहीं बल्कि ज्यादा पोषण जरूरी है जो कि हमें फल और सब्जियां खाने से मिलता है।
अच्छी सेहत हर कोई पा सकता है, यह पैदाइशी नहीं होता।
अच्छी सेहत का लेना देना जीन्स से नहीं बल्कि आपके हर रोज के खान पान से है। अगर आप रोज बेहतर खाना खाएंगे तो आप सेहतमंद रहेंगे।
सही खाना खाइए।
अगली बार जब भी आप बर्गर खाने जाएं तो दो बार जरूर सोचिए। उसे खाने का मजा सिर्फ 10 मिनट में खत्म हो जाएगा, लेकिन उससे होने वाला नुकसान आपके साथ लम्बे समय तक रहेगा। हो सके तो ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां खाने की कोशिश कीजिए।
अपने खाने को आसान बनाइए।
यह जरूरी नहीं है कि आप दूर देश से मंगाया गया खाना खाएंगे तो ही आप सेहतमंद रहेंगे। हर दिन हरे बीन्स और फल खाइए। सब्जियों का सूप बना कर पीजिए और सलाद खाइए। इस तरह से समय के साथ आपके डाइट में सुधार आ जाएगा।