Eat, Move, Sleep......... ____❤️😴

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Eat, Move, Sleep

Tom Rath
छोटे काम जो सेहत में बड़े बदलाव ला सकते हैं।

दो लफ्जों में -:
ईट, मूव, स्लीप ( Eat, move, sleep ) में हम देखेंगे कि किस तरह से आप कुछ आसान से काम को अपना कर अपनी सेहत को सुधार सकते हैं। यह किताब हमें बताती है सेहत बनाने के लिए कड़ी मेहनत या डाइटिंग करने की जरूरत नहीं है बल्कि अपनी रोज की जिन्दगी में कुछ छोटे बदलाव कर कर भी आप एक अच्छी सेहत पा सकते हैं।

यह किसके लिए है -:
-वे जो अपनी सेहत सुधारना चाहते हैं।
-वे जो आसान तरीकों से अपनी सेहत बनाना चाहते हैं।
-वे जो मानते हैं कि कम सो कर वे ज्यादा काम कर सकते हैं।

लेखक के बारे में -:
टाम रैथ (Tom Rath) अमेरिका के एक सलाहकार और लेखक हैं। वे अपनी किताबों के लिए जाने जाते हैं जो उन्होंने लीडरशिप पर लिखी हैं। वे सेहत पर भी कुछ किताबें लिख चुके हैं। अब तक उनकी 50 लाख से ज्यादा किताबें बिक चुकी हैं और इन किताबों को 16 से ज्यादा भाषाओं में ट्रांस्लेट किया जा चुका है।

यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए?
सेहत! शायद इसकी अहमियत के बारे में आप बचपन से सुनते आ रहे हों। शायद इसे सुधारने के लिए आप ने बहुत से नुस्खे भी अपनाए हों। लेकिन अगर आपको उन मुश्किल एक्सरसाइज़ या डाइट से फायदा नहीं हुआ है या फिर आप उस तरह की एक्सरसाइज नहीं कर सकते तो कोई बात नहीं, आप इस किताब की मदद से आसानी से अच्छी सेहत पा सकते हैं।

अच्छी सेहत कोई मंजिल नहीं है जिसे एक बार पा लेने के बाद आप उस पर ध्यान देना छोड़ दें तो फिर भी वो आपके पास ही रहेगी। यह एक ऐसी चीज़ है जिसे बरकरार रखने के लिए आपको अच्छी आदतें बनानी होंगी। यह किताब आपको उन्हीं आदतों के बारे में बताती है जिन्हें अपना कर आप एक अच्छी सेहत पा सकते हैं।

 

-रोज के खान पान में कौन से बदलाव कर के आप खुद को सेहतमंद बना सकते हैं।

-देर रात तक जाग कर काम करने से आप कामयाबी क्यों नहीं पा सकते।

-शुगर किस तरह से आपका दुश्मन है।

अपनी रोज की जिन्दगी में छोटे बदलाव कर के आप एक अच्छी सेहत पा सकते हैं।
जैसा कि हम अपने आस पास देख सकते हैं कि ज्यादातर लोगों को अपनी सेहत की चिंता नहीं होती है। वे कुछ भी खाते रहते हैं और कभी कसरत नहीं करते। लेकिन एक दिन जब उन्हें पता चलता है कि उनकी सेहत बहुत ज्यादा खराब हो गई है जिसकी वजह से वे अब और काम नहीं कर पाएंगे, या ज्यादा दिन नहीं जी पाएंगे, तो क्या आप जानते हैं उनके साथ क्या रह जाता है? पछतावा।

इसलिए बेहतर है कि हम बीमारी का इलाज उसके आने से पहले कर लें। बेहतर है कि हम भूख लगने से पहले खाने का इंतजाम कर लें और प्यास लगने से पहले कुंआ खोद लें। जाहिर सी बात है यह काम मुश्किल होगा, लेकिन इन कामों को ना करने से जो नतीजे आपको बर्दाश्त करने होंगे वो और भी मुश्किल हो सकते हैं।

एक स्टडी में यह पाया गया कि हम में से बहुत से लोग 90 साल से ज्यादा जी सकते हैं, लेकिन आप ऐसे कितने लोगों को जानते हैं जो 90 साल के बाद मरे हों? अगर आप एक सेहतमंद और लम्बी उम्र चाहते हैं तो आपको अपने हर दिन की जिन्दगी में कुछ बदलाव करने होंगे। इन छोटे बदलावों से बड़े नतीजे देखने को मिल सकते हैं।

कुछ लोगों का मानना है कि सेहतमंद होना हमारे जीन्स में होता है। इनका मतलब अगर आपके जीन की बनावट कुछ अलग है तो आप कितना भी कसरत कर लें आप मोटे ही रहेंगे। यह बात एक हद तक सही है। 

हम अपने जीन को बदल नहीं सकते, लेकिन हम अच्छा खाना खाकर और कसरत कर  खुद को सेहतमंद रख सकते हैं। हालाँकि अगर आपके जीन्स वाकई अलग हैं तो आप मोटे ही रहेंगे, लेकिन फिर भी आप अपने मोटापे को 40% तक कम कर सकते हैं। 

सेहतमंद बनने के लिए आपको अपने खान पान पर खास ध्यान देना होगा।
आप ने शायद यह बात सुनी होगी कि सेहत का रास्ता पेट से होकर जाता है। यह बात बिल्कुल सही है और अगर आप अपनी सेहत बेहतर बनाना चाहते हैं तो आपको यह देखना होगा कि इस रास्ते से किस तरह का खाना होकर गुजरता है।

सबसे पहले आप कुछ भी खाने से पहले खुद से यह सवाल कीजिए कि आप जो खा रहे हैं उसे खाने से आपके शरीर को फायदा हो रहा है या नुकसान। क्या उसे खाने से आपके शरीर में पोषण जा रहा है? आप उसे तभी खाइए जब आपको जवाब में हाँ मिलता है।

आपको ऐसा करने की आदत बनानी होगी। आप सिरर्फ अपनी सेहत सुधरने तक इन कामों को मत कीजिए। एक सेहतमंद लाइफस्टाइल पाने के लिए आपको अपनी जिन्दगी के स्टाइल को बदला होगा।

एक्ज़ाम्पल के लिए अगर आपको सलाद पसंद है तो वह सेहतमंद खाना है, लेकिन अगर आपको फ्राई किया हुआ चिकन पसंद है और आप उसे सलाद के साथ खाते हैं तो वह सेहतमंद नहीं है।

आप सिर्फ यह मत देखिए कि आप कितना खा रहे हैं, आप यह भी देखिए कि आप क्या खा रहे हैं। हमेशा वह खाने की कोशिश कीजिए जिसमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा बराबर हो। आप अपने ज़ुबान को संतुष्ट करना छोड़ दीजिए और यह देखिए कि क्या है जो आपको एक अच्छी सेहत दे सकता है।

काफी वक़्त एक जगह बैठ रहना भी आपके सेहत के लिए नुकसानदेह है।
हम में से बहुत से लोग कुर्सी से चिपक कर बैठ जाते हैं और सारा दिन वहीं पर बैठे रहते हैं। भले ही वे काम करते रहें, लेकिन ऐसे एक जगह पर बैठे रह कर काम करना अच्छी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है।

अपने कुछ काम ना करने वाले समय को कम करना बहुत जरूरी है। कुछ काम ना करने वाले समय से हमारा मतलब उस समय से है जब हम एक जगह बैठकर कोई भी काम कर रहे होते हैं, अब चाहे वो पढ़ना हो या टीवी देखना या कंप्यूटर पर कोई काम करना। आप भले ही हर रोज कसरत ना करें, लेकिन अपने इस समय को कम कीजिए। उस तरह के काम कीजिए जिसमें आपके शरीर में बहुत सी हरकतें होती हों। इस तरह से बैठे रहने से आपकी सेहत उसी तरह से खराब होती है जैसे शराब या सिगरेट पीने से।

इस आदत को खत्म करने के लिए आप बहुत से छोटे कदम उठा सकते हैं। जैसे आप बाजार गाड़ी से ना जाकर साइकिल या पैदल जाइए या फिर एक जगह बैठकर पढ़ने से अच्छा टहलते हुए पढ़ने की कोशिश कीजिए।

घर पर आप तरह तरह की कसरत कर सकते हैं जैसे खुली हवा में टहलना या फिर छत पर जाकर गाने सुनते हुए नाचना। आपका अपना घर इस तरह के काम करने के बहुत सही जगह होती है क्योंकि यहाँ पर आप सबसे महफूज़ और आरामदायक महसूस करते हैं।

अपने काम पर पूरा ध्यान लगाने के लिए सोना यानि नींद लेना बहुत जरूरी है।
जिस तरह से अच्छी सेहत पाने के लिए अच्छा खाना बहुत जरूरी है वैसे ही अच्छा काम करने के लिए अच्छे से सोना बहुत जरूरी होता है। लेकिन शायद कुछ लोग इसका उल्टा सोचते हैं। लोगों का मानना होता है कि जो लोग रात भर जाग कर काम कर पाते हैं वे बहुत ज्यादा और बहुत अच्छा काम करते हैं।

शायद रात को जब आपकी नींद खुल जाती होगी और आप अपनी खिड़की से देखते होंगे कि आपके पड़ोस का एक लड़का पढ़ रहा है तो आपके दिमाग में यह इमेज बनता होगा कि वह बहुत मेहनती है। शायद उसका ख्वाब उसकी नींद से ज्यादा जरूरी है। लेकिन यह बिल्कुल सही नहीं है। ये वही लोग होते हैं जो मेहनत करने पर भी कामयाब नहीं होते और बाद में अपनी किस्मत को दोष देते हैं।

बहुत से लोगों के पास सोने का वक्त ही नहीं होता है। वे सारा दिन तो काम करते ही हैं और रात में भी काम करते हैं। उनका मानना है कि इस तरह से वे कामयाबी जल्दी हासिल कर सकते हैं। लेकिन अगर ऐसा होता तो सिर्फ कुछ लोग ही क्यों कामयाब हो पाते हैं? क्योंकि इन कामयाब लोगों को पता है कि कोई भी जंग जीतने के लिए हथियारों का तेज होना बहुत जरूरी है। जब आप सोते नहीं हैं तो आपका दिमाग अपनी पूरी ताक़त के साथ काम नहीं कर रहा होता है। आपका ध्यान बार बार भटकता रहता है और आप एक घंटे का काम चार घंटे में करते हैं। यही वजह है कि कुछ लोग ज्यादा काम कर के भी कामयाब क्यों नहीं होते हैं।

एक स्टडी की माने तो एक औसत कामयाब व्यक्ति एक दिन में 8 घंटे 36 मिनट तक सोता है। तो अफवाहों पर ध्यान ना देकर सोने पर ध्यान दें।

शुगर खाना सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है इसलिए इसे खाते वक्त बहुत सावधानी बरतिये।
बहुत से सेहत के एक्सपर्ट शुगर को अलग अलग नाम से बुलाते हैं। कुछ लोग इसे कैंसर सेल्स का खाना कह कर बुलाते हैं तो कुछ लोग मीठा जहर। शायद आपको पता ना हो लेकिन शुगर ज्यादा खाने से आपको मोटापे, डाईबिटीज़, कैंसर और दिल की बीमारियाँ हो सकती हैं।

इसके अलावा शुगर एक ऐसी चीज़ है जिसकी लत आपको बहुत जल्दी लग जाती है। समय के साथ अगर आपको बार बार कोई मीठी चीज़ खाने को ना मिले तो जिस तरह से नशे की लत से परेशान व्यक्ति पागल होने लगता है कुछ उसी तरह का पागलपन आपके अंदर भी पैदा होता है।

इसके अलावा ज्यादा शुगर खाने से आपका टोलेरेंस लेवल कम होने लगता है। इसका मतलब है अगर आज आपको एक मिठाई खाने के बाद जो मजा आ रहा है, बाद में चार मिठाई खाने के बाद उतना मजा आएगा। समय के साथ इसकी तलब बढ़ने लगती है और 10 मिठाइयां खाकर भी आपको तसल्ली नहीं मिलती।

ज्यादातर खाने की चीजों में शुगर सिर्फ स्वाद के लिए मिलाया जाता है। उसे खाकर आपको ना कुछ एनर्जी मिलती है और ना ही आपकी सेहत सुधरती है। एक सर्वे के हिसाब से कोल्ड ड्रिंक पीने से एक साल में 180000 लोगों की मौत होती है क्योंकि उसमें भी बहुत ज्यादा शुगर मिलाया जाता है।

इससे छुटकारा पाने के लिए आप उस तरह का खाना खाना कम कर दीजिए जिसमें बहुत शुगर पाया जाता हो। कुछ पैकेट का खरीदने से पहले उसके पीछे देख लें कि उसमें कितना शुगर मिलाया गया है। आप जो फल खाते हैं उसमें पाया जाने वाला शुगर आपकी सेहत बनाने के लिए काफी है।

अच्छी नींद का मतलब सिर्फ लम्बे समय तक सोना नहीं होता, इसका मतलब अच्छे से सोना होता है।
अगर आप सोचते हैं कि रात में करवट बदलते रहना और नींद में सोना एक ही बात है तो आप गलत सोचते हैं। सोने का मतलब बेड पर लेटे रहना नहीं होता।

रैपिड आई मूवमेंट ( आरईएम ) एक ऐसी टेक्निक है जो बेहतर तरीक़े से सोने में आपकी मदद कर सकता है। इसकी मदद से आप अपने सोच को काबू कर अच्छी नींद पा सकते हैं। इसे अपनाने के तरीके नीचे दिए गए हैं।

सबसे पहले सोने से पहले तेज लाइट में रहना बंद कीजिए। हमारे शरीर में मेलाटोनिन नाम का एक हार्मोन निकलता है जो नींद के लिए जिम्मेदार होता है। जब आप तेज लाइट में रहते हैं तो यह मेलाटोनिन का बनना कम कर देता है और आपको नींद नहीं आती। कुछ ऐसा ही तब होता है जब आप मोबाइल या लैपटाप इस्तेमाल करते हैं। इसलिए सोने से पहले इस तरह के काम करने से बचिए।

इसके बाद आप यह देखिए कि कम से कम आपको कितने घंटे की नींद चाहिए और उसी के हिसाब से अपना एलार्म सेट कीजिए। स्नूज बटन दबाने से बचिए क्योंकि इस तरह से आप आधे या  एक घंटे की नींद ज्यादा तो ले लेते हैं पर उसका कोई फायदा नहीं होता है क्योंकि वह नींद हर पाँच मिनट पर टूट जाती है।

एक अच्छी नींद लेना बहुत ही जरूरी है। अगर आप कम सोते हैं तो आपके काम करने की क्षमता समय के साथ कम होने लगती है और साथ ही आपका इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है और आप बीमारियों की चपेट में आसानी से आ जाते हैं।

कुल मिलाकर
हम अपने हर दिन के छोटे छोटे फैसलों में खुद को सेहतमंद रखने या ना रखने का फैसला करते हैं। आपको वह बर्गर खाना चाहिए या नहीं या फिर आपको देर रात तक जागना चाहिए या नहीं? आपको वह हरी सब्जियाँ खानी चाहिए या फिर वो कोल्ड ड्रिंग पीना चाहिए? कुछ इसी तरह के सवाल अगर आप खुद से हर वक्त पूछते रहेंगे तो समय के साथ आप देखेंगे कि बिना ज्यादा मेहनत किए आप एक अच्छी सेहत के मालिक बन गए हैं।

 

वो सब्जियाँ या फल खाइए जिसका रंग गाढ़ा हो।

हालाँकि यह पता करना बहुत मुश्किल होता है कि कौन सा खाना हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है। लेकिन हरी सब्जियाँ या रंग बिरंगे फल खाने से आपको तक़रीबन हमेशा फायदा ही होगा। आप सेब, स्ट्राबेरी, पालक, करेला या फिर दूसरी तरफ की सब्जियाँ या फल खा सकते हैं।


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