The Prince
Niccolò Machiavelli
लीडरशिप और पॉलिटिक्स पर Machiavelli का क्लासिक टेक्स्ट
लो लफ्ज़ों में
16 वीं शताब्दी में लिखा यह टेक्स्ट, किसी भी मुल्क का ऑटोक्रेटिक लीडर, यानि ऐसा लीडर जिसके पास सभी पावर हों, बनने के लिए एक तरह की गाइड है. अक्सर हम देखते हैं जिन लोगों के हाथ में पावर आ जाती है उनके द्वारा किए गए जुल्म भी नजरअंदाज कर दिए जाते हैं, ऑथर सोसाइटी की इस हक़ीकत के बारे में बात करते हैं. और इसी समरी में ही हम जानेंगे कि Machiavelli शब्द का मतलब किसी तरह के फायदे के लिए धोखेबाजी का रास्ता अपनाना होता है.
किनके लिए है
- ऑटोक्रेटिक लीडर्स की थिंकिंग जानने की ख्वाहिश रखने वाले लोग
- पॉलीटिकल फिलासफी और हिस्ट्री में दिलचस्पी रखने वाले
- अगर आप कोल्ड और बिना किसी मोरल वाली लीडरशिप के बारे में जानना चाहते हैं तो आपके लिये भी.
लेखक के बारे में
Micholi Machiavelli 16 वीं शताब्दी के इटैलियन रिनैंसेंस- इस शब्द को हिंदी में पुनर्जागरण कहते हैं, हिस्ट्री का वह दौर जिसमें दुनिया के तमाम मुल्क अपनी आजादी की जंग लड़ रहे थे, पॉलीटिशियन और राइटर थे जोकि फ्लोरेंस में रहते थे.
जब उस वक्त की पावरफुल मेडिसी फैमिली ने शहर पर कंट्रोल हासिल कर लिया, तो ऑथर अनइंप्लॉयड हो गए, और जो नया एडमिनिस्ट्रेशन बना उसमें उनका जॉब एप्लीकेशन 'द प्रिंस' हो गया.आपने नए कायदे कानूनों को बरकरार रखने के लिए, प्रिंस को मुखालिफत करने वालों के खिलाफ काम करते हुए अपने सब्जेक्ट्स को वैल्युएबल साबित करना चाहिए
क्या आपने कभी सोचा है कि ह्यूमन राइट्स और इंटरनेशनल लॉ का वॉइलेशन यानि उल्लंघन करने के बावजूद ऑटोक्रेटिक लीडर्स या प्रिंस पावर में कैसे बने रहते हैं? ऑथर का मानना है पावर को लेकर जो पॉलिटिकल गेम होती है, उनके पास उससे रिलेटेड स्किल होती है,जिनकी वजह से वह पावर में बने रह जाते हैं और दुनिया उनका कुछ नहीं कर पाती. इस समरी में आप 500 साल पुराने पावर पॉलिटिक्स के मैनुअल की अंदरूनी बातें, पावर में बने रहने के लिए क्या कुछ करना पड़ता है, यह सब जानेंगे. समरी आपको यह भी समझने में मदद करेगी कि जब पावर की गेम में क्रुऐलिटी होती है, और आखिर में जुल्म करने वाला पावर पा जाता है, तो दुनिया उसके जुल्म को क्यों भूल जाती है. बेंजामिन फ्रैंकलिन से लेकर नेपोलियन तक तमाम पॉलीटिशियन Machiavelli की पॉलिटिकल थिंकिंग से इंस्पायरर हुए हैं. मुमकिन है कि समरी पढ़ने के बाद आप यह नोटिस करने लगे हैं की आपकी गवर्नमेंट भी Machiavelli की तरह काम करती है. इस समरी में आप यह भी जानेंगे, कि आखिरकार क्यों फतह करने के बावजूद एलेग्जेंडर को फ्रांस कंट्रोल करने में मुश्किल आ रही थी? कैसे Hannibal की बेरहमी ने उसे एक ग्रेट मिलिट्री कमांडर बना दिया, और क्यों आपको अपने आसपास के लोगों का या तो सच्चा दुश्मन होना चाहिए या सच्चा दोस्त, इसके बीच कुछ भी नहीं होता?
तो चलिए शुरू करते हैं!
सोचिए आप रिनैंसेंस पीरियड के कोई प्रिंस हैं. हाल ही में आपने कोई नई टेरिटरी जीती है लेकिन वहां के लोग आपको अपना राजा मानने से इनकार कर देते हैं, क्योंकि उनका मानना है आप इनवेडर यानी आक्रमणकारी और आउटसाइडर हैं, तो आप ऐसे लोगों को कंट्रोल में कैसे रखेंगे? सबसे पहला रूल तो यह है कि आपको खुद रियासत में चले जाना चाहिए. इस तरह से वहां के लोग समझेंगे कि आपको उनकी कीमत है वही जो मुखालफत करने वाले हैं उन्हें सर उठाने में मुश्किल होगी. अगर आप खुद नहीं जा सकते तो बेहतर होगा कि आप वहां रहने के लिये अपने सब्जेक्ट की कॉलोनी वहां भेजें. इस तरीके से आपका नया सब्जेक्ट वहां के लोगों का आदि हो जाएगा और उसी हिसाब से काम करेगा.
दूसरा रूल यह है कि आपको हमेशा रियासत के दुश्मनों से और सत्ता में आने की कोशिश करने वाले विरोधियों से खुद को बचाए रखने के इंतजाम करने होंगे. ऐसा करने के लिए आप जीती गई नई रियासत के आसपास के जो कमजोर लीडर्स हैं, उन्हें प्रोटेक्ट या डिफेंड कर सकते हैं. अगर आप उन्हें ताकतवर दुश्मनों से बचाएंगे तो मुमकिन है कि वह आपकी तरफ हाथ बढ़ाएं और जब वह आपके साथ मिल जाएंगे तो यह अलायंस आस-पास मौजूद खतरों और ताकतवर दुश्मनों से लोहा लेने के लिए काफी होगा.
तीसरा रूल यह है कि आपको फ्यूचर के खतरों के लिए तैयार रहना होगा, चौकनने रहें और एक्शन लेने के लिए किसी हादसे के हो जाने का इंतजार ना करें. जैसे बीमारी का इलाज पहले स्टेप में आसानी से किया जा सकता है वैसे ही इस तरह के दुश्मनों को भी पता लगते ही खत्म कर देना चाहिए.
जब एशियंट रोमंस ने ग्रीस पर कब्जा कर लिया था तो उन्होंने इसी रूल पर काम किया था. उन्होंने उस एरिया में किसी एक राजा को दूसरे राजा से कभी पावरफुल नहीं होने दिया, चाहे वह रोमन एंपायर से कितने ही वफादार क्यों ना हों.
इन रूल्स की अहमियत का अंदाजा फ्रांस के louise 12 के हालातों से लगाया जा सकता है. उन्होंने बड़े ही शानदार तरीके से इटली को जीत लिया था लेकिन जीतने के बाद जल्द ही उन्होंने वहां का कंट्रोल खो दिया. यह इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने इन रूल्स पर अमल नहीं किया था, आप ऐसी गलती ना करें.
कभी-कभी कोई रियासत जीतने में आसानी होती है लेकिन उस पर राज करना मुश्किल होता है और कभी-कभी कोई रियासत जीतने में मुश्किल होती है लेकिन उस पर राज करना बहुत आसान होता है
जब 323 बीसी में पर्शियन किंगडम जीतने के बाद एलेग्जेंडर की मौत हो गई. तब सबको लगा था जल्द ही मकदूनियन वहां के पर्शियन लोगों पर से कंट्रोल खो देंगे. फिर भी वह लंबे वक्त तक राज करने में कामयाब रहे, ऐसा कैसे हुआ? इससे पहले कि इस सवाल का जवाब लिया जाए यह भी समझना जरूरी है कि अलग-अलग तरह की रियासतें होती हैं।
पहला rular-baron गवर्नेंस वाली रियासत में होती हैं. मिसाल के तौर पर, फ्रांस में राज तो वहां के राजा का होता था लेकिन अलग-अलग एरिया के लिए बैरन अपॉइंटेड थे जिनके अपने एजेंडा हुआ करते थे. इस तरह का सिस्टम अनस्टेबल होता है और जल्दी से बिखर सकता है कभी-कभी तो यह बैरन खुद अपने राजा के खिलाफ खड़े हो जाते हैं. फ्रांस के बारे में यह कहा जा सकता है कि इस पर फतह हासिल करना आसान है बस कुछ बैरन को अपने साथ कर दीजिए और राजा की सत्ता बड़ी आसानी से ढह जाएगी. हालांकि ओहदे पर बने रहने के लिए आपको इसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
दूसरी वह रियासतें होती हैं जो राजा और नौकर के रिश्ते पर चलती हैं. इस तरह की रियासत में राजा अपने खिलाफ खड़े होने वाले सभी लोगों को तबाह कर देता है ताकि रईसों को प्रिंस और उसकी पॉलिसीज को ही सपोर्ट करना पड़े. इस तरह की रियासतें बहुत मजबूत होती है और इन पर फतह पना आसान नहीं होता.
जब एलेग्जेंडर ने पर्शिया को जीतने की कोशिश की. उस दौरान king durious ने सभी तरह के इंस्टिट्यूशन खत्म कर दिए और सभी को अपने साथ खड़ा कर लिया. इसलिए उस एरिया को जीतने के लिए भारी जंग करनी पड़ी लेकिन इसका यह भी फायदा हुआ कि जब एलेग्जेंडर की मौत हो गई तो उस एरिया में कोई भी विद्रोही या मुखालफत करने वाला मौजूद ही नहीं था. इसलिए एलेग्जेंडर के मरने के बावजूद मकदूनियों ने कई पीढ़ियों तक राज किया.
आप अपनी रियासत में किस तरह का सिस्टम रखेंगे यह आपका फैसला है. दोनों के ही अपने फायदे हैं इसलिए फैसला आपको अपनी काबिलियत और माहौल के हिसाब से करना चाहिए
नई रियासत हासिल करना आपकी काबिलियत और किसमत दोनों पर डिपेंड करता है। प्रिंस द्वारा किसी रियासत को अपने कंट्रोल में रखने के लिए कई तरीके अपनाए जा सकते हैं, मलेटरी फोर्सेस और इंटरनेशनल ट्रीटीज़ दो मेन तरीके हैं. चाहे आप जिस तरीके का इस्तेमाल करें, लेकिन किसी भी रियासत पर कब्ज़ा और कंट्रोल करने के लिए आपको बहुत काबिल और किस्मत वाला होने की जरूरत है. काबिल से काबिल रूलर को अपनी काबिलियत साबित करने के लिए थोड़ी सी अच्छी किस्मत की तो जरूरत होती ही है. अपनी मिलिट्री के दम पर किसी शहर या किंगडम पर कब्जा कर लेना दिखाता है कि आपके अंदर हिम्मत और लीडरशिप की क़ाबिलियत है. लेकिन फिर भी अगर किस्मत आपके साथ नहीं है तो यह काबिलियत बेकार साबित हो सकती हैं. रोमन एंपायर के फाउंडर Romulus की किस्मत ने उन्हें बचपन में ही अल्बा शहर छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया, नतीजतन उन्होंने एक रोज रोमन एंपायर की नींव रखी. अगर उन्होंने अल्बा शहर नहीं छोड़ा होता तो शायद वह कहीं पर किसान होते और उन्हें अपनी काबिलियत साबित करने का मौका नहीं मिलता. हालांकि, अगर आप किस्मत वाले हैं तो अपनी किस्मत का फायदा उठाने के लिए आपको अपनी काबिलियत भी साबित करनी होगी. मिसाल के तौर पर, कभी-कभी आप अपनी क़ाबिलियत नहीं बल्कि किस्मत की वजह से प्रिंस या किंग बन जाते हैं. अगर आपको ताकतवर लोगों का साथ हासिल है तो ऐसा हो सकता है.
नहीं रियासत में आपके दुश्मन आप के सपोर्टर से ज्यादा पावरफुल होंगे. क्योंकि आपके दुश्मनों को पता है कि आप को सत्ता से बाहर निकालना है जबकि आपके सपोर्टर्स नहीं जानते कि आप क्या कर सकते हैं और आप से क्या उम्मीद रखी जाए. ऐसे में एक पावरफुल एंपायर की बुनियाद रखने के लिए आपको जल्द और एक काबिल प्रिंस की तरह काम करना होगा. अपनी रियासत के रसूखदार लोगों पर काबू रखिए और अपनी आर्मी बनाइए. इन सब तैयारियों के बिना आपकी किस्मत आपका साथ नहीं दे पाएगी और आप हार जाएंगे. प्रिंस बनने के लिए किस्मत और काबिलियत तो दोनों की जरूरत होती है बिना काबिलियत के किस्मत काम नहीं करती और बिना किस्मत के आपकी काबिलियत की कोई अहमियत नहीं होती.
प्रिंस बनने के लिए लोगों का सपोर्ट होना और बुरा होना दोनों जरूरी है
एक कुम्हार के बेटे की पहचान के साथ बढ़े हुये Agathocles नाम के शख्स ने 317 बीसी में भाड़े की आर्मी की मदद से Syracus, silcily शहर पर कब्जा कर लिया. डेमोक्रेटिक कॉन्स्टिट्यूशन के तहत काम करने की कसम खाने के बावजूद वह अपने 10,000 दुश्मनों का कत्ल कर, जालिम बन गया. इस कहानी से पता चलता है कि सत्ता हासिल करने का एक तरीका आपका ज़ालिम और बुरा होना भी है. बेरहमी और जालसाजी पावर हासिल करने में आपकी मदद कर सकती हैं, चाहे अपने लोगों से धोखेबाजी और उन पर जुल्म अच्छा समझा जाता हो या ना.
लेकिन यह बेरहमी भी तभी फायदेमंद हो सकती है जब इसका इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए. अगर आपके लिए पावर हासिल करना बहुत ज्यादा जरूरी है तो आप शुरुआत में ज्यादा वॉयलेंस का इस्तेमाल कर इसे धीरे-धीरे कम कर सकते हैं. जब आप ज्यादा वॉयलेंस का इस्तेमाल करेंगे तो शुरुआत में लोग आपके खिलाफ खड़े होंगे लेकिन धीरे-धीरे इसे कम कर के आप लोगों को अपने साइड करने की कोशिश भी कर सकते हैं. Aganthocles ने कुछ इसी तरीके का इस्तेमाल किया और वह सत्ता पर काबिज रहने में कामयाब हुआ. वही दूसरी तरफ शुरुआत में कम जुल्म करना और धीरे-धीरे वॉयलेट बढ़ा देना कोई समझदारी का काम नहीं है.
हालांकि Aganthocles को जुल्म करके कामयाबी जरूर मिली लेकिन वायलेंस पावर हासिल करने का एकलौता रास्ता नहीं है. आप अपने सिटीजन को प्रोटेक्ट करके भी ऐसा कर सकते हैं क्योंकि दूसरी सिचुएशन में वह खुद आगे बढ़कर आपका साथ देंगे. अगर ऐसे केस में आप प्रिंस हैं तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि आपके सिटीजंस खुद खुश हों ताकि आपको सपोर्ट कर सकें. यहां पर कंडीशन यह है कि वह जिस चीज के आदी रहे हैं आपको उससे कुछ बेहतर प्रोवाइड करना होगा, मसलन, अगर वह गुलामों की तरह जिंदगी गुजारते आए हैं तो अपनी आजादी भर से वह आपके साथ खड़े हो जाएंगे. मकसद अपने लोगों को खुद का एहसानमंद बनाना है. अगर वह आपके एहसानमंद होंगे, तो मुमकिन है कि वह मुश्किलों का सामना करके भी आपको सत्ता में बनाए रखें. लेकिन अगर आप हथियार के दम पर क़ब्ज़ा हासिल करने की कोशिश करते हैं तो ऐसा नहीं होगा.
हो सकता है लोगों को मना कर अपने साथ लाने के बजाए उन पर जुल्म करके उन्हें कंट्रोल करना ज्यादा आसान हो, लेकिन पहला तरीका आपको लंबे वक्त तक पावर में बनाए रखेगा.
हर प्रिंस को जंग लड़नी आनी चाहिए। हालांकि डिप्लोमेसी बहुत जरूरी है, लेकिन आखिर में एक बिना हथियारों वाले इंसान को हथियार वाले के आगे झुकना ही पड़ता है, इसलिए किसी भी प्रिंस को जंग में महारत हासिल होनी चाहिए. यकीनन सबसे पहले अपनी पावर साबित करना सबसे जरूरी है, लेकिन बहुत सारी रियासतें जंगो के दम पर ही जीती गई हैं. शांति दौर यानी पीस में जब कोई जंग वगैरह ना हो रही हो तब भी आपको अपनी वॉर स्किल अपडेट रखनी होगी, क्योंकि ऐसा ना होने पर आप जंगो में काबिलियत रखने वाले दुश्मनों से हार सकते हैं. इससे भी ज्यादा यह कि आप जो सोसाइटी बना रहे हैं उसमें आपकी आर्मी का भी बहुत इंपॉर्टेंट रोल होता है, अगर फॉलो करवाने के लिए आर्मी नहीं है तो अच्छे से अच्छे कानून और इंस्टिट्यूशन फेल हो सकते हैं. कहीं भी कंट्रोल बनाए रखने के लिए वॉर बहुत इंपॉर्टेंट रोल अदा करता है इसलिए आपको और आपकी आर्मी को हर वक्त जंग के लिए तैयार रहना चाहिए. अपनी आर्मी को लड़ने के लिए तैयार रखें लेकिन खुद भी किसी भी जंग के लिए मेंटली और फिजिकली तैयार रहिए. मिसाल के तौर पर, जब आप शिकार पर गए हों, तो अपने कंट्रोल के उस एरिया को समझने की कोशिश कीजिए और सोचिए कि आप जंग के दौरान इसे डिफेंस के लिए कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं.
जंगों के लिए तैयार रहने का दूसरा तरीका अपने से पहले आए जंगजुओं से सीखना है. सभी बेहतरीन कमांडर ने अपने से पहले आने वाले लड़ाकों के बारे में पढ़ा और जाना. अलेक्जेंडर द ग्रेट ने Achilles से सीखा वही Caesar ने एलेग्जेंडर को कॉपी करने की कोशिश की. जब स्टेट में पीस हो तो उस दौरान आपका एक अच्छा लीडर बनना बहुत जरूरी है, लेकिन वक्त बदलते वक्त नहीं लगता. कभी भी आपको जंग का सामना करना पड़ सकता है और पावर में बने रहने का इकलौता तरीका आपका और आपकी आर्मी का जंग के लिए तैयार होना है.
Romans, Spartans और Swiss में एक जैसा क्या है?
हिस्टोरिकली, उनकी पापुलेशन वेल-आर्म्ड थी, जिसकी वजह से वह लंबे वक्त तक एक इंडिपेंडेंट स्टेट बने रहे. यहां पर ऑटोक्रेटिक प्रिंस के लिए सीखने वाली बात यह है, कि एक इंडिपेंडेंट लोकल आर्मी ही किसी भी रियासत को महफूज रख सकती है. वह लड़ाके जो पैसा लेकर आपके लिए लड़ते हैं वह एकदम यूज़लेस हैं. उन्हें आपकी रियासत से कोई लेना देना नहीं है, इसलिए वह इसके लिए वफादार भी नहीं होंगे. और मुमकिन है कि जंग के मैदान में उन्हें लगे कि सैलरी इतनी नहीं है जिसके लिए जान दी जाए और भाग खड़े हों. मतलब जब तक रियासत में शांति है तब तक तो वह अच्छी तरीके से काम करेंगे लेकिन जंग के दौरान उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता. और अगर किस्मत से आपको कोई ऐसा कमांडर मिल भी गया जो जंग के मैदान में आपके लिए लड़ सके, तो जल्द ही उसे एहसास हो जाएगा कि उसके पास अपनी आर्मी के साथ मिलकर आप को सत्ता से बेदखल करने की ताकत है.
इटली ने 15वीं और 16वीं शताब्दी में इन्हीं पैसे के लड़ाकों यानि mercenaries पर भरोसा करने की गलती की थी, और नतीजतन पहले फ्रांस के राजा charles ने इसे जीता और फिर louice ने, साथ ही जब यह लड़ाके भागने लगे तो Aragon के Ferdinand ने इटनी को लूट लिया. अपनी रियासत को प्रोटेक्ट करने के लिए दूसरी बड़ी गलती जो एक प्रिंस कर सकता है वह अपने अलायंस वाले प्रिंस की सेना पर डिपेंडेंट रहना है. एक बार दूसरे प्रिंस की आर्मी अगर आपके स्टेट में घुस आती है तो हो सकता है आप उसे कभी बाहर न निकाल सके. इसका एक एग्जांपल ग्रीक का पड़ोस की कंट्रीज़ से खुद को प्रोटेक्ट करने के लिए 10,000 तुर्की सैनिकों को अपने लैंड में आने देना है. जब जंग खत्म हो गई तो तुर्क सेना ने लौटने से मना कर दिया और सदियों तक ग्रीस पर राज किया. मतलब अगर आप किसी दूसरे प्रिंस के सेना पर डिपेंडेंट रहेंगे तो आपको हार का ही सामना करना पड़ेगा. अगर वह जंग में हार जाते हैं तो आपको अपनी रियासत गवानी होगी और अगर जीत जाते हैं तो आपको उस सेना का ही गुलाम बनना पड़ेगा. अपनी रियासत को प्रोटेक्ट करने का इकलौता तरीका ऐसे लोगों की एक फोर्स तैयार करना है, जो आपसे और रियासत से वफादार हों.
एक प्रिंस को जेनेरॉसिटी और जरूरत से ज्यादा काइंडनेस के बीच बैलेंस करना चाहिए। एक बार जब आप प्रिंस बन जाएंगे तो आपको लेकर लोगों का नजरिया बदल जाएगा. आपके सब्जेक्ट एक फेलो सिटीजन के मुकाबले आप यानी किंग से कुछ अलग एक्सपेक्टेशन रखने लगेंगे. इसलिए पोलाइटनेस और जेनोरॉसिटी जैसी पर्सनल खूबियां प्राइवेट लाइफ से आगे बढ़कर रियासत को स्टेबल रखने के मामले में, उनकी इंपॉर्टेंस बढ़ जाती है. ऐसे में उनके ख्वाहिशें बदल जाती हैं, क्योंकि जो खूबियां एक वक्त तक प्राइवेट मामला थी वह अब प्रिंस के लिए सेम नहीं रह गईं. जेनेरॉसिटी के बारे में ही सोचिए एक जेनेरस इंसान को सब पसंद करते हैं लेकिन अगर आप अपनी इमेज एक जेनेरस रूलर के तौर पर बनाना चाहते हैं, तो जो आप अफोर्ड कर सकते हैं उतना ही खर्च करना काफी नहीं होगा, लोग इसके आदि हो जाएंगे. इसके बजाय आपको लगातार अपने सिटीजेंस के साथ जेनेरस रहना होगा, लेकिन ऐसा करने से जल्द ही आपका फाइनेंस बिगड़ सकता है. और फिर आपके पास भारी टैक्स लगाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा जोकि जेनेरॉसिटी से हुए फायदे को खराब कर सकता है.
इसलिए एक अच्छा प्रिंस बनने के लिए आपको जेनेरॉसिटी और जरूरत से ज्यादा जेनेरॉसिटी के बीच फर्क समझना होगा. जेनेरॉसिटी का इस्तेमाल पावर हासिल करने के लिए कीजिए, खासतौर पर उस इलाके में जहां लोग जानना चाहते हैं कि किसको राजा बनना चाहिए. रोम पर राज करने के लिए Caesar ने यही तरीका अपनाया, लोगों को फ्री फूड और इंटरटेनमेंट प्रोवाइड करके उसने अपनी पॉपुलैरिटी बढ़ाई. लेकिन एक बार जब आप प्रिंस बन जाए तो यह जेनेरॉसिटी काम नहीं करती. एक बार जब आप प्रिंस बन जाते हैं, तो पैसों का इस्तेमाल बहुत समझदारी से करना होता है, और वक्त के साथ बिना किसी फाइनेंशियल ट्रबल में पड़े, इन पैसों का इस्तेमाल अपनी पापुलैरिटी को बढ़ाने में कर सकते हैं. Caesar ने भी यही पैटर्न अपनाया था जैसे उसे अपनी मनचाही पोजीशन मिल गई, उसने अपने शब्दों में तब्दीली ला दी ताकि उसकी रियासत बैंकरप्ट ना हो जाए. इससे भी ज्यादा यह कि अगर आप अपने लोगों पर ज्यादा टैक्स नहीं लगाते हो, यह लोग सैटिस्फाइड रहेंगे. इसलिए पब्लिक को फ्री प्रोवाइड करने की जगह स्टेट फंड का समझदारी से इस्तेमाल करना और लोगों पर कम टैक्स लगाना ज़्यादा फायदेमंद हो सकता है.
एक कामयाब प्रिंस अपने फायदे के लिए बेरहमी का भी इस्तेमाल कर सकता है और अपने आपको नफरत से भी बचा सकता है
रोमन एंपायर के सामने सबसे बड़ा खतरा Hannibal और उसकी Carthaginian आर्मी द्वारा छेड़ी गई जंग थी. hannibal अपनी क्रुएलिटी की वजह से कामयाब हो गया था, मिसाल के तौर पर, उसने गलत डायरेक्शन दिखाने की वजह से अपने स्काउट्स को सूली पर चढ़ा दिया था. उसने अपनी आर्मी के अंदर एक डर भर दिया था जिसने मुश्किल हालातों में उन्हें एक रखा, जैसे कि जब उन्होंने अल्प्स को क्रॉस किया. यहां पर सबक यह है कि अगर आप क्रुएलिटी का भी सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके फेवर में काम करेगी.
यकीनन हर किंग मर्सिफुल के तौर पर जाना जाना चाहता है, लेकिन अगर अपने सिटिज़ेंस को एक रखने और अपनी रियासत को प्रोटेक्ट करने के लिए डर का भी इस्तेमाल करना पड़े तो एक प्रिंस को इसके लिए भी तैयार रहना चाहिए. किसी भी प्रिंस के लिए प्यार किया जाना अच्छी बात है लेकिन अगर लोग उससे डरते हैं तो यह और भी सेफ जोन है. सभी समझदार जानते हैं कि प्यार के बिनाह पर किए गए वादे अक्सर तोड़ दिए जाते हैं इसलिए प्यार किया जाना और एक मर्सिफुल प्रिंस के तौर पर जाने जाना बहुत वक्त तक फायदेमंद नहीं रह सकता, लोग अपने फायदे के लिए नियम कानून को तोड़ भी सकते हैं. दर्दनाक सजा का डर फायदेमंद हो सकता है. और एक तरह से आप अपने लोगों को दर्दनाक सज़ा से बचाकर एक मर्सिफुल प्रिंस ही तो हैं. अपनी आर्मी को कंट्रोल में रखने के लिए क्रुएलिटी खास तौर पर इफेक्टिव साबित होती है, सोल्जर्स आपकी स्ट्रिक्टनेस एक्सेप्ट कर लेते हैं क्योंकि यह उनको डिसिप्लिंड रखेगा, hannibal की कामयाबी इस बात का सबूत है क्रुएलिटी का सही इस्तेमाल किया जाए तो यह फायदेमंद साबित होती है. जब आप अपने फायदे के लिए क्रुएलिटी का इस्तेमाल करें तो इस बात का ध्यान रखें कि आप हद न पार कर दें कि लोग आप से नफरत करने लगें. बैलेंस बनाने की कोशिश कीजिए. बेकसूर लोगों को सजा मत दीजिए और बिना गुनाह साबित हुए किसी की भी प्रॉपर्टी को जप्त या औरतों को नुकसान मत पहुंचाइये, क्योंकि ऐसा करने से लोग आपके खिलाफ खड़े हो जाएंगे, और आपको सत्ता से बाहर निकालने की कोशिश करने लगेंगे, जिससे आपके स्टेट में स्टेबिलिटी की बजाय इंस्टेबिलिटी आ जाएगी. लोगों को अपनी खिलाफ़ इकट्ठा होने से रोकने का बेस्ट तरीका उन्हें सेटिस्फाइड और ज़रुरत भर डरा के रखना है.
एक कामयाब प्रिंस को मालूम होता है कि धोखेबाजी कब की जाए और इसे कैसे छुपाया जाए
अगर किसी प्रिंस से पूछा जाए कि वह किस जानवर की खासियत रखता है तो जवाब मिलेगा- शेर. यकीनन शेर की फिजिकल स्ट्रैंथ बहुत फायदेमंद है लेकिन किसी भी प्रिंस को लोमड़ी की चालाकी के फायदों को कम नहीं आंकना चाहिए. आप वादा करने के तरीके में लोमड़ी की खासियत का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि एक प्रिंस को हमेशा अपने शब्दों पर खरा उतरना होता है. यकीनन किसी भी लीडर के लिए इंटीग्रिटी बहुत इंपॉर्टेंट है क्योंकि लॉज़ और कॉन्ट्रैक्ट किसी भी इंस्ट्यूशन की नींव होते हैं, लेकिन एक चालाक लोमड़ी की तरह आपको भी यह पता होना चाहिए कि कब अपने फायदे के लिए आपको उसूलों को नजरअंदाज करना है. मिसाल के तौर पर, अगर विरोधियों का लीडर आपके लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है तो क्यों ना आप उसे समझौते के लिए डिनर पर इनवाइट करें और वहीं पर उसका कत्ल करवा दें? इस तरीके से बड़ी आसानी से आपका पीछा छूट जाएगा.
और अगर आपको ऐसा करने पर बुरा लगता है तो अपने आप को याद दिलाइये, कि अगर आप को धोखा देने में किसी का फायदा है तो हकीकत में सामने वाला भी ऐसा ही करेगा.
बस इस बात का ध्यान रखिए कि दुनिया आपकी इस क्रूल साइड को ना देख सके. आप धोखेबाज और जालसाज हो सकते हैं, लेकिन आपको दुनिया के सामने एक अच्छे, रिलीजियस और ह्यूमैनिटेरियन वैल्यूज़ को फॉलो करने वाले इंसान की तरह बने रहना होगा. लेकिन एक ऐसी फील्ड जरूर है जहां पर आप को अपने शब्दों पर कायम रहना होगा-फॉरेन रिलेशनशिप में. अगर दो रियासतों के बीच में कुछ प्रॉब्लम चल रही है तो आपको जल्द ही किसी एक का साइड लेना और इसके साथ बने रहना होगा.
देरी करना या फैसला ना ले पाना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि जीतने वाला जीतने के तुरंत बाद आपके पीछे पड़ सकता है क्योंकि आपने खुले तौर पर उसका साथ नहीं दिया. सलाहकारों और क्लियर अलाइज़ होने के चलते आप अपनी पोजीशन को लेकर क्लियर होते और यह फैसला लेने में भी मददगार होता है. एक अच्छा राजा किसी दूसरे राजा का या तो बहुत अच्छा दोस्त होता है या बहुत बुरा दुश्मन इसके बीच में और कुछ भी नहीं.
एक प्रिंस के पास एडवाइजर्स यानी अच्छे सलाह देने वाले होने चाहिए और उसे मालूम होना चाहिए कि इनसे अच्छी सलाह कैसे निकलवाई जाए
हिस्ट्री में बहुत सारे कामयाब लीडर्स हुए हैं, लेकिन उन सभी को कभी ना कभी एडवाइजर्स की जरूरत पड़ी है क्योंकि कोई एक इंसान हर फील्ड में मास्टर नहीं हो सकता. इसलिए एक प्रिंस किस तरीके से अपने एडवाइजर्स का चुनाव करता है और कैसे उनसे डील करता है, यह उसकी लीडरशिप के बारे में काफी कुछ बताता है. आपके एडवाइजर्स की क्वालिटी आपके यानी प्रिंस पर डिपेंड करती है. आप बेहतर तरीके से जानते हैं कि आपको किन चीजों के बारे में कम मालूम है, इसलिए अपने एडवाइजर और मिनिस्टर को चुनने के लिए आपको समझदारी और कॉमन सेंस का इस्तेमाल करना होगा. एक बार जब आप उनका चुनाव कर ले तो उनके साथ एक अच्छा रिश्ता बनाए रखने की जरूरत है ताकि वह आपके फायदे के लिए काम करें. एक अच्छा रिश्ता बनाए रखने के लिए आपको उन पर नजर भी रखनी पड़ेगी. अगर आपको लगे कि उनमें से कोई भी आपके नहीं बल्कि अपने खुद के फायदे के लिए काम कर रहा है तो आपको उन्हें जल्द से जल्द निकाल देना चाहिए. और जो आप के फायदे के लिए काम करें उन्हें इज्जत और बेहतर सैलरी का रिकॉर्ड मिलना चाहिए लेकिन एक लिमिट में ताकि वह आपके पीठ पीछे स्कीम्स बनाना ना शुरू कर दें.
एक प्रिंस को ढंग से सलाह मांगना भी आना चाहिए. आपके एडवाइजर्स को मालूम होना चाहिए कि आप उन्हें सच बोलने के लिए सजा नहीं देंगे. अगर वह इसके अलावा कुछ सोचते हैं तो वह आपको अपीज़ करने के लिए बातों को घुमा फिरा कर करेंगे और बस अपनी इमेज बेहतर करने की कोशिश करेंगे. अगर ऐसा लगता है कि कोई कुछ बोलना नहीं चाहता, तो आपको इसे लेकर फ़िक्रमंद होना चाहिए, क्योंकि अगर आपका सलाहकार आपसे कुछ बताना या बोलना नहीं चाहता इसका मतलब है वह कुछ छिपा रहा है. लेकिन जरूरत से ज्यादा मिलनसार भी नहीं होना चाहिए. अगर आपको किसी को कुछ भी बोलने की आजादी देंगे तो जल्द ही लोग आपके फैसलों पर सवाल खड़े करना शुरू कर देंगे. इसलिए आपको अपने लोगों को यह क्लियर कर देना चाहिए कि कब एडवाइस देनी है यह आपका फैसला होगा और वह बिना मांगे एडवाइस देने की कोशिश ना करें.
अपने कदम आगे बढ़ाइए, अपने फ्यूचर को किस्मत के हवाले मत छोड़ दीजिए। अभी तक आपने जाना कि एक कामयाब प्रिंस कैसे बना जा सकता है, लेकिन आप यह भी सोच रहे होंगे कि यह सारी एडवाइसेस बेकार हैं क्योंकि किसी भी प्रिंस की किस्मत ऊपर वाले के हाथ में होती है. लेकिन यह पूरा सच नहीं है, आप अपनी किस्मत को बदल सकते हैं. आपको यह समझना होगा कि ऊपर वाला चाहता है कि हम अपनी ख्वाहिशें और कोशिशें जारी रखें. अगर हमारी कोशिशों के लिए कोई जगह नहीं होती तो मेहनत करने वाले कभी कामयाब नहीं होते और किस्मत के तेज़ हमेशा दुनिया पर राज करते. हमें समझना होगा कि हमारी जिंदगी में कुछ चीजें तो किस्मत पर डिपेंड करती हैं लेकिन कुछ चीजें हमारे हाथ में भी हैं. हालांकि किसी को भी प्रिंस बनाने में किस्मत एक बड़ा किरदार निभाती है लेकिन कोशिशों के जरिए ओहदे के टेंपरेरी नेचर से खुद को बचाया जा सकता है. अगर आप बहुत कामयाब रहे हैं तो आपको ऊपर वाले का शुक्रगुजार होना चाहिए लेकिन बदलते वक्त के लिए भी तैयार रहना चाहिए. सोचिए कि आपकी किस्मत एक नदी की तरह है जो शांति से बहते हुये आपकी जिंदगी को फर्टाइल बनाए हुए है. एक समझदार प्रिंस होने के नाते आपको इस नदी में आने वाले उफान के लिए तैयारी करके रखनी चाहिए, अगर आपकी किस्मत की नदी में उफान आता है तो आप आबाद नहीं बर्बाद ही होंगे, इसलिए आपको बदलते वक्त के लिए तैयार रहना होगा.
लेकिन हर मोड़ की तैयारी पहले से रख पाना पॉसिबल नहीं है, कहीं ना कहीं कुछ न कुछ तो कमी रह जाएगी. इसलिए हमेशा फ्यूचर को समझने की कोशिश के बजाय अगर कुछ हो जाए तो उसे अपने फेवर में बदलना सीखिए. वक्त वक्त पर हमें पता चलता रहा है कि किसी भी सिचुएशन को अपने फेवर में बदलने के लिए कॉशियस होने के बजाय क्यूरियस और एग्रेसिव होने की जरूरत है. पोप जूलियस 2nd का एग्जांपल समझने की कोशिश करिए जिन्होंने बोलोघना के खिलाफ जंग छेड़ने की कोशिश की. अपने साथियों द्वारा अपने प्लान के सही ठहराए जाने का इंतजार करने के बजाय वह सड़क पर उतर गए. venetia और france यह देख कर हैरत में पड़ गए और इसके खिलाफ कुछ कर नहीं सके नतीजतन यह मूवमेंट बहुत कामयाब हुआ. Machiavelli का कहना है आपको अपनी किस्मत को एक औरत की तरह समझना चाहिए जिसे कंट्रोल करना बहुत जरूरी है, और जिसका काम अपने मास्टर को एक ओवरथिंकर बनाने के बजाय टेंम्टुअस यंग मैन बनाना है.
कुल मिलाकर
एक प्रिंस के तौर पर आप काइंड और चालाक, ईमानदार और धोखेबाज कुछ भी हो सकते हैं लेकिन आपको वही करना चाहिए जो आपकी रियासत के लिए फायदेमंद हो. जब ताकत हासिल करने और उसे बनाए रखने की बात आए तो किसी भी तरह के रोक या वैल्यू की कोई जगह नहीं होती.
येबुक एप पर आप सुन रहे थे The Prince by Niccolò Machiavelli
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