Ron Lieber
An Entirely New Road Map for the Biggest Financial Decision Your Family Will Ever Make
दो लफ्ज़ों में
साल 2021 में रिलीज़ हुई किताब “The Price You Pay for College” किसी भी स्टूडेंट्स और पैरेंट्स के लिए एक गाइड की तरह है. ये वन स्टॉप डेस्टिनेशन है जहाँ आपको आपके एजुकेशन के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी. अगर आप भी सही कॉलेज की तलाश कर रहे हैं? तो ये गाइड आपके लिए ही लिखी गई है.
ये किताब किसके लिए है?
- टीनेजर्स के पैरेंट्स के लिए
- स्टूडेंट्स के लिए
- ऐसे लोगों के लिए जिन्हें नई चीज़ों के बारे में जानना अच्छा लगता हो
लेखक के बारे में
आपको बता दें कि इस किताब का लेखन ‘Ron Lieber’ ने किया है. इन्होने इस किताब के अलावा “Your Money column” का भी लेखन किया है. इन्होने अपने सालों के अनुभव का सार इस किताब में शब्दों की मदद से उतार दिया है. जिसका फायदा आप इस समरी की मदद से उठा सकते हैं.
इस किताब में मेरे लिए क्या है?
सही कॉलेज का चुनाव करना किसी की भी लाइफ का सबसे IMPORTANT डीसीज़न होता है. इन चैप्टर्स की मदद से आप इस इम्पोर्टेन्ट डीसीज़न को सही डीसीज़न में बदल पाएंगे. आपको पता चल जाएगा कि कैसे एक सही कॉलेज का SELECTION किया जा सकता है.
सही करियर के लिए कौन से कॉलेज का चयन करें, इस विषय को लेकर छात्रों के बीच हमेशा उलझन रहती है, लेकिन अब इस उलझन का अंत इस बुक के साथ हो जाएगा. ये किताब आपकी अपने करियर को बेहतर बनाने के लिए और अपने टैलेंट की पहचान करने में मदद करेगी.
इन चैप्टर्स में और क्या सीखने को मिलेगा?
- आपके लिए बेस्ट कॉलेज कौन सा है?
- रिसर्च कैसे करते हैं?कॉलेज के फीस का कांसेप्ट समझ लीजिए
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि दिन ब दिन कॉलेज की पढ़ाई महंगी होती जा रही है. अमेरिका के कई हिस्सों में कॉलेज के 4 सालों की फीस $100,000 से भी ज्यादा की पड़ जाती है. आपको बता दें कि ये फीस सरकारी कॉलेज की है. अगर आप एलीट या फिर प्राइवेट महंगे कॉलेज में पढ़ना चाहते हैं तो आपको अपने बजट को 4 गुना तक ज्यादा करना होगा.
ये बात केवल सिंगल स्टूडेंट की हो रही है. अब आप इस अमाउंट को मल्टीप्लाई कर सकते हैं, अगर आपके एक से ज्यादा बच्चे हैं. तब ये अमाउंट बढ़कर और भी ज्यादा हो जाएगा. अब आपको समझ में आ रहा होगा कि कॉलेज की बात करना कितना ज़रूरी मुद्दा है?
इसलिए कॉलेज में एडमीशन लेते समय पूरी सूझ बूझ दिखानी चाहिए. ऑथर कहते हैं कि कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले एक बात को लेकर सुनिश्चित हो जाएं कि आपको भविष्य में आखिर करना क्या है? आप किस फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं? जब आप अपने करियर के चयन के लिए सुनिश्चित हो जाते हैं तो उसके बाद ही कॉलेज में एडमिशन की प्रक्रिया का शुरू करें.
कॉलेज में एडमीशन की प्रोसेस शुरू करते वक्त ध्यान रखियेगा कि आप कॉलेज से फाइनल फीस कम भी करवा सकते हैं. प्राइवेट कॉलेज में ये मत सोचकर जाइएगा कि जो फीस उन्होंने लिस्ट में बता दी है. वही फाइनल है, ज्यादातर कॉलेज लिस्ट में ज्यादा फीस लिख कर रखते हैं. इसके पीछे उनकी सिम्पल सी स्ट्रेटजी होती है कि जो बच्चे अफोर्ड कर सकते हैं. वो फीस भर देंगे. लेकिन इसके अलावा कॉलेज कई स्टूडेंट्स को फीस में छूट भी देने को तैयार रहते हैं.
इसलिए इस बार जब भी आप एडमीशन लेने जाएँ तो कॉलेज से अपने फीस कम करने के लिए ज़रूर बात कर लें. याद रखिए कि छोटे-छोटे एफर्ट्स से आप अपनी काफी ज्यादा फीस बचा सकते हैं.
बचाई गई फीस से आप अपने लिए कुछ अच्छी किताबें भी खरीद सकते हैं. या फिर उन पैसों को कोई नई स्किल सीखने में खर्च कर सकते हैं.
अगर आपको फाइनेंशियल मदद की ज़रूरत है तो उसके लिए अप्लाई करना ना भूलें
चलिए US federal government की बात करते हैं, वहां पर FAFSA or Free Application for Federal Student Aidनाम की स्कीम चलती है. जिसके तहत अंडर ग्रेजव्येट पढ़ाई के लिए ज़रूरतमंद बच्चों को फंडिंग दी जाती है.
लेकिन उसके लिए बच्चों को एक एप्लीकेशन सरकारी सिस्टम के पास भेजना होता है. जिसमें कुछ ज़रूरी डाक्यूमेंट्स को भी अटैच करना पड़ता है.
लेकिन ऑथर कहते हैं कि अगर आपको फाइनेंशियल मदद की ज़रूरत है. तो इस स्कीम की मदद के लिए अप्लाई तो ज़रूर करना चाहिए. लेकिन इस तरह की स्कीम से बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं बांधनी चाहिए.
पिछले कुछ समय में ऐसा कई केस में देखा गया है कि ज़रूरतमंद बच्चों के एप्लीकेशन भी रिजेक्ट हुए हैं. इसलिए अपने कॉलेज जाने की प्लानिंग आपको और आपके परिवार को कई साल पहले कर देनी चाहिए. अगर आप कोई प्लानिंग नहीं करेंगे और फंड्स इकट्ठा नहीं हो पाएंगे. तो आपको इस तरह की सरकारी स्कीम्स के ऊपर निर्भर रहना पड़ेगा.
लेकिन अगर इस स्कीम से फंडिंग नहीं हुई तो आपकी आगे की एजुकेशन खतरे में पड़ सकती है. इसलिए ऑथर सलाह देते हैं कि अपनी लाइफ के सबसे महत्वपूर्ण फैसले के तैयारी भी काफी पहले से करने की शुरुआत कर दीजिए.
इसी के साथ भारत जैसे देश में कई बच्चे एजुकेशन लोन का भी सहारा लेते हैं. एजुकेशन लोन लेने के कई तरह के फायदे हैं. लोन लेने के बाद आप न सिर्फ आप अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं बल्कि आप अपने सपनों को भी साकार कर सकते हैं.
कैसे आइए जानते हैं?
एजुकेशन लोन से आप अपने ट्यूशन फीस, प्रोजेक्ट, यूनिफॉर्म, किताबें, यात्रा, लाइब्रेरी आदि के खर्चा आसानी से दे सकते हैं.आप ब्याज को आराम से योजना के हिसाब से चुका सकते हैं. लेकिन आपको लोन लेने से पहले सभी संस्थान के लोन राशि के बारे में जान लें और देखें कि आपको अधिक कर्ज कहां से मिल सकता है?
लोन लेने के पहले आप ब्याज दर के बारे में जान लें ताकि आपको भविष्य में कोई परेशानी न हो.
बात सिम्पल सी है कि पढ़ाई के लिए फाइनेंसियल मदद लेने के लिए अप्लाई ज़रूर करिये, लेकिन कहीं से भी बहुत ज्यादा उम्मीद लगाकर मत रखिए. आपको अपनी पढ़ाई और कॉलेज की प्लानिंग पहले से करके रखनी चाहिए.
कॉलेज को चुनते समय टीचिंग वैल्यूज़ और मेंटरशिप पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए
अगर कोई कॉलेज के बेसिक फंडामेंटल के बारे में बात करे तो “कॉलेज ईज़ आल अबाउट टीचिंग एंड लर्निंग..” कॉलेज पढ़ाई और सीखने की ही जगह है. जहाँ बच्चा मैच्योर होता है, उसे लाइफ की अलग-अलग अप्रोच के बारे में पता चलता है.
ये कहना गलत नहीं होगा कि एक अच्छा कॉलेज किसी की भी लाइफ को 360 डिग्री बेहतर बना सकता है. इसलिए इंसान को पढ़ाई वाली जगह की हमेशा रिस्पेक्ट करनी चाहिए.
लेकिन हाल के सालों में एक दिक्कत देखने को मिली है. पिछले 10 सालों में कॉलेज किसी 5 स्टार होटल की तरह बनते जा रहे हैं. जहाँ पढ़ाई कम और कंक्रीट की बिल्डिंग ज्यादा बनाई जा रही है. मतलब साफ़ है कि आज कल लोग कॉलेज का SELECTION पढ़ाई देखकर नहीं बल्कि बिल्डिंग देखकर किया करते हैं.
इसलिए ऑथर आपको सलाह देना चाहते हैं कि कभी भी कॉलेज का SELECTION केवल और केवल बिल्डिंग देखकर मत करना. बल्कि किसी भी कॉलेज को चुनने से पहले वहां के प्रोफेसर से मुलाकात ज़रूर करना. हो सके तो वहां से पढ़कर निकल चुके स्टूडेंट्स से कांटेक्ट करने की कोशिश करिएगा.
इस कांटेक्ट से आपको उस कॉलेज की टीचिंग वैल्यू के बारे में पता चलेगा. स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई के लिए कॉलेज का SELECTION केवल और केवल मेंटरशिप को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए.
इसी के साथ-साथ ऑथर कहते हैं कि “किसी भी कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले खुद से सवाल कर लें कि आप फ्यूचर में क्या काम करना चाहते हैं? जिस भी फील्ड में आप अपना करियर बनाना चाहते हैं? एक बार उससे जुड़े हुए कोर्स का चुनाव करने के बाद ही कॉलेज में एडमिशन की प्रक्रिया का शुरू करें, कभी भी जल्दबाज़ी में कोर्स का चुनाव ना करें.”
इसी के साथ-साथ कॉलेज में एडमीशन लेते समय अपने दिमाग और दिल दोनों की बात सुनना ज़रूरी होता है. अपने कोर्स के बारे में सोच लेने के बाद यह जानना जरूरी है कि उस फील्ड में जॉब या करियर ऑप्शन किस तरह के हैं? क्या उस फील्ड में नौकरियां मिल रही है? या नहीं.. इसके अलावा इस बात के ऊपर भी रिसर्च करनी चाहिए कि आने वाले समय में उस कैरियर का क्या स्कोप है?
इसी के साथ इस बात का भी ख्याल रखें कि एक गलत चुनाव स्टूडेंट् के समय, धन और स्कूली पढ़ाई में इन्वेस्ट की गई वर्षों की कड़ी मेहनत को बर्बाद कर सकता है. इसलिए कॉलेज और कोर्स का SELECTION बड़ी समझदारी से करना चाहिए. ये SELECTION किसी स्टूडेंट के फ्यूचर को तय करने वाला होता है.
कोर्स और करियर के SELECTION के बाद ये देखना मत भूलियेगा कि उस कॉलेज में स्टूडेंट्स और टीचर्स के बीच की रिलेशनशिप कैसा है? क्योंकि अच्छी रिलेशनशिप ही मेंटरशिप की पिलर साबित होती है. बिना मज़बूत पिलर के एक बड़ी ईमारत नहीं खड़ी की जा सकती है.
डिग्री हासिल करना भी किसी इन्वेस्टमेंट से कम नहीं है
अब तक इस बुक समरी के सफर में, हमें इस बात का अंदाजा तो हो चुका है कि कॉलेज जाने का फैसला कोई बच्चों का खेल नहीं है. ये लाइफ का बड़ा डीसीजन है. इस फैसले में बहुत बड़ा योगदान पैसों का भी आता है.
ये कहना गलत भी नहीं होगा कि अगर किसी के पास पैसे नहीं हैं. तो उसके लिए बड़े कॉलेज से डिग्री ले पाना भी काफी मुश्किल है. इसलिए ऑथर ने कहा है कि आज के समय में डिग्री हासिल करना भी किसी इन्वेस्टमेंट से कम नहीं है.
इसलिए इंसान को इस इन्वेस्टमेंट को भी बड़ी समझदारी से करना चाहिए. बाकी इन्वेस्टमेंट की तरह इससे पहले भी आपको खुद से कुछ सवाल करने चाहिए.
जैसे कि इस कॉलेज का SELECTION आप क्यों कर रहे हैं? क्या आपका इस फील्ड में वाकई इंटरेस्ट है? क्या आप अपना पैशन फॉलो कर रहे हैं? कहीं आप सोसाइटी को दिखाने के लिए तो कॉलेज का SELECTION नहीं कर रहे हैं?
क्या इस कॉलेज को अटेंड करने के बाद आपकी कमाई बढ़ेगी? इन सवालों से आपका माइंड काफी हद तक क्लियर हो जाएगा.
याद रखिए कि कभी भी किसी पढ़ाई को केवल इसलिए मत करिएगा कि महंगे कॉलेज में पढ़ने से लोगों के सामने इमेज अच्छी बनती है. आपको पता होना चाहिए कि किसी भी कोर्स को करने के लिए मेहनत से कमाई गई पूँजी भी लगती है. इसलिए खुद के पैसों को सही जगह इन्वेस्ट करना सीखिए.
आप एक स्टूडेंट के तौर पर भी इन्वेस्टर हैं, इसलिए अपने अंदर इन्वेस्टिंग माइंड सेट को डेवलप करने की कोशिश करिए. अगर आपने खुद के अंदर इन्वेस्टिंग माइंड सेट को डेवलप कर लिया. तो आपको लाइफ में कभी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
इसलिए आज से ही खुद को समझाइये कि कॉलेज का SELECTION कोई बच्चों का खेल नहीं है. ये बड़ों का काम है, इसे मुझे बड़ी समझदारी से करना चाहिए. ये फैसला आपके फ्यूचर को इफ़ेक्ट कर सकता है. इसलिए इसे बड़ी समझदारी से लेने की कोशिश करिएगा.
आज कल तो इस फील्ड के भी प्रोफेशनल आ चुके हैं. इसलिए जिन छात्रों और पैरेंट्स को सही करियर या कॉलेज का SELECTION करने में परेशानी हो, उन्हें हमेशा एक प्रोफेशनल करियर काउंसलर की मदद लेनी चाहिए.
ये करियर काउंसलर काफी प्रोफेशनल होते हैं, वे छात्रों के एबिलिटी, टैलेंट और माइंड सेट का पता लगाने में एक्सपर्ट होते हैं.वो स्टूडेंट की कैपाबिलिटी के हिसाब से उसको सही कोर्स, कॉलेज और करियर चुनने में पूरी मदद कर सकते हैं. इसलिए अगर कुछ ज्यादा समझ में ना आ रहा हो तो किसी प्रोफेशनल की भी मदद ली जा सकती है.
कॉलेज SELECTION के समय कुछ metrics का भी ख्याल रखना चाहिए
कई कॉलेज या यूनिवर्सिटी की reputation काफी ज्यादा हाई होती है. जैसे कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, इस यूनिवर्सिटी का नाम उनको भी मालुम होता है. जिनका पढ़ाई से कोई लेना देना भी नहीं होता.
ऐसा इसलिए है क्योंकि इस यूनिवर्सिटी का नाम बहुत ज्यादा है. लेकिन ज्यादातर कॉलेज के साथ ऐसा नहीं है. सभी कॉलेज की किस्मत हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की तरह अच्छी नहीं है.
तो अब सवाल ये उठता है कि इन कॉलेजेस का SELECTION करते समय स्टूडेंट्स को कौन सी बातों का ख्याल रखना चाहिए? क्योंकि सभी स्टूडेंट्स को तो हार्वर्ड जैसी यूनिवर्सिटी में एडमीशन नहीं मिल सकता है.
इसलिए आम स्टूडेंट्स के लिए सबसे ज्यादा ज़रूरी ये है कि उन्हें मार्केटिंग के जंजाल में फंसना नहीं है. उन्हें पता होना चाहिए कि कौन सा कॉलेज केवल मार्केटिंग में पैसें खर्च कर रहा है? और कौन सा कॉलेज क्वालिटी ऑफ़ एजुकेशन में पैसे खर्च कर रहा है.
आपको कॉलेज का SELECTION करते समय क्वालिटी ऑफ़ एजुकेशन की तरफ अपना रुख करना चाहिए. इसके लिए आप इंटरनेट की मदद ले सकते हैं, इंटरनेट की मदद से कॉलेज के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश करिये. उनकी वेब साईट में जाकर देखिए कि इस कॉलेज की ज़िम्मेदारी किन लोगों के कंधो में है?
इसी के साथ-साथ आपको ये भी देखना चाहिए कि उस कॉलेज के वाइस चांसलर कौन हैं? याद रखिए कि अगर वाइस चांसलर या प्रिंसिपल अच्छी जगह से पढ़े या एक्सपीरियंस वाले होंगे. तो वो कॉलेज के अंदर पढ़ाई के स्टैंडर्ड को मेंटेन रखने की कोशिश करेंगे.
इन सभी पहलू के साथ आपको प्रोफेसर्स की क्वालिफिकेशन भी वेब साईट में चेक करनी चाहिए. इसी के साथ उस कॉलेज की स्ट्रेटजी प्लान और विज़न के बारे में भी पढ़ने की कोशिश करिए. और ये जानने की कोशिश करिए कि वहां से पढ़कर निकले लोग कहाँ-कहाँ काम कर रहे हैं?
जब आप कॉलेज में मोटी फीस देने वाले हैं तो आपको वहां के प्लेसमेंट रिकार्ड्स को भी देखना चाहिए. कॉलेज के प्लेसमेंट सेल में जाकर बात करने की कोशिश करिए, वहां से पता करिए कि इस कॉलेज में प्लेसमेंट के लिए कौन-कौन सी कम्पनियां आती हैं?
अपनी पढ़ाई के लिएकॉलेज SELECTION के समय आपको ऊपर बताई गईं metrics का भी ख्याल रखना चाहिए.
अब वक्त ‘क्लाइमेक्स’ का है, इसलिए सेविंग्स के महत्त्व को भी समझिए
कॉलेज के लिए बचत करना कठिन लग सकता है, ये बात सुनकर भी अजीब सी लग सकती है. मन में ये सवाल आ सकता है कि मैं अभी से क्यों बचत करूं?
लेकिन आपको समझना चाहिए कि सेविंग करना एक अच्छी आदत है. इस आदत को आप जितनी जल्दी सीख लेंगे, लाइफ में उतना ही आगे तक का सफर तय करेंगे. इसलिए आपको इस बात को भी समझने की कोशिश करनी चाहिए कि आज के समय में कई कॉलेज की फीस काफी ज्यादा हो चुकी है.
इसलिए जितनी ज्यादा सेविंग्स आपके पास रहेगी, उतना ही अच्छा आपके लिए होगा. इसलिए ऑथर बताना चाहते हैं कि “ऐसा मत सोचियेगा कि कॉलेज की फीस के लिए केवल आप सेविंग्स कर रहे हैं. इस दुनिया में लाखों ऐसे एग्जाम्पल भरे पड़े हैं. जिन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई का खर्चा खुद की सेविंग्स से दिया है.”
इसलिए आपको ऐसे लोगों के बारे में पढ़ने और सुनने की कोशिश करनी चाहिए. जब आप ऐसा करेंगे तो आपको काफी ज्यादा मोटिवेशन भी मिलेगा.
आपकी सेविंग्स से आपके परिवार को काफी ज्यादा मदद मिलेगी. उन्हें भी अच्छा लगेगा, उन्हें ऐसा लगेगा कि बच्चें भी कुछ ज़िम्मेदारी समझने लगे हैं.
इसलिए QUARTER PLANNING STRATEGY बनाने की कोशिश करिए, अगर आप जॉब कर रहे हैं और आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं. तो आपको एक टारगेट सेट करना चाहिए कि इन 3 महीनों में मेरे पास आगे की पढ़ाई के लिए इतना पैसा तो होना ही चाहिये.
यहाँ टारगेट या गोल की बात इसलिए ही हो रही है क्योंकि बिना गोल सेट किए हुए, किसी भी लक्ष्य को अचीव नहीं किया जा सकता है.
जब आप QUARTER PLANNING STRATEGY के साथ एजुकेशन लोन और परिवार के पैसों को मिला देंगे. तब जाकर कम्फर्टेबली आप आगे की पढ़ाई कर सकेंगे. अगर आपके पिताजी के पास बहुत पैसें हैं. तब आप आराम से सो सकते हैं. लेकिन तब भी सेविंग्स तो आपको करनी ही चाहिए.
इसलिए आज से ही सेविंग्स को आर्ट की तरह सीखने की कोशिश करिए, थोड़े-थोड़े पैसे बचाने की कोशिश करिए. आपको पता भी नहीं चलेगा कि कब आप सेविंग्स के दम पर अपनी पढ़ाई पूरी कर लेंगे?
इसलिए सेविंग्स की वैल्यू को समझने की कोशिश करिए, इसकी मदद से आप अपनी लाइफ की एजुकेशन की जर्नी को काफी ज्यादा आसान बना सकते हैं.
कुल मिलाकर
कॉलेज का SELECTION किसी की भी लाइफ का सबसे बड़ा डीसीजन होता है. इसलिए इस फैसले को पूरी समझदारी के साथ लेना चाहिए. इस फैसले में बहुत बड़ा योगदान पैसों का भी आता है.
ये कहना गलत भी नहीं होगा कि अगर किसी के पास पैसे नहीं हैं. तो उसके लिए बड़े कॉलेज से डिग्री ले पाना भी काफी मुश्किल है. इसलिए इसे इन्वेस्टमेंट की तरह समझने की कोशिश करिए.
क्या करें?
आपको ऑथर ने बताया है कि कॉलेज का चुनाव करते समय Alumni Factor rankings को भी देखिएगा. इससे आपको पता चलेगा कि वहां से पढ़े हुए बच्चें लाइफ में आगे क्या कर रहे हैं? बिना प्लेसमेंट रिकॉर्ड वाले कॉलेज में एडमीशन मत लीजिएगा.
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