The Comfort Book

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The Comfort Book

Matt Haig
Hopeful Reflections on the Beauty and Unpredictability of Existence (लाइफ़ की ख़ूबसूरती को देखने के लिए नज़रिए को पैदा करिए)

दो लफ्ज़ों 
साल 2021 में रिलीज़ हुई किताब ‘The Comfort Book’ आपको मुश्किल दौर का सामना करना सिखाएगी. इस किताब में फिलॉसफ़ी के लेकर मोटिवेशनल कहानियों को भी शामिल किया गया है. इसलिए आज कल के एंग्जायटी और डिप्रेशन के दौर में इस तरह की किताब किसी उम्मीद की रोशनी की तरह है. जिसके सहारे से कई लोग अपनी मुश्किलों का सामना करना सीख सकते हैं. 

ये किताब किसके लिए है? 
-ऐसे लोग जिन्हें एंग्जायटी या डिप्रेशन ने परेशान कर रखा हो 
-ऐसे लोग जिन्हें मोटिवेशन की ज़रूरत हो 
-ऐसा कोई भी जिसे अपनी लाइफ बेहतर करनी हो 

लेखक के बारे में 
आपको बता दें कि इस किताब का लेखन ‘Matt Haig’ ने किया है. इन्हें नॉन फिक्शन सेक्शन  राइटिंग में महारत हासिल है. इन्होने ‘Stay Alive’और ‘Notes on aNervous Planet’ का भी लेखन किया है.

  इस किताब में मेरे लिए क्या है? 
दोस्तों किसी ने क्या ख़ूब कहा है कि “"दौलत, दोस्त ,पत्नी और पॉवर दोबारा हासिल किये जा सकते हैं, लेकिन ये बुद्धी दोबारा हासिल नहीं की जा सकती है." इसलिए हमें इसके महत्त्व को समझना चाहिए और इसके ऊपर लगातार काम भी करते रहना चाहिए. 
हमें खुद को याद दिलाते रहना चाहिए कि “विजेता यानि विनर्स के पास अलग से कोई दिमाग नहीं होता है. बल्कि वो अपने दिमाग को अलग बना लेते हैं..” हाँ, ये बिल्कुल सच है कि आप भी अपने दिमाग को बिल्कुल अलग बना सकते हैं. इसके लिए आपको मांझी बनकर पहाड़ तोड़ने जैसा कठिन काम नहीं करना है. आपको बस इस बुक समरी के साथ इंसानी दिमाग के “मेंटल मॉडल्स” को समझने की कोशिश करनी है.

इंट्रोडक्शन
क्या आपकी लाइफ में कभी ऐसी सिचुएशन आई है? जब आपके मन में इस लाइफ को खत्म कर देना का विचार आया था? या फिर आपको ऐसा लग रहा था कि इससे बुरा कभी महसूस नहीं हुआ? या फिर आपको अपनी ही बॉडी से नफ़रत हो रही थी? इस तरह की तमाम जज़्बातों से ऑथर ‘Matt Haig’ बहुत अच्छी तरह से वाकिफ़ हैं. 

ऑथर जब 24 साल के थे, तभी एंग्जायटी के शिकार में फंस चुके थे. उस दौर को वो अपना ब्रेक डाउन साल भी मानते हैं. 

बाहर से वो बिल्कुल नॉर्मल नज़र आया करते थे, लेकिन अंदर ही अंदर से वो घुट-घुट कर मरते जा रहे थे. दिन में ऐसा कोई समय नहीं होता था, जब वो खुद को खत्म करने के बारे ना सोचते हों. उन्हें ऐसा लगने लगा था कि उनकी लाइफ से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है. और ना ही वो ज़िन्दा रहकर किसी की लाइफ में कोई वैल्यू एड कर पा रहे हैं. 

कई बार तो उन्होंने ऊंची बिल्डिंग से कूदने को भी सोचा था, लेकिन उनके परिवार की बातें उन्हें रोक लिया करती थीं. उन्हें लगता था कि उनके जाने के बाद उनके परिवार का क्या होगा? 

उस समय भी उनकी लाइफ में कुछ “life rafts” मोमेंट्स आया करते थे. मतलब छोटे-छोटे अच्छे पल.. जिसकी वजह से उन्होंने खुद को मरने से रोका हुआ था. 

शायद उन्हीं मोमेंट्स की वजह 20 सालों बाद ऑथर 2 बच्चों के पिता हैं और इस किताब को लिख रहे हैं. वो बताना चाहते हैं कि लाइफ कम्प्लीट रिकवरी नाम की कोई चीज़ नहीं होती है. हालाँकि, अब वो उन यादों को केवल याद में ही रखकर.. इस नई लाइफ को एन्जॉय करना चाहते हैं. अब ऑथर अपना ज्यादातर समय किताबों के साथ बिताते हैं. वो कहते हैं कि कम्प्लीट रिकवरी तो नहीं लेकिन उनकी लाइफ पहले से पूरी तरह से अलग नज़र आती है. 

लिसनर के सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर ऑथर बुरे दौर से कैसे निकले? कैसे उन्होंने एंग्जायटी को अपनी ताकत में तब्दील किया और खुद को इतने सफल लेखक के तौर पर स्थापित किया? 

इन सभी सवालों का जवाब, आपको इस बुक समरी के सफर में मिलने वाला है. इसलिए इस समरी को येबुक एप पर एन्जॉय करिए और लाइफ में खुद को मोटिवेट रखिए. इस किताब के चैप्टर्स में 15 मन्त्र बताए गए हैं. जिनकी मदद से आपकी लाइफ ट्रैक में लौट आएगी.

When you’re lost, just keep walking.
“When you’re lost, just keep walking.” पहला अनमोल मन्त्र यही है. अगर आप किसी डार्क खतरनाक जंगल में फंस जाएँ.. जहाँ आपको कुछ समझ में ना आ रहा हो और केवल डर लग रहा हो. 
डिप्रेस्ड ब्रेन की बातें मानना बंद करिए
डिप्रेस्ड ब्रेन कहता रहता है कि आप कभी पहले जैसे नहीं हो पाएंगे? लेकिन आपको ये पता होना चाहिए कि डिप्रेस्ड ब्रेन हमेशा झूठ बोलता है. 

इसलिए डिप्रेस्ड ब्रेन से सवाल पूछते रहिए, उसकी बातें मानना बंद कर दीजिए. जब इंसान डिप्रेशन में होता है. तो वो एक ऐसी झील के नीचे खुद को पाता हैं. जहाँ सिर्फ उसे पानी नज़र आता है. और वो उसी पानी को पूरी दुनिया समझ लेता है. 

उसे नहीं पता होता है कि झील के ऊपर की सुन्दरता ही अलग है. इस समय उसे केवल अपने नज़रिए को बदलने की ज़रूरत है.

डिप्रेस्ड ब्रेन की बातें मानना बंद करिए
डिप्रेस्ड ब्रेन कहता रहता है कि आप कभी पहले जैसे नहीं हो पाएंगे? लेकिन आपको ये पता होना चाहिए कि डिप्रेस्ड ब्रेन हमेशा झूठ बोलता है. 

इसलिए डिप्रेस्ड ब्रेन से सवाल पूछते रहिए, उसकी बातें मानना बंद कर दीजिए. जब इंसान डिप्रेशन में होता है. तो वो एक ऐसी झील के नीचे खुद को पाता हैं. जहाँ सिर्फ उसे पानी नज़र आता है. और वो उसी पानी को पूरी दुनिया समझ लेता है. 

उसे नहीं पता होता है कि झील के ऊपर की सुन्दरता ही अलग है. इस समय उसे केवल अपने नज़रिए को बदलने की ज़रूरत है.



इमपरफेकशन को एन्जॉय करिए
ये एक बहुत बड़ा मन्त्र है, आपको मान लेना चाहिए कि इस दुनिया में कोई भी परफेक्ट नहीं है. हाँ, आपकी लाइफ भी इम परफेक्ट है. लेकिन उसमें किसी तरह की कोई बुराई नहीं है. 

अगर आप मेसी हैं, इमोशनल हैं, स्टुपिड थिंग करते हैं. इन सभी चीज़ों में कोई बुराई नहीं है. कम से कम आप ओरिजिनल तो हैं. 

लाइफ को एन्जॉय करने के लिए, आपको खुद को एन्जॉय करना सीखना होगा. जब तक आप इस कला को नहीं सीख पाएंगे, आपको एंग्जायटी परेशान करती रहेगी. 

याद रखिए कि आपकी लाइफ की वैल्यू बहुत ज्यादा है. लोगों को आपकी कद्र है, इसलिए खुद से प्यार करने की शुरुआत कर दीजिए.


तो वहां से बाहर निकलने के लिए आपको क्या करना चाहिए? 

इसी तरह इंसानी ज़िन्दगी में ऐसा समय आता है, जब वो किसी ट्रैप में फंस जाता है. उस समय उसे कुछ नज़र नहीं आता. बस अँधेरा ही दिखता है. 

अगर आपको मुश्किल का अंत ना नज़र आ रहा हो? तो सिर्फ एक-एक कदम आगे बढ़ाते जाइए, एक दिन ऐसा ज़रूर आएगा.. जब आप लाइन के उस तरफ पहुँच जायेंगे. अभी आपका काम केवल एक-एक कदम बढ़ाकर आगे बढ़ते जाना है. 

इसी के साथ याद रखिए कि मुश्किलों से घिरने के बाद भी इंसान बहुत कुछ सीखता रहता है. इसलिए हमेशा सीखने कोशिश करते रहिए.. हर मुश्किल का अंत ज़रूर होता है.
खुद के ऊपर विश्वास करिए
आत्मविश्वास एक ऐसा गुण है, जिसकी मदद से बड़े-बड़े काम आसानी से किए जा सकते हैं.

विश्वास की कमी या अति विश्वास, ये दोनों ही नुकसानदायक हैं. किसी काम की शुरुआत में सोच सकारात्मक रखें और खुद पर विश्वास करेंगे तो सफलता के साथ ही सुख-शांति भी मिल सकती है.

मुश्किल समय में अक्सर हमारे मुंह से निकल जाता है, भगवान तुम्हें मेरे ऊपर तरस नहीं आता है.

या ये हमेशा मेरे साथ ही क्यों होता है?

हम जब ऐसा कहते हैं, तो सबसे पहले तो हम अपनी काबीलियत पर भरोसा खो देते हैं और दूसरा ईश्वर पर हमारा विश्वास हिल जाता है.

हमें हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि सब्र का फल मीठा होता है. हमें दुःख और मुसीबतों के समय अपने हौसले नहीं खोना चाहिए.

सब कुछ नोट डाउन करने की आदत बनाइए
राइटिंग एक ऐसे पुल की तरह है, जो कि आपके गांव को शहर से जोड़ती है. मतलब साफ़ है कि इसकी मदद से आप अपनी आत्मा को खुद से जोड़ सकते हैं. 

इसलिए बहुत ज़रूरी है कि कठिन समय में तो आप लेखन के महत्व को ज़रूर समझने की कोशिश करें. 

जितने भी अच्छे बुरे ख्याल, आपके दिमाग में चल रहे हैं, उन्हें पन्नों में नोट डाउन करने की आदत डालिए. ऐसा करने से आपको बात करने के लिए एक इंसान की तरह कलम मिल जाएगी. 

कलम से बड़ी-बड़ी सियासत को पलटा जा सकता है. तो ये दिल क्या चीज़ है? कलम आपके टूटे हुए दिल और जज़्बातों को भी सही कर देगी.

‘ना’ कहना ही होगा
‘ना’ कहना भी एक मन्त्र है, जिसकी मदद से आप खुद को पूरी तरह से बदल सकते हैं. हमारे सपनों की उड़ान में सबसे बड़ा रोड़ा होता है हमारा डर..

हम चिंता एवं डर के कारण सपने को ही छोड़ कर समझौता कर देते है और फिर सोचते है की वक़्त हाथ से निकल गया है अब कुछ नहीं हो सकता, उम्र निकल गयी है, अब सेहत साथ नहीं देती..

इसलिए खुद के डर को ना कहना भी सीखिए..किसी को भी ना नहीं कहने वाला व्यक्ति वह होता है जो कि सबको खुश रखने के प्रयास में स्वयं दुखी और आशंकित रहता है.

तो सर्वप्रथम तो उस व्यक्ति को यह बात पक्के तौर मन में बैठानी होगी कि इस संसार में आज तक कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं हुआ जो सबको खुश रख सका हो.

गाने सुनना शुरू करिए
म्यूजिक एक जादू की तरह है, इसमें आपके मूड को बदलने की शक्ति है. इसकी मदद से आप पास्ट से होते हुए फ्यूचर की गलियों में जा सकते हैं. 

इसलिए आज से ही इस मन्त्र को अपनी लाइफ का हिस्सा बनाइए, इस आदत को अपनी आदतों में शुमार करिए और फिर जादू को अपने सामने नाचते हुए देखिए. 

अगर रोने का मन कर रहा है, तो सैड म्यूजिक की मदद से अपने आंसू को बहने दीजिए. 

आपको डिप्रेशन से बाहर निकालने की शक्ति म्यूजिक में है. इसलिए इससे दोस्ती करने की शुरुआत कर दीजिए.

अपनी लाइफ की ड्राइविंग सीट पर बैठिए
किसी ने क्या खूब कहा है कि “इक परिंदा अभी उड़ान में है, तीर हर शख़्स की कमान में है..”इस पंक्ति से आपको अंदाज़ा लग जाना चाहिए कि लाइफ में ख़ुश रहने के लिए ज़रूरी सभी चीज़ें आपके पास हैं. 

इसलिए अब समय आ गया है कि आप अपनी लाइफ को खुद कंट्रोल करने की कोशिश करें. अपने आस पास ऐसे लोगों को जोड़ें, जिनसे बात करना आपको अच्छा लगता हो. 

लाइफ को सफल बनाने के लिए एक गोल तैयार करिए और उसे पाने के लिए पूरी जान लगा दीजिए. जब आप एक गोल में अपना ध्यान लगा देंगे. तब आपके दिमाग को एंग्जायटी से छुटकारा मिलने लगेगा. 

कभी भी उस वक्त का इंतज़ार मत करिएगा, जब आप पूरी तरह से एंग्जायटी से बाहर आ जाएंगे? और तब जाकर काम की शुरुआत करेंगे? पहले काम की शुरुआत करिए, फिर एंग्जायटी भी खत्म हो जाएगी.

स्टैंड इन द ‘रेन’
क्या कभी आप बारिश के रुकने का इंतज़ार किए हैं? अब बारिश का सामना करिए, बारिश में खड़े होकर बादलों से बातें करिए. इस मूल मन्त्र का यूज़ करिए.. गज़ब का कॉन्फिडेंस आएगा. 

बारिश के रुकने का इंतज़ार मत करिए बल्कि बारिश में जाकर उसका सामना करिए. यही लॉजिक ज़िन्दगी की मुश्किलों के साथ भी अप्लाई करिए. 

जब तक आप दिलेरी से मुश्किलों का सामना नहीं करेंगे.. तब तक वो मुश्किलें आपको परेशान करती रहेंगी. इसलिए मुश्किल दौर के लिए तैयार रहिए. 

दर्द भी बरसात के मौसम की तरह होता है. जब तक बरसात अपने से नहीं चली जाती है. तब तक बारिश लौट-लौट कर आती रहती है. कुछ इसी तरह दर्द भी है, उसके जाने का इंतज़ार करिए, एक दिन वो अपने आप ही चला जाएगा. 

इसलिए ज़िन्दगी की ख़ूबसूरती को आज से ही निहारने लगिए, देखने की कोशिश करिए, ये लाइफ बहुत छोटी और बहुत ख़ूबसूरत है. अगर आपको ये लाइफ मिली है, तो उसे वेस्ट मत करिए. बल्कि अपना समय किसी अच्छे काम में इन्वेस्ट करिए.

चमत्कार होते हैं, इसलिए ज़िन्दा हैं तो ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है
अपने अंदर curiosity को ज़िन्दा रखिए.. नई- नई चीज़ों के बारे में जानने की कोशिश करिए. याद रखिए कि अगर आपके अंदर curiosity ज़िन्दा रहेगी तो एंग्जायटी आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी. 

एंग्जायटी को दूर भगाने के लिए अपने दिमाग को मज़बूत करने की कोशिश करिए, एंग्जायटी उन्ही को परेशान करने लगती है. जो लोग अपने दिमाग को कमज़ोर बना लेते हैं. 

अगर आपके अंदर किसी चीज़ या इंसान को खोने का डर समा जाएगा.. तो आपको एंग्जायटी भी परेशान करने लगेगी. इसलिए खुद को इतना मज़बूत बनाइए कि किसी के जाने से भी आपकी हिम्मत ना टूटे. 

किसी बुरी ख़बर के आने पर, या कुछ काम के बिगड़ जाने पर जब हम ये कहते हैं कि हम डिप्रेस्ड फ़ील कर रहे हैं, वो दरअसल डिप्रेशन नहीं, उदासी है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ डिप्रेशन एक आम मानसिक बीमारी है. डिप्रेशन आमतौर पर मूड में होने वाले उतार-चढ़ाव और कम समय के लिए होने वाले भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से अलग है.

लगातार दुखी रहना और पहले की तरह चीज़ों में रुचि नहीं होना इसके लक्षण हैं.

आप अकेले ही काफी हैं, हिम्मत रखिए
खुद की वैल्यू को समझने की कोशिश करिए, किसी वैल्यू उसके सोशल मीडिया FOLLOWERS  तय नहीं करते हैं. इसलिए सोसाइटी के प्रेशर में आकर काम करना बंद करिए. 

वही करिए, जिस काम में आपका दिल खुश रहता हो.. कोई और ये नहीं बता सकता है कि आप सोसाइटी के लिए ज़रूरी हैं या नहीं.. ये सिर्फ और सिर्फ आपको तय करना है कि आप खुद के लिए कितना ज्यादा ज़रूरी हैं? 

याद रखिए कि तमाम मुश्किलों का सामना करने के लिए आप अकेले ही काफी हैं. आप अकेले ही बहुत मज़बूत हैं. कोई एक बुरी घटना आपके भविष्य को नहीं बदल सकती है. 

आज भी आप ही डिसाइड करेंगे कि आपका फ्यूचर कैसा होगा?

डर का सामना करिए और उसे बताइए कि आप बहुत मज़बूत हैं
“बड़ी-बड़ी उम्मीदों के बोझ तले जीवन को खत्म करना बंद करिए”,जी हाँ, खत्म करना, क्योंकि किसी भी बोझ के नीचे जीवन खत्म ही होती है. 

अगर आपको LIFE को Enjoy  करना है. तो फिर आपको खुद के Imperfection से भी प्यार करना होगा. इसी को पूरे दिल से जीवन जीना भी कहते हैं. 

आज के समय में लाखों की गाड़ी खरीद लेना आसान है. लेकिन Life को खुले दिल से Enjoy करना बहुत ही मुश्किल है. इस मुश्किल को आप आसान बना सकते हैं. इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है.

बस खुद के डर का सामना करना है, खुद को बताना है कि आपको किसी भी दबाव में लाइफ को नहीं जीना है. लाइफ एन्जॉय करने के लिए है ना कि किसी दबाव में खुद को खत्म करने के लिए.

किसी भी पल के गुलाम मत बनिए
मशहूर लेखक DIANE ACKERMAN ने कहा है कि “प्यार हमारे जीवन के लिए बहुत ज़रूरी है, प्यार शब्द सांस की तरह होता है. जो दिखने में तो छोटा सा होता है. लेकिन अगर ये ना रहे तो हम मर भी सकते हैं.”

इंसानी जीवन में खुशियों की कोई कीमत नहीं हो सकती है. लेकिन अगर वो होती तो उसे बस प्यार से ही खरीदा जा सकता था. 

इसलिए जीवन में प्यार और प्यार करने वाले आपके आस-पास होना बहुत ज़रूरी है. 

जीवन की भागदौर में कभी इतने व्यस्त मत होना कि अपने आस-पास के चाहने वालों को ही भूलना पड़ जाए. 

इसलिए जब भी मौका मिले तो पैसों के साथ लोगों के दिलों को भी जीतने की कोशिश करनी चाहिए.

इसके बाद हमें पता चलता जाएगा कि इस IMPERFECT सी दिखने वाली दुनिया में खुशियाँ कितनी PERFECT सी दिखती हैं? जीवन की पूरी दौड़ ही उन खुशियों को जीने की है. 

प्यार बहुत अच्छी ख़ूबी है.. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप किसी भी पल के गुलाम बन जाइए. लोगों को कहते सुना होगा कि हर पल में जीना चाहिए.. लेकिन इससे दिमाग में प्रेशर भी क्रिएट हो जाता है. 

इसलिए हर पल को एन्जॉय करने का प्रेशर दिमाग से हटा दीजिए.. अगर आप ज़िन्दा हैं तो इसका मतलब साफ़ है कि आप हर पल को जी रहे हैं. वही ज़रूरी है.. 

ना ही किसी इंसान के गुलाम बनिए और ना ही किसी पल के.. आज़ादी से मस्त रहने की कोशिश करिए.

उम्मीदों को ज़िन्दा रखिए.. पूरी दुनिया ही उम्मीदों पर टिकी हुई है
“Somewhere Over the Rainbow” दुनिया में ये गाना साल 1939 में रिलीज़ हुआ था. इस गाने को उम्मीद से भरा गाना कहा जाता है. लेकिन Harold Arlen और Yip Harburg जब ये गाना बना रहे थे. 

तब वो Adolf Hitler के शासन में ठोकरे भी खा रहे थे. मतलब साफ़ है कि गैर उम्मीदी की दुनिया में भी उम्मीद की किरण को पैदा किया जा सकता है. 

इसलिए ऑथर कहते हैं कि लाइफ में अच्छी चीज़ों की उम्मीद कभी मत छोड़ियेगा.. आप जिस चीज़ का सपना देख सकते हैं. उसे आप अचीव भी कर सकते हैं.

इसलिए आपकी लाइफ का बुरा दौर भी खत्म हो जाएगा.. लाइफ की खूबसूरती ही बुरे दौर से लड़ने में है. 

हम बचपन से ही SELFISH यानि स्वार्थी होने को बुरी आदत मानते आए हैं. लेकिन अब हमें अपनी इस सोच को बदलने की कोशिश करनी चाहिए. अगर हम PARENT’S  हैं तो हमें अपने बच्चों को ये नहीं बोलना चाहिए कि उन्हें SELFISH नहीं होना है. 

अगर हम उन्हें ऐसा बोलते हैं तो इसका मतलब है कि हम उन्हें दूसरों के बारे में ही सोचने को बोल रहे हैं. लेकिन LIFE  में बिना खुद के बारे में सोचे ख़ुशी नहीं मिल सकती है. 

आज से ही हमें अपने बच्चों को बताना है कि उन्हें SELFISH  होने की ज़रूरत है. उन्हें अपने PASSION, GOAL’S, CAREER  और प्यार के लिए SELFISH  होना चाहिए.

हम लोगों में से ज्यादातर लोग अपने जीवन का फैसला इस आधार पर करते हैं कि दूसरे लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे? 

LIFE  को लेकर AUTHOR  का नज़रिया भी कुछ इसी तरह का हुआ करता था. उनके जीवन के फैसले भी दूसरों को दिमाग में रखकर हुआ करते, उन्हें तो इतना डर लगता कि वो किसी अंजान को HELLO भी नहीं बोलते, उन्हें ऐसा लगता कि पता नहीं सामने वाला क्या सोचेगा? 

इस रवैये की वजह से उन्हें जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. 

फिर उन्हें फ़र्क नहीं पड़ता ATTITUDE  के बारे में पता चला, जिसे be shamelessAPROACH  भी कहते हैं. 

ये APROACH  जीवन में सफलता की ओर जाने की कुंजी है. जब कोई भी shamelessATTITUDE  को अपना लेता है. तो उसे फर्क पड़ना बंद हो जाता है कि सामने वाला क्या सोचता है?

अगर आप खुद से कम्फर्ट हैं.. तो आपको दुनिया से ज्यादा फर्क नहीं पड़ना चाहिए. इसलिए लाइफ में खुद के प्रति ईमानदार और कम्फर्ट रहने की कोशिश करिए.

कुल मिलाकर
कम्फर्ट पैदा कैसे होगा? अपने डर का सामना करने से कम्फर्ट पैदा हो जाएगा. इसलिए आज ही लाइफ के सबसे बड़े डर को अपना लीजिए. डर का सामना करिए और उसको कह दीजिए कि अब आपको उससे डर नहीं लगता है. 

क्या करें? 

अगर किसी दिन बहुत बुरा लगे तो कुछ क्रिएटिव करने की कोशिश करिए.. ऐसा देखा गया है कि क्रिएटिव काम से एंग्जायटी और डिप्रेशन दूर भागते हैं. किसी भी चीज़ को क्रिएट करने की कोशिश करिए. इससे फील गुड फीलिंग आएगी. 

 

येबुक एप पर आप सुन रहे थे The Comfort Book By Matt Haig

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