Will It Fly.... ___🛫👻

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Will It Fly?

Pat Flynn

किसी भी आईडिया को सफल बिजनेस में बदलने का हुनर सीखिए

दो लफ़्ज़ों में
अगर आपके पास बिजनेस आईडिया है. तो फिर किताब “Will It Fly?” आपके आईडिया की टेस्टिंग गाइड साबित होगी. इसी के साथ इस किताब के द्वारा आपको ये भी पता चलेगा कि सक्सेस की तरफ पहली फ्लाइट कौन सी जा रही है? अगर आप भी उस फ्लाइट में सवार हो गये तो फिर सक्सेस और आपके बीच की दूरी काफी कम हो जायेगी. 

ये किताब किसके लिए है?
· ऐसे लोग जिन्हें नए बिजनेस की शुरुआत करनी हो
· बिजनेस के मालिक जिन्हें और आगे का सफर तय करना है

लेखक के बारे में
लेखक ने अपने जीवन में 9 से 5 की जॉब से लेकर एक सफल बिजनेस मैन तक का सफर तय किया है. इस सफर के हर एक पड़ावों से उन्होंने जो कुछ भी सीखा है. उसे इस किताब में आपके सामने पेश करने की कोशिश की है.

कुछ ऐसे बिजनेस की शुरुआत करिए जिस पर आपकी पर्सनालिटी की छाप हो
आज के दौर में कोई भी अपना कीमती समय किसी भी चीज़ में क्यों लगाये? उसके मन में ये सवाल आना लाज़मी है कि इससे मेरा क्या फायदा होगा? अगर ऐसा ही कुछ आपके मन में भी आ रहा है. तो फिर इस किताब का पहला पन्ना पढ़ते ही आपको इस सवाल का जवाब मिल जाएगा. 

अगर आप भी बिजनेस की दुनिया में कुछ खास करना चाहते हैं. तो फिर सही समय का इंतज़ार मत करिए. इस किताब को पढ़िए. ये किताब आपको बताएगी कि बिजनेस को सक्सेसफुल कैसे बनाया जाता है? 

क्या सिर्फ और सिर्फ पैसा लगा देने से बिजनेस सफल हो सकता है? इन सब सवालों का जवाब आपको इस किताब के अध्यायों में मिल जायेगा. 

इसी के साथ आपको उस फ्लाइट के बारे में भी पता चलेगा जिसका इस्तेमाल करके आप सफलता की उचाईयों तक पहुँच सकते हैं. 

जिंदगी में आप कितनी भी उचाईयों में पहुँच जाएँ. सबसे ज़रूरी कदम होता है. आपका वो पहला कदम. जिसको आपने उस बिजनेस की शुरुआत करने के लिए उठाया था. इसलिए हमेशा से अपने बिजनेस की तरफ उठाया हुआ अपने पहले कदम को याद रखियेगा. 

अब आप सोचिये कि किसी भी नए बिजनेस मैन के लिए उसका पहला कदम क्या होना चाहिए? क्या वो कदम बिजनेस कार्ड छपवाना होना चाहिए. या फिर अपने बिजनेस के लिए फंड्स की व्यवस्था करना होना चाहिए.

आपको बता दें कि आपका पहला कदम ये देखना होना चाहिए कि वो बिजनेस आपकी लाइफ स्टाइल को कितना सूट करता है? क्या वो बिजनेस आपकी लाइफ स्टाइल को दिखाता है.

किसी भी आईडिया के ऊपर काम करने से पहले इस बात का ख्याल रखियेगा कि वो आईडिया आपके गोल और वैल्यूज से मैच करता हो. जीवन में कभी भी अपने कुछ बेसिक एथिक्स से समझौता मत करियेगा.

यहाँ वैल्यूज की बात इसलिए हो रही है क्योंकि किसी भी प्रोजेक्ट के ऊपर आपका समय और पैसा दोनों लगेगा. उस समय, पैसे और एनर्जी के साथ न्याय तभी होगा जब आपका काम आपके वैल्यूज के हिसाब से बैठता हो.

इसको आप इस तरह से भी समझ सकते हैं कि मान लीजिये आप एक सोशल एनिमल हैं. तो फिर आपका बिजनेस कुछ ऐसा होना चाहिए. जिससे आप लोगों से कनेक्ट हो सकें. जब आप ऐसे किसी प्रोजेक्ट के ऊपर काम करेंगे तो फिर आपका काम एक अलग ही रूप में नजर आएगा.

इन सब बातों के ऊपर एक सवाल ये उठता है कि आखिर आप उस बिजनेस आईडिया की पहचान कैसे कर पायें. जिससे आपको ख़ुशी और संतुष्टि दोनों मिले?

इसके लिए आपको खुद का आकलन करना पड़ेगा. जब तक आप खुद से बात करने की शुरुआत नहीं करेंगे. तब तक आपको पता भी नहीं चलेगा कि कौन सा काम आपको बेस्ट सूट करता है? उस काम की पहचान तभी होगी जब आपकी खुद से पहचान होगी. 

इसके लिए आप एक एक्सपेरिमेंट भी कर सकते हैं. आप एक पेपर का टुकड़ा लीजिये. उस टुकड़े को 4 भागों में बांट दीजिये. उसके बाद अपनी जिंदगी के 4 सबसे महत्वपूर्ण पहलू लिखिए. जैसे कि एग्जाम्पल के तौर पर आप लिख सकते हैं कि परिवार, पैसा, इज्जत और कुछ भी.

इसके बाद इन सभी चीज़ों को दूर रखकर. खुद को आने वाले 5 सालों में देखने की कोशिश करिए. उस समय आप खुद को कहाँ पा रहे हैं? क्या आपने इन 4 चीज़ों को आसानी से पा लिया है. ऐसा कौन सा काम है जिससे आप आसानी से अपनी इन इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं.

आने वाले 5 सालों का स्केड्यूल आपको कल के लिए तैयार करेगा. याद रखियेगा कि बिजनेस की डगर कभी भी आसान तो नहीं होती है. खुद को जलाना भी पड़ता है. उस अचीवमेंट को पाने के लिए ऐसी कई रातें आएँगी जब आपको नींद को भी त्यागना पड़ेगा. इसलिए अपने सपने को पाने के लिए इन बलिदानों के लिए तैयार रहिएगा.

सक्सेसफुल लोग अपने पास्ट से सबक लेते हैं
सबसे पहले एक काम से शुरुआत करिए.
खुद का आकलन करिए. क्या आपको पता है कि ऐसी कौन सी चीज़ है जो आपसे बेहतर कोई और मुश्किल से ही कर पायेगा? क्या आपको आपकी खूबी के बारे में पता है? क्या आपको आपके अंदर की शक्ति के बारे में पता है? अगर नहीं पता है तो अपना लक्ष्य बनाने से पहले खुद से सवाल करिए. 

याद रखियेगा कि आपको खुद से भी सरल सवाल नहीं करने हैं. खुद को एक कठिन कटघरे में खड़ा करिए. पूछिए खुद से कि ऐसा क्या है तुम्हारे अंदर जो तुमसे बेहतर कोई और नहीं कर सकता है? ऐसा कौन सा प्रोडक्ट तुम दुनिया को दे सकते हो? तो अपने परिवार और सोसाइटी के लिए किस प्रकार से मददगार साबित हो सकते हो?

इन सब सवालों से आपको कई जवाब मिलेंगे. उन जवाबों को एक पेपर में नोट करिए. अगर आपको आपकी स्किल्स के बारे में पता चल जाता है. तो बहुत बढ़िया है. अगर ऐसा लगता है कि अभी स्किल्स में थोड़ा काम की ज़रूरत है. तो फिर देर मत करियेगा. अपने ऊपर काम की शुरुआत कर दीजियेगा. 

सक्सेसफुल लोगों से सीखने की कोशिश करते रहिये. गौर करने की कोशिश करिए कि जो लोग सफल हैं. वो ऐसा क्या काम करते हैं? एक बात आप नोटिस करेंगे कि सफल लोग हमेशा अपने पास्ट से सीखते हुए आगे बढ़ते रहते हैं. 

इसलिए आपकी पिछली जॉब में जो कुछ भी आपने सीखा हो, उसे याद करिए. जो भी बुरी यादें हों उन्हें टटोलने की कोशिश करिए. अब आप सोच रहे होंगे कि बुरी यादों से क्या मिलेगा?

आपको बता दें कि बुरी यादों से आपको सीख मिलेगी. एक ऐसी सीख कि आगे के समय में आपको क्या नहीं करना है.

सबसे पहले आपको पता होना ही चाहिए कि आपको जिंदगी से क्या चाहिए? भविष्य की तरफ अपनी निगाह रखिये लेकिन पास्ट से सीखते रहिये. प्रेजेंट में देखिये कि आपके आईडिया के लिए आपके पास कितने रिसोर्स हैं? क्या आपके पास पर्याप्त रिसोर्स हैं. अगर आपके पास रिसोर्स की कमी है. तो सबसे पहले उसकी व्यवस्था में लग जाइए. 

अब समय आ गया है कि सही समय का इंतज़ार आप बंद कर दीजिये. अपने बिजेनस आईडिया के ऊपर काम करने की शुरुआत करिए. जब आप सफर की शुरुआत करेंगे तभी तो मंजिल की तरफ बढ़ेंगे. 

अगर आप अभी शुरूआती दौर से गुजर रहे हैं. तो सबसे पहले ये देखिये कि क्या आपके पास रोड मैप तैयार है?

रोड मैप का मतलब वो रास्ता जिससे आप अपने बिजनेस की शुरुआत करेंगे. हमेशा कोशिश करिए कि भले ही काम छोटा हो. लेकीन प्रोफेशनल तरीके से होना चाहिए. जब तक काम प्रोफेशनल तरीके से नहीं होगा. तब कस्टमर की नज़रों आपकी एक अलग जगह बन पाना मुश्किल ही है. 

शुरू से ही कोशिश करिए कि रोड मैप भी एक प्रेजेंटेशन के तौर पर तैयार होना चाहिए. इससे फायदा ये होता है कि अगर आपको एंजल इन्वेस्टर की भी ज़रूरत पड़ती है. तो वो लोग ऐसे लोगों के ऊपर भरोसा करते हैं. जिनको प्रोफेशनल रहते आता है.

जब भी आप अपने आईडिया के ऊपर काम करें. तो ट्राई करियेगा कि रीसर्च वर्क में कोई भी कमी ना रह पाए. जितनी तगड़ी आपकी रिसर्च होगी. उतना ही बेहतर आपके काम की शुरुआत होगी.

अगला कदम आता है कि आप आपने आईडिया का एक स्लोगन तैयार करिए. वो स्लोगन कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे लोगों का दिमाग तुरंत आपके आईडिया के ऊपर आ जाए. स्लोगन को बिजनसे के शुरू होने से पहले ही वायरल कर दीजिये. वायरल करने के लिए आप सोशल मीडिया का सहारा ले सकते हैं.

अपने आईडिया को छुपाकर मत रखिये, फीडबैक लीजिये
एक कहावत है कि अकेले पहाड़ नहीं खोदा जाता है. कभी भी दूसरे को मूर्ख समझने की गलती मत करियेगा. ये गलती आपको भारी पड़ सकती है. कभी भी ये मत सोचियेगा कि मेरे पास तो ग्रेट आईडिया है. 

याद रखियेगा कि इंसान के दिमाग में कभी भी परफेक्ट आईडिया एक बार में नहीं आता है. हमेशा आईडिया को परफेक्ट बनाना पड़ता है. अब ये काम कैसे होगा? इस काम के लिए आपको दूसरे लोगों से बात करनी पड़ेगी. 

उस फील्ड के प्रोफेशनल लोगों से भी मिलना पड़ेगा. कई लोगों से डिस्कस करने के बाद उनका फीडबैक लीजियेगा. नेगेटिव फीडबैक को अच्छे से पढ़िएगा. उससे आपको पता चलेगा कि कहाँ सुधार की ज़रूरत है. 

इसके लिए लेखक खुद का एक्सपीरियंस शेयर करते हैं. वो कहते हैं कि एक समय वो फ़ूड ट्रक का बिजनेस शुरू करने वालों के लिए एक वेबसाइट बनाना चाहते थे. जिसके लिए उन्होंने कई ओनर से बात करनी चाही. लेकिन उनको सभी की तरफ से एक सवाल मिला कि क्या उनके पास पहले से फ़ूड ट्रक है? इसके जवाब में लेखक ने कहा कि नहीं. 

इस सर्वे के बाद लेखक को समझ में आया कि उन्हें अपने आईडिया के ऊपर काम करना पड़ेगा. कोई क्यों ही उनसे सलाह लेगा. जब वो उस बिजेनस में है ही नहीं. इसके बाद लेखक को समझ में आया कि अभी उन्हें इस आईडिया को पूरी तरह से रीशेप करने की ज़रूरत है. 

इसके बाद आपके सामने अगला लक्ष्य है कि अपने मार्केट को समझने की कोशिश करिए. ये देखिये कि आपका मार्केट कैसे बिहेव कर रहा है. आप अपने प्रोडक्ट से इस मार्केट में नया क्या ला सकते हैं? याद रखियेगा कि दुनिया ऊगते हुए सूरज को हमेशा ही सलाम करती है. अगर आपके पास कुछ ऐसा है कि आप पूरे मार्केट का डायमेंशन ही बदल सकते हैं. तो फिर आपको आगे बढ़ना चाहिए. 

अगर आपको ऐसा लगता है कि आईडिया में भी कुछ कमी है. तो फिर थोड़ा सा इंतज़ार करिए. कई बार आईडिया में बदलाव करके भी आप बहुत ज्यादा फायदे में हो सकते हैं. 

ज़रूरी ये है कि आपके अंदर लीडरशिप क्वालिटी कितनी बची हुई है? क्या आपको मौके की नजाकत को समझना आता है? अगर आपके अंदर ये गुण हैं. तो फिर बेझिझक आप अपने आईडिया में सफल होंगे.

टार्गेट ऑडियंस को समझने के लिए दिन-रात एक कर दीजिये
अपनी टार्गेट ऑडियंस को समझने के लिए आप रीसर्च या सर्वे करवाइए. अपनी फंड का एक हिस्सा आपको रिसर्च के लिए भी रखना चाहिए. जैसे-जैसे आप सर्वे करवाएंगे. वैसे-वैसे ही आपको अपने क्लाइंट के बारे में बेहतर जानकारी मिलेगी. अब अगर आप सोच रहे हों कि इन जानकारी का आप क्या करेंगे?

तो इसका जवाब है कि जानकारी का आचार नहीं डालना है. बल्कि आपको उसके हिसाब से ही अपने प्रोडक्ट को तैयार करना है. आपको पता होना चाहिए कि कस्टमर को कैसे प्रोडक्ट की आवश्यकता है? जब आपको ये पता चल जाएगा तो फिर आप उस मार्केट के बादशाह भी बन सकते हैं.

इस सर्वे के बाद आप कस्टमर प्लान के ऊपर काम करिए. ये कस्टमर प्लान क्या होता है? कस्टमर प्लान की मदद से आपको अपने क्लाइंट के बारे में काफी जानकारी मिल जाती है.

अगर आप इतनी रिसर्च के साथ एंजल इन्वेस्टर के पास जायेंगे. तो उन्हें भी लगेगा कि इस आदमी की कंपनी या प्रोजेक्ट में प्रोफेशनल बातें हैं. इसे मालुम है कि इसे बिजनेस कैसे करना है? 

इसी के साथ भरपूर रिसर्च से आपको ये भी पता चल जायेगा कि अगर आपका प्रोडक्ट सक्सेस नहीं होता है. तो फिर बैक अप प्लान क्या है? अपने बैक अप प्लान के बारे में भी सोचना आपका ही काम है. 

अपने बिजनेस के बारे में जितना आप रिसर्च करेंगे. उतना ही आपको ज्ञान भी होगा. कई बार तो ऐसी चीजों का पता चलेगा. जिससे आप पूरी तरह से अंजान होंगे. इसलिए खुद के ऊपर काम करिए. अपने आईडिया के ऊपर काम करिए. जितनी जल्दी आप रिसर्च की तरफ आगे बढ़ेंगे. उतना ही चांस होगा कि आपसे गलती कम से कम होगी. 

कस्टमर की ज़रूरतों को डीकोड करना ही आपका काम है.

जब आप अपने बिजनेस की शुरुआत करने वाले हैं. तो ये आपकी ज़िम्मेदारी है कि आपको अपने कस्टमर की ज़रूरतों के बारे में भी अच्छे से पता ही होना चाहिए. 

आपने कई बार सुना होगा कि कठिन परिश्रम करो. कठिन प्रयास से ही सफलता मिलती है. ये बात सच है कि मिलिनियर काफी हार्ड वर्क करने के बाद ही उस मुकाम को हासिल करते हैं. 

क्या मिलिनियर बस हार्ड वर्क से बनते हैं? इसका जवाब है नहीं, बस हार्ड वर्क मायने नहीं रखता है. ये भी मायने नहीं रखता है कि आपने कितने घंटे मेहनत की है. मायने तो बस ये रखता है कि आपने अपने समय का सही इस्तेमाल किया है कि नहीं. मतलब जितनी देर आपने काम किया है तो आपका कितना फोकस अपने काम के ऊपर था?

इस अध्याय का सार ये है कि अपने समय को प्रोडक्टिव बनाने की कोशिश करिए. इसी के साथ आपकी ये भी कोशिश रहनी चाहिए कि जितनी चीजें भी आपके जीवन में अनप्रोडक्टिव हों, उन्हें अभी बाहर निकालकर फेंक दीजिये. 

समय को एक इन्वेस्टमेंट की तरह लीजिये. ये भी सोचिये कि जब पैसों का इन्वेस्टमेंट करते हैं तो आपके दिमाग में क्या रहता है? क्या आप ज्यादा से ज्यादा रिटर्न के बारे में सोचते हैं? अगर हां तो समय को लेकर ये कांसेप्ट क्यों नहीं लागू हो सकता है. 

इसलिए ही कहा गया है कि टाइम से बड़ा इन्वेस्टमेंट कुछ नहीं होता है. इसका सीधा सा मतलब ये हैं कि अपना ज्यादा से ज्यादा समय आप काम पर लगाइए. अगर आप ज्यादा से ज्यादा काम पर ध्यान देंगे तो उसका सीधा असर आपके रेवेन्यु पर पड़ेगा.

स्मार्ट बिजनेस मैन बनिये?
अब आपने अपना कस्टमर प्लान बना लिया है. जब आपका प्लान तैयार है तो अब उड़ने की बारी आ गयी है. लेकिन फ्लाइट पकड़ने से पहले एक बात ध्यान रखियेगा कि आपका सीट बेल्ट बंधा होना चाहिए. 

सीट बेल्ट के तौर पर आपको अपना फाइनेंशियल स्टेट्स को चेक कर लेना चाहिए. सबसे पहले अपने प्रोडक्ट की डिटेल के बारे में चेक करिए. एक बार अपने इन्वेस्टर से बात करिए. जब आपके पास इतना रिसर्च वर्क है. कि अब आप उसको रेफरेंस में लेकर अपने इन्वेस्टर से बात करिए.

इसी के साथ ही साथ एक बार उस ओर भी ध्यान दीजिये कि आप अपने इन्वेस्टमेंट को कैसे बाहर निकालेंगे. इसका मतलब ये है कि आपका रेवेन्यु मॉडल क्या है? आप कैसे अपने बिजनेस पर किये गये इन्वेस्टमेंट को फायदे में बदलेंगे. 

जैसा कि सभी जानते हैं कि आज का दौर सोशल मीडिया का दौर है. तो क्या आपको पता है कि आप कैसे सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल कर सकते हैं. 

अगर आपको सोशल मीडिया को मैनेज करना आता है. तो ये बात आपके लिए फायदे का सौदा साबित होगी. अपने बिजनेस मॉडल को ट्विटर, फेसबुक पर प्रमोट करने की शुरुआत कर दीजिये. अगर आप आज के समय की इस तकनीक का सही फायदा उठाते हैं. तो फिर इससे आपके बिजनेस को काफी ज्यादा फायदा होगा. अपने प्रोडक्ट को दुनिया के सामने लाने से पहले कई सारी स्ट्रेटजी पर काम करने की भी शुरुआत कर दीजिये. यही वो स्ट्रेटजी होंगी, जिससे आपके बिजनेस को फ्यूचर में बहुत ज्यादा फायदा होगा. 

पोटेंशिअल कस्टमर से इंटरैक्ट करिए, उन्हें इन्वेस्ट करने के लिए एनकरेज करिए.

फाइनल राउंड ऑफ़ वैलीडेशन के महत्त्व को समझने की कोशिश करिए. कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि कस्टमर किसी प्रोडक्ट में काफी ज्यादा इंटरेस्ट दिखाते तो हैं. लेकिन जब उसे खरीदने का समय आता है. तो वो पीछे हट जाते हैं. इसके लिए ज़रूरी ये होता है कि आप अपने प्रोडक्ट की फाइनल राउंड ऑफ़ वैलीडेशन ज़रूर करने कोशिश करिए. इसके लिए सबसे ज़रूरी होता है कि आप अपने कस्टमर से इनट्रेक्ट करने की कोशिश करें.

आपको इस बात का ध्यान रखना है कि ये इंटरेक्शन मेल या फोन में नहीं बल्कि पर्सनल होना चाहिए. पर्सनल मिलकर उन्हें बताइए कि किस तरह से आपका प्रोडक्ट उनके लिए फायदे का सौदा साबित होगा. उन्हें इस बात के लिए राज़ी करने की कोशिश करिए कि वो फ्यूचर में आपका प्रोडक्ट खरीदेंगे.

प्रोडक्ट की सक्सेस इस बात पर निर्भर करती है कि आपका अपने कस्टमर के साथ में कैसा रिलेशन है? अगर आपका व्यवहार बहुत अच्छा है. तो विश्वास रखियेगा कि कुछ हद तक तो आपका काम आसान हो गया है. इसके बाद खेल शुरु होगा कि आपके प्रोडक्ट की क्वालिटी कैसी है? इसलिए बिजनेस में हमेशा कहा जाता है कि क्वांटिटी से ज्यादा क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए.

कस्टमर से बात-चीत के दौरान आपको इस बात का ख्याल रखना है कि आप उनसे सच कहें. उन्हें ये लगना चाहिए कि आप सच में उनका फीडबैक चाहते हैं. उनसे कहिये कि उनका फीडबैक आपके लिए कितना ज़रूरी है?

इसके बाद फाइनल पेमेंट की बारी आती है. आप कोशिश करिए कि आपको कुछ प्री आर्डर मिल जाएँ. इसके बाद आपको उनका पेमेंट वेब साईट की लिंक की मदद से लेना चाहिए. 

जितना ज्यादा आप प्रोफेशनल रहेंगे. उतना ही आपके बिजनेस के लिए बेहतर रहेगा. प्रोफेशनल तरीके से ही आज के दौर में बिजनेस किया जाता है.

कुल मिलाकर
इतना समझ लीजिये कि कई लोगों के पास बहुत अच्छे-अच्छे आईडिया होते हैं. लकिन सभी सफल बिजनेस मैन नहीं बन पाते हैं. इसके पीछे कई कारण होते हैं. लेकिन सबसे बड़ा कारण होता है कि प्रॉपर रिसर्च ना होना. लोग आईडिया तो सोच लेते हैं. लेकिन उस आईडिया के ऊपर वो काम नहीं करते हैं. काम का मतलब यहाँ रिसर्च से है. लोग हमेशा रिसर्च करने से पीछे हटते हैं. इसी के कारण कई बार ऐसा होता है कि अच्छे आईडिया भी फ्लॉप हो जाते हैं. 

 

दोस्तों और कलिग को बुलाइए. उनसे बातें करिए.

अगर आपका कठिन समय चल रहा है. तो फिर अपने दोस्तों से बातें करिए. याद रखिये कि हर खराब समय के बाद एक अच्छा समय आता है. बस इंतज़ार करिए और आईडिया के ऊपर काम करिए. 

कभी भी खुद को और खुद के बिजनेस को चैलेन्ज देना बंद ना करिए.

 

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