Anthony Lolli
एक रीएल एस्टेट जादूगर की तरह इंवेस्ट मोल-भाव करें।
दो लफ्जों में
द हर्ट आफ डील (The Heart of the Deal) में हम देखेंगे कि किस तरह से आप रीयल एस्टेट में अपने पैसे को इंवेस्ट कर सकते हैं। यह किताब हमें रीएल एस्टेट में मोल-भाव करने के तरीके बताती है और साथ ही कुछ ऐसी बातें बताती है जो आप किसी भी तरह के बिजनेस में अपना सकते हैं और फायदा पा सकते हैं।
यह किसके लिए है
-वे जो रीयल एस्टेट बिजनेस में हैं।
-वे जो प्रापर्टी खरीदने के बारे में कुछ बातें जानना चाहते हैं।
-वे जो अलग अलग तरह के क्लाइंट से समझौता करने
के तरीके जानना चाहते हैं।
लेखक के बारे में
एंथोनी लोली (Anthony Lolli) एक रीयल एस्टेट इंवेस्टर हैं। वे रैपिड रीएलिटी के फाउंडर हैं जो कि एक रीयल एस्टेट फर्म है।
यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए
दुनिया के जितने भी अमीर लोग हैं उन सभी के पास किसी न किसी तरह का बिजनेस है। उन में से कोई भी व्यक्ति पैसे बचाकर या फिर किसी दूसरे की कंपनी में नौकरी कर अमीर नहीं बना। इसलिए अगर आपको भी अमीर बनना है तो आपको भी बिजनेस करना होगा। हाँ, इसमें रिस्क तो है, लेकिन बिना रिस्क के आपको कुछ भी नहीं मिलने वाला। सही जानकारी की मदद से आप अपने रिस्क को कम कर सकते हैं।
बिजनेस बहुत तरह के हो सकते हैं, लेकिन उनमें कुछ बातें मिलती हैं। रीयल एस्टेट दुनिया का सबसे अच्छा और सेफ इंवेस्टमेंट माना जाता है। यह किताब हमें रीएल एस्टेट के बारे में बताती है। यह किताब हमें बताती है कि किस तरह से हम इसमें अपना पैसा इंवेस्ट कर सकते हैं और कैसे अलग- अलग तरह के क्लाइंट को समझ कर उनकी जरूरतों को पूरा कर कामयाब हो सकते हैं।
-बिजनेस में कामयाब होने के लिए क्या करना जरूरी है।
-किस तरह से आप अपने क्लाइंट को प्रापर्टी बेच सकते हैं।
-अच्छे से मोलभाव करने का राज़ क्या है।
अपनी मंजिल को पाने के लिए आपको अपने लिए गोल्स बनाने होंगे।
आप चाहे किसी भी तरह का बिजनेस कर रहे हों, वो एक आदत जो आपको शुरुआत में ही डाल लेनी चाहिए, वो है - अपने लिए छोटे, मीडियम और बड़े गोल तय करना। लेखक एक रीयल एस्टेट इंवेंटर हैं और वे इस मामले में बहुत कामयाब हैं। उनका कहना है कि बिना गोल सेट किए आप आगे नहीं बढ़ सकते।
एक्ज़ाम्पल के लिए रीयल एस्टेट में अगर आपको कामयाब बनना है तो आपका छोटा गोल हो सकता है - अपना सेल्स लाइसेंस लेना। आपका मीडियम गोल हो सकता है - अपनी पहली प्रापर्टी खरीदना। और आपका बड़ा गोल हो सकता है रीयल एस्टेट में 100 करोड़ रुपए का फायदा कमाना। आप यह काम किसी भी तरह के बिजनेस या कैरियर के साथ कर सकते हैं।
इसमें आपको एक बात साफ- साफ दिख रही होगी कि जब तक आप अपना छोटा गोल और मीडियम गोल हासिल नहीं करेंगे, तब तक आप बड़े गोल को हासिल नहीं कर सकते। यह एक गेम की तरह है जिसमें एक लेवेल को पास करने के बाद ही आप दूसरे लेवेल पर जाते हैं और वहाँ पर जाने के बाद हालात मुश्किल हो जाते हैं।
इसके अलावा अगर आप कोई मुश्किल फैसला नहीं ले पा रहे हैं, तो खुद से सवाल पूछिए - क्या यह फैसला मुझे मेरे बड़े गोल के नजदीक लेकर जाएगा? अगर जवाब हाँ मिले, तो आपको पता है क्या करना है। एक्ज़ाम्पल के लिए अगर आप यह फैसला नहीं कर पा रहे हैं कि आपको अपनी नौकरी छोड़नी है या नहीं और आपको लग रहा है कि अगर आप अपनी नौकरी करते रहेंगे तो कभी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंचेंगे, तो आपको अपनी नौकरी छोड़ देनी चाहिए।
अपने बिजनेस में उन लोगों को काम पर रखिए जिन पर आप भरोसा कर सकते हैं।
बिना दूसरों की मदद लिए आप कभी कामयाब नहीं हो सकते। इसलिए आपको दूसरों को भी अपने बिजनेस में काम पर रखना होगा। लेकिन इसके लिए आपको कुछ खास बातों का ध्यान देना होगा।
सबसे पहले आपको अपने आस पास कुछ भरोसेमंद लोगों की टीम बनानी होगी। उन लोगों को अपनी टीम में रखिए जिनके काम पर आपको भरोसा हो और जिन्हें आप एक जिम्मेदारी दे सकें। दूसरों को अपने काम की जिम्मेदारी देना बहुत मुश्किल हो सकता है, लेकिन आपको यह करना ही होगा क्योंकि आप सारे काम खुद नहीं कर सकते।
एक्ज़ाम्पल के लिए जब एक माता पिता अपने बच्चे की देखभाल करने के लिए उसे एक मेड को देते हैं, तो उनके अंदर डर तो रहता है, लेकिन उस पर भरोसा कर के उनका काम बहुत आसान हो जाता है। लेखक जब अपनी कंपनी के लिए एक चीफ आपरेटिंग आफिसर खोज रहे थे तो उन्हें भी दूसरे को जिम्मेदारी देने में बहुत डर लग रहा था, लेकिन उन्होंने यह किया आप सभी को करने की सलाह देते हैं।
लेकिन आप ऐसे ही किसी को काम पर नहीं रख सकते। सबसे पहले आपको खुद से कुछ जरूरी सवाल पूछने होंगे जिससे आपको यह पता लग सकता कि वह व्यक्ति आपके लिए कितना काम करेगा। एक्ज़ाम्पल के लिए आप खुद से इस तरह के सवाल पूछ सकते हैं
क्या उसे कंपनी के पैसे खर्च करने की इजाज़त होगी?
वो आपकी राय लिए बिना कितना काम खुद से कर सकते हैं?
उसे किस किस तरह के काम करने होंगे और क्या जिम्मेदारियां उठानी होगी?
आखिरी सवाल कुछ ज्यादा ही जरूरी है क्योंकि इससे आपको पता लगता है कि आप जिसे काम पर रख रहे हैं उससे क्या उम्मीद कर रहे हैं और किस तरह से वो व्यक्ति आपको खुश कर सकता है। जब तक उस व्यक्ति को नहीं पता लगेगा कि उसे करना क्या है तब तक वो कभी आपके हिसाब से काम नहीं कर पाएगा और उसे काम करने का तरीका तब पता लगेगा जब आप उसे बताएंगे। इसलिए किसी को काम पर रखने से पहले उसे बता दीजिए कि उसे लेकर आपकी क्या उम्मीदें हैं।
किसी चीज़ को बेचने के दो तरीके होते हैं - हार्ड सेल और सॅाफ्ट सेल।
असल जिन्दगी में जो भी रीअल एस्टेट प्रापर्टी होती है, उनमें कुछ ना कुछ कमियां होती हैं और इसलिए आपको उन्हें खरीददार के सामने कुछ इस तरह से रखना होगा जिससे आपकी प्रापर्टी आकर्षक लगे और वे उसे खरीद लें। किसी भी चीज़ को बेचने के दो तरीके होते हैं - हार्ड सेल और सॅाफ्ट सेल।
हार्ड सेल में आप लोगों के ऊपर दबाव डालते हैं और कुछ ऐसे तरीकों का इस्तेमाल करते हैं जिससे खरीददार तुरंत और जल्दबाजी में फैसला ले। आपका खरीददार फैसला लेने में जितना ज्यादा समय लगाएगा, उतना ही यह तय हो जाएगा कि वो आपकी प्रापर्टी नहीं खरीदेगा। इसलिए उन पर कुछ इस तरह के तरीके अपनाए जाते हैं - आपके अलावा बहुत से ग्राहक इसे खरीदना चाहते हैं और अगर आपने जल्दी फैसला नहीं लिया तो आप इस अच्छे मौके को गवाँ देंगे।
हार्ड सेल का इस्तेमाल आपको तब करना चाहिए जब आपको खुद लगे कि आपका प्रोडक्ट बहुत अच्छा हो और उससे आपके ग्राहक का फायदा हो। इसकी एक वजह नैतिकता है और एक वजह है लम्बे समय तक बिजनेस करना। अगर आपके ग्राहक को लगा कि आप ने उससे ज्यादा पैसे ले लिए तो वो भविष्य में आपके साथ बिजनेस नहीं करना चाहेगा और आपको इससे नुकसान होगा।
हार्ड सेल का इस्तेमाल वो लोग कर पाते हैं जिनमें बहुत ज्यादा एनर्जी होती है और जो अपने साथ साथ दूसरों को भी उत्साह से भर सकते हैं।
दूसरी तरफ सॅाफ्ट सेल में आप अपने ग्राहक को सारी बातें बताते हैं, उन्हें सारी जानकारी देते हैं और साथ ही दूसरे आप्शन भी सामने रखते हैं। इसके बाद आप उन्हें खुद से फैसला लेने देते हैं।
अपने ग्राहक को अपनी प्रापर्टी की खास बातें दिखाइए।
रीयल एस्टेट में आपको कभी भी एक पर्फेक्ट प्रापर्टी नहीं मिलेगी। आपके ग्राहक को हमेशा इन बातों को लेकर शिकायत रहेगी। लेकिन आपको अपनी प्रापर्टी की खास बातों पर ध्यान देकर अपने ग्राहक को यकीन दिलाना होगा कि उसका फैसला गलत नहीं हो सकता। आइए देखें कि ग्राहक को किस तरह की शिकायतें रहती हैं और आप उसे कैसे संभाल सकते हैं।
सबसे पहली शिकायत आपके ग्राहक को होगी कि प्रापर्टी बहुत छोटी है। इस पर अपने ग्राहक को यकीन दिलाइए कि उसे बड़ी प्रापर्टी की जरूरत नहीं है। वो सारा दिन काम करेगा और घर से बाहर रहेगा। घर पर आने के बाद यह जरूरी नहीं है कि वो घर पर ही रहे। वो घर के पास बने सिनेमा में या फिर किसी रेस्ट्रों में अपनी शाम बिता सकता है या फिर पार्क में घूमने के लिए जा सकते हैं।
इसी बहाने अपने ग्राहक को बताइए कि घर के आस पास किस तरह की सुविधाएं हैं, जैसे कि ट्रांसपोर्ट सुविधा का मौजूद होना या फिर नजदीक में ही एक पार्क होना। उसे बताइए कि घर का इस्तेमाल वो ज्यादातर सोने के लिए करेगा और सोते वक्त उसे पता भी नहीं रहेगा कि वो एक छोटे घर में सो रहा है। इस तरह से आप उसकी शिकायत को मिटा सकते हैं।
इसके अलावा ग्राहक को शिकायत होती है कि बिल्डिंग बहुत पुरानी है। इस पर आप उसे पुराने घर में रहने के फायदे बता सकते हैं। उन्हें बताइए कि किस तरह से पुराने घर मजबूत होते हैं क्योंकि उनकी दीवारें मोटी होती हैं। मोटी दीवारों की वजह से उसे बाहर का शोर सुनाई नहीं देगा। साथ ही पुराने घर अच्छे से बनाए जाते हैं।
इसके अलावा आप उस पुराने घर की दूसरी खूबियों को भी बता कर उसे यह एहसास दिला सकते हैं कि पुराने घर में रहना बुरा नहीं है। हमेशा अपनी प्रापर्टी की अच्छी खूबियों पर ध्यान दीजिए और अपने ग्राहक को उनके बारे में बताइए।
अच्छे से मोल भाव करने के लिए दूसरों की जरूरतों का भी खयाल रखें।
मोलभाव करना रीयल एस्टेट बिजनेस का एक बहुत ही अहम हिस्सा है। आप दोनों को ही एक दूसरे से कुछ चाहिए, लेकिन अगर आप में से कोई एक संतुष्ट नहीं है, तो इसे अच्छा सौदा नहीं कहा जाएगा। अगर आप चाहते हैं कि सौदा अच्छा हो तो आपको दोनों पार्टियों का ध्यान देना होगा।
सबसे पहले दूसरों की जरूरत को समझने की कोशिश कीजिए। अगर सामने वाला आप से खुश नहीं है तो वो दूसरों से आपके बारे में बुरी बातें करेगा जिससे आपके बिजनेस पर असर पड़ सकता है। इसलिए हमेशा अपने साथ साथ दूसरों की जरूरतों पर भी ध्यान दीजिए, अब चाहे वो जो भी हो। इससे आप अच्छे रिश्ते बना सकते हैं जो कि बिजनेस में बहुत जरूरी होते हैं।
इसके अलावा मोलभाव करते वक्त सामने वाले को पहले बोलने का मौका दीजिए। जो भी व्यक्ति मोल भाव करने में पहले बोलता है वो कम पैसे लेकर घर जाता है। हर बार जब आप सामने वाले के सामने अपनी माँग रखते हैं, आप फायदे की संभावना को कम कर देते हैं
एक्ज़ाम्पल के लिए आप जिसे घर किराए पर दे रहे हैं उससे आप 10,000 रुपए माँग रहे हैं। अगर आप ने पहले ही यह माँग कर ली, तो आप सिर्फ 10,000 रुपए तक सीमित रह जाएंगे और फिर बाद में उससे 5,000 ज्यादा नहीं माँग सकते। इसलिए सबसे पहले आपको सामने वाले को बोलने का मौका दीजिए।
अपने क्लाइंट की जरूरतों को समझ कर उन्हें पूरा करने की कोशिश कीजिए।
हर तरह के बिजनेस में अलग अलग तरह ग्राहक होते हैं और उनकी अलग तरह की जरूरत होती है। जब आप काफी समय तक उस बिजनेस में रहेंगे तो आपको समझ में आ जाएगा कि वे कितने तरह के हो सकते हैं और किस तरह से आप उन्हें संतुष्ट कर सकते हैं। रीयल एस्टेट में भी अलग अलग तरह के ग्राहक हो सकते हैं।
सबसे पहले आते हैं आउट-आफ-टाउनर क्लाइंट। इस तरह के लोग उस शहर के रहने वाले नहीं होते जहाँ पर वे प्रापर्टी को देखने के लिए आए हैं बल्कि वे वहाँ पर कुछ दिन के लिए घूमने आए हैं ताकि वे कुछ घर देख सकें। इस तरह के लोगों के दिमाग में होता है कि इससे पहले उनके वापस जाना हो वे एक घर देख कर उसे खरीद लें।
इस तरह के क्लाइंट को आप अच्छे घर दिखा सकते हैं क्योंकि वे उसे जरूर खरीदना चाहेंगे।
दूसरे क्लाइंट होते हैं -ड्रीमर, यानी कि सपना देखने वाले। इस तरह के लोगों को कम दाम में बड़े घर चाहिए होते हैं। लेकिन असल में इनके पास इतने पैसे नहीं होते हैं कि वे उसे खरीद सकें। वे अक्सर टीवी पर इस तरह के घर देखते हैं और उसे खरीदने के लिए उत्सुक हो जाते हैं।
इस तरह के लोगों को आप सच बता दीजिए। उनसे कुछ छिपाइए मत और उन्हें मार्केट के हालात के बारे में बताइए। उन्हें कुछ सस्ती प्रापर्टी दिखाइए जिसे वे खरीद सकें, क्योंकि वे महंगे घर नहीं खरीद सकते और ऐसा कर के आप खुद का और उनका समय बरबाद करेंगे।
रीयल एस्टेट या फिर किसी भी तरह के बिजनेस में यह जरूरी है कि आप अपने क्लाइंट से, अपने ग्राहक से जुड़ें और उसकी जरूरतों को समझ कर उन्हें पूरा करें। बिजनेस में कामयाब होना का यही राज़ है।
कुल मिलाकर
रीयल एस्टेट में इंवेस्ट करने से पहले अपने गोल तय कीजिए। आप सब कुछ अकेले नहीं कर सकते , इसलिए अपने आस पास काबिल लोगों की टीम बनाकर उन्हें जिम्मेदारी दीजिए। किसी से भी मोलभाव करते वक्त उनकी जरूरतों का खयाल रखिए और उन्हें पहले बोलने का मौका दीजिए।
लोगों से अपनी बात दूसरों तक पहुंचाइए।
किसी नए क्लाइंट का भरोसा जीत पाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन अगर उन्हें आपके पास आने के लिए उनके किसी दोस्त ने कहा है, तो वे आपके साथ आसानी से जुड़ जाएंगे। मार्केटिंग की दुनिया में वर्ड-आफ-माउथ बहुत ताकतवर चीज़ होती है और अगर आपके पुराने क्लाइंट आपके लिए नए क्लाइंट ला रहे हैं, तो उनके साथ जुड़ने में आपको ज्यादा परेशानी नहीं होगी क्योंकि वे पहले से आप पर भरोसा करते हैं।