Mihaly Csikszentmihalyi
अपने काम से प्यार करना सीखिए।
दो लफ़्ज़ों में
फ्लो (Flow) आपको बताती है कि किस तरह हम हर माहौल में खुश रह सकते हैं। यह किताब हमें अपने काम से प्यार करना सिखाती है और खुश रहने के दूसरे तरीके भी बताती है। यह किताब ख़ुशी को एक नया नजरिया देती है।
यह किसके लिए है
- वे जो खुशी की तलाश कर रहे हैं।
- वे जो अपने काम को अच्छे से नहीं कर पा रहे या अपने काम में मन नहीं लगा पा रहे।
- वे जो योगा और ध्यान के फायदे के बारे में जानना चाहते हैं।
लेखक के बारे में
मीहाय चिकज़ेन्ट मिहाय (Mihaly Csikszentmihalyi) एक हंगरी अमेरिकन साइकोलॉजिस्ट है। वे क्लेयरमॉउन्ट ग्रेजुएट यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट और साइकोलॉजी के प्रोफेसर हैं। वे यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के साइकोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड रह चुके हैं और लेक फॉरेस्ट कॉलेज में सोशियोलॉजी और एंथ्रोपोलॉजी के डिपार्टमेंट के हेड भी रह चुके हैं।
यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए? अपने काम से प्यार करना सीखिए।
आज हर कोई तनाव का शिकार है और ख़ुशी पाने चाहता है। ख़ुशी पाने के अलग अलग रास्ते हो सकते है। यह किताब हमें बताती है की वो अलग अलग रास्ते कौन से है और किस तरह से हम हर माहौल में खुश रह सकते है।
यह किताब हमें खुशी का असली मतलब बताती है और हमें बताती है कि हम ख़ुशी कैसे हासिल कर सकते हैं। यह हमें बताती है कि क्यों हमें अपने काम से प्यार करना चाहिए और कैसे अपने काम से प्यार करने पर आपको ख़ुशी मिल सकती है।
इस किताब में ख़ुशी को एक अलग नजरिया दिया गया है। इसमें बताया गया है कि आप चुनौतियों से अपनी ज़िन्दगी को कैसे मज़ेदार बना सकते हैं और क्यों चुनौतियाँ न होने पर आपकी ज़िन्दगी मज़ेदार नहीं होगी। यह हमें परिवार, दोस्त और पड़ोसियों के महत्व के बारे में भी बताती है।
- किस तरह आप अपने काम से प्यार कर के खुशी पा सकते हैं।
- किस तरह आप हवा में भी खुशियाँ ढूँढ सकते हैं।
- कैसे आप अपनी जिन्दगी को एक मतलब दे सकते हैं।
हम अपनी ज़िन्दगी को मतलब देने के लिए अलग अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।
हम हमेशा ही बाहरी चीज़ों का इस्तेमाल कर अपनी ज़िन्दगी को मतलब देने की कोशिश करते हैं। अब चाहे हम दौलत या शोहरत के पीछे भाग कर अपनी ज़िन्दगी का मतलब खोजे या फिर धर्म से जुड़कर।
आज लगभग हर कोई संपत्ति और सफलता के पीछे भाग रहा है। उन्हें लगता है कि ज़्यादा से ज़्यादा संपत्ति हासिल कर वे अपनी ज़िन्दगी को खुशहाल बना सकते हैं। लेकिन अगर हम नज़दीक से देखें तो कोई भी आज खुश नहीं है। अमीर लोग अक्सर ही तनाव के शिकार रहते हैं।
दूसरे किस्म के लोग वे होते हैं जो अपने आप को किसी धर्म से जोड़ कर ख़ुशी की तलाश करते हैं। अलग अलग धर्म हमें जीने के अलग अलग नियम बताते हैं। लेकिन फिर भी हम सबसे पहले अपने ही दुःखों पर ध्यान देते हैं और ख़ुशी नहीं पा पाते।
हम खुशी ढूँढने के जितने भी तरीके ढूँढ लें उनमें हमेशा कुछ न कुछ कमी रह ही जाती है। पहले ज़माने के शक्तिशाली राज्य के लोगों का मानना था कि उन्होंने किस्मत पर जीत हासिल कर ली है। इसकी एक झलक हमें शेक्सपियर के नाटक- जूलियस सीज़र में देखने को मिलती है।
सीज़र सोचता था कि अब उसे हरा पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। उसे लगता था कि वो खतरों से ज़्यादा खतरनाक है। लेकिन उसे अपने ही साथियों में मार डाला। इससे ये बात सामने आती है कि ज़्यादा शक्तिशाली होने से भी आप ख़ुशी को हासिल नहीं कर सकते।
तो आखिर हम ख़ुशी कैसे हासिल करें? हम क्या करें जिससे हमें वाकई ख़ुशी मिल सके और हम एक अच्छी ज़िन्दगी जी सकें? आइये देखते हैं।
ख़ुशी को हासिल करने के लिए आपको ख़ुशी के बारे में जानना होगा।
आईये देखें की ख़ुशी क्या होती है। नीचे दिए गए ऑप्शंस में से आप एक ऑप्शन चुनिये।
आप स्वादिष्ट खाना पसंद करेंगे या सेहतमन्द खाना?
आप जी भर के खाना पसंद करेंगे या ज़िन्दगी भर सेहतमंद रहना ?
आप शराब पीकर या ड्रग्स लेकर अपने तनाव को कुछ समय के लिए कम करना चाहेंगे या ज़िन्दगी भर इस लत से दूर रहना चाहेँगे?
आप किसी नए काम को सीख कर अपनी ज़िन्दगी में कुछ बदलाव पसंद करेंगे या आलस कर के अपने बिस्तर सोते रहना?
इन सभी सवालों से एक बात तो साफ़ है। अगर आप वाकई खुशी पाना चाहते हैं तो आप उस ख़ुशी की तलाश कीजिये जो आपको भले ही देर से मिले लेकिन आपके साथ लम्बे समय तक रहे।
शराब पीने से आप कुछ देर तक तनाव से दूर रह सकते हैं लेकिन इसकी लत से दूर रहकर आप अपनी ज़िन्दगी संवार सकते हैं। आलस कर के आप इस समय आराम पा सकते हैं लेकिन आने वाले वक्त में आपको परेशानियां झेलनी होंगी।
आज ज़्यादातर लोग इसीलिए परेशान हैं क्योंकि वे छोटी छोटी और जल्दी मिलने वाली खुशियों के लिए लम्बे समय तक रहने वाली खुशियों को छोड़ देते हैं।
हमारा दिमाग हमेशा ही आराम खोजता है। इसलिए वो उस काम को करना पसंद करता है जिससे उसे जल्दी से जल्दी आराम मिल सके। इसीलिए आज ज़्यादा से ज़्यादा लोग सेहतमंद खाने की जगह स्वादिष्ट खाना पसंद करते हैं।
हमारे रास्ते भले ही अलग अलग हो पर हमारी मंज़िल एक ही है।
अलग अलग लोग अलग अलग काम करते हैं। अलग अलग कामों के अपने अपने नतीजे होते हैं। सब कुछ अलग होने के बावजूद भी हम सभी एक ही चीज़ के पीछे भागते हैं और वो है सुकून। हमें सुकून तभी मिलता है जब हमें अपने काम का नतीजा मिलता है। कुछ काम के नतीजे आपको तुरंत मिलते हैं जबकि कुछ काम के नतीजे देर से मिलते हैं।
परीक्षा के बार एक स्टूडेंट को जब तक उसके रिजल्ट नहीं मिल जाते तब तक वो बेचैन रहता है। एक महिना काम करने के बाद कर्मचारियों को जब तक सैलरी नहीं मिल जाती तब तक वे बेचैन रहते हैं। इसी तरह जब तक आपको आपके काम के नतीजे नहीं मिल जाते आप बेचैन रहेंगे।
लेकिन कुछ लोग अपने आप को अपने काम में इस तरह से डुबो लेते हैं कि उन्हें समय और परेशानियों का पता ही नहीं चलता। वे अपने काम से बहुत प्यार करते हैं और उन्हें नतीजों की परवाह नहीं होती। ऐसे लोग वाकई में खुश होते हैं।
ऐसे लोगों को अपने काम में आने वाली चुनौतियों का सामना करना पसंद करते हैं और उनसे निपट लेने के बाद उन्हें तुरंत ही ख़ुशी मिल जाती है। बॉब मार्ली ने कहा था-
"इस दुनिया में आपको कोई भी हमेशा खुश नहीं रखेगा। हर कोई आपको दुःख देगा। लेकिन आप किसी ऐसे को ढूँढ़िये जिसके लिए आपको रोना भी मंज़ूर हो।"
अगर हम इन बातों को अपने शब्दों में कहें तो ऐसा कोई भी काम नहीं है जिसमें आपको पूरी तरह ख़ुशी मिल सके और कभी निराशा न मिले। लेकिन आप वो काम ढूँढ़िये जिसमें आने वाली परेशानियां भी आपको अच्छी लगें। खुश रहने का ये सबसे अच्छा तरीका है।
खुश रहने के लिए आप वो काम कीजिये जिसके नतीजों से आपको ख़ुशी मिले।
आप जो भी काम कर रहे हैं, उसमें आप हमेशा चुनौतियाँ खोजिये। अगर आप चुनौती नहीं खोजेंगे तो आपकी ज़िन्दगी में कुछ भी नया और मजेदार नहीं होगा। आप एक ही दिन को हर रोज़ जीयेंगे और वही काम रोज़ करेंगे जिससे आप अपनी ज़िन्दगी से बोर हो जाएंगे।
जैसे कि अगर आप कुछ नया काम सीख रहे हैं तो आप उस काम में छोटी छोटी चुनौतियाँ खोजिये। आप बड़ी बड़ी चुनौतियाँ मत खोजिये क्योंकि अगर आप उसमें हार जाएंगे तो आप निराश हो जाएंगे और आप उस काम को छोड़ देंगे।
अपने रोज़ के काम में आप रोज़ कुछ न कुछ नया करने की कोशिश करें। आप अपनी सीमाओं को बढ़ा कर अपने आप को अपने काम में माहिर बना सकते हैं। और आप अपने काम में जितना ही माहिर होंगे आपको अपने काम से उतना ही प्यार होगा।
अगर आपको किसी से कम्पटीशन करना है तो आप उसी को चुनिए जो आपसे थोड़ा सा आगे हो। अगर आप उससे कम्पटीशन करेंगे जो आपसे बहुत आगे है तो आप बार बार हारेंगे और इससे आपकी हिम्मत टूट जाएगी। और अगर आप अपने से कमज़ोर से कम्पटीशन करेंगे तो बार बार जीतने पर आप बोर हो जाऐंगे।
अपने खाली समय में आप वो काम कीजिए जो आपको पसंद हो। जैसे कि आप शतरंज खेलिये, किताबें पढ़िए या फिर कसरत करिये। ऐसे काम करने से आप अच्छा भी महसूस करेंगे और साथ में कुछ सीखते भी रहेंगे।
अपने आस पास की चीज़ों में ख़ुशी ढूँढने के लिए आपको अपने आस पास की चीज़ों को महसूस करना सीखना होगा।
कहा जाता है कि ख़ुशी तो हवा में होती है, लेकिन ये हवा उसी को लगती है जो इसे दिल से ढूढ़ने की कोशिश करता है। आप अपने आस पास के लोगों में, उनके रहन सहन और बातों में, अपने रहन सहन में हर जगह ख़ुशी पा सकते हैं।
लेकिन कैसे? आइए देखते हैं।
सदियों से हमने अपने ईगो से छुटकारा पाने के लिए योगा का सारा लिया है। योग हमारे सोचने की क्षमता और सीमा को बढ़ाता है। योगा और ध्यान से आप उस हवा को ढूंढ सकते हैं। अगर आप रोज़ योग करें तो आप खुद ही अंतर महसूस करेंगे। आप खुद पर ज़्यादा काबू पाकर सभी चीज़ों को देखेंगे और समझेंगे।
उदाहरण के लिए आप गानों को ही ले लीजिये। अगर आप रोज़ योग और ध्यान करें तो आप देखेंगे कि गाने की धुन आपके अंदर तक जाएगी। आप कभी कभी उन गानों में पूरी तरह से खो जाएंगे या फिर उसकी किसी एक लाइन के मतलब को समझने की कोशिश करेंगे। इसी तरह से आप धीरे धीरे लोगों की बातों पर भी गौर करेंगे और खुद की हरकतों पर भी। तो ख़ुशी पाने का एक दूसरा अच्छा तरीका है की आप रोज़ सुबह शाम योग करें। ध्यान करें। ये दुनिया चमत्कारों से भरी पड़ी है लेकिन इसे देखने के लिए आपको ध्यान लगाना ही होगा।
आप अपने खाली समय में अपने आस पास की चीज़ों को महसूस करके अपनी सोचने की क्षमता बढ़ा सकते हैं।
अगर हम इतिहास में झांके तो हमें देखने को मिलता है कि बड़े से बड़ा वैज्ञानिक अपने आस पास की चीज़ों को देखकर ही बड़े से बड़ा आविष्कार करता है। इसके बहुत सारे उदाहरण आपको मिल सकते हैं।
जेम्स वाट (James Watt) ने जब केतली पर रखे हुए ढक्कन को भाप की वजह से उठता देखा तो उन्होंने स्टीम इंजन का आविष्कार किया।
जब राइट ब्रदर्स (Wright Brothers) ने पंछियों को उड़ता हुआ देखा तो उन्होंने इंसान के उड़ने के लिए हवाई जहाज बनाया।
जब न्युटन के ऊपर सेब गिरा तो उन्होंने सोचा कि ये सब नीचे ही क्यों गिरा? ऊपर क्यों नहीं चला गया? इस सवाल ने उनकी मदद कि जिसकी वजह से उन्होंने ग्रेविटेशनल थियोरी (Gravitational Theory) दी।
इसी तरह से अनगिनत उदाहरण आपको मिल सकते हैं। इन सभी लोगों ने अपने खाली समय में ही इन चीज़ों पर ध्यान दिया और खुद से ऐसे सवाल पूछे जो सुनने में बेवकूफी भरे लगते थे। लेकिन इन्ही सवालों की वजह से आज हम साइंस में मामले में इतने आगे हैं।
इससे हमें ये सबक मिलता है कि आप भी अपने खाली समय में कुछ ऐसे काम कीजिए जिससे आपकी सोचने की क्षमता बढ़े। आप सुडोकु या क्रॉसवर्ड खेलिए या अपनी मन पसंद किताबें पढ़िये। आप दूसरों की कमियां मत खोजिए और न ही अपनी कमियों पर ज़्यादा ध्यान दीजीए। अगर आप रोज़ अच्छे काम करेंगे तो आप अंदर से संतुष्ट रहेंगे।
आप अपने काम को काम न समझ कर खेल समझिये।
आज ज़्यादातर लोग अपने काम से संतुष्ट नहीं हैं। उन लोगों को अपना काम बोझ लगता है और वे अपने काम से बिलकुल भी प्यार नहीं करते। वे अपना काम करते करते बोर हो जाते हैं और फिर अपना खाली समय आराम करते हुए बिताते हैं। इस तरह से आप कभी भी ख़ुशी नहीं पा सकते। आप अपने काम को कुछ इस तरह से करिए जिससे आपको लगे ही न की आप काम कर रहे हैं। आप बस एक लय में बहते रहिये और अपने काम में भी ख़ुशी ढूँढने की कोशिश कीजिए। लेकिन कैसे? जिस चीज़ को आप पसंद नहीं करते उसमें आप ख़ुशी कैसे ढूंढ सकते हैं?
इसका एक तरीका है कि आप अपने काम में हर रोज़ कुछ नया करने की कोशिश करिए। अगर आप रोज़ वही काम करेंगे तो आप रोज़ एक ही ज़िन्दगी जिएंगे और इससे ऊब जाना लाज़मी है।
आप अपने काम को खेल की तरह खेलिए। आप अपने आप को चुनौतियाँ दीजिए और अगर आप उन चुनौतियों को पूरा कर लेते हैं तो आप अपने आपको कुछ ईनाम दीजिए। इससे आपका मन काम में ज़रूर लगेगा। आप बाहरी चीज़ों जैसे पैसों को अपना मोटिवेशन मत बनाइये।
आपको बहुत से ऐसे लोग मिलेंगे जो अपने काम से प्यार करते हैं। इटली के एल्प्स पहाड़ों में रहने वाले लोग सुबह 5 बजे उठकर अपनी गायों को खिलाते पिलाते हैं और फिर उनके लिए खाना ढूंढने के लिए मीलों चलते हैं। वहाँ की औरतें सारा दिन घर का काम करती हैं और अपने परिवार के लोगों के लिए खाना बनाती हैं।
लेकिन जब उनसे पुछा गया कि अगर वे अमीर हो जाएँ तो वे अपनी ज़िन्दगी में क्या बदलाव करेंगे तो उन्होंने कहा कि वे जैसे रह रहे हैं वैसे ही रहना पसंद करेंगे।
खुश रहने के लिए आपके पास एक अच्छा परिवार और अच्छे दोस्त होना चाहिये।
ज़िन्दगी में सिर्फ काम ही नहीं होता। आपको कुछ वक्त अकेले बिताने के लिए भी चाहिये। कुछ वक्त अकेले बिताने पर आपको सुकून मिलता है और अपने बारे में सोचने का कुछ समय भी मिलता है। लेकिन ज़्यादा समय तक काम करते रहने से या ज़्यादा अकेले रहने से आप बोर भी हो सकते हैं।
ये वही वक्त है जब आपको अपने परिवार वालों की और दोस्तों की ज़रूरत पड़ती है। एक अच्छा परिवार आपका हर हाल में साथ देगा। परिवार आपको बहुत सारी अच्छी चीज़ें सिखाते हैं जैसे कि दूसरों की इज्ज़त करना, दूसरों की ज़रूरतों को समझना और दूसरों से प्यार करना।
आपके दोस्त आपका आत्म विश्वास बढ़ाने का काम करते हैं। अच्छे दोस्तों के साथ बिताया हुआ समय आपको ज़िन्दगी भर याद रहता है और साथ ही उस समय आप अपनी सारी परेशानियां भूल जाते हैं।
दोस्तों से आप सभी तरह की बातें खुलकर कर सकते हैं। इसलिए वे आपके आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और आपकी बात को समझने की कोशिश करते हैं।
दोस्तों और परिवारों के अलावा आपके पड़ोसियों का भी आपकी ज़िन्दगी में ख़ास महत्व होता है। हमारा समाज हमें बढ़ने के लिए और कुछ अच्छा करने के लिए आगे बढ़ाता है। आप हमेशा इस दुनिया में किसी न किसी के लिए कुछ न कुछ तो ज़रूर कर सकते हैं। ऐसा करके आप संतुष्टि पा सकते हैं।
अगर हम अपना ध्यान परेशानियों से हटा लें तो हमारी बेचैनी कम हो जाएगी।
आप सभी के साथ कभी ऐसा ज़रूर हुआ होगा जब आपका सोचा हुआ या आपका प्लान किया हुआ काम आपके साथ न हुआ हो। ऐसी हालत ने हर कोई परेशान हो जाता है और अपनी किस्मत को कोसने लगता है।
जैसे कि आप आफिस के लिए देर हो रहे हों और रास्ते में जाम लग जाए। या आपको ऊपर जाने के लिए लिफ्ट की ज़रूरत हो लेकिन लिफ्ट खाली न हो। ऐसे हालातों में आप अपना आपा खोने लगते हैं।
तो इस समस्या का हल ये है कि आप सबसे पहले अपने ईगो पर काबू पाइये। आप इस बात को मानिये कि ये दुनिया कुछ नियमों पर चलती है। इस दुनिया को आप कंट्रोल नहीं कर सकते। आप इस दुनिया को अपने हिसाब से नहीं चला सकते। लेकिन आप अपने आप को ऐसे हालात को संभालने के लायक बना सकते हैं।
आप अपने वातावरण को समझने की कोशिश कीजिये। आप अपने डर और अपनी शंकाओं को अपने काम के रास्ते में मत आने दीजिए। आप परेशानियों पर ध्यान न देकर अपनी मंज़िल पर ध्यान दीजिए। इससे आपको थोड़ी राहत ज़रूर मिलेगी।
आप मुश्किल हालातों में हार मत मानिए। मुश्किल हालात आपको मज़बूत बनाते हैं। इसलिए आप ऐसे हालातों का इस्तेमाल अपने आपको सुधारने के लिए कीजिये।
मान लीजिये कि आप जिस ऑफिस में काम कर रहे हैं वहाँ आपका प्रमोशन नहीं हुआ क्योंकि आपके बॉस ने किसी ऐसे को प्रमोशन दे दिया जो उसका करीबी था। ऐसी स्थिति में आप अपने बॉस का विश्वास जीतने की कोशिश कीजिए। ऐसा कर के आप बहुत सारे फायदे पा सकते हैं।
अपनी ज़िन्दगी के कुछ मकसद रखिए और उन्हें हासिल करने की कोशिश कीजिए।
हम में से हर किसी के अपने कुछ लक्ष्य होते हैं। ये लक्ष्य ही हमारी ज़िन्दगी को मतलब देते हैं। इसलिए आप भी अपने ज़िन्दगी को मतलब देने के लिए कुछ कीजिए। मार्क ट्वेन ने कहा था कि ज़िन्दगी में दो दिन बड़े ही महत्त्वपूर्ण होते है। एक वो जब हम पैदा हुए थे और एक वो जब हमें पता चलता है कि हम क्यों पैदा हुए थे। जब तक आपकी ज़िन्दगी में वो दूसरा दिन नहीं आता तब तक आपकी ज़िन्दगी का कोई मतलब नहीं है।
एक बार आपने अपनी ज़िन्दगी का मकसद ढूंढ लिया तो आप उसे हासिल करने के लिए मेहनत कीजिए। आप उस सपने को हकीकत में बदलने की कोशिश कीजिए।
इतिहास में आपको बहुत सारे ऐसे लोग मिल जाएंगे जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के मक़सद को देर से ही सही लेकिन ढूंढा और उसे हासिल कर के दिखाया। इसमें सबसे ऊपर नाम आता है मैल्कॅाम एक्स (Malcomn X) का।
मैल्कॅाम एक्स गरीबी में पैदा हुए और धीरे धीरे उन्हें ड्रग्स की आदत भी पड़ गायी। इसके लिए वे काफी समय तक जेल में रहे और जेल में रहते वक्त उन्होंने फैसला किया कि वे अपने समाज के लिए कुछ करेंगे।
ऐसे ही आप भी बुरे से बुरे हालात में भी अपनी ज़िन्दगी का मकसद खोज सकते हैं।
कुल मिला कर
अगर आप अपनी ज़िन्दगी में ख़ुशी पाना चाहते हैं तो आप बाहरी चीज़ों में ख़ुशी मत खोजिये। आप बस अपने आप को अपने काम में और अपने माहौल में ढाल लीजिये और अपने काम से प्यार कीजिये। आप चुनौतियों का सामना कीजिये क्योंकि ये आपको बहुत कुछ सिखाती हैं और साथ ही आपकी ज़िन्दगी को मज़ेदार भी बनाती हैं।
अपने काम में बारे में ज़्यादा जानकारी हासिल करें।
आप अपने काम के बारे में जितनी भी जानकारी हासिल कर सकते हैं उतनी जानकारी हासिल कीजिये। आप नयी चुनौतियों और काम को लेने से पीछे मत हटिये। इससे आपका समय जल्दी बीतेगा। आप अपने काम में जितने माहिर बनेंगे आपको अपना काम उतना ही अच्छा लगेगा।

