Richard Branson
रिचर्ड ब्रैंसन की आत्मकथा।
दो लफ्जों में
लूसिंग माइ वर्जिनिटी (Loosing my Virginity) दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक व्यक्ति - रिचर्ड ब्रैंसन की आत्मकथा है। यह किताब बताती है कि किस तरह से छोटी उम्र से ही रिचर्ड ने अपना बिजनेस शुरु किया और उसे अरबों तक लेकर गए। इस किताब में ब्रैंसन उन सारी मुश्किलों के बारे में बताते हैं जिनका उन्होंने सामना किया और साथ ही उन सारी कामयाबियों के बारे में बताते हैं जो उन्हें उन मुश्किलों को पार करने के बाद मिली।
यह किसके लिए है
-वे जो रिचर्ड ब्रैंसन के बारे में जानना चाहते हैं।
-वे जो कामयाब लोगों की कहानियां पढ़ना पसंद करते हैं।
-वे जो बिजनेस के बारे में जानना चाहते हैं।
लेखकों के बारे में
रिचर्ड ब्रैंसन ( Richard Branson ) दुनिया के सबसे अमीर हस्तियों में से एक हैं। वे वर्जिन ग्रुप के फाउंडर हैं जिसके अंदर 400 कंपनियाँ काम करती हैं। वे एक बिजनेस मैगनेट, लेखक और इंवेस्टर हैं जो ब्रिटेन के 8वें सबसे अमीर आदमी हैं।
यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए?
इस दुनिया के कुछ लोगों की जिन्दगी की कहानियां अपने आप में एक प्रेरणा होती हैं। कुछ लोग हमें यह सिखाते हैं कि मुश्किलों को पार कर के ही हम कामयाबी हासिल कर सकते हैं लेकिन कुछ लोग हमें यह कर के दिखाते हैं। यह किताब ऐसे ही एक शख्स की आत्मकथा है जो हमें यह कर के दिखाता है।
रिचर्ड ब्रैंसन का नाम आप ने जरूर सुना होगा। उनकी यह आत्मकथा दुनिया भर में फेमस है और बहुत से लोग उन से प्रेरणा लेकर अपने बिजनेस को आगे लेकर जाते हैं। बिजनेस की दुनिया में वे एक बहुत ही इज्जतदार और नामी व्यक्ति हैं। इस किताब में हम उनकी कहानी के बारे में जानेंगे।
- रिचर्ड ब्रैंसन कौन हैं
-रिचर्ड ब्रैंसन ने किस तरह से अपने सफर की शुरूआत की।
-ब्रैंसन ने किस तरह से वर्जिन को बंद होने से बचाया।
ब्रैंसन के परिवार ने हमेशा उन्हें अपनी सीमाओं को लाँघना सिखाया।
ब्रैंसन 1950 में पैदा हुए थे। उनके परिवार में हर कोई आजाद सोच रखता था और वे ब्रैंसन को हमेशा चुनौतियों से हो कर गुजारा करते थे। एक बार एक चुनौती की वजह से वे लगभग दूब ही गए थे।
जब ब्रैंसन 4 साल के थे तो उनका परिवार छुट्टियां मनाने के लिए अपने एक रिश्तेदार के यहाँ गया था। वहाँ पर ब्रैंसन की आंटी से उनसे शर्त लगाया कि अगर वे छुट्टियां खत्म होने तक तैरना सीख जाएंगे तो उन्हें 10 शिलिंग इनाम में दिया जाएगा। ब्रैंसन यह सुनते ही पास के एक समुद्र में जा कर हर रोज तैरने की प्रैक्टिस करने लगे, लेकिन छुट्टियां खत्म होने तक वे तैरना नहीं सीख पाए।
जब वे अपने घर के लिए वापस लौट रहे थे तो रास्ते में एक नदी पड़ी। ब्रैंसन ने अपने पिता से गाड़ी रोकने के लिए कहा। वे गाड़ी से उतरकर अपने कपड़े उतार कर बिना कुछ सोचे नदी में कूद गए। वे डूबने लगे थे और उनकी साँसे फूल रही थी। लेकिन फिर भी वे किसी तरह से हाथ पैर मारते हुए किनारे तक तैर कर पहुंच गए।
यह देखते ही उनके परिवार के सारे लोग जोर से तालियाँ बजाने लगे। ब्रैंसन की आंटी ने उन्हें 10 शिलिंग का नोट दिया। उनके पिता ने उन्हें गले से लगा लिया। वो भी उनके साथ भीग गए थे।
इसी तरह से हर बार ब्रैंसन को अपनी हदें पार कर के खुद को साबित कर के दिखाना पड़ता था। इसका नतीजा यह हुआ कि बहुत छोटी उम्र से ही उनका डर कम हो गया और वे जोखिम भरे काम करने लगे।
जब वे 11 साल के थे तो उनके परिवार ने उन्हें एक रिश्तेदार के यहाँ साइकल पर भेज दिया जो कि 50 मील दूर हुआ करता था। उन्होंने उसे रास्ता भी नहीं बताया और कहा कि उन्हें शाम तक वापस आना है। जब वे वापस आए तो उनका स्वागत नहीं किया गया, बल्कि उन से कहा गया कि वे जा कर लकड़ियाँ काटें। इस तरह की चुनौतियों से उनका बचपन बीता।
ब्रैंसन ने अपना पहला बिजनेस तब शुरू किया जब वे कालेज में थे।
ब्रैंसन पढ़ने में अच्छे नहीं थे। इसकी एक वजह यह थी कि वे आजाद सोच रखते थे और उन्हें स्कूल अच्छा नहीं लगता था और दूसरी वजह यह थी कि वे डाइस्लेक्सिया के मरीज थे। इसकी एक तीसरी वजह भी थी कि वे अपना ज्यादातर समय अपने मैगजीन के लिए आर्टिकल लिखने में बिताया करते थे ना कि पढ़ने में।
अपने एक दोस्त जानी जेम्स के साथ मिलकर ब्रैंसन ने एक मैगज़ीन छापना शुरू किया जिसका नाम स्टुडेंट था। उन्होंने सोचा कि वे इसमें अपने स्कूल की बुराइयों के बारे में लिखेंगे लेकिन समय के साथ वो मैगज़ीन पॅाप कल्चर की एक मैगज़ीन बन गई। आगे चलकर वे उसमें अंतर्राष्ट्रीय मसले जैसे कि युद्ध की खबरें भी छापने लगे।
लेकिन मैगज़ीन को छापने के लिए पैसों की जरूरत थी जो कि ब्रैंसन के पास नहीं थे। वे बहुत सी कंपनियों के पास फंड माँगने के लिए गए लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की। अंत में वे नेशनल वेस्टमिंस्टर बैंक को मनाने में कामयाब हो गए। उन्होंने उनसे कहा कि लोइड बैंक एक ऐड कर रही है तो क्यों ना वे भी उनके प्रतियोगिता करने के लिए स्टुडेंट मैगज़ीन का ऐड कर दें। इस तरह से उन्हें उनका पहला चेक मिल गया।
उनकी मैगज़ीन समय के साथ बहुत फेमस होने लगी और लोग उसे पढ़ने लगे। इसके बाद ब्रैंसन ने अपना ध्यान पढ़ाई से हटा कर उसके लिए आर्टिकल लिखने में लगा दिया।
समय। के साथ जानी और ब्रैंसन ने बाइफ्रा और विएतनाम में हो रहे युद्धों के बारे में जानना शुरू किया। उन्होंने डेली मिरर से पूछा कि क्या वे इसमें उनकी मदद करेंगे। वे मान गए और उन्होंने जानकारी हासिल करने के लिए अपने कुछ लोगों को काम पर लगा दिया। लेकिन फिर भी स्टुडेंट मैगज़ीन के ज्यादातर हिस्से में पॅाप कल्चर से संबंधित खबरें ही छपा करती थी।
ब्रैंसन ने देखा कि लोगों को गाने बहुत पसंद है और इसका फायदा उठा कर उन्होंने अपना नया बिजनेस खोला।
ब्रैंसन जब स्टुडेंट मैगज़ीन चला रहे थे तो उन्हें यह एहसास हुआ कि लोगों को गाने सुनना बहुत पसंद है। उन्होंन कि अगर कोई नया और अच्छा एल्बम निकल जाए तो लोग उसे खरीदने के लिए पागल हो उठते हैं। उन्होंने सोचा कि वे इसका फायदा उठा सकते हैं।
ब्रैंसन ने सोचा कि अगर वे किसी तरह से मेल के जरिए लोगों से पैसे लेकर उन्हें मेल के जरिए ही एल्बम की रिकॉर्ड सस्ते दाम पर उनके घर पर भेज सकें तो लोगों का बहुत फायदा होगा। उन्होंने सोचा कि इस तरह से उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना होगा और साथ ही कम दाम पर उनके घर तक वो सामान आ जाएगा। अपने आइडिया को हकीकत में बदलने के लिए उन्हें अपने स्टुडेंट ग्रप से बात की और अपनी नई कंपनी के लिए नाम सोचने लगे। बहुत सारे नामों को सुनने के बाद उन्होंने फैसला किया कि वे इसका नाम वर्जिन रखेंगे। इस तरह से वर्जिन मेल आर्डर का जन्म हुआ।
इसके बाद ब्रैंसन ने अपनी मैगज़ीन में इसका एक ऐड दे दिया जिससे कि बहुत से लोग उनके आइडिया से आकर्षित हुए। सबसे अच्छी बात यह थी कि इस बार उन्हें पैसों की चिंता नहीं करनी पड़ी क्यों मैगज़ीन का ऐड देखकर लोग एडवाँस में ही रिकॉर्ड बुक करने लगे। इस तरह से उनके पास रिकॉर्ड खरीदने के पैसे आ गए।
फिर उन्होंने अपनी टीम तैयार की और यह सोचने लगे कि किस तरह से इन रिकॉर्ड्स को अपने ग्राहक तक पहुंचाएंगे। वे अपने एक अकाउंटेंट दोस्त निक को बुला लाए और उनके साथ मिलकर उन्होंने यह फैसला किया कि वे पास के एक लोकल स्टोर से रिकॉर्ड सस्ते दाम में खरीदेंगे। वो लोकल स्टोर सीधा कंपनी से अपना सामान मंगाती थी जिससे ब्रैंसन को सस्ते में रिकॉर्ड्स मिल जाती और वे अपने ग्राहकों को डिस्काउंट पर रिकॉर्ड बेचने लगे।
इसके बाद उनका काम चल पड़ा। लोग उन्हें मेल से चेक भेजते थे और वे मेल से उन्हें रिकॉर्ड भेजते थे। लेकिन समस्या तब हुई जब 1971 में पोस्ट आफिस में हड़ताल हो गई और लोगों के चेक आने बंद हो गए।
दो साल के अंदर ही वर्जिन स्टोर को 14 ब्रांच पूरे इंगलैंड में फैल गए।
जब पोस्ट आफिस में हड़ताल हो गई तो ब्रैंसन और उनकी टीम को मजबूरन अपनी खुद की एक दुकान खोलनी पड़ी जहाँ पर वे रिकॉर्ड बेच सकें। यह एक ऐसी दुकान थी जहां पर लोग कोई एल्बम खरीद सकते थे और साथ ही उसके बारे में अपनी राय दे सकते थे। इसके लिए सबसे बड़ी समस्या थी कि उन्हें खुद की एक दुकान चाहिए थी।
उन्होंने देखा कि आक्फोर्ड स्ट्रीट में एक जूते की दुकान से हो कर सीढ़ियाँ निकलती हैं जो कि पहली मंजिल तक जाती हैं। उन्होंने सोना कि क्यों ना वे अपनी दुकान पहली मंजिल पर खोल लें। उन्होंने जूते की दुकान के मालिक से बात की लेकिन उनके पास दुकान का किराया भरने के पैसे नहीं थे। लेकिन फिर भी ब्रैंसन ने दुकान के मालिक को मनाया कि किस तरह से इसमें उनका भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि जब लोग पहली मंजिल पर उनकी दुकान में जाएंगे तो वे जूते की दुकान से हो कर जाएंगे जिससे जूतों की सेल्स बढ़ सकती है। दुकान का मालिक मान गया और इसके बाद पहला वर्जिन स्टोर का उद्घाटन किया गया।
जब पहला वर्जिन स्टोर बहुत ज्यादा कामयाब होने लगा तो ब्रैंसन ने सोचा कि क्यों ना और दुकानें खोली जाएं। 1972 तक पूरे इंगलैंड में उनकी 14 दुकानें हो गई। उन्होंने सोचा कि वे इस तरह से काम तब तक करते रहेंगे जब तक पोस्ट आफिस की हड़ताल खत्म ना हो जाए।
लेकिन यहाँ पर फिर से एक समस्या आ गई। क्योंकि लोग इस दुकान में आ कर अपनी राय देने लगे, लोगों का दुकान में आकर मिलना जुलना बहुत ज्यादा हो गया। लोग यहां पर टाइम पास करने के लिए आने लगे और वे अब कोई भी रिकॉर्ड नहीं खरीदते थे। वर्जिन स्टोर को जिस चीज़ ने बहुत कामयाब बनाया था अब वही उनके नुकसान की वजह बन रही थी।
इसलिए ब्रैंसन ने अपने कैश काउंटर खिड़की के पास लगा दिया ताकि अंदर आने वाले लोगों को यह पता लगे कि वे एक दुकान में आ रहे हैं जो कि टहलने की जगह नहीं है। इसका नतीजा यह हुआ कि दो महीने के बाद उनकी सेल्स बढ़ गई।
वर्जिन ग्रुप ने समय के साथ अपने एल्बम निकालने शुरू कर दिए।
धीरे धीरे ब्रैंसन को यह एहसास हुआ कि वे अपने गाने निकाल कर बहुत ज्यादा फायदे कमा सकते हैं। बहुत से स्टूडियो पहले से ही यह काम कर रहे थे लेकिन वे एक दिए गए समय पर ही काम किया करते थे जो कि उस समय के चल रहे राक कल्चर को सूट नहीं करता था। दूसरे स्टूडियो में बहुत ज्यादा भीड़ रहती थी और वे सुविधा के मामले में बहुत पीछे थे। इसलिए उन्होंने सोचा कि वे एक कंट्री हाउस खरीद कर उसे स्टूडियो में बदलेंगे।
बहुत खोजने के बाद उन्हें वो जगह मिल ही गई जो वो पाना चाहते थे। लेकिन उस घर को खरीदने में समस्या यह थी कि उसकी कीमत 30000 पाउंड लगाई गई जो आज के वक्त के 5 लाख पाउंड के बराबर होता है। ब्रैंसन के पास उतने पैसे नहीं थे। हालांकि वर्जिन ग्रुप बहुत कामयाब चल रहा था लेकिन वे इतना ज्यादा फायदा नहीं कमा रहे थे।
उन्होंने वर्जिन मेल आर्डर और वर्जिन म्यूजिक स्टोर के सेल्स को समझकर ब्रिटिश बैंक काउट्स से 20000 पाउंड का लोन ले लिया। इसके बाद उनकी आंटी ने अपने घर को गिरवी रख कर उन्हें 7500 पाउंड और दे दिए। कुछ और पैसों का इंतजाम कर के उन्होंने उस घर की कीमत चुकाई और अपने स्टूडियो के साथ ही उन्हें अपना म्यूजिक लेबल वर्जिन रिकार्ड के नाम से खोला।
इसके बाद वे खुद के आर्टिस्ट साइन करने लगे और उनके गानों को रिलीज़ करने लगे। वे खुद गानों को रिकार्ड करते और फिर उसे वर्जिन मेल के जरिए और अपनी दुकानों के जरिए खुद बेचते।
सबसे पहले माइक ओल्डफील्ड ने इसके लिए साइन किया और उन्होंने ट्यूबुलर बेल्स नाम का गाना गाया। इस गाने की आगे चल कर 1 करोड़ 30 लाख कापियाँ बिकी। ब्रैंसन ने सोचा भी नहीं था कि वे इतने ज्यादा कामयाब हो जाएंगे।
वर्जिन पर सेक्स पिस्टल के एल्बम को प्रमोट करने के लिए केस कर दिया गया था।
वर्जिन को साइन करने के लिए अब नए आर्टिस्ट की जरूरत थी जो उन्हें अब नहीं मिल रहे थे। 1977 में सेक्स पिस्टल के मैनेजर मैल्काम मैक्लेरन वर्जिन के साथ काम करने के लिए राजी हो गए। वे उनके साथ एक छोटे समय तक ही काम करना चाहते थे क्योंकि वर्जिन ग्रुप का व्यवहार पिछले बैंड के साथ अच्छा नहीं था। ईएमआई और एएन्डएम के साथ वर्जिन ने अच्छा व्यवहार नहीं किया था जिससे कोई उनके साथ काम करने को तैयार नहीं था।
इसके बाद सेक्स पिस्टल और वर्जिन का गाना निकला - गॅाड सेव द क्वीन। यह गाना एलिज़ाबेथ के रानी बनने के 25वें साल पर निकाला गया था। सेक्स पिस्टल ने हाउस आफ कामन्स के सामने अपना शो किया जिससे उन्हें बहुत प्रसिद्धि मिली, लेकिन उसके बाद मैक्लेरन को जेल जाना पड़ा।
1977 में सेक्स पिस्टल का एल्बम - नेवर माइंड द बल्लाक्स, सेक्स पिस्टल इस हीयर निकला था जिसका प्रचार वर्जिन ने अपनी हर दुकान में किया था। लेकिन क्योंकि इस गाने में बहुत सारे अपशब्द इस्तेमाल किए गए थे, इसलिए इसको लेकर ब्रैंसन को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
नोटिंगघम की दुकान के एक मैनेजर को इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए जेल में बंद कर दिया गया था। इसके बाद ब्रैंसन को लगा कि उन्हें अब कुछ कदम उठाने होंगे। उन्होंने एक भाषा के जानकार को बुलाया जिसका नाम जेम्स किंस्ली था। जेम्स को यह काम दिया गया था कि वे इस गाने की लाइनों का कुछ अलग मतलब निकाल कर कोर्ट के सामने रखें जो कि सुनने में गंदा ना लगे।
जेम्स ने इस गाने को चर्च के साथ जोड़ दिया और उसके हिसाब से कोर्ट में इसके मतलब को समझाया। कोर्ट ने यह पूछा कि क्या इस तरह के शब्दों से चर्च का अपमान नहीं होगा। जेम्स ने अपना कालर नीचे कर के अपने क्लेरिकल कालर को दिखाया जिससे यह बात साबित हो गई कि जेम्स खुद एक चर्च के आदमी हैं और इस गाने से उन्हें कोई परेशानी नहीं है।
ब्रैंसन के लिए यह बहुत अच्छी बात साबित हुई कि उन्हें एक ऐसा व्यक्ति मिल गया जो भाषाओं का जानकार होने क साथ ही चर्च से नाता भी रखता था। इसके बाद इस केस को हटा दिया गया।
ब्रैंसन ने मौका देखकर एक 30 लाख पाउंड के आइलैंड को सिर्फ 180000 पाउंड में खरीद लिया।
1978 में ब्रैंसन को जोआन नाम की एक शादी शुदा महिला से प्यार हो गया। जोआन अपने पति से तलाक लेने वाली थी। ब्रैंसन उनके पास रहने के लिए न्यूयॉर्क में रहने के लिए चले गए। असल में वर्जिन नाम का एक आईलैंड भी हुआ करता था। ब्रैंसन से किसी ने पूछा कि क्या उन्होंने अपनी कंपनी का नाम उस आईलैंड के नाम पर रखा था, तो इससे ब्रैंसन को आइडिया आया कि क्यों ना वे खुद का एक आईलैंड खरीद लें।
ब्रैंसन एक ऐसा एस्टेट एजेंट को जानते थे जो एन लोगों को हेलीकॉप्टर में बैठाकर अलग अलग तरह के आइलैंड दिखाने के लिए लेकर जाता था अगर वे उस आईलैंड को खरीदना चाहें तो। ब्रैंसन ने उसे फोन किया और उन्होंने एजेंट से कहा कि वे अपनी वर्जिन आर्टिस्टों के आराम करने के लिए एक आइलैंड खोज रहे हैं। वो एजेंट उन्हें दूर एक आईलैंड पर लेकर गया जो बहुत खूबसूरत था। उस आईलैंड का नाम नेकर आईलैंड था।
हालांकि पहले तो ब्रैंसन का उसे खरीदने का कोई इरादा नहीं था लेकिन फिर भी उन्होंने उसकी कीमत पूछी। उस आईलैंड की कीमत 30 लाख पाउंड बताई गई। ब्रैंसन उसे खरीदना चाहते नहीं थे, इसलिए उन्होंने उसका दाम लगाया - 150000 पाउंड। इतना सुनते ही उन्हें और उनकी पत्नी को बाहर फेक दिया गया।
जब वे वापस आ गए तो उन्हें उस आइलैंड के मालिक के बारे में पता लगा जो कि उसे बेचने के लिए बहुत उत्सुक था क्योंकि उसे एक दूसरी बिल्डिंग खरीदनी थी पो 2 लाख पाउंड की थी। यह सुनते ही ब्रैंसन ने अपनी कीमत बढ़ा कर 175000 पाउंड कर दी। बाद में उसे बढ़ा कर 180000 पाउंड किया गया और उस पर डील तय हो गई है।
इसके बाद ब्रैंसन ने अपना खुद का प्लेन लिया। उनकी प्युर्टो रीको की फ्लाइट कैंसल कर दी गई थी। इसलिए उन्होंने 2000 डालर में एक चार्टर्ड प्लेन बुक किया और ब्लैकबोर्ड पर लिखा- प्युर्टो रीको तक की फ्लाइट सिर्फ 39 डालर में।
ब्रैंसन वर्जिन को घाटे में से उभार कर फिर से फायदे की तरफ लेकर आए।
जैसा कि हम ने पहले देखा कि किस तरह से सेक्स पिस्टल के साथ काम करना ब्रैंसन को भारी पड़ा। लेकिन इसके बाद भी ब्रैंसन अलग अलग तरह के आर्टिस्ट को साइन कर रहे थे। वे सिंपल माइंड, द ह्यूमन लीग और फिल कालिंस जैसे आर्टिस्टों को साइन करते रहे लेकिन इससे उनका कुछ खास फायदा नहीं हो रहा था। 1980 में वर्जिन 9 लाख पाउंड के घाटे में चल रही थी।
इसके बाद ब्रैंसन का फाइनल डाइरेक्टर अपने 40% के शेयर को ब्रैंसन को बेच कर चला गया जिससे अब ब्रैंसन 100% के मालिक हो गए थे। अब क्योंकि कंपनी घाटे में थी, तो सारा घाटा ब्रैंसन को ही सहना पड़ रहा था। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी।
अब सीडी की खोज हो चुकी थी। इसका फायदा यह होने लगा कि लोग एक ही सीडी को बार बार इस्तेमाल कर सकते थे। लोग सीडी पर ही सारे एल्बम खरीदने लगे। वर्जिन ने पुरानी सीडियों को फिर से इस्तेमाल करना शुरू किया जिससे कि उनके काफी सारे पैसे बच गए। इससे पहले जब वे टेप पर सारे रिकॉर्ड बेचा करते थे, तो एक टेप को सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता था जिससे वर्जिन को हर बार नए टेप खरीदने पड़ते थे।
इसके अलावा ब्रैंसन के स्काउट और एडवाइज़र साइमन ड्रेपर का कहना ठीक निकला। ब्रैंसन उनके ही कहने पर अलग अलग आर्टिस्ट को साइन कर रहे थे और अब उन सारे आर्टिस्टों के एल्बम बहुत अच्छे बिक रहे थे। ह्यूमन लीग का एल्बम - डेयर , ब्रिटिश चार्ट पर सबसे ऊपर पहुंच गया और उसकी कुल मिलाकर 30 लाख कापियां बिक चुकी थी। इसके अलावा वर्जिन जिन नए आर्टिस्ट को लेकर आया था वे भी बहुत कामयाब चल रहे थे। फिल कालिन्स, बॅाय जार्ज , सिंपल माइंड, एक्सटीसी और हीवेन के अलावा वे 17 आर्टिस्ट बहुत सफल रहे।
इसके बाद वर्जिन बहुत कामयाब हो गई। 1982 में उसने। 20 लाख पाउंड का फायदा कमाया, 1983 में 1 करोड़ 10 लाख पाउंड का फायदा कमाया।
एयरलिइन बिजेनस की शुरुआत का पहला सफर ब्रैंसन के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ।
1984 में अमेरिका के एक वकील रैंडाल्फ फील्ड्स ने ब्रैंसन से पूछा कि क्या वे एक एयरलाइन बिजनेस शुरु करना चाहेंगे। ब्रैंसन पहले से ही इसके बारे में सोच रहे थे और अब जब उन्हें मौका मिल गया तो उन्होंने इसे आजमाने के बारे में सोचा। ब्रैंसन के सीनियर मैनेजर ने उन से कहा कि ये अच्छा आइडिया नहीं होगा,लेकिन ब्रैंसन ने कहा कि वे सिर्फ एक प्लेन को एक साल तक उड़ाएंगे और अगर वो फायदेमंद नहीं रहा तो उसे बंद कर देंगे।
इसके दो महीने के बाद ब्रैंसन को एक एरोप्लेन एक साल के लिए मिल गया। लेकिन अभी उन्हें फ्लाइट पर्मिट लेना था, अपने प्लेन के लिए ऐडवर्टाइज़मेंट करना था और साथ ही टिकट सिस्टम लगवाने थे। पर्मिट के लिए उन्हें एक आफिसर के साथ उस प्लेन में एक टेस्ट फ्लाइट लेनी पड़ती। उस प्लेन का लाइसेंस ना होने की वजह से उसका इंश्योरेंस नहीं हुआ था। वो प्लेन पंछियों के झुंड में जा कर टकरा गया और उसका एक इंजन ब्लास्ट कर गया।
अब ब्रैंसन के पास एक नई समस्या थी। उन्हें अपने प्लेन को पहली बार पैसेंजर्स के साथ। दोोदिन बाद उड़ाना था लेकिन अब उन्हें एक लाइसेंस और एक इंजन की जरूरत थी जिसकी कीमत 6 लाख पाउंड थी। और भी समस्या तब हुई जब बैंक ने उन्हें लोन देने से मना कर दिया क्योंकि वो अपने 30 लाख पाउंड का लोन पहले ही ले चुके थे।
इसके बाद ब्रैंसन ने अपनी सारी दुकानों से पैसा निकाला जिससे कि वे उस। प्लेन को दी गई डेट पर उड़ा सकें। जल्दी ही उनकी एयरलाइन्स भी कामयाब हो गई। ब्रैंसन अभी सिर्फ 33 साल के थे।
कई समस्याओं से हो कर गुजरे के बाद ब्रैंसन ने अपना एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
1984 में टेड टोलमैन नाम के एक व्यक्ति ने ब्रिटेन के लिए ब्लू रिबैंड ट्राफी जीतने के लिए एट्लैंटिक महासागर को सबसे कम समय में पार कर के वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए एक कैटमैरन बनाने के बारे में सोचा। वे एक ऐसे व्यक्ति को खोज रहे। थे जो कि इसके खर्चे को उठा सके। ब्रैंसन ने सोचा कि इस व्यक्ति की मदद कर के वे बहुत फेमस हो सकते हैं जिससे उनके एयरलाइन्स के बिजनेस को फायदा होगा और उन्हें ज्यादा पैसेंजर्स मिलेंगे। वे राजी हो गए।
इस वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाली टीम में ब्रैंसन और टोलमैन के अलावा दुनिया घूम चुके चेय ब्लिथ थे भी थे। जब वे अपने सफर के लिए रावान हुए तो 60 मील के बाद उनकी बोट एक तूफान से तकरा गई जिससे वर्जिन चैलेंजर डूबने लगी। सभी लोग लाइफ जैकेट का इस्तेमाल कर के बच गए और बाद में एक जहाज ने उन्हें बचाया। वो वर्ल्ड रिकॉर्ड तो अब बनने से रहा।
लेकिन इस नए जहाज पर ब्रैंसन ने अपने बेटे को पहली बार देखा। जहाज पर एक व्यक्ति ने ब्रैंसन को उसके बेटे के पैदा होने की खबर अखबार में दिखाई। अपने बेटे को देखने के बाद उन्होंने मन में ठान लिया कि अब तो वे ब्लू रिबैंड ट्राफी जीत कर रहेंगे।
इस घटना के दो साल के बाद ब्रैंसन ने वर्जिन चैलेंजर 2 बनाया जो फिर से एट्लैंटिक महासागर को सबसे कम समय में पार करने का रिकॉर्ड बनाने के लिए निकल पड़ी। लेकिन इस बार उनके फ्यूल पंप के फिल्टर में कचरा भर गया जिससे कि वो जाम हो गया। इसके अलावा उस बोट के चलते रहने के लिए उन्हें हर दो घंटे में फिल्टर को बदलना होता।
ब्रैंसन ने डाउनिंग स्ट्रीट में फोन लगाया और सही लोगों से बात कर के एक आरएएफ प्लेन को बुलाया जो कि उनकी बोट पर ऊपर से नए फिल्टर गिरा सके। इसके बाद ब्रैंसन लगातार सफर करते रहे। आखिरकार उन्होंने एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना ही लिया। उन्होंने 3000 मील का सफर 3 दिन 8 घंटे में तय किया।
कुवैत के युद्ध के वक्त ब्रैंसन ने बहुत से लोगों की मदद की।
जैसा कि आप जानते होंगे, 1990 में सद्दाम हुसैन ने कुवैत पर हमला किया था। इस हमले की वजह से लगभग 150000 लोग कुवैत छोड़कर जार्डन की तरफ भागे। साथ ही पेट्रोल की कीमत दोगुनी हो गई। ब्रैंसन उस वक्त अपने बच्चों को स्कूल के लिए लेकर जा रहे थे जब जार्डन की रानी नूर ने उन्हें मदद के लिए फोन किया।
जार्डन में जब इतने सारे लोग आने लगे तो वहाँ पर रहने के लिए बहुत समस्या हो गई। उन लोगों के पास ना तो रहने के लिए घर थे और ना ही पीने के लिए साफ पानी। रेड क्रास पानी का इंतजाम कर रहा था लेकिन जार्डन को अभी 1 लाख कंबल और चाहिए थे ताकि वो इतने सारे लोगों को बचा सके।
ब्रैंसन ने रेड क्रास, फारेन आफिस और ओवरसीस डेवेलपमेंट आफिस को फोन लगाया और 30 हजार कंबलों का इंतजाम किया। इसके अलावा बहुत से कंबल यूनिसेफ से आने वाले थे। ब्रिटेन के सुपर मार्केट चेन सेन्सबरी ने कई टन चावल देने का वादा किया।
इतने सारे सामान को वहां तक लेकर जाने के लिए ब्रैंसन ने अपने एक प्लेन बोइंग 747 से सारे सीटों को निकाल दिया और उसमें 40 हजार कंबल, दवाइयां और चावल भरकर वे वहाँ पर लेकर गए। लौटते वक्त वे जार्डन में फँसे ब्रिटेन के लोगों को लेकर वापस आए।
लेकिन अब भी बहुत से लोगों को बगदाद में बंदी बना कर रखा गया था। ब्रैंसन ने अपने दोस्त जार्डन के राजा को फोन लगाया और उससे कहा कि वे सद्दाम हुसैन से समझौता कर के किसी तरह से बच्चों को, महिलाओं को और बीमार लोगों को छोड़वक लें। राजा ने अपना वादा पूरा किया और 23 अक्टूबर 1990 को ब्रैंसन दुनिया के सबसे खतरनाक जगह के लिए रवाना हुए।
वहाँ पर जाने के बाद ब्रैंसन को सभी बच्चों को, महिलाओं को और बीमार लोगों को ले जाने दिया गया लेकिन कुछ लोगों को उन लोगों ने अपने पास एयरपोर्ट पर रोक लिया। उस एयरपोर्ट को कुछ हफ्तों के बाद बम से उड़ा दिया गया।
ब्रैंसन ने प्रशांत महासागर को पार कर के एक और रिकॉर्ड बनाया।
1989 में ब्रैंसन ने पर लिंड्स्ट्रैंड के साथ एक बैलून पर बैठ कर प्रशांत महासागर पार करने की चुनौती ले ली। लेकिन जैसे ही उनका बैलून उड़ने वाला था, वो फट गया और उनका रिकॉर्ड नहीं बन पाया। लेकिन उसके अगले साल वे जापान में फिर से मिले जहाँ उन्होंने फैसला किया कि वे इस काम को अंजाम देंगे। वे एक हॅाट एयर बैलून पर बैठ गए जो उन्हें 200 मील की रफ्तार से उड़ा कर लेकर जाता। एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए उन्हें दो दिन में कैलिफोर्निया पहुँचना था।
7 घंटे के बाद उनके एक फ्यूल टैंक खाली हो गया जिसे उन्हें नीचे गिराना था। लेकिन मशीनों में कुछ खराबी आ जाने की वजह से उन्होंने एक खाली फ्यूल टैंक के अलावा दो भरे फ्यूल टैंक को भी गिरा दिया। उनके पास अब बस इतना फ्यूल था कि वे 6000 मील तक जा सकें।
इसके बाद जब उन्होंने सुना कि एक तूफान आने वाला है तो उन्होंने कंट्रोल सेंटर को फोन लगाने की कोशिश की, लेकिन उनका कान्टैक्ट खो गया। वे उस समय 170 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ रहे थे। तभी उनका फ्यूल लीक होने लगा और उनके कैपसूल में आग लग गई।
लिंड्स्ट्रैंड और ब्रैंसन अपने बैलून को 40 हजार फीट ऊपर ले गए जहाँ पर आक्सीजन की कमी की वजह से आग बुझ गई। इसके कुछ समय के बाद उनका रेडियो काम करने लगा। उन्होंने कंट्रोल सेंटर को फोन लगाया और उन्हें पता लगा कि उनके बैलून की दिशा घूम गई है और वे जिस तरफ जा रहे हैं उस तरफ जाने से वे जापान फिर से लौट आएंगे। अगर वे आगे जाना चाहते हैं तो उन्हें 18 हजार फीट नीचे उतरना होगा जहाँ पर एक और बैलून आर्कटिक की तरफ जा रही है।
फिर 48 घंटे के बाद वे 3000 दूर कैनेडा में उतने। उन्होंने सबसे तेज बैलून उड़ाने का रिकॉर्ड बनाया।
वर्जिन एयरवेस को खत्म करने के लिए ब्रिटिश एयरवेस ने बहुत सी साजिशें की।
बिना दुश्मन बनाए आप कभी कामयाब नहीं हो सकते। हमेशा ऐसा होता है कि किसी की कामयाबी किसी की आँखों का काँटा बन जाती है। वर्जिन एयरवेस के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ जब ब्रिटिश एयरवेस ( बीए ) ने उसे हराने के लिए बहुत सी साजिशें की।
बीए बहुत से वर्जिन ग्राहकों को फोन लगा कर उन्हें बताता था कि किस तरह से वे वर्जिन के मुकाबले सस्ते फ्लाइट्स दे रहे हैं। वे उन से झूठ बोलते थे कि वर्जिन की फ्लाइट कैंसल हो गई है या भर गई है और क्या वे उसकी जगह पर कान्कोर्ड की फ्लाइट लेना चाहेंगे। उन्होंने ब्रैंसन के पीछे बहुत से जासूस लगाए ताकि वे उनके किसी राज के बारे में जानकर उन्हें बदनाम कर सकें। इसके अलावा उन्होंने वर्जिन के डाटाबेस को हैक कर के उनकी सारी जानकारी हासिल करने की कोशिश भी की।
एक बार जब एक ग्राहक को पता लगा कि बीए और वर्जिन एयरवेस में दुश्मनी चल रही है तो उसने फोन कर के सभी को बताया कि किस तरह से उसे भी इस तरह के फोन आया करते थे। बीए के बहुत से कर्मचारी गवाही देने के लिए तैयार थे कि वाकई बीए वर्जिन को हराने के लिए साजिशें कर रहा था। लेकिन इन सबके बावजूद भी बीए यह सब मानने को तैयार नहीं था। ब्रैंसन के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं था जिससे वो यह सब कुछ साबित कर सकें।
इसके बाद ब्रैंसन और उनकी टीम को एक हार्ड ड्राइव मिली जिसपर बीए के सारे सीनियर एक्सेक्यूटिव्स के बातचीत की रिकॉर्डिंग थी। उसमें यह जानकारी साफ साफ दी गई थी कि बीए वर्जिन को खत्म करने की पूरी कोशिश कर रहा है।
इस सबूत के मिल जाने के बाद ब्रैंसन ने कोर्ट में केस किया। फिर बीए को इस काम के लिए वर्जिन एटलैंटिक को 110000 पाउंड और ब्रैंसन को 500000 पाउंड देने पड़े। इसके अलावा उन्होंने अपने काम के लिए सबके सामने माफी मांगी।
कुल मिलाकर
रिचर्ड ब्रैंसन बचपन से ही मुश्किलों का सामना करते आए हैं। कालेज के वक्त से ही उन्होंने अपना पूरा ध्यान बिजनेस पर लगाया और बहुत सारे बिजनेस शुरू कर के उसे फायदे की तरफ ले कर गए। रास्ते में उन्हें बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा लेकिन वे हर मुश्किल के लिए मुश्किल साबित हुए और उसे पार कर के उन्होंने कामयाबी हासिल की ।
